उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण | Upsarg aur Pratyay Examples

Published on June 6, 2025
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उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण

Quick Summary

  • उपसर्ग और प्रत्यय के कुछ उदाहरण ये रहे:
    • उपसर्ग के उदाहरण: अति, स्व, अध, उन, पर, कम, खुश, बे
    • प्रत्यय के उदाहरण: गुण, बल, पथ, ता, वाला, आवट, आन, ई, हार, आलू, इत, आऊ, आकू, ईन, बाज 

Table of Contents

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण की जानकारी केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि लेखकों, कवियों और सामान्य पाठकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहाँ प्रस्तुत 20 उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में आपकी भाषा की समझ को और भी सशक्त बनाएंगे। अगर आप 20 उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में ढूंढ रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए एक अमूल्य संसाधन साबित होगा इसे पूरा पढ़ें।

उपसर्ग क्या हैं?

उपसर्ग वे छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के पहले जोड़े जाते हैं ताकि उसके अर्थ में बदलाव किया जा सके। ये शब्द के मूल अर्थ को बदलते हैं या उसे विशेष बनाते हैं। उदाहरण के लिए, दिन में “प्रति” उपसर्ग जोड़ने से “प्रतिदिन” शब्द बनता है, जिसका मतलब है “हर दिन”।

उपसर्ग के 5 उदाहरण

  1. अति + सुंदर:अति (अधिक) + सुंदर (सुंदर) = अतिसुंदर (बहुत सुंदर)
  2. उप + नगर:उप (पास में) + नगर (शहर) = उपनगर (शहर के पास)
  3. प्र + हार:प्र (पहले) + हार (हार) = प्रहार (पहले से किया गया हार)
  4. अनु + कूल:अनु (के अनुसार) + कूल (शांत) = अनुकूल (शांत के अनुसार)
  5. अभि + मान:अभि (के सामने) + मान (सम्मान) = अभिमान (सम्मान के सामने)

उपसर्ग के 50+ उदाहरण | Upsarg ke 50 Udaharan

उपसर्गमूल शब्दसंयुक्त शब्द (नया अर्थ)
अभीमानअभिमान (घमंड)
प्रबालप्रबल (शक्तिशाली)
भावअभाव (कमी)
प्रकोपप्रकोप (गुस्सा, विपत्ति)
चलअचल (स्थिर)
प्रख्यातप्रख्यात (प्रसिद्ध)
अतिउक्तिअत्युक्ति (अधिक कहना)
पराजयपराजय (हार)
परामर्शपरामर्श (सलाह)
पराअधीनपराधीन (पर के अधीन)
पराआश्रयपराश्रय (दूसरे पर निर्भर)
अपमानअपमान (बेइज्जती)
अपव्ययअपव्यय (फालतू खर्च)
अपशब्दअपशब्द (गाली)
अवगुणअवगुण (दोष)
स्वजनस्वजन (अपने लोग)
स्वराज्यस्वराज्य (अपना शासन)
स्वदेशस्वदेश (अपना देश)
सहपाठीसहपाठी (साथ पढ़ने वाला)
सहचारसहचर (साथ चलने वाला)
परिपूर्णपरिपूर्ण (भरा हुआ, पूर्ण)
अनपढ़अनपढ़ (जिसने नहीं पढ़ा)
अनमोलअनमोल (जिसका मूल्य न हो सके)
अधजलअधजल (आधा भरा हुआ जल)
अनजनअनजान (जिसे न जानते हों)
अधपकाअधपका (अधकच्चा)
अधमराअधमरा (आधे से अधिक मरा)
उनचासउनचास (संख्या 49)
निडरनिडर (जो न डरे)
निकम्मानिकम्मा (अयोग्य, आलसी)
निहत्थानिहत्था (बिना हथियार)
निखरानिखरा (चमकदार, साफ़)
बिनखायाबिनखाया (जो बिना खाए हो)
बिनबोयाबिनबोया (जो बिना बोया उगे)
भरपेटभरपेट (पूरा पेट भरकर)
भरमारभरमार (अधिक मात्रा)
भरपुरभरपूर (पर्याप्त)
कुसंगकुसंग (बुरी संगति)
कुघड़ीकुघड़ी (अशुभ समय)
कुमार्गकुमार्ग (गलत रास्ता)
कुकर्मकुकर्म (बुरा काम)
पूतसपूत (अच्छा बेटा)
रससरस (रसयुक्त, भावपूर्ण)
सुदेशसुदेश (अच्छा देश)
सुजानसुजान (समझदार)
सुमार्गसुमार्ग (सही मार्ग)
अतिरिक्तअतिरिक्त (अधिक)
अतिक्रमणअतिक्रमण (सीमा लांघना)
अधिकारअधिकार (स्वामित्व)
अधिराजअधिराज (राजाओं का राजा)
प्रतिकारप्रतिकार (बदला, उत्तर)
प्रतिक्षणप्रतिक्षण (हर पल)
विकासविकास (उन्नति, प्रगति)
Upsarg ke Udaharan

हिंदी व्याकरण में उपसर्ग के महत्व और उपयोग

महत्व:

  1. नए शब्द बनाने की कुंजी: उपसर्गों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं। इससे हमारी भाषा और अधिक समृद्ध होती है।
  2. अर्थ को स्पष्ट करते हैं: उपसर्ग शब्दों के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करते हैं। जैसे “शब्द” में “अप” जोड़ने पर “अपशब्द” की प्राप्ति होती है, जिसका अर्थ गलत शब्द होता है।
  3. भाषा को सजीव बनाते हैं: उपसर्गों के प्रयोग से हमारी भाषा और अधिक सजीव और रोचक बन जाती है।
  4. विचारों को व्यक्त करने में मदद करते हैं: उपसर्गों की मदद से हम अपने विचारों को और अधिक सटीक और प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।

उपसर्गों के कुछ उपयोग

  1. विशेषण बनाने के लिए: जैसे, ‘सुंदर’ में ‘अति’ उपसर्ग लगाकर ‘अतिसुंदर’ बना सकते हैं, जिसका अर्थ अधिक सुंदर होता है।
  2. क्रिया बनाने के लिए: जैसे, ‘चल’ में ‘अव’ उपसर्ग लगाकर ‘अवचल’ बना सकते हैं, जिसका अर्थ स्थिर होता है।
  3. संज्ञा बनाने के लिए: जैसे, ‘ज्ञान’ में ‘अधि’ उपसर्ग लगाकर ‘अधिज्ञान’ बना सकते हैं, जिसका अर्थ पहचान होता है।
  4. विभिन्न भावों को व्यक्त करने के लिए: जैसे, ‘दुख’ में ‘अति’ उपसर्ग लगाकर ‘अत्यधिक दुःख” बना सकते हैं, जिसका अर्थ बहुत अधिक दुख होता है।

उपसर्ग के कितने प्रकार होते हैं?

उपसर्ग के प्रकारों में मुख्य रूप से संस्कृत उपसर्ग, हिंदी उपसर्ग और उर्दू उपसर्ग आते हैं।

संस्कृत उपसर्ग

संस्कृत उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। संस्कृत भाषा में उपसर्गों की संख्या काफी अधिक है। इसकी खास बात यह है कि बहुत सारे हिंदी शब्दों में भी इनका इस्तेमाल होता है। जो नए शब्द बनाने में मदद करता करता है।

संकृत उपसर्ग के कुछ उदाहरण:

  • अ: असत्य, अयोग्य
  • अति: अतिथि, अत्यधिक 
  • प्र: प्रगति, प्रारंभ
  • अधि: अध्यापक
  • परि: परिणाम, परिस्थिति

हिंदी उपसर्ग 

हिंदी उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। हिंदी उपसर्ग ऐसे छोटे-छोटे शब्दांश हैं जो किसी शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या उसे और स्पष्ट करते हैं। हिंदी उपसर्गों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं। ये ज्यादातर संस्कृत भाषा से आए हैं। इनका प्रयोग हिंदी में व्यापक रूप से होता है। ये शब्दों को अर्थपूर्ण और सार्थक बनाते हैं। 

हिंदी उपसर्ग के कुछ उदाहरण:

  • अन: अनपढ़, अनजाना, अनंत
  • अध: अधूरा, अध्याय, अधीर
  • नि: निर्णय, निश्चय, निराश
  • सु: सुंदर, सुखी, सुगंध
  • बेर: बेरोजगार, बेईमान, बेवकूफ
  • कु: कुटिल, कुशल, कुप्रभाव

उर्दू उपसर्ग 

उर्दू उपसर्ग छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी उर्दू शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या नया अर्थ जोड़ देते हैं।

उर्दू उपसर्गों की खासियत:

  • अरबी और फ़ारसी मूल: ज़्यादातर उर्दू उपसर्ग अरबी और फ़ारसी भाषाओं से आए हैं।
  • शब्द रचना में मदद: ये उपसर्ग नए शब्द बनाने में बहुत मदद करते हैं।
  • अर्थ में विविधता: हर उपसर्ग का अपना अलग अर्थ होता है, जिससे शब्दों के अर्थ में विविधता आती है।

उर्दू उपसर्ग के उदाहरण:

  • ना: नाकाम
  • बे: बेवफ़ा
  • गैर: गैर-मिल्की
  • बद: जैसे बदकिस्मत
  • अल: अल्लाह

प्रत्यय क्या है?

प्रत्यय वे शब्द हैं, जो दूसरे शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ बदल सके या नया शब्द बन सके। प्रत्यय शब्दों को विशेषता, क्रिया, या अन्य भाव देने का काम करते हैं।

उदाहरण: 

  • ता: सुंदर + ता = सुंदरता
  • ई: राजा + ई = राजाई
  • पन: पागल + पन = पागलपन

प्रत्यय के 50 उदाहरणों की सूची | List of 50 Pratyay Examples in Hindi

मूल शब्द + प्रत्ययनया शब्दअर्थ
खेल + नाखेलनाखेलने की क्रिया
चल + नाचलनाचलने की क्रिया
मोटा + पामोटापामोटे होने की अवस्था
बूढ़ा + पाबुढ़ापावृद्धावस्था
समाज + इकसामाजिकसमाज से संबंधित
पिछड़ा + पनपिछड़ापनपिछड़े होने की स्थिति
गतिशील + तागतिशीलतासक्रियता
सर्वजन + इकसार्वजनिकसभी के लिए उपयुक्त
माध्यम + इकमाध्यमिकबीच का स्तर
पहुँचाने + वालीपहुँचानेवालीजो पहुँचाए
व्यक्ति + गतव्यक्तिगतनिजी
महत्व + पूर्णमहत्वपूर्णखास, आवश्यक
निर्भर + तानिर्भरताआश्रित होने की स्थिति
सीखने + वालीसिखनेवालीजो सिखे
सतर्क + तासतर्कतासजगता
अर्थ + इकआर्थिकधन से संबंधित
निहित + अर्थनिहितार्थछिपा हुआ अर्थ
केंद्र + इतकेन्द्रितकेंद्र में किया गया
अंत + इमअंतिमअंतिम अवस्था
आज़ाद + ईआज़ादीस्वतंत्रता
पढ़ना + वालापढ़नेवालाजो पढ़ता है
करना + नीकरनीकरने योग्य क्रिया
गाना + वालागानेवालाजो गाता है
मिल + आपमिलापमिलन की अवस्था
पका + हुआपकाया गया
गढ़ + अंतगढ़न्तगढ़ने की प्रक्रिया
लिख + वटलिखावटलिखने की शैली
बच्चा + पनबचपनबचपन की अवस्था
लड़का + पनलड़कपनकिशोर अवस्था
चिल्ला + हटचिल्लाहटजोर से बोलने की ध्वनि
लिख + आईलिखाईलेखन की क्रिया
हँस + ईहँसीहँसने की ध्वनि
बच + आवबचावसुरक्षा का प्रयास
बराबर + ईबराबरीसमानता
इतिहास + इकऐतिहासिकइतिहास से जुड़ा हुआ
धर्म + इकधार्मिकधर्म संबंधी
नीति + इकनैतिकनैतिकता से जुड़ा
पुराण + इकपौराणिकप्राचीन ग्रंथों से जुड़ा
आनंद + इतआनंदितप्रसन्न
घट + इयाघटियानिम्न स्तर का
असल + ईअसलीवास्तविक
नक़ल + ईनकलीजाली
सरकार + ईसरकारीशासन से संबंधित
शहर + ईशहरीनगर संबंधी
भारत + ईयभारतीयभारत से जुड़ा हुआ
राष्ट्र + ईयराष्ट्रीयराष्ट्र से जुड़ा हुआ
बुद्धि + मानबुद्धिमानसमझदार
गति + मानगतिमानचलायमान
ज़हर + ईलाज़हरीलाविषैला
धन + वानधनवानधनी
भाग्य + वानभाग्यवानसौभाग्यशाली
मूल्य + वानमूल्यवानकीमती
Pratyay ke Udaharan

हिंदी व्याकरण में प्रत्यय का महत्व और उपयोग

हिंदी व्याकरण में प्रत्यय का काफी उपयोग है ये शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ या रूप बदल सके। ये छोटे-छोटे अंश शब्द के अंत में लगकर उसके अर्थ को विशेष बनाते हैं। प्रत्यय का सही उपयोग करके हम नए शब्द बना सकते हैं और अपने विचारों को स्पष्टता से व्यक्त कर सकते हैं।

प्रत्यय का महत्व:

  1. नए शब्द बनाना: प्रत्यय जोड़कर हम नए शब्द बना सकते हैं, जैसे ‘लेख’ शब्द में ‘क’ प्रत्यय जोड़ने से ‘लेखक’ (लिखने ) शब्द बनता है।
  2. शब्द की विशेषता: प्रत्यय शब्द की विशेषता को दर्शाते हैं, जैसे ‘सुंदर’ में ‘ता’ प्रत्यय जोड़ने से ‘सुंदरता’ (सौंदर्य) बनता है।
  3. व्यवहार और अवस्था: प्रत्यय शब्द के व्यवहार या अवस्था को व्यक्त करते हैं, जैसे ‘खेल’ में ‘ड़ी’ प्रत्यय जोड़ने से ‘खिलाड़ी’ (खेलने वाला) बनता है।

प्रत्यय के कितने प्रकार के होते हैं?

मुख्य रूप से प्रत्यय के दो प्रकार होते हैं, कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय जिनका उपयोग अलग अलग शब्दों में होता है। 

कृत प्रत्यय

कृत प्रत्यय, प्रत्यय के प्रकार में से एक है ये हमेशा क्रिया के अंत में आने वाले प्रत्यय हैं। जब ये किसी क्रिया के साथ जुड़ते हैं, तो एक नया शब्द बनता है जो या तो संज्ञा या विशेषण होता है। कृत प्रत्ययों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं और शब्दों के अर्थ को और अधिक स्पष्ट कर सकते हैं।

कृत प्रत्यय के उदाहरण:

  • ना: पढ़ना, लिखना
  • ता: चलता, खाता
  • आ: जाना, आना

तद्धित प्रत्यय

तद्धित प्रत्यय हिंदी व्याकरण में वे प्रत्यय होते हैं जो किसी मूल शब्द के अंत में जोड़कर उससे नया शब्द बनाते हैं। तद्धित प्रत्यय जोड़ने से नए शब्द का अर्थ मूल शब्द से संबंधित होता है, लेकिन उसमें कुछ नया गुण या विशेषता जुड़ जाती है।

तद्धित प्रत्यय के उदाहरण:

  • पन: मीठापन, लालच
  • ता: चलता, खाता
  • आ: पढ़ना, लिखना
  • ई: खुशी, उदासी

उपसर्ग और प्रत्यय | Upsarg aur Pratyay Mein Antar

अंतरउपसर्गप्रत्यय
स्थानउपसर्ग किसी शब्द के शुरुआत में जुड़तें हैं।प्रत्यय किसी शब्द के अंतिम में जुड़तें हैं।
प्रभावउपसर्ग शब्द के अर्थ बदलते हैं।प्रत्यय शब्द के अर्थ और कभी-कभी रूप भी बदलते हैं। 
उदाहरणअ: असत्य, अधि: अधिकारपन: मीठापन, आ: पढ़ना
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में निम्नलिखित हैं।

उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण
उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण
उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay के उदाहरण

संख्या
उपसर्ग के 50 उदाहरणप्रत्यय के 50 उदाहरण
उपसर्गशब्दप्रत्ययशब्द
1असामान्यतासज्जता
2अधिअधिकारतासामर्थ्यता
3अतिअतिउत्साहीजीकामकाजी
4अन्अंतिकर्मसदकर्म
5आवाजकृतिसाहित्यकृति
6अर्थअर्थशास्त्रकियराजकीय
7उत्साहशास्त्रआयुर्वेदशास्त्र
8उपउपकारकर्मसदकर्म
9प्रतिप्रतिनिधिकृतिसाहित्यकृति
10संबंधज्ञज्ञान
11सुसुखदतिसहानुभूति
12अप्रअप्राकृतिकगिरीपर्वतगिरी
13नकारात्मककर्मस्वकर्म
14अलक्षितकरणउपकरण
15अपअपराधयकगायक
16उपउपस्थिततावीरता
17अतिअतिरेकरीपानीधारी
18सुसुभगनायिका
19अनुअनुपस्थितिपंथधर्मपंथ
20विविविधइकअधिक
21अधिअधिकारयकनायक
22अवअवसरधनसंबंधन
23सासांस्कृतिकशरणआशरण
24प्रतिप्रतिकूलधनमूलधन
25निनिर्धारितप्रकारसंबंधप्रकार
26परिपरिवर्तनत्वसौंदर्यत्व
27अधिअधिकरूपसौंदर्यरूप
28सृसृजनशास्त्रवेदशास्त्र
29अनुअनुकरणलिपिदेवनागरीलिपि
30मधमध्यममान
31निजकृतिसाहित्यकृति
32सुसुंदरआर्थीविद्यार्थी
33परिपरिवारधनअर्थवर्धन
34विविपरीतदारीपानीधारी
35अवअवांछनीयपद्धतिशैक्षणिकपद्धति
36अधअध्यायकारीशिल्पकारी
37प्रप्रभातअधिकारीसहायकअधिकारी
38असुअसुरक्षितपंथसामाजिकपंथ
39उत उत्पत्तिपुत्रधनपुत्र
40अनअनदेखीपंथधर्मपंथ
41सासाधकविद्याउच्चविद्या
42संसंशोधनआलयविद्यालय
43अधिअधिकारीथनसमर्थन
44अथवाज्ञानविज्ञान
45अलक्षितरकधारक
46प्रप्रेरणाकर्मीसेवाकर्मी
47अनुअनुवादइत्रमित्र
48संसंघइयप्रिय
49पुनपुनरावृत्तिओदविनोद
50अदअद्भुतदानयोगदान
उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण | upsarg or pratyay in hindi

उपसर्ग और प्रत्यय | Upsarg aur Pratyay के प्रयोग के महत्व

शब्द निर्माण, व्याकरणिक शुद्धता और स्पष्टता में उपसर्ग और प्रत्यय का प्रयोग काफी महत्वपूर्ण है।

शब्द निर्माण में योगदान

  • नए शब्दों का निर्माण: उपसर्ग और प्रत्यय के प्रयोग से हम नए शब्द बना सकते हैं, जिससे हमारी भाषा और समृद्ध होती है।
  • अर्थ में विविधता: ये शब्दांश एक ही मूल शब्द से कई नए शब्द बनाकर, उस शब्द के अर्थ में विविधता लाते हैं।

व्याकरणिक शुद्धता और स्पष्टता

  • अर्थ स्पष्टता: उपसर्ग और प्रत्यय शब्दों को अधिक सटीक और स्पष्ट बनाने में मदद करते हैं। इससे हमारी बातचीत या लेखन अधिक प्रभावी हो जाता है।
  • व्याकरणिक शुद्धता: इनका सही उपयोग व्याकरणिक शुद्धता बनाए रखने में मदद करता है।
  • विचारों और भावों का सटीक अभिव्यक्ति: उपसर्ग और प्रत्यय हमें अपने विचारों और भावों को अधिक सटीक रूप से व्यक्त करने में मदद करते हैं।

संधि किसे कहते हैं

निष्कर्ष

“उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” के माध्यम से हमने देखा कि किस प्रकार ये शब्दों में नए अर्थ और संचार जोड़ते हैं। इनका सही और सटीक प्रयोग न केवल भाषा को समृद्ध बनाता है, बल्कि हमारे संवाद को भी अधिक प्रभावशाली और प्रभावशाली बनाता है। उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay का ज्ञान एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हमें भाषा की जटिलताओं को समझने और उनका उपयोग करने में मदद करता है।

इस ब्लॉग में आपने 20 उपसर्ग और प्रत्यय से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay के उदाहरणों के बारे में जाना। आशा है कि ये ब्लॉग “उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” आपको “उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरण”/upsarg aur pratyay को समझने और अपने लेखन को और भी शुद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

उपसर्ग कैसे लिखते हैं?

उपसर्ग किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के आरंभ में उपसर्ग जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।

उदाहरण:
अ + योग्य = अयोग्य
सु +ंदर = सुंदर
नि +राश = निराश

प्रत्यय कैसे लिखते हैं?

प्रत्यय किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के अंत में प्रत्यय जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।

उदाहरण:
बच्चा + पन = बचपन
लिख + ने = लिखने
गुरु + वर = गुरुवर

प्रत्यय 20 उदाहरण क्या है?

प्रत्यय के 20 उदाहरण:

पन: बचपन, बुढ़ापा
ता: मिठास, लालच
त्व: गौरव, सौंदर्य
आ: पढ़ाकू, खिलाड़ी
वा: गुरुवा, देवा
ई: रानी, देवी
नीय: पढ़नीय, जाननीय
अनीय: अज्ञात, अचिन्तनीय
स्थान: पुस्तकालय, अस्पताल
वासी: नगरवासी, ग्रामीण
काल: प्राचीनकाल, भविष्यकाल
दार: पुस्तकालय, संग्रहालय
वान: धावक, कवि
मान: मानव, गृहमान
हार: विजेता, पराजय
कर: लेखक, शिक्षक
वत: शक्तिशाली, बुद्धिमान
रत: प्रेमरत, ज्ञानरत
हीन: दुर्बल, निर्धन
वान: धावक, कवि

सुंदरता का प्रत्यय क्या है?

“सुंदरता” शब्द में “ता” प्रत्यय जुड़ा हुआ है।

हिंदी में प्रत्यय कितने होते हैं?

मुख्य रूप से दो प्रकार के प्रत्यय होते हैं:

2कृत प्रत्यय: ये धातुओं से नए शब्द बनाते हैं।
तद्धित प्रत्यय: ये संज्ञा या विशेषणों से नए शब्द बनाते हैं।

उपसर्ग के 20 उदाहरण क्या हैं?

अति: अतिशय, अत्याचार, अतिरिक्त
अधि: अधिनायक, अधिकृत, अध्यक्ष
अनु: अनुकरण, अनुकरण, अनुकूल
अप: अपयश, अपशब्द, अपकार
अव: अवसान, अवसर, अवकाश
आ: आहार, आजीवन, आगमन
उप: उपवन, उपकार, उपनगर
प्र: प्रगति, प्रारंभ, प्रचार
परा: पराजय, पराभव
सम्: सम्मान, सामग्री
निस्: निस्सार, निसार
निर्: निर्वासित, निर्दयी
दुस्: दुस्साहस, दुस्ख
दुर्: दुर्बल, दुर्गु
वि: विवाद, विचार
आङ् (आ): आघात, आगमन
नि: निर्देय, निर्विघ्न
सु: सुगम, सुंदर
उत्: उत्सव, उत्कृष्ट
अभि: अभिमान, अभिलाषा
प्रति: प्रतिउत्तर, प्रतिरोध
परि: परिहार, परिपूर्ण 

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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.