Caa kya hai

Caa kya hai? | Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam की पूरी जानकारी आसान भाषा में

Published on July 3, 2025
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Caa kya hai

Quick Summary

  • CAA (Citizenship Amendment Act) 2019 भारत सरकार द्वारा पारित एक विशेष कानून है, जो नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करता है।
  • यह कानून उन लोगों पर लागू होता है जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ चुके हैं और कम से कम 5 साल से भारत में रह रहे हैं।
  • CAA किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीनता, बल्कि विशेष रूप से उत्पीड़ित शरणार्थियों को कानूनी अधिकार देने का कार्य करता है।

Table of Contents

Caa kya hai? CAA यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019, भारत का एक कानून है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक अत्याचार के चलते भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की व्यवस्था करता है। यह कानून 11 मार्च 2024 से प्रभावी हुआ। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य कुछ विशेष देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देना है।

CAA का प्रमुख उद्देश्य उन गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना है जो धार्मिक उत्पीड़न के चलते पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं। इस कानून के तहत इन समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता पाने के लिए कुछ निर्धारित शर्तें पूरी करनी होती हैं।

Caa kya hai? | What is CAA?

CAA ka Full Form? CAA, यानी Citizenship (Amendment) Act 2019, भारत का एक महत्वपूर्ण कानून है जो नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करता है। इसका उद्देश्य उन लोगों को भारतीय नागरिकता देना है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए थे।

CAA के तहत, 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है। यह प्रावधान नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन के माध्यम से जोड़ा गया है। CAA किसके लिए है? – यह कानून केवल 6 धर्मों के अल्पसंख्यकों पर लागू होता है: हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई

Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam क्या होता है? | CAA कानून क्या है?

नागरिकता कानून वह नियम है जो यह तय करता है कि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक कैसे बन सकता है। भारत का नागरिक होना यानी उस व्यक्ति को भारत के संविधान में दिए गए सभी अधिकार मिलते हैं।

1) भारत में नागरिकता कैसे मिलती है?

भारत में नागरिकता पाने के पाँच मुख्य तरीके हैं:

  • जन्म के आधार पर
  • वंश (माता-पिता की नागरिकता) के आधार पर
  • पंजीकरण द्वारा
  • प्राकृतिककरण (Naturalization)
  • किसी क्षेत्र के भारत में शामिल होने पर

2) Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam 1955 का संक्षिप्त परिचय

भारत में नागरिकता से जुड़ा मूल कानून नागरिकता अधिनियम 1955 है। इसके जरिए नागरिकता देने, खत्म करने और रद्द करने के नियम तय किए गए हैं। 2019 में इसमें बदलाव करके CAA जोड़ा गया।

CAA क्यों लाया गया | Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam

  • पड़ोसी देशों से आए अल्पसंख्यकों की स्थिति – पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में कुछ धार्मिक समुदायों जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को धार्मिक उत्पीड़न (persecution) का सामना करना पड़ा। ऐसे लोग भारत में शरण लेने आए लेकिन उन्हें “अवैध प्रवासी” माना जाता था।
  • भारत सरकार का उद्देश्य – सरकार का कहना है कि इन उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को मानवीय आधार पर नागरिकता देना ज़रूरी है। इसलिए CAA लाया गया ताकि उन्हें भारत में सुरक्षित जीवन मिल सके।

CAA कानून क्या है? | CAA kya hai?

CAA kya hai, CAA यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, भारत सरकार द्वारा लाया गया एक कानून है जिसका उद्देश्य है—पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना। यह कानून नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करके बनाया गया है।

CAA का कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने विरोध किया है। उनका मानना है कि यह कानून भेदभावपूर्ण है और संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ जाता है। वे यह भी तर्क देते हैं कि नागरिकता देने का आधार धर्म नहीं होना चाहिए।

CAA का पूरा नाम और कब लागू हुआ | CAA kab Lagu Hua?

विषयविवरण
CAA का पूरा नामCitizenship (Amendment) Act, 2019
कब पास हुआ11 दिसंबर 2019 (संसद में)
राष्ट्रपति की मंजूरी12 दिसंबर 2019
नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख11 मार्च 2024
किस कानून में संशोधननागरिकता अधिनियम, 1955
CAA का उद्देश्यतीन पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना
caa full form in hindi | citizenship amendment act

Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam से किन देशों के लोगों को फायदा मिलेगा?

CAA केवल तीन पड़ोसी देशों के लोगों के लिए लागू होता है:

  1. पाकिस्तान
  2. बांग्लादेश
  3. अफगानिस्तान

इन समुदायों को भारत में अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि उन्हें नागरिकता देने की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।

CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए इन शर्तों को पूरा करना ज़रूरी है:

1. भारत में आने की तारीख:
व्यक्ति 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत आ चुका हो।

2. निवास अवधि:
वह व्यक्ति भारत में कम से कम 5 साल से रह रहा हो।
(पहले यह अवधि 11 साल थी, लेकिन CAA में इसे घटाकर 5 साल कर दिया गया है।)

3. धार्मिक पहचान:
व्यक्ति उपरोक्त 6 धर्मों में से किसी एक से संबंध रखता हो।

CAA का उद्देश्य (CAA Act)

Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam, 2019 (CAA) का मुख्य उद्देश्य है — तीन देशों से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना, जो अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने आए हैं। यह कानून उन्हें कानूनी मान्यता देता है और भारत में सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार भी।

धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देना

  • पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोग अल्पसंख्यक हैं।
  • ऐसे लोग भारत में शरण लेने आए, लेकिन कानूनी नागरिकता न होने के कारण उन्हें कई सुविधाएं नहीं मिलती थीं।
  • CAA का उद्देश्य है कि ऐसे लोगों को भारत में कानूनी नागरिकता देकर सुरक्षा और स्थिरता प्रदान की जाए।

मानवीय आधार पर नागरिकता देना

  • यह कानून एक मानवीय कदम है, न कि राजनीतिक।
  • भारत ने यह माना कि उत्पीड़न के शिकार लोगों को सिर्फ शरण देना काफी नहीं, बल्कि उन्हें स्थायी अधिकार और पहचान देना ज़रूरी है।
  • इससे वे भारत में सम्मान से रह सकें, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोज़गार की सुविधाएं पा सकें।

भारत के संविधान और कानून से संतुलन

  • आलोचना के बावजूद, सरकार का कहना है कि CAA भारत के संविधान के खिलाफ नहीं है।
  • यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता को छीनता नहीं, बल्कि दूसरों को नागरिकता देता है।
  • सरकार ने साफ कहा है कि यह कानून भारत के नागरिकों पर लागू नहीं होता, बल्कि उन पर जो पहले से नागरिक नहीं हैं।

CAA से किसे लाभ मिलेगा और किसे नहीं

Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam (CAA) 2019 का लाभ सभी को नहीं, बल्कि कुछ खास वर्गों को दिया गया है। यह कानून केवल उन्हीं लोगों के लिए है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने आए थे।

CAA से लाभ पाने वाले समुदाय | CAA Act

CAA के अनुसार, लंबे समय से भारत में रह रहे शरणार्थियों को यह लाभ मिलेगा जो:

  • 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे।
  • भारत में कम से कम 5 साल से रह रहे हैं।
  • उनके पास नागरिकता के वैध दस्तावेज नहीं हैं, पर अब उन्हें भारत की नागरिकता पाने का अधिकार मिल जाएगा।

सरकार के अनुसार, CAA धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर राहत देने वाला कानून है, न कि धार्मिक भेदभाव का।

भारतीय नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं

  • CAA भारत के नागरिकों पर लागू नहीं होता।
  • इसका असर भारत में जन्मे या भारत के वैध नागरिकों पर बिल्कुल भी नहीं पड़ेगा।
  • प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय दोनों ने यह साफ किया है कि “किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी।

CAA और NRC में अंतर (Difference Between CAA and NRC)

CAA और NRC दो अलग-अलग कानूनी प्रक्रियाएं हैं, लेकिन अक्सर इन्हें एक जैसा समझ लिया जाता है। यह भ्रम लोगों में डर और असमंजस की स्थिति पैदा करता है। आइए जानें इनके बीच मूलभूत अंतर क्या हैं।

CAA और NRC में मूलभूत अंतर

बिंदुCAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम)NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर)
पूरा नामCitizenship (Amendment) ActNational Register of Citizens
लक्ष्यकुछ शरणार्थियों को नागरिकता देनानागरिकों की पहचान करना
आधारधर्म (6 धर्मों को शामिल किया गया)दस्तावेज और सबूत
किस पर लागू होता है?केवल 3 देशों के 6 धर्मों के लोगों परपूरे देश के नागरिकों पर (अगर लागू हो)
किसे लाभ मिलेगा?धार्मिक उत्पीड़न से भागे अल्पसंख्यकवैध दस्तावेज रखने वाले भारतीय
नागरिकता की स्थितिनागरिकता देता हैनागरिकता साबित करनी पड़ती है
भारतीय मुसलमानों पर असरकोई असर नहींदस्तावेज़ के बिना परेशानी हो सकती है
वर्तमान स्थितिलागू (मार्च 2024 से)केवल असम में लागू; पूरे देश में अभी नहीं
caa कानून क्या है | citizenship act

दोनों के बीच भ्रम और सच्चाई

भ्रम:

  • लोग समझते हैं कि CAA और NRC एक ही प्रक्रिया हैं, जिससे उन्हें नागरिकता खोने का डर है।
  • खासकर अल्पसंख्यक समुदाय में यह आशंका है कि NRC से उन्हें बाहर किया जाएगा और CAA से वे खुद को बचा नहीं पाएंगे।

सच्चाई:

  • CAA kya Hai? यह एक विशेष कानून है जो कुछ लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए।
  • NRC का मकसद है यह जांचना कि कौन भारत का वैध नागरिक है, इसके लिए दस्तावेज़ों की जरूरत पड़ती है।
  • NRC अभी पूरे देश में लागू नहीं हुआ है। असम में यह पहले ही हो चुका है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसे लागू करने की कोई निश्चित तारीख तय नहीं की गई है।

CAA पर विवाद और जन प्रतिक्रिया (Protests & Public Reactions)

Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam (CAA) 2019 के लागू होने के बाद देशभर में इसे लेकर काफी विवाद और मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। जहां कुछ लोगों ने इसे जरूरी और मानवीय कानून बताया, वहीं कई वर्गों ने इसे संविधान की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ माना।

देशभर में विरोध के कारण

  • कुछ समुदाय के कुछ वर्गों को डर था कि अगर NRC लागू हुआ और वे दस्तावेज़ नहीं दिखा पाए, तो उन्हें CAA से कोई राहत नहीं मिलेगी।
  • युवाओं, छात्रों और सामाजिक संगठनों ने इसे धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने की शुरुआत बताया, जो भारतीय लोकतंत्र की भावना के विपरीत है।
  • कई विश्वविद्यालयों में छात्रों ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया (जैसे जामिया मिल्लिया, एएमयू, जेएनयू आदि)।

सरकार का पक्ष | CAA कानून क्या है?

  • केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि CAA किसी भी भारतीय नागरिक पर लागू नहीं होता – चाहे वह किसी भी धर्म का हो।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने कई बार कहा:
CAA नागरिकता देने के लिए है, छीनने के लिए नहीं।
“भारत के किसी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं”
  • सरकार ने यह भी कहा कि जो लोग पहले से भारत के नागरिक हैं — चाहे वे किसी भी धर्म के हों — उनकी नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
  • साथ ही, यह भी कहा गया कि यह कानून केवल तीन देशों के सताए गए अल्पसंख्यकों के लिए है, किसी भारतीय मुसलमान या अन्य नागरिक को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

CAA को लेकर देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

CAA लागू होने के बाद, भारत के कई हिस्सों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में छात्र, सामाजिक संगठन, बुद्धिजीवी और आम नागरिक शामिल थे। इन विरोधों की वजह थी — धर्म के आधार पर नागरिकता देने का सिद्धांत, जो भारत के संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र से मेल नहीं खाता।

मुख्य विरोध स्थल:

  • दिल्ली: शाहीन बाग का शांतिपूर्ण धरना पूरे देश का प्रतीक बन गया, जहां महीनों तक महिलाएं सर्दी में बैठीं रहीं।
  • उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, केरल: इन राज्यों में व्यापक विरोध हुए, कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों में टकराव भी हुआ।
  • विश्वविद्यालयों में आंदोलन: जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जेएनयू, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) जैसे संस्थानों के छात्रों ने आंदोलन की अगुआई की।

विरोध की प्रकृति:

  • कुछ जगह विरोध शांतिपूर्ण रहे, जबकि कुछ जगह हिंसा और तोड़फोड़ भी देखने को मिली।
  • पुलिस और प्रशासन ने कई जगह इंटरनेट बंद, धारा 144 लागू, और गिरफ्तारियां भी कीं।

असम में भी CAA के खिलाफ भारी विरोध, क्षेत्रीय असंतोष गहराया

असम और पूर्वोत्तर भारत में CAA का विरोध केवल धार्मिक कारणों से नहीं था, बल्कि वहां की संस्कृति, भाषा और स्थानीय पहचान की रक्षा को लेकर चिंता थी।

विरोध का कारण:

  • असम के लोगों को डर था कि CAA से बांग्लादेश से आए प्रवासी नागरिकता पा जाएंगे, जिससे उनकी स्थानीय संस्कृति, भाषा और रोजगार पर खतरा पैदा होगा।
  • असम समझौता (Assam Accord – 1985) के अनुसार, 1971 के बाद आए सभी प्रवासी अवैध माने जाएंगे। लेकिन CAA में 2014 की तारीख तय की गई है, जो असम समझौते के खिलाफ मानी गई।

विरोध की स्थिति:

  • गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट जैसे इलाकों में बड़े प्रदर्शन हुए।
  • रेलें रोकी गईं, सड़कों पर प्रदर्शन हुआ और प्रशासन को कई जगह कर्फ्यू लगाना पड़ा।
  • कई स्थानीय संगठन और छात्र संघ (जैसे AASU – All Assam Students’ Union) ने विरोध का नेतृत्व किया।

CAA से जुड़े हालिया अपडेट (Latest Updates on CAA)

अधिसूचना कब और कैसे जारी हुई

  • 11 मार्च 2024 को, भारत सरकार ने Citizenship (Amendment) Act, 2019 के नियमों की औपचारिक अधिसूचना (Notification) जारी कर दी।
  • अधिसूचना के साथ ही यह कानून पूरी तरह से लागू हो गया।
  • यह अधिनियम दिसंबर 2019 में पास हुआ था, लेकिन इसके नियम लंबे समय तक नहीं बनाए गए थे, जिस कारण यह लागू नहीं हो सका था।
  • सुप्रीम कोर्ट में चल रही याचिकाओं और देशभर के चर्चाओं के बाद सरकार ने आखिरकार मार्च 2024 में इसकी प्रभावी शुरुआत की।

नागरिकता आवेदन की प्रक्रिया | Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam

CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। इसमें आवेदकों को जरूरी दस्तावेजों के साथ एक आवेदन फॉर्म भरना होता है और अपनी धार्मिक पहचान को प्रमाणित करना होता है।

आधिकारिक पोर्टल:
Indiancitizenshiponline पोर्टल गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) द्वारा संचालित है और यहीं से CAA के तहत आवेदन किया जा सकता है।

आवश्यक दस्तावेज़:
CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों को निम्नलिखित दस्तावेज़ देने होंगे:

  1. पहचान प्रमाण (जैसे पासपोर्ट/UNHCR कार्ड/स्थानीय ID)
  2. राष्ट्रीयता का प्रमाण (जिस देश से आए हैं)
  3. भारत में प्रवेश की तारीख का प्रमाण (31 दिसंबर 2014 से पहले)
  4. भारत में 5 साल रहने का प्रमाण (जैसे बिजली बिल, राशन कार्ड, किरायानामा)
  5. धार्मिक पहचान का प्रमाण (अगर उपलब्ध हो)
  6. पासपोर्ट साइज फ़ोटो और हस्ताक्षर


ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

  1. Indiancitizenshiponline.nic.in पर जाएं।
  2. होमपेज पर “Citizenship under CAA-2019” लिंक पर क्लिक करें।
  3. आवेदन फॉर्म भरें – नाम, जन्मतिथि, धर्म, पिछला देश, भारत आने की तारीख आदि।
  4. दस्तावेज़ अपलोड करें।
  5. आवेदन सबमिट करें और रसीद (acknowledgment) प्राप्त करें।
  6. आवेदन की स्थिति वेबसाइट पर लॉगिन करके देखी जा सकती है।

CAA से जुड़ी जरूरी जानकारियाँ और तथ्य (Key Facts & Figures)

CAA kya Hai? CAA 2019 को समझने के लिए यह जरूरी है कि हम यह जानें कि यह कानून नागरिकता अधिनियम 1955 में कैसे बदलाव करता है और भारत में नागरिकता से जुड़े बाकी नियम कौन-कौन से हैं।

नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव, मूल कानून में संशोधन कैसे और क्यों हुआ?

  • नागरिकता अधिनियम, 1955 भारत में नागरिकता पाने के नियम तय करता है। इसके अनुसार नागरिकता मुख्य रूप से जन्म, वंश, पंजीकरण, प्राकृतिककरण या भारत की सेवा के आधार पर मिलती है।
  • इस कानून में यह भी प्रावधान था कि जो व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों के भारत आया है, वह अवैध प्रवासी कहलाता है और उसे नागरिकता नहीं मिल सकती।
  • लेकिन CAA 2019 ने इस प्रावधान में एक अपवाद जोड़ा:

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 6 धर्मों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई) के शरणार्थियों को, अगर वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए और 5 साल से भारत में रह रहे हैं, तो वे अब अवैध प्रवासी नहीं माने जाएंगे और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जा सकती है।

संशोधन का कारण:

  • इन तीन इस्लामिक देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न और अत्याचार के कारण वे भारत में शरण लेने आए थे।
  • पहले नागरिकता पाने के लिए 11 साल भारत में रहना जरूरी था, CAA ने इसे 5 साल कर दिया।

नागरिकता से जुड़े अन्य नियम और कानून

भारत में नागरिकता से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण कानून और प्रावधान भी हैं, जो CAA से जुड़े या प्रभावित हो सकते हैं:

OCI कार्ड (Overseas Citizen of India)

  • OCI कार्ड उन भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को दिया जाता है, जो भारत की नागरिकता नहीं रखते, लेकिन भारत से पारिवारिक या भावनात्मक संबंध रखते हैं।
  • उन्हें भारत में लंबे समय तक रहने, बिना वीजा यात्रा, संपत्ति खरीदने, और कुछ विशेष सुविधाओं का अधिकार मिलता है।
  • लेकिन उन्हें मतदान, सरकारी नौकरी और संवैधानिक पदों का अधिकार नहीं होता।

Foreigners Act, 1946 (विदेशी अधिनियम)

  • यह अधिनियम भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है।
  • इसके तहत अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार, नजरबंद या देश से बाहर निकाला जा सकता है।
  • लेकिन CAA के अंतर्गत आने वाले लोग अब अवैध नहीं माने जाएंगे, जिससे उन्हें विदेशी अधिनियम से राहत मिलेगी।

कानूनी प्रक्रिया का सरल विवरण | Citizenship Amendment Act

कानून / प्रावधानउद्देश्य और संबंध
नागरिकता अधिनियम 1955भारत में नागरिकता कैसे मिले, यह तय करता है
CAA 2019विशेष रूप से 3 देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देता है
Foreigners Act 1946भारत में विदेशी नागरिकों पर नियंत्रण
OCI कार्ड योजनाविदेशी भारतीय मूल के नागरिकों के लिए विशेष सुविधा
citizenship act | caa kya hai

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सूचना का अधिकार

निष्कर्ष (Conclusion)

Nagrikta Sanshodhan Adhiniyam (CAA) एक सीमित और उद्देश्यपूर्ण कानून है, जिसे खासतौर पर उन लोगों के लिए लाया गया है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने आए। जो लोग अभी भी यह समझना चाहते हैं कि CAA क्या है, उन्हें यह जानना चाहिए कि इसका उद्देश्य केवल उन्हीं अल्पसंख्यकों को राहत देना है जिन्हें वर्षों से नागरिकता की कानूनी मान्यता नहीं मिली थी।

यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस कानून से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता या अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। ऐसे में CAA क्या है – इसे सही ढंग से समझना, भ्रम फैलाने से बचना और समाज में सच व संतुलन की भावना को बढ़ावा देना, एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका है।

क्या CAA और NRC एक ही चीज हैं?

नहीं, CAA और NRC दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं।
CAA नागरिकता देने के लिए है।
NRC का उद्देश्य है यह पहचानना कि कौन भारत का वैध नागरिक है। NRC के लिए दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है।

क्या भारतीय नागरिकों को CAA से डरने की जरूरत है?

नहीं, भारतीय नागरिकों की नागरिकता पर CAA का कोई असर नहीं है। यह कानून केवल गैर-नागरिकों पर लागू होता है।

भारत में CAA के नियम क्या हैं?

11 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (CAA) के नियमों की अधिसूचना जारी की। इन नियमों का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों — जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई — को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। यह कानून उन शरणार्थियों को मानवीय आधार पर नागरिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

CAA किन राज्यों में लागू नहीं होगा?

CAA कुछ विशेष स्वायत्त क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। इनमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत स्वायत्त परिषदें मौजूद हैं। उदाहरण के तौर पर:
असम के कार्बी आंगलोंग, दिला हसाओ और बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद क्षेत्र
मेघालय के गारो हिल्स क्षेत्र
त्रिपुरा के आदिवासी स्वायत्त क्षेत्र
इन क्षेत्रों को संविधान में विशेष अधिकार प्राप्त हैं, इसलिए यहां CAA स्वतः लागू नहीं होगा।

CAA क्या है?

CAA का पूरा नाम है नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (Citizenship Amendment Act)। यह भारत का एक कानून है, जो खासतौर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों—जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों—को भारतीय नागरिकता देने की सुविधा प्रदान करता है।

भारत में CAA कब लागू हुआ?

केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को 11 मार्च 2024 से देशभर में लागू किया। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है।

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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.