नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 | Nari Shakti Vandan Adhiniyam

Published on July 30, 2025
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नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023

Quick Summary

  • नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 या महिला आरक्षण विधेयक भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • यह अधिनियम लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करता है।
  • अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भूमिका को सशक्त बनाना है।
  • यह महिलाओं को समान अवसर और प्रतिनिधित्व प्रदान करने का प्रयास है।

Table of Contents

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023, जिसे महिला आरक्षण विधेयक के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह अधिनियम लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटों का आरक्षण करके राजनीतिक प्रतिनिधित्व में लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाता है। इसका मुख्य उद्देश्य न केवल महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देना है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी प्रभावशीलता को भी मजबूत करना और समाज के विभिन्न वर्गों की महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश का अवसर प्रदान करना है।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक एक लंबे समय से उठ रही मांग का नतीजा है, जो भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लैंगिक समानता की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायता करेगा। इससे भारतीय लोकतंत्र और अधिक समावेशी बनेगा। आइए हम इस अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चर्चा करें।

नारी सशक्तिकरण क्या है? | Nari Shakti Vandan Adhiniyam

नारी सशक्तिकरण एक गहन अवधारणा है, जिसका लक्ष्य महिलाओं को समाज के विभिन्न क्षेत्रों में समान अधिकार, अवसर और आदर प्रदान करना है। यह प्रक्रिया महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी, राजनीति और कानूनी अधिकारों में समानता दिलाने का प्रयास करती है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अपने जीवन के सभी पहलुओं में निर्णय लेने की क्षमता और स्वतंत्रता देना है।

नारी सशक्तिकरण में आर्थिक स्वतंत्रता, राजनीतिक भागीदारी, सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत विकास के अवसर महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल महिलाओं के विकास को संबल प्रदान करता है, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में भी योगदान करता है। इस प्रकार, नारी सशक्तिकरण एक ऐसे समाज की नींव रखता है जो अधिक समतामूलक और न्यायपूर्ण है।

महिला सशक्तिकरण का महत्व | नारी सशक्तिकरण

महिला सशक्तिकरण किसी समाज के समग्र विकास के लिए vital है। यह न केवल महिलाओं के व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करता है, बल्कि पूरी समाज और देश की आर्थिक तथा सामाजिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सशक्त महिलाएं:

  • अपने परिवार और समुदाय के विकास में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
  • आर्थिक विकास में योगदान देती हैं।
  • बेहतर शिक्षित और स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण करती हैं।
  • समाज में लैंगिक असमानता को कम करने में मदद करती हैं।
  • राजनीतिक और सामाजिक निर्णय प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

महिला सशक्तिकरण योजना | नारी सशक्तिकरण

भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण योजना शुरू की हैं। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं हैं:

  1. बेटी बचाओ बेटी पढाओ: ये महिला सशक्तिकरण योजना बालिकाओं के जन्म और शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए है।
  2. उज्ज्वला योजना: इस योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है।
  3. सुकन्या समृद्धि योजना: ये महिला सशक्तिकरण योजना बालिकाओं के लिए एक लघु बचत योजना है।
  4. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: यह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है।
  5. महिला ई-हाट: यह महिला उद्यमियों के लिए एक ऑनलाइन विपणन मंच है।

ये महिला सशक्तिकरण योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने, उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने और उन्हें शिक्षा और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने में मदद करती हैं।

महिला सुरक्षा कानून

महिला सुरक्षा कानून सुनिश्चित करने के लिए भारत में कई कानून हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कानून हैं:

  • दहेज निषेध अधिनियम, 1961: महिला सुरक्षा कानून दहेज लेने और देने पर रोक लगाता है।
  • घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005: यह कानून घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा और सहायता प्रदान करता है।
  • कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013: महिला सुरक्षा कानून कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए है।
  • बलात्कार विरोधी कानून: भारतीय दंड संहिता की धारा 375 और 376 बलात्कार के खिलाफ कठोर दंड का प्रावधान करती हैं।
  • अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956: यह महिला सुरक्षा कानून महिलाओं और बच्चों की तस्करी और वेश्यावृत्ति को रोकने के लिए है।

ये महिला सुरक्षा कानून महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023, जिसे भारतीय संसद ने पारित किया है, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अधिनियम 8 मार्च 2023 को महिला दिवस के अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करना, उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाना और समाज में समान अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न विशिष्ट योजनाओं का निर्माण करना है।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को भारतीय संविधान का 128वां संशोधन के रूप में मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य भारतीय संसद में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या में वृद्धि करके उनकी राजनीतिक भागीदारी को सशक्त बनाना है। यह संशोधन महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में अधिक समावेशी बनाने का प्रयास करता है।

इसका कार्यान्वयन 1 जनवरी 2024 से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी महिलाओं को उनकी स्थिति में सुधार करने और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह अधिनियम महिला सशक्तिकरण और भारतीय समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस अधिनियम के मुख्य लक्ष्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. राजनीतिक प्रतिनिधित्व: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान।
  2. शैक्षिक अवसर: उच्च शिक्षण संस्थानों में महिलाओं के लिए आरक्षण और विशेष छात्रवृत्तियों की व्यवस्था।
  3. रोजगार में समानता: सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण और निजी क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन।
  4. आर्थिक सशक्तिकरण: महिला उद्यमियों के लिए विशेष वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  5. स्वास्थ्य सुरक्षा: महिलाओं के लिए व्यापक स्वास्थ्य बीमा और मातृत्व लाभ।
  6. कार्यस्थल पर सुरक्षा: यौन उत्पीड़न के खिलाफ कड़े कानून और शिकायत निवारण तंत्र।
  7. घरेलू हिंसा से सुरक्षा: पीड़ित महिलाओं के लिए कानूनी सहायता और पुनर्वास सुविधाएं।
  8. डिजिटल सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम और तकनीकी प्रशिक्षण।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत में महिलाओं की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हो, उनकी भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़े, और वे देश के विकास में अपना पूर्ण योगदान दे सकें। यह अधिनियम भारत को एक ऐसे समतामूलक समाज की ओर ले जाने का प्रयास करता है, जहां हर महिला सशक्त, स्वतंत्र और सम्मानित महसूस करे।

Nari Shakti Vandan Adhiniyam के प्रमुख प्रावधान

  • इस विधेयक के माध्यम से अनुच्छेद 339AA, 330A, 332A और 334A में संशोधन किए गए।
  • 339AA के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।
  • 330A के माध्यम से लोकसभा में प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा भरे जाने वाले निर्वाचन क्षेत्रों (SC और ST उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटें) के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी।
  • 332A के माध्यम से प्रत्येक राज्य की विधानसभा में निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। अनुच्छेद के खंड-3 में, SC और ST उम्मीदवारों वाले निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। यदि अनुच्छेद 334 जोड़ा जाता है, तो विधानसभा की अवधि 15 वर्ष होगी। यदि आवश्यकता महसूस होती है, तो संसद को विधानसभा चुनाव पारित करने का अधिकार होगा। वर्तमान में लोकसभा में सीटों की संख्या 543 है। इस कानून के लागू होते ही कुल सीटों की संख्या 181 यानी 82 हो जाएगी।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक) के कुछ प्रमुख प्रावधान विस्तार से इस प्रकार हैं:

1. राजनीतिक प्रतिनिधित्व:

  • लोकसभा में 543 सीटों में से लगभग 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
  • प्रत्येक राज्य विधानसभा में भी कुल सीटों का एक-तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
  • आरक्षित सीटों का निर्धारण लॉटरी प्रणाली द्वारा किया जाएगा।
  • यह आरक्षण चक्रीय होगा, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक चुनाव में अलग-अलग सीटें आरक्षित होंगी।
  • अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी महिला उम्मीदवारों को खड़ा किया जाएगा।
  • पंचायती राज संस्थाओं में मौजूदा 33% आरक्षण को 50% तक बढ़ाया जाएगा।

2. शिक्षा और प्रशिक्षण:

  • सरकारी और निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित होंगी।
  • STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम।
  • ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में लड़कियों के लिए आवासीय विद्यालयों की स्थापना।
  • व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों में महिलाओं के लिए नि:शुल्क कौशल विकास कार्यक्रम।

3. स्वास्थ्य और सुरक्षा:

  • हर जिले में कम से कम एक विशेषज्ञ महिला अस्पताल की स्थापना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिकों का संचालन।
  • महिला सुरक्षा के लिए 24×7 हेल्पलाइन सेवा।
  • सभी सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के लिए पैनिक बटन की व्यवस्था।
  • कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए कठोर कानून और निगरानी।

4. आर्थिक सशक्तिकरण:

  • महिला उद्यमियों के लिए 0% ब्याज दर पर ऋण की सुविधा।
  • सरकारी खरीद में महिला-संचालित व्यवसायों के लिए 20% कोटा।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में महिला किसानों को विशेष सब्सिडी और प्रशिक्षण।
  • कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए बेहतर सुविधाएं, जैसे क्रेच और स्तनपान कक्ष।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए 9 महीने का वेतन सहित मातृत्व अवकाश।

5. कानूनी सुधार:

  • घरेलू हिंसा, दहेज और बाल विवाह जैसे अपराधों के लिए कठोर सजा का प्रावधान।
  • तलाक और संपत्ति के अधिकारों में महिलाओं के लिए समान अधिकार।
  • लिंग-आधारित भेदभाव को रोकने के लिए व्यापक कानून।

6. कार्यान्वयन और निगरानी:

  • राष्ट्रीय महिला आयोग को और अधिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
  • प्रत्येक राज्य में महिला सशक्तिकरण मंत्रालय की स्थापना।
  • अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के लाभ

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 (nari shakti vandan adhiniyam) के लाभों को और अधिक विस्तार से समझते हैं:

राजनीतिक प्रतिनिधित्व:

  • महिलाओं की संसद और विधानसभाओं में उपस्थिति बढ़ेगी।
  • नीति निर्माण में महिलाओं के दृष्टिकोण और अनुभवों का समावेश होगा।
  • महिला-केंद्रित मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
  • युवा महिलाओं के लिए राजनीति में प्रवेश करने के अवसर बढ़ेंगे।

शैक्षिक विकास:

  • उच्च शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के लिए आरक्षण से शिक्षा तक पहुंच बढ़ेगी।
  • महिला साक्षरता दर में वृद्धि होगी।
  • तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
  • शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक अंतर कम होगा।

आर्थिक स्वतंत्रता:

  • रोजगार के अवसरों में वृद्धि से महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
  • महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
  • कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव कम होगा।
  • महिलाओं की आय और बचत में वृद्धि होगी।

सामाजिक परिवर्तन:

  • महिलाओं के प्रति समाज के दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव आएगा।
  • लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।
  • घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न जैसी समस्याओं पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
  • महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

स्वास्थ्य में सुधार:

  • महिला स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा।
  • मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी।
  • महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
  • पोषण और स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर फोकस बढ़ेगा।

इन लाभों के अतिरिक्त, नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करेगा और उनके सर्वांगीण विकास में सहायक होगा। यह भारत के समग्र विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 की चुनौतियाँ

हालांकि ये नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 (nari shakti vandan adhiniyam 2023) महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, फिर भी इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ हैं:

  • सामाजिक रूढ़िवादिता: समाज में गहरी जड़ें जमाए बैठी पितृसत्तात्मक मानसिकता इस अधिनियम के कार्यान्वयन में बाधा बन सकती है।
  • आर्थिक बाधाएं: इस अधिनियम के तहत प्रस्तावित योजनाओं के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
  • जागरूकता की कमी: ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में इस अधिनियम के बारे में जागरूकता की कमी इसके प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा डाल सकती है।
  • प्रशासनिक चुनौतियाँ: इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता होगी।
  • कानूनी जटिलताएं: मौजूदा कानूनों के साथ इस नए अधिनियम के समन्वय में कुछ कानूनी जटिलताएं हो सकती हैं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का भविष्य

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का भविष्य काफी उज्जवल दिखाई देता है, लेकिन इसके सफल कार्यान्वयन के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है।

आगे की योजना

  • नियमित मूल्यांकन: अधिनियम के प्रभाव का नियमित मूल्यांकन किया जाना चाहिए और आवश्यकतानुसार संशोधन किए जाने चाहिए।
  • क्षमता निर्माण: सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अधिनियम के प्रावधानों के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म: अधिनियम के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए एक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जा सकता है।
  • अंतर-मंत्रालयी समन्वय: विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय से अधिनियम का कार्यान्वयन और अधिक प्रभावी हो सकता है।

समाज की भूमिका

  • जागरूकता फैलाना: समाज के हर वर्ग को इस अधिनियम के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है।
  • सामाजिक बदलाव: लैंगिक समानता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है।
  • सहयोग: सरकार, गैर-सरकारी संगठनों और नागरिक समाज को मिलकर इस अधिनियम के कार्यान्वयन में सहयोग करना चाहिए।
  • शिक्षा का महत्व: समाज को यह समझना होगा कि महिला शिक्षा और सशक्तिकरण पूरे समाज के विकास के लिए आवश्यक है।
  • पुरुषों की भागीदारी: महिला सशक्तिकरण में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 (Nari Shakti Vandan Adhiniyam) भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये अधिनियम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करते हुए उन्हें समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्वतंत्रता और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में इसके प्रावधान महिलाओं को सशक्त बनाएंगे। हालांकि, इसके कार्यान्वयन में सामाजिक रूढ़िवादिता और जागरूकता की कमी जैसी चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार, नागरिक समाज और आम जनता को मिलकर काम करना होगा। ये अधिनियम न केवल महिलाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा, बल्कि पूरे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान देगा, जिससे भारत एक समावेशी, न्यायसंगत और समृद्ध राष्ट्र बन सकेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 क्या है?

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023, जिसे महिला आरक्षण विधेयक भी कहा जाता है, भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अधिनियम लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करता है, जिससे राजनीतिक प्रतिनिधित्व में लैंगिक समानता लाने का प्रयास किया गया है। इसका उद्देश्य महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाना और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भूमिका को मजबूत करना है।

हाल ही में नारी शक्ति वंदन अधिनियम कौन सा संविधान संशोधन बना है?

नारी शक्ति वंदन अधिनियम हाल ही में भारतीय संविधान का 106वां संशोधन बना है।

महिला आरक्षण विधेयक 2023 में कौन-कौन से आर्टिकल्स जोड़े गए हैं?

महिला आरक्षण विधेयक 2023 में संविधान में अनुच्छेद 330A और 332A जोड़े गए हैं, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करते हैं। इसके अलावा, दिल्ली विधानसभा के लिए अनुच्छेद 239AA में संशोधन किया गया है।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम कब लागू हुआ था?

नारी शक्ति वंदन अधिनियम को 29 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह लोकसभा में 20 सितंबर 2023 और राज्यसभा में 21 सितंबर 2023 को पारित हुआ था। इस अधिनियम के तहत, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की गई हैं।

नारी शक्ति वंदना योजना क्या है?

नारी शक्ति वंदना योजना भारत सरकार की एक योजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार, प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और कम ब्याज पर ऋण की सुविधा दी जाती है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

महिला सशक्तिकरण अधिनियम क्या है?

महिला सशक्तिकरण अधिनियम” कोई एक विशिष्ट कानून नहीं है, बल्कि भारत में महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए कई कानूनों और नीतियों का समुच्चय है। इनमें घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005, बाल विवाह निषेध अधिनियम, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013, और मातृत्व लाभ अधिनियम प्रमुख हैं। ये सभी कानून महिलाओं को सुरक्षा, समानता और अधिकार दिलाने के लिए बनाए गए हैं।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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