जाने Business Karne ka Tarika और बने एक सफल बिजनेसमैन

April 25, 2024
business karne ka tarika

Table of Contents

अगर आप अपना बिज़नेस शुरू कर एंटरप्रेन्योर बनना चाहते है तो आपको बिज़नेस के बेसिक्स ज़रूर पता होने चाहिए। बिज़नेस कैसे करते है? या business karne ka tarika क्या है? इन सवालों कि जवाब आपको आना ज़रूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको इन्ही तरीकों के बारे में बताएँग। किसी भी बिज़नेस को सफल बनाने के लिए उसका लंबे समय तक टिके रहने सबसे ज्यादा जरूरी होता है, क्योंकि जैसे जैसे बिज़नेस पुराना होता है, वैसे वैसे उसमे बदलाव होते रहते हैं। इसी बदलाव को समझने के लिए और बिज़नेस के अलग अलग तरीकों को जानने के लिए हमने इस आर्टिकल में वह सब-कुछ बताया है, जो आपको एक सफल बिजनेसमैन बना सकता है।

Business karne ka tarika क्या है?

बिज़नेस करने का तरीका उसके प्रकार पर डिपेंड करता है। क्योंकि हर बिज़नेस की जरूरत अलग अलग होती है, जैसे कि किसी ऑनलाइन बिज़नेस के लिए सॉफ्टवेयर में इन्वेस्ट करना पड़ता है, वैसे ही किसी किराने दुकान के बिज़नेस में किराने माल पर इन्वेस्ट करना पड़ता है, दोनों में बेहद अंतर है। हर बिज़नेस में अलग अलग स्ट्रेटजीस और प्लान्स को फॉलो करना पड़ता है, इसके लिए कोई एक ही तरीका नहीं है, जिसे फॉलो करके सभी बिज़नेस किये जा सके। बिज़नेस के अपने अलग अलग प्रकार हैं, जिसके अनुसार उसमे इन्वेस्टमेंट, मार्केटिंग आदि करनी पड़ती है। जैसे कि –

ई कॉमर्स (E-Commerce)-

ई-कॉमर्स का मतलब है चीजों को ऑनलाइन बेचना, जैसे किसी भी स्टोर पर जाने के बजाय घर बैठे ही किसी वेबसाइट से खिलौने या कपड़े खरीदना। बहुत से लोग अपने खुद के ऑनलाइन स्टोर शुरू करते हैं और उससे प्रॉफिट कमाते हैं, इसके साथ-साथ ड्रॉपशिपिंग भी एक ई-कॉमर्स का ही हिस्सा है, जिसमें किसी प्रोडक्ट को स्टॉक में रखे बिना ही ऑनलाइन बेचा जा सकता है। 2023 के आंकड़ों की बात करें तो इस साल करीबन 6.5 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा की ऑनलाइन शॉपिंग दुनियाभर में की जा चुकी है। ई-कॉमर्स का कस्टमर बेस बहुत बड़ा है और यह दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। ये एक सबसे बेहतर Business karne ka trika / बिज़नेस करने का तरीका माना जाता है।

सर्विस से जुड़ा हुआ बिज़नेस (Service based Business) –

Business karne ka यह tarika सर्विस आधारित होता है, जिसमें आप किसी उत्पाद को बेचने के बजाय कोई सेवा प्रदान करते हैं। ये सेवाएं किसी व्यक्ति या किसी कंपनी की समस्याओं को हल करने में उनकी मदद करती हैं। जैसे कि बिज़नेस, प्रोपेर्टी, या इन्वेस्टमेंट पर सलाह देना, दूसरों के लिए काम करना या स्पेशल सर्विस देना होता है। इस तरह के बिज़नेस के लिए सबसे जरूरी है कि एक ऐसे केटेगरी (category) को चुनें, जिसकी ज्यादा जरूरत लोगों को है, या फिर जिस जगह पर सर्विस देनी है उस जगह पर वैसे लोग मौजूद हों, जिन्हें उन सर्विसेस की जरूरत रहती है। इस प्रकार के बिज़नेस के बारे में अच्छी बात यह है कि इसे जितना चाहे उतना बड़ा बनाया जा सकता है और इसे शुरू करने में भी ज्यादा इन्वेस्टमेंट नहीं लगती है।

फ्रेंचाइजी बिज़नेस (Franchise Business) –

फ्रैंचाइज़ी बिज़नेस यानी कि एक ऐसा बना बनाया हुआ बिज़नेस होता है जिसका साल का करोड़ों का टर्नओवर होता है। फ्रेंचाइजी बिजनेस एक स्थापित कंपनी के साथ साझेदारी करने जैसा होता है। इस मॉडल में, एक बड़ी कंपनी (जिसे फ्रेंचाइज़र कहा जाता है) किसी दूसरी कंपनी (जिसे फ्रेंचाइजी कहा जाता है) को अपने ब्रांड नाम, व्यापार प्रारूप (business format), और कार्यप्रणाली का उपयोग करने का लाइसेंस देती है। इस तरह के बिज़नेस में फ़ूड, रिटेल और सर्विसेस से जुड़े बिज़नेस होते हैं, जैसे कि AMUL, MBA चायवाला, चाय सुट्टा बार आदि।

मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing)-

Business karne ka यह tarika चीज़ें बना कर बेचने से जुड़ा हुआ है।मैन्युफैक्चरिंग का मतलब ऐसी चीजें बनाना है, जिन्हें लोग खरीदना चाहते हैं। अगर आपके पास किसी प्रोडक्ट के बारे में कोई कॉन्सेप्ट है तो यह पैसा कमाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। आप या तो खुद उस प्रोडक्ट को बना सकते हैं या किसी दूसरी कंपनियों के साथ जुड़कर काम कर सकते हैं जो पहले से ही उस तरह के प्रोडक्ट बनाना जानती हैं। यह जानना जरूरी है कि प्रोडक्ट कैसे बनाया जाता है और लोग उन्हें खरीदना चाहते हैं या नही। क्योंकि जिस चीज की जरूरत लोगों को नहीं है, उसे बनाने से नुकसान हो सकता है।

Chegg जोइन करें 01

बिजनेस कैसे करें, जानें जरुरी बातें

किसी भी बिज़नेस को शुरू करने के लिए प्लानिंग और प्रिपरेशन की आवश्यकता होती है। जैसे कि –

मार्केट रिसर्च –

मार्केट रिसर्च उन लोगों के बारे में जानने में मदद करता है, जो आपके प्रोडक्ट को पसंद कर सकते हैं। इससे पता चलेगा कि आपका कस्टमर कौन है, उन्हें क्या पसंद है और उन्हें क्या प्रोब्लम्स हैं, जिन्हें सॉल्व करके बिज़नेस बनाया जा सकता है। जितनी भी आपके बिज़नेस के जैसे दूसरे बिज़नेस है उन पर भी नज़र डालें कि वे क्या कर रहे हैं और किस तरह से प्रॉफिट बना रहे हैं। और उसी तरह से चीजों को बेहतर तरीके से करने के तरीके खोजें और अपने बिज़नेस में भी उन्हें अप्लाई करें। और इसके साथ आप दुनिया में होने वाली नई चीज़ों के बारे में भी रिसर्च करते रहें, जिससे आपके बिज़नेस में एक नयापन आता रहेगा और आप दूसरों से बेहतर बनते जाओगे।

बिज़नेस प्लान –

एक बिज़नेस प्लान आपके बिज़नेस के लिए रोडमैप की तरह होती है। इससे आपको पता चलेगा कि आपका बिज़नेस क्या है, आप क्या हासिल करना चाहता है और ये कहां तक पहुँचना चाहता है। इसमें यह जानकारी भी होती है कि आप लोगों को अपने बिज़नेस के बारे में कैसे बताएंगे, आप इसे कैसे चलाएंगे और आप अपने पैसे का मैनेजमेंट कैसे करेंगे। आप कितना पैसा कमाने और खर्च करने की एक्सपेक्टशन करते हैं, इसके लिए एक परफेक्ट प्लान बनाना जरूरी होता है।

सरकारी डॉक्युमेंट्स और रूल्स –

लीगल एक्टिविटी का मतलब ये तय करना है कि आपका बिज़नेस कैसे शुरू किया और चलाया जाएगा। बिज़नेस को सरकारी तौर पर रजिस्टर करना जरूरी होता है जिसमें पार्टनशिप, प्रोपराइटर और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आती है। ये सब कुछ बिज़नेस के इन्वेस्टमेंट और टाइप पर डिपेंड करता है। एक बार जब आप डिसाइड कर लेते हैं, तो आपको अपना बिज़नेस रजिस्टर करना होता है और सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे कि उद्यम आधार, शॉप एक्ट और लाइसेंस बनाने पड़ते हैं। और साथ ही टैक्स से जुड़े सारे रूल्स को फॉलो करना होगा और समय समय पर टैक्स भी भरना होगा।

फाइनेंस –

फाइनेंस के द्वारा आपके पैसे का हिसाब रखा जाता है और यह भी ध्यान रखा जाता है कि बिज़नेस के लिए लगने वाले खर्चों के लिए पैसा बचा हो। किसी भी तरह का फिजूल खर्च होने से फाइनेंस बचाता है। आपको अपने पैसों का अच्छा रिकॉर्ड रखना होगा और उन्हें बार-बार देखना होगा। आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि आपके पास बिज़नेस में लगनेवाले चीज़ों को खरीदने के लिए और फ्यूचर सेविंग के लिए पैसा बच सके। कभी-कभी आपको शुरुआत करने के लिए दूसरों से पैसे उधार लेने या इन्वेस्टर से मदद लेने की जरूरत पड़ सकती है, इसलिए कोशिश करें कि अपने पैसे का लेनदेन सही तरीके से ही हो।

कस्टमर फोकस –

कस्टमर फोकस का अर्थ है कि कस्टमर क्या कहना चाहते हैं उस पर ध्यान देना और अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेस को बेहतर बनाने के लिए दिए हुए फीडबैक का यूज करना। इसका मतलब ये भी है कि कस्टमर के साथ अच्छा व्यवहार करें और उन्हें खुश करें ताकि वे आपके पास वापस आना चाहें, उनको आपके सर्विसेस पसंद आए ये आपका मिशन होना चाहिए। कस्टमर को हमेशा अपने बिज़नेस के तरफ खींचने के लिए ऑफर्स और डिस्काउंट देते रहें। कम पैसे में ज्यादा फायदा ही कस्टमर की पहली चॉइस होती है।

मार्केटिंग –

मार्केटिंग का मतलब लोगों को किसी चीज़ के बारे में बताना और उनमें उसके लिए इंटरेस्ट पैदा करना है। ऐसा करने के लिए, आपको पहले एक प्लान बनाना होगा, जिसमें इसे बढ़ावा देने के अलग अलग तरीके शामिल हों। मार्केटिंग को इंटरनेट, सोशल मीडिया और एडवरटाइजिंग के जरिए किया जा सकता है। इन अलग तरीकों को आज़माने के बाद, आपको ये भी देखना चाहिए कि इन सब तरीकों ने कितनी अच्छी तरह से काम किया है और क्या इस वजह से लोगो में आपके प्रोडक्ट्स/ सर्विसेस को लेकर इंटरेस्ट बढ़ा है।

क्वालिटी –

क्वालिटी यानी कि आप जो प्रोडक्ट बनाते हैं, या सर्विस देते हैं, वो सच में अच्छा है और लोगों की एक्सपेक्टशन के अनुसार है। आपको हमेशा इसे और भी बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि लोग पहली बार में ही उसे खरीद लें और आगे भी आपके प्रोडक्ट्स को ही फर्स्ट प्रियॉरिटी दें।

दूसरों से कुछ अलग करना –

नए प्लान्स के लिए हमेशा तैयार रहना और नई नई चीज़ों को आजमाते रहना जरूरी होता है। हर बार कुछ नया लेकर आने की कोशिश करें, ताकि कस्टमर्स को भी कुछ नया एक्सपीरियंस करने को मिल सके। इससे आपको लोगो की सोच को समझने में आसानी होती है, आपको हमेशा कस्टमर के पर्सपेक्टिव से सोचना चाहिए ताकि उसी सोच को आप अपने सर्विसेज में ला सकें। जितना ज्यादा आप कस्टमर के बारे में सोचेंगे, उतना ही आप अपने बिज़नेस को आगे बढ़ता हुआ पाएंगे।

एंप्लॉयीज –

एम्प्लॉयीज वे लोग होते हैं जो किसी कंपनी के लिए काम करते हैं। किसी कंपनी के लिए सही स्किल्स और एक्सपीरियंस वाले सही लोगों को चुनना जरूरी होता है। उन्हें ट्रैन करना और अधिक सीखने का मौका भी देना चाहिए। बिज़नेस की जगह हमेशा खुशी भरी होनी चाहिए ताकि वहाँ काम करने वाले हर एक इंसान को भी खुशी मिल सके और वो पूरे मन से अपने काम को कर सकें।

रिस्क मैनेजमेंट –

रिस्क मैनेजमेंट इसलिए जरूरी है ताकि बिज़नेस में होने वाली किसी भी गलती को होने से रोका जा सके या फिर गलती होने के बाद उसे सुधारा जा सके। सीधी भाषा मे कहें तो फ्यूचर में बिज़नेस में क्या रिस्क आ सकता है उसके बारे में सोचना और उससे निपटने के लिए एक प्लान बनाना। रिस्क मैनेजमेंट का ही एक हिस्सा है इन्शुरन्स। बिज़नेस का इन्शुरन्स कर लेने से वो फ्यूचर में आने वाले सभी रिस्क से बिज़नेस को बचा सकता है। इसके अलावा उन सारी चीज़ों के बारे में हमेशा अपडेट रहें, जो आपके बिज़नेस के लिए प्रॉब्लम पैदा कर सकती हैं, जैसे कि गवर्नमेंट रूल्स, फंड्स से जुड़ी हुई प्रॉब्लम और ऑनलाइन सेफ्टी।

नेटवर्किंग –

नेटवर्किंग तब होती है, जब आप उन लोगों से जुडते हैं जो आपके जैसे ही फील्ड में काम करते हैं, या फिर आपके बिज़नेस का ही एक हिस्सा हैं। आप इन लोगों से प्रोग्राम्स में, पार्टीज में, इवेंट्स में शामिल होकर मिल सकते हैं। ऐसे लोगों का एक अच्छा नेटवर्क होने से आपको उनकी सलाह, आइडियाज, सपोर्ट और यहां तक ​​कि नए बिज़नेस डील्स मिलने में भी मदद मिल सकती है।

टेक्नोलॉजी –

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आपके बिज़नेस के लिए चीजों को आसान और बेहतर बना सकता है। आप अपने कामों को तेजी से करने और जानकारी को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए स्पेशल कंप्यूटर प्रोग्राम और टूल का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने बिज़नेस से जुड़े सोशल मीडिया एकाउंट्स, वेबसाइट्स को बनाकर वहाँ से ग्लोबल ऑडियंस से जुड़ सकते है और अपने बिज़नेस को बड़ा कर सकते है।

कस्टमर के फीडबैक (प्रतिक्रिया) –

कस्टमर के फीडबैक तब होते हैं, जब लोग किसी कंपनी को बताते हैं कि वे उस प्रोडक्ट्स या सर्विसेस के बारे में क्या सोचते हैं। कंपनी लोगों से सर्वे भरने और टेस्टिमोनिअल्स लिखने को कहते हैं। जब लोग अपने विचार देते हैं, तो कंपनी उनका उपयोग अपने प्रोडक्ट और सर्विसेस को बेहतर बनाने के लिए कर सकती है। कंपनी के लिए ये जरूरी है कि वो फीडबैक देने वाले लोगों को धन्यवाद कहें और उन्हें बताएं कि उनके रिव्यू उनके लिए कितने जरूरी हैं।

यह सारी चीजें एक बिजनेस आईडिया को रियलिटी में बदलती है और उसे सफल बनाने में मदद करती है।

और पढ़ें :-

वेबसाइट कैसे बनाते है?

एक लाख रुपये में कौन सा बिजनेस कर सकते है?

निष्कर्ष

बिज़नेस वो तरीका है जिससे लोग चीज़ें बेचकर या सर्विसेस देकर पैसा कमाते हैं। business kaise kiya jata hai यह जानने के लिए, आपको बिज़नेस करने के अलग अलग तरीकों के बारे में सीखना होगा, बहुत सारे रिसर्च करने होंगे और अच्छे आइडियाज के साथ आना होगा। कड़ी मेहनत करना, खराब सिचुएशन में भी कोशिश करते रहना और हमेशा सीखते रहना जरूरी है। छोटे इन्वेस्टमेंट से शुरुआत करें, अपने गोल पर फोकस रहें और नई चीजों को सीखते रहें, अपनाते रहें और नए आइडियाज के साथ आगे बढ़ते रहें।

क्या आपको पढ़ाना पसंद है और इसी के जरिये आप पैसा भी कमाना चाहते हैं? तो chegg आपके लिए लेके आया है Q&A expert बनने का मौका। आज ही अपने सब्जेक्ट की एक्सपर्टिज से स्टूडेंट्स की मदद करें, उनके सवालों का जवाब दें और उसके बदले में पैसे कमाए। तो देरी किस बात की! आज ही chegg पर Q&A experts के लिए अप्लाई करें, और अपने सपनो को पूरा करें।

Chegg जोइन करें 02

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

बिज़नेस करने के लिए सबसे जरुरी बात क्या है?

बिज़नेस करने का मतलब है, ऐसे लोगों को ढूंढना जो कुछ चाहते हैं और उन्हें वो चीज़ अवेलेबल करके देना। ये जानना बेहद जरूरी है कि कस्टमर क्या चाहते हैं और कोशिश करें कि आप उन्हें कुछ ऐसा दें, जो उन्हें सच में पसंद आए। बिज़नेस में सफल होने का यही मोस्ट इफेक्टिव तरीका है।

बिज़नेस करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

आप बिजनेस कैसे करते हैं वह वाकई कुछ अलग-अलग चीजों पर डिपेंड करता है, जैसे कि आपका बिज़नेस किस प्रकार का है, आप किसे चीजें बेचना चाहते हैं, और आप वाकई किसमें अच्छे हैं। ये देखना भी जरूरी है कि बाकी लोग क्या कर रहे हैं और ये पता लगाएं कि आप जो करना चाहते हैं उसके लिए किस तरह की बिज़नेस स्ट्रेटेजी सबसे अच्छा काम करती है।

बिज़नेस करने के लिए कितने पैसों की जरुरत होती है?

Business karne ka tarika जानने के बाद उसे शुरू करने के लिए आपको जितने पैसों की जरूरत होगी। वह इस बात पर डिपेंड हो सकती है कि आप किस तरह का बिज़नेस करना चाहते हैं। एक प्लान बनाना और यह पता लगाना जरूरी है कि प्रोडक्ट्स, सर्विसेस, मार्केटिंग, और लेबर पेमेंट जैसी चीज़ों के लिए आपको कितने पैसे की जरूरत होगी।

बिज़नेस प्लान कैसे बनाते है?

किसी भी business karne ka tarika जानने और प्लान को बनाने के लिए सबसे पहले अपने मिशन को तय कर लें। उस बिज़नेस को आप आनेवाले कुछ सालों में किस लेवल पर देखना चाहते हैं। ये सोचें, उसके बाद प्रोडक्ट और सर्विसेज को चुन लें। जैसे ही ये कुछ शुरुवाती पड़ाव पार हो जाते हैं, उसके बाद मार्केट रिसर्च करें, और मार्केट के अनुसार अपनी फाइनेंसियल स्ट्रेटेजीज को बनाएं। बिज़नेस में इन्वेस्ट किये जाने वाले सभी पैसों को अलग अलग कामों के लिए बाँटे। इस तरह से एक अच्छा बिज़नेस प्लान बनाया जा सकता है। अगर आपको इसमें कोई मदद की जरूरत होती है, तो आप प्रोफेशनल बिज़नेस कंसल्टेंट से बात करें।

ऐसे और आर्टिकल्स पड़ने के लिए, यहाँ क्लिक करे

adhik sambandhit lekh padhane ke lie

यह भी पढ़े