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हिंदू धर्म, जो दुनिया के सबसे पुराने और सबसे विविध धर्मों में से एक है, ने न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी अपनी छाप छोड़े है। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी हो जाता है कि विश्व में हिंदू देश कितने हैं और सबसे बड़ा हिंदू देश कौन सा है?
इस ब्लॉग के माध्यम से आप जानेंगे कि सबसे बड़ा हिंदू देश कौन सा है, विश्व में हिंदू देश कितने हैं, हिन्दू राष्ट्र होने के फायदे क्या-क्या हैं, हिन्दू देश लिस्ट में कौन सा देश आगे है और हिन्दू राष्ट्र की क्या-क्या चुनौतियां हैं?
विश्व में अधिकांश हिंदू एशियाई देशों में रहते हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाला देश भारत और भारत का पड़ोसी देश नेपाल है। हिंदू जनसंख्या के मामले में भारत सबसे आगे है वहीं जनसंख्या प्रतिशत के मामले में नेपाल।
जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ा हिंदू देश कौन सा है का जवाब भारत है। भारत दुनिया का सबसे ज्यादा हिंदू पॉपुलेशन वाला देश है। माना जाता है कि हिन्दू धर्म की शुरुआत भारत से ही हुई थी। यहां हिन्दू धर्म के कई ऐसे मंदिर और धार्मिक स्थान हैं जो इसका प्रमाण देते हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की कुल आबादी 132 करोड़ है जिसमें से लगभग 80% यानी 105 करोड़ हिन्दू जनसंख्या है। जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू देश कहलाता है।
भारत के उत्तर की ओर स्थित पड़ोसी देश नेपाल दूसरा सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाला देश है। हिंदू जनसंख्या प्रतिशत के मामले में नेपाल भारत से भी आगे है। 2021 की जनगणना के मुताबिक नेपाल की कुल आबादी 29.16 करोड़ है। इसमें से हिन्दुओं की संख्या 23.67 करोड़ है जो कुल आबादी का करीब 81% है।
सबसे बड़ा हिंदू देश कौन सा है जानने के बाद विश्व में हिंदू देश कितने हैं जानना बेहद जरूरी हो जाता है। विश्व में हिंदू देश कितने हैं जानने के लिए जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर हिन्दू देश लिस्ट कुछ इस प्रकार है:
हिन्दू देश लिस्ट | |||||
नंबर | देश | कुल जनसंख्या | हिंदू जनसंख्या | प्रतिशत | जनगणना वर्ष |
1 | नेपाल | 29,164,578 | 23,677,744 | 81.19% | 2021 |
2 | भारत | 1,320,000,000 | 1,053,000,000 | 79.8% | 2011 |
3 | मॉरीशस | 1,266,000 | 670,000 | 50.63% | 2020 |
4 | फिजी | 935,974 | 261,136 | 27.9% | – |
5 | यूनान | 769,095 | 190,966 | 24.9% | – |
6 | भूटान | 742,737 | 185,700 | 22.6%–25% | – |
भारत एक ऐसा अनोखा देश है जहां हिंदू धर्म और संस्कृति की जड़ें गहरी और विशाल हैं। यह न सिर्फ एक देश, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक विरासत है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है।
यहां हर कोने में हिंदू परंपराएं, त्योहार, और संस्कार महसूस किए जा सकते हैं। दीपावली, होली, नवरात्रि जैसे त्योहार केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि जीवन की खुशियों का प्रतीक हैं।
यहां के मंदिर, घाट, तीर्थस्थल हिंदू संस्कृति के जीवंत प्रमाण हैं। वाराणसी, काशी, अयोध्या, हरिद्वार जैसे शहर हिंदू धर्म की आध्यात्मिक राजधानियां माने जाते हैं।
भारत देश विविधता में एकता का सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच सद्भाव और सम्मान का माहौल है।
नेपाल दुनिया का एकमात्र ऐसा देश था जो कभी हिंदू राज्य के रूप में जाना जाता था। हालांकि 2008 में नेपाल एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बन गया, फिर भी हिंदू धर्म यहां की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।
इस छोटे से पर्वतीय देश में अनेक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर और तीर्थस्थल हैं। पशुपतिनाथ मंदिर, जो काठमांडू में स्थित है, दुनिया के सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है।
यहां की संस्कृति, परंपराएं और त्योहार हिंदू धर्म से गहराई से जुड़े हुए हैं। दशैं और तिहार जैसे त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं।
मॉरीशस एक अनोखा और दिलचस्प हिंदू देश है, जहां हिंदुओं की संख्या काफी अधिक है। यह छोटा सा द्वीप देश अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित है।
मॉरीशस की विशेषता यह है कि यहां भारतीय मूल के लोग अधिकांश आबादी बनाते हैं। 19वीं सदी में, ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा गन्ने के खेतों में काम करने के लिए भारत से श्रमिकों को लाया गया था। इन लोगों ने न केवल अपनी संस्कृति बचाई, बल्कि मॉरीशस में हिंदू परंपराओं को भी जीवित रखा।
यहां हिंदी भाषा, भोजन, त्योहार और धार्मिक परंपराएं अभी भी मजबूती से मौजूद हैं। दीपावली और महाशिवरात्रि जैसे त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं। मॉरीशस दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जहां हिंदू संस्कृति विदेश में भी इतनी जीवंत और प्रभावशाली है।
फिजी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि यह दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा लेकिन रोचक देश है, जहां हिंदुओं की एक महत्वपूर्ण आबादी निवास करती है।
फिजी में भारतीय मूल के लोग लगभग 38% जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें अधिकांश लोग 19वीं सदी में ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा गन्ने के बागानों में काम करने के लिए भारत से लाए गए थे। दीपावली, होली जैसे त्योहार यहाँ बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं। हिंदी भाषा भी यहाँ काफी प्रचलित है।
मजेदार बात यह है कि फिजी दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहाँ हिंदू त्रिरंगा राष्ट्रीय ध्वज में शामिल है। यह फिजी की विशिष्ट पहचान को दर्शाता है।
बाली, इंडोनेशिया का एक द्वीप, हिंदू धर्म और संस्कृति का एक अद्भुत गढ़ है जो इंडोनेशिया के अन्य हिस्सों से अलग है। पूरे इंडोनेशिया में हिंदू धर्म मानने वालें 1.74% हैं, जबकि बाली में हिंदू धर्म को मानने वाले 87% हैं।
बाली को अक्सर “देवताओं का द्वीप” भी कहा जाता है। यहां हिंदू परंपराएं और संस्कृति आज भी जीवंत हैं। मंदिर, पूजा-अर्चना, त्योहार और कला-संस्कृति में हिंदू प्रभाव स्पष्ट दिखता है।
दुनिया में कई अन्य देश हैं जहां हिंदुओं की एक बड़ी आबादी निवास करती है। आइए इन देशों के बारे में जानते हैं:
दुनिया में तीन ही ऐसे देश हैं जहां अब हिंदू बहुसंख्यक हैं, दो के नाम तो आप जानते ही होंगे-ये भारत और नेपाल हैं। तीसरा देश अफ्रीका महाद्वीप में है लेकिन भारत से इसका नाता 200 सालों है। इस देश का नाम मॉरीशस है। जहां हिंदुओं की आबादी 50 फीसदी से ऊपर है।
मॉरीशस में हिंदूत्व की शुरुआत गिरमिटिया मजदूरों के जरिए हुई। जिन्हें अंग्रेज राज खासकर ईस्ट इंडिया कंपनी के राज में काम करने के लिए मॉरीशस में लाया गया। ये मजदूर आमतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्री, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से लाए गए थे।
ये ब्रिटिश बागानों में काम के लिए लाए गए, एवं गन्ना और तंबाखू जैसी फसलों की पैदावार के लिए लाये गए थे। मॉरीशस अब अफ्रीका महाद्वीप का ऐसा देश बन गया है, जहां सबसे ज्यादा भारतीय रहते हैं। आबादी के प्रतिशत के लिहाज से ये भारत और नेपाल के बाद तीसरा ऐसा देश है, जहां हिंदुओं की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, वहां की कुल आबादी करीब 08 लाख है।
जब मॉरीशस को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली, तब तक इसकी अधिकांश आबादी भारतीय मूल वाली ही थी, जिनकी जड़ें भारत में थीं। पैट्रिक आइसेनलोहर के अनुसार, मॉरीशस की कुल आबादी का लगभग 70% भारतीय मूल का है। मॉरीशस में हिंदुओं के घरों में क्रियोल, भोजपुरी, तमिल और हिंदी जैसी भाषाएं बोली जाती हैं। मॉरीशस में सभी हिंदू प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।
हिन्दू राष्ट्र के अनगिनत फायदे हैं जिनका कुछ शब्दों में उल्लेख करना मुश्किल है। इसमें संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण तथा सामाजिक एकता और शांति प्रमुख हैं।
हिंदू राष्ट्र का मतलब है कि देश की नीतियां और शासन व्यवस्था संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित हो। इससे कई फायदे हो सकते हैं।
हिंदू राष्ट्र में यदि सामाजिक एकता और शांति बनी रहती है, तो यह हर व्यक्ति और समाज के लिए कई सकारात्मक परिणाम लाती है।
हिंदू राष्ट्र में धार्मिक पर्यटन अर्थव्यवस्था को कई तरह से बढ़ावा दे सकता है:
1. आर्थिक लाभ:
2. पर्यटन के विशेष क्षेत्र:
4. अन्य महत्वपूर्ण फायदे:
हिंदू राष्ट्र में शिक्षा और नैतिक मूल्यों का प्रसार एक महत्वपूर्ण और गहरा विषय है। आइए इसके विभिन्न पहलुओं पर नज़र डालते हैं:
1. शैक्षणिक दृष्टिकोण:
2. नैतिक मूल्यों का महत्व:
3. आध्यात्मिक शिक्षा:
4. व्यावहारिक ज्ञान:
5. सामाजिक जागरूकता:
हिन्दू राष्ट्र को लेकर अभी भी कई चुनौतियां हैं जिनमें धार्मिक विविधता के साथ संतुलन बनाए रखना, वैश्विक स्तर पर सहिष्णुता और समावेशिता सुनिश्चित करना तथा आधुनिकता और परंपरा के बीच संतुलन बनना शामिल हैं।
हिंदू राष्ट्र में धार्मिक विविधता के साथ संतुलन बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। भारत में विभिन्न धर्मों और संस्कृति के लोग रहते हैं, जिनके अपने-अपने विश्वास और परंपराएं हैं।
हिंदू धर्म के आदर्शों के बावजूद, सभी धर्मों को समान सम्मान देना जरूरी है, ताकि सामाजिक समरसता बनी रहे। इससे धार्मिक असहमति और संघर्ष की संभावना कम होती है। इस संतुलन को बनाए रखने के लिए शिक्षा, संवाद और सहिष्णुता की आवश्यकता है, ताकि सभी धर्मों के अनुयायी शांतिपूर्वक एक साथ रह सकें।
हिंदू राष्ट्र के लिए वैश्विक स्तर पर सहयता और समावेशिता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। हिंदू धर्म की सहयता की भावना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे दूसरों की मान्यताओं और परंपराओं का सम्मान करते हुए बढ़ावा देना आवश्यक है। विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मतों के बीच समझदारी और संवाद बढ़ाना, असहनीयता और विवादों को कम करना, चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सही नेतृत्व और शिक्षा के माध्यम से इसे संतुलित रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है।
हिंदू राष्ट्र के लिए आधुनिकता और परंपरा के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती है। जहां परंपरा हमारी सांस्कृतिक पहचान और मूल्यों को संरक्षित करती है, वहीं आधुनिकता प्रगति और विकास का मार्ग दिखाती है। युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीक और सोच की ओर आकर्षित हो रही है, लेकिन पारंपरिक रीति-रिवाजों और संस्कारों को बनाए रखना भी जरूरी है।
विश्व में हिंदू धर्म का प्रसार कई माध्यम से हो रहा है। जिसमें प्रवासी समुदाय, योग और ध्यान का प्रभाव तथा सिद्धांतों और आदर्शों की वैश्विक स्वीकृति प्रमुख हैं।
हिंदू धर्म का विस्तार प्रवासी समुदायों के माध्यम से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में तेजी से हो रहा है। भारतीय प्रवासी जहां भी जाते हैं, अपनी परंपराएं, रीति-रिवाज और धार्मिक आस्थाएं साथ ले जाते हैं। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और यूरोप जैसे देशों में मंदिरों, योग केंद्रों और धार्मिक आयोजनों की संख्या बढ़ती जा रही है।
प्रवासी हिंदू समुदाय स्थानीय समाज के साथ अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को साझा करते हैं, जिससे हिंदू धर्म की पहचान और भी मजबूत होती है। दीपावली, होली और अन्य त्यौहार वैश्विक स्तर पर मनाए जाने लगे हैं।
पश्चिमी देशों में योग और ध्यान का प्रभाव हिंदू धर्म के वैश्विक विस्तार का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इन प्राचीन भारतीय प्रथाओं को पश्चिम में आत्म-सुधार, मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अपनाया गया। योग और ध्यान का प्रचार हिंदू धर्म के सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव को फैलाने में सहायक रहा है।
पश्चिमी देशों में इन प्रथाओं को अपनाने से हिंदू धर्म की विचारधारा, जैसे आत्मा, कर्म और पुनर्जन्म, पर भी लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति के लिए भी एक साधना के रूप में देखा जाता है।
हिंदू धर्म के सिद्धांतों और आदर्शों की वैश्विक स्वीकृति समय के साथ बढ़ी है, खासकर इसकी शांति, सहिष्णुता, और आत्मज्ञान की शिक्षाओं के कारण। दुनिया भर में लोग योग, ध्यान, और वेदांत जैसे हिंदू दर्शन को अपनाने लगे हैं। इसके सिद्धांत, जैसे कर्म, पुनर्जन्म और आचारधर्म, ने पश्चिमी देशों में भी गहरी छाप छोड़ी है।
हिंदू धर्म के आदर्श, जैसे सत्य, अहिंसा और सार्वभौमिक प्रेम, सभी धर्मों और संस्कृतियों में एकता का संदेश देते हैं। इसके प्रभाव से वैश्विक समुदाय में जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक शांति की ओर जागरूकता बढ़ी है।
आज श्रीमद्भगवद्गीता ऑक्सफोर्ड और हावर्ड जैसी बड़ी यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई जा रही है। हालांकि श्रीमद्भगवद्गीता में कहीं हिंदू शब्द का उल्लेख नहीं है लेकिन इसका जुड़ाव हिंदू धर्म से है, जो हिंदू धर्म की लोकप्रियता का उदाहरण है।
आधुनिक विश्व में हिन्दू धर्म के सांस्कृतिक जागरूकता को फैलाते हुए हिंदू धर्म का विकाश करना कई युवाओं का लक्ष्य हो गया। जिसमें इस्कॉन जैसी संस्थाओं का भी बहुमूल्य योगदान है।
आधुनिक समय में युवाओं में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ता है और समाज में एकता का संदेश देता है। संस्कृति और धर्म की सही समझ से युवा अपने इतिहास, परंपराओं और मूल्यों को अपनाते हैं, जिससे उनकी पहचान मजबूत होती है। साथ ही यह समाज में शांति और सामंजस्य बनाए रखने के लिए आवश्यक है। धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता युवा पीढ़ी को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकती है।
हिंदू धर्म ने हमेशा प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सम्मान दिखाया है। इसके सिद्धांतों में जीव-जंतुओं, वृक्षों और जल स्रोतों का संरक्षण महत्वपूर्ण है। “पृथ्वी मां” और “पंचतत्व” की अवधारणाएं यह सिखाती हैं कि हम प्रकृति के साथ सुसंगत जीवन जीएं। सतत विकास में हिंदू धर्म का योगदान जल, वायु और भूमि के संरक्षण की दिशा में है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों की रक्षा करता है। इसके सिद्धांतों ने पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा दी है।
आज के समय में हिंदू धर्म का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि कई देशों में इसका पालन किया जाता है। हम यह भी जान चुके हैं कि सबसे बड़ा हिंदू देश कौन सा है – जो कि भारत है, और इसके हिन्दू राष्ट्र होने के फायदे जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक एकता, आर्थिक विकास और सामाजिक एकता भी स्पष्ट हैं। अंत में, हिंदू देश लिस्ट को देखकर यह साफ होता है कि हिंदू धर्म का प्रभाव दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बढ़ रहा है।
इस ब्लॉग में आपने जाना कि सबसे बड़ा हिंदू देश कौन सा है, विश्व में हिंदू देश कितने हैं, हिन्दू राष्ट्र होने के फायदे क्या-क्या हैं, हिन्दू देश लिस्ट में कौन से देश आगे हैं और हिन्दू राष्ट्र की क्या-क्या चुनौतियां हैं?
दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जहां की पूरी आबादी सिर्फ हिंदू धर्म को मानती हो। मौजूदा समय में, भारत और नेपाल ही दो ऐसे देश हैं जहाँ हिंदू बहुसंख्यक हैं।
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी हिंदू आबादी है। यहां की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा हिंदू धर्म को मानता है।
2010 में, दुनिया के केवल दो देशों में उनकी सबसे अधिक आबादी हिंदू थी – नेपाल और भारत। 2016 की मान्यता के अनुसार, मॉरीशस में 48.14 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू थी। बांग्लादेश, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, फिजी, भूटान, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और श्रीलंका में बहुत बड़े और अल्पसंख्यक हिंदू अल्पसंख्यक हैं।
वर्ल्डडाटा की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में हिंदुओं की आबादी करीब 13 लाख है।
दुनिया में सौ से अधिक ऐसे देश हैं जहां एक भी हिंदू मंदिर नहीं है, जैसे सऊदी अरब, मालदीव, वेटिकन सिटी और माल्टा, क्योंकि वहां अन्य धर्मों (क्रमशः इस्लाम और ईसाई धर्म के अलावा) के पालन की अनुमति नहीं है।
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