लोकतंत्र क्या है

लोकतंत्र क्या है? मानवाधिकार और शासन

Published on June 9, 2025
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लोकतंत्र क्या है

Quick Summary

  • लोकतंत्र एक शासन प्रणाली है, जिसमें जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनाव के माध्यम से चुनती है।
  • इसमें मूलभूत अधिकार और स्वतंत्रता की गारंटी होती है।
  • अधिकारों का वितरण समान रूप से किया जाता है और न्यायपालिका स्वतंत्र होती है।
  • लोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान मताधिकार होता है, और गणराज्य की अवधारणा है।

Table of Contents

लोकतंत्र, जिसे प्रजातंत्र भी कहा जाता है Loktantra kya hai, Loktantra एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें सत्ता का अंतिम अधिकार जनता के पास होता है। यह प्रणाली नागरिकों की भागीदारी, समानता और स्वतंत्रता पर आधारित होती है। लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ है “जनता का शासन”। यह शब्द ग्रीक भाषा के ‘डेमोस’ (जनता) और ‘क्रेटोस’ (शक्ति) से मिलकर बना है। लोकतंत्र का मुख्य उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाए और सभी को समान अवसर मिले।

लोकतंत्र क्या है | Loktantra kya hai | Meaning of Democracy in Hindi

लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें सत्ता का नियंत्रण जनता के हाथों में होता है। इसमें नागरिक अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार का संचालन करते हैं और नीतियों को आकार देने में भागीदारी निभाते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी नागरिकों को बराबरी के अधिकार और अवसर प्राप्त होते हैं, साथ ही उन्हें अपनी राय व्यक्त करने और स्वतंत्र रूप से बोलने की आज़ादी भी होती है।

इस प्रणाली में नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं, जो उनके हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकतंत्र न केवल सत्ता के केंद्रीकरण को रोकता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी हो और उनके अधिकारों की रक्षा करे।

लोकतंत्र की परिभाषा | Loktantra ki Paribhasha?

लोकतंत्र क्या है- लोकतंत्र का अर्थ है “जनता द्वारा किया गया शासन” या “जनता की शक्ति”। यह एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें राजनीतिक सत्ता सीधे तौर पर जनता या राज्य की आबादी के हाथ में होती है। सरल शब्दों में कहें तो, लोकतंत्र में लोग अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं, कानून बनाने की प्रक्रिया में भाग लेते हैं, और सरकार के संचालन में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

भारत ने विकास को, अपनी सांस्कृतिक विरासत और मानव विकास में शामिल करने और के मूल मानव अधिकारों सहित आधुनिक विचारों से मिलाने के रूप में नए सिरे से परिभाषित किया है। यह शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव जनता करती है। 

लोकतंत्र एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था है जिसमें शासन का असली अधिकार जनता के हाथों में होता है। इस प्रणाली में नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं जो उनके हितों की रक्षा करते हुए सरकार चलाते हैं।

यहाँ लोकतंत्र के मुख्य स्तंभों को विस्तार से समझाया गया है:

लोकतंत्र के तत्व | लोकतंत्र का अर्थ | loktantra kya hai |

1. जनता द्वारा शासन

लोकतंत्र की सबसे खास बात यह है कि इसमें सत्ता का स्रोत जनता होती है। लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करके उन नेताओं को चुनते हैं जो सरकार का संचालन करेंगे। सरकार जनता की इच्छा से बनती है और उसी के प्रति जवाबदेह भी होती है।

2. समान अधिकार

लोकतंत्र में हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त होते हैं — चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, लिंग, भाषा या सामाजिक वर्ग से संबंधित हो। सबको कानून, शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसरों के मामले में समान दर्जा मिलता है।

3. स्वतंत्रता का अधिकार

लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों को अभिव्यक्ति, विचार, धर्म और संगठन की स्वतंत्रता होती है। नागरिक बिना डर के अपनी राय रख सकते हैं, सरकार की आलोचना कर सकते हैं और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सकते हैं।

4. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव

लोकतंत्र में चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो नियमित अंतराल पर आयोजित होते हैं। ये चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होते हैं, ताकि जनता को अपने पसंदीदा प्रतिनिधियों को चुनने का अवसर मिल सके।

5. प्रतिनिधित्व की प्रणाली

चुने गए प्रतिनिधि संसद, विधानसभा और अन्य संस्थाओं में जनता की आवाज बनकर कार्य करते हैं। वे नीतियाँ और कानून बनाते हैं जो आम लोगों के हित में होते हैं। इस तरह, सरकार जनता की इच्छाओं और जरूरतों का प्रतिनिधित्व करती है।

6. कानून का शासन (Rule of Law)

लोकतंत्र में सभी नागरिक — चाहे वे आम हों या विशेष — कानून के सामने बराबर होते हैं। सरकार भी कानून के दायरे में रहती है और उसे भी न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना होता है। इससे मनमानी नहीं चलती और पारदर्शिता बनी रहती है।

लोकतंत्र के सिद्धांत | Loktantra se Aap kya Samajhte Hain

मौलिक अधिकार

लोकतंत्र क्या है यह इस विचार पर आधारित है कि लोगों के पास कुछ ऐसे अधिकार होते हैं जिन्हें छीना नहीं जा सकता। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है मतदान का अधिकार, जो सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मिलता है। यह अधिकार न केवल उन्हें अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर देता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि उनका मत समान रूप से गिना जाए। 

इसके अतिरिक्त, लोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान रूप से भाग लेने और सूचित निर्णय लेने के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होता है। मौलिक अधिकारों का सिद्धांत लोकतंत्र की नींव है।

लोक-स्वीकृति (Popular Sovereignty)

लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है कि सत्ता का अंतिम स्रोत जनता होती है। सरकार जनता की इच्छा से बनती है और उसी के प्रति उत्तरदायी होती है।

मूल अधिकारों की रक्षा (Protection of Fundamental Rights)

लोकतंत्र में नागरिकों को विचार, अभिव्यक्ति, धर्म, शिक्षा, और जीवन जैसे मौलिक अधिकार प्राप्त होते हैं। ये अधिकार संविधान द्वारा सुरक्षित होते हैं।

कानून का शासन (Rule of Law)

हर व्यक्ति — चाहे वह आम नागरिक हो या कोई शासक — कानून के अधीन होता है। न्यायपालिका स्वतंत्र होती है और कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।

समानता (Equality)

लोकतंत्र में सभी नागरिकों को जाति, धर्म, लिंग, भाषा या वर्ग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता। सभी को समान अवसर और अधिकार प्राप्त होते हैं।

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव (Free and Fair Elections)

नियमित अंतराल पर स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराए जाते हैं, जिससे जनता अपने प्रतिनिधि चुन सके।

बहुमत का शासन और अल्पसंख्यक का सम्मान (Majority Rule with Minority Rights)

निर्णय बहुमत से लिए जाते हैं, लेकिन अल्पसंख्यकों के अधिकारों की भी पूरी सुरक्षा की जाती है ताकि वे भी सम्मानपूर्वक समाज में रह सकें।

उत्तरदायी और पारदर्शी सरकार (Accountable and Transparent Government)

सरकार को अपने कार्यों के लिए जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। नीतियाँ और निर्णय पारदर्शिता के साथ लिए जाते हैं।

नागरिक सहभागिता (Citizen Participation)

लोकतंत्र में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक होती है — जैसे मतदान करना, जागरूक रहना, सरकार पर सवाल उठाना, और सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करना।

लोकतंत्र की विशेषताएँ | Loktantra ki Visheshtaen

क्र. सं.विशेषताविवरण
1.लोगों का शासनसरकार का संचालन जनता द्वारा या उनके चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से होता है।
2.चुनावस्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से लोग अपने नेताओं का चयन करते हैं।
3.राजनीतिक स्वतंत्रतानागरिकों को अपनी राय व्यक्त करने, सरकार की आलोचना करने और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की स्वतंत्रता होती है।
4.मानवाधिकारों का संरक्षणनागरिकों के मौलिक अधिकारों जैसे अभिव्यक्ति, बोलने और धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा की जाती है।
5.न्यायसभी नागरिक कानून के सामने समान होते हैं और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाता है।
6.उत्तरदायित्वसरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है और उसे अपने कार्यों तथा नीतियों का उत्तर देना होता है।
Loktantra ki visheshta | features of democracy

लोकतंत्र की अन्य विशेषताएं

  • चुनाव प्रणाली: लोकतंत्र में चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिससे नागरिक अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं। चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होते हैं ताकि प्रत्येक व्यक्ति की आवाज सुनी जा सके। भारत एक संघीय संरचना का पालन करता है केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच निर्णय लेने की शक्ति  विभाजित होती है।
  • विविधता और बहुलवाद: लोकतंत्र में विभिन्न जातियों, धर्मों, और समुदायों के लोगों को समान अधिकार और अवसर मिलते हैं। यह विविधता को प्रोत्साहित करता है और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देता है।
  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: नागरिकों को अपने विचार और विचारधारा को व्यक्त करने की स्वतंत्रता होती है। प्रेस, मीडिया, और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से लोग अपनी राय प्रकट कर सकते हैं।
  • न्याय व्यवस्था: लोकतंत्र में, न्याय की स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यवस्था होती है। न्यायालय स्वतंत्र होते हैं और सभी नागरिकों को न्याय मिलने का अधिकार होता है।
  • जनभागीदारी: नागरिकों को शासन में भाग लेने का अधिकार होता है।
  • समानता: सभी नागरिकों को कानून, अधिकारों और अवसरों में समान दर्जा प्राप्त होता है।
  • स्वतंत्रता: विचार, अभिव्यक्ति, धर्म और संगठन की स्वतंत्रता होती है।
  • उत्तरदायी सरकार: सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है और उसकी इच्छाओं के अनुरूप कार्य करती है।

लोकतंत्र के प्रकार | Loktantra ke Prakar

प्रत्यक्ष लोकतंत्र

  • प्रत्यक्ष लोकतंत्र (जिसे ‘शुद्ध लोकतंत्र’ भी कहा जाता है):
    • लोग सीधे सभी नीतियों और कानूनों पर निर्णय लेते हैं।
    • प्राचीन एथेंस ने इस प्रकार के लोकतंत्र का उपयोग किया।
    • “लोगों” की परिभाषा सीमित थी, जिसमें केवल एक निश्चित आयु से ऊपर के पुरुष शामिल थे।
    • सभी प्रमुख सरकारी मुद्दों पर जनता का वोट देना आवश्यक होता था।
  • प्रत्यक्ष लोकतंत्र के फायदे:
    • यह वास्तव में “लोगों द्वारा शासन” है।
    • सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
    • जब सभी को हर मुद्दे पर वोट देना होता है, तो कुछ भी छिपाना मुश्किल होता है।
  • प्रत्यक्ष लोकतंत्र की चुनौतियाँ:
    • हर मुद्दे पर निर्णय लेना कठिन हो सकता है।
    • यह तनाव को बढ़ा सकता है।
    • “बहुमत के अत्याचार” को जन्म दे सकता है, जिससे अल्पसंख्यक, विशेषकर सबसे हाशिए पर पड़े समूह, अपनी शक्ति खो सकते हैं।

प्रतिनिधिक लोकतंत्र | अप्रत्यक्ष लोकतंत्र

  • प्रतिनिधिक लोकतंत्र:
    • प्रत्यक्ष लोकतंत्र के विपरीत है।
    • लोग कानूनों पर सीधे मतदान करने के बजाय दूसरों को अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनते हैं।
    • दुनिया के लगभग 60% लोग किसी न किसी प्रकार के प्रतिनिधि लोकतंत्र का उपयोग करते हैं।
    • लोकतांत्रिक गणराज्य और संवैधानिक राजतंत्र जैसे विभिन्न प्रकार शामिल होते हैं।
    • एक संविधान होता है जो निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्तियों को परिभाषित करता है।
  • प्रतिनिधिक लोकतंत्र के फायदे:
    • प्रतिनिधियों को न केवल कानून बनाने का अधिकार होता है, बल्कि वे अन्य नेताओं का भी चुनाव कर सकते हैं।
    • कार्यकुशलता: हर मुद्दे पर हजारों लोगों के मतदान करने के बजाय, लोग अपने हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनते हैं।
    • अगर प्रतिनिधि मतदाताओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, तो मतदाता किसी और को चुन सकते हैं।
  • प्रतिनिधिक लोकतंत्र की कमियाँ:
    • राजनेता अक्सर मतदाताओं को गुमराह करते हैं या भ्रष्ट हो जाते हैं।
    • पर्याप्त धन और शक्तिशाली समर्थकों के साथ, अपने मतदाताओं को विफल करने वाले प्रतिनिधि भी बार-बार चुने जा सकते हैं।
    • जटिल प्रक्रियाओं में फंस सकता है और दक्षता के अपने वादों को पूरा करने में विफल हो सकता है।

लोकतंत्र के अन्य प्रकार

  1. संविधानिक लोकतंत्र: इसमें संविधान द्वारा स्थापित नियम और कानूनों के आधार पर सरकार का संचालन होता है। यह प्रणाली न्यायिक समीक्षा और शक्तियों के विभाजन के सिद्धांत पर आधारित होती है।
  2. सामाजिक लोकतंत्र: यह लोकतंत्र समाज में आर्थिक और सामाजिक समानता को प्रोत्साहित करता है। इसमें सरकार की भूमिका नागरिकों के कल्याण और समृद्धि को सुनिश्चित करने में होती है।

विभिन्न महान व्यक्तित्वों के विचार | Loktantra par vichaar

1. सीले के अनुसार:
सीले के अनुसार लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें हर व्यक्ति की भागीदारी होती है। इसमें नागरिक केवल शासित नहीं होते, बल्कि नीति-निर्माण और निर्णय प्रक्रिया में भाग लेते हैं। लोकतंत्र का मूल उद्देश्य लोगों को निर्णय लेने की शक्ति देना है, जिससे वे अपनी सरकार में सहभागी बन सकें।

2. डायसी के अनुसार:
डायसी के अनुसार लोकतंत्र एक ऐसा शासन है जिसमें शासक वर्ग राष्ट्र की बहुसंख्यक जनता में से चुना जाता है। इसमें सत्ता कुछ गिने-चुने लोगों तक सीमित न होकर जनता के बहुमत से संबंधित होती है, जिससे शासन में आम नागरिकों की भूमिका और नियंत्रण बना रहता है।

3. अब्राहम लिंकन के अनुसार:
अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए कहा कि यह जनता की, जनता के लिए और जनता द्वारा संचालित सरकार है। इसका अर्थ है कि सरकार का निर्माण, उद्देश्य और संचालन सब कुछ जनता की इच्छाओं के अनुसार होता है। इसमें नागरिकों की इच्छा सर्वोच्च मानी जाती है

4. ब्रायस के अनुसार:
ब्रायस के अनुसार लोकतंत्र का सार यह है कि शासन संपूर्ण जनता का होता है, जो अपने मताधिकार के माध्यम से अपनी संप्रभु इच्छा व्यक्त करते हैं। यह शासन की ऐसी प्रणाली है जिसमें हर व्यक्ति की राय का महत्व होता है और वह देश की दिशा तय करने में भागीदार होता है।

5. मैकलेवर के अनुसार:
मैकलेवर लोकतंत्र को केवल शासन की प्रक्रिया नहीं मानते, बल्कि यह तय करने का तरीका मानते हैं कि कौन शासक होगा और शासन किस दिशा में जाएगा। यह केवल बहुमत का शासन नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रणाली है जो सरकार के गठन और उसके उद्देश्य दोनों को निर्धारित करती है।

6. महात्मा गांधी के अनुसार:
महात्मा गांधी के अनुसार लोकतंत्र एक वैज्ञानिक कला है जिसमें समाज के भौतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक संसाधनों को जनहित में संगठित किया जाता है। उनका मानना था कि लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है जब यह सभी वर्गों के कल्याण हेतु समर्पित हो और सभी को समान अवसर दे।

लोकतंत्र और गणतंत्र में क्या अंतर है?

लोकतंत्र और गणतंत्र दोनों शब्द अक्सर एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:

  1. लोकतंत्र: यह शासन प्रणाली का एक रूप है जिसमें सत्ता का स्रोत जनता होती है। इसमें विभिन्न प्रकार की सरकारें हो सकती हैं, जैसे कि संवैधानिक, प्रतिनिधि, या प्रत्यक्ष लोकतंत्र
  2. गणतंत्र: यह एक विशेष प्रकार की लोकतांत्रिक व्यवस्था है जिसमें राष्ट्र का प्रमुख एक निर्वाचित राष्ट्रपति होता है, न कि किसी राजशाही परिवार का सदस्य। गणतंत्र में सत्ताधारी व्यक्ति का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है।

लोकतंत्र के लाभ और चुनौतियाँ | Loktantra kya hota Hai

लोकतंत्र के लाभ

  1. लोकतंत्र में भागीदारी: नागरिकों को अपने सरकार के निर्णयों में भाग लेने का अवसर मिलता है, जिससे सरकार की नीतियाँ और कार्य प्रभावी होते हैं।
  2. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: यह नागरिकों को स्वतंत्रता प्रदान करता है ताकि वे अपने विचार और राय व्यक्त कर सकें।
  3. जवाबदेही: लोकतंत्र में सरकार और उसके प्रतिनिधि अपने कार्यों के लिए उत्तरदायी होते हैं। इससे सत्ता का दुरुपयोग कम होता है और पारदर्शिता बढ़ती है।
  4. सामाजिक समरसता: इससे सभी वर्गों और समुदायों के लिए समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करता है, जिससे सामाजिक समरसता और एकता को बढ़ावा मिलता है।

लोकतंत्र की चुनौतियाँ

  1. विवाद और मतभेद: लोकतंत्र में विभिन्न विचारों और मतों का सम्मान करना होता है, जिससे कभी-कभी राजनीतिक विवाद और असहमति उत्पन्न हो सकते हैं।
  2. सत्ता का दुरुपयोग: कभी-कभी इस में सत्ता पर केंद्रित होने के कारण दुरुपयोग हो सकता है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करता है।
  3. भ्रष्टाचार: लोकतांत्रिक प्रणाली में भ्रष्टाचार और प्रगतिविरोध बलों का खतरा बना रहता है, जो सरकार की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकता है।
  4. जनमत का प्रभाव: जनमत की बदलती धारा कभी-कभी तात्कालिक मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर देती है, जिससे दीर्घकालिक योजनाओं को नजरअंदाज किया जा सकता है।

स्वतंत्रता की रक्षा कैसे की जा सकती है?

लोकतंत्र को बचाने के उपाय

लोकतंत्र को संरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं। फ्रीडम हाउस ने कुछ नीतिगत सिफारिशें की हैं, जिनमें स्थानीय स्तर पर इसकी रक्षा, नागरिक शिक्षा को बढ़ावा देना, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार से लड़ाई शामिल है। स्थापित लोकतंत्रों को वैश्विक स्तर पर मुक्त मीडिया और जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक संगठनों का समर्थन और सुरक्षा करने जैसे लोकतांत्रिक मानदंडों के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

नागरिक शिक्षा

स्कूलों, ऑनलाइन पाठ्यक्रमों, मास्टर कार्यक्रमों और अन्य माध्यमों से लोकतंत्र के बारे में शिक्षा प्रदान करना महत्वपूर्ण है। नागरिक शिक्षा से लोग इसके महत्व और इसके सिद्धांतों को समझ सकते हैं, जिससे वे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अधिक सक्रियता से भाग ले सकते हैं।

निजी क्षेत्र की भूमिका

निजी क्षेत्र को भी व्यापार और मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करके और नागरिक समाज संगठनों के साथ बातचीत करके लोकतंत्र की रक्षा में शामिल होना चाहिए। इससे न केवल व्यापारिक नैतिकता में सुधार होगा, बल्कि समाज में लोकतांत्रिक मूल्यों की भी सुरक्षा होगी।

लोकतंत्र का महत्व

सभी के लिए स्वतंत्रता और समानता ही लोकतंत्र क्या है का सही उत्तर है। यह केवल उतना ही मजबूत है जितना समाज की भागीदारी और इसे संरक्षित करने की इच्छा। इसको स्वस्थ रखने के लिए सभी का योगदान आवश्यक है – व्यक्ति, नागरिक समाज संगठन, व्यवसाय, सरकारें और अंतर-सरकारी संगठन। सभी को मिलकर लोकतंत्र की रक्षा और समर्थन करना चाहिए ताकि यह प्रणाली प्रभावी और सशक्त बनी रहे।

क्र. सं.महत्त्वपूर्ण पहलूविवरण
1.समानतालोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त होते हैं।
2.भागीदारीनागरिकों को सरकार के कार्यों में भाग लेने और निर्णय प्रक्रिया में सहयोग करने का अधिकार होता है।
3.स्वतंत्रतालोगों को अपनी राय रखने, सरकार की आलोचना करने और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की स्वतंत्रता होती है।
4.उत्तरदायित्वलोकतांत्रिक प्रणाली में सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह होना होता है।
5.न्यायलोकतंत्र में सभी नागरिक कानून के सामने समान होते हैं और उन्हें निष्पक्ष न्याय की गारंटी होती है।
Democracy meaning in Hindi

लोकतंत्र क्या है? लोकतंत्र और मानवाधिकार संबंधी स्थायी समिति

यह लोकतंत्र की चार स्थायी समितियों में से एक है, जो साल में दो बार मिलती हैं। सभी सदस्य संसद समिति के एजेंडे को आगे बढ़ाने, बहस में अपने दृष्टिकोण रखने और प्रस्तावों का मसौदा तैयार करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

  • प्रत्येक समिति का कार्य 18 सदस्यीय ब्यूरो द्वारा निर्देशित होता है, जिसमें प्रत्येक भू-राजनीतिक समूह के तीन प्रतिनिधि शामिल होते हैं – इनमें कम से कम एक पुरुष और एक महिला शामिल होने चाहिए।
  • वर्तमान में, निर्वाचित ब्यूरो सदस्यों में से 44% महिलाएं हैं।
  • समिति लोकतंत्र और मानवाधिकारों से जुड़ी वर्तमान और उभरती चुनौतियों का जाँच करती है।
  • यह हर साल राजनीतिक प्रस्तावों के माध्यम से इन मुद्दों पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संसदीय कार्रवाई की सिफारिश करती है, जिन्हें IPU की सदस्यता द्वारा अपनाया जाता है।
  • डिजिटल युग में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता को सुरक्षित रखने, तथा लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
  • समिति ने राजनीतिक जीवन में युवाओं की भागीदारी, प्रवासी बच्चों की सुरक्षा, और महिलाओं, नवजात शिशुओं और बच्चों के स्वास्थ्य के अधिकार पर भी काम किया है।
  • इन मुद्दों पर इसके संकल्प अक्सर वैश्विक, क्षेत्रीय, और राष्ट्रीय स्तरों पर व्यापक IPU कार्यक्रमों में विकसित होते रहे हैं।

लोकतंत्र और तानाशाही के बीच अंतर क्या हैं?

लोकतंत्र (Democracy):

लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें सत्ता जनता के हाथों में होती है। नागरिक स्वतंत्र रूप से अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं और सरकार उनके द्वारा संचालित होती है। इसमें समानता, स्वतंत्रता, न्याय, और उत्तरदायित्व जैसे मूल सिद्धांत शामिल होते हैं।
उदाहरण: भारत, अमेरिका, इंग्लैंड आदि।

मुख्य विशेषताएँ:

  • जनता द्वारा चुनी गई सरकार
  • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  • कानून का शासन
  • मानवाधिकारों की रक्षा

तानाशाही (Dictatorship):

तानाशाही एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें संपूर्ण सत्ता एक व्यक्ति या एक छोटे समूह के हाथ में केंद्रित होती है। इसमें जनता की भागीदारी नहीं होती और विरोध या असहमति को दबा दिया जाता है।
उदाहरण: हिटलर का जर्मनी, किम जोंग उन का उत्तर कोरिया।

मुख्य विशेषताएँ:

  • एक शासक या पार्टी की निरंकुश सत्ता
  • चुनाव या स्वतंत्रता का अभाव
  • मीडिया और विचारों पर नियंत्रण
  • मानवाधिकारों का हनन
  • विरोध का दमन

लोकतंत्र को तानाशाही से बेहतर क्यों माना जाता है?

लोकतंत्र को तानाशाही की तुलना में एक बेहतर राजनीतिक व्यवस्था इसलिए माना जाता है क्योंकि यह नागरिकों को मौलिक अधिकार, स्वतंत्रता, समानता, और उत्तरदायित्व प्रदान करता है। लोकतंत्र में जनता की भागीदारी होती है, जिससे शासन पारदर्शी और जवाबदेह बनता है। वहीं तानाशाही में सत्ता एक व्यक्ति या एक समूह के पास केंद्रित होती है, जहाँ न तो जनप्रतिनिधियों का चुनाव होता है और न ही आम नागरिकों की राय का कोई महत्व होता है।

  • समानता और अधिकार: लोकतंत्र सभी नागरिकों को समान अधिकार और प्रतिनिधि चुनने की स्वतंत्रता देता है, जबकि तानाशाही में यह अधिकार नहीं होते।
  • संघर्ष समाधान: लोकतंत्र में देश के अंदर और बाहर संघर्षों को हल करने के लिए कानूनी और शांतिपूर्ण प्रक्रिया होती है, जबकि तानाशाही में यह व्यवस्था नहीं होती।
  • प्रतिनिधित्व: लोकतंत्र में लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो उनके हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं; तानाशाही में यह प्रक्रिया नहीं होती।
  • निर्णय प्रक्रिया: लोकतंत्र में कानून, बहस, और विचार-विमर्श से निर्णय लिए जाते हैं, जबकि तानाशाही में शासक का एकपक्षीय निर्णय लागू होता है।
  • जवाबदेही: लोकतंत्र में सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है, लोग सवाल कर सकते हैं; तानाशाही में शासक की कोई जवाबदेही नहीं होती।
  • नागरिक स्वतंत्रता: लोकतंत्र में बोलने, अभिव्यक्ति और विरोध करने की स्वतंत्रता होती है, जबकि तानाशाही में यह स्वतंत्रताएँ सीमित या पूर्णतः समाप्त होती हैं।

निष्कर्ष

लोकतंत्र क्या है? यह एक ऐसी शासन प्रणाली है जो जनता की भागीदारी, समानता और स्वतंत्रता पर आधारित होती है। इसमें नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने का अधिकार होता है, जो उनके हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकतंत्र का मुख्य उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाए और सभी को समान अवसर मिले। यह प्रणाली न केवल सत्ता के केंद्रीकरण को रोकती है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

लोकतंत्र का अर्थ क्या है?

लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें सर्वोच्च सत्ता जनता के पास होती है। इसमें नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं जो उनके हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकतंत्र का उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाए और सभी को समान अवसर मिले।

लोकतंत्र की विशेषताएं क्या हैं?

लोकतंत्र की विशेषताएं हैं: जनता का शासन, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, कानून का शासन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकारों का संरक्षण, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित प्रतिनिधियों की जवाबदेही, और अल्पसंख्यकों का संरक्षण।

लोकतंत्र कितने प्रकार के होते हैं?

लोकतंत्र मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
प्रत्यक्ष लोकतंत्र: इसमें नागरिक सीधे सभी नीतियों और कानूनों पर निर्णय लेते हैं। उदाहरण के लिए, प्राचीन एथेंस में इस प्रकार का लोकतंत्र था।
प्रतिनिधिक लोकतंत्र: इसमें नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं जो उनके हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अधिकांश आधुनिक देशों में इस प्रकार का लोकतंत्र प्रचलित है।

लोकतंत्र का दूसरा नाम क्या है?

लोकतंत्र का दूसरा नाम प्रजातंत्र है। दोनों शब्दों का अर्थ “जनता का शासन” होता है और ये नागरिकों की भागीदारी, समानता और स्वतंत्रता पर आधारित शासन प्रणाली को दर्शाते हैं।

लोकतंत्र की 5 विशेषताएं क्या हैं?

जनता का शासन:
लोकतंत्र में सर्वोच्च शक्ति जनता के पास होती है। सरकार जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से चलती है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव:
लोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान रूप से मतदान का अधिकार होता है, और चुनाव पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से होते हैं।
कानून का शासन:
लोकतंत्र में सभी नागरिक कानून के समक्ष समान होते हैं और सरकार भी कानून के अधीन होती है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता:
लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को विचार, भाषण और प्रेस की स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
मौलिक अधिकारों का संरक्षण:
लोकतंत्र नागरिकों के मौलिक अधिकारों जैसे – जीवन, स्वतंत्रता, समानता, और धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा करता है।

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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.