स्वर और व्यंजन

स्वर और व्यंजन | बच्चों के लिए रंगीन और रोचक हिंदी शिक्षा

Published on October 29, 2025
|
2 Min read time
स्वर और व्यंजन

Quick Summary

  • स्वर (Vowels):अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः
  • व्यंजन (Consonants):क, ख, ग, घ, ङ ;च, छ, ज, झ, ञ; ट, ठ, ड, ढ, ण; त, थ, द, ध, न; प, फ, ब, भ, म; य, र, ल, व; श, ष, स, ह
  • संयुक्त व्यंजन (Conjunct Consonants): क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
  • अतिरिक्त व्यंजन (Additional Consonants): ड़, ढ़

Table of Contents

हिंदी भाषा की वर्णमाला दो मुख्य भागों में विभाजित होती है – स्वर (Vowels) और व्यंजन (Consonants)। ये भाषा के मूलभूत तत्व हैं, जिनकी मदद से शब्द और वाक्य बनते हैं। स्वर और व्यंजन (Swar or Vyanjan) में अंतर? हिंदी भाषा में वर्णमाला का महत्व बहुत बड़ा है। वर्णमाला के दो मुख्य हिस्से होते हैं Swar Aur Vyanjan। इनकी मदद से हम शब्दों और वाक्यों का निर्माण करते हैं। स्वर और व्यंजन हिंदी भाषा के मूलभूत तत्व हैं जो भाषा की संरचना और ध्वनि को निर्धारित करते हैं। 

इस ब्लॉग में हम स्वर और व्यंजन किसे कहते हैं, स्वर और व्यंजन (swar or vyanjan) कितने होते हैं, स्वर और व्यंजन में अंतर, स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है और स्वर और व्यंजन इंग्लिश में कितने होते हैं, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

हिंदी वर्णमाला(Hindi Varnamala) में कितने वर्ण होते है?

हिंदी वर्णमाला में हिंदी भाषा की सभी ध्वनियों को सम्मिलित किया गया है। इसे मुख्य रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है: swar or vyanjan। हिन्दी भाषा में ग्यारह स्वर हैं। जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी अन्य वर्ण के नहीं किया जा सकता उन्हें व्यंजन कहते हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें अयोगवाह और कुछ अन्य विशेष ध्वनियाँ भी होती हैं, जो विशिष्ट परिस्थितियों में प्रयुक्त होती हैं।

A to Z Hindi Alphabet | हिंदी वर्णमाला(Varnmala in Hindi)

English LettersHindi Lettersउच्चारण संकेत (Transliteration)
Aa
Bba
Cक / चka / cha
Dद / डda / ḍa
Ee
Fpha
Gga
Hha
Ii
Jja
Kka
Lla
Mma
Nna
Oo
Ppa
Qक़qa
Rra
Sस / शsa / sha
Tट / तṭa / ta
Uu
Vva
Wव / डब्ल्यूva / w
Xक्ष / एक्सkṣa / x
Yya
Zज़za
hindi alphabets | varnamala in hindi

वर्ण किसे कहते हैं? | हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन | Hindi Varnmala Swar aur Vyanjan

(हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन) वर्ण उस ध्वनि को कहते हैं, जो किसी भाषा की मूलभूत इकाई होती है। वर्ण के बिना किसी भी भाषा का उच्चारण और लेखन संभव नहीं होता। वर्ण किसी भी भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है, जो एक ध्वनि को व्यक्त करती है। यह ध्वनि एक अक्षर, शब्द या वाक्य का निर्माण करने में सहायक होती है। वर्ण को स्वर और व्यंजन से व्यक्त किया जाता है-

स्वर (Vowels): Hindi Mein Kitne Swar Hote Hain

अ आ इ ई उ ऊ ऋ
ए ऐ ओ औ अं अः

व्यंजन (Consonants):

क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व
श ष स ह
क्ष त्र ज्ञ श्र
ड़ ढ़

संयुक्त व्यंजन (Conjunct Consonants):

क्ष, त्र, ज्ञ, श्र 

(आगे के वर्ण जैसे प, फ, ब, भ, म आदि भी इसमें शामिल होते हैं, जिन्हें विस्तार में जोड़ा जा सकता है।)

वर्ण के भेद | Hindi Varnamala

वर्ण को मुख्य रूप से हिंदी स्वर और व्यंजन दो भागों में बाँटा जाता है:

  1. स्वर (Vowels): स्वर वे ध्वनियाँ हैं, जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध के किया जाता है। जब हम स्वर बोलते हैं, तो हवा मुंह से बिना किसी रुकावट के बाहर आती है। उदाहरण: 
  • स्वर वर्ण हिंदी में अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः होते हैं।
  1. व्यंजन (Consonants): व्यंजन वे ध्वनियाँ हैं, जिनका उच्चारण करते समय हवा को मुंह, दाँत, जीभ या गले में किसी अवरोध का सामना करना पड़ता है। उदाहरण: 
  • व्यंजन: क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह
  • संयुक्त व्यंजन: क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
  • अतिरिक्त व्यंजन: ड़, ढ़

स्वर और व्यंजन कितने होते हैं? | Hindi Swar and Vyanjan Swar aur Vyanjan kitne Hote Hain

Hindi Varnamala में स्वरों और व्यंजनों की संख्या निश्चित होती है, जो भाषा की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

स्वर किसे कहते हैं? | Swar in Hindi | Vowel kitne Hote Hain

हिंदी में स्वर (Swar in Hindi) को अंग्रेज़ी में Vowel कहा जाता है। ये ऐसी ध्वनियाँ हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अन्य अक्षर की सहायता के स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। हिंदी वर्णमाला में कुल 11 मूल स्वर होते हैं, जो व्यंजनों के साथ मिलकर शब्दों की रचना और उच्चारण को पूर्ण करते हैं।

स्वर वे ध्वनियाँ होती हैं जिन्हें बोलते समय वायु बिना किसी अवरोध (रुकावट) के मुँह से बाहर निकलती है। इन्हें स्वतंत्र रूप से बोला जा सकता है। हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर होते हैं। स्वरों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है और ये शब्दों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कुल स्वरों की संख्या – 13 (11 मुख्य + 2 विशेष – अं और अः)

जैसे:

  • “अमर” में ‘अ’ स्वर है।
  • “ईश्वर” में ‘ई’ स्वर है।

व्यंजन किसे कहते हैं? | Vyanjan in Hindi

Vyanjan kise kahate hain? व्यंजन वे ध्वनियाँ हैं, जिनका उच्चारण करते समय हवा को मुंह, दाँत, जीभ या गले में किसी अवरोध का सामना करना पड़ता है। हिंदी वर्णमाला में कुल 39 व्यंजन होते हैं। व्यंजनों का प्रयोग स्वरों के साथ मिलकर किया जाता है और ये शब्दों के निर्माण में सहायक होते हैं।

उदाहरण: क, ख, ग, च, ट, त, प, ब, म आदि

व्यंजन के प्रकार | Vyanjan kitne prakar ke hote hain

हिंदी वर्णमाला में कुल 33 व्यंजन होते हैं। ये वे अक्षर हैं जिन्हें बोलने के लिए स्वर की ज़रूरत पड़ती है।

1. वर्गीय व्यंजन (5 वर्ग)

इन्हें पाँच समूहों (वर्गों) में बाँटा गया है और हर वर्ग में 5-5 अक्षर होते हैं:

  1. क वर्ग – क, ख, ग, घ, ङ
  2. च वर्ग – च, छ, ज, झ, ञ
  3. ट वर्ग – ट, ठ, ड, ढ, ण
  4. त वर्ग – त, थ, द, ध, न
  5. प वर्ग – प, फ, ब, भ, म

2. अन्तःस्थ व्यंजन

ये स्वर और व्यंजन के बीच की तरह काम करते हैं।
य, र, ल, व

3. ऊष्म व्यंजन

इन्हें बोलते समय सांस या हवा ज़्यादा निकलती है।
श, ष, स, ह

Hindi Aksharmala में कितने स्वर हैं? | Hindi वर्णमाला

Hindi Mein Swar kitne Hote Hain?- Hindi Aksharmala में कुल 13 स्वर होते हैं पर अं और अः को स्वर की श्रेणी में न रखकर अयोगवाह कहा जाता है क्योंकि इनका उच्चारण किसी स्वर के बाद ही होता है:

  • अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ

स्वरों का उच्चारण

  • स्वरों का उच्चारण बहुत सरल होता है क्योंकि इसमें हवा बिना किसी अवरोध के बाहर आती है।

स्वरों का प्रयोग

  • स्वरों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। वे किसी भी शब्द के आरंभ, मध्य या अंत में आ सकते हैं।

हिंदी वर्णमाला में कितने व्यंजन होते हैं? | Hindi Consonants

हिंदी वर्णमाला में कुल 39 व्यंजन होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख व्यंजन हैं:-

  • क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ड़, ढ़

व्यंजनों का उच्चारण

व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा को किसी न किसी अवरोध का सामना करना पड़ता है। यह अवरोध जीभ, दाँत, या गले के किसी हिस्से से हो सकता है।

व्यंजनों का प्रयोग

व्यंजनों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता। वे स्वरों के साथ मिलकर शब्दों का निर्माण करते हैं।

स्वर और व्यंजन के उदाहरण | Hindi mein Swar aur Vyanjan

स्वरों और व्यंजनों के उदाहरणों से भाषा को समझना और भी सरल हो जाता है।

हिंदी में स्वर के उदाहरण

स्वरउदाहरण
अकाल, अनार
आम, आग
इमली, इश्क
ईख, ईश्वर
उल्लू, उपहार
ऊन, ऊंट
ऋषि, ऋतु
एक, ऐनक
ऐश्वर्या, ऐतिहासिक
ओस, ओर
औरत, औरंग
हिंदी में स्वर के उदाहरण | Vyanjan ke Prakar

हिंदी में व्यंजन के उदाहरण | Hindi mein vyanjan kitne hote hain

व्यंजनउदाहरणव्यंजनउदाहरण
केला, किताबपानी, पतंग
खाट, खेतफल, फूल
गमला, घरबल, बकरी
घर, घड़ीभालू, भास्कर
अंग, अंगूरमाँ, माला
चाय, चरखायज्ञ, योग
छत, छाताराजा, रथ
जल, जहाजलड्डू, लहर
झंडा, झरोखावज्र, वन
ज्ञान, ज्ञानीशेर, शिक्षा
टमाटर, टोकरीषडयंत्र, षण्मुख
ठंडी, ठोकरसागर, सरिता
डमरू, डाकहंस, हरिण
ढोल, ढाकाक्षमोक्ष, अक्षर
णमक, णियमत्रत्रिशूल, चित्र
तबला, तराजूज्ञज्ञानी, विज्ञान
थैली, थर्मसश्रआश्रम, श्राप
दवा, दरवाजाड़लड़का, लड़ाई
धूप, धरतीढ़चढ़ाई, पढ़ाई
नमक, नल
हिंदी में व्यंजन के उदाहरण (hindi vyanjan) | hindi swar vyanjan

स्वर और व्यंजन के प्रकार | Swar Vyanjan in Hindi | Swar ke bhed

हिंदी में स्वर और व्यंजन के भी कई प्रकार होते हैं जो उनके उच्चारण और प्रयोग के आधार पर विभाजित होते हैं।

स्वरों के भेद – मात्रा के आधार पर | Swar ke bhed

हिंदी में स्वर (Swara) को अंग्रेज़ी में Vowel कहा जाता है। ये ऐसी ध्वनियाँ हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अन्य अक्षर की सहायता के स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। हिंदी वर्णमाला में कुल 11 मूल स्वर होते हैं, जो व्यंजनों के साथ मिलकर शब्दों की रचना और उच्चारण को पूर्ण करते हैं।

उच्चारण में लगने वाले समय या मात्रा के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं।

1. ह्रस्व स्वर
परिभाषा: जिन स्वरों का उच्चारण बहुत कम समय में हो जाता है, उन्हें ह्रस्व स्वर कहा जाता है।
उदाहरण: अ, इ, उ, ऋ

2. दीर्घ स्वर
परिभाषा: जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर की तुलना में लगभग दोगुना समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
उदाहरण: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ

3. प्लुत स्वर
परिभाषा: जिन स्वरों को बोलने में दीर्घ स्वर से भी अधिक, यानी लगभग तिगुना समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है।
उदाहरण: ॐ (अ + ओ + म्)

स्वर के प्रकार – जीभ के प्रयत्न के आधार पर

जीभ के प्रयत्न के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं। 

  1. अग्र स्वर
    • जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का अगला भाग ऊपर नीचे उठता है, अग्र स्वर कहते है।
    • जैसे – इ, ई, ए, ऐ।
  2. पश्च स्वर 
    • जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का पिछला भाग सामान्य स्थिति से उठता है, पश्च स्वर कहे जाते।
    • जैसे – ओ, उ, ऊ, ओ, औ तथा ऑ।
  3. मध्य स्वर 
    • हिन्दी में ‘अ’ स्वर केन्द्रीय स्वर है। इसके उच्चारण में जीभ का मध्य भाग थोड़ा – सा ऊपर उठता है।

स्वर के प्रकार – मुखाकृति के आधार पर

मुखाकृति के आधार पर स्वर चार प्रकार के होते हैं-

  1. संवृत
    • वे स्वर जिनके उच्चारण में मुँह बहुत कम खुलता है।
    • जैसे – इ, ई, उ, ऊ।
  2. अर्द्ध संवृत
    • वे स्वर जिनके उच्चारण में मुख संवृत की अपेक्षा कुछ अधिक खुलता है।
    • जैसे – ए, ओ।
  3. विवृत
    • जिन स्वरों के उच्चारण में मुख पूरा खुलता है।
    • जैसे – आ।
  4. अर्द्ध विवृत
    • जिन स्वरों के उच्चारण में मुख आधा खुलता है।
    • जैसे – अ, ऐ, औ।

स्वर के प्रकार – ओष्ठाकृति के आधार पर

  1. वृताकार
    • जिनके उच्चारण में होठो की आकृति वृत के समान बनती है।
    • जैसे – उ, ऊ, ओ, औ।
  2. अवृताकार
    • इनके उच्चारण में होठो की आकृति अवृताकार होती है।
    • जैसे – इ, ई, ए, ऐ।
  3. उदासीन
    • ‘अ’ स्वर के उच्चारण में होठ उदासीन रहते है।

व्यंजन के प्रकार

व्यंजनों के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. स्पर्श व्यंजन
    • जिनका उच्चारण करते समय हवा किसी अंग से टकराती है, जैसे – क, प
  2. अंतःस्थ व्यंजन
    • जिनका उच्चारण करते समय जीभ का बीच का भाग मुंह की छत से टकराता है, जैसे – य, र
  3. ऊष्म व्यंजन
    • जिनका उच्चारण करते समय मुंह से गर्म हवा निकलती है, जैसे – श, ष, स, ह

स्वर और व्यंजन का वर्गीकरण | Swar aur Vyanjan Hindi Mein

स्वर और व्यंजन को उनके उच्चारण, ध्वनि और उपयोग के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

स्वर का वर्गीकरण | Swar aur Vyanjan in Hindi

स्वरों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है:

  1. ह्रस्व स्वर: जिनका उच्चारण छोटे समय में होता है, जैसे – अ, इ, उ
  2. दीर्घ स्वर: जिनका उच्चारण लंबे समय में होता है, जैसे – आ, ई, ऊ

व्यंजन का वर्गीकरण | Vyanjan Ke Prakar | Vyanjan in hindi

व्यंजनों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है:

  1. स्पर्श व्यंजन: जिनका उच्चारण करते समय हवा किसी अंग से टकराती है, जैसे – क, प
  2. अंतःस्थ व्यंजन: जिनका उच्चारण करते समय जीभ का बीच का भाग मुंह की छत से टकराता है, जैसे – य, र
  3. ऊष्म व्यंजन: जिनका उच्चारण करते समय मुंह से गर्म हवा निकलती है, जैसे – श, ष, स, ह

स्वर और व्यंजन में अंतर (Swar aur Vyanjan mein kya Antar Hai?)

स्वर और व्यंजन में कई अंतर होते हैं जो उनकी ध्वनि और उच्चारण के आधार पर होते हैं।

Swar aur Vyanjan mein kya Antar Hai?

स्वर (Vowels)व्यंजन (Consonants)
स्वर स्वतंत्र रूप से उच्चारित होते हैं।व्यंजन स्वर के साथ मिलकर उच्चारित होते हैं।
स्वर की संख्या 13 होती है।व्यंजन की संख्या 33 होती है।
स्वर शब्द की शुरुआत, मध्य और अंत में आ सकते हैं।व्यंजन आमतौर पर स्वर के साथ मिलकर शब्द बनाते हैं।
स्वर का उच्चारण बिना किसी अवरोध के होता है।व्यंजन का उच्चारण करते समय मुख के किसी भाग से अवरोध उत्पन्न होता है।
उदाहरण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अःउदाहरण: क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ड़, ढ़
स्वर और व्यंजन में अंतर | swar vyanjan kitne hote hain

स्वर और व्यंजन की विशेषताएँ | Swar and Vyanjan in Hindi

हिंदी भाषा में ध्वनियों को दो मुख्य भागों में बाँटा गया है स्वर और व्यंजन। ये दोनों ही भाषा की नींव हैं और शब्दों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

स्वर वे ध्वनियाँ हैं जिन्हें बोलते समय वायु का प्रवाह मुख से बिना किसी रुकावट के निकलता है। जैसे अ, आ, इ, ई, उ, ऊ आदि।
वहीं व्यंजन वे ध्वनियाँ हैं जिन्हें बोलते समय वायु का प्रवाह कहीं न कहीं रुकता है या किसी अंग से टकराता है। जैसे क, ख, ग, च, ज, ट, ठ आदि।

स्वर और व्यंजन मिलकर ही भाषा को मधुरता और अर्थपूर्णता प्रदान करते हैं। स्वर उच्चारण का आधार हैं, जबकि व्यंजन शब्दों को आकार और स्पष्टता देते हैं।

स्वर की विशेषताएँ

स्वर की विशेषताएँ उसे अन्य ध्वनियों से अलग करती हैं। स्वरों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है और वे किसी भी शब्द का निर्माण करने में सहायक होते हैं।

ह्रस्व और दीर्घ स्वर

  • ह्रस्व स्वर: जिनका उच्चारण छोटे समय में होता है, जैसे – अ, इ, उ।
  • दीर्घ स्वर: जिनका उच्चारण लंबे समय में होता है, जैसे – आ, ई, ऊ।

व्यंजन की विशेषताएँ

व्यंजन की विशेषताएँ उसे स्वरों से अलग करती हैं। व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा को किसी न किसी अवरोध का सामना करना पड़ता है।

स्पर्श व्यंजन और अंतःस्थ व्यंजन

  • स्पर्श व्यंजन: जिनका उच्चारण करते समय हवा किसी अंग से टकराती है, जैसे – क, प।
  • अंतःस्थ व्यंजन: जिनका उच्चारण करते समय जीभ का बीच का भाग मुंह की छत से टकराता है, जैसे – य, र।

उच्चारण का अभ्यास

सही उच्चारण के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है। उच्चारण के अभ्यास से भाषा की ध्वनि और लय को समझने में मदद मिलती है।

स्वरों का उच्चारण कैसे सुधारें

स्वरों का सही उच्चारण सीखने के लिए अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए कुछ विशेष तकनीकें और उपाय अपनाए जा सकते हैं।

उच्चारण सुधारने की तकनीकें

  1. ध्वनि की पहचान: अलग-अलग स्वरों की ध्वनियों की पहचान करें और उनकी विशिष्ट ध्वनियों को समझें।
  2. मिरर अभ्यास: आईने के सामने खड़े होकर स्वरों का उच्चारण करें। इससे आपके मुंह और जीभ की स्थिति का सही पता चलेगा।
  3. रिकॉर्डिंग और समीक्षा: अपने उच्चारण की रिकॉर्डिंग करें और उसे सुनकर सुधारें।

व्यंजनों का सही उच्चारण कैसे करें

व्यंजनों का सही उच्चारण भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि स्वरों का। सही उच्चारण से भाषा की स्पष्टता बढ़ती है।

व्यंजनों के उच्चारण की तकनीकें

  1. धीमा उच्चारण: प्रारंभ में व्यंजनों का उच्चारण धीरे-धीरे करें और हर ध्वनि पर ध्यान दें।
  2. शब्द निर्माण: व्यंजनों को स्वरों के साथ मिलाकर छोटे-छोटे शब्द बनाएं और उनका अभ्यास करें।
  3. ध्वनि मिलान: व्यंजनों की ध्वनियों को अंग्रेजी या अन्य भाषाओं की समान ध्वनियों से मिलाकर पहचानें।

स्वरों और व्यंजनों के अभ्यास के लाभ

  1. भाषा की स्पष्टता: सही उच्चारण से भाषा की स्पष्टता बढ़ती है।
  2. आत्मविश्वास में वृद्धि: सही उच्चारण से आत्मविश्वास बढ़ता है और भाषा बोलने में संकोच कम होता है।
  3. समझ और संप्रेषण में सुधार: सही उच्चारण से भाषा की समझ और संप्रेषण क्षमता में सुधार होता है।

भाषा शिक्षण में स्वर और व्यंजन का महत्व

भाषा शिक्षण में स्वर और व्यंजन का सही ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है। यह भाषा के अन्य पहलुओं को समझने और सिखाने में सहायक होता है।

शिक्षण के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

  1. ध्वनि पहचान: विद्यार्थियों को स्वरों और व्यंजनों की ध्वनियों की पहचान कराएं।
  2. उच्चारण अभ्यास: विद्यार्थियों को सही उच्चारण का अभ्यास कराएं।
  3. शब्द निर्माण: स्वरों और व्यंजनों का उपयोग कर नए शब्दों का निर्माण कराएं।

भाषा विकास में स्वर और व्यंजन का योगदान

भाषा विकास में स्वर और व्यंजन का महत्वपूर्ण योगदान है। यह भाषा के मौखिक और लिखित दोनों रूपों में सहायक होता है।

योगदान के प्रमुख पहलू

  1. ध्वनि संरचना: स्वरों और व्यंजनों की सही ध्वनि संरचना भाषा को समृद्ध बनाती है।
  2. शब्दावली विस्तार: सही उच्चारण से शब्दावली का विस्तार होता है।
  3. साहित्यिक उपयोग: साहित्य में स्वरों और व्यंजनों का सही उपयोग भाषा को आकर्षक बनाता है।

अंग्रेजी भाषा में स्वर और व्यंजन

अंग्रेजी भाषा में स्वर (vowels) और व्यंजन (consonants) को इस प्रकार विभाजित किया गया है:

स्वर (Vowels):

  • कुल 5 मुख्य स्वर हैं: A, E, I, O, U
  • ये ध्वनियों को उत्पन्न करने में स्वतंत्र रूप से काम करते हैं

व्यंजन (Consonants) | Consonant Kitne Hote Hain

  • कुल 21 व्यंजन हैं: B, C, D, F, G, H, J, K, L, M, N, P, Q, R, S, T, V, W, X, Y, Z
  • ये स्वर के साथ मिलकर शब्दों की ध्वनि बनाते हैं

अंग्रेजी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर हैं, जिनमें स्वर और व्यंजन शामिल हैं।

हिंदी वर्णमाला मात्राएँ और उनके उदाहरण | Hindi Me Vyanjan

हिंदी भाषा में स्वर ध्वनियों के लिए मात्रा चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। जब स्वरों का उपयोग किसी व्यंजन के साथ किया जाता है, तो वह मात्रा बन जाती है। आइए प्रत्येक स्वर की मात्रा और उदाहरण को समझते हैं:

स्वरमात्रा चिह्नउदाहरणशब्द
कोई नहींकबूतर
काकिताब
िकिकिरन
कीकील
कुकुर्सी
कूकूप
कृकृपा
केकेला
कैकैसा
कोकोट
कौकौवा
अंकंकंटक
अःकःदुःख

हिंदी वर्णमाला का प्रयोग | Hindi Varnmala Mein Kitne Swar Hote Hain

  • सही मात्रा का प्रयोग वर्तनी सुधार और सही उच्चारण के लिए बहुत आवश्यक है।
  • स्वर “अ” के लिए कोई मात्रा नहीं होती; इसे मूल रूप से व्यंजन के साथ लिखा जाता है जैसे “क”।
  • मात्रा का प्रयोग केवल तब होता है जब स्वर किसी व्यंजन के साथ जुड़ता है।

Hindi Varnamala in English Pronunciation (अंग्रेजी उच्चारण के साथ हिंदी वर्णमाला)

अगर आप Hindi Varnamala (हिंदी वर्णमाला) पहली बार सीख रहे हैं, तो उच्चारण में थोड़ी कठिनाई आना सामान्य है। इसी को आसान बनाने के लिए नीचे हमने हिंदी वर्णमाला अंग्रेजी उच्चारण (Hindi Alphabets with English Pronunciation) और शब्दों के उदाहरण (Word Examples) सहित दी है। इससे आप सही ढंग से उच्चारण करना और शब्द पहचानना सीख सकेंगे।

हिंदी वर्णमालाEnglish Pronunciation (अंग्रेजी उच्चारण)उदाहरण (Examples)
aअनार (Anar)
aaआम (Aam)
iइमली (Imli)
eeईख, ईंट (Eekh, Eent)
uउल्लू (Ullu)
ooऊन (Oon)
riऋषि (Rishi)
eएक (Ek)
aiऐनक (Ainak)
oओखली (Okhli)
ouऔरत (Aurat)
अंanअंगूर (Angoor)
अःahअतः (Atah)
kaकबूतर (Kabootar)
khaखरगोश (Kharagosh)
gaगमला (Gamla)
ghaघर (Ghar)
nga
chaचम्मच (Chammach)
chhaछाता (Chhata)
jaजग (Jag)
jhaझंडा (Jhanda)
eyan
taटमाटर (Tamatar)
thaठहरो (Thahro)
daडमरू (Damru)
dhaढक्कन (Dhakkan)
nnaबाण (Baan)
taतरबूज़ (Tarbooz)
thaथरमस (Thermos)
daदवा (Dawa)
dhaधन (Dhan)
naनल (Nal)
paपतंग (Patang)
phaफल (Phal)
baबस (Bus)
bhaभालू (Bhaloo)
maमछली (Machhli)
yaयाक (Yak)
raराजा (Raja)
laलड़का (Ladka)
vaवर्षा (Varsha)
shaशरबत (Sharbat)
shhaषटकोण (Shatkona)
saसब्जी (Sabzi)
haहाथी (Haathi)
क्षkshaक्षत्रिय (Kshatriya)
त्रtraत्रिशूल (Trishul)
ज्ञgyaज्ञानी (Gyaani)
श्रshraश्रमिक (Shramik)

लेखक का संदेश (Author’s Message) – आपके लिए,

प्रिय पाठकों,

जब आप स्वर और व्यंजन के बारे में इस लेख को पढ़ रहे हैं, तो शायद आपके मन में भी भाषा की गहराई और शब्दों की खूबसूरती को समझने की जिज्ञासा हो। स्वर और व्यंजन केवल हिंदी भाषा के अक्षर नहीं हैं, बल्कि यह उस भाषा की आत्मा हैं जिससे हम अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

मैंने यह लेख लिखते समय महसूस किया कि स्वर और व्यंजन का ज्ञान हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है—चाहे वह छात्र हो, शिक्षक हो या कोई भाषा प्रेमी। यह ज्ञान न केवल सही उच्चारण सिखाता है, बल्कि शब्दों की रचना और संवाद की कला में भी हमें दक्ष बनाता है।

मेरी कोशिश है कि यह लेख आपको केवल नियमों और उदाहरणों तक सीमित न रखे, बल्कि आपको भाषा के उस अनुभव से जोड़ सके जो हर शब्द, हर अक्षर में छुपा होता है। आशा है कि जब आप इसे पढ़ेंगे, तो आपके मन में भाषा की गहन समझ और शब्दों के प्रति प्रेम जागेगा, और आप स्वर और व्यंजन की शक्ति को महसूस कर सकेंगे।

आपकी साथी और शुभचिंतक,
[आकृति जैन]

निष्कर्ष

इस ब्लॉग में हमने स्वर और व्यंजन किसे कहते हैं, स्वर और व्यंजन कितने होते हैं, स्वर और व्यंजन में अंतर, स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है और स्वर और व्यंजन इंग्लिश में कितने होते हैं, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की है।

स्वर और व्यंजन हिंदी भाषा के मुख्य आधार हैं। इनके बिना भाषा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हिंदी वर्णमाला में स्वरों और व्यंजनों की उचित पहचान और सही उच्चारण भाषा की सुंदरता और स्पष्टता को बढ़ाता है। स्वर और व्यंजन की सही जानकारी से ही हम भाषा को सही ढंग से समझ और बोल सकते हैं।

संधि किसे कहते हैं?

संज्ञा के 10 उदाहरण

विलोम शब्द

समानार्थी शब्द

पुल्लिंग स्त्रीलिंग शब्द 100

बारहखड़ी क से ज्ञ तक: बारहखड़ी कैसे याद करें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

स्वर और व्यंजन कितने होते हैं?

हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं। हिंदी भाषा में कुल 11 स्वर होते हैंऔर हिंदी भाषा में कुल 33 मुख्य व्यंजन होते हैं। कुछ लोग अर्ध-व्यंजनों को मिलाकर इन्हें 36 भी मानते हैं।

13 हिंदी स्वर कौन से हैं?

हिंदी में 13 मूल स्वर होते हैं। ये हैं: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः

स्वर किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं?

जिन ध्वनियों के उच्चारण में किसी अन्य अक्षर की सहायता नहीं लेनी पड़ती, उन्हें स्वर कहते हैं। हिंदी में कुल 11 स्वर होते हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
स्वरों के मुख्यतः दो भेद होते हैं:

• ह्रस्व स्वर: इन स्वरों का उच्चारण कम समय में होता है। जैसे: अ, इ, उ, ऋ, लृ।
• दीर्घ स्वर: इन स्वरों का उच्चारण ह्रस्व स्वरों की तुलना में अधिक समय में होता है। जैसे: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।

52 अक्षर कौन से हैं?

हिंदी भाषा में कुल 52 अक्षर हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ, ट ठ ड ढ ण, त थ द ध न, प फ ब भ म, य र ल व, श ष स ह, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ड़, ढ़, है।

दीर्घ स्वर कितने होते हैं?

दीर्घ स्वर सात होते है- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।

स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है?

स्वर स्वतंत्र रूप से बोले जा सकते हैं, जबकि
व्यंजन को बोलने के लिए स्वर की सहायता लेनी पड़ती है।
उदाहरण: “क” एक व्यंजन है, इसे बोलने के लिए “अ” की ध्वनि की ज़रूरत होती है।

हिंदी वर्णमाला में कुल कितने अक्षर होते हैं?

हिंदी वर्णमाला में कुल 52 अक्षर माने जाते हैं:
11 स्वर
33 व्यंजन
4 संयुक्त व्यंजन (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र)
4 अयोगवाह (अनुस्वार, अनुनासिक, विसर्ग, चंद्रबिंदु)

आ से ज्ञा तक कितने अक्षर होते हैं?

हिंदी वर्णमाला में ‘अ’ से लेकर ‘ज्ञा’ तक कुल 52 अक्षर होते हैं। इनमें 11 स्वर, 33 व्यंजन, और 4 संयुक्त व्यंजन शामिल होते हैं।

स्वर और व्यंजन में मुख्य अंतर क्या है?

स्वर वह ध्वनि हैं जिसे अकेले उच्चारित किया जा सकता है, जबकि व्यंजन उन ध्वनियों को कहते हैं जिन्हें स्वर के साथ जोड़कर बोला जाता है। सरल शब्दों में, स्वर भाषा की धड़कन हैं और व्यंजन उसका हृदय।

स्वर और व्यंजन सीखने का सबसे आसान तरीका क्या है?

कहानी, कविता और खेल-खेल में अभ्यास करना सबसे प्रभावी तरीका है। जैसे, ‘अआइई’ जैसी कविताएँ और व्यंजन पहेली। इससे याद रखना और उच्चारण दोनों आसान हो जाता है।

हिन्दी वर्णमाला से स्वरों की कुल संख्या कितनी है ? 

हिंदी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या 11 है।
ये स्वर हैं –
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

Editor's Recommendations