Quick Summary
वीर रस देशभक्ति कविता समाज को एक सच्चा दर्पण दिखाने, युवाओं को साहस और प्रेरणा की भाषा सिखाने, और बच्चों के सपनों को संवारने का कार्य निरंतर करती रही हैं। यह रस संघर्ष, बलिदान और राष्ट्रप्रेम की गाथाओं को उजागर करता है, जो हर भारतवासी के हृदय में एक नया जोश भर देता है।
रामधारी सिंह दिनकर हरिओम पवार की देशभक्ति कविताएं आज भी उतनी ही प्रभावशाली और प्रासंगिक हैं, जितनी अपने रचना काल में थीं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर हिंदी साहित्य के उन महान रत्नों में से एक हैं, जिन्होंने युवाओं को हिंदी साहित्य की ओर आकर्षित किया। वीर रस देशभक्ति कविता के इस ब्लॉग में जोश भर देने वाली देशभक्ति कविता, रामधारी सिंह दिनकर और हरिओम पवार की कविताओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
वीर रस देशभक्ति कविता मातृभूमि के उन वीर सपूतों की गाथा सुनाती है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन कविताओं में देशप्रेम, शौर्य और बलिदान की ऐसी भावना झलकती है जो हर भारतीय के हृदय में गर्व और जोश भर देती है।

वीर रस हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शौर्य, पराक्रम और साहस की भावना को प्रकट करता है। वीर रस की कविताएं पाठकों और श्रोताओं में उत्साह, साहस और देशभक्ति की भावना जागृत करती हैं। ये कविताएं मुख्यतः युद्ध, वीरता, बलिदान और मातृभूमि की रक्षा के भावनाओं से ओतप्रोत होती हैं।
| कविता का नाम | कवि का नाम | संक्षिप्त भावार्थ |
| झाँसी की रानी | सुभद्राकुमारी चौहान | रानी लक्ष्मीबाई के साहस और युद्ध कौशल का गौरवगान करती वीर रस से ओतप्रोत रचना। |
| पुकार रहा है देश | सोहनलाल द्विवेदी | देशप्रेम और बलिदान की भावना से भरपूर प्रेरणादायक कविता। |
कलम, आज उनकी जय बोल | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों को नमन करती गगनभेदी वाणी। |
| जय भारत माता | अज्ञात कवि | भारत माता की विजय की कामना और देश के लिए बलिदान की प्रेरणा देती कविता। |
| चलो शहीदों की चिता पर | शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ | शहीदों की चिताओं को प्रणाम करते हुए देश के लिए समर्पण का संदेश देती रचना। |
| विजयी केसरिया झंडा | माखनलाल चतुर्वेदी | भारत की विजय, सम्मान और वीरता की गर्जना करती भावपूर्ण कविता। |
| सिंहासन खाली करो कि जनता आती है | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | क्रांतिकारी आह्वान करती हुई, अन्याय के विरुद्ध जनशक्ति की चेतना जगाती है। |
| तुमुल कोलाहल कलह में | मैथिलीशरण गुप्त | युद्ध के उग्र वातावरण में देश के वीरों का गुणगान करती एक ऊर्जावान रचना। |
वीर रस के चार भेद मानव के अलग-अलग साहस और पराक्रम को दर्शाते हैं। आइए, इन भेदों को विस्तार से समझते हैं।
युद्धवीर वह व्यक्ति होता है जो रणभूमि में अपने साहस, पराक्रम और दृढ़ता से शत्रुओं का सामना करता है। युद्धवीरता वीर रस का सबसे प्रमुख और सजीव रूप है, जहां योद्धा अपने देश, धर्म या अन्य किसी उद्देश्य के लिए प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटता।
उदाहरण-
रामायण में भगवान राम और महाभारत में अर्जुन युद्धवीरता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
धर्मवीर वह होता है जो अपने धर्म, नैतिक मूल्यों और न्याय की रक्षा के लिए खड़ा होता है। यह वीरता धर्म के प्रति निष्ठा और उसके पालन में किसी भी प्रकार का त्याग करने की भावना को दर्शाती है।
उदाहरण:
भगवान परशुराम और महाराणा प्रताप धर्मवीरता के उदाहरण हैं।
दानवीरता वह वीरता है, जिसमें व्यक्ति अपनी संपत्ति, समय, या यहां तक कि अपने प्राण दूसरों के कल्याण के लिए समर्पित कर देता है। दानवीर वह होता है जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की भलाई के लिए त्याग करता है।
उदाहरण:
कर्ण, जिन्हें महाभारत में ‘दानवीर कर्ण’ कहा गया है, इसका सर्वोत्तम उदाहरण हैं।
दयावीर वह होता है जो कठिन परिस्थितियों में भी मानवता और करुणा का परिचय देता है। यह वीरता साहस और दया का संतुलित रूप है, जहां व्यक्ति अपने शत्रु या पीड़ित के प्रति सहानुभूति और सहायता का भाव रखता है।
उदाहरण-
रामायण में भगवान राम का रावण के प्रति दयाभाव दिखाना, जहां उन्होंने मरने के बाद रावण के अंतिम संस्कार का आदेश दिया, दयावीरता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
| क्रमांक | कविता का नाम | विषय/विवरण |
|---|---|---|
| 1 | सरफ़रोशी की तमन्ना | स्वतंत्रता संग्राम और शहीदों के बलिदान को दर्शाती है |
| 2 | वीर गाथा | युद्ध और शौर्य के माध्यम से सैनिकों के साहस को उजागर करती है |
| 3 | रानी लक्ष्मीबाई की वीरता | झांसी की रानी के शौर्य और संघर्ष को दर्शाती है |
| 4 | जय जवान, जय किसान | देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा पर केंद्रित प्रेरक कविता |
| 5 | क़ैदियों के साथ बहादुरी | बंदियों की वीरता और साहस को उजागर करती है |
| 6 | शहीदों की पुकार | देश के लिए किए गए बलिदान और वीरता को याद करती है |
| 7 | गाथा ए वीर | सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के पराक्रम को दर्शाती है |
| 8 | रक्त से लिखा इतिहास | भारत की स्वतंत्रता संग्राम में शौर्य और बलिदान की कहानी बताती है |
“वीरों का यह देश हमारा, गर्व करो इसका सम्मान।
हर दिल में बसता भारत, हर सांस में हिंदुस्तान।
तलवारों से लिख दी गाथा, रक्त से रचा इतिहास।
हर युग में गूंजेगा नारा, जय हिंदुस्तान प्रकाश।”
भावार्थ –
“वीरों का यह देश हमारा, गर्व करो इसका सम्मान।”
यह पंक्ति हमें यह याद दिलाती है कि हमारा देश वीरों का देश है, जिन्होंने अपनी बहादुरी और त्याग से इसे स्वतंत्र और गौरवपूर्ण बनाया है। यह हमें अपने देश पर गर्व करने और इसे सम्मान देने की प्रेरणा देती है।
“हर दिल में बसता भारत, हर सांस में हिंदुस्तान।”
इस पंक्ति का अर्थ है कि भारत केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल और आत्मा में बसता है। यह बताती है कि हमारा देश हमारी पहचान और जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
“तलवारों से लिख दी गाथा, रक्त से रचा इतिहास।”
यह पंक्ति हमारे वीर योद्धाओं और क्रांतिकारियों के बलिदान को दर्शाती है। उन्होंने तलवार और संघर्ष से स्वतंत्रता की गाथा लिखी और अपने रक्त से इस देश का इतिहास रच दिया।
“हर युग में गूंजेगा नारा, जय हिंदुस्तान प्रकाश।”
इसका अर्थ है कि भारत की गौरवगाथा और स्वतंत्रता का संदेश हर युग में गूंजता रहेगा। ‘जय हिंदुस्तान’ का नारा हमारी राष्ट्रीय एकता और शक्ति का प्रतीक है।
“चलो आज रणभूमि में, कुछ नया इतिहास रचाएं।
जो मिटे हैं इस धरती पर, उनका ऋण चुकाएं।
रक्त की हर बूँद से, माटी को सिंचित करें।
आजादी के दीप से, अंधकार को निष्कासित करें।”
चलो आज रणभूमि में, कुछ नया इतिहास रचाएं।”
कवि का आह्वान है कि हम अपने साहस और पराक्रम से ऐसा कार्य करें जो इतिहास में अमर हो जाए। यह केवल शस्त्रों की लड़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे कर्म और बलिदान से राष्ट्र के गौरव को नई ऊंचाई तक ले जाने की बात करता है।
“जो मिटे हैं इस धरती पर, उनका ऋण चुकाएं।”
यह पंक्ति हमें यह स्मरण दिलाती है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों ने इस धरती की रक्षा और आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी कुर्बानी का ऋण हम केवल अपने कर्तव्यों का पालन करके ही चुका सकते हैं।
“रक्त की हर बूँद से, माटी को सिंचित करें।”
कवि यहां मातृभूमि के प्रति सर्वोच्च बलिदान की बात कर रहे हैं। यदि आवश्यक हो, तो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने रक्त की एक-एक बूँद तक न्योछावर कर देना चाहिए। यह मातृभूमि को समृद्ध और संरक्षित रखने का प्रतीक है।
“आजादी के दीप से, अंधकार को निष्कासित करें।”
यह पंक्ति प्रेरणा देती है कि हमें आजादी के मूल्य को समझते हुए समाज में व्याप्त अन्याय, अत्याचार, और अज्ञानता के अंधकार को मिटाना है। आजादी का दीप जलाकर हमें सच्चाई, न्याय और प्रकाश का मार्ग प्रशस्त करना है।
उठो वीरों, बुलंदी छूने का समय आया है।
ध्वज को ऊँचा रखो, शौर्य की पहचान बनाओ।
प्राणों की आहुति से मिट्टी को सींचो।
सत्य और न्याय के दीप से अंधकार मिटाओ।
“उठो वीरों, बुलंदी छूने का समय आया है।”
कवि हमें अपने साहस और आत्मविश्वास से राष्ट्र के मान को ऊँचाइयों तक ले जाने का संदेश दे रहे हैं। यह आह्वान केवल युद्ध की तैयारी तक सीमित नहीं है, बल्कि हर कार्य और प्रयास में वीरता दिखाने की प्रेरणा देता है।
“ध्वज को ऊँचा रखो, शौर्य की पहचान बनाओ।”
यह पंक्ति याद दिलाती है कि हमारा प्रत्येक प्रयास और बलिदान देश की शान और सम्मान को बनाए रखने के लिए होना चाहिए। हम अपने कर्मों से राष्ट्र का गौरव बढ़ा सकते हैं।
“प्राणों की आहुति से मिट्टी को सींचो।”
कवि मातृभूमि के प्रति सर्वोच्च समर्पण की बात कर रहे हैं। यदि जरूरत पड़ी, तो हमें अपने जीवन की प्रत्येक ऊर्जा और बलिदान मातृभूमि के लिए देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। यह वीरता और समर्पण का प्रतीक है।
“सत्य और न्याय के दीप से अंधकार मिटाओ।”
यह पंक्ति हमें प्रेरित करती है कि हमें समाज में व्याप्त अन्याय, अत्याचार और अज्ञानता के अंधकार को दूर करना है। अपने साहस और कर्म से देश में उजाला फैलाना हमारा कर्तव्य है।
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिंदी साहित्य के प्रमुख राष्ट्रकवि माने जाते हैं। उन्होंने वीर रस की अनेक ओजपूर्ण कविताएं लिखीं जो देशभक्ति, साहस और आत्मगौरव की भावना से भरपूर हैं। नीचे उनकी कुछ प्रसिद्ध वीर रस से ओत-प्रोत कविताओं की सूची और प्रमुख अंश दिए गए हैं:-
दिनकर की वीर रस देशभक्ति कविता, जैसे “रश्मिरथी” और “परशुराम की प्रतीक्षा”, वीर रस की उत्कृष्ट कृतियां हैं।
क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो।
उसको क्या जो दंतहीन, विषरहित, विनीत, सरल।
बल है अनमोल, यही जीवन, इसमें ही सब पुण्य समाहित।
पर, जो इसका कर लें दुरुपयोग, वे ही बन जाते भय के साधन।
“क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो।”
यह पंक्ति यह समझाती है कि क्षमा तभी उपयुक्त और प्रभावशाली होती है जब वह किसी शक्तिशाली व्यक्ति या प्राणी द्वारा दी जाए।
“उसको क्या जो दंतहीन, विषरहित, विनीत, सरल।”
इस पंक्ति का अर्थ है कि अगर कोई सर्प विषहीन और दांतहीन हो, तो उसकी क्षमा या सरलता का कोई महत्व नहीं होता।
“बल है अनमोल, यही जीवन, इसमें ही सब पुण्य समाहित।”
यह पंक्ति बताती है कि शक्ति (बल) हमारे जीवन का सबसे मूल्यवान गुण है। यह न केवल हमें जीवित रहने में मदद करता है, बल्कि यह हमारे सारे पुण्य और सत्कर्मों का आधार भी है।
“पर, जो इसका कर लें दुरुपयोग, वे ही बन जाते भय के साधन।”
यह पंक्ति चेतावनी देती है कि यदि कोई अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करता है, तो वह दूसरों के लिए डर और विनाश का कारण बन जाता है।
सच है, विपत्ति जब आती है,कायर को ही दहलाती है।
शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते।
“सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है।”
इस पंक्ति का अर्थ है कि मुश्किलें और संकट जब आते हैं, तो केवल कमजोर और डरपोक व्यक्तियों को ही भयभीत कर देते हैं।
“शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते।”
इस पंक्ति का अर्थ है कि साहसी और वीर व्यक्ति चाहे विपत्ति कितनी भी बड़ी हो, वे विचलित नहीं होते और पूरी दृढ़ता और आत्मविश्वास के साथ उसका सामना करते हैं।
“रे रोक युधिष्ठिर को न यहां, जाने दे उनको स्वर्ग धीर।
पर, फिरा हमें गाण्डीव गदा, लौटा दे अर्जुन-भीम वीर।
“रे रोक युधिष्ठिर को न यहां, जाने दे उनको स्वर्ग धीर।”
इस पंक्ति में अपने कर्तव्यों और धर्म का पालन करते हुए जीवन भर सत्य और न्याय के पथ पर चले हैं। अब उनके स्वर्ग जाने का अधिकार उन्हें मिलने दो।
“पर, फिरा हमें गाण्डीव गदा, लौटा दे अर्जुन-भीम वीर।”
इस पंक्ति में समाज और धर्म की रक्षा के लिए अर्जुन का गाण्डीव (धनुष) और भीम की गदा (शक्ति) जरूरी है। यह पंक्ति उनके संघर्ष, साहस और युद्ध कौशल की महत्ता को रेखांकित करती है।
आ रही हिमालय से पुकार, है उदधि गरजता बार-बार।
प्राची पश्चिम भू नभ अपार, सब पूछ रहे हैं, एक सवाल।
“आ रही हिमालय से पुकार, है उदधि गरजता बार-बार।”
इस पंक्ति में हिमालय हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होने और बुलंदी हासिल करने की प्रेरणा दे रहा है, जबकि सागर अपनी गर्जना के साथ यह बार-बार याद दिला रहा है कि समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन साहस और शक्ति से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
“प्राची पश्चिम भू नभ अपार, सब पूछ रहे हैं, एक सवाल।”
यह पंक्ति प्रकृति के विशाल दायरे यह दर्शाती है कि पूरा संसार (हर दिशा और हर तत्व) एक बड़े और महत्वपूर्ण सवाल का उत्तर खोज रहा है। यह सवाल शायद जीवन, कर्तव्य, सत्य या अस्तित्व से जुड़ा हो सकता है।
हरिओम पवार जी की कविताओं में वीर रस और देशभक्ति की भावना प्रबलता से झलकती है। उनकी कविता “भारत का सपूत” इसका बेहतरीन उदाहरण है।
“जिस देश के वीरों ने, गगन को भी झुका दिया।
हर युग में उस मिट्टी ने, इतिहास नया लिखा दिया।”
“जिस देश के वीरों ने, गगन को भी झुका दिया।”
यह पंक्ति हमारे देश के वीर सपूतों की वीरता और पराक्रम का गुणगान करती है। इसमें कहा गया है कि हमारे देश के साहसी योद्धाओं ने अपनी अदम्य शक्ति और साहस से असंभव को भी संभव कर दिखाया।
“हर युग में उस मिट्टी ने, इतिहास नया लिखा दिया।”
यह पंक्ति उस भूमि (मिट्टी) की महिमा का वर्णन करती है जिसने हर युग में अपनी वीरता, संस्कार और बलिदान से नया इतिहास रच दिया।
“जब-जब भी रणभेरी बजी, वह खड़ा हिम्मत का ढाल।
भारत मां का सच्चा बेटा, सीना ताने हर सपूत विशाल।”
“जब-जब भी रणभेरी बजी, वह खड़ा हिम्मत का ढाल।”
इस पंक्ति में उन वीर योद्धाओं की प्रशंसा की गई है, जो हर युद्ध या संकट के समय साहस और संकल्प के साथ खड़े हो जाते हैं।
“भारत मां का सच्चा बेटा, सीना ताने हर सपूत विशाल।”
इस पंक्ति में उन वीर सपूतों का वर्णन किया गया है जो अपने अदम्य साहस, निष्ठा और देशभक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।
वीर रस हिंदी साहित्य का ऐसा हिस्सा है जो अपने अद्वितीय गुणों के कारण पाठकों और श्रोताओं को प्रेरित करता है। इसकी विशेषताएं इसे अन्य रसों से अलग और विशिष्ट बनाती हैं। आइए, वीर रस की प्रमुख विशेषताओं को विस्तार से समझें:
वीर रस की कविताओं की सबसे बड़ी पहचान उनकी शक्तिशाली और प्रभावशाली भाषा है।
उदाहरण:
“जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।”
वीर रस की कविताएं भावनाओं से परिपूर्ण होती हैं और इनकी तीव्रता पाठकों के मन-मस्तिष्क को गहराई तक छू जाती है।
उदाहरण:
“रण में कभी ना हार हो, वीरों की सदा जीत हो।
हर संकट में अडिग रहें, हर युद्ध में वीर प्रीत हो।”
जोश भर देने वाली देशभक्ति कविता में देश के प्रति प्रेम और बलिदान की भावना प्रमुख रूप से झलकती है।
उदाहरण:
“यह भारत देश हमारा है, मिट्टी भी इसकी न्यारी है।
बलिदानों से सजता इतिहास, यह मातृभूमि हमें प्यारी है।”
जोश भर देने वाली देशभक्ति कविता का स्वर अत्यंत प्रेरणादायक होता है, जो पाठकों और श्रोताओं को साहस और आत्मविश्वास से भर देता है।
उदाहरण:
“तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी।
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ।”
शत्रु देख कांप उठे, रणभूमि का शौर्य महान,
वीर सपूत लड़ते हँसकर, कर दें प्राणों का बलिदान।
वीर कभी संघर्ष से, पीछे हटता नहीं,
धर्म, देश और सत्य के लिए, जीवन से डरता नहीं।
तलवारें जब खड़खड़ातीं, गूँज उठता रण-गान,
वीरों के साहस से जग में, बढ़ता भारत का मान।
बलिदानों की भूमि पर, वीरों का है गान,
रक्त की हर बूंद कहे, “जय हो हिन्दुस्तान।”
दिनकर की कविताएं युवाओं के दिलों में जोश भरती हैं और उन्हें मातृभूमि के लिए बलिदान देने की प्रेरणा देती हैं-
वीर रस की देशभक्ति कविताएं केवल शब्दों का संग्रह नहीं हैं, बल्कि ये हमारी मातृभूमि के प्रति प्रेम, साहस और बलिदान की भावना को जागृत करती हैं। इन कविताओं के माध्यम से हम उन वीर सपूतों को याद करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की। मेरा प्रयास है कि पाठक इन कविताओं को पढ़कर न केवल प्रेरित हों, बल्कि अपने जीवन में भी देशभक्ति और साहस की भावना को अपनाएँ।
वीर रस की देशभक्ति कविताएं desh bhakti kavita हमारे देश की अमूल्य धरोहर हैं। यह कविताएं हमें न केवल प्रेरित करती हैं, बल्कि हमारे भीतर देश के प्रति समर्पण और बलिदान की भावना को भी प्रबल बनाती हैं। आइए, इन कविताओं के माध्यम से देशप्रेम की ज्योति जलाते रहें और भारत को सशक्त बनाते रहें। ये कविताएं न केवल हमारे इतिहास और संस्कृति को जीवित रखती हैं, बल्कि अगली पीढ़ी को सही मार्गदर्शन और प्रेरणा भी देती हैं। इनका प्रभाव समय की सीमाओं से परे है और यह हमें अपने कर्तव्यों का एहसास कराती हैं।
रामधारी सिंह दिनकर की सबसे प्रसिद्ध कविता “रश्मिरथी” है। यह महाभारत के कर्ण के जीवन और संघर्ष को केंद्रित करके लिखी गई है, जिसमें कर्ण की वीरता, बलिदान और नैतिकता का चित्रण किया गया है।
रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता “रश्मिरथी” है, जो महाभारत के कर्ण के जीवन और उसकी वीरता पर आधारित है। इसके अलावा, “तुमुल ध्वनि” और “चक्रव्यूह” भी प्रसिद्ध हैं।
“शहीद स्तवन” कविता का उद्देश्य शहीदों की वीरता, बलिदान और देश के प्रति उनके समर्पण को सम्मानित करना है। यह कविता शहीदों की महानता को उजागर करती है, उनके आत्मोत्सर्ग को सलाम करती है और देशभक्ति की भावना को जागरूक करती है। कविता शहीदों के बलिदान से प्रेरित होकर राष्ट्रप्रेम, एकता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रेरित करने का कार्य करती है।
रीतिकालीन वीर रस के प्रमुख कवि थे कुमार लालित, धीरज, जयशंकर प्रसाद, निराला, और सुमित्रानंदन पंत। इन कवियों ने युद्ध, साहस और वीरता को प्रमुख विषय बनाकर रचनाएँ लिखी।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है”
कवि: बिस्मिल अज़ीमाबादी
लोकप्रियता: यह कविता राम प्रसाद ‘बिस्मिल’, अशफ़ाक़उल्ला ख़ान और अन्य क्रांतिकारियों के साथ जुड़ी रही है और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रेरणा का स्रोत बनी।
अन्य प्रसिद्ध देशभक्ति कविताएँ:
“वन्दे मातरम्” – बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
“झाँसी की रानी” – सुभद्राकुमारी चौहान
“जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा” – प्रदीप
“ऐ मेरे वतन के लोगों” – कवि प्रदीप
“मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक” – माखनलाल चतुर्वेदी
“कलम, आज उनकी जय बोल” – रामधारी सिंह ‘दिनकर’
“मैं जा रही हूँ” – केदारनाथ सिंह
“जो तुम आ जाते एक बार” – महादेवी वर्मा
“जो बीत गई सो बात गई” – हरिवंश राय बच्चन
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
Editor's Recommendations
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.