SIP Kya Hota Hai? / SIP क्या होता है?

April 24, 2024
sip kya hota hai

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SIP का पूरा नाम “सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान” (Systematic Investment Plan) होता है। हिंदी में इसे “व्यवस्थित निवेश योजना” भी कहते हैं। SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है। इसमें आप एक निश्चित रकम, नियमित अंतराल पर (जैसे हर महीने, तिमाही या सालाना) निवेश करते हैं। यह राशि आपकी आय के अनुसार तय की जा सकती है, चाहे वह ₹500 जितनी कम ही क्यों न हो।हालांकि, यह कई लोगों को अपने रिटर्न ऑफर से अपनी ओर खींचता है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं। जो पैसा इंवेस्ट करना चाहते हैं उनके लिए Systematic Investment Plan (SIP) एक बेहतरीन विकल्प है। यह आपको तेजी और मंदी दोनों तरह के बाजार पैटर्न से मुनाफा कमाने में मदद करता है, जिससे बाजार को time bound करने की जरूरत खत्म हो जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि sip kya hota hai और sip में निवेश कैसे करें।

एसआईपी क्या है? (SIP Kya Hota Hai?)

जब भी SIP की बात होती है, तब मन में आता है कि SIP क्या होता है। SIP एक स्मार्ट निवेश स्ट्रेटेजी है, जो आपको नियमित intervals (weekly, monthly, quarterly आदि) पर एक तय की गई पैसे का निवेश करने की अनुमति देती है। एसआईपी के माध्यम से आप फंड हाउसों (म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों (ULIP) और वित्तीय संस्थानों) द्वारा पेश किए गए मार्केट-लिंक्ड फंड में निवेश कर सकते हैं।

जब आप एक या अधिक SIP प्लान के लिए apply करते हैं, तो पैसा खुद ब खुद आपके बैंक खाते से डेबिट हो जाती है और पहले से तय किए गए टाइम interval पर आपके द्वारा खरीदे गए म्यूचुअल फंड में निवेश हो जाती है। दिन के अंत में, आपको म्यूचुअल फंड की NAV के आधार पर म्यूचुअल फंड की यूनिट दी जाती है।

SIP प्लान में प्रत्येक निवेश के साथ, बाजार रेट के आधार पर अतिरिक्त यूनिट आपके खाते में जोड दी जाती हैं। प्रत्येक निवेश के साथ, फिर से निवेश की जाने वाली राशि बड़ी होती है और उन निवेश पर रिटर्न भी बड़ा होता जाता है। SIP’s की अंतिम समय या एक नियमित interval पर रिटर्न प्राप्त करना निवेशक के ऊपर होता है।

मान लीजिए कि आप म्यूचुअल फंड ए में निवेश करने के लिए हर महीने 5,000 रुपये का एसआईपी शुरू करना चाहते हैं। म्यूचुअल फंड का वर्तमान मूल्य (एनएवी) 50 रुपये प्रति यूनिट है, जिससे आपको फंड की 100 यूनिट मिलेगी।

SIP खाता कैसे खोलें? (How to open SIP account)

अगर आप सोच रहे हैं कि sip खाता कैसे खोलें, तो ब्लॉग का यह हिस्सा आपके लिए काफी मददगार होगा। यहां हम म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खोलने के तरीके को स्टेप बाई स्टेप बता रहे हैं:

  • Mutual Fund प्लान चुनें: ऐसे म्यूचुअल फंड प्लान का चयन करें जो आपके फाइनेशियल गोल्स और रिस्क टोलेरेंस के मुताबिक फिट बैठता हो। आप म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट, फाइनेंशियल न्यूज या फाइनेंशियल सलाह सहित अलग अलग सोर्स के जरिए से फंडों और उनके प्रदर्शन के बारे में रिसर्च कर सकते हैं।
  • SIP Amount चुनें: आप एसआईपी में कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं, यह निर्धारित करें। एसआईपी आपको नियमित रूप से आमतौर पर मासिक तौर पर एक निश्चित पैसा निवेश करने की अनुमति देता है। आप कम पौसों से शुरुआत कर सकते हैं और समय के साथ इसे बढ़ा सकते हैं क्योंकि आपकी फाइनेंशियल स्थिति इसकी परमिशन देती है।
  • Frequency चुनें: एसआईपी निवेश की frequency तय करें। सबसे आम विकल्प मासिक हैं, लेकिन कुछ म्यूचुअल फंड तीमाही या छैमाही जैसी अन्य frequencies की भी पेशकश करते हैं। वही ऑप्शन चुनें, जो आपके बजट और निवेश गोल से मेल खाता हो।
  • केवाईसी Compliance: कई म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको अपने Know Your Customer (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करना होता है। इसके लिए आपकी पासपोर्ट साइज फोटो के साथ पहचान और पते का प्रूफ देना होता है। आप ये प्रोसेस देश के नियमों के आधार पर म्यूचुअल फंड कंपनी के कार्यालय या किसी अधिकृत एजेंसी पर जाकर या ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं।
  • निवेश खाता खोलें: म्यूचुअल फंड कंपनी या उस फंड हाउस में एक निवेश खाता खोलना होता है, जो आपके सिलेक्ट किए गए म्यूचुअल फंड को मैनेज करता है। यह अक्सर म्यूचुअल फंड की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन या फिजिकल ऑफिस जाकर किया जा सकता है।
  • Application जमा करें: म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा दिए गए एसआईपी application पूरा करें। यह फॉर्म आपसे आपके पर्सनल डिटेल्स, निवेश का पैसा, frequency और बैंक खाते की जानकारी मांगेगा। ये चेक जरूर करें कि सभी जानकारी सटीक हैं।

कुछ और स्टेप्स

  • बैंक Mandate करें: आपको एक बैंक mandate दिया जाएगा जो म्यूचुअल फंड कंपनी को एसआईपी निवेश के लिए आपके बैंक खाते से अपने आप डेबिट करने की अनुमति देगा। यही कारण है कि आपको आवेदन पत्र में सटीक बैंक खाते की जानकारी देनी होगी।
  • अपने एसआईपी खाते में Amount जमा करें: एक बार खाता खोलने के बाद आपको प्रारंभिक निवेश amount जमा करनी होगी। कुछ म्यूचुअल फंडों में कम से कम निवेश से शुरू करने की जरूरत होती है।
  • एसआईपी शुरू करें: आपके खाते में पैसा जमा होने के बाद, म्यूचुअल फंड तय की गई तारीख और frequency पर आपका एसआईपी शुरू करेगा। आपके द्वारा निर्धारित पैसे आपके बैंक खाते से काट ली जाएगी और चुने हुए म्यूचुअल फंड में निवेश कर दी जाएगी।
  • Monitor और Review: अपने एसआईपी निवेश पर नज़र रखें और अपने पोर्टफोलियो को नियमित रूप से Review करें ताकि यह पक्का हो सके कि यह आपके फाइनेंशियल गोल के अनुरूप है। यदि आवश्यक हो तो आप अपनी एसआईपी पैसे, frequency या म्यूचुअल फंड प्लान में बदलाव कर सकते हैं।
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SIP kya hota hai और इसमें निवेश कैसे करें? (How to invest in SIP)

एसआईपी(SIP) में जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी निवेश करना चाहिए। कोई व्यक्ति जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करेगा, उसके पैसे को बढ़ने के लिए उतना ही अधिक समय लगेगा। sip में निवेश कैसे करें, इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलों करें:

  • स्टेप 1: आपको पैसा तय करनी होगी, जितना आप एसआईपी के माध्यम से समय-समय पर निवेश करना चाहते हैं। यह राशि कम से कम 100 रु प्रति माह होनी चाहिए। प्रत्येक प्लान के लिए न्यूनतम निवेश का पैसा अलग-अलग होती है।
  • स्टेप 2: उस निवेश प्रोडक्ट या म्यूचुअल फंड का चयन करें, जिसमें आप पैसा निवेश करना चाहते हैं। म्यूचुअल फंड का चुनाव आपके फाइनेंशियल गोल्स और रिस्क की क्षमता पर आधारित होता है।
  • स्टेप 3: एसआईपी की अवधि तय करें, जो कुछ महीनों से लेकर कई वर्षों तक हो सकती है।
  • स्टेप 4: एक तारीख तय करें, जिस दिन एसआईपी निवेश पैसा उनके बैंक खाते से डेबिट की जाएगी।
  • स्टेप 5: निवेश पैसा फिक्स करने के बाद, निवेश प्रोडक्ट का चयन करें और एसआईपी समय तय करें।

Sip के नुकसान और फायदे

नुकसान (Disadvantages)

  1. मार्केट रिस्क (Market Risk): एसआईपी बाजार जोखिम को खत्म नहीं करता है। आपके निवेश मूल्य में बाज़ार स्थितियों के आधार पर उतार-चढ़ाव हो सकता है। यदि बाज़ार में मंदी आती है, तो आपके निवेश का मूल्य घट सकता है।
  2. रिटर्न की Guarantee नहीं: एसआईपी बाजार के चलन पर डिपेंड करता है। आपके निवेश पर रिटर्न की कोई guarantee नहीं होती है, और हो सकता है कि आपको शुरू में निवेश की गई पैसा वापस न मिले।
  3. लिक्विडिटी रिस्क (Liquidity Risk): एसआईपी में आमतौर पर लॉक-इन अवधि होती है। हालाँकि आप आम तौर पर अपनी यूनिट्स को किसी भी समय redeem कर सकते हैं, लेकिन यदि आप एक निर्दिष्ट अवधि से पहले यूनिट्स redeem होते हैं तो कुछ म्यूचुअल फंड एग्जिट लोड ले सकते हैं।
  4. उतार चढ़ाव (Volatility): एसआईपी बाजार की उतार चढ़ाव से जुड़ा हुआ है। मार्केट में ज्यादा उतार-चढ़ाव के दौरान, आप अपने निवेश के अमाउंट में भी गिरावट या उछाल देख सकते हैं।
  5. ब्याज दर जोखिम: एसआईपी में Debt mutual funds के इंटरेस्ट रेट्स में में बदलाव से असर हो सकता है। बढ़ते इंटरेस्ट रेट के माहौल से डेट फंड यूनिट के मूल्य में कमी आ सकती है।

फायदे (Benefits)

1. अनुशासित निवेश (Disciplined investment)

एसआईपी निवेशकों को डिसिप्लिन तरीके से निवेश करने में मदद करता है क्योंकि इसमें नियमित intervals पर निर्धारित पैसा का निवेश शामिल होता है। इससे निवेशकों को बाजार में समय निर्धारित करने और एकमुश्त पैसा निवेश के लालच से बचने में मदद मिलती है। बाजार की गतिविधि का analysis किए बिना, यह discipline बचत और निवेश की आदत बनाने में मदद करता है,जो लंबे समय तक पैसा बनाने के लिए जरूरी है।

2. लागत प्रभावी (Cost-effective)

एसआईपी निवेशकों को कम पैसों के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश करने की अनुमति देता है। जैसे ही निवेश का पैसे को छोटे भागों में विभाजित किया जाता है, निवेश पर बाजार के असर की volatility कम हो जाती है। इसके अलावा, एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश की लागत भी अन्य इन्वेस्टमेंट के तरीकों की तुलना में कम है।

3. कंपाउंडिंग की शक्ति (Power of compounding)

एसआईपी निवेश निवेशकों को कंपाउंडिंग की शक्ति का लाभ उठाने की अनुमति देता है। चूंकि निवेश नियमित रूप से लंबी अवधि में किया जाता है, इसलिए निवेश पर मिलने वाला रिटर्न भी रिटर्न उत्पन्न करता है, जिसकी वजह से निवेश पर अधिक रिटर्न मिलता है।

4. फ्लेक्सीबिलिटी (Flexibility)

एसआईपी निवेशकों को लचीलापन प्रदान करता है क्योंकि वे अपने फाइनेंशियल गोल्स और circumstances के आधार पर किसी भी समय अपने निवेश को शुरू, बंद या बढ़ा/घटा सकते हैं।

5. विविधीकरण (Diversification)

एसआईपी निवेशकों को diversified पोर्टफोलियो में निवेश करने की अनुमति देता है क्योंकि म्यूचुअल फंड विभिन्न सेक्यूरिटी जैसे स्टॉक, बॉन्ड और बाकी डिवाइस में निवेश करते हैं। इससे निवेश रिस्क को बढ़ने और निवेश पर बाजार के उतार चढ़ाव उतार के असर को कम करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

SIP में पैसे इन्वेस्ट करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी होता है। अगर आप SIP में पैसा इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं, तो इस बारे में किसी से सहायता ले सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार पैसे इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

SIP kya hota hai, SIP के फायदे?

SIP एक स्मार्ट निवेश स्ट्रेटेजी है, जो आपको नियमित intervals (weekly, monthly, quarterly आदि) पर एक निश्चित पूर्व निर्धारित राशि का निवेश करने की अनुमति देती है। SIP के फायदे disciplined investment, cost effective, resilience आदि हैं।

एसआईपी में कितना ब्याज मिलता है?

SIP में ब्याज की दरें निवेश के चयन के हिसाब से विभिन्न हो सकती हैं। म्यूचुअल फंड की ब्याज दर निम्नलिखित कारकों पर डिपेंड करती हैं: 
 
1. म्यूचुअल फंड के प्रकार 
2. बाजार की स्थिति 
3. निवेश की अवधि 
4. म्यूचुअल फंड के व्यय (Expense Ratio) 

सबसे अच्छा SIP कौन सा है?

सबसे अच्छा SIP कौन सा है, यह आपके फाइनेंशियल गोल्स, निवेश के गोल्स, और रिस्क टोलेरेंस के साथ जुड़ा होता है। यह एक व्यक्ति का निर्णय होता है और सामान्य रूप से किसी विशेष SIP को सबसे अच्छा बताने में sensitivity होती है।

SIP कैसे शुरू करें? 

भारत में एसआईपी शुरू करने के लिए फाइनेंशियल गोल्स निर्धारित करने, सही म्यूचुअल फंड चुनने, एसेट मैनेजमेंट कंपनी चुनने, केवाईसी Compliance करने, एसआईपी पैसा चुनने, एसआईपी Frequency चुनने, एसआईपी आवेदन पत्र भरने, आवेदन जमा करने, Verification, निगरानी और Review करने की आवश्यकता होती हैं।

सिप में कितना रिटर्न मिलता है?

SIP से प्राप्त होने वाले रिटर्न अलग अलग कारकों पर डिपेंड करता है, जैसे कि आपके निवेश के प्रकार, चुना गया म्यूचुअल फंड, निवेश की अवधि, बाजार की प्रतिस्पर्धा, और निवेश के बजट पर।

म्यूचुअल फंड और सिप में क्या अंतर है? 

म्यूचुअल फंड और SIP दोनों ही निवेश के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं, यहां दोनों के बीच मुख्य अंतरों को समझा रहे हैं:
 
● म्यूचुअल फंड एक निवेश वाहक होता है जबकि SIP एक निवेश की विधि होती है।
● म्यूचुअल फंड में, निवेशकों को निवेश करने की निवेश की राशि का निर्धारण करना होता है, जबकि SIP में, वे नियमित अंतराल पर निवेश करने की निश्चित राशि का चयन करते हैं। 
● म्यूचुअल फंड निवेश की अवधि निवेशकों की आवश्यकतानुसार अलग-अलग हो सकती है, जबकि SIP दीर्घकालिक निवेश की विधि होती है, जो निवेशकों को नियमित रूप से निवेश करने की सुविधा प्रदान करती है।

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