Quick Summary
उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण की जानकारी केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि लेखकों, कवियों और सामान्य पाठकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहाँ प्रस्तुत 20 उपसर्ग और प्रत्यय(Upsarg aur Pratyay) के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में आपकी भाषा की समझ को और भी सशक्त बनाएंगे। अगर आप 20 उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरणों से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में ढूंढ रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए एक अमूल्य संसाधन साबित होगा इसे पूरा पढ़ें।
उपसर्ग वे छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के पहले जोड़े जाते हैं ताकि उसके अर्थ में बदलाव किया जा सके। ये शब्द के मूल अर्थ को बदलते हैं या उसे विशेष बनाते हैं। उदाहरण के लिए, दिन में “प्रति” उपसर्ग जोड़ने से “प्रतिदिन” शब्द बनता है, जिसका मतलब है “हर दिन”।
उपसर्ग(upsarg shabd) उस शब्दांश या शब्द को कहते हैं जो किसी मूल शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन लाता है।सरल शब्दों में, उपसर्ग वे शब्द होते हैं जो अकेले कोई पूरा अर्थ नहीं देते, लेकिन जब किसी दूसरे शब्द के साथ जोड़े जाते हैं, तो उस शब्द का नया या विशेष अर्थ बना देते हैं।
| उपसर्ग + मूल शब्द | बना शब्द | अर्थ / भावार्थ (जहाँ संभव हो) |
|---|---|---|
| अभी + मान | अभिमान | घमंड |
| प्र + बाल | प्रबल | शक्तिशाली |
| अ + भाव | अभाव | कमी, न होना |
| प्र + कोप | प्रकोप | अत्यधिक क्रोध |
| अ + चल | अचल | जो न हिले |
| प्र + ख्यात | प्रख्यात | प्रसिद्ध |
| अति + उक्ति | अत्युक्ति | अधिक कहना |
| परा + जय | पराजय | हार |
| परा + मर्श | परामर्श | सलाह |
| परा + अधीन | पराधीन | दूसरों के अधीन |
| परा + आश्रय | पराश्रय | दूसरों पर निर्भर |
| अप + मान | अपमान | अनादर |
| अप + व्यय | अपव्यय | फालतू खर्च |
| अप + शब्द | अपशब्द | गाली |
| अव + गुण | अवगुण | बुरा गुण |
| स्व + जन | स्वजन | अपने लोग |
| स्व + राज्य | स्वराज्य | अपना शासन |
| स्व + देश | स्वदेश | अपना देश |
| सह + पाठी | सहपाठी | साथ पढ़ने वाला |
| सह + चार | सहचर | साथी |
| परि + पूर्ण | परिपूर्ण | पूरी तरह भरा |
| अन + पढ़ | अनपढ़ | जो नहीं पढ़ा |
| अन + मोल | अनमोल | जिसका मूल्य न हो |
| अध + जल | अधजल | आधा भरा जल |
| अन + जन | अनजान | अपरिचित |
| अध + पका | अधपका | पूरी तरह पका नहीं |
| अध + मरा | अधमरा | अधमरे जैसा |
| उन + चास | उनचास | 49 (संख्या) |
| नि + डर | निडर | बिना डर वाला |
| नि + कम्मा | निकम्मा | अयोग्य, नाकारा |
| नि + हत्था | निहत्था | बिना हथियार के |
| नि + खरा | निखरा | और अधिक चमकदार / शुद्ध |
| बिन + खाया | बिनखाया | बिना खाया |
| बिन + बोया | बिनबोया | बिना बोया |
| भर + पेट | भरपेट | पूरा पेट |
| भर + मार | भरमार | अत्यधिक मात्रा |
| भर + पुर | भरपूर | पूर्ण |
| कु + संग | कुसंग | बुरी संगति |
| कु + घड़ी | कुघड़ी | अशुभ समय |
| कु + मार्ग | कुमार्ग | गलत रास्ता |
| कु + कर्म | कुकर्म | बुरा कर्म |
| स + पूत | सपूत | अच्छा बेटा |
| स + रस | सरस | भावपूर्ण / रसदार |
| सु + देश | सुदेश | अच्छा देश |
| सु + जान | सुजान | समझदार व्यक्ति |
| सु + मार्ग | सुमार्ग | अच्छा रास्ता |
| अति + रिक्त | अतिरिक्त | ज़रूरत से अधिक |
| अति + क्रमण | अतिक्रमण | अतिक्रमण करना (सीमा पार करना) |
| अधि + कार | अधिकार | हक |
| अधि + राज | अधिराज | सबसे ऊपर का शासक |
| प्रति + कार | प्रतिकार | बदला लेना |
| प्रति + क्षण | प्रतिक्षण | हर पल |
| वि + कास | विकास | आगे बढ़ना, उन्नति |
उपसर्ग के प्रकारों में मुख्य रूप से संस्कृत उपसर्ग, हिंदी उपसर्ग और उर्दू उपसर्ग आते हैं।
संस्कृत उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। संस्कृत भाषा में उपसर्गों की संख्या काफी अधिक है। इसकी खास बात यह है कि बहुत सारे हिंदी शब्दों में भी इनका इस्तेमाल होता है। जो नए शब्द बनाने में मदद करता करता है।
संकृत उपसर्ग के कुछ उदाहरण:
हिंदी उपसर्ग, उपसर्ग के प्रकार में से एक है। हिंदी उपसर्ग ऐसे छोटे-छोटे शब्दांश हैं जो किसी शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या उसे और स्पष्ट करते हैं। हिंदी उपसर्गों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं। ये ज्यादातर संस्कृत भाषा से आए हैं। इनका प्रयोग हिंदी में व्यापक रूप से होता है। ये शब्दों को अर्थपूर्ण और सार्थक बनाते हैं।
हिंदी उपसर्ग के कुछ उदाहरण:
उर्दू उपसर्ग छोटे-छोटे शब्दांश होते हैं जो किसी उर्दू शब्द की शुरुआत में लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं या नया अर्थ जोड़ देते हैं।
उर्दू उपसर्गों की खासियत:
उर्दू उपसर्ग के उदाहरण:
प्रत्यय वे शब्द हैं, जो दूसरे शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ बदल सके या नया शब्द बन सके। प्रत्यय शब्दों को विशेषता, क्रिया, या अन्य भाव देने का काम करते हैं।
उदाहरण:
| मूल शब्द + प्रत्यय | नया शब्द | अर्थ |
|---|---|---|
| खेल + ना | खेलना | खेलने की क्रिया |
| चल + ना | चलना | चलने की क्रिया |
| मोटा + पा | मोटापा | मोटे होने की अवस्था |
| बूढ़ा + पा | बुढ़ापा | वृद्धावस्था |
| समाज + इक | सामाजिक | समाज से संबंधित |
| पिछड़ा + पन | पिछड़ापन | पिछड़े होने की स्थिति |
| गतिशील + ता | गतिशीलता | सक्रियता |
| सर्वजन + इक | सार्वजनिक | सभी के लिए उपयुक्त |
| माध्यम + इक | माध्यमिक | बीच का स्तर |
| पहुँचाने + वाली | पहुँचानेवाली | जो पहुँचाए |
| व्यक्ति + गत | व्यक्तिगत | निजी |
| महत्व + पूर्ण | महत्वपूर्ण | खास, आवश्यक |
| निर्भर + ता | निर्भरता | आश्रित होने की स्थिति |
| सीखने + वाली | सिखनेवाली | जो सिखे |
| सतर्क + ता | सतर्कता | सजगता |
| अर्थ + इक | आर्थिक | धन से संबंधित |
| निहित + अर्थ | निहितार्थ | छिपा हुआ अर्थ |
| केंद्र + इत | केन्द्रित | केंद्र में किया गया |
| अंत + इम | अंतिम | अंतिम अवस्था |
| आज़ाद + ई | आज़ादी | स्वतंत्रता |
| पढ़ना + वाला | पढ़नेवाला | जो पढ़ता है |
| करना + नी | करनी | करने योग्य क्रिया |
| गाना + वाला | गानेवाला | जो गाता है |
| मिल + आप | मिलाप | मिलन की अवस्था |
| पका + हुआ | पकाया गया | |
| गढ़ + अंत | गढ़न्त | गढ़ने की प्रक्रिया |
| लिख + वट | लिखावट | लिखने की शैली |
| बच्चा + पन | बचपन | बचपन की अवस्था |
| लड़का + पन | लड़कपन | किशोर अवस्था |
| चिल्ला + हट | चिल्लाहट | जोर से बोलने की ध्वनि |
| लिख + आई | लिखाई | लेखन की क्रिया |
| हँस + ई | हँसी | हँसने की ध्वनि |
| बच + आव | बचाव | सुरक्षा का प्रयास |
| बराबर + ई | बराबरी | समानता |
| इतिहास + इक | ऐतिहासिक | इतिहास से जुड़ा हुआ |
| धर्म + इक | धार्मिक | धर्म संबंधी |
| नीति + इक | नैतिक | नैतिकता से जुड़ा |
| पुराण + इक | पौराणिक | प्राचीन ग्रंथों से जुड़ा |
| आनंद + इत | आनंदित | प्रसन्न |
| घट + इया | घटिया | निम्न स्तर का |
| असल + ई | असली | वास्तविक |
| नक़ल + ई | नकली | जाली |
| सरकार + ई | सरकारी | शासन से संबंधित |
| शहर + ई | शहरी | नगर संबंधी |
| भारत + ईय | भारतीय | भारत से जुड़ा हुआ |
| राष्ट्र + ईय | राष्ट्रीय | राष्ट्र से जुड़ा हुआ |
| बुद्धि + मान | बुद्धिमान | समझदार |
| गति + मान | गतिमान | चलायमान |
| ज़हर + ईला | ज़हरीला | विषैला |
| धन + वान | धनवान | धनी |
| भाग्य + वान | भाग्यवान | सौभाग्यशाली |
| मूल्य + वान | मूल्यवान | कीमती |
हिंदी व्याकरण में प्रत्यय का काफी उपयोग है ये शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं ताकि उनका अर्थ या रूप बदल सके। ये छोटे-छोटे अंश शब्द के अंत में लगकर उसके अर्थ को विशेष बनाते हैं। प्रत्यय का सही उपयोग करके हम नए शब्द बना सकते हैं और अपने विचारों को स्पष्टता से व्यक्त कर सकते हैं।
मुख्य रूप से प्रत्यय के दो प्रकार होते हैं, कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय जिनका उपयोग अलग अलग शब्दों में होता है।
कृत प्रत्यय, प्रत्यय के प्रकार में से एक है ये हमेशा क्रिया के अंत में आने वाले प्रत्यय हैं। जब ये किसी क्रिया के साथ जुड़ते हैं, तो एक नया शब्द बनता है जो या तो संज्ञा या विशेषण होता है। कृत प्रत्ययों की मदद से हम बहुत सारे नए शब्द बना सकते हैं और शब्दों के अर्थ को और अधिक स्पष्ट कर सकते हैं।
कृत प्रत्यय के उदाहरण:
तद्धित प्रत्यय हिंदी व्याकरण में वे प्रत्यय होते हैं जो किसी मूल शब्द के अंत में जोड़कर उससे नया शब्द बनाते हैं। तद्धित प्रत्यय जोड़ने से नए शब्द का अर्थ मूल शब्द से संबंधित होता है, लेकिन उसमें कुछ नया गुण या विशेषता जुड़ जाती है।
तद्धित प्रत्यय के उदाहरण:
| अंतर | उपसर्ग | प्रत्यय |
| स्थान | उपसर्ग किसी शब्द के शुरुआत में जुड़तें हैं। | प्रत्यय किसी शब्द के अंतिम में जुड़तें हैं। |
| प्रभाव | उपसर्ग शब्द के अर्थ बदलते हैं। | प्रत्यय शब्द के अर्थ और कभी-कभी रूप भी बदलते हैं। |
| उदाहरण | अ: असत्य, अधि: अधिकार | पन: मीठापन, आ: पढ़ना |
उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में निम्नलिखित हैं।

| उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay के उदाहरण | ||||
संख्या | उपसर्ग के 50 उदाहरण | प्रत्यय के 50 उदाहरण | ||
| उपसर्ग | शब्द | प्रत्यय | शब्द | |
| 1 | अ | असामान्य | ता | सज्जता |
| 2 | अधि | अधिकार | ता | सामर्थ्यता |
| 3 | अति | अतिउत्साही | जी | कामकाजी |
| 4 | अन् | अंति | कर्म | सदकर्म |
| 5 | आ | आवाज | कृति | साहित्यकृति |
| 6 | अर्थ | अर्थशास्त्र | किय | राजकीय |
| 7 | उ | उत्साह | शास्त्र | आयुर्वेदशास्त्र |
| 8 | उप | उपकार | कर्म | सदकर्म |
| 9 | प्रति | प्रतिनिधि | कृति | साहित्यकृति |
| 10 | स | संबंध | ज्ञ | ज्ञान |
| 11 | सु | सुखद | ति | सहानुभूति |
| 12 | अप्र | अप्राकृतिक | गिरी | पर्वतगिरी |
| 13 | न | नकारात्मक | कर्म | स्वकर्म |
| 14 | अ | अलक्षित | करण | उपकरण |
| 15 | अप | अपराध | यक | गायक |
| 16 | उप | उपस्थित | ता | वीरता |
| 17 | अति | अतिरेक | री | पानीधारी |
| 18 | सु | सुभग | आ | नायिका |
| 19 | अनु | अनुपस्थिति | पंथ | धर्मपंथ |
| 20 | वि | विविध | इक | अधिक |
| 21 | अधि | अधिकार | यक | नायक |
| 22 | अव | अवसर | धन | संबंधन |
| 23 | सा | सांस्कृतिक | शरण | आशरण |
| 24 | प्रति | प्रतिकूल | धन | मूलधन |
| 25 | नि | निर्धारित | प्रकार | संबंधप्रकार |
| 26 | परि | परिवर्तन | त्व | सौंदर्यत्व |
| 27 | अधि | अधिक | रूप | सौंदर्यरूप |
| 28 | सृ | सृजन | शास्त्र | वेदशास्त्र |
| 29 | अनु | अनुकरण | लिपि | देवनागरीलिपि |
| 30 | मध | मध्यम | न | मान |
| 31 | न | निज | कृति | साहित्यकृति |
| 32 | सु | सुंदर | आर्थी | विद्यार्थी |
| 33 | परि | परिवार | धन | अर्थवर्धन |
| 34 | वि | विपरीत | दारी | पानीधारी |
| 35 | अव | अवांछनीय | पद्धति | शैक्षणिकपद्धति |
| 36 | अध | अध्याय | कारी | शिल्पकारी |
| 37 | प्र | प्रभात | अधिकारी | सहायकअधिकारी |
| 38 | असु | असुरक्षित | पंथ | सामाजिकपंथ |
| 39 | उत | उत्पत्ति | पुत्र | धनपुत्र |
| 40 | अन | अनदेखी | पंथ | धर्मपंथ |
| 41 | सा | साधक | विद्या | उच्चविद्या |
| 42 | सं | संशोधन | आलय | विद्यालय |
| 43 | अधि | अधिकारी | थन | समर्थन |
| 44 | अ | अथवा | ज्ञान | विज्ञान |
| 45 | अ | अलक्षित | रक | धारक |
| 46 | प्र | प्रेरणा | कर्मी | सेवाकर्मी |
| 47 | अनु | अनुवाद | इत्र | मित्र |
| 48 | सं | संघ | इय | प्रिय |
| 49 | पुन | पुनरावृत्ति | ओद | विनोद |
| 50 | अद | अद्भुत | दान | योगदान |
शब्द निर्माण, व्याकरणिक शुद्धता और स्पष्टता में उपसर्ग और प्रत्यय का प्रयोग काफी महत्वपूर्ण है।
(उपसर्ग = किसी शब्द के पहले जुड़कर उसका अर्थ बदलने वाले अंश)
(प्रत्यय = किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ बदलने वाले अंश)
उपसर्ग ऐसे शब्दांश हैं जो किसी शब्द के पहले लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं। नीचे 20 प्रमुख उपसर्ग और उनके उदाहरण दिए गए हैं:
प्रत्यय ऐसे शब्दांश हैं जो शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाते हैं। नीचे 20 प्रमुख प्रत्यय और उनके उदाहरण दिए गए हैं:
“उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” के माध्यम से हमने देखा कि किस प्रकार ये शब्दों में नए अर्थ और संचार जोड़ते हैं। इनका सही और सटीक प्रयोग न केवल भाषा को समृद्ध बनाता है, बल्कि हमारे संवाद को भी अधिक प्रभावशाली और प्रभावशाली बनाता है। उपसर्ग और प्रत्यय/upsarg aur pratyay का ज्ञान एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हमें भाषा की जटिलताओं को समझने और उनका उपयोग करने में मदद करता है।
इस ब्लॉग में आपने 20 उपसर्ग और प्रत्यय से अधिक उपसर्ग और प्रत्यय(upsarg aur pratyay) के उदाहरणों के बारे में जाना। आशा है कि ये ब्लॉग “उपसर्ग और प्रत्यय के 50 उदाहरण हिंदी में” आपको “उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरण”(upsarg aur pratyay) को समझने और अपने लेखन को और भी शुद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा।
उपसर्ग किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के आरंभ में उपसर्ग जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।
उदाहरण:
अ + योग्य = अयोग्य
सु +ंदर = सुंदर
नि +राश = निराश
प्रत्यय किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ बदल देता है। आप किसी भी शब्द के अंत में प्रत्यय जोड़कर एक नया शब्द बना सकते हैं।
उदाहरण:
बच्चा + पन = बचपन
लिख + ने = लिखने
गुरु + वर = गुरुवर
प्रत्यय के 20 उदाहरण:
पन: बचपन, बुढ़ापा
ता: मिठास, लालच
त्व: गौरव, सौंदर्य
आ: पढ़ाकू, खिलाड़ी
वा: गुरुवा, देवा
ई: रानी, देवी
नीय: पढ़नीय, जाननीय
अनीय: अज्ञात, अचिन्तनीय
स्थान: पुस्तकालय, अस्पताल
वासी: नगरवासी, ग्रामीण
काल: प्राचीनकाल, भविष्यकाल
दार: पुस्तकालय, संग्रहालय
वान: धावक, कवि
मान: मानव, गृहमान
हार: विजेता, पराजय
कर: लेखक, शिक्षक
वत: शक्तिशाली, बुद्धिमान
रत: प्रेमरत, ज्ञानरत
हीन: दुर्बल, निर्धन
वान: धावक, कवि
“सुंदरता” शब्द में “ता” प्रत्यय जुड़ा हुआ है।
मुख्य रूप से दो प्रकार के प्रत्यय होते हैं:
2कृत प्रत्यय: ये धातुओं से नए शब्द बनाते हैं।
तद्धित प्रत्यय: ये संज्ञा या विशेषणों से नए शब्द बनाते हैं।
अति: अतिशय, अत्याचार, अतिरिक्त
अधि: अधिनायक, अधिकृत, अध्यक्ष
अनु: अनुकरण, अनुकरण, अनुकूल
अप: अपयश, अपशब्द, अपकार
अव: अवसान, अवसर, अवकाश
आ: आहार, आजीवन, आगमन
उप: उपवन, उपकार, उपनगर
प्र: प्रगति, प्रारंभ, प्रचार
परा: पराजय, पराभव
सम्: सम्मान, सामग्री
निस्: निस्सार, निसार
निर्: निर्वासित, निर्दयी
दुस्: दुस्साहस, दुस्ख
दुर्: दुर्बल, दुर्गु
वि: विवाद, विचार
आङ् (आ): आघात, आगमन
नि: निर्देय, निर्विघ्न
सु: सुगम, सुंदर
उत्: उत्सव, उत्कृष्ट
अभि: अभिमान, अभिलाषा
प्रति: प्रतिउत्तर, प्रतिरोध
परि: परिहार, परिपूर्ण
उपसर्ग वह शब्दांश है जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में बदलाव लाता है, जबकि प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़कर उसका रूप और श्रेणी बदलता है। उपसर्ग अर्थ बढ़ाता है, प्रत्यय से नया शब्द बनता है। दोनों अकेले प्रयोग नहीं किए जा सकते।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
Editor's Recommendations
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.