संज्ञा के 10 उदाहरण

संज्ञा के 10 उदाहरण | Sangya kise kahate Hain | Sangya Ke Bhed

Published on October 3, 2025
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संज्ञा के 10 उदाहरण

Quick Summary

संज्ञा के 10 उदाहरण

  • राम (व्यक्ति)
  • दिल्ली (स्थान)
  • किताब (वस्तु)
  • प्रेम (भाव)
  • गाड़ी (वस्तु)
  • सूर्य (वस्तु)
  • बगीचा (स्थान)
  • खुशी (भाव)

Table of Contents

संज्ञा भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव का नाम बताती है। संज्ञा के माध्यम से हम अपने विचारों और भावनाओं को स्पष्टता से व्यक्त कर सकते हैं। हिंदी भाषा में संज्ञा को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है, जैसे व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, और भाववाचक संज्ञाएँ। संज्ञा के 10 उदाहरणों में “राज” एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है, जबकि “किताब” एक जातिवाचक संज्ञा है। इसके अतिरिक्त, “खुशी” एक भाववाचक संज्ञा है। संज्ञाएँ न केवल वाक्यों की संरचना को मजबूत करती हैं, बल्कि संवाद को भी जीवंत बनाती हैं। इन उदाहरणों से संज्ञा की विविधता और उपयोगिता का ज्ञान बढ़ता है।

संज्ञा एक ऐसा शब्द है, जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव का नाम बताता है। नीचे 10 Sangya ka Udaharan हैं:

1. राम (व्यक्ति)
2. दिल्ली (स्थान)
3. किताब (वस्तु)
4. प्रेम (भाव)
5. गाड़ी (वस्तु)
6. सूर्य (वस्तु)
7. बगीचा (स्थान)
8. खुशी (भाव)
9. स्कूल (स्थान)
10. आम (वस्तु)

यहां हम व्यक्तिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण, जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण और भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण के बारे में आगे विस्तार से बता रहे हैं।

संज्ञा की परिभाषा | Sangya ki Paribhasha | Sangya Kise Kahtah

संज्ञा शब्द किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार या गुण का नाम बताता है। वाक्यों में, संज्ञा सामान्यत: कारक, परिपूरक के रूप में कार्य करता है और यह एकवचन या बहुवचन में हो सकता है। उदाहरण के रूप में, कुत्ता, दिल्ली, खुशी, और मेज़ संज्ञा के उदाहरण हो सकते हैं। संज्ञाएँ भाषा में व्यवहार को प्रतिष्ठित करने के लिए जरूरी होती हैं जो नामकरण और विवरण में भूमिका निभाती हैं।

संज्ञा किसे कहते हैं? | Sangya kise kahate Hain | संज्ञा किसे कहते हैं उदाहरण

संज्ञा उस शब्द को कहते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, जीव-जंतु, भाव, गुण या पदार्थ के नाम को प्रकट करता है।
संज्ञा को अंग्रेज़ी में Noun कहा जाता है।
सीधे शब्दों में कहें तो — जिस शब्द से किसी चीज़ का नाम मालूम चले, वह संज्ञा कहलाता है।

संज्ञा के प्रकार | Sangya ke Bhed | Types of Sangya in Hindi

व्याकरण में संज्ञाओं को विभिन्न मानदंडों के आधार पर विभिन्न (Sangya Ke Prakar)प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। संज्ञाओं के मुख्य प्रकार इस तरह हैं। 

संज्ञा का प्रकारपरिभाषाउदाहरण(Sangya ka Udaharan)
व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नामराम, दिल्ली, भारत, ताजमहल
जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)किसी जाति, वर्ग या समूह का सामान्य नामलड़का, शहर, नदी, फल
द्रव्यमानवाचक संज्ञा (Material Noun)किसी पदार्थ या तत्व का नाम जिससे अन्य वस्तुएँ बनती हैंजल, सोना, लकड़ी, दूध
भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)किसी भाव, गुण, अवस्था या कार्य का नाम जिसे अनुभव किया जा सकता हैप्रेम, दुःख, क्रोध, बुद्धि
समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)किसी समूह, झुंड या टोली का नामटीम, झुंड, सेना, वर्ग
Types of Noun | संज्ञा के भेद उदाहरण सहित(sangya examples in hindi)

व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun) | Vyaktivachak Sangya kise kahate hain

व्यक्तिवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी व्यक्ति या व्यक्तित्व को संदर्भित करती है। इसका उपयोग व्यक्ति के नाम, खासियतें, योग्यताएँ, स्थिति, गुण, आदि को दर्शाने के लिए होता है। ये संज्ञाएँ व्यक्ति की पहचान और व्यक्तिगत परिचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा

व्यक्तिवाचक संज्ञा व्यक्ति, स्थान, वस्तु या देवता के विशिष्ट नाम को संदर्भित करती है। यह संज्ञा सामान्य रूप से प्रारंभिक अक्षर से लिखी नहीं जाती। वह संज्ञा होती है जो किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, वस्तु या संस्था का नाम बताती है। यह संज्ञा किसी एक को पहचान दिलाती है, जैसे कि “राम”, “दिल्ली”, “गंगा”, “भारत” आदि। व्यक्तिवाचक संज्ञा हमेशा किसी एक निश्चित नाम को दर्शाती है और इसे वाक्य में विशेष पहचान देने के लिए प्रयोग किया जाता है।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण | Vyaktivachak Sangya ke Udaharan

व्यक्तिवाचक संज्ञा के अनेक उदाहरण है, जिसे अलग अलग जगहों के हिसाब से इस्तेमाल किया जा सकता है। यहां हम सबसे आम व्यक्तिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण दे रहे हैं। 

  1. रवींद्रनाथ ठाकुर – एक प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार है।
  2. ताज महल – एक प्रसिद्ध स्मारक है।
  3. नई दिल्ली – भारत की राजधानी है।
  4. गांधीजी – महात्मा गांधी, एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी है।
  5. भारत – एक देश का नाम है।
  6. शेक्सपियर – प्रसिद्ध अंग्रेजी नाटककार है।
  7. केरल – एक भारतीय राज्य है।
  8. नरेन्द्र मोदी – भारत के प्रधानमंत्री है।
  9. हिमालय – एक प्रमुख पर्वत श्रृंखला है।
  10. रवीना टंडन – एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री है।

जातिवाचक संज्ञा (Common Noun) | Jativachak Sangya

जातिवाचक संज्ञा किसी जाति, वर्ग, समूह, या प्रकार को संदर्भित करती है। यह संज्ञा उस समूह को बताने के लिए प्रयुक्त होती है जिसमें वस्तु, प्राणी, व्यक्ति, या कोई अन्य वस्तु शामिल होती है।

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा

जातिवाचक संज्ञा सामान्य नाम होते हैं जो किसी जाति, प्रजाति, वर्ग या प्रकार को संदर्भित करते हैं। जातिवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या जीव की पूरी जाति, वर्ग या प्रकार को सामान्य रूप में दर्शाती है। जैसे– लड़का, लड़की, शहर, पक्षी, फल आदि। यह किसी एक विशेष नाम को नहीं, बल्कि एक पूरी श्रेणी को दर्शाती है।

जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण | Jativachak Sangya ke Udaharan

जातिवाचक संज्ञा के कई उदाहरण है। हम यहां जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण बता रहे हैं।

  1. कुत्ता – एक सामान्य जानवर है।
  2. किताब – एक सामान्य वस्तु है।
  3. नगर – एक सामान्य स्थान है।
  4. पेड़ – एक सामान्य पौधा है।
  5. पर्वत – एक सामान्य भूगर्भीय संरचना है।
  6. बच्चा – एक सामान्य व्यक्ति है।
  7. गाड़ी – एक सामान्य वाहन है।
  8. अंगूठी – एक सामान्य आभूषण है।
  9. सपना – एक सामान्य मानसिक स्थिति है।
  10. पशु – एक सामान्य जीव है।

जातिवाचक संज्ञा के बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1: निम्न में से कौन-सा शब्द जातिवाचक संज्ञा का उदाहरण है?

a) राम
b) बच्चा
c) भारत
d) गंगा
उत्तर: b) बच्चा

प्रश्न 2: ‘शहर’ शब्द किस प्रकार की संज्ञा है?

a) व्यक्तिवाचक संज्ञा
b) समूहवाचक संज्ञा
c) जातिवाचक संज्ञा
d) भाववाचक संज्ञा
उत्तर: c) जातिवाचक संज्ञा

भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun) | Bhav Vachak Sangya

भाववाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी भावना, भावना की स्थिति, या भावात्मक स्थिति को व्यक्त करती है। ये संज्ञाएँ किसी व्यक्ति, स्थान, या वस्तु की विशेषता को दर्शाती हैं, जो अनुभवात्मक या मानसिक अवस्था को व्यक्त करती हैं। भाववाचक संज्ञाएँ अमूर्त होती हैं और इन्हें सीधे तौर पर इंद्रियों से नहीं देखा जा सकता है।

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा

भाववाचक संज्ञा अव्यक्त, निराकार या अदृश्य भावों, गुणों या प्रक्रियाओं को संदर्भित करती है। भाववाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी भाव, गुण, अवस्था या स्थिति का बोध कराती है, जिसे हम देख या छू नहीं सकते, केवल अनुभव कर सकते हैं। यह अमूर्त (abstract) होती है।
उदाहरण: प्रेम, घृणा, दुःख, सुंदरता, साहस, ईमानदारी, क्रोध आदि। यह संज्ञा किसी व्यक्ति या वस्तु का नाम न होकर, उसके गुण या भाव को व्यक्त करती है।

भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण  | Bhavvachak Sangya ke Udaharan

भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण कुछ इस प्रकार से हो सकता है।  

  1. प्रेम – एक भावनात्मक स्थिति है।
  2. सच्चाई – सत्य की भावना है।
  3. सुख – खुशी की भावना है।
  4. दुःख – दुःख की भावना है।
  5. इज्जत – मान और सम्मान की भावना है।
  6. साहस – डर का सामना करने की शक्ति है।
  7. भरोसा – विश्वास और यकीन की भावना है।
  8. शांति – मानसिक और भावनात्मक शांति है।
  9. स्वतंत्रता – स्वतंत्रता की स्थिति है।
  10. आशा – सकारात्मक अपेक्षा की भावना है।

भाववाचक संज्ञा बनाने का तरीका

संज्ञा, क्रिया, विशेषण, सर्वनाम, क्रिया विशेषण, और अव्यय से भाववाचक संज्ञा और विशेषण बनाने के तरीकों को समझाना महत्वपूर्ण है। यहाँ पर दिए गए उदाहरण भाववाचक संज्ञा और विशेषण बनाने के तरीके को स्पष्ट करते हैं।

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
  1. राजा → राजतंत्र  
  2. डॉक्टर → चिकित्सा  
  3. शिक्षक → शिक्षा  
  4. साहित्यकार → साहित्य 
क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना
  1. गाना → संगीत  
  2. लिखना → लेखन  
  3. बोलना → बातचीत 
  4. सोचना → विचार  
संज्ञा से विशेषण बनाना
  1. रात → रात्रीकालीन 
  2. पानी → पानीदार 
  3. कला → कला-प्रेमी  
  4. संगीत → संगीतमय 
क्रिया से विशेषण बनाना
  1. चलना → चलनेवाला 
  2. सुनना → सुननेवाला  
  3. देखना → देखनेवाला  
  4. खेलना → खेलनेवाला 
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
  1. मैं → स्वयं 
  2. तुम → तुम्हारी पहचान  
  3. वह → उसका अस्तित्व 
  4. हम → हमारी स्थिति 
क्रिया विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
  1. धीरे → धीरेपन 
  2. तेज → तेजी 
  3. सही → सहीपन 
  4. स्वच्छ → स्वच्छता 
अव्यय से भाववाचक संज्ञा बनाना
  1. सिर्फ → सिर्फियत 
  2. कभी → कभीपन 
  3. बिल्कुल → बिल्कुलपन 
  4. फिर → फिरपन 
भाववाचक संज्ञा बनाना
  1. स्नेह → स्नेहिलता  
  2. सौंदर्य → सौंदर्यशास्त्र  
  3. सत्य → सत्यता  
  4. सामर्थ्य → सामर्थ्यपूर्णता 

भाववाचक संज्ञा के बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1: ‘ईमानदारी’ किस प्रकार की संज्ञा है?

a) जातिवाचक संज्ञा
b) व्यक्तिवाचक संज्ञा
c) भाववाचक संज्ञा
d) समूहवाचक संज्ञा
उत्तर: c) भाववाचक संज्ञा

प्रश्न 2: निम्न में से कौन-सा शब्द भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है?

a) मेज़
b) दौड़
c) सुंदरता
d) दिल्ली
उत्तर: c) सुंदरता

समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun) | Samuh Vachak Sangya

समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun) वह संज्ञा होती है जो एक समूह, श्रेणी, या संग्रह को एकल इकाई के रूप में संदर्भित करती है। यह एक ऐसे समूह का नाम होती है जो कई व्यक्तियों, प्राणियों, या वस्तुओं का एक समग्र रूप में विचार करती है।

समूहवाचक संज्ञा की परिभाषा

समूहवाचक संज्ञा समूह या समग्रता को संदर्भित करती है, जैसे एक समूह के सदस्यों, वस्तुओं, या जीवों के लिए।

समूहवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण | Samuh Vachak Sangya ke Udaharan

समूहवाचक संज्ञा के अनेक उदाहरण है, जिसमें हम दौनिक जीवन में इस्तेमाल करते हैं। समूहवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण में ये शामिल है।

  1. झुंड – जैसे, गायों का झुंड।
  2. संग्रह – जैसे, किताबों का संग्रह।
  3. दल – जैसे, क्रिकेट का दल।
  4. कक्षा – जैसे, छात्रों की कक्षा।
  5. सेना – जैसे, भारतीय सेना।
  6. समिति – जैसे, चुनाव समिति।
  7. टोली – जैसे, भिखारियों की टोली।
  8. वृंद – जैसे, गायकों का वृंद।
  9. फौज – जैसे, सुरक्षा फौज।
  10. परिवार – जैसे, मेरे परिवार।

समूहवाचक संज्ञा के बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1: ‘झुंड’ किस प्रकार की संज्ञा है?

a) जातिवाचक
b) समूहवाचक
c) भाववाचक
d) द्रव्यमानवाचक
उत्तर: b) समूहवाचक

प्रश्न 2: निम्न में से कौन-सा शब्द समूहवाचक संज्ञा का उदाहरण है?

a) टीम
b) गुस्सा
c) राजा
d) दूध
उत्तर: a) टीम

द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun) | Dravya Vachak Sangya

द्रव्यवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी पदार्थ, सामग्री, या भौतिक वस्तु को दर्शाती है। ये संज्ञाएँ किसी विशिष्ट द्रव्यमान या भौतिक गुण को इंडिकेट करती हैं और इन्हें छूकर, देख कर, या महसूस कर के अनुभव किया जा सकता है। द्रव्यवाचक संज्ञाएँ आमतौर पर उन वस्तुओं को संदर्भित करती हैं जो भौतिक रूप में मौजूद होती हैं।

द्रव्यवाचक संज्ञा की परिभाषा

द्रव्यवाचक संज्ञा वस्तुओं के तत्व, भौतिक विशेषताओं या पदार्थों को संदर्भित करती है।

द्रव्यवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण | Dravya Vachak Sangya ke Udaharan

द्रव्यवाचक संज्ञा लगभग हर कोई रोजाना उपयोग करते हैं। द्रव्यवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण कुछ इस प्रकार है।

  1. सोना – एक मूल्यवान धातु है।
  2. चांदी – एक और मूल्यवान धातु है।
  3. लोहा – एक धातु जो निर्माण में प्रयोग होती है।
  4. कपड़ा – वस्त्र बनाने में प्रयोग होने वाली सामग्री है।
  5. लकड़ी – पेड़ की सामग्री, निर्माण में उपयोगी है।
  6. पानी – एक तरल पदार्थ है।
  7. कांच – पारदर्शी पदार्थ, जिसे खिड़कियों और गिलास में इस्तेमाल किया जाता है।
  8. सीमेंट – निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री है।
  9. रबर – एक लचीला पदार्थ जो कई वस्तुओं में उपयोग होता है।
  10. शक्कर – मिठास देने वाला पदार्थ है।

द्रव्यमानवाचक संज्ञा के बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1: ‘दूध’ किस प्रकार की संज्ञा है?

a) व्यक्तिवाचक
b) द्रव्यमानवाचक
c) समूहवाचक
d) जातिवाचक
उत्तर: b) द्रव्यमानवाचक

प्रश्न 2: निम्न में से कौन-सा शब्द द्रव्यमानवाचक संज्ञा का उदाहरण है?

a) छात्र
b) जल
c) शहर
d) दौड़
उत्तर: b) जल

संज्ञा पदबंध क्या है?

संज्ञा पदबंध वह वाक्यांश या संयोजन होता है जिसमें एक संज्ञा (noun) के साथ अन्य शब्द मिलकर एक विशेष अर्थ उत्पन्न करते हैं। इस संयोजन में एक संज्ञा (मुख्य संज्ञा) और उसके साथ जुड़े अन्य शब्द (विशेषण, सर्वनाम, या अन्य वर्णक शब्द) मिलकर एक पूरा अर्थ प्रदान करते हैं।

Sangya पदबंध की परिभाषा

हिंदी में “संज्ञा पदबंध” का अर्थ होता है किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भाव या स्थिति का नाम। इसे संज्ञा के दो या दो से अधिक पदों का जोड़ना कहा जा सकता है। यह पदबंध हिंदी वाक्यों में विशेषता और विविधता लाता है।

Sangya पदबंध के 10 उदाहरण

यहां पर हम संज्ञा पदबंध के 10 उदाहरण बता रहे हैं, जो इस संज्ञा की समझ को आसान बना सकता है।

  1. बहुमुखी संगीत (बहु + मुखी + संगीत)
  2. स्वास्थ्य संवाद (स्वास्थ्य + संवाद)
  3. अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन (अंतर्राष्ट्रीय + सम्मेलन)
  4. विश्वविद्यालय छात्र (विश्वविद्यालय + छात्र)
  5. नई दिल्ली सड़क (नई + दिल्ली + सड़क)
  6. सूर्यास्त दृश्य (सूर्य + आस्त + दृश्य)
  7. प्राकृतिक वातावरण (प्राकृतिक + वातावरण)
  8. अध्ययन सामग्री (अध्ययन + सामग्री)
  9. साहित्य विमर्श (साहित्य + विमर्श)
  10. भौतिक विज्ञान (भौतिक + विज्ञान)

संज्ञा और संज्ञा पदबंध में अंतर

संज्ञा क्या होती है?

संज्ञा वह शब्द होता है जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, गुण या भाव का नाम बताता है।
यह एक शब्द होता है।

उदाहरण:
राम, पुस्तक, पानी, ईमानदारी, दिल्ली, पेड़
ये सभी एक-एक शब्द हैं और किसी का नाम बता रहे हैं।

संज्ञा पदबंध क्या होता है?

संज्ञा पदबंध दो या दो से अधिक शब्दों का समूह होता है, जो मिलकर एक साथ किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव का बोध कराता है।
यह एक पद समूह होता है, जिसमें संज्ञा मुख्य (मुख्य पद) होती है और बाकी शब्द उसकी विशेषता बताते हैं।

उदाहरण:

  • नीले रंग की किताब
  • लंबा आदमी
  • सुंदर शह

ये सब संज्ञा पदबंध हैं, क्योंकि इनमें “किताब”, “आदमी”, “शहर” संज्ञा हैं, और उनके आगे लगे शब्द (नीले रंग की, लंबा, सुंदर) उस संज्ञा को और स्पष्ट कर रहे हैं।

संज्ञा और संज्ञा पदबंध में प्रमुख अंतर

बिंदुसंज्ञासंज्ञा पदबंध
परिभाषाकिसी वस्तु, व्यक्ति, भाव का नामसंज्ञा + अन्य शब्दों का समूह जो नाम को विस्तार दे
शब्दों की संख्याएक शब्ददो या अधिक शब्दों का समूह
उदाहरणपुस्तक, दिल्ली, ईमानदारीमोटी किताब, सुंदर शहर, अच्छा लड़का

संज्ञा की पहचान (Sangya Ki Pehchan)

संज्ञा उस शब्द को कहते हैं जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भावना या गुण का बोध होता है। किसी भी वाक्य में जब हम पूछते हैं “यह कौन?” या “यह क्या?”, और उसका उत्तर मिलता है, तो वह शब्द संज्ञा कहलाता है।

संज्ञा की प्रमुख पहचान | Sangya Ki Pehchan

  1. जिससे किसी व्यक्ति, जीव, पशु-पक्षी, वस्तु, स्थान या भावना का नाम प्रकट हो, वह संज्ञा है।
    उदाहरण: राम, गीता, दिल्ली, किताब, खुशियाँ।

संज्ञा के भेद और उनकी पहचान | Sangya ki Pehchan

  1. प्राणीवाचक संज्ञा (Animate Noun)
    • जिन संज्ञाओं से जीवित प्राणियों (मनुष्य, पशु, पक्षी आदि) का बोध होता है।
    • पहचान: जिन शब्दों से “कौन?” का उत्तर मिलता है, वे प्राणीवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
    • उदाहरण: राम, सीता, शेर, मोर, बच्चा।
  2. अप्राणिवाचक संज्ञा (Inanimate Noun)
    • जिन संज्ञाओं से निर्जीव वस्तुओं, स्थानों या पदार्थों का बोध होता है।
    • पहचान: जिन शब्दों से “क्या?” का उत्तर मिलता है, वे अप्राणिवाचक संज्ञा हैं।
    • उदाहरण: घर, पुस्तक, पानी, पर्वत, कलम।
  3. गणनीय संज्ञा (Countable Noun)
    • जिन संज्ञाओं को गिना जा सकता है।
    • पहचान: जिनके साथ संख्या (एक, दो, तीन…) लगाई जा सके, वे गणनीय संज्ञाएँ हैं।
    • उदाहरण: किताब, कुर्सी, लड़का, सेब।
  4. अगणनीय संज्ञा (Uncountable Noun)
    • जिन संज्ञाओं को गिना नहीं जा सकता, केवल मापा या तौला जा सकता है।
    • पहचान: जिनके आगे संख्या नहीं लग सकती, बल्कि मात्रा (थोड़ा, अधिक, बहुत) लगती है, वे अगणनीय संज्ञाएँ हैं।
    • उदाहरण: पानी, दूध, खुशी, ज्ञान, हवा।

संज्ञा का पद परिचय | Sangya Ka Pad Parichay

परिचय देने का क्रम (Format) | Sangya ka pad parichay
किसी भी शब्द का पद परिचय (पद परिचय = शब्द का व्याकरणिक विवरण) निम्न बिंदुओं पर दिया जाता है:

  1. शब्द – जिस शब्द का परिचय देना है।
  2. पद – यह किस प्रकार का पद है (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि)।
  3. भेद – संज्ञा का कौन-सा भेद है (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक, द्रव्यवाचक आदि)।
  4. लिंग – पुल्लिंग / स्त्रीलिंग / नपुंसकलिंग।
  5. वचन – एकवचन / बहुवचन।
  6. कारक – कर्ता, कर्म, करण, संबंध, अपादान, अधिकरण आदि।
  7. विभक्ति – कारक के अनुसार रूप।
  8. वाक्य में प्रयोग – वाक्य में उसकी भूमिका।

उदाहरण 1 :

राम स्कूल जाता है।

  • शब्द – राम
  • पद – संज्ञा
  • भेद – व्यक्तिवाचक संज्ञा
  • लिंग – पुल्लिंग
  • वचन – एकवचन
  • कारक – कर्ता कारक
  • विभक्ति – प्रथमा
  • वाक्य में प्रयोग – वाक्य का कर्ता

उदाहरण 2 :

मोहन ने दूध पिया।

  • शब्द – दूध
  • पद – संज्ञा
  • भेद – द्रव्यवाचक संज्ञा
  • लिंग – पुल्लिंग
  • वचन – एकवचन
  • कारक – कर्म कारक
  • विभक्ति – द्वितीया
  • वाक्य में प्रयोग – क्रिया का कर्म

उदाहरण 3 :

ईमानदारी सबसे बड़ी पूँजी है।

  • शब्द – ईमानदारी
  • पद – संज्ञा
  • भेद – भाववाचक संज्ञा
  • लिंग – स्त्रीलिंग
  • वचन – एकवचन
  • कारक – कर्ता कारक
  • विभक्ति – प्रथमा
  • वाक्य में प्रयोग – वाक्य का कर्ता

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निष्कर्ष

इस लेख में Sangya के 10 उदाहरणों का विस्तार से अध्ययन किया गया है, जो हिंदी भाषा की संरचना को समझने में मदद करते हैं। संज्ञा किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव का नाम बताती है, और इसे विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। उदाहरणों के माध्यम से, हमने व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ (जैसे “मोहन”), जातिवाचक संज्ञाएँ (जैसे “किताब”), और भाववाचक संज्ञाएँ (जैसे “खुशी”) की पहचान की है।

इस आर्टिकल में हमने सीखे संज्ञा के व्यक्तिवाचक 10 उदाहरण, जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण और भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण के बारे में आगे विस्तार से बता रहे हैं। इसे ही महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए Chegg की वेबसाइट पर पब्लिश अन्य लेख को पढ़ सकते हैं। संज्ञाओं का सही उपयोग संवाद को स्पष्ट और प्रभावी बनाता है, और यह लेखन तथा बोलने की क्षमता में सुधार करता है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

संज्ञा क्या है 10 उदाहरण लिखिए?

संज्ञा एक ऐसा शब्द है, जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव का नाम बताता है। इसके 10 उदाहरण हैं:
1. राम (व्यक्ति)
2. दिल्ली (स्थान)
3. किताब (वस्तु)
4. प्रेम (भाव)
5. गाड़ी (वस्तु)
6. सूर्य (वस्तु)
7. बगीचा (स्थान)
8. खुशी (भाव)
9. स्कूल (स्थान)
10. आम (वस्तु)

व्यक्तिवाचक संज्ञा के 20 उदाहरण क्या हैं?

व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ विशेष नाम होती हैं, जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को दर्शाती हैं। 20 उदाहरण हैं: “मोहन,” “सीता,” “दिल्ली,” “ताजमहल,” “गंगा,” “राधिका,” “राज,” “सूरज,” “नीता,” “अमित,” “कश्मीर,” “रविवार,” “नैनीताल,” “शिव,” “अंजलि,” “कुमार,” “पारुल,” “गौरव,” “हिमालय,” “जयपुर।”

संज्ञा कितने प्रकार की होती है class 10th?

संज्ञाएँ मुख्यतः चार प्रकार की होती हैं:
व्यक्तिवाचक संज्ञा: किसी विशेष व्यक्ति या वस्तु का नाम (जैसे “मोहन”)।
जातिवाचक संज्ञा: समान वस्तुओं का समूह (जैसे “किताब”)।
भाववाचक संज्ञा: भावनाओं या अवस्थाओं का नाम (जैसे “खुशी”)।
स्थानवाचक संज्ञा: किसी स्थान का नाम (जैसे “दिल्ली”)।

संज्ञा के लिए 5 वाक्य क्या है?

संज्ञा के लिए पाँच वाक्य इस प्रकार हैं:
सीता स्कूल जा रही है।
दिल्ली भारत की राजधानी है।
मोहन ने एक किताब पढ़ी।
गंगा भारत की प्रमुख नदी है।
खुशी सबके चेहरे पर थी।
इन वाक्यों में संज्ञाएँ विभिन्न व्यक्तियों, स्थानों और भावनाओं को दर्शाती हैं।

संज्ञा और सर्वनाम में क्या अंतर होता है?

संज्ञा नाम बताता है (जैसे– राम), जबकि सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होता है (जैसे– वह)। संज्ञा के बिना वाक्य का मुख्य विषय नहीं बनता।

बच्चों को संज्ञा कैसे सिखाएं?

बच्चों को संज्ञा सिखाने के लिए रोज़मर्रा की चीज़ों के नाम (जैसे– स्कूल, मम्मी, किताब) से शुरुआत करें और उन्हें पहचानने का अभ्यास कराएं। चित्र और खेल के माध्यम से संज्ञा को मज़ेदार तरीके से सिखाया जा सकता है।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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