Mutual Fund Kya Hai? चुने सबसे अच्छा म्यूच्यूअल फण्ड

April 25, 2024
mutual fund kya hai

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म्यूचुअल फंड अपनी बचतों को इन्वेस्ट करने का एक तरीका है। म्यूचुअल फंड् कम्पनियां investors से पैसा लेकर उस पैसे को इकट्ठा करती है। म्यूचुअल फंड कंपनियां फिर उस पैसे को बॉन्ड और short term loan में इन्वेस्ट करती है। investors म्यूचुअल फंड से शेयर खरीदते हैं। बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए ही होता है, जिनके पास बड़ी savings हैं लेकिन ऐसा तो बिल्कुल भी नहीं है। अगर आप समझ जाएंगे कि mutual fund kya hai तो इसमें आसानी से इन्वेस्ट कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं होती है। आप छोटी रकम से भी शुरुआत कर सकते हैं। चाहे तो हर दिन या हर महीने में भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें इन्वेस्ट करने पर interest भी मिलता है। इसमें return बहुत अच्छा मिलता है और यह आपकी बचत को बढ़ा देता है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं तो इसकी पूरी जानकारी होना चाहिए क्योंकि जहां फायदा है, वहां नुकसान भी होता है। तो जानिए mutual fund kya hota hai और इससे जुड़ी पूरी जानकारी। 

Mutual Fund Kya Hai? कैसे इन्वेस्ट करें?

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को आप एक तरह की सामूहिक निवेश योजना समझ सकते हैं। इसमें कई निवेशक अपना पैसा मिलाकर एक फंड बनाते हैं। इस फंड को प्रोफेशनल फंड मैनेजर चलाते हैं। ये मैनेजर इस फंड में जमा हुए पैसा को स्टॉक, बॉन्ड, और दूसरी प्रतिभूतियों (Securities) में लगाते हैं।

आसान शब्दों में कहें तो, मान लीजिए कि आपके पास थोड़ा पैसा है और आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तो आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसमें आपका पैसा दूसरे निवेशकों के साथ मिल जाता है और एक बड़ा फंड बन जाता है। इस फंड को संभालने वाले विशेषज्ञ (फंड मैनेजर) शेयर बाजार का अध्ययन करके आपके पैसों को अलग-अलग कंपनियों में लगाते हैं, जिससे आपको फायदा होने की संभावना बढ़ जाती है।

दो तरह से म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है। एक तरीका है किसी फंड में एक साथ पैसा लगाना और दूसरा तरीका है SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। दूसरे प्लान में हर महीने इन्वेस्ट करना होता है। SIP के अंदर 100 रुपये से भी इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं। अगर लंबे समय तक SIP में इन्वेस्ट किया जाए तो इससे कम्‍पाउंडिग का फायदा मिलता है। अगर फंड का NAV बढ़ता रहता है, तो एक साथ इन्वेस्टमेंट करने से आपको ज्‍यादा रिटर्न मिलेगा। NAV (Net Asset Value) म्यूचुअल फंड योजना में इन्वेस्ट करने की per unit की value को कहते है। AMC इन सभी investors के fund को इकट्ठा करती है और एक फंड बना देती है। जिन investors की जरूरतें एक जैसी होती हैं, उनके पैसे को साथ में रख कर इन्वेस्ट करते हैं। फंड को संभालने का काम फंड मैनेजर का होता है। Mutual Fund में बहुत सी स्कीम होती हैं। आप अपनी जरुरत के अनुसार कोई भी स्कीम ले सकते हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता है?

जब तक आप यह नहीं जान लेंगे कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है तब तक इसमें सही तरीके से इन्वेस्ट नहीं कर पाएंगे। तो आइये जानते हैं कि mutual fund kaise kaam karta hai।

बहुत से लोग या investors जो पैसा इकट्ठा करते हैं, वही पैसा म्यूचुअल फंड बनता है। इस फंड को फंड मैनेजर मैनेज करता है। म्यूचुअल फंड में SIP (सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के जरिए fix amount इन्वेस्ट कर सकते हैं। SIP एक तरह का ऐसा प्लान है, जिसके through कोई भी mutual fund में इन्वेस्ट कर सकता है। SIP इन्वेस्टमेंट बढ़ाने में मददगार है। इसमें regular basis पर इन्वेस्ट करना होता है। SIP में 100 रुपए से भी इन्वेस्ट शुरू किया जा सकता है।

अपने जोखिम उठाने की क्षमता को समझें (Risk Tolerance): हर म्यूचुअल फंड में अलग-अलग जोखिम होता है। इसलिए निवेश करने से पहले आपको यह समझना चाहिए कि आप कितना जोखिम उठा सकते हैं।

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म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट क्यों करें?

म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट फायदे का सौदा होता है, जानिए इसमें क्यों इन्वेस्ट करना चाहिए।

AMC fund को मैनेज करने के लिए कुछ फ़ीस लेता है उसे एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं। म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेश्यो इन्वेस्टमेंट का 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो कम इसलिए लिया जाता है क्योंकि म्यूचुअल फण्ड में बहुत से लोग इन्वेस्ट करते हैं, तो इस फ़ीस को सभी के बीच बांट दिया जाता है।

म्यूचुअल फंड को किसी भी दिन खरीद और बेच सकते हैं। अगर PPF या बीमा, बैंक FD की बात करें, तो इन्हें सरकारी छुट्टी वाले दिन या रविवार को खरीद और बेच नहीं सकते हैं।

इसमें ज्यादा इन्वेस्टमेंट नहीं बल्कि कम में ही स्टाक और बांड आसानी से लिया जा सकता है। इसकी सबसे अच्छी खासियत यह है की जिस भी म्यूचुअल फण्ड में इन्वेस्ट किया जाता है, उस फण्ड में से एक जगह नहीं बल्कि अलग-अलग जगह पैसा लगाया जाता है। इसका फायदा यह होता है कि किसी जगह मंदी आने पर दूसरी जगह से फायदा मिल सकता है।

म्यूचुअल फंड को Security Exchange Board of India (SEBI) रेगुलेट करती हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत को हर दिन monitor किया जाता है। यहां तक कि हर महीने उनके पोर्टफोलियो की announcement भी की जाती है और इसकी जानकारी भी लोगों को दी जाती है।

निवेश के लिए कैसे चुनें सबसे अच्छा म्यूचुअल फण्ड?

एक अच्छे mutual fund को चुनना ज्यादा बड़ी बात नहीं है लेकिन यह जरुरी भी है क्योंकि यह लम्बे समय तक आपके लिए फायदेमंद होगा। आप आगे दिए गए guidance की मदद से निवेश करने के लिए सबसे अच्छा म्यूचुअल फंड चुन सकेंगे।

1. फंड की हिस्ट्री

फंड की हिस्ट्री से समय के साथ फंड की performance का रिकॉर्ड पता चलता है। हाल ही में लॉन्च हुए म्यूचुअल फंड के लिए खुले फंडों का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं मिलता है। इसकी वजह से market cycles में उनके रिटर्न और performance के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है।

2. गोल

Mutual Fund में इन्वेस्ट करते समय आपको अपने गोल को ध्यान में रखना है कि आप इन्वेस्ट क्यों करना चाहते हैं। आप कब तक इंवेस्टमेंट प्लान कर रहे हैं और रिटर्न की क्या उम्मीद कर रहे हैं?

3. फंड मैनेजर की परफॉर्मेंस

फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है यह जानना जरुरी है। Investors को बाजार में तेजी और गिरावट के दौरान फंड की performance पर ध्यान देना चाहिए। फंड मैनेजर ने जो प्लान्स मैनेज किये हैं, उसकी performance को भी देख सकते हैं।

4. लिक्विडिटी

Investors को इस बारे में पता होना चाहिए कि उन्हें कब इन्वेस्ट करने की जरूरत हो सकती है। अगर इसकी जरूरत जल्दी ही होने वाली है तो इक्विटी म्यूचुअल फंड सही नहीं होगा। क्योंकि ये उम्मीद जितना रिटर्न नहीं दे सकता है। अगर आप कम समय के लिए पैसा जोड़ना चाहते हैं, तो लिक्विड फंड को चुनना सही होगा।

म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे और नुकसान

म्यूचुअल फंड के फायदे (Benefits of Mutual Funds):

  1. विभिन्नता (Diversification): म्यूचुअल फंड आपके निवेश को विभिन्न कंपनियों और परिसंपत्तियों में फैला देते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है।
  2. पेशेवर प्रबंधन (Professional Management): फंड मैनेजर शेयर बाजार के जानकार होते हैं और वही आपके फंड का निवेश संभालते हैं।
  3. कम निवेश (Low Investment): आप कम राशि से भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं।
  4. सुविधा (Convenience): म्यूचुअल फंड का लेन-देन आसान होता है। आप ऑनलाइन या ब्रोकर के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं।
  5. कर लाभ (Tax Benefits): कुछ म्यूचुअल फंडों में निवेश पर आपको आयकर अधिनियम के तहत कर कटौती का लाभ मिलता है।

म्यूचुअल फंड के नुकसान (Disadvantages of Mutual Funds):

  1. शुल्क (Fees): म्यूचुअल फंड में कई तरह के शुल्क होते हैं, जैसे कि प्रबंधन शुल्क, प्रवेश शुल्क, निकास शुल्क आदि। ये शुल्क आपके रिटर्न को कम कर सकते हैं।
  2. जोखिम (Risk): कोई भी निवेश जोखिम से मुक्त नहीं होता है। म्यूचुअल फंड भी जोखिम भरे होते हैं। यदि बाजार गिरता है, तो आपके फंड का मूल्य भी गिर सकता है।
  3. कम नियंत्रण (Less Control): जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप अपने पैसे का निवेश कैसे किया जाता है, इस पर आपका कम नियंत्रण होता है। फंड मैनेजर ही यह तय करते हैं कि आपके पैसे को किस कंपनी या सेक्टर में लगाया जाएगा।
  4. तात्कालिक निकासी (No Immediate Withdrawal): कुछ म्यूचुअल फंडों में लॉक-इन पीरियड (Lock-in Period) होता है। इस दौरान आप अपना पैसा नहीं निकाल सकते।

निष्कर्ष

म्यूचुअल फंड इन्वेस्ट करने के लिए सबसे best है। क्योंकि इससे बहुत से फायदे भी होते हैं। अगर आप सही म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं, तो इससे आपको अच्छा फायदा मिलेगा। आपको इन्वेस्ट करने से पहले अपने कल के बारे में सोच लेना चाहिए। अपने financial goals और रिस्क लेने की क्षमता के बारे में जरूर सोचें। आज आपको यहां म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे करें के बारे में पूरी जानकारी मिली। इसके क्या फायदे और नुकसान हैं यह भी आपने जाना। हम उम्मीद करते हैं कि इस जानकारी से आपको एक अच्छा investor बनने में मदद मिलेगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Mutual fund kya hai? 

म्यूचुअल फंड एक financial resource है। जिसमें बहुत से investors निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियां बहुत सी तरह की securities में फंड allot करती हैं। AMC Mutual fund को मैनेज करती हैं। AMC शेयर, बॉन्ड, स्टॉक और म्यूचुअल फंड कंपनियों की other assets में इन्वेस्ट करती हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड का क्या फायदा है?

म्यूचुअल फंड में कम से कम रुपये से invest शुरू कर सकते हैं। 100 रुपए से शुरू कर maximum इन्वेस्टमेंट कितना भी कर सकते हैं। नए investors को जानकारी नहीं होती कि कहां और कैसे इन्वेस्ट करना है। तो यह एक अच्छा फायदा है कि इनका मैनेजमेंट experienced professionals करते हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड का क्या नुक्सान है? 

कुछ म्यूचुअल फंड एंट्री या एग्जिट लोड या फिर यह दोनों के लिए चार्ज कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में रिटर्न की गारंटी नहीं होती हैं। इसलिए इन्वेस्ट करने से पहले फंड के बारे में जान लेना चाहिए। अगर manager अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहा है तो टर्नओवर और विंडो ड्रेसिंग हो सकती है। जब म्यूचुअल फंड में capital gains payment की बात आती है, तो फिर investors इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। उनके पास दूसरा कोई option नहीं होता।

म्यूच्यूअल फण्ड से पैसा कब निकाल सकते है?

जब भी आपको लगने लगे की आपके फण्ड की performance अच्छी नहीं चल रही हैं, तब आप पैसा निकाल सकते हैं। कंपनियां बहुत बार इन्वेस्टमेंट प्लान में बदलाव करती रहती हैं। हो सकता है, इस बदलाव से आपके इन्वेस्टमेंट का गोल पूरा नहीं हो रहा हो। ऐसे में फण्ड से पैसा निकाला जा सकता हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड कहां से और कैसे खरीदें?

AMC या एजेंट से म्यूचुअल फंड खरीदने के साथ ही ऑनलाइन फंड हाउस पार्टनर पोर्टल से भी म्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर KYC पूरा हो जाता है तो म्यूचुअल फंड में ऑफलाइन या ऑनलाइन इन्वेस्ट कर सकते हैं। अगर ऑनलाइन नहीं करना चाहते तो अपने पास की ब्रांच में जाकर fund में इन्वेस्ट कर सकते हैं। 

म्यूच्यूअल फण्ड में कितना ब्याज मिलता है?

जिस तरह से बैंक बचत या FD पर एक interest rate का payment करता है। इसी तरह कम्पनी ने जो अपने बांड्स जारी किये होते हैं, वो उस पर एक interest rate को fix करके payment करती है और जब म्यूच्यूअल फंड्स इन बांड्स को खरीदते हैं, तो उनकी interest के रूप में income होती है। बांड्स की value interest rate के opposite होती है। जैसे बांड की value ज्यादा होगी तो Interest Rate कम होगा।

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