Quick Summary
हिंदी भाषा की वर्णमाला दो मुख्य भागों में विभाजित होती है – स्वर (Vowels) और व्यंजन (Consonants)। ये भाषा के मूलभूत तत्व हैं, जिनकी मदद से शब्द और वाक्य बनते हैं। स्वर और व्यंजन (Swar or Vyanjan) में अंतर? हिंदी भाषा में वर्णमाला का महत्व बहुत बड़ा है। वर्णमाला के दो मुख्य हिस्से होते हैं Swar Aur Vyanjan। इनकी मदद से हम शब्दों और वाक्यों का निर्माण करते हैं। स्वर और व्यंजन हिंदी भाषा के मूलभूत तत्व हैं जो भाषा की संरचना और ध्वनि को निर्धारित करते हैं।
इस ब्लॉग में हम स्वर और व्यंजन किसे कहते हैं, स्वर और व्यंजन (swar or vyanjan) कितने होते हैं, स्वर और व्यंजन में अंतर, स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है और स्वर और व्यंजन इंग्लिश में कितने होते हैं, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
हिंदी वर्णमाला में हिंदी भाषा की सभी ध्वनियों को सम्मिलित किया गया है। इसे मुख्य रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है: swar or vyanjan। हिन्दी भाषा में ग्यारह स्वर हैं। जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी अन्य वर्ण के नहीं किया जा सकता उन्हें व्यंजन कहते हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें अयोगवाह और कुछ अन्य विशेष ध्वनियाँ भी होती हैं, जो विशिष्ट परिस्थितियों में प्रयुक्त होती हैं।
| English Letters | Hindi Letters | उच्चारण संकेत (Transliteration) |
|---|---|---|
| A | अ | a |
| B | ब | ba |
| C | क / च | ka / cha |
| D | द / ड | da / ḍa |
| E | ए | e |
| F | फ | pha |
| G | ग | ga |
| H | ह | ha |
| I | इ | i |
| J | ज | ja |
| K | क | ka |
| L | ल | la |
| M | म | ma |
| N | न | na |
| O | ओ | o |
| P | प | pa |
| Q | क़ | qa |
| R | र | ra |
| S | स / श | sa / sha |
| T | ट / त | ṭa / ta |
| U | उ | u |
| V | व | va |
| W | व / डब्ल्यू | va / w |
| X | क्ष / एक्स | kṣa / x |
| Y | य | ya |
| Z | ज़ | za |
(हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन) वर्ण उस ध्वनि को कहते हैं, जो किसी भाषा की मूलभूत इकाई होती है। वर्ण के बिना किसी भी भाषा का उच्चारण और लेखन संभव नहीं होता। वर्ण किसी भी भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है, जो एक ध्वनि को व्यक्त करती है। यह ध्वनि एक अक्षर, शब्द या वाक्य का निर्माण करने में सहायक होती है। वर्ण को स्वर और व्यंजन से व्यक्त किया जाता है-
स्वर (Vowels): Hindi Mein Kitne Swar Hote Hain
अ आ इ ई उ ऊ ऋ
ए ऐ ओ औ अं अः
व्यंजन (Consonants):
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व
श ष स ह
क्ष त्र ज्ञ श्र
ड़ ढ़
संयुक्त व्यंजन (Conjunct Consonants):
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
(आगे के वर्ण जैसे प, फ, ब, भ, म आदि भी इसमें शामिल होते हैं, जिन्हें विस्तार में जोड़ा जा सकता है।)
वर्ण को मुख्य रूप से हिंदी स्वर और व्यंजन दो भागों में बाँटा जाता है:
Hindi Varnamala में स्वरों और व्यंजनों की संख्या निश्चित होती है, जो भाषा की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हिंदी में स्वर (Swar in Hindi) को अंग्रेज़ी में Vowel कहा जाता है। ये ऐसी ध्वनियाँ हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अन्य अक्षर की सहायता के स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। हिंदी वर्णमाला में कुल 11 मूल स्वर होते हैं, जो व्यंजनों के साथ मिलकर शब्दों की रचना और उच्चारण को पूर्ण करते हैं।
स्वर वे ध्वनियाँ होती हैं जिन्हें बोलते समय वायु बिना किसी अवरोध (रुकावट) के मुँह से बाहर निकलती है। इन्हें स्वतंत्र रूप से बोला जा सकता है। हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर होते हैं। स्वरों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है और ये शब्दों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कुल स्वरों की संख्या – 13 (11 मुख्य + 2 विशेष – अं और अः)
जैसे:
Vyanjan kise kahate hain? व्यंजन वे ध्वनियाँ हैं, जिनका उच्चारण करते समय हवा को मुंह, दाँत, जीभ या गले में किसी अवरोध का सामना करना पड़ता है। हिंदी वर्णमाला में कुल 39 व्यंजन होते हैं। व्यंजनों का प्रयोग स्वरों के साथ मिलकर किया जाता है और ये शब्दों के निर्माण में सहायक होते हैं।
उदाहरण: क, ख, ग, च, ट, त, प, ब, म आदि
व्यंजन के प्रकार | Vyanjan kitne prakar ke hote hain
हिंदी वर्णमाला में कुल 33 व्यंजन होते हैं। ये वे अक्षर हैं जिन्हें बोलने के लिए स्वर की ज़रूरत पड़ती है।
1. वर्गीय व्यंजन (5 वर्ग)
इन्हें पाँच समूहों (वर्गों) में बाँटा गया है और हर वर्ग में 5-5 अक्षर होते हैं:
- क वर्ग – क, ख, ग, घ, ङ
- च वर्ग – च, छ, ज, झ, ञ
- ट वर्ग – ट, ठ, ड, ढ, ण
- त वर्ग – त, थ, द, ध, न
- प वर्ग – प, फ, ब, भ, म
2. अन्तःस्थ व्यंजन
ये स्वर और व्यंजन के बीच की तरह काम करते हैं।
य, र, ल, व3. ऊष्म व्यंजन
इन्हें बोलते समय सांस या हवा ज़्यादा निकलती है।
श, ष, स, हHindi Aksharmala में कितने स्वर हैं? | Hindi वर्णमाला
Hindi Mein Swar kitne Hote Hain?- Hindi Aksharmala में कुल 13 स्वर होते हैं पर अं और अः को स्वर की श्रेणी में न रखकर अयोगवाह कहा जाता है क्योंकि इनका उच्चारण किसी स्वर के बाद ही होता है:
हिंदी वर्णमाला में कुल 39 व्यंजन होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख व्यंजन हैं:-
व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा को किसी न किसी अवरोध का सामना करना पड़ता है। यह अवरोध जीभ, दाँत, या गले के किसी हिस्से से हो सकता है।
व्यंजनों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता। वे स्वरों के साथ मिलकर शब्दों का निर्माण करते हैं।
स्वरों और व्यंजनों के उदाहरणों से भाषा को समझना और भी सरल हो जाता है।
| स्वर | उदाहरण |
| अ | अकाल, अनार |
| आ | आम, आग |
| इ | इमली, इश्क |
| ई | ईख, ईश्वर |
| उ | उल्लू, उपहार |
| ऊ | ऊन, ऊंट |
| ऋ | ऋषि, ऋतु |
| ए | एक, ऐनक |
| ऐ | ऐश्वर्या, ऐतिहासिक |
| ओ | ओस, ओर |
| औ | औरत, औरंग |
| व्यंजन | उदाहरण | व्यंजन | उदाहरण |
| क | केला, किताब | प | पानी, पतंग |
| ख | खाट, खेत | फ | फल, फूल |
| ग | गमला, घर | ब | बल, बकरी |
| घ | घर, घड़ी | भ | भालू, भास्कर |
| ङ | अंग, अंगूर | म | माँ, माला |
| च | चाय, चरखा | य | यज्ञ, योग |
| छ | छत, छाता | र | राजा, रथ |
| ज | जल, जहाज | ल | लड्डू, लहर |
| झ | झंडा, झरोखा | व | वज्र, वन |
| ञ | ज्ञान, ज्ञानी | श | शेर, शिक्षा |
| ट | टमाटर, टोकरी | ष | षडयंत्र, षण्मुख |
| ठ | ठंडी, ठोकर | स | सागर, सरिता |
| ड | डमरू, डाक | ह | हंस, हरिण |
| ढ | ढोल, ढाका | क्ष | मोक्ष, अक्षर |
| ण | णमक, णियम | त्र | त्रिशूल, चित्र |
| त | तबला, तराजू | ज्ञ | ज्ञानी, विज्ञान |
| थ | थैली, थर्मस | श्र | आश्रम, श्राप |
| द | दवा, दरवाजा | ड़ | लड़का, लड़ाई |
| ध | धूप, धरती | ढ़ | चढ़ाई, पढ़ाई |
| न | नमक, नल | – | – |
हिंदी में स्वर और व्यंजन के भी कई प्रकार होते हैं जो उनके उच्चारण और प्रयोग के आधार पर विभाजित होते हैं।
हिंदी में स्वर (Swara) को अंग्रेज़ी में Vowel कहा जाता है। ये ऐसी ध्वनियाँ हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अन्य अक्षर की सहायता के स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। हिंदी वर्णमाला में कुल 11 मूल स्वर होते हैं, जो व्यंजनों के साथ मिलकर शब्दों की रचना और उच्चारण को पूर्ण करते हैं।
उच्चारण में लगने वाले समय या मात्रा के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं।
1. ह्रस्व स्वर
परिभाषा: जिन स्वरों का उच्चारण बहुत कम समय में हो जाता है, उन्हें ह्रस्व स्वर कहा जाता है।
उदाहरण: अ, इ, उ, ऋ
2. दीर्घ स्वर
परिभाषा: जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर की तुलना में लगभग दोगुना समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
उदाहरण: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
3. प्लुत स्वर
परिभाषा: जिन स्वरों को बोलने में दीर्घ स्वर से भी अधिक, यानी लगभग तिगुना समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है।
उदाहरण: ॐ (अ + ओ + म्)
जीभ के प्रयत्न के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं।
मुखाकृति के आधार पर स्वर चार प्रकार के होते हैं-
व्यंजनों के प्रकार निम्नलिखित हैं:
स्वर और व्यंजन को उनके उच्चारण, ध्वनि और उपयोग के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
स्वरों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है:
व्यंजनों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है:
स्वर और व्यंजन में कई अंतर होते हैं जो उनकी ध्वनि और उच्चारण के आधार पर होते हैं।
| स्वर (Vowels) | व्यंजन (Consonants) |
| स्वर स्वतंत्र रूप से उच्चारित होते हैं। | व्यंजन स्वर के साथ मिलकर उच्चारित होते हैं। |
| स्वर की संख्या 13 होती है। | व्यंजन की संख्या 33 होती है। |
| स्वर शब्द की शुरुआत, मध्य और अंत में आ सकते हैं। | व्यंजन आमतौर पर स्वर के साथ मिलकर शब्द बनाते हैं। |
| स्वर का उच्चारण बिना किसी अवरोध के होता है। | व्यंजन का उच्चारण करते समय मुख के किसी भाग से अवरोध उत्पन्न होता है। |
| उदाहरण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः | उदाहरण: क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ड़, ढ़ |
हिंदी भाषा में ध्वनियों को दो मुख्य भागों में बाँटा गया है स्वर और व्यंजन। ये दोनों ही भाषा की नींव हैं और शब्दों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्वर वे ध्वनियाँ हैं जिन्हें बोलते समय वायु का प्रवाह मुख से बिना किसी रुकावट के निकलता है। जैसे अ, आ, इ, ई, उ, ऊ आदि।
वहीं व्यंजन वे ध्वनियाँ हैं जिन्हें बोलते समय वायु का प्रवाह कहीं न कहीं रुकता है या किसी अंग से टकराता है। जैसे क, ख, ग, च, ज, ट, ठ आदि।
स्वर और व्यंजन मिलकर ही भाषा को मधुरता और अर्थपूर्णता प्रदान करते हैं। स्वर उच्चारण का आधार हैं, जबकि व्यंजन शब्दों को आकार और स्पष्टता देते हैं।
स्वर की विशेषताएँ उसे अन्य ध्वनियों से अलग करती हैं। स्वरों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है और वे किसी भी शब्द का निर्माण करने में सहायक होते हैं।
व्यंजन की विशेषताएँ उसे स्वरों से अलग करती हैं। व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा को किसी न किसी अवरोध का सामना करना पड़ता है।
सही उच्चारण के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है। उच्चारण के अभ्यास से भाषा की ध्वनि और लय को समझने में मदद मिलती है।
स्वरों का सही उच्चारण सीखने के लिए अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए कुछ विशेष तकनीकें और उपाय अपनाए जा सकते हैं।
व्यंजनों का सही उच्चारण भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि स्वरों का। सही उच्चारण से भाषा की स्पष्टता बढ़ती है।
भाषा शिक्षण में स्वर और व्यंजन का सही ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है। यह भाषा के अन्य पहलुओं को समझने और सिखाने में सहायक होता है।
भाषा विकास में स्वर और व्यंजन का महत्वपूर्ण योगदान है। यह भाषा के मौखिक और लिखित दोनों रूपों में सहायक होता है।
अंग्रेजी भाषा में स्वर (vowels) और व्यंजन (consonants) को इस प्रकार विभाजित किया गया है:
स्वर (Vowels):
व्यंजन (Consonants) | Consonant Kitne Hote Hain
अंग्रेजी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर हैं, जिनमें स्वर और व्यंजन शामिल हैं।
हिंदी भाषा में स्वर ध्वनियों के लिए मात्रा चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। जब स्वरों का उपयोग किसी व्यंजन के साथ किया जाता है, तो वह मात्रा बन जाती है। आइए प्रत्येक स्वर की मात्रा और उदाहरण को समझते हैं:
| स्वर | मात्रा चिह्न | उदाहरण | शब्द |
|---|---|---|---|
| अ | कोई नहीं | क | कबूतर |
| आ | ा | का | किताब |
| इ | ि | कि | किरन |
| ई | ी | की | कील |
| उ | ु | कु | कुर्सी |
| ऊ | ू | कू | कूप |
| ऋ | ृ | कृ | कृपा |
| ए | े | के | केला |
| ऐ | ै | कै | कैसा |
| ओ | ो | को | कोट |
| औ | ौ | कौ | कौवा |
| अं | ं | कं | कंटक |
| अः | ः | कः | दुःख |
अगर आप Hindi Varnamala (हिंदी वर्णमाला) पहली बार सीख रहे हैं, तो उच्चारण में थोड़ी कठिनाई आना सामान्य है। इसी को आसान बनाने के लिए नीचे हमने हिंदी वर्णमाला अंग्रेजी उच्चारण (Hindi Alphabets with English Pronunciation) और शब्दों के उदाहरण (Word Examples) सहित दी है। इससे आप सही ढंग से उच्चारण करना और शब्द पहचानना सीख सकेंगे।
| हिंदी वर्णमाला | English Pronunciation (अंग्रेजी उच्चारण) | उदाहरण (Examples) |
|---|---|---|
| अ | a | अनार (Anar) |
| आ | aa | आम (Aam) |
| इ | i | इमली (Imli) |
| ई | ee | ईख, ईंट (Eekh, Eent) |
| उ | u | उल्लू (Ullu) |
| ऊ | oo | ऊन (Oon) |
| ऋ | ri | ऋषि (Rishi) |
| ए | e | एक (Ek) |
| ऐ | ai | ऐनक (Ainak) |
| ओ | o | ओखली (Okhli) |
| औ | ou | औरत (Aurat) |
| अं | an | अंगूर (Angoor) |
| अः | ah | अतः (Atah) |
| क | ka | कबूतर (Kabootar) |
| ख | kha | खरगोश (Kharagosh) |
| ग | ga | गमला (Gamla) |
| घ | gha | घर (Ghar) |
| ङ | nga | — |
| च | cha | चम्मच (Chammach) |
| छ | chha | छाता (Chhata) |
| ज | ja | जग (Jag) |
| झ | jha | झंडा (Jhanda) |
| ञ | eyan | — |
| ट | ta | टमाटर (Tamatar) |
| ठ | tha | ठहरो (Thahro) |
| ड | da | डमरू (Damru) |
| ढ | dha | ढक्कन (Dhakkan) |
| ण | nna | बाण (Baan) |
| त | ta | तरबूज़ (Tarbooz) |
| थ | tha | थरमस (Thermos) |
| द | da | दवा (Dawa) |
| ध | dha | धन (Dhan) |
| न | na | नल (Nal) |
| प | pa | पतंग (Patang) |
| फ | pha | फल (Phal) |
| ब | ba | बस (Bus) |
| भ | bha | भालू (Bhaloo) |
| म | ma | मछली (Machhli) |
| य | ya | याक (Yak) |
| र | ra | राजा (Raja) |
| ल | la | लड़का (Ladka) |
| व | va | वर्षा (Varsha) |
| श | sha | शरबत (Sharbat) |
| ष | shha | षटकोण (Shatkona) |
| स | sa | सब्जी (Sabzi) |
| ह | ha | हाथी (Haathi) |
| क्ष | ksha | क्षत्रिय (Kshatriya) |
| त्र | tra | त्रिशूल (Trishul) |
| ज्ञ | gya | ज्ञानी (Gyaani) |
| श्र | shra | श्रमिक (Shramik) |
प्रिय पाठकों,
जब आप स्वर और व्यंजन के बारे में इस लेख को पढ़ रहे हैं, तो शायद आपके मन में भी भाषा की गहराई और शब्दों की खूबसूरती को समझने की जिज्ञासा हो। स्वर और व्यंजन केवल हिंदी भाषा के अक्षर नहीं हैं, बल्कि यह उस भाषा की आत्मा हैं जिससे हम अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
मैंने यह लेख लिखते समय महसूस किया कि स्वर और व्यंजन का ज्ञान हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है—चाहे वह छात्र हो, शिक्षक हो या कोई भाषा प्रेमी। यह ज्ञान न केवल सही उच्चारण सिखाता है, बल्कि शब्दों की रचना और संवाद की कला में भी हमें दक्ष बनाता है।
मेरी कोशिश है कि यह लेख आपको केवल नियमों और उदाहरणों तक सीमित न रखे, बल्कि आपको भाषा के उस अनुभव से जोड़ सके जो हर शब्द, हर अक्षर में छुपा होता है। आशा है कि जब आप इसे पढ़ेंगे, तो आपके मन में भाषा की गहन समझ और शब्दों के प्रति प्रेम जागेगा, और आप स्वर और व्यंजन की शक्ति को महसूस कर सकेंगे।
आपकी साथी और शुभचिंतक,
[आकृति जैन]
इस ब्लॉग में हमने स्वर और व्यंजन किसे कहते हैं, स्वर और व्यंजन कितने होते हैं, स्वर और व्यंजन में अंतर, स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है और स्वर और व्यंजन इंग्लिश में कितने होते हैं, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की है।
स्वर और व्यंजन हिंदी भाषा के मुख्य आधार हैं। इनके बिना भाषा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हिंदी वर्णमाला में स्वरों और व्यंजनों की उचित पहचान और सही उच्चारण भाषा की सुंदरता और स्पष्टता को बढ़ाता है। स्वर और व्यंजन की सही जानकारी से ही हम भाषा को सही ढंग से समझ और बोल सकते हैं।
बारहखड़ी क से ज्ञ तक: बारहखड़ी कैसे याद करें
हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं। हिंदी भाषा में कुल 11 स्वर होते हैंऔर हिंदी भाषा में कुल 33 मुख्य व्यंजन होते हैं। कुछ लोग अर्ध-व्यंजनों को मिलाकर इन्हें 36 भी मानते हैं।
हिंदी में 13 मूल स्वर होते हैं। ये हैं: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः
जिन ध्वनियों के उच्चारण में किसी अन्य अक्षर की सहायता नहीं लेनी पड़ती, उन्हें स्वर कहते हैं। हिंदी में कुल 11 स्वर होते हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
स्वरों के मुख्यतः दो भेद होते हैं:
• ह्रस्व स्वर: इन स्वरों का उच्चारण कम समय में होता है। जैसे: अ, इ, उ, ऋ, लृ।
• दीर्घ स्वर: इन स्वरों का उच्चारण ह्रस्व स्वरों की तुलना में अधिक समय में होता है। जैसे: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
हिंदी भाषा में कुल 52 अक्षर हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ, ट ठ ड ढ ण, त थ द ध न, प फ ब भ म, य र ल व, श ष स ह, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ड़, ढ़, है।
दीर्घ स्वर सात होते है- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
स्वर स्वतंत्र रूप से बोले जा सकते हैं, जबकि
व्यंजन को बोलने के लिए स्वर की सहायता लेनी पड़ती है।
उदाहरण: “क” एक व्यंजन है, इसे बोलने के लिए “अ” की ध्वनि की ज़रूरत होती है।
हिंदी वर्णमाला में कुल 52 अक्षर माने जाते हैं:
11 स्वर
33 व्यंजन
4 संयुक्त व्यंजन (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र)
4 अयोगवाह (अनुस्वार, अनुनासिक, विसर्ग, चंद्रबिंदु)
हिंदी वर्णमाला में ‘अ’ से लेकर ‘ज्ञा’ तक कुल 52 अक्षर होते हैं। इनमें 11 स्वर, 33 व्यंजन, और 4 संयुक्त व्यंजन शामिल होते हैं।
स्वर वह ध्वनि हैं जिसे अकेले उच्चारित किया जा सकता है, जबकि व्यंजन उन ध्वनियों को कहते हैं जिन्हें स्वर के साथ जोड़कर बोला जाता है। सरल शब्दों में, स्वर भाषा की धड़कन हैं और व्यंजन उसका हृदय।
कहानी, कविता और खेल-खेल में अभ्यास करना सबसे प्रभावी तरीका है। जैसे, ‘अआइई’ जैसी कविताएँ और व्यंजन पहेली। इससे याद रखना और उच्चारण दोनों आसान हो जाता है।
हिंदी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या 11 है।
ये स्वर हैं –
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
Editor's Recommendations
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.