Quick Summary
भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु, इंदिरा पॉइंट, ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित है और अपनी भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। पहले इसे पिग्मेलियन पॉइंट कहा जाता था, लेकिन 1985 में इसे इंदिरा गांधी के सम्मान में इंदिरा पॉइंट नाम दिया गया। यहाँ का प्रकाशस्तंभ समुद्री नौवहन के लिए महत्वपूर्ण है। 2004 की सुनामी के बाद, इस क्षेत्र की ऊँचाई में कमी आई, जिससे इसका भूगोल बदल गया। इंदिरा पॉइंट की यात्रा प्रकृति प्रेमियों और इतिहास के शौकीनों के लिए एक अनूठा अनुभव है, जो उन्हें इस अद्वितीय स्थान की सुंदरता और महत्व को समझने का अवसर प्रदान करती है।
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| विशेषता | विवरण |
| नाम | इंदिरा पॉइंट (पहले पिग्मेलियन पॉइंट के नाम से जाना जाता था) |
| कहाँ पर है? | अंडमान निकोबार द्वीप समूह में निकोबार द्वीप का सबसे दक्षिणी हिस्सा |
| COORDINATES | लगभग 6.747° उत्तरी अक्षांश, 93.842° पूर्वी देशांतर, इंदिरा पॉइंट के लाइव मैप के लिए यह क्लिक करें। |
| महत्व | भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे दक्षिणी बिंदु और भारत का आखिरी भाग |
| नाम-करण | पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सम्मान में इसका नाम “इंदिरा पॉइंट” रखा गया |
| भौगोलिक विशेषताएँ | प्रकाश स्तंभ के साथ चट्टानी अन्तरीप |
| 2004 की घटना | 2004 के हिंद महासागर भूकंप और सुनामी से गंभीर रूप से प्रभावित |
| डुबकी | तटीय कटाव और सुनामी प्रभाव के कारण जलमग्न |
| वर्तमान स्थिति | पानी के नीचे, अब कोई अलग भूमि नहीं |
| सामरिक महत्व | पहले नौवहन स्थलचिह्न के रूप में कार्य करता था |
| ऐतिहासिक महत्व | भारत के सुदूर दक्षिणी बिंदु का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व |
| सांस्कृतिक प्रभाव | पर्यटन और भौगोलिक चर्चाओं में विशेष रुप से प्रदर्शित |
| भविष्य | जलमग्न बने रहने की संभावना, आगे पर्यावरणीय परिवर्तनों के अधीन |
भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु (Southernmost Point) है। यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निकोबार द्वीप के ग्रेट निकोबार द्वीप में स्थित है। यह बिंदु भारत की भौगोलिक सीमा का अंतिम छोर है।
इसका पुराना नाम पिग्मेलियन पॉइंट (Pygmalion Point) था, लेकिन 1985 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में इसका नाम बदलकर इंदिरा पॉइंट रखा गया।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
इस तरह इंदिरा पॉइंट भारत की भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण जगह मानी जाती है।
इंदिरा पॉइंट का अन्य नाम, पाइग्मेलियन पॉइंट और पार्सन्स पॉइंट भी है। दरअसल इंदिरा प्वाइंट को अंग्रेजों ने पहले एक पौराणिक ग्रीक मूर्तिकार के नाम पर, पिग्मेलियन पॉइंट नाम दिया था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर 19वीं सदी में इस क्षेत्र का दौरा करने वाले एक ब्रिटिश हाइड्रोग्राफर के नाम पर इसका नाम “पार्सन्स पॉइंट रखा गया”। बाद में भारत सरकार ने इस पॉइंट का नाम “इंदिरा पॉइंट” कर दिया था। इस तरह इंदिरा पॉइंट का अन्य नाम पाइग्मेलियन पॉइंट और पार्सन्स पॉइंट पड़ा।
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अब हम जानेंगे कि अंदमान द्वीप समूह पर इंदिरा पॉइंट कहां स्थित है –
भारत के लिए ऐतिहासिक, भोगोलोक और राजनीतिक, तीनों ही दृष्टि महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम, लंका जाने के लिए समुद्र से रास्ता मांग रहे थे लेकिन उसने इनकार कर दिया था।
क्रोध में आकर समुद्र को सुखाने के लिए श्रीराम ने धनुष उठा लिया था, तब समुद्र ने अपनी गलती मानकर श्रीराम की सेना को रास्ता दिया था। तब से एक तरफ का समुद्र शांत है तो दूसरी तरफ लहरों की उथल-पुथल रहती है और इसीलिए इंदिरा प्वाइंट से बंगाल की खाड़ी बिल्कुल शांत नजर आती है, लेकिन मन्नार की खाड़ी में तेज लहरें उठती रहती हैं।
यह जगह भारत के लिए रणनीतिक तौर पर बहुत भी महत्वपूर्ण है। अंडमान निकोबार में देश की सेना की पहली ऐसी कमांड है जो तीनों सेनाओं को मिलाकर बनाई गई है। साल 2015 में सरकार ने यहां पर कई तरह के प्रोजेक्ट्स शुरू किए थे जिनका मकसद तीनों सेनाओं के बीच आपसी सामंजस्य को ठीक करना था। फिलहाल यहां पर 21 किलोमीटर लंबी एक सड़क बनाई जा रही है। इस इलाके में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड लगातार मुस्तैद रहते हैं।
लाइट हाउस, इंदिरा प्वाइंट का एक मुख्य आकर्षण है। लाइटहाउस न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि ये बहुत खूबसूरत और शांत स्थान भी है, जहाँ से समुद्र और सूर्यास्त का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। लाइट हाउस, मलेशिया और मलक्का से आने वाले जहाजों को रौशनी दिखाने के लिए उपयोग किया जाता है।
हम लाइटहाउस की सर्पिल सीढ़ी पर चढ़ सकते हैं और ऊपर से हवा और नज़ारे का आनंद ले सकते हैं। लाइटहाउस और उसके आस-पास के कुछ अद्भुत फ़ोटो और वीडियो भी लिए जा सकते हैं।
इंदिरा प्वाइंट का एक और आकर्षण गैलाथिया नेशनल पार्क है, जो एक वन्यजीव अभयारण्य है। इस पार्क की स्थापना 1992 में हुई थी जो ग्रेट निकोबार द्वीप के दक्षिणी भाग में 110 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
इस पार्क में कई तरह की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु पाए जाते हैं, जिनमें से कई दुर्लभ हैं और निकोबार द्वीप समूह के लिए स्थानीय हैं।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह भारत की सबसे अच्छी नेचुरल साइड में से एक है। यहां की हरियाली और समुद्र तट, पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। पॉइंट की प्राकृतिक सुंदरता, वनस्पति, और वन्य जीवन इसे एक विशेष स्थान बनाते हैं। यहां के पर्यावरण की कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
| प्रजाति | विशेषता |
| क्रैब-ईटिंग मकाक | ये बंदर यहां की प्रमुख प्रजातियों में से एक हैं। |
| Giant robber crab | ये दुनिया के सबसे बड़े केकड़ों में से एक हैं। |
| Giant leatherback turtle | ये दुर्लभ कछुए यहाँ की समुद्री जीवों की विविधता का हिस्सा हैं। |
| Saltwater crocodile | ये खारे पानी के मगरमच्छ भी यहाँ पाए जाते हैं। |
इंदिरा पॉइंट, अंडमान और निकोबार का एक खूबसूरत और रोमांचक पर्यटन स्थल भी है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और इतिहास पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं।
लाइट हाउस, इंदिरा पॉइंट का एक मुख्य आकर्षण है। लाइटहाउस न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि ये बहुत खूबसूरत और शांत स्थान भी है, जहाँ से समुद्र और सूर्यास्त का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। लाइट हाउस, मलेशिया और मलक्का से आने वाले जहाजों को रौशनी दिखाने के लिए उपयोग किया जाता है।
इंदिरा पॉइंट का एक और आकर्षण गैलाथिया नेशनल पार्क है, जो एक वन्यजीव अभयारण्य है। ये ग्रेट निकोबार द्वीप के दक्षिणी भाग में 110 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। पार्क की स्थापना 1992 में हुई थी और इसका नाम गैलाथिया नदी के नाम पर रखा गया है। यह पार्क ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
यह पार्क प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए स्वर्ग है। इस पार्क में कई तरह की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु पाए जाते हैं, जिनमें से कई दुर्लभ हैं और निकोबार द्वीप समूह के लिए स्थानीय हैं। केकड़ा खाने वाला मकाक बंदर, विशाल केकड़ा, विशाल चमड़े का कछुआ, जालीदार अजगर, निकोबार सर्प ईगल और खारे पानी का मगरमच्छ के अलावा सदाबहार वन, मैंग्रोव और घास के मैदान इस पार्क की पहचान है।
यह पॉइंट, निकोबार द्वीप समूह के सबसे बेहतरीन और सबसे एकांत बीच में से एक है। यह बीच सफ़ेद रेत का एक लंबा और चौड़ा हिस्सा है, जिसमें साफ़ और नीला पानी है। यह समुद्र तट सर्फ़रों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है, जो 3 से 6 फ़ीट ऊँची और 50 से 100 मीटर लंबी लहरों का आनंद ले सकते हैं। लहरें शुरुआती और मध्यवर्ती सर्फ़रों के लिए उपयुक्त हैं, जो 20 सेकंड तक उन पर सवारी कर सकते हैं।
इंदिरा पॉइंट भारत के केंद्र शासित प्रदेश, अंडमान और निकोबार में स्थित एक ऐसी जगह है जो भारत के लिए ऐतिहासिक और राजनैतिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इंदिरा पॉइंट का अन्य नाम, पाइग्मेलियन पॉइंट और पार्सन्स पॉइंट भी है और ये पॉइंट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योकि ये भारत के सबसे दक्षिणी और आखिरी छोर पर स्थित है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत बीच के लिए फेमस इंदिरा पॉइंट, भारत की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक है।
इंदिरा पॉइंट तक पहुंचने के लिए आपको पहले पोर्ट ब्लेयर आना होगा और फिर वहाँ से आप स्थानीय परिवहन सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
इंदिरा पॉइंट की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम सुखद और अनुकूल होता है।
इंदिरा पॉइंट की सैटेलाइट तस्वीरें महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे इस स्थान की भौगोलिक स्थिति और जलवायु का विश्लेषण करने में मदद करती हैं।
इंदिरा पॉइंट के निकटतम एयरपोर्ट पोर्ट ब्लेयर (वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) है, जहाँ से सड़क या समुद्री परिवहन के माध्यम से इंदिरा पॉइंट तक पहुँचा जा सकता है।
रामेश्वरम का धनुषकोडी गांव भारत का अंतिम सिरे पर स्थित है और यही वह स्थान है जहाँ भारत और श्रीलंका के बीच एकमात्र स्थलीय सीमा मौजूद है। यहीं पर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी के जल का संगम भी होता है।
‘इंदिरा पॉइंट’ भारतीय भू-भाग का सबसे दक्षिणी छोर है, जो निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है। यह बिंदु 6.45 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर स्थित है।
इंदिरा प्वाइंट भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु है, जो ग्रेट निकोबार द्वीप में 6°45′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। पहले इसे पिग्मेलियन प्वाइंट के नाम से जाना जाता था। यह स्थल भूमध्य रेखा से लगभग 876 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु इंदिरा पॉइंट है, जो भारत के केंद्र शासित प्रदेश, अंडमान और निकोबार में स्थित एक ऐसी जगह है जो भारत के लिए ऐतिहासिक और राजनैतिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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