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घर्षण बल किसे कहते हैं? घर्षण बल (Frictional Force) हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाला एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण भौतिक बल है। जब दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं और उनमें आपसी गति या गति की कोशिश होती है, तो उनके बीच एक विरोधी बल उत्पन्न होता है जिसे घर्षण कहा जाता है।
यह बल गति को धीमा करता है या रोकता है। बिना घर्षण के न तो हम चल सकते हैं, न ही कोई वस्तु स्थिर रह सकती है। विज्ञान, इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्रों में घर्षण का गहन अध्ययन किया जाता है क्योंकि यह मशीनों के कार्य, ऊर्जा की खपत और जीवन की सुगमता को सीधे प्रभावित करता है। इस लेख में हम जानेंगे कि घर्षण क्या है, Gharsahan kya hai,Friction Meaning in Hindi,घर्षण बल के प्रकार, यह कैसे काम करता है, इसके प्रकार क्या हैं और हमारे जीवन में इसकी क्या भूमिका है।
घर्षण बल किसे कहते हैं? घर्षण (Friction) हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण और अनदेखा हिस्सा है। जब भी दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं और उनके बीच गति या गति की कोशिश होती है, तो एक विरोधी बल उत्पन्न होता है इसे ही घर्षण बल कहा जाता है।
चलने, दौड़ने, वाहन चलाने या किसी वस्तु को पकड़ने जैसे रोजमर्रा के कार्य घर्षण के कारण ही संभव हो पाते हैं। बिना घर्षण के ज़मीन पर फिसलना, वस्तुओं का नियंत्रण खोना और मशीनों का असंतुलित संचालन आम हो जाएगा।
Gharshan Kya Hai? जब दो सतहें आपस में संपर्क करती हैं और उनमें से एक को दूसरी पर खिसकाने की कोशिश की जाती है, तो उनके बीच एक विरोधी बल उत्पन्न होता है जो उस गति को रोकने या धीमा करने का कार्य करता है। इसी बल को घर्षण बल (Frictional Force) कहते हैं।
दो सतहों के आपसी स्पर्श के कारण उत्पन्न वह प्रतिरोधक बल जो गति के विरुद्ध कार्य करता है।
उदाहरण:
चलने के समय हमारे पैरों और ज़मीन के बीच जो पकड़ बनती है, वह घर्षण के कारण होती है।
ब्रेक लगाने पर वाहन की गति रुकना भी घर्षण का ही परिणाम है।
घर्षण बल के कई प्रकार होते हैं, जो वस्तु की स्थिति और गति पर निर्भर करते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
यह वह घर्षण होता है जब कोई वस्तु किसी सतह पर रुकी होती है, लेकिन उसे खिसकाने की कोशिश की जाती है।
उदाहरण: जब आप भारी अलमारी को धक्का देना शुरू करते हैं, लेकिन वह हिलती नहीं तब जो बल उसे रोक रहा होता है, वही स्थैतिक घर्षण है।
जब कोई वस्तु सतह पर गति कर रही होती है, तब उत्पन्न होने वाला घर्षण गतिशील घर्षण कहलाता है।
उदाहरण: फर्श पर खिसकती मेज के नीचे लगने वाला बल।
यह एक प्रकार का गतिशील घर्षण है, जो तब होता है जब एक वस्तु दूसरी सतह पर सरकती है।
उदाहरण: जब किताब को मेज पर धकेला जाता है।
जब कोई वस्तु सतह पर लुढ़कती है (जैसे पहिया), तो उससे जो घर्षण उत्पन्न होता है, उसे लुढ़कने वाला घर्षण कहते हैं।
उदाहरण: कार के टायर सड़क पर लुढ़कते समय।
जब कोई वस्तु वायु, पानी या किसी अन्य द्रव में गति करती है, तब जो प्रतिरोधक बल लगता है, वह तरल घर्षण कहलाता है।
उदाहरण: हवा में उड़ता विमान या पानी में तैरता जहाज।
घर्षण बल इसलिए उत्पन्न होता है क्योंकि दो सतहों के बीच सूक्ष्म स्तर पर रुकावट और आपसी आकर्षण मौजूद होते हैं। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
हर सतह, चाहे वह कितनी भी चिकनी क्यों न दिखे, सूक्ष्म स्तर पर उसमें ऊँच-नीच (असमानता) होती है। जब दो सतहें आपस में संपर्क में आती हैं, तो ये खुरदरे हिस्से एक-दूसरे से टकराते हैं और गति का विरोध करते हैं। यही असमानताएं घर्षण का प्रमुख कारण बनती हैं।
जब दो सतहें एक-दूसरे को छूती हैं, तो उनके कणों के बीच सूक्ष्म स्तर पर आकर्षण बल उत्पन्न होता है। यह आणविक आकर्षण भी घर्षण बल को बढ़ाने में भूमिका निभाता है, विशेषकर जब सतहें बहुत अधिक चिकनी होती हैं।
घर्षण तब उत्पन्न होता है जब दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं और उनमें से कोई एक सतह गति करने की कोशिश करती है। यह बल गति के विरुद्ध कार्य करता है और इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण होते हैं:
हर सतह पर बहुत ही बारीक ऊँच-नीच होती है, जिसे हम सामान्य रूप से नहीं देख सकते। जब दो सतहें एक-दूसरे से टकराती हैं, तो ये खुरदरे बिंदु आपस में अटक जाते हैं और गति का विरोध करते हैं। यही असमानताएं घर्षण को जन्म देती हैं।
दो वस्तुओं के कण आपसी संपर्क में आने पर एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। यह माइक्रोस्कोपिक लेवल पर होने वाला बल भी घर्षण को बढ़ाता है, खासकर जब सतहें बहुत चिकनी हों और उनका अंतराल बहुत कम हो।
सतहों के बीच जितना अधिक दबाव या बल लगाया जाता है, घर्षण उतना ही अधिक होता है क्योंकि संपर्क क्षेत्र और आपसी बल दोनों बढ़ जाते हैं। यही कारण है कि भारी वस्तुओं को सरकाना अधिक कठिन होता है।
घर्षण बल कई कारणों पर निर्भर करता है। इन कारकों के बदलने से घर्षण अधिक या कम हो सकता है। आइए जानते हैं किन-किन मुख्य तत्वों का प्रभाव पड़ता है:
1. सतह की स्थिति (खुरदरी या चिकनी) | Gharshan Kya Hai
खुरदरी सतहों में सूक्ष्म असमानताएं अधिक होती हैं, जिससे घर्षण अधिक होता है। जबकि चिकनी सतहें कम रुकावट पैदा करती हैं, जिससे घर्षण कम होता है।
2. संपर्क बल (Normal Force) | Gharshan Kya Hai
दो सतहों के बीच जितना अधिक दबाव डाला जाता है, उतना ही अधिक घर्षण उत्पन्न होता है। भारी वस्तुओं के नीचे अधिक घर्षण पाया जाता है क्योंकि वे सतह पर ज्यादा दबाव डालती हैं।
3. गति की दिशा और द्रव्यमान
घर्षण हमेशा गति के विपरीत दिशा में कार्य करता है। साथ ही, किसी वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा, घर्षण उतना अधिक होगा क्योंकि वह अधिक बल के साथ सतह पर दबाव डालती है।
4. तापमान | Gharshan Kya Hai
कुछ सतहों पर तापमान बढ़ने से घर्षण घटता है, तो कुछ मामलों में यह बढ़ सकता है। उच्च तापमान पर घर्षण में बदलाव सतह की सामग्री और स्थितियों पर निर्भर करता है।
5. आपसी सतह का क्षेत्रफल
सैद्धांतिक रूप से, घर्षण बल सतह के क्षेत्रफल पर अधिक निर्भर नहीं करता, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में, जब सतहें अधिक क्षेत्र में संपर्क करती हैं, तो घर्षण थोड़ा बढ़ सकता है (विशेषकर तरल घर्षण में)।
घर्षण बल हमारे दैनिक जीवन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कई कार्यों को संभव बनाता है जो बिना घर्षण के असंभव होते। नीचे इसके प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
यदि घर्षण न हो, तो हम फर्श पर फिसलते रहेंगे। घर्षण के कारण ही हमारे पैर ज़मीन पर पकड़ बना पाते हैं, जिससे चलना, दौड़ना और वस्तुओं को पकड़ना संभव हो पाता है।
पेन, पेंसिल या चॉक का कागज़ या बोर्ड पर निशान छोड़ना घर्षण के कारण ही संभव होता है। अगर घर्षण न हो, तो लिखना या ड्राइंग करना मुश्किल हो जाएगा।
वाहनों के ब्रेक घर्षण की मदद से काम करते हैं। ब्रेक लगाने पर घर्षण बल पहियों और ब्रेक पैड के बीच बनता है जिससे वाहन रुकता है।
जहां घर्षण कई कार्यों में सहायक होता है, वहीं इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं जो ऊर्जा हानि और मशीनों iकी कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं। नीचे घर्षण के प्रमुख नुकसान दिए गए हैं:
घर्षण के कारण वस्तुओं के आपसी संपर्क में ऊष्मा (Heat) उत्पन्न होती है, जिससे ऊर्जा का अपव्यय होता है। उदाहरण के लिए मशीनों में घर्षण के कारण बहुत सी ऊर्जा गर्मी में बदल जाती है, जो उपयोगी कार्य में नहीं लगती।
लगातार चलने वाली मशीनों और औजारों में घर्षण के कारण भागों का धीरे-धीरे क्षरण (Wear and Tear) होता है। इससे उनकी कार्यक्षमता घटती है और समय के साथ मरम्मत या बदलाव की जरूरत पड़ती है।
घर्षण एक विरोधी बल है, जो गति को धीमा कर देता है। यदि घर्षण अधिक हो, तो किसी वस्तु को खिसकाना या घुमाना मुश्किल हो जाता है, जिससे अधिक बल और ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
वाहनों में घर्षण (जैसे टायर और सड़क के बीच) अधिक होने पर इंजन को ज़्यादा ऊर्जा लगानी पड़ती है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ती है और खर्च ज्यादा होता है।
घर्षण एक उपयोगी बल है, लेकिन कई बार इसे घटाना ज़रूरी होता है, खासकर मशीनों में जहां यह ऊर्जा हानि और घिसावट का कारण बनता है। नीचे घर्षण को घटाने के कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं:
मशीनों और औजारों के बीच चिकनाई देने से सतहें एक-दूसरे पर आसानी से सरकती हैं। तेल, ग्रीस या ग्रेफाइट जैसे स्नेहक घर्षण को कम करने में मदद करते हैं।
घर्षण को स्लाइडिंग से रोलिंग में बदलने के लिए बॉल बेयरिंग का उपयोग किया जाता है। इससे गति में रुकावट कम होती है और मशीनों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
खुरदरी सतहों को पॉलिश कर चिकना बनाया जाता है, जिससे सतहों के बीच की रुकावटें घट जाती हैं और घर्षण कम हो जाता है।
कुछ परिस्थितियों में, जैसे चलने, ब्रेक लगाने या पकड़ बनाने के लिए घर्षण को बढ़ाना ज़रूरी होता है। नीचे घर्षण बढ़ाने के कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:
जब दो सतहें खुरदरी होती हैं, तो उनके बीच संपर्क अधिक होता है, जिससे घर्षण बल बढ़ जाता है। जैसे – जूतों के तलवे में बनी दरारें फिसलन को रोकती हैं।
रबर की पकड़ (Grip) बेहतर होती है। यही कारण है कि ब्रेक पैड, वाहन टायर और हैंडल कवर रबर से बनाए जाते हैं ताकि घर्षण बढ़े और फिसलन न हो।
दो सतहों के बीच संपर्क बल (normal force) जितना अधिक होगा, उतना ही घर्षण बल भी बढ़ेगा। यह वस्तुओं को फिसलने से रोकने में सहायक होता है।
घर्षण बल की गणना एक सामान्य सूत्र से की जाती है:
F = μN
जहाँ:
F = घर्षण बल (Frictional Force)
μ (म्यू) = घर्षण गुणांक (Coefficient of Friction)
N = सामान्य बल या अभिलंब बल (Normal Force) सतह पर कार्य करने वाला लंबवत बल
कैसे काम करता है ये सूत्र?
यह सूत्र दर्शाता है कि घर्षण बल सतह के बीच की प्रकृति (μ) और उन पर लगने वाले दबाव (N) पर निर्भर करता है। अगर सतहें अधिक खुरदरी हैं, तो μ अधिक होगा और घर्षण बल भी ज्यादा होगा।
उदाहरण:
अगर किसी वस्तु पर 10 न्यूटन का सामान्य बल लग रहा है और घर्षण गुणांक 0.4 है, तो
F = 0.4 × 10 = 4 न्यूटन
यह घर्षण बल उस वस्तु की गति को रोकने या कम करने का काम करेगा।
घर्षण गुणांक (μ) एक मात्रात्मक मान है जो यह दर्शाता है कि दो सतहों के बीच कितना घर्षण बल उत्पन्न होगा। यह एक निर्घारितांक (constant) होता है, जो सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
घर्षण गुणांक का सूत्र में उपयोग:
F = μN
जहाँ μ जितना अधिक होगा, घर्षण उतना ही अधिक होगा।
पहलू | स्थैतिक घर्षण गुणांक (μₛ) | गतिशील घर्षण गुणांक (μₖ) |
परिभाषा | जब वस्तु स्थिर हो, तब उत्पन्न घर्षण | जब वस्तु गति में हो, तब उत्पन्न घर्षण |
मान | हमेशा अधिक होता है | स्थैतिक से कम होता है |
उदाहरण | किसी भारी डिब्बे को खींचने से पहले | डिब्बा खिंचने के दौरान |
प्रतीक | μₛ | μₖ |
सतह का संयोजन | स्थैतिक μₛ | गतिशील μₖ |
रबर और कंक्रीट (सूखी सतह) | 1.0 | 0.8 |
स्टील और स्टील (सूखा) | 0.6 | 0.4 |
लकड़ी और लकड़ी | 0.5 | 0.3 |
बर्फ पर धातु | 0.1 | 0.02 |
ग्रीस लगी धातु सतहें | 0.05 | 0.03 |
घर्षण बल और गति का गहरा संबंध है। जब कोई वस्तु गति करती है या गति में आने का प्रयास करती है, तो घर्षण बल उसकी दिशा के विपरीत कार्य करता है। यह बल गति को रोकने या नियंत्रित करने में सहायक होता है।
न्यूटन का पहला नियम (जड़त्व का नियम):
किसी वस्तु की गति तब तक बनी रहती है जब तक उस पर कोई बाहरी बल कार्य न करे।
यहां घर्षण वह बाहरी बल है जो वस्तु को रुकने पर मजबूर करता है।
न्यूटन का दूसरा नियम (F = ma):
जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है, तो वह बल वस्तु की द्रव्यमान और त्वरण पर निर्भर करता है।
घर्षण बल इस कुल बल का हिस्सा होता है और गति को धीमा करता है।
न्यूटन का तीसरा नियम (क्रिया-प्रतिक्रिया):
हर क्रिया के बराबर और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
जब हम चलते हैं, तो हमारे पैर पीछे की ओर बल लगाते हैं, और ज़मीन घर्षण के माध्यम से आगे की ओर प्रतिक्रिया देती है।
घर्षण बल और नेट फोर्स में संबंध
नेट फोर्स (शुद्ध बल) = अप्लाइड फोर्स – घर्षण बल
अगर घर्षण बल अधिक है, तो गति आरंभ करने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। यदि घर्षण न हो, तो वस्तु बहुत आसानी से गति करने लगेगी, लेकिन उसे नियंत्रित करना कठिन हो जाएगा।
घर्षण एक ऐसा बल है जिसे छात्र न सिर्फ पढ़ सकते हैं बल्कि आसानी से घरेलू और शैक्षणिक प्रयोगों के माध्यम से समझ भी सकते हैं। नीचे कुछ ऐसे प्रयोग, मॉडल और विज्ञान मेले के लिए गतिविधियाँ दी गई हैं जो घर्षण की अवधारणा को रोचक बनाते हैं।
1. सरल घरेलू प्रयोग
प्रयोग: कौन सी सतह अधिक घर्षण देती है?
सामग्री:
किताब या खिलौना
लकड़ी की सतह, टाइल, गत्ता, कपड़ा
स्टॉपवॉच (वैकल्पिक)
विधि:
किताब को हर सतह पर एक समान बल से सरकाएं।
देखें कि कौन सी सतह पर किताब जल्दी रुकती है।
इससे आप समझ सकते हैं कि किस सतह का घर्षण अधिक है।
2. स्कूली छात्रों के लिए मॉडल
मॉडल: स्लोपिंग प्लैंक मॉडल
सामग्री:
तख्ती (लकड़ी की)
किताब या ब्लॉक
प्रोट्रैक्टर
विभिन्न सतहें (रेत-पेपर, कपड़ा, प्लास्टिक शीट)
विधि:
तख्ती को झुकाते जाएँ और देखें कि कौन-सी सतह पर वस्तु पहले सरकती है।
जिस सतह पर सबसे अधिक कोण पर वस्तु सरके, वहाँ घर्षण अधिक होता है।
3. विज्ञान मेले में प्रदर्शन योग्य गतिविधियाँ
प्रदर्शन: रबर बनाम प्लास्टिक – घर्षण तुलना
विचार:
दो समान वस्तुओं को अलग-अलग सामग्री की सतहों पर रखकर सरकाना। छात्रों को बताना कि किसमें पकड़ अच्छी है और क्यों।
उदाहरण: रबर शीट बनाम प्लास्टिक शीट पर स्लाइड करना।
रोलिंग बनाम स्लाइडिंग
गेंद (लुढ़कने वाला घर्षण) और ब्लॉक (सरकने वाला घर्षण) को एक ही ढलान पर छोड़ना और तुलना करना – कौन पहले नीचे पहुंचता है और क्यों।
घर्षण बल हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल हमारी गतिविधियों को संभव बनाता है, बल्कि कई बार ऊर्जा की हानि का कारण भी बनता है। नीचे कुछ प्रमुख उदाहरण दिए गए हैं:
1. पैदल चलना | Gharshan kya Hai
जब हम चलते हैं, तो हमारे पैरों और ज़मीन के बीच घर्षण पैदा होता है। यह घर्षण हमें फिसलने से बचाता है और आगे बढ़ने में सहायता करता है।
2. वाहन चलाना और ब्रेक लगाना | Gharshan Kya Hai
गाड़ियों के टायर और सड़क के बीच घर्षण होता है, जिससे वाहन आगे बढ़ता है। ब्रेक लगाने पर यही घर्षण गाड़ी को रोकने में मदद करता है।
3. पेन या चाक से लिखना | Gharshan Kya Hai
कागज पर पेन या ब्लैकबोर्ड पर चाक से लिखने के लिए घर्षण की आवश्यकता होती है। अगर घर्षण न हो, तो लिखना संभव नहीं होगा।
4. वस्तुओं को पकड़ना या उठाना
हमारे हाथों और किसी वस्तु के बीच घर्षण के कारण ही हम उसे मजबूती से पकड़ पाते हैं। चिकनी वस्तुएं फिसल जाती हैं क्योंकि उनमें घर्षण कम होता है।
5. सफाई करना
झाड़ू लगाना, सतह को रगड़कर साफ़ करना या बर्तन धोना, ये सभी काम घर्षण के कारण संभव होते हैं।
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घर्षण बल किसे कहते हैं? घर्षण एक ऐसा बल है जो हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी, विज्ञान और तकनीक में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जहां एक ओर चलने, लिखने, गाड़ी रोकने जैसे कार्यों में सहायता करता है, वहीं दूसरी ओर यह ऊर्जा की हानि और यंत्रों के घिसाव का कारण भी बनता है।
इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक अनुसंधानों में, घर्षण को नियंत्रित करने की तकनीकों (जैसे चिकनाई, बॉल बेयरिंग, पॉलिशिंग आदि) का विकास लगातार किया जा रहा है, ताकि उसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।
(Gharshan Kya Hai)इसलिए घर्षण को एक “दोधारी तलवार” कहा जा सकता है — जो एक ओर हमारे लिए उपयोगी है, वहीं दूसरी ओर नियंत्रण न होने पर हानिकारक भी साबित हो सकता है।
जब दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में होती हैं और एक सतह दूसरी पर खिसकने की कोशिश करती है, तो उनके बीच जो गति का विरोध करने वाला बल उत्पन्न होता है, उसे घर्षण (Friction) कहते हैं।
घर्षण बल की SI इकाई न्यूटन (Newton) है।
प्रतीक: N
घर्षण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
स्थैतिक घर्षण (Static Friction)
गतिज घर्षण (Kinetic Friction)
इसके अलावा कुछ संदर्भों में रोलिंग घर्षण और द्रव घर्षण को भी शामिल किया जाता है।
घर्षण को नियंत्रित करने के मुख्य तरीके हैं:
सतहों को चिकना बनाना
चिकनाई (तेल/ग्रीस) का उपयोग
बॉल बेयरिंग या रोलर लगाना
कम घर्षण वाली सामग्री का प्रयोग
वस्तु का भार कम करना
जब कोई वस्तु किसी सतह पर स्थिर रहती है और उस पर बल लगाने पर भी वह नहीं खिसकती, तब उस स्थिति में वस्तु और सतह के बीच जो घर्षण बल कार्य करता है, उसे स्थैतिक घर्षण कहते हैं। यह वस्तु की गति शुरू होने से पहले होता है।
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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor
Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.
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