kriya kise kahate hain

Kriya Kise Kahate Hain? क्रिया –परिभाषा, भेद और उदाहरण

Published on July 16, 2025
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kriya kise kahate hain

Quick Summary

  • क्रिया की व्याख्या के अनुसार, यह वह शब्द है जिसका उपयोग किसी कार्य को करने या कराने के लिए किया जाता है।
  • हिंदी व्याकरण में, क्रिया को धातु के नाम से भी जाना जाता है। यह शब्द किसी क्रिया या क्रियाकलाप को दर्शाता है और यह वाक्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • क्रिया को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कर्म के आधार पर क्रियाओं को सकर्मक और अकर्मक में बाँटा जा सकता है।
  • इसी प्रकार, संरचना के आधार पर क्रियाओं को सामान्य क्रिया, संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया और पूर्वकालिक क्रिया में बाँटा जा सकता है।

Table of Contents

क्रिया भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसी भी वाक्य को पूरा करती है। kriya kise kahate hain समझने से न केवल आपकी व्याकरण की समझ मजबूत होती है, बल्कि लेखन और बोलचाल में भी सुधार सुधार आता है। अगर आप हिंदी व्याकरण में रुचि रखते हैं और अपने हिंदी व्याकरण को बेहतर बनाना चाहते हैं तो “kriya kise kahate Hain” जानना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है।

इस ब्लॉग में आप kriya kise kahate hain, kriya ke bhed kitne hote hain, क्रिया के उपयोग के कुछ उदाहरण, क्रिया अनुबंध के नियम और अकर्मक क्रिया के 50 उदाहरणों के बारे में जानेंगे, साथ ही आप क्रिया और कारक के कुछ मुख्य अंतर और उपयोगों के बारे में भी जानेंगे।

क्रिया किसे कहते हैं? | Kriya kise kahate Hai

क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, घटना, या अवस्था को व्यक्त करता है। आसान भाषा में kriya kise kahate Hain का जवाब है कि जो भी शब्द यह बताए कि “क्या हो रहा है”, “क्या किया जा रहा है”, या “क्या स्थिति है”, उसे क्रिया कहते हैं।

क्रिया की कुछ मुख्य विशेषताएं:

  • यह वाक्य का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
  • यह बताता है कि कोई व्यक्ति या वस्तु क्या कर रही है।
  • इसके बिना वाक्य अधूरा होता है।
  • यह किसी क्रियापद के रूप में होता है जो क्रियाओं को पूरा करने का काम करता है।

उदाहरण:

  • खाना: उदाहरण – “वह भोजन कर रहा है।”
  • पीना: उदाहरण – “वह जल पी रहा है।”
  • जाना: उदाहरण – “वह विद्यालय की ओर जा रहा है।”
  • पढ़ना: उदाहरण – “वह एक पुस्तक का अध्ययन कर रहा है।”
  • सोना: उदाहरण – “वह विश्राम कर रहा है।”
  • दौड़ना: उदाहरण – “घोड़ा तेजी से दौड़ रहा है।”

क्रिया की परिभाषा और भेद | Kriya ke kitne Bhed Hote Hain

Kriya ki Paribhasha- भाषा में प्रत्येक क्रिया एक विशिष्ट भूमिका निभाती है। कभी-कभी क्रिया सीधे किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति को प्रभावित करती है, तो कभी वह केवल कर्ता के अपने कार्य को दर्शाती है। इसलिए उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में बांटना आवश्यक हो जाता है। यह वर्गीकरण हमें भाषा के विभिन्न रूपों और उनके अर्थ को गहराई से समझने में मदद करता है।

Kriya ke Bhed को दो आधार पर बाटा गया है। जिसमें पहले है कर्म के आधार पर और दूसरा प्रयोग के आधार पर। कर्म के आधार पर क्रिया के दो प्रकार होते हैं वहीं प्रयोग के आधार पर Kriya ke Bhed चार हैं।

क्रिया के भेद | Kriya ke Bhed
आधारभेद
कर्मसकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया



प्रयोग
संयुक्त क्रिया
नामधातु क्रिया
प्रेणार्थक क्रिया
पूर्वकालिक क्रिया
Kriya ke Bhed | क्रिया के कितने भेद होते हैं

कर्म के आधार पर क्रिया के प्रकार या भेद | Kriya ke Prakar

कर्म के आधार पर क्रिया को दो भागों में बांटा गया है पहला है सकर्मक क्रिया और दूसरा है अकर्मक क्रिया। 

अगर क्रिया किसी पर असर डालती है, तो वह सकर्मक क्रिया कहलाती है और अगर क्रिया केवल कर्ता तक सीमित है और किसी पर असर नहीं डालती, तो वह अकर्मक क्रिया कहलाती है।

क्रियाओं को कर्म के आधार पर बांटने का महत्व हिंदी भाषा की संरचना और संचार की गहराई में छिपा हुआ है। जब हम बोलते या लिखते हैं, तो हमारी क्रियाएँ वाक्य के भाव और अर्थ को निर्धारित करती हैं। हर क्रिया अलग-अलग तरह से काम करती है – कभी किसी पर सीधा प्रभाव डालती है, कभी बिना किसी को प्रभावित किए केवल कर्ता के कार्य को दर्शाती है। कर्म के आधार पर क्रियाओं को वर्गीकृत करने से भाषा की व्याकरणिक संरचना अधिक व्यवस्थित और स्पष्ट होती है। 

1. सकर्मक क्रिया (Sakarmak kriya kise kahate Hain)

सकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है जिसका प्रभाव वाक्य में किसी कर्म (object) पर पड़ता है। आसान भाषा में समझें तो, ऐसी क्रिया जो वाक्य में “क्या” या “किसे” का जवाब दे, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। सकर्मक क्रिया के बिना वाक्य अधूरा लगता है। सकर्मक क्रिया हमेशा कर्म के साथ संबंध बनाती है।

सकर्मक क्रिया को पहचानने का तरीका:

  • वाक्य में क्रिया के साथ कोई कर्म (object) होना चाहिए।
  • “क्या” या “किसे” का सवाल पूछने पर जवाब मिलना चाहिए।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण (Sakarmak kriya Examples in Hindi):

1. राम ने किताब पढ़ी।

  • यहां “पढ़ी” क्रिया है।
  • “क्या पढ़ी?” सवाल करने पर जवाब मिलता है: “किताब”।
  • इसलिए “पढ़ी” सकर्मक क्रिया है।

2. सीता ने गाना गाया।

  • यहां “गाया” क्रिया है।
  • “क्या गाया?” सवाल करने पर जवाब मिलता है: “गाना”।
  • इसलिए “गाया” सकर्मक क्रिया है।

3. राहुल ने खाना खाया।

  • यहां “खाया” क्रिया है।
  • “क्या खाया?” सवाल करने पर जवाब मिलता है: “खाना”।
  • इसलिए “खाया” सकर्मक क्रिया है।

2. अकर्मक क्रिया (Akarmak kriya kise kahate Hain)

अकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है जिसका प्रभाव किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु या चीज़ पर नहीं पड़ता। आसान भाषा में कहें तो यह क्रिया केवल करने वाले (कर्ता) तक ही सीमित रहती है और इसे पूरा समझने के लिए कर्म (object) की जरूरत नहीं होती। अकर्मक क्रिया वाले वाक्य में “क्या” या “किसे” का सवाल नहीं पूछा जा सकता। यह क्रिया अक्सर किसी कार्य, अवस्था, या स्थिति को व्यक्त करती है।

अकर्मक क्रिया के उदाहरण (Akarmak kriya examples in Hindi):

1. राम सो रहा है।

  • यहां “सो रहा है” अकर्मक क्रिया है क्योंकि इसका प्रभाव किसी और पर नहीं पड़ रहा।

2. पक्षी उड़ रहे हैं।

  • “उड़ रहे हैं” अकर्मक क्रिया है क्योंकि यह सिर्फ पक्षियों के कार्य को दिखा रहा है।

3. सूरज चमक रहा है।

  • “चमक रहा है” अकर्मक क्रिया है क्योंकि यह सूरज की स्थिति को व्यक्त कर रहा है।

प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद | Kriya Definition in Hindi

प्रयोग के आधार पर क्रिया को चार भागों में बांटा गया है। प्रयोग के आधार पर क्रिया के चार प्रकार संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेणार्थक क्रिया और पूर्वकालिक क्रिया हैं।

प्रयोग के आधार पर क्रियाओं को बांटने का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि हर परिस्थिति में भाषा का उपयोग अलग-अलग होता है। जैसे, एक ही क्रिया औपचारिक और अनौपचारिक संदर्भों में अलग-अलग तरह से प्रयुक्त हो सकती है। इससे भाषा की लचीलापन और समृद्धि बढ़ती है और संचार अधिक प्रभावी बनता है।

संयुक्त क्रिया वह क्रिया होती है जो दो या अधिक क्रियाओं के मेल से बनती है और एक ही कार्य को व्यक्त करती है। इसे समझने के लिए यह ध्यान रखें कि वाक्य में एक मुख्य क्रिया होती है और दूसरी सहायक क्रिया होती है। ये दोनों मिलकर क्रिया का पूरा अर्थ स्पष्ट करती हैं।

यह वाक्य को अधिक स्पष्ट और समय के अनुसार सही बनाती है। सहायक क्रिया में “रहा है”, “चुका है”, “लिया है”, “दिया है” आदि का उपयोग होता है।

उदाहरण:

  1. राम पढ़ रहा है।
    • “पढ़” मुख्य क्रिया है।
    • “रहा है” सहायक क्रिया है।

दोनों मिलकर बताते हैं कि राम अभी पढ़ाई कर रहा है।

  1. सीमा सो चुकी है।
    • “सो” मुख्य क्रिया है।
    • “चुकी है” सहायक क्रिया है।

यहां यह बताया जा रहा है कि सीमा सोने का कार्य पूरा कर चुकी है।

  1. मैं दौड़ने जा रहा हूँ।
    • “दौड़ने” मुख्य क्रिया है।
    • “जा रहा हूँ” सहायक क्रिया है।

यह बताता है कि मैं दौड़ने की प्रक्रिया में हूँ।

संयुक्त क्रिया के प्रकार | Kriya 10 Examples in Hindi

संयुक्त क्रिया के भी 11 प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. आरंभबोधक संयुक्त क्रिया
  2. अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया
  3. अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया
  4. नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया
  5. आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया
  6. निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया
  7. इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया
  8. अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया
  9. शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया
  10. पुनरुक्त संयुक्त संयुक्त क्रिया
  11. समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया

1. आरंभबोधक संयुक्त क्रिया: ये ऐसी क्रियाएं हैं जिनसे किसी काम के शुरू होने का पता चलता है।

  • उदाहरण: पढ़ने लगना, खेलना शुरू करना
  • जैसे, “मैं पढ़ने लगा।”

2. नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी काम के लगातार होने का बोध कराती हैं।

  • उदाहरण: करना, रहना, आना
  • जैसे, “तुम रोज़ व्यायाम करना।”

3. निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य के निश्चित होने या तय होने को दर्शाती हैं।

  • उदाहरण: तय कर लेना, मन बना लेना, निश्चय कर लेना।

4. अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य को करने या न करने की अनुमति या मनाही को दर्शाती हैं।

  • उदाहरण: जाने देना (अनुमति देना), जाने न देना (मना करना), सोने देना।

5. आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य के आवश्यक होने को दर्शाती हैं।

  • उदाहरण: करना पड़ेगा, जाना होगा, पढ़ना चाहिए।

6. अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य को करने की अनुमति देने को दर्शाती हैं। (अवकाशबोधक के समानार्थी)

  • उदाहरण: जाने देना, पढ़ने देना, खेलने देना।

7. इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य की इच्छा या कामना को दर्शाती हैं।

  • उदाहरण: जाना चाहता हूँ, पढ़ना चाहता हूँ, खाना चाहता हूँ।

8. अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य के अभ्यास या प्रयास को दर्शाती हैं।

उदाहरण:

  • पढ़ने का प्रयास करना
  • लिखने का अभ्यास करना
  • बोलने का प्रयास करना

9. शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य को करने की शक्ति या क्षमता को दर्शाती हैं।

उदाहरण:

  • उठा सकना
  • ले जा सकना
  • कर सकना

10. पुनरुक्त संयुक्त क्रिया: ये क्रियाएं किसी कार्य के बार-बार या पुनरावृत्ति को दर्शाती हैं।

उदाहरण:

  • आना जाना
  • पढ़ना लिखना
  • खाना पीना

11. समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया: ऐसी क्रिया जो किसी काम के खत्म होने या पूरा हो जाने को बताती है।

उदाहरण:

  • खा लिया
  • कर दिया
  • जा चुका

(B) नामधातु क्रिया

नामधातु क्रिया वह क्रिया है जो संज्ञा या विशेषण के रूप में प्रयुक्त होकर किसी कार्य या अवस्था को व्यक्त करती है। इसे सरल भाषा में समझें तो जब क्रिया का उपयोग नाम (संज्ञा) की तरह होता है, तो उसे नामधातु क्रिया कहते हैं। नामधातु क्रिया में ना जोड़कर क्रिया को नाम के रूप में बदल दिया जाता है। नामधातु क्रियाएं हमेशा किसी संज्ञा या विशेषण से बनती हैं। इनमें कोई मूल क्रिया नहीं होती है।

उदाहरण:

  • हाथ (संज्ञा) + याना (प्रत्यय) = हथियाना (क्रिया)
  • दुख (विशेषण) + आना (प्रत्यय) = दुखाना (क्रिया)

(C) प्रेणार्थक क्रिया

प्रेणार्थक क्रिया वह क्रिया होती है, जो यह दर्शाती है कि किसी कार्य को करवाया जा रहा है। सरल भाषा में कहें तो जब कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे से वह कार्य करवाए, तो उस वाक्य में प्रेणार्थक क्रिया का प्रयोग होता है। आमतौर पर किसी भी क्रिया के अंत में ‘वाना’ या ‘आना’ जोड़कर हम प्रेरणार्थक क्रिया बना सकते हैं।

उदाहरण:

  • मैंने नौकर से काम कराया।
  • मैंने बच्चे को दूध पिलाया।

(D) पूर्वकालिक क्रिया

पूर्वकालिक क्रिया वह क्रिया होती है, जो किसी ऐसे कार्य या घटना को व्यक्त करती है, जो अतीत में पहले ही पूरी हो चुकी हो। आसान भाषा में कहें, तो यह क्रिया यह बताती है कि कोई काम पहले हो चुका था, लेकिन अब वह खत्म हो गया है। पूर्वकालिक क्रिया वाले वाक्य में अक्सर “था”, “थी”, “थे” जैसे शब्दों का प्रयोग होता है।

उदाहरण:

  • मैं नाहाकर स्कूल गया।
  • हमने घूमकर थक गए।
  • राम ने खाना खा लिया था।

क्रिया के उपयोग के उदाहरण (Kriya ki Paribhasha)

वाक्यों के साथ क्रिया के उपयोग के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

Kriya Examples in Hindi (Kriya ke Udaharan)
वाक्यक्रियाक्रिया का उद्देश्य
राम दौड़ रहा है।दौड़ रहा हैकार्य को व्यक्त कर रही है।
सीता गाना गा रही है।गा रही हैसीता के कार्य को बता रही है।
सूरज उगता है।उगता हैघटना को दर्शा रही है।
बच्चे खेल रहे हैं।खेल रहे हैंबच्चों के कार्य को व्यक्त कर रही है।
पक्षी उड़ रहे हैं।उड़ रहे हैंपक्षियों की गतिविधि को दिखा रही है।
मैंने खाना खाया।खायाभूतकाल के कार्य को व्यक्त कर रही है।
वह स्कूल जाएगा।जाएगाभविष्य में होने वाले कार्य को बता रही है।
पिता अखबार पढ़ रहे हैं।पढ़ रहे हैंवर्तमान क्रिया को व्यक्त कर रही है।
kriya examples in hindi | kriya ke kitne bhed hain

क्रिया अनुबंध के नियम | Kriya Shabd

वाक्य में क्रिया का कर्ता, कर्म और अन्य शब्दों के साथ सही तालमेल और संबंध के लिए क्रिया अनुबंध के कुछ नियमों का पालन किया जाता है। यह नियम सुनिश्चित करते हैं कि वाक्य का अर्थ स्पष्ट और सही हो। क्रिया अनुबंध के इन नियमों का पालन करने से वाक्य सही, प्रभावशाली और अर्थपूर्ण बनता है। यह भाषा की शुद्धता और प्रभाव को बनाए रखने में मदद करते हैं।

1. कर्ता और क्रिया का मेल:

  • वाक्य में कर्ता (Subject) और क्रिया का लिंग और वचन एक समान होना चाहिए।
    उदाहरण:

राम स्कूल गया। (सही)

राम स्कूल गई। (गलत, क्योंकि “राम” पुल्लिंग है।)

2. क्रिया और काल का मेल:

  • वाक्य में क्रिया का समय (भूतकाल, वर्तमानकाल, भविष्यकाल) स्पष्ट होना चाहिए।
    उदाहरण:

मैं कल बाजार गया था।

वह अभी खाना खा रहा है।

3. कर्म और क्रिया का मेल:

  • सकर्मक क्रिया के साथ कर्म का सही उपयोग होना चाहिए।
    उदाहरण:

उसने किताब पढ़ी।

उसने पानी पिया।

4. सहायक क्रिया का सही उपयोग:

  • सहायक क्रियाओं का प्रयोग वाक्य में सही अर्थ देने के लिए किया जाता है।
    उदाहरण:

मैं घर जाने वाला हूं।

वह काम कर चुका है।

अकर्मक क्रिया के 50 उदाहरण (Akarmak kriya Examples in Hindi)

प्रकृति आधारित क्रिया,भावनात्मक क्रिया और दैनिक जीवन क्रिया के आधार पर बांटते हुएं अकर्मक क्रिया के 50 उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

प्राकृतिक क्रिया
1बरसना
2झरना
3गड़गड़ाना
4चमकना
5टिमटिमाना
6गरजना
7निकलना
8होना
9जमना
10ढलना
11खिलना
12बहना
13बिखरना
14सूखना
15जलना 
भावनात्मक क्रिया
16हँसना
17रोना
18मुस्कुराना
19गुस्सा होना
20दुखी होना
21चौंकना
22डरना
23शांत होना 
24शर्माना
25पछताना
26घबराना
27हैरान होना
28चिढ़ना
29थकना
30सोचना
दैनिक जीवन क्रिया
31सोना
32जागना
33दौड़ना
34डूबना
35चढ़ना
36बैठना
37टहलना
38उठना
39चलना
40रुकना
41गिरना
42नहाना
43लेटना
44कूदना
45खाना
46खांसना
47छींकना
48पीना
49पढ़ना
50लिखना 

क्रिया और कारक | Verb aur kaarak in Hindi

1. क्रिया (Verb):

क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, अवस्था या घटना को व्यक्त करता है। यह वाक्य में यह बताती है कि कौन सा कार्य हो रहा है।
उदाहरण:

  • राम खाना खा रहा है।
  • बच्चा खेलता है।

2. कारक (Case):

कारक का मतलब है कर्त्ता, कर्म, साधन आदि के बीच संबंध। यह वाक्य के अलग-अलग शब्दों को क्रिया से जोड़ने का काम करता है।

उदाहरण:

  • राम ने खाना खा लिया।
  • बच्चे को खेलना है।

क्रिया और कारक की मुख्य विशेषता:

विशेषताक्रियाकारक
परिभाषाकार्य, अवस्था या घटना को व्यक्त करता हैसंज्ञा या सर्वनाम की व्याकरणिक भूमिका को इंगित करता है
कार्यवाक्य का मुख्य हिस्सासंज्ञा और सर्वनाम को संशोधित करता है
प्रकारकर्म के आधार पर दो – सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया
प्रयोग के आधार पर चार – संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेणार्थक क्रिया और पूर्वकालिक क्रिया
कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण, संबोधन
उदाहरणखेलता, लिखता, पढ़ताने, को, के, की, के लिए

निष्कर्ष (Conclusion)

क्रिया न केवल वाक्य का मुख्य आधार होती है, बल्कि यह भाषा को प्रभावी और अर्थपूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। kriya kise kahate hain जानने के बाद सही ढंग से क्रिया का उपयोग करने से आपकी हिंदी भाषा की समझ और भी मजबूत होगी। 

इस ब्लॉग में आपने गहराई से जाना कि kriya kise kahate hain और kriya ke bhed kitne hote hain? साथ ही अपने kriya examples in hindi और अकर्मक क्रिया के 50 उदाहरणों को भी देखा।

और पढ़े: लिपि किसे कहते हैं? परिभाषा, अर्थ, भेद और उदाहरण

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्रिया किसे कहते हैं और कितने प्रकार की होती है?

क्रिया वाक्य का वह मुख्य अंग है जो किसी कार्य, भाव या स्थिति को व्यक्त करता है। यह बताता है कि वाक्य में क्या हो रहा है या क्या हुआ है।

क्रिया के प्रकार
क्रिया को कई आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
कर्म के आधार पर
सकर्मक क्रिया: ऐसी क्रिया जिसके साथ कर्म अनिवार्य होता है, जैसे – राम सेब खाता है।
अकर्मक क्रिया: ऐसी क्रिया जिसके साथ कर्म की आवश्यकता नहीं होती, जैसे – राम सोता है।

संरचना के आधार पर
सामान्य क्रिया: एक शब्द से बनी क्रिया, जैसे – पढ़ना, लिखना।
संयुक्त क्रिया: दो या दो से अधिक क्रियाओं से मिलकर बनी क्रिया, जैसे – खाना खा रहा है।
नामधातु क्रिया: किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ ‘करना’ या ‘होना’ जुड़कर बनती है, जैसे – पढ़ाई करना।
प्रेरणार्थक क्रिया: किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु से काम करवाना, जैसे – मैंने उसे काम करवाया।
पूर्वकालिक क्रिया: कोई कार्य पहले ही हो चुका हो, जैसे – खाना खाकर सो गया।

अकर्मक क्रिया के कितने भेद हैं?

सकर्मक क्रिया के दो भेद होते हैं –
(1) एक कर्मक क्रिया और (2) द्विकर्मक क्रिया

चिड़िया उड़ रही है कौन सी क्रिया है?

“चिड़िया उड़ रही है” में ‘उड़ रही है’ एक अकर्मक क्रिया है क्योंकि यहां कोई कर्म नहीं है।

संयुक्त क्रिया का उदाहरण क्या है?

संयुक्त क्रिया का उदाहरण:
खाना खा रहा है
गाना गा रही है
किताब पढ़ रहा था

अकर्मक क्रिया की पहचान कैसे होती है?

अकर्मक क्रिया की पहचान करने के लिए आप यह देख सकते हैं कि क्रिया के साथ कोई कर्म है या नहीं। अगर कर्म नहीं है, तो क्रिया अकर्मक होगी।

क्रिया कितने प्रकार की होती है?

हिंदी में क्रिया के कुल 8 प्रमुख प्रकार माने जाते हैं — मुख्य क्रिया, संयोजक क्रिया, सहायक क्रिया, मोडल क्रिया, अपूर्ण क्रिया, परिमित क्रिया, अनंत क्रिया और अपरिमेय क्रिया। ये सभी क्रियाएँ वाक्य में अलग-अलग उद्देश्य और भिन्न-भिन्न अर्थ व्यक्त करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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