वाच्य किसे कहते हैं

वाच्य किसे कहते हैं?: परिभाषा, प्रकार, भेद

Published on June 17, 2025
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वाच्य किसे कहते हैं

Quick Summary

  • वाच्य वाक्य में क्रिया और उसके कर्ता, कर्म के संबंध को दर्शाता है।
  • यह वाक्य की संरचना और क्रिया के द्वारा व्यक्त किए गए अर्थ को स्पष्ट करता है।
  • वाच्य के तीन प्रकार होते हैं: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, और भाववाच्य।
  • वाच्य वाक्य के भाव और क्रियात्मक स्थिति को निर्धारित करता है।

Table of Contents

वाच्य हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे जानने से व्याकरण की समझ और बेहतर होती है। “वाच्य किसे कहते हैं” जानना न केवल छात्रों के लिए उपयोगी है, बल्कि लेखकों, शिक्षकों और भाषा के प्रेमियों के लिए भी यह एक मार्गदर्शिका के रूप में काम करता है। यदि आप हिंदी व्याकरण में महारत हासिल करना चाहते हैं, तो वाच्य और इसके प्रकारों को समझना बेहद जरूरी हो जाता है।

इस ब्लॉग में आपको जानने मिलेगा कि वाच्य किसे कहते हैं, वाच्य के भेद कितने होते हैं, कर्तृवाच्य किसे कहते हैं, कर्म वाच्य किसे कहते हैं, भाववाच्य किसे कहते हैं, वाच्य परिवर्तन कैसे करें, इसका क्या महत्व है और कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में क्या अंतर है।

वाच्य किसे कहते हैं? | vachya kise kahate hain

वाच्य एक व्याकरणिक शब्द होता है जो हिंदी भाषा में क्रिया के स्वरूप को दर्शाता है। यह बताता है कि वाक्य में कर्ता और कर्म के बीच क्या संबंध है।

वाच्य की परिभाषा 

किसी वाक्य में क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि उस काम को कौन कर रहा है, कौन करवा रहा है या काम अपने आप हो रहा है, उसे वाच्य कहते हैं।

मान लीजिए आपने एक केक बनाया। अब आप इस बात को कई तरीकों से कह सकते हैं:

  • तुमने एक केक बनाया। (यहाँ तुम ही मुख्य हो, यानी कर्ता)
  • केक तुम्हारे द्वारा बनाया गया। (यहाँ केक पर महत्त्व दिया गया है, यानी कर्म)
  • केक बन गया। (यहाँ केक बनने की क्रिया पर ज़ोर है, यानी भाव)

इन तीनों वाक्यों में एक ही बात कही गई है, लेकिन कहने का तरीका अलग है। यही अंतर बताता है कि कौन सा वाक्य किस वाच्य में है।

वाच्य के भेद (Types of Voice)

वाच्य किसे कहते हैं जानने के बाद वाच्य के भेदों को जानना जरूरी हो जाता है। वाच्य के भेद तीन होते हैं- कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भववाच्या।

1. कर्तृवाच्य (Active Voice)

कर्तृवाच्य किसे कहते हैं?

कर्तृवाच्य किसे कहते हैं अक्सर पूछ जाने वाला सवाल है। कर्तृवाच्य एक ऐसा व्याकरणिक रूप है जिसमें वाक्य का कर्ता (जो काम करता है) मुख्य भूमिका में होता है। इसमें कर्ता सक्रिय और प्रमुख होता है, और क्रिया उसी के अनुसार चलती है। यह हमारी भाषा को अधिक जीवंत, सटीक और अर्थपूर्ण बनाता है।

कर्तृवाच्य के उपयोग

कर्तृवाच्य किसे कहते हैं जानने के बाद कर्तृवाच्य के उपयोगों को जानना भी बेहद जरूरी हो जाता है। कर्तृवाच्य का उपयोग मुख्य रूप से निम्न जगहों पर होते हैं:

  1. रोजमर्रा की बोलचाल में:
  • “राम पानी पी रहा है” – यहाँ राम कर्ता है और पानी पीने की क्रिया कर रहा है।
  • “सीता किताब पढ़ रही है” – सीता कर्ता है और किताब पढ़ने की क्रिया कर रही है।

      2. साहित्यिक लेखन में:

  • कहानियों और उपन्यासों में पात्रों की गतिविधियों को स्पष्ट करने में
  • कविताओं में भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने में

      3. माचार और पत्रकारिता में:

  • घटनाओं का विवरण देने में
  • किसी की गतिविधियों को बताने में

कर्तृवाच्य के उदाहरण

  1. रमेश बाजार जाता है। – यहां ‘रमेश’ कर्ता है और वही बाजार जा रहा है।
  2. सीता खाना बनाती है। – यहां ‘सीता’ कर्ता है और वही खाना बना रही है।
  3. मैं गाना गाता हूं। – यहां ‘मैं’ कर्ता हूं और मैं ही गाना गा रहा हूं।
  4. तुम किताब पढ़ते हो। – यहां ‘तुम’ कर्ता हो और तुम ही किताब पढ़ रहे हो।
  5. वे खेल रहे हैं। – यहां ‘वे’ कर्ता हैं और वे ही खेल रहे हैं।

2. कर्मवाच्य (Passive Voice)

कर्तृवाच्य किसे कहते हैं जानने के बाद कर्म वाच्य किसे कहते हैं, इसके उपयोग और कुछ उदाहरणों के बारे में भी जानना जरूरी हो जाता है।

कर्म वाच्य किसे कहते हैं?

कर्म वाच्य एक ऐसी व्याकरणिक स्थिति है जिसमें वाक्य में कर्म को प्रमुखता दी जाती है, और कर्ता द्वितीय हो जाता है या पूरी तरह से अनुपस्थित हो सकता है।

आसान भाषा में, कर्मवाच्य ऐसा वाक्य है जिसमें काम का प्रभाव किस पर पड़ रहा है, उस पर ज़ोर दिया जाता है। यानी, वाक्य में जो काम हो रहा है, उसका परिणाम किस पर हो रहा है, इस पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

कर्मवाच्य के उपयोग

सामाजिक और औपचारिक लेखन में:

  • जब कर्ता का महत्व कम होता है
  • सरकारी दस्तावेजों और पत्रों में
  • समाचार रिपोर्टों में तटस्थता बनाने के लिए
  • उदाहरण: “आज सड़क पर मरम्मत की जा रही है।”

साहित्यिक रचनाओं में:

  • कहानियों और उपन्यासों में विशेष प्रभाव लाने के लिए
  • भावनात्मक अभिव्यक्ति में
  • रचनात्मक लेखन में नाटकीयता बढ़ाने के लिए
  • उदाहरण: “उसके द्वारा प्रेम कविता लिखी गई।”

वैज्ञानिक और तकनीकी लेखन में:

  • प्रक्रियाओं का वर्णन करने में
  • तटस्थ भाषा में जानकारी प्रस्तुत करने में
  • शोध निबंधों में

कर्मवाच्य के उदाहरण

  1. रमेश द्वारा यह काम किया गया। – यहां काम “रमेश” के द्वारा किया गया है, लेकिन ज़ोर इस बात पर है कि काम किस पर किया गया है।
  2. मुझसे यह गाना गाया नहीं जा सकता। – यहां “गाना गाना” काम है और यह काम “मुझसे” नहीं किया जा सकता।
  3. उसके द्वारा यह चित्र बनाया गया था। – यहां “चित्र बनाना” काम है और यह काम “उसके द्वारा” किया गया था।

3. भाववाच्य (Impersonal Voice)

भाववाच्य की परिभाषा

भाववाच्य हिंदी व्याकरण का एक विशेष प्रकार है जिसमें क्रिया का प्रभाव कर्ता पर पड़ता है। इसमें कर्ता स्वयं क्रिया को करने की बजाय क्रिया के परिणाम को भोगता है।

आसान शब्दों में, भाववाच्य ऐसा वाक्य है जिसमें किसी काम या भावना पर ज़ोर दिया जाता है, न कि किसी व्यक्ति या वस्तु पर। दूसरे शब्दों में, वाक्य में जो काम हो रहा है, उससे पैदा होने वाली भावना या स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। 

भाववाच्य हमारी भाषा को अधिक संवेदनशील बनाता है, भावनाओं को गहराई से व्यक्त करने में मदद करता है और संप्रेषण को अधिक प्रभावशाली बनाता है।

भाववाच्य के उपयोग

व्यक्तिगत अनुभवों में:

  • जब किसी पर कोई क्रिया का प्रभाव पड़ता है
  • अपनी भावनाओं और अनुभूतियों को व्यक्त करने में
  • आंतरिक संवेदनाओं को दर्शाने में
  • उदाहरण:”मुझे बुखार आ रहा है”, “उसे भूख लग रही है”

चिकित्सा और स्वास्थ्य संबंधी संदर्भों में:

  • शारीरिक और मानसिक स्थितियों का वर्णन करने में
  • स्वास्थ्य संबंधी अनुभवों को बयान करने में
  • उदाहरण: “मुझे चक्कर आ रहे हैं”, “उन्हें सर्दी हो रही है”

भाववाच्य के उदाहरण

  1. मुझसे नहीं पढ़ा जाता। – यहां ‘पढ़ा जाना’ एक भाव को दर्शाता है कि पढ़ाई करना मुश्किल लग रहा है।
  2. उससे नहीं सोया जाता। – यहां ‘सोया जाना’ एक भाव को दर्शाता है कि सोना मुश्किल हो रहा है।
  3. मुझसे नहीं खाया जाता। – यहां ‘खाया जाना’ एक भाव को दर्शाता है कि भूख नहीं लग रही है।

वाच्य परिवर्तन (Transformation of Voice)

वाच्य परिवर्तन का मतलब है वाक्य के वाच्य (कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, या भाववाच्य) को बदलना, जिससे वाक्य का अर्थ तो वही रहे लेकिन उसकी संरचना में बदलाव हो। हिंदी व्याकरण में वाच्य परिवर्तन का उपयोग वाक्य को प्रभावी और स्पष्ट बनाने के लिए किया जाता है।

कर्तृवाच्यराम ने किताब पढ़ी।सीता ने गाना गाया।मोहन ने खाना खाया।
कर्मवाच्यकिताब राम द्वारा पढ़ी गई।गाना सीता द्वारा गाया गया।खाना मोहन द्वारा खाया गया।
भाववाच्यराम से किताब पढ़ी जाती है।सीता से गाना गाया जाता है।मोहन से खाना खाया जाता है।
वाच्य परिवर्तन

वाच्य परिवर्तन के नियम

वाच्य परिवर्तन के कुछ नियमों को जानने से कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन, कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन और भाववाच्य से कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य में परिवर्तन आसान हो जाता है।

कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन:

  • कर्ता (जो कार्य करता है) द्वितीय हो जाता है।
  • कर्म (जिस पर कार्य होता है) प्रमुख बनता है।
  • “के द्वारा” का उपयोग होता है।
  • क्रिया के रूप में “गया, दी गई, किया गया” आदि का प्रयोग होता है।
कर्तृवाच्यकर्मवाच्य
राम ने पत्र लिखा।पत्र राम द्वारा लिखा गया।
मोहन ने गाना गाया।गाना मोहन द्वारा गाया गया।
बच्चों ने खेल खेला।खेल बच्चों द्वारा खेला गया।
राम ने खाना खाया।खाना राम के द्वारा खाया गया।
सीता ने पत्र लिखा।पत्र सीता के द्वारा लिखा गया।

कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन:

  • क्रिया का जोर कर्म पर होता है। 
  • भाववाच्य में कर्ता को “से” जोड़कर व्यक्त किया जाता है।
कर्तृवाच्यभाववाच्य
मैं सोता हूँ।मुझसे सोया जाता है।
राम दौड़ता है।राम से दौड़ा जाता है।
लड़की नाचती है।लड़की से नाचा जाता है।
बच्चा रोता है।बच्चे से रोया जाता है।
छात्र पढ़ता है।छात्र से पढ़ा जाता है।

कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन:

  • कर्म द्वितीय हो जाता है।
  • कर्ता प्रमुख बनता है।
  • क्रिया के रूप में “ने” का प्रयोग होता है।
कर्मवाच्यकर्तृवाच्य
पुस्तक बच्चों के द्वारा पढ़ी गई।खाना माँ के द्वारा बनाया गया।
बच्चों ने पुस्तक पढ़ी।माँ ने खाना बनाया।
पत्र राम द्वारा लिखा गया।राम ने पत्र लिखा।
खेल बच्चों द्वारा खेला गया।बच्चों ने खेल खेला।
गाना मोहन द्वारा गाया गया।मोहन ने गाना गाया।

कर्मवाच्य से भाववाच्य परिवर्तन:

  • ‘द्वारा’ की जगह ‘से’ का प्रयोग होता है
  • क्रिया पुल्लिंग एकवचन में रहती है
  • क्रिया में ‘जाता है’, ‘जाती है’ का प्रयोग होता है
कर्मवाच्यभाववाच्य
राम द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।राम से पढ़ा जाता है।
छात्रों द्वारा परीक्षा दी जाती है।छात्रों से परीक्षा दी जाती है।
माँ द्वारा खाना बनाया जाता है।माँ से खाना बनाया जाता है।
किसान द्वारा खेत जोता जाता है।किसान से खेत जोता जाता है।
शिक्षक द्वारा पाठ पढ़ाया जाता है।शिक्षक से पाठ पढ़ाया जाता है।

भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन:

  • वाक्य में “से” वाले भाग हट जाता है।
  • कर्ता को वाक्य का मुख्य विषय बनाया जाता है।
  • क्रिया में ‘सकना’ या ‘पाना’ जैसे सहायक क्रिया का प्रयोग होता है
भाववाच्यकर्तृवाच्य
मुझसे सोया नहीं जाता।मैं सो नहीं सकता/सकती।
बच्चों से दौड़ा जा रहा है।बच्चे दौड़ रहे हैं।
राम से चला नहीं जाएगा।राम नहीं चल सकेगा।
उससे पढ़ा नहीं जाता था।वह पढ़ नहीं सकता था।
तुमसे खाया नहीं जाएगा।तुम नहीं खा सकोगे/सकोगी।

भाववाच्य से कर्मवाच्य परिवर्तन

  • ‘से’ की जगह ‘द्वारा’ का प्रयोग होता है।
  • क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाई जाती है।
  • वाक्य की संरचना थोड़ी जटिल हो जाती है।
भाववाच्यकर्मवाच्य
मुझसे सोया नहीं जाता।मेरे द्वारा नींद नहीं ली जाती।
उससे पढ़ा नहीं जाता।उसके द्वारा पढ़ाई नहीं की जाती।
राम से बैठा नहीं जाता।राम द्वारा बैठा नहीं जाता।
मोहन से खेला नहीं जाता।मोहन द्वारा खेल नहीं खेला जाता।
श्याम से दौड़ा नहीं जाता।श्याम द्वारा दौड़ नहीं लगाई जाती।

कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में अंतर

पहलूकर्तृवाच्यकर्मवाच्य
परिभाषाजब वाक्य में कर्ता (कार्य करने वाला) प्रमुख हो, तो उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।जब वाक्य में कर्म (जिस पर कार्य हो रहा है) प्रमुख हो, तो उसे कर्मवाच्य कहते हैं।
प्रमुख तत्वकर्तृवाच्य में कर्ता मुख्य भूमिका में होता है।कर्मवाच्य में कर्म मुख्य भूमिका में होता है।
वाक्य का अर्थवाक्य का अर्थ कर्ता के द्वारा किया गया काम निकलता है।वाक्य का अर्थ काम का प्रभाव निकलता है।
क्रिया का रूप कर्तृवाच्य में क्रिया कर्ता के अनुसार होती है।कर्मवाच्य क्रिया कर्म के अनुसार होती है और “गया, दी गई, किया गया” आदि शब्दों का प्रयोग होता है।
“के द्वारा” का उपयोगवाक्य में “के द्वारा” का उपयोग नहीं होता।वाक्य में “के द्वारा” का उपयोग किया जाता है।
निपातनेद्वारा, से
उदाहरणमैंने कल एक पत्र लिखा। एक पत्र कल मेरे द्वारा लिखा गया।
वाक्य संरचना[कर्ता] + [ने] + [क्रिया] + [कर्म]।[कर्म] + [कर्ता का उल्लेख] + [के द्वारा] + [क्रिया]।
ध्यान देने योग्य बातकर्तृवाच्य वाक्य में हमेशा कर्ता को प्रमुखता दी जाती है।कर्मवाच्य वाक्य में हमेशा कर्म को प्रमुखता दी जाती है।
प्रयोगकर्तृवाच्य का प्रयोग तब किया जाता है जब यह दिखाना हो कि कार्य किसने किया है।कर्मवाच्य का प्रयोग तब किया जाता है जब यह दिखाना हो कि कार्य किस पर किया गया है।
कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में अंतर

वाच्य का साहित्य और लेखन में महत्व 

वाच्य, हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह किसी वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में से किस पर ज़ोर दिया जा रहा है, यह बताता है। साहित्य और लेखन में, वाच्य का प्रयोग लेखन को अधिक प्रभावी और सटीक बनाने में मदद करता है। आइए जानते हैं कैसे।

वाच्य का साहित्य में महत्व

  • भावों की अभिव्यक्ति: भाववाच्य का प्रयोग लेखक को अपनी भावनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से व्यक्त करने में मदद करता है। जैसे, “मुझसे नहीं पढ़ा जाता” से लेखक अपनी पढ़ाई में आ रही कठिनाई को बयां कर सकता है।
  • पात्रों का चित्रण: कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य का प्रयोग पात्रों के कार्यों और उनके ऊपर होने वाले प्रभावों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इससे पाठक पात्रों से बेहतर तरीके से जुड़ पाते हैं।
  • कहानी की गति: वाच्य के प्रयोग से कहानी की गति को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। कर्तृवाच्य कहानी को गतिशील बनाता है, जबकि कर्मवाच्य कहानी को धीमा कर सकता है।
  • शैली और अंदाज: विभिन्न वाच्यों का प्रयोग लेखक की शैली और अंदाज को दर्शाता है। कुछ लेखक भाववाच्य का अधिक प्रयोग करते हैं, जबकि कुछ कर्तृवाच्य का।
  • पाठक पर प्रभाव: वाच्य का उचित प्रयोग पाठक को कहानी में खींचने और उसे भावुक करने में मदद करता है।

वाच्य का लेखन में महत्व

  • स्पष्टता: वाच्य का सही प्रयोग वाक्यों को अधिक स्पष्ट और सटीक बनाता है। इससे पाठक का ध्यान भटकता नहीं है।
  • विविधता: विभिन्न वाच्यों का प्रयोग लेखन को अधिक रोचक बनाता है। एक ही तरह के वाक्यों का बार-बार प्रयोग पढ़ने वाले को ऊबा सकता है।
  • सटीकता: वाच्य का प्रयोग लेखक को अपने विचारों को सटीक रूप से व्यक्त करने में मदद करता है।
  • भावनात्मक गहराई: भाववाच्य का प्रयोग लेखन में भावनात्मक गहराई लाता है।
  • पेशेवर छवि: सही वाक्य रचना एक पेशेवर छवि बनाती है।

निष्कर्ष

वाच्य किसे कहते हैं जानना न केवल आपके वाक्य की संरचना को स्पष्ट करता है, बल्कि आपको यह भी जानने में मदद करता है कि वाक्य में कर्ता और कर्म की भूमिका क्या है। चाहे आप किसी वाक्य को कर्तृवाच्य में रखें, कर्मवाच्य में बदलें, या भाववाच्य के रूप में व्यक्त करें, इसका सही उपयोग आपकी लेखन शैली को प्रभावी और सरल बना सकता है।

वाच्य के भेदों को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि जब कर्ता मुख्य होता है, तो उसे कर्तृवाच्य कहा जाता है। वहीं, जब कर्म को प्राथमिकता दी जाती है, तो वह कर्म वाच्य किसे कहते हैं की परिभाषा में आता है। भाषा की यह गहराई न केवल व्याकरण को मजबूत बनाती है, बल्कि आपके लेखन में भी निखार लाती है।

अंत में, भाषा का सौंदर्य वाक्यों की सही संरचना में है। वाच्य का सही उपयोग न केवल आपकी भाषा को परिष्कृत करता है, बल्कि इसे समझने और समझाने में भी आसान बनाता है। 

इस ब्लॉग में माध्यम से आपने जाना कि वाच्य किसे कहते हैं, वाच्य के भेद कितने होते हैं, कर्तृवाच्य किसे कहते हैं, कर्म वाच्य किसे कहते हैं, भाववाच्य किसे कहते हैं, वाच्य परिवर्तन कैसे करें, इसका क्या महत्व है और कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में क्या अंतर है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

वाच्य किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?

वाच्य वह रूप है जो वाक्य में क्रिया के कर्ता, कर्म और उनके आपसी संबंध को दर्शाता है। वाच्य के तीन प्रकार होते हैं: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, और भविष्यवाच्य।

वाच्य की पहचान कैसे करें?

वाच्य की पहचान क्रिया के कर्ता, कर्म और उनके आपसी संबंधों से की जाती है। यदि कर्ता सक्रिय रूप से क्रिया कर रहा है तो वह कर्तृवाच्य होता है। यदि क्रिया का प्रभाव कर्म पर है तो वह कर्मवाच्य होता है।

राम ने खाना खाया कौन सा वाच्य है?

“राम ने खाना खाया” वाक्य कर्मवाच्य (Active Voice) है, क्योंकि इसमें कर्ता (राम) द्वारा क्रिया (खाना खाना) की जा रही है और क्रिया का मुख्य उद्देश्य कर्ता से जुड़ा है।

भाववाच्य को कैसे पहचानें?

भाववाच्य वाक्य में क्रिया का प्रभाव कर्म पर होता है, जबकि कर्ता अप्रकट या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा रहता है। इसे पहचानने के लिए वाक्य में कर्ता का स्पष्ट उल्लेख नहीं होता।

कर्मवाच्य कैसे पहचाने?

कर्मवाच्य में कर्म को प्रमुख स्थान दिया जाता है। इसमें क्रिया का रूप कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार बदलता है, जबकि कर्त्ता तृतीया विभक्ति में होता है। इस संरचना में वाक्य का जोर इस बात पर होता है कि कार्य किस पर हो रहा है, न कि किसने किया।

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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.