Quick Summary
विराम चिन्ह भाषा की संरचना में एक अनिवार्य और अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये छोटे-छोटे चिह्न केवल वाक्यों को स्पष्ट करने का काम नहीं करते, बल्कि पाठक की समझ को भी सुसंगत और सुगम बनाते हैं। हिंदी में विराम चिन्हों का सही प्रयोग न केवल लेखनी की गुणवत्ता को बढ़ाता है, बल्कि संवाद की प्रभावशीलता को भी कायम रखता है। चाहे वह अल्पविराम (,) हो, पूर्णविराम (।) हो, प्रश्नवाचक चिन्ह (?) हो, या विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) हो, प्रत्येक चिन्ह की अपनी एक विशेष भूमिका होती है। इस लेख में, हम इन विभिन्न विराम चिन्हों के महत्व, उनके प्रयोग और उनके बिना वाक्य कैसे गड़बड़ा सकते हैं, पर गहराई से चर्चा करेंगे।
विराम चिन्ह वे छोटे चिन्ह होते हैं जिनका प्रयोग लिखित भाषा में वाक्यों और शब्दों के बीच ठहराव, भाव और अर्थ को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है। ये चिन्ह वाक्य को विभिन्न भागों में विभाजित करते हैं और वाचक को वाक्य को सही ढंग से पढ़ने और समझने में मदद करते हैं। विराम का मतलब होता है ठहराव या रुकना। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विराम चिह्नों का प्रयोग भाषा के नियमों और प्रसंग के अनुसार किया जाना चाहिए।
इनका गलत प्रयोग वाक्य के अर्थ को बदल सकता है और गलतफहमी पैदा कर सकता है। एक लेखक अपने भाव और अपने लेखन के अर्थ को सरल करने के लिए इन चिन्हों का इस्तेमाल करता है। इसे हम एक उदहारण से समझ सकते हैं।
उदाहरण –
गीता कल पार्क गई थी।
गीता कल पार्क गई थी?
यहां जिस प्रकार से प्रश्न चिन्ह के माध्यम से वाक्य का अर्थ और भाव बदल जाता है, उसी तरह से अलग-अलग विराम चिन्हों के इस्तेमाल से इस एक वाक्य के कई भाव बन सकते हैं।
हिंदी व्याकरण के अनुसार, कुल 13 विराम चिन्ह माने जाते हैं। इसके अलावा इन्हें 3 भागों में भी बांटा गया है। हर विराम चिन्ह का अपना एक अलग महत्व है। विराम चिन्ह के प्रकार कितने होते हैं:
हिन्दी में विराम चिह्न (punctuation marks) का उपयोग वाक्यों और विचारों को स्पष्ट और सुसंगत रूप से प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है। नीचे प्रत्येक विराम चिह्न का विस्तृत वर्णन दिया गया है:
पूर्ण विराम (।) वाक्य के पूर्णतः समाप्त होने का प्रतीक है। इसका प्रयोग उन वाक्यों के अंत में किया जाता है जहाँ विचार या भाव पूर्ण हो जाता है और आगे कहने के लिए कुछ नहीं बचता है। किसी बात के पूरी तरह से समाप्त होने पर इसका उपयोग किया जाता है।
प्रश्नवाचक चिन्ह (?) भी एक विराम चिन्ह है, जिसका प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है। यह वाचक को यह समझने में मदद करता है कि वाक्य एक प्रश्न है और उत्तर की अपेक्षा है। कई बार इस चिन्ह के आभाव में वाक्य को समझना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
विस्मयादिबोधक चिन्ह (!), जिसका उपयोग तीव्र भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है, जैसे कि आश्चर्य, विस्मय, खुशी, क्रोध, भय, आदि। इसे आप हैरान करने या चौंका देने वाले भाव को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि कोई बात आपको अचानक से हैरान कर दे, उस स्थान या वाक्य के साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग किया जा सकता है।
यह चिन्ह (,) वाक्य के विभिन्न शब्दों, वाक्यांशों या अंशों को अलग करने के लिए प्रयोग होता है। यह वाक्य में थोड़ा ठहराव दर्शाता है और वाचक को वाक्य को सही ढंग से पढ़ने और समझने में मदद करता है। इससे 2 वाक्य को पूरा करने के लिए वाचक को एक ब्रेक मिलता है।
अर्धविराम (;), जिसका प्रयोग वाक्यों को जोड़ने या वाक्य के महत्वपूर्ण भागों को अलग करने के लिए किया जाता है। यह अल्प विराम (,) से अधिक मजबूत ठहराव और पूर्ण विराम (।) से कम मजबूत ठहराव दर्शाता है।
उपविराम का चिन्ह को अपूर्ण विराम के नाम से भी जाना जाता है। इसे कोलन भी कहा जाता है। इसका प्रयोग मुख्य तौर पर किसी सूची को बनाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल संवाद, नाटक या शीर्षक के आगे भी किया जाता है।
यह एक लंबा विराम चिह्न है जिसका उपयोग वाक्य में अचानक परिवर्तन या अतिरिक्त जानकारी जोड़ने के लिए किया जाता है।
योजक चिन्ह (-) एक उपयोगी विराम चिन्ह है जो कई कामों के लिए इस्तेमाल होता है। इसका मुख्य उपयोग शब्दों, वाक्यांशों, या अंशों को जोड़ने के लिए किया जाता है। यह दो हिस्सों को मिलाकर एक शब्द बना सकता है या शब्दों के बीच एकता दिखा सकता है। योजक चिन्ह का उपयोग समान अर्थ वाले शब्दों या वाक्यांशों को जोड़ने में भी होता है, और कभी-कभी यह विपरीत या विरोधी शब्दों को भी जोड़ने का काम करता है। इसके प्रयोग से लेखन अधिक स्पष्ट और संगठित बनता है।
इन सभी विराम चिह्नों का उचित उपयोग आपके लेखन को अधिक स्पष्ट, प्रभावी बनाने के लिए किया जाता है।
विराम चिन्हों का सही उपयोग लेखन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह पाठ को पढ़ने में सरल और समझने में आसान बनाता है। सही विराम चिन्हों के उपयोग से लेखन स्पष्ट, सुसंगत और प्रभावशाली बनता है।
लेखन में मुख्य रूप से विराम चिन्हों का उपयोग सटीकता लाने के लिए किया जाता है। इसका मतलब है कि विचारों, तथ्यों, और भाषा को स्पष्ट और सही तरीके से प्रस्तुत किया जाए। जब हम विराम चिन्हों का सही तरीके से प्रयोग करते हैं, तो पाठक को भ्रामक जानकारी से बचाया जा सकता है। इससे लेखन की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता भी बढ़ती है।
लेखन में सटीकता कैसे लाई जा सकती है?
विराम चिह्न लिखित भाषा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, न केवल वाक्यों को अर्थपूर्ण बनाने में, बल्कि भावनाओं को व्यक्त करने में भी। इन चिन्हों की मदद से ही एक लेखक या वाचक अपनी सही भावनाओं का प्रदर्शन कर पाता है। यदि व्याकरण में ये चिन्ह ना होते, तो एक पाठक के लिए लेखक के सही भाव और अर्थ को समझ पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हो जाता। ये चिन्ह वाक्यों को पूरा करते हैं और उनका मतलब समझने में सहायता करते हैं। उनके बिना हिंदी व्याकरण की कल्पना भी मुश्किल है।
1. “!” (उल्लेख चिह्न) का उपयोग कब किया जाता है?
a) किसी शब्द के उच्चारण को स्पष्ट करने के लिए
b) भावनाओं, खुशी या आश्चर्य को व्यक्त करने के लिए
c) प्रश्न पूछने के लिए
d) किसी वाक्य को समाप्त करने के लिए
उत्तर: b) भावनाओं, खुशी या आश्चर्य को व्यक्त करने के लिए
2. “?” (प्रश्नवाचक चिह्न) का उपयोग कब किया जाता है?
a) जब हम किसी से पूछताछ करते हैं
b) जब कोई बात समाप्त होती है
c) जब किसी विचार को विस्तार से लिखा जाता है
d) जब कोई वाक्य एक आदेश होता है
उत्तर: a) जब हम किसी से पूछताछ करते हैं
3. “…” (त्रि-बिंदु) का उपयोग कब किया जाता है?
a) किसी विशेष वाक्यांश को रेखांकित करने के लिए
b) बातों का अंत करने के लिए
c) किसी विचार के बीच में अंतराल या अनिश्चितता दर्शाने के लिए
d) संवाद के अंत में
उत्तर: c) किसी विचार के बीच में अंतराल या अनिश्चितता दर्शाने के लिए
4. “()” (कोष्ठक) का प्रयोग किस लिए किया जाता है?
a) आदेश देने के लिए
b) किसी संदर्भ या अतिरिक्त जानकारी को जोड़ने के लिए
c) किसी प्रश्न को समाप्त करने के लिए
d) किसी जिज्ञासा को व्यक्त करने के लिए
उत्तर: b) किसी संदर्भ या अतिरिक्त जानकारी को जोड़ने के लिए
5. ““ ”” (उद्धरण चिह्न) का प्रयोग कब किया जाता है?
a) किसी विशेष शब्द या वाक्यांश को उद्धृत करने के लिए
b) किसी के विचारों को स्पष्ट करने के लिए
c) व्यंग्य या हास्य को व्यक्त करने के लिए
d) वाक्य के बीच में अंतराल दिखाने के लिए
उत्तर: a) किसी विशेष शब्द या वाक्यांश को उद्धृत करने के लिए
6. “—” (ध्यान बिंदु) का उपयोग किसलिए किया जाता है?
a) वाक्य के बीच में एक विचार को जोड़ने के लिए
b) किसी नए विचार की शुरुआत करने के लिए
c) किसी महत्वपूर्ण बिंदु को रेखांकित करने के लिए
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी
7. “‘ ’” (साधारण उद्धरण चिह्न) का प्रयोग कब किया जाता है?
a) एक विशिष्ट शब्द को संदर्भित करने के लिए
b) किसी संवाद के लिए
c) किसी कविता या गाने को उद्धृत करने के लिए
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: b) किसी संवाद के लिए
8. ” ; ” (अर्धविराम) का प्रयोग कब किया जाता है?
a) वाक्य में दो स्वतंत्र वाक्य जोड़ने के लिए
b) प्रश्न पूछने के लिए
c) कोई विशेष विचार व्यक्त करने के लिए
d) वाक्य में किसी शब्द को जोड़ने के लिए
उत्तर: a) वाक्य में दो स्वतंत्र वाक्य जोड़ने के लिए
9. ” : ” (कोलन) का उपयोग किस स्थिति में किया जाता है?
a) किसी सूची, व्याख्या या उद्धरण से पहले
b) किसी वाक्य के अंत में
c) किसी को संबोधित करने के लिए
d) वाक्य की समाप्ति के बाद
उत्तर: a) किसी सूची, व्याख्या या उद्धरण से पहले
10. ” , ” (अल्पविराम) का प्रयोग किसके लिए किया जाता है?
a) किसी वाक्य को समाप्त करने के लिए
b) वाक्य के भीतर विचारों को विभाजित करने के लिए
c) किसी प्रश्न को समाप्त करने के लिए
d) विशेष शब्दों या वाक्यांशों को जोड़ने के लिए
उत्तर: b) वाक्य के भीतर विचारों को विभाजित करने के लिए
विराम चिन्ह भाषा के उत्थान में एक मौलिक भूमिका निभाते हैं, जो वाक्यों को अर्थपूर्ण और सुसंगत बनाते हैं। सही ढंग से प्रयोग किए गए विराम चिन्ह न केवल लेखनी को व्यवस्थित और स्पष्ट बनाते हैं, बल्कि संवाद को भी सटीकता और प्रभावशीलता प्रदान करते हैं। यदि इनका सही तरीके से उपयोग न किया जाए, तो वाक्य की भावना और अर्थ में महत्वपूर्ण भिन्नताएँ आ सकती हैं, जो संचार की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं। इस प्रकार, विराम चिन्ह न केवल भाषा की संरचना को मजबूत करते हैं, बल्कि पाठक के अनुभव को भी समृद्ध बनाते हैं। सही प्रयोग और समझ के साथ, हम अपने लेखन और संवाद को अधिक प्रभावी और आत्मविश्वासी बना सकते हैं।
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विराम चिन्हों का प्रारंभिक प्रयोग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में ग्रीक भाषाविद् अरिस्टोफेन्स ने किया था।
“पॉइंट” आमतौर पर पूर्ण विराम के लिए प्रयोग होता है, जबकि “डॉट” तकनीकी संदर्भों में जैसे ईमेल पता में प्रयोग होता है।
अंग्रेजी साहित्य में विराम चिन्हों के उपयोग की सामान्य मानक प्रणाली 16वीं और 17वीं शताब्दी में स्थापित हुई, जब लेखकों और मुद्रकों ने अधिक सुव्यवस्थित प्रयोग अपनाया।
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में विराम चिन्हों की कमी को ध्वन्यात्मक संकेतों और शाब्दिक पुनरावृत्ति के माध्यम से समझा जा सकता है, जो पाठकों को वाक्यों और विचारों को सही तरीके से समझने में मदद करते थे।
प्राचीन भारतीय लेखन में विराम चिन्हों का मानक रूप नहीं था; लेखकों ने ध्वन्यात्मक संकेत और स्पेसिंग का उपयोग किया, जो आधुनिक विराम चिन्हों से भिन्न था।
विराम चिन्ह मुख्यतः आठ प्रकार के होते हैं: पूर्णविराम (।), अर्धविराम (؛), अल्पविराम (,), प्रश्नवाचक चिन्ह (?), उद्गारवाचक चिन्ह (!), द्विबिंदु (:), दोषसूचक (;), और योजक चिन्ह (-), जो वाक्यों में ठहराव और भाव स्पष्टता के लिए आवश्यक होते हैं।
1. पूर्ण विराम (।)
उपयोग: वाक्य समाप्त करने के लिए।
उदाहरण: राम स्कूल गया।
2. अर्धविराम (;)
उपयोग: दो संबंधित वाक्यों को जोड़ने के लिए।
उदाहरण: वह बहुत थका हुआ था; फिर भी वह काम करता रहा।
3. अल्पविराम (,)
उपयोग: वाक्य में विराम देने या शब्दों को अलग करने के लिए।
उदाहरण: मोहन, सोहन, और राधा स्कूल गए।
4. प्रश्नवाचक चिन्ह (?)
उपयोग: प्रश्न पूछने वाले वाक्य के अंत में।
उदाहरण: क्या तुमने अपना होमवर्क पूरा किया?
5. विस्मयादिबोधक चिन्ह (!)
उपयोग: आश्चर्य, भावनाओं या उत्साह को व्यक्त करने के लिए।
उदाहरण: वाह! तुमने बहुत अच्छा किया।
6. उद्धरण चिन्ह (“ ” या ‘ ’)
उपयोग: किसी के कहे हुए शब्दों या उद्धरण को दर्शाने के लिए।
उदाहरण: शिक्षक ने कहा, “सच्चाई की हमेशा जीत होती है।”
7. कोष्ठक ( )
उपयोग: अतिरिक्त जानकारी देने के लिए।
उदाहरण: महात्मा गांधी (1869-1948) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे।
8. हाइफ़न (-)
उपयोग: संयुक्त शब्दों को जोड़ने के लिए।
उदाहरण: हिंदी-अंग्रेज़ी शब्दकोश
9. डैश (—)
उपयोग: वाक्य में अचानक बदलाव या जोर देने के लिए।
उदाहरण: मुझे एक ही चीज़ चाहिए — ईमानदारी।
10. कोलन (:)
उपयोग: सूची या व्याख्या से पहले।
उदाहरण: कृपया निम्न वस्तुएँ लाएँ: कलम, पेंसिल, रबर।
11. त्रुटि सूचक चिन्ह (/)
उपयोग: विकल्प या विभाजन दिखाने के लिए।
उदाहरण: हाँ/नहीं, लड़का/लड़की
12. अंडरस्कोर (_)
उपयोग: ईमेल या यूज़रनेम में शब्द जोड़ने के लिए।
उदाहरण: raj_kumar123@email.com
13. ऋणचिन्ह (–)
उपयोग: दो अंकों या शब्दों के बीच दूरी या सीमा दर्शाने के लिए।
उदाहरण: 2010–2020, पृष्ठ 5–10
14. इलिप्सिस (…)
उपयोग: वाक्य अधूरा छोड़ने या सोचने के भाव के लिए।
उदाहरण: मुझे नहीं पता… शायद वह आ जाए।
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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor
Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.
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