खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं

खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं? उदाहरण सहित विस्तृत जानकारी

Published on July 10, 2025
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खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं

Quick Summary

  • खाद्य श्रृंखला एक पारिस्थितिकी तंत्र में जीवों के बीच ऊर्जा और पोषण के आदान-प्रदान का क्रम है।
  • इसमें विभिन्न स्तर होते हैं:
    • उत्पादक (पौधे)
    • प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी)
    • द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी)
    • अपघटक (डीकंपोजर)

Table of Contents

खाद्य श्रृंखला एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें जीवों के बीच ऊर्जा और पोषक तत्वों का आदान-प्रदान होता है, जब एक जीव दूसरे जीव को भोजन के रूप में ग्रहण करता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह एक ऐसा क्रम है जो दर्शाता है कि जीव-जंतु भोजन के लिए एक-दूसरे पर कैसे निर्भर करते हैं और किस प्रकार एक जीव दूसरे को खाता है।

इस श्रृंखला में ऊर्जा का प्रवाह केवल एक ही दिशा में होता है—एक जीव से दूसरे जीव की ओर। उदाहरण के तौर पर, घास को हिरण खाता है और हिरण को शेर खा जाता है। इस प्रकार, ऊर्जा पहले घास से हिरण में और फिर हिरण से शेर में स्थानांतरित होती है।आज इस ब्लॉग में आपको खाद्य श्रृंखला क्या है उदाहरण सहित समझाइए या फिर खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए इसकी पूरी जानकारी मिलेगी। 

खाद्य श्रृंखला की परिभाषा

खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं(khadya shrinkhala kise kahate hain) खाद्य श्रृंखला (Food Chain) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें जीवों की एक श्रृंखला होती है जो खाद्य पदार्थों को आपस में प्राप्त करती है। खाद्य श्रृंखला (Food chain) विभिन्न प्राणियों के खाद्य संबंधों को दर्शाता है। इसमें प्राणी जीवन के आधार पर एक दूसरे को खाते हैं और इस प्रक्रिया के माध्यम से खाद्य श्रेणी (Trophic level) के स्तर बनते हैं। यह प्राणियों के बीच खाद्य श्रृंखला में जुड़े रहने वाले उनके संबंधों की जांच करता है और यह दिखाता है कि प्राकृतिक प्रणाली किस प्रकार से जीवन का चक्र बनाती है।

खाद्य श्रृंखला क्या है? | khadya shrinkhala kya hai

खाद्य श्रृंखला क्या है – जैसा की, खाद्य श्रृंखला (Food Chain) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जिसमें प्रत्येक प्राणी अपने आहार को प्राप्त करता है और इस प्रकार एक श्रेणी में बंधता है। यह श्रृंखला विभिन्न स्तरों पर होती है जो पौधों से शुरू होती है और फिर उन प्राणियों को शामिल करती है जो उन पौधों को खाते हैं, इसके बाद फिर उन प्राणियों को खाने वाले प्राणी आदि।

खाद्य श्रृंखला की पारिभाषिक व्याख्या | खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं

पारिस्थितिकी में खाद्य श्रृंखला एक ऐसा क्रम है जिसमें एक जीव दूसरे जीव को भोजन के रूप में खाता है और ऊर्जा प्राप्त करता है। यह ऊर्जा का वह रास्ता दर्शाती है, जो सूर्य से शुरू होकर विभिन्न जैविक स्तरों (trophic levels) से होते हुए अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचती है।

खाद्य श्रृंखला के मुख्य तत्व:

  1. उत्पादक (Producers):
    जैसे – पौधे, घास, शैवाल। ये सूर्य के प्रकाश की सहायता से भोजन बनाते हैं और खाद्य श्रृंखला की शुरुआत करते हैं।
  2. उपभोक्ता (Consumers):
    • प्राथमिक उपभोक्ता (जैसे हिरण) – शाकाहारी
    • माध्यमिक उपभोक्ता (जैसे मेंढक) – छोटे मांसाहारी
    • तृतीयक उपभोक्ता (जैसे सांप, शेर) – शीर्ष शिकारी
  3. अपघटक (Decomposers):
    जैसे – बैक्टीरिया, कवक। ये मृत जीवों को विघटित कर पोषक तत्वों को मिट्टी में मिलाते हैं।

अनुक्रमिक ऊर्जा स्थानांतरण (Sequential Energy Flow):

खाद्य श्रृंखला यह स्पष्ट करती है कि कैसे ऊर्जा और पोषक तत्व एक जीव से दूसरे में क्रमिक रूप से स्थानांतरित होते हैं। प्रत्येक स्तर पर ऊर्जा का कुछ भाग उपयोग में आ जाता है और केवल एक हिस्सा अगले जीव तक पहुँचता है।

उदाहरण:
घास (उत्पादक)हिरण (प्राथमिक उपभोक्ता)शेर (माध्यमिक/तृतीयक उपभोक्ता)

रैखिक संबंध और महत्व:

खाद्य श्रृंखला जीवों के बीच एक रैखिक संबंध (linear relationship) दर्शाती है, जिसमें एक जीव केवल एक ही प्रकार के जीव को खाता है। यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है और यह दिखाती है कि जैव विविधता कैसे परस्पर निर्भर है।

इस ब्लॉग में खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए या फिर खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं उदाहरण दीजिए  इस सवाल का जवाब दिया गया है । आगे इसकी विस्तृत जानकारी दी गई है।

खाद्य श्रृंखला का क्या अर्थ है

खाद्य श्रृंखला (Food Chain) का अर्थ है – जीवों के बीच ऊर्जा और पोषण के स्थानांतरण की प्राकृतिक प्रक्रिया, जिसमें एक जीव दूसरे जीव का भोजन बनता है।

यह एक क्रमबद्ध श्रृंखला होती है जिसमें:

  1. उत्पादक (Producers) – जैसे पौधे, जो सूर्य के प्रकाश से भोजन बनाते हैं।
  2. शाकाहारी (Herbivores) – जो पौधों को खाते हैं, जैसे हिरण, गाय।
  3. मांसाहारी (Carnivores) – जो शाकाहारियों को खाते हैं, जैसे शेर, बाघ।
  4. अपघटक (Decomposers) – जैसे बैक्टीरिया और फफूंद, जो मृत जीवों को सड़ा-गलाकर मिट्टी में मिलाते हैं।

उदाहरण:
घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → गिद्ध

इस प्रकार, खाद्य श्रृंखला से पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह और जैविक संतुलन बना रहता है।

खाद्य श्रृंखला का उदाहरण | food chain examples in hindi

एक सामान्य खाद्य श्रृंखला का उदाहरण देखें:

पौधों (खाद्य उत्पादक) → कीट (उत्पादक) → छोटे पशु (सांसारिक उत्पादक) → बड़े पशु (उच्चतम उत्पादक)। अक्सर पूछा जाता है खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए या खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं उदाहरण दीजिए तो इसके  लिए आइये देख लेते हैं इसका जवाब क्या है- 

यह था खाद्य श्रृंखला का उदाहरण इस श्रृंखला में प्राणी एक ज्यादा ऊंचा स्तर प्राप्त करते जाते हैं जब वह दूसरे प्राणियों को खाते हैं।

खाद्य श्रृंखला क्या है उदाहरण सहित समझाइए तो अब आगे खाद्य श्रृंखला का एक अन्य उदाहरण है:

पौधेपौधों में हरी सब्जियाँ उगती हैं।
खरगोशखरगोश हरी सब्जियों को खाते हैं।
साँपसाँप खरगोश को खाते हैं।
चीलचील साँपों को खाते हैं।
खाद्य श्रृंखला का उदाहरण

इस खाद्य श्रृंखला का उदाहरण में पौधे से लेकर शेर तक कई प्राणी एक दूसरे के आधार पर अपना भोजन लेते हैं। इस तरह की खाद्य श्रृंखला को ‘खाद्य श्रृंखला’ या ‘खाद्य जाल’ कहा जाता है।  

खाद्य श्रृंखला के घटक

खाद्य श्रृंखला (Food chain) में तीन प्रमुख घटक होते हैं:

खाद्य श्रृंखला के मुख्य घटक:

1. उत्पादक (Producers)
ये वे जीव होते हैं जो सूर्य के प्रकाश की सहायता से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। उदाहरण: हरी घास, पौधे, शैवाल। इन्हें स्वपोषी (Autotrophs) भी कहते हैं।

2. उपभोक्ता (Consumers)
ये जीव सीधे या परोक्ष रूप से उत्पादकों पर निर्भर करते हैं। इन्हें परपोषी (Heterotrophs) कहते हैं और इन्हें तीन भागों में बाँटा जाता है:

  • प्राथमिक उपभोक्ता (Primary Consumers): शाकाहारी जीव जैसे हिरण, गाय, खरगोश।
  • माध्यमिक उपभोक्ता (Secondary Consumers): मांसाहारी जीव जो प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाते हैं, जैसे सियार, मेंढ़क।
  • उच्च स्तरीय उपभोक्ता (Tertiary Consumers): शीर्ष पर स्थित शिकारी जैसे शेर, बाघ, बाज।

3. अपघटक (Decomposers)
ये वे सूक्ष्म जीव होते हैं जो मृत जीवों और पौधों को विघटित कर मिट्टी में मिलाते हैं। उदाहरण: बैक्टीरिया, फफूंदी (fungi)। ये पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

उत्पादक(Producers) पौधे और अन्य उत्पादक जीवउपभोक्ता(Consumers)शाकाहारी,मांसाहारी, और सर्वाहारी जीवअपघटक(Decomposers) बैक्टीरिया और फंगी
उत्पादक इस श्रृंखला का पहला और मुख्य घटक हैं।उपभोक्ता खाद्य श्रृंखला में उत्पादकों के बाद आते हैं।अपघटक खाद्य श्रृंखला के आखिरी घटक होते हैं।
उत्पादक पौधे होते हैं जो सूर्य के प्रकाश का सीधा उपयोग करके खनिज तत्वों और पानी से अपने खुद के खाद्य संसाधन को बनाते हैं।इनमें शाकाहारी (Herbivores), मांसाहारी (Carnivores), और सर्वाहारी (Omnivores) जीव शामिल होते हैं।इनमें बैक्टीरिया और फंगी जैसे जीव होते हैं, जो मृत बैक्टीरिया के रूप में और संयुक्त रूप में रहते हैं और मृत बैक्टीरिया को विघटित करते हैं।
उत्पादकों में फाइटोप्लांकटन, सायनोबैक्टीरिया, शैवाल और हरे पौधे शामिल हैं।उपभोक्ता में जीवित जीवों की लगभग सभी प्रजातियाँ शामिल होती हैं।ये तत्वों को धरती में फिर से उपलब्ध कराने में मदद करते हैं, जिससे नई वनस्पतियों और अन्य जीवन जन्म ले सके।
ये पौधे और अन्य वनस्पतियाँ खाद्य श्रृंखला के सभी अन्य तत्वों को खाद्य सामग्री और ऊर्जा उपलब्ध कराते हैं।ये जीव उत्पादकों से अपने फ़ूड सोर्स को प्राप्त करते हैं और साथ में ऊर्जा और मानवीय जीवन के लिए आवश्यक तत्वों को भी प्राप्त करते हैं।ये तीनों घटक मिलकर खाद्य श्रृंखला को संतुलित और स्थिर बनाते हैं, जिससे जीवसंगठन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिलती है।
खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं? खाद्य श्रृंखला के घटक

खाद्य श्रृंखला के प्रकार | khadya shrinkhala ke prakar

खाद्य श्रृंखला (Food Chain) को दो भागों में बाँटा गया है:

स्थलीय खाद्य श्रृंखला: भूमि आधारित खाद्य श्रृंखलाएँ

स्थलीय खाद्य श्रृंखला भूमि पर आधारित खाद्य संबंधों को दर्शाती है। इसमें प्रमुख तत्व आते हैं:

  • उत्पादक (Producers): ये सामान्यतः पौधे होते हैं जो सूर्य की ऊर्जा को फोटोसिंथेसिस के माध्यम से खाद्य पदार्थों में बदलते हैं। उदाहरण के लिए, घास, झाड़ियाँ, और पेड़।
  • प्राथमिक (Primary Consumers): ये शाकाहारी होते हैं जो उत्पादकों (पौधों) को खाते हैं। उदाहरण के लिए, हिरण, घोड़े, और कीट।
  • माध्यमिक उपभोक्ता (Secondary Consumers): ये शाकाहारी जीवों को खाते हैं और ये मांसाहारी होते हैं। उदाहरण के लिए, भालू, सियार, और सांप।
  • तृतीयक उपभोक्ता (Tertiary Consumers): ये उच्च स्तर के शिकारी होते हैं और माध्यमिक उपभोक्ताओं को खाते हैं। उदाहरण के लिए, बाघ, शेर, और अजगर।
  • निर्वाहक (Decomposers): ये खाद्य श्रृंखला का आखिरी तत्व हैं। ये मृत जैविक पदार्थों को तोड़ते हैं और पोषक तत्वों को रीसायकल करते हैं। उदाहरण के लिए, बैक्टीरिया, कवक, और कीड़े।

जलीय खाद्य श्रृंखला: जल आधारित खाद्य श्रृंखलाएँ

जलीय खाद्य श्रृंखला जलवायु पर आधारित खाद्य संबंधों को दर्शाती है। इसमें प्रमुख तत्व आते हैं:

  • उत्पादक (Producers): इनका मुख्य रूप से सागरी पौधे, फाइटोप्लांकटन, और समुद्री शैवाल होते हैं जो सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, समुद्री शैवाल और फाइटोप्लांकटन।
  • प्राथमिक उपभोक्ता (Primary Consumers): ये छोटे जीव होते हैं जो उत्पादकों को खाते हैं। उदाहरण के लिए, फाइटोप्लांकटन खाने वाले क्रिल और छोटे मछलियाँ।
  • माध्यमिक उपभोक्ता (Secondary Consumers): ये प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाते हैं। उदाहरण के लिए, छोटी मछलियाँ जो क्रिल को खाती हैं।
  • तृतीयक उपभोक्ता (Tertiary Consumers): ये उच्च स्तर के शिकारी होते हैं जो माध्यमिक उपभोक्ताओं को खाते हैं। उदाहरण के लिए, शार्क और डॉल्फिन।
  • निर्वाहक (Decomposers): ये मृत जलीय जीवन को तोड़ते हैं और समुद्र के तल में पोषक तत्वों को रीसायकल करते हैं। उदाहरण के लिए, समुद्री कवक और बैक्टीरिया।

ये खाद्य श्रृंखलाएँ पारिस्थितिकी तंत्र में एनर्जी फ्लो और पोषक तत्वों के रीसाइक्लिंग को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

खाद्य श्रृंखला क्या है उदाहरण सहित समझाइए

खाद्य श्रृंखला (Food Chain) एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें विभिन्न जीवों के बीच एनर्जी फ्लो और न्यूट्रिएंट्स का आदान-प्रदान होता है। यह श्रृंखला इस बात को दर्शाती है कि किस तरह एक जीव दूसरे जीव को खाकर अपने लिए एनर्जी प्राप्त करता है। लिए जान लेते हैं, खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए सवाल का जवाब ।

1. स्थलीय उदाहरण: घास → हिरण → शेर

  • घास: यह खाद्य श्रृंखला का पहला लेवल है और इसे प्रोड्यूसर (उत्पादक) कहा जाता है। घास सूर्य की ऊर्जा को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के माध्यम से रासायनिक ऊर्जा में बदलती है।
  • हिरण: हिरण घास को खाता है और इस प्रकार इसे प्राइमरी कंज्यूमर (प्राथमिक उपभोक्ता) कहा जाता है। हिरण घास की ऊर्जा को अपनी ऊर्जा में बदलता है।
  • शेर: शेर हिरण को खाता है और इसे सेकेंडरी कंज्यूमर (द्वितीयक उपभोक्ता) कहा जाता है। शेर को हिरण से ऊर्जा प्राप्त होती है।

2. जलीय उदाहरण: फाइटोप्लांकटन → झींगा → मछली → शार्क

  • फाइटोप्लांकटन: यह खाद्य श्रृंखला का पहला स्तर होता है और इसे प्रोड्यूसर कहा जाता है। फाइटोप्लांकटन भी सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके प्रकाश संश्लेषण करता है।
  • झींगा: झींगा फाइटोप्लांकटन को खाता है और इसे प्राइमरी कंज्यूमर कहा जाता है। झींगा फाइटोप्लांकटन की ऊर्जा को अपनी ऊर्जा में बदलता है।
  • मछली: मछली झींगा को खाती है और इसे सेकेंडरी कंज्यूमर कहा जाता है। मछली झींगा से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग करती है।
  • शार्क: शार्क, मछली को खाती है और इसे तृतीयक उपभोक्ता कहा जाता है। शार्क को मछली से ऊर्जा प्राप्त होती है।

यह एक जटिल पारिस्थितिक तंत्र को समझने में मदद करती है और इस बात को समझाने में मददगार होती है कि प्राकृतिक परिवेश में जीव कैसे आपस में जुड़े होते हैं।

चराई खाद्य श्रृंखला बनाम अपरद खाद्य श्रृंखला

चराई खाद्य श्रृंखलाअपरद खाद्य श्रृंखला
चराई खाद्य श्रृंखला मुख्य रूप से प्रकाश संश्लेषण से ऊर्जा प्राप्त करती है, जहां पौधों द्वारा सूर्य के प्रकाश को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।इसके विपरीत, अपरद खाद्य श्रृंखला मृत कार्बनिक पदार्थों से शुरू होती है। 
चराई खाद्य श्रृंखला प्राथमिक उत्पादकों (पौधों) से शुरू होती हैअपरद खाद्य श्रृंखला मृत कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने वाले डेट्राइटस से शुरू होती है।
चराई खाद्य श्रृंखला अधिक सीधी होती है, जिसमें जीवित पौधों की सामग्री का प्रत्यक्ष उपभोग शामिल होता हैअपरद खाद्य श्रृंखला में मृत कार्बनिक पदार्थों का टूटना शामिल होता है।
चराई खाद्य श्रृंखला में डीकंपोजर मुख्य रूप से मृत जीवों से पोषक तत्वों की रीसाइक्लिंग पर काम करते हैंअपरद खाद्य श्रृंखला में वे पोषक तत्वों को जारी करने के लिए कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने के लिए बीच में होते हैं।
चराई खाद्य श्रृंखला में प्राथमिक उपभोक्ता शाकाहारी होते हैंजबकि detritivores (डिट्रिटिवोर्स) अपरद खाद्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
चराई खाद्य श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र में एनर्जी छोड़ती हैअपरद खाद्य श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र से ऊर्जा का उपयोग करती है
चराई खाद्य श्रृंखला में सभी स्थूल एवं उपमृदा जीव शामिल होते हैंअपरद खाद्य श्रृंखला में सूक्ष्म जीव शामिल होते हैं
उत्पादक चराई खाद्य श्रृंखला में फर्स्ट ट्रॉफिक लेवल के रूप में कार्य करते हैंमृत मटेरियल या डिटरिटस अपरद खाद्य श्रृंखला में फर्स्ट ट्रॉफिक लेवल के रूप में कार्य करता है
चराई खाद्य श्रृंखला आमतौर पर अपरद खाद्य श्रृंखला की तुलना में बड़ी होती हैअपरद खाद्य श्रृंखला आमतौर पर चराई खाद्य श्रृंखला की तुलना में छोटी होती है
चराई खाद्य श्रृंखला को ऊर्जा सीधे सूर्य के प्रकाश से मिलती हैअपरद खाद्य श्रृंखला ऊर्जा जैविक मलबे से मिलती है
खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं? चराई खाद्य श्रृंखला बनाम अपरद खाद्य श्रृंखला

उपभोक्ता क्या होते हैं? | उपभोक्ताओं के प्रकार सरल भाषा में

पारितंत्र में सभी जानवर उपभोक्ता (Consumers) कहलाते हैं, क्योंकि ये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपना भोजन वनस्पतियों से प्राप्त करते हैं। खाद्य श्रृंखला में इनकी भूमिका के अनुसार इन्हें विभिन्न श्रेणियों में बाँटा गया है:

1. प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता (Primary Consumers)

ये वे जीव होते हैं जो सीधे पौधों पर निर्भर रहते हैं, यानी शाकाहारी (Herbivores) होते हैं।
उदाहरण: गाय, भैंस, खरगोश, हिरण, चूहा, बकरी, बंदर, हाथी, जिराफ, नीलगाय आदि।

2. द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ता (Secondary Consumers)

ये जीव प्रथम श्रेणी के उपभोक्ताओं को खाते हैं, यानी ये मांसाहारी (Carnivores) होते हैं।
उदाहरण: मेढ़क, मछलियाँ, छिपकली, कीट खाने वाले पक्षी आदि

3. तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता (Tertiary Consumers)

ये जानवर द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ताओं को खाकर भोजन प्राप्त करते हैं और खाद्य श्रृंखला में शीर्ष पर होते हैं।
उदाहरण: शेर, गिद्ध, बाज, भालू आदि।

अपघटक (Decomposers) क्या होते हैं?

अपघटक वे सूक्ष्म जीव होते हैं जो मृत पौधों और जानवरों को सड़ाकर उनके अवयवों में तोड़ देते हैं। यह प्रक्रिया अपघटन (Decomposition) कहलाती है और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।

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निष्कर्ष

खाद्य श्रृंखला (Food Chain) का उस सीरीज से है जिसमें विभिन्न जीवित जीव ऊर्जा के प्रवाह के लिए एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। यह श्रृंखला एक खाद्य श्रृंखला के रूप में काम करती है जहां प्रत्येक लेवल पर एक जीव दूसरे लेवल के जीव को खाता है। आज के ब्लॉग में आपको खाद्य श्रृंखला क्या है और खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं (khadya shrinkhala kise kahate hain) उदाहरण सहित समझाइए  इस प्रश्न का उत्तर दिया गया है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

खाद्य श्रृंखला के कितने प्रकार होते हैं?

खाद्य श्रृंखला के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं: प्राथमिक खाद्य श्रृंखला, जिसमें उत्पादक (पौधे) और उपभोक्ता (पशु) शामिल होते हैं, और द्वितीयक खाद्य श्रृंखला, जिसमें अपघटक भी शामिल होते हैं, जो मृत जीवों का अपघटन करते हैं।

खाद्य श्रृंखला में कितने चरण होते हैं?

खाद्य श्रृंखला में मुख्यतः चार चरण होते हैं: उत्पादक (पौधे), प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी), द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी) और अपघटक (डीकंपोजर)। ये चरण ऊर्जा के प्रवाह और पोषण के आदान-प्रदान को दर्शाते हैं।

खाद्य श्रृंखला का प्रत्येक क्रम क्या कहलाता है?

खाद्य श्रृंखला का प्रत्येक क्रम “तत्त्व” या “स्तर” कहलाता है। इन्हें विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे उत्पादक (पौधे), प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी), द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी) और अपघटक (डीकंपोजर)।

खाद्य श्रृंखला में सबसे बड़ी संख्या किसकी है?

खाद्य श्रृंखला में सबसे बड़ी संख्या प्राथमिक उपभोक्ताओं (शाकाहारी जीवों) की होती है, जो उत्पादकों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

उपभोक्ता क्या है और कितने प्रकार के होते है ?

उपभोक्ता:
उपभोक्ता वे जीव होते हैं जो अन्य जीवों को खाते हैं। 
प्राथमिक उपभोक्ता: ये वे जीव हैं जो उत्पादकों (पौधों) को खाते हैं, जैसे शाकाहारी. 
द्वितीयक उपभोक्ता: ये वे जीव हैं जो प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाते हैं, जैसे मांसाहारी. 
तृतीयक उपभोक्ता: ये वे जीव हैं जो द्वितीयक उपभोक्ताओं को खाते हैं, जैसे शीर्ष शिकारी. 

खाद्य श्रृंखला और उसके विभिन्न प्रकारों की व्याख्या करें।

खाद्य श्रृंखला (Food Chain) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें एक जीव दूसरे जीव को भोजन के रूप में खाता है। यह श्रृंखला ऊर्जा के प्रवाह और जीवों के बीच पोषण संबंध को दर्शाती है।

खाद्य श्रृंखला के मुख्य प्रकार:
परपोषण खाद्य श्रृंखला (Grazing Food Chain):
यह श्रृंखला हरे पौधों से शुरू होती है और शाकाहारी व मांसाहारी जीवों तक जाती है।
उदाहरण: घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → बाज
अपमार्जक खाद्य श्रृंखला (Detritus Food Chain):
यह मृत जीवों और अपघटकों (जैसे केंचुआ, बैक्टीरिया) से शुरू होती है।
उदाहरण: मृत पत्तियाँ → केंचुआ → पक्षी → चील
अपूर्ण खाद्य श्रृंखला (Incomplete Food Chain):
इसमें खाद्य श्रृंखला के कुछ स्तर नहीं होते, जिससे यह असंतुलित होती है।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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