साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार (1955 - 2024): भारतीय साहित्य का सर्वोच्च सम्मान

Published on July 15, 2025
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साहित्य अकादमी पुरस्कार

Quick Summary

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत का सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान है, जो भारतीय भाषाओं में प्रकाशित श्रेष्ठ साहित्यिक कृतियों को दिया जाता है।
  • यह पुरस्कार भारत की 24 अलग-अलग भाषाओं में दिए जाते हैं, जो भारतीय साहित्य की विविधता को दर्शाता है।
  • यह पुरस्कार भारतीय साहित्य को प्रोत्साहित करने और लेखकों को मान्यता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Table of Contents

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत के प्रमुख साहित्यिक पुरस्कारों में से एक है। यह पुरस्कार भारतीय भाषाओं के लेखकों को उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों के लिए प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य भारत की सभी भाषाओ के साहित्य को प्रोत्साहित करना है। इस ब्लॉग में हम साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत, पुरस्कार प्राप्त करने की प्रक्रिया, साहित्य अकादमी पुरस्कार लिस्ट, साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 विजेताओं के नाम और किस मुख्यमंत्री को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है इसके बारे में जानेंगे। 

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत का एक प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान है, जो भारत की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित श्रेष्ट साहित्यिक कृतियों को दिया जाता है। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है, जो भारत में साहित्य को बढ़ावा देने के लिए स्थापित एक स्वायत्त संस्था है। साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत की 24 अलग-अलग भाषाओँ में दिया जाता है| 

साहित्य अकादमी पुरस्कार क्या है? | Sahitya Akademi Award in hindi

साहित्य अकादमी भारत में ज्ञान की राष्ट्रीय संस्था है, जिसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा 1954 में एक प्रमुख साहित्यिक संगठन के रूप में की गई थी। यह संस्था चौबीस मान्यता प्राप्त भारतीय भाषाओं में रचे जा रहे साहित्य को संरक्षण और प्रोत्साहन प्रदान करती है। यह कार्य वह साहित्य अकादमी पुरस्कार, वृत्तियों, अनुदानों, प्रकाशनों, साहित्यिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से करती है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत कब और क्यों हुई?

साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत 1954 में हुई थी। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के साहित्य को प्रोत्साहित करना और सम्मानित करना था। भारतीय साहित्य को विश्व पटल पर पहचान दिलाने और उसे समृद्ध करने के लिए यह पुरस्कार एक महत्वपूर्ण कदम था। साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में हुई और उसी वर्ष से यह पुरस्कार प्रदान किया जाने लगा था| 
साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत 1954 में हुई थी। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के साहित्य को प्रोत्साहित करना और सम्मानित करना था। भारतीय साहित्य को विश्व पटल पर पहचान दिलाने और उसे समृद्ध करने के लिए यह पुरस्कार एक महत्वपूर्ण कदम था। साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में हुई और उसी वर्ष से यह पुरस्कार प्रदान किया जाने लगा था| 

यह पुरस्कार किस क्षेत्र में दिया जाता है?

साहित्य अकादमी पुरस्कार साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में दिया जाता है, जैसे कविता, उपन्यास, कहानी, नाटक, आलोचना और निबंध। यह पुरस्कार भारतीय भाषाओं में लिखी गई उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को मान्यता देता है। इसके अलावा, यह पुरस्कार साहित्यिक योगदान के लिए भी दिया जाता है, जैसे अनुवाद और साहित्यिक शोध।

पुरस्कार प्राप्त करने की प्रक्रिया

साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए अकादमी की वेबसाइट पर अपनी प्रकाशित साहित्यिक कृति के साथ आवेदन किया जाता है| अकादमी के सदस्य अलग-अलग भाषाओँ के लिए प्राप्त आवेदनों में से सर्वश्रेष्ट साहित्यिक कृति का चुनाव करते हैं|

पुरस्कार किस भाषा के लिए दिया जाता है?

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत की 24 मान्यता प्राप्त भाषाओं में दिया जाता है। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, असमिया, कश्मीरी, डोगरी, मैथिली, नेपाली, संथाली, सिंधी, बोडो, मणिपुरी, राजस्थानी और भोजपुरी शामिल हैं। इन भाषाओं में लिखी गई उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को इस पुरस्कार के लिए चुना जाता है।

पुरस्कार के लिए साहित्य कृति की चयन प्रक्रिया

साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया बहुत ही सटीक और निष्पक्ष होती है। सबसे पहले, विभिन्न भाषाओं के विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाती है। ये समिति सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों का चयन करते हैं। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का विशेष ध्यान रखा जाता है। समिति द्वारा चुनी गई कृतियों को फिर एक अन्य समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, जो अंतिम निर्णय लेती है।

पुरस्कार विजेता के चयन के लिये मानदंड

  • लेखक के पास अनिवार्य रूप से भारतीय राष्ट्रीयता होनी चाहिये।
  • पुरस्कार के लिये पात्र पुस्तक/रचना का संबंधित भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान।
  • जब दो या दो से अधिक साहित्यिक कृतियों में से चयन के लिए कुछ निश्चित मानदंडों जैसे- साहित्य के क्षेत्र में कुल योगदान तथा लेखकों की स्थिति/प्रतिष्ठा आदि को ध्यान में रखा जाता है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार में विजेता को क्या मिलता है?

साहित्य अकादमी पुरस्कार में पुरस्कार विजेता को एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक नकद राशि प्रदान की जाती है। वर्तमान में यह नकद राशि 1,00,000 रुपये है। इसके साथ ही, पुरस्कार विजेता को साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर भी मिलता है। यह पुरस्कार साहित्यकारों को मान्यता और प्रोत्साहन देने के लिए प्रदान किया जाता है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार के 5 तथ्य | Sahitya Academy Award

  1. यह पुरस्कार साहित्य और भाषा के क्षेत्र में योगदान के लिए दिया जाता है।
  2. यह पुरस्कार 8वीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं तथा अंग्रेजी और राजस्थानी सहित कुल 24 भाषाओं के लिए दिया जाता है।
  3. इसकी स्थापना 1954 में की गई थी, जिसके पहले अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे।
  4. इसका उद्देश्य भारत की समृद्ध और विविध साहित्यिक विरासत को बढ़ावा देना और उसको संरक्षित रखना है।
  5. पुरस्कार विजेता को ₹1,00,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार लिस्ट और उनका साहित्य

1954 से 2024 तक की Sahitya Akademi Puraskar List और उनका साहित्य-

Sahitya Akademi Award Winners List
वर्षलेखककामकाम के प्रकार
1955माखनलाल चतुर्वेदीहिम तरंगिनीकविता
1956वासुदेव शरण अग्रवालपद्मावत संजीवनी व्याख्याटीका
1957आचार्य नरेन्द्र देवबौद्ध धर्म दर्शनदर्शन
1958राहुल सांकृत्यायनमध्य एशिया का इतिहासइतिहास
1959रामधारी सिंह ‘दिनकर’संस्कृति के चार अध्यायभारतीय संस्कृति का एक सर्वेक्षण
1960सुमित्रा नंदन पंतकाला और बूढ़ा चाँदकविता
1961भगवती चरण वर्माभूले बिसरे चित्रउपन्यास
1962कोई पुरस्कार नहीं
1963अमृत रायप्रेमचंद: कलम का सिपाहीजीवनी
1964अज्ञेयआँगन के पर द्वारकविता
1965नागेन्द्ररस सिद्धांतकाव्यशास्त्र पर ग्रंथ
1966जैनेन्द्र कुमारमुक्तिबोधलघु उपन्यास
1967अमृतलाल नागरअमृत और विषउपन्यास
1968हरिवंशराय बच्चनडो चट्टानेनकविता
1969श्रीलाल शुक्लराग दरबारीउपन्यास
1970रामविलास शर्मानिराला की साहित्य साधनाजीवनी
1971नामवर सिंहकविता के नये प्रतिमानसाहित्यिक आलोचना
1972भवानी प्रसाद मिश्रबूनी हुई रस्सीकविता
1973हजारी प्रसाद द्विवेदीआलोक पर्वनिबंध
1974शिवमंगल सिंह ‘सुमन’मिट्टी की बारातकविता
1975भीष्म साहनीतमसउपन्यास
1976यशपालमेरी तेरी उसकी बातउपन्यास
1977शमशेर बहादुर सिंहचुका भी हूं नहीं मैंकविता
1978भारत भूषण अग्रवालउतना वह सूरज हैकविता
1979सुदामा पांडे ‘धूमिल’कल सुनाना मुझेकविता
1980कृष्णा सोबतीजिंदगीनामा – जिंदा रुखउपन्यास
1981त्रिलोचनतप के ताये हुए दिनकविता
1982हरिशंकर परसाईविकलांग श्रद्धा का दौरहास्य व्यंग्य
1983सर्वेश्वर दयाल सक्सेनाखूटियों पर तांगे लोगकविता
1984रघुवीर सहायलोग भूल गए हैंकविता
1985निर्मल वर्माकव्वे और काला पानीलघु कथाएँ
1986केदारनाथ अग्रवालअपूर्वकविता
1987श्रीकांत वर्मामगधकविता
1988नरेश मेहताअरण्यकविता
1989केदारनाथ सिंहअकाल में सारसकविता
1990शिव प्रसाद सिंहनीला चंदउपन्यास
1991गिरिजा कुमार माथुरमैं वक्त के हूं सामनेकविता
1992गिरिराज किशोरढाई घरउपन्यास
1993विष्णु प्रभाकरअर्धनारीश्वरउपन्यास
1994अशोक वाजपेयीकहीं नहीं वहींकविता
1995कुंवर नारायणकोई दूसरा नहींकविता
1996सुरेन्द्र वर्मामुझे चाँद चाहिएउपन्यास
1997लीलाधर जगूड़ीअनुभव के आकाश में चाँदकविता
1998अरुण कमलनये इलाके मेंकविता
1999विनोद कुमार शुक्लादीवार मैं एक खिड़की रहती थीउपन्यास
2000मंगलेश डबरालहम जो देखते हैंकविता
2001अलका सरावगीकाली-कथा : बाईपास सेउपन्यास
2002राजेश जोशीदो पंक्तियों के बीचकविता
2003कमलेश्वरकितने पाकिस्तानउपन्यास
2004वीरेन डंगवालदुष्चक्र में सृस्ताकविता
2005मनोहर श्याम जोशीक्यापउपन्यास
2006ज्ञानेन्द्रपतिसंशयात्माकविता
2007अमर कांतइन्ही हथियारों सेउपन्यास
2008गोविंद मिश्राकोहरे में कैद रंगउपन्यास
2009कैलाश वाजपेयीहवा में हस्ताक्षरकविता
2010उदय प्रकाशमोहन दासलघु कथाएँ
2011काशीनाथ सिंहरेहान पर रघुउपन्यास
2012चंद्रकांत देवतालेपत्थर फेंक रहा हूंकविता
2013मृदुला गर्गमिलजुल मैनउपन्यास
2014रमेश चंद्र शाहविनायकउपन्यास
2015रामदरश मिश्राआग की हंसीकविता
2016नासिरा शर्मापारिजातउपन्यास
2017रमेश कुंतल मेघविश्व मिथक सरित सागरसाहित्यिक आलोचना
2018चित्रा मुद्गलपोस्ट बॉक्स नंबर 203 – नाला सोपाराउपन्यास
2019नंद किशोर आचार्यछीलते हुए अपने कोकविता
2020अनामिकाटोकरी में दिगन्त ‘उनकी गाथा’कविता
2021दया प्रकाश सिन्हासम्राट अशोकखेल
2022बद्री नारायणतुमाडी के शब्दकविता
2023संजीवमुझे पता हैउपन्यास
2024 दिवंगत चमन अरोड़ा ‘इक होर अश्वत्थामा’डोगरी
साहित्य अकादमी पुरस्कार लिस्ट (Sahitya Akademi Puraskar list) | Hindi Sahitya Akademi Puraskar

साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 लिस्ट: विजेताओं की सूची (सभी भाषाओं में)

भारत की अलग-अलग भाषाओं मे साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024(Sahitya Akademi Award Winners list) के विजेताओं की सूची इस प्रकार है-

क्र.संलेखक का नामपुस्तक का नाम (विधा)भाषा
1.नयनज्योति शर्माजाल कोटा जुंइ (कहानी-संग्रह)असमिया
2.सुपान चक्रवर्तीदेराझ हाबुदु फूल, गाताजन्मा (कविता-संग्रह)बाङ्ला
3.सेफ्लू मेइड रानी बर’साइरखुबुम (कहानी-संग्रह)बोडो
4.होना चौधरीइक रंग सौ रंगें आ (कविता-संग्रह)डोगरी
5.के. बैजल्लीहोमलस ग्रोइन अप सोशियलाइज़िंग एंड डिस्सेमिनेटिंग इन इंडिया (संस्मरण)अंग्रेजी
6.रिंकु राठौड़ ‘श्रवंती’….तो तमे राजी? (कविता-संग्रह)गुजराती
7.गौरव पाण्डेयस्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी (कविता-संग्रह)हिंदी
8.धृति बी. आर.ज़ीरो बॅलेस (कविता-संग्रह)कन्नड़
9.मो. अशरफ ज़ियाऐन बदस (सामालोचना एवं शोधलेख)कश्मीरी
10.अंर्र्त चंद्रकांत साळगांवकरपेडणच्या सामार (निबंध-संग्रह)कोंकणी
11.रिंकी झा ऋषिकानदी घाटी सभ्यता (कविता-संग्रह)मैथिली
12.श्यामकृष्ण आर.मिथिकल्कुलन (कहानी-संग्रह)मलयालम
13.वाइखोम बिंगखेइजंगबाअखिशा तूरल (कविता-संग्रह)मणिपुरी
14.देवदास सौदागरउसणप (उपन्यास)मराठी
15.सूरश चापागाईंव्यानमास्को थिबितिअ (कविता-संग्रह)नेपाली
16.संजय पांडाहू बाइआ (कहानी-संग्रह)ओड़िया
17.रणधीरख़त जो लिख्याँ रह गए (कविता-संग्रह)पंजाबी
18.सोनाली सुधासुध साधू जग आंगणे (कविता-संग्रह)राजस्थानी
19.अंजन करमाकरजंगबाहा (कविता-संग्रह)संथाली
20.गीता प्रदीप ऋषाणीपेपर पथ (लेख-संग्रह)सिंधी
21.लोकेश रघुसामनविष्णु वंश (कहानी-संग्रह)तमिळ
22.रमेश कार्तिक नायकधावळो (कहानी-संग्रह)तेलुगू
23.जावेद अंबर मिर्ज़ाबादीस्टपनी (कहानी-संग्रह)उर्दू
24. अरुण रंजन मिश्राशून्य मेघ(कविता-संग्रह)संस्कृत 
साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 | Sahitya Akadami ka Puraskar kis Rachna ke Liye Mila

साहित्य अकादमी पुरस्कार की सम्पूर्ण जानकारी | Sahitya Akademi Award 2024

साहित्य अकादमी पुरस्कार का भारतीय साहित्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस पुरस्कार ने लेखकों को अपने साहित्यिक योगदान के लिए प्रोत्साहित किया है और उन्हें मान्यता प्रदान की है। इससे भारतीय साहित्य की विविधता और समृद्धि को भी बढ़ावा मिला है।

पुरस्कार राशि
इस पुरस्कार के अंतर्गत एक ताम्रपत्र, एक शॉल और 1 लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है।

भारतीय भाषाएँ:
यह पुरस्कार संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी और राजस्थानी भाषा में प्रकाशित श्रेष्ठ साहित्यिक कृतियों को प्रदान किया जाता है।

अन्य पुरस्कार:
साहित्य अकादमी द्वारा अनुवाद पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार और युवा लेखक पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जिनमें प्रत्येक के तहत 50,000 रुपये की पुरस्कार राशि निर्धारित है।

विजेताओं का चयन:
पुरस्कारों के लिए चयन की प्रक्रिया वार्षिक होती है, जो पूरे वर्ष चलती है और पिछले 12 महीनों की साहित्यिक कृतियों की समीक्षा के आधार पर विजेताओं का चयन किया जाता है।

हाल ही में साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 डोगरी भाषा के लेखक चमन अरोड़ा को उनकी कृति “इक होर अश्वत्थामा” के लिए प्रदान किया गया है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार से जुड़ी अनसुनी बातें | Sahitya Akadami puraskar

  1. साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित की जाने वाली पट्टिका का डिजायन भारतीय फिल्म निर्माता सत्यजीत रे द्वारा किया गया था।
  2. माखनलाल चतुर्वेदी पहले हिंदी लेखक हैं, जिन्होंने 1955 में अपने काव्य “हिम तरंगिनी” (कविता) के लिए यह पुरस्कार जीता था।
  3. साहित्य अकादमी जैसे कुछ अन्य पुरस्कार भी दिये जाते हैं, जैसे- भाषा सम्मान पुरस्कार, अनुवाद पुरस्कार और बाल साहित्य पुरस्कार।
  4. 1962 मे किसी भी लेखक को साहित्य अकादमी पुरस्कार नहीं दिया गया था।
  5. अगर हम जानेंगे कि किस मुख्यमंत्री को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है, तो 2004 से 2007 तक कर्णाटक के मुख्यमंत्री रहें श्रीवीरप्पा मोइली को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वीरप्पा मोइली को उनके महाकाव्य ‘श्री बबाशी अहिमासा-दिग्विजयम’ के लिए वर्ष 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।

साहित्य अकादमी का गठन और उद्देश्य

साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय साहित्य को प्रोत्साहित करना और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना था। साहित्य अकादमी विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, यह साहित्यिक कार्यक्रमों, सेमिनारों, और कार्यशालाओं का आयोजन भी करती है। इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट कृतियों को पहचान देना, उन्हें प्रोत्साहित करना और नवीन साहित्यिक प्रवृत्तियों को स्वीकार करना है।

साहित्य अकादमी की अन्य गतिविधियाँ | Yuva Puraskar Award

साहित्य अकादमी केवल पुरस्कार प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कई अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित करती है। इसमें साहित्यिक सम्मेलनों का आयोजन, साहित्यिक पत्रिकाओं का प्रकाशन, और विभिन्न भाषाओं में साहित्यिक कृतियों का अनुवाद शामिल है। यह साहित्यिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए भी कार्य करती है।

साहित्य अकादमी के प्रमुख पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा, साहित्य अकादमी कई अन्य पुरस्कार भी प्रदान करती है। इनमें बाल साहित्य पुरस्कार, युवा साहित्य पुरस्कार, और अनुवाद पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए दिए जाते हैं।

साहित्य अकादमी के प्रकाशन

साहित्य अकादमी विभिन्न भाषाओं में साहित्यिक पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन करती है। इसके अलावा, यह साहित्यिक अनुवादों को भी प्रोत्साहित करती है ताकि विभिन्न भाषाओं के साहित्यिक कृतियों को एक-दूसरे तक पहुंचाया जा सके। साहित्य अकादमी की पुस्तकें और पत्रिकाएं उच्च गुणवत्ता की होती हैं और साहित्यिक जगत में उच्च सम्मानित होती हैं।

साहित्य अकादमी के पुस्तकालय और संग्रह

साहित्य अकादमी के पास एक विशाल पुस्तकालय और साहित्यिक संग्रह है। इस पुस्तकालय में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक कृतियों का एक बड़ा संग्रह है। यह पुस्तकालय शोधकर्ताओं, साहित्यकारों, और साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।

निष्कर्ष

इस ब्लॉग में हमने साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत, पुरस्कार प्राप्त करने की प्रक्रिया, साहित्य अकादमी पुरस्कार लिस्ट, साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 विजेताओं के नाम और किस मुख्यमंत्री को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है इसके बारे में जानने की कोशिश की है। साहित्य अकादमी पुरस्कार भारतीय साहित्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। यह पुरस्कार न केवल लेखकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित करता है, बल्कि भारतीय साहित्य की समृद्धि और विविधता को भी प्रोत्साहित करता है। यह पुरस्कार न केवल लेखकों को मान्यता देता है, बल्कि उन्हें और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित भी करता है। साहित्य अकादमी पुरस्कार ने भारतीय साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आगे भी निभाता रहेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1987 में मगध के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार किसे दिया गया?

1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार हिंदी कवि श्रीकांत वर्मा को उनकी कविता संग्रह “मगध” के लिए दिया गया था।

साहित्य अकादमी पुरस्कार की स्थापना कब की गई थी?

साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में हुई थी।

साहित्य अकादमी पुरस्कार में वर्तमान में कितनी राशि दी जाती है?

1955: 5,000/- रुपए
1983: 10,000/- रुपए
1988: 25,000/- रुपए
2001: 40,000/- रुपए
2003: 50,000/- रुपए
सन् 2010 से यह राशि 1,00,000/- रुपए कर दी गई है।

हिंदी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार के प्रथम विजेता कौन थे?

माखनलाल चतुर्वेदी वर्ष 1955 में हिंदी श्रेणी में पहले प्राप्तकर्ता थे।

साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन थी?

साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला अमृता प्रीतम थीं। उन्होंने साल 1956 में अपनी लंबी कविता ‘सुनेहेड’ के लिए यह पुरस्कार जीता था।

साहित्य अकादमी के प्रथम प्राप्तकर्ता कौन थे?

आर.के. नारायण इस पुरस्कार के पहले विजेता थे।

वर्तमान में कितने साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं?

अब तक कुल 1,239 पुस्तकों को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जो कि 24 मान्यता प्राप्त भारतीय भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक कृतियों के लिए प्रदान किए गए हैं। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष 24 भाषाओं में उत्कृष्ट लेखन कार्य करने वाले 24 लेखकों को प्रदान किया जाता है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला लेखिका कौन थीं?

साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला लेखिका अमृता प्रीतम थीं। उन्हें वर्ष 1956 में पंजाबी भाषा में उनकी कविता संग्रह “सुनहड़े” के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया था। वे भारतीय साहित्य की एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली कवयित्री मानी जाती हैं।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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