Quick Summary
फ्रीलांसर कैसे बने? लोग अब ऑनलाइन काम करने की ओर बढ़ गए हैं। ये एक ट्रेंड बन गया है। इंटरनेट और डिजिटलाईजेशन ने रिमोट काम के लिए नए मौके पैदा किए हैं, जो उनके स्किल्स और एक्सपर्टीज के अनुसार उनके घरों या पसंदीदा जगहों पर आराम से नौकरियां करने का अच्छा मौका है। और ये COVID 19 के बाद से बढ़ गया है। जहां लोगों ने अपनी बुनियादी नौकरियां तो खो दीं लेकिन उसकी जगह इनकम कमाने के नए तरीके खोजे। ऑनलाइन जॉब प्लेटफ़ॉर्म और फ्रीलांसिंग ने भारतीयों के लिए दुनिया भर के एंप्लॉयर्स और एंप्लॉयीज का जुड़ना आसान बना दिया है।
फ्रीलांसिंग self employment का एक रूप है। वे कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं। फ्रीलांसिंग नौकरी में सभी independent contractors हैं। एक बात जो याद रखना इंपोर्टेंट है, वो ये है कि फ्रीलांसिंग के लिए जरूरी है कि आप डैडलाइन का ध्यान रखें।
अगर आप एक फ्रीलांसर के रूप में काम करते हैं, तो आप किसी कंपनी के एम्प्लॉय के रूप में काम नहीं करते हैं। आप इंडिपेंडेंट होकर काम करते हैं, इसका फायदा ये है कि आपको स्ट्रांग इंटरनेट कनेक्शन के साथ कहीं से भी काम की आजादी मिलती है। आपको किसके लिए काम करना है और किस समय पर काम करना हैं, ये सब चुन सकते हैं। लेकिन काम की डैडलाइन का जरूर ध्यान रखना चाहिए। आप किसी भी भारतीय क्लाइंट या विदेश में रहने वाले क्लाइंट के लिए काम कर सकते हैं। आप दुनिया भर में कहीं से भी और किसी के लिए भी काम कर सकते हैं।
फ्रीलांसिंग शुरू कैसे करें ये जानने से पहले आपको फ्रीलांसिंग के फायदे जानने चाहिए।
अगर हम मिलने वाले पेमेंट की बात करें, तो ये आपके द्वारा किए गए प्रोजेक्ट पर डिपेंड करता है। आपको क्लाइंट्स के अनुसार पेमेंट किया जाएगा। ये हर घंटे की फीस, हर दिन की फीस, पर-प्रोजेक्ट फीस हो सकती है।
एक फ्रीलांसर के रूप में आपके पास ढेर सारी नौकरियाँ मौजूद हैं। फ्रीलांसिंग के लिए जिन सभी टॉपिक्स पर आप प्रोजेक्ट्स ले सकते हैं, वो हैं –

फ्रीलांसिंग एक करियर ऑप्शन की तरह चुनना सबको बहुत अट्रैक्टिव लगता है। लेकिन सवाल ये है कि फ्रीलांसर कैसे बने? फ्रीलांसर बनने से पहले आपके पास एक प्लान होना चाहिए। फ्रीलांसिंग शुरू करने के लिए आप नीचे दिए हुए स्टेप्स फॉलो कर सकते है।
केवल कुछ पॉपुलर फ्रीलांस काम चुनने से आप एक अच्छे फ्रीलांसर नहीं बन सकते, उल्टा यह आपको निराश कर सकता है। सबसे पहले एक फ्रीलांसिंग एरिया चुनना बेहतर है। आपको सबसे पहले अपना एनालिसिस करना चाहिए। कौन से टॉपिक आपकी ताकत हैं, और आपकी कमजोरियां क्या हैं। आप जिस फ्रीलांस काम के बारे में सोच रहे हैं उसका SWOT एनालिसिस करें। मतलब यह निर्धारित करें कि कौन से स्किल की डिमांड हैं, क्या आप उन्हें बेहतर कर सकते हैं, आप इससे कितना कमाएंगे, क्या इसमें आपका सारा समय लग रहा है।
आपको एक अच्छा रिसर्च करना चाहिए और अपने लिए सही प्लेटफार्म चुनें। आप कई प्लेटफार्मों पर काम कर सकते हैं। बहुत सारी फ्रीलांसिंग वेबसाइट्स हैं। इनसे आप अपने बिजनेस और कस्टमर बेस बढ़ा सकते हैं। आपको अपने टारगेट ऑडियंस को खोजना चाहिए। उन कस्टमर्स की तलाश करते रहें, जिन्हें आपके स्किल्स की जरूरत है।
आपको उन चुने प्लेटफार्मों में साइन अप करना होगा। कुछ का रजिस्ट्रेशन फ्री हो सकता है, कुछ मेंबरशिप फीस मांग सकते हैं।
एक सफल फ्रीलांसर बनने के लिए आपको एक इंटरेस्टिंग पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। पोर्टफोलियो एक डॉक्यूमेंट होता है जिसमे आपके द्वारा किये हुए कामो की लिस्ट और उनकी डिटेल्स होती है। एक फ्रीलांसर के रूप में आपको अपने पोर्टफोलियो को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर आप बिगिनर हैं ,तो आपको एक अट्रैक्टिव पोर्टफोलियो बनाना चाहिए जो आपके स्किल्स को शोऑफ करें। आपका पोर्टफोलियो आपकी अचीवमेंट्स और आपके द्वारा काम किए गए पिछले प्रोजेक्ट्स को दिखाता है और आपके काम की क्वालिटी भी दिखाता है। ये अपने कस्टमर्स को अपनी स्किल्स दिखाने का एक शानदार तरीका है। क्लाइंट्स को आपको प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट देने का फायदा पता होना चाहिए।
प्रोजेक्ट की सक्सेस या फेलियर होने पर भी आपको कंपनियों और क्लाइंट्स के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए। वे आपके फ्यूचर के क्लाइंट हो सकते हैं। और अगर आपको प्रोजेक्ट मिल जाए तो बधाई हो और अब अपना काम शुरू करें। आपको बहुत अच्छा काम करना चाहिए यानी क्लाइंट खुश होने चाहिए। उनके साथ अच्छा कम्युनिकेशन रखें। अपना कार्य समय पर पूरा करें। सबसे खास बात है कि सीखते रहें। एक प्रोजेक्ट के बाद बैठ न जाएं। नया जॉब ढूंढते रहें और लगातार काम करें।
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि फ्रीलांसिंग के लिए अलग-अलग प्रकार की नौकरियां मौजूद हैं। हमें पूरा भरोसा हैं, वहां आपके लिए एक फ्रीलांस नौकरी हैं। अपने स्किल के बारे में सोचें। सबसे अच्छा काम वही होता हैं, जिसमें आप सबसे ज्यादा स्किल्ड होते हैं और आपको वो काम करने में मज़ा आता है। आप अपने उन सभी स्किल्स के बारे में भी सोच सकते हैं, जिनसे आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
कमाने से पहले आपको पहले थोड़ा खर्च करना होगा। जैसे कि आप राइटिंग वर्क करने जा रहे हैं तो आपके पास एक कंप्यूटर/लैपटॉप और एक स्ट्रॉन्ग इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए। अगर आप फोटोग्राफी का काम कर रहे हैं तो आपके पास कैमरा होना जरूरी है। अगर आप कोई वेबसाइट का काम करने वाले हैं तो आपके के पास उससे जुड़ा सॉफ्टवेयर होना चाहिए।
भले ही प्रोजेक्ट सस्ते हों, उन्हें जरूर करें। मैं तो ज्यादा कमाई वाले ही कॉन्ट्रैक्ट ही एक्सेप्ट करूंगा/करूंगी, ऐसी सोच न रखें। अनुभव आपको सीखने में मदद करेगा और साथ ही आपको भविष्य में अच्छे रेफरेंस भी दे सकता हैं। ये आपको बेहतर समझ देगा, आपकी लिमिट और स्किल्स बढ़ाएगा और एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाएगा।
फ्रीलांसिंग के लिए दो तरह के प्राइसिंग स्ट्रक्चर हैं। प्रति घंटा (Hourly pricing) और फिक्स्ड प्राइस (project based fixed pricing)।
आप जानते होंगे कि कोई भी बिजनेस डील बिजनेस प्रपोजल के आधार पर तय होता हैं। प्रस्ताव/ प्रपोजल जितना अच्छा होगा कॉन्ट्रैक्ट मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट लाती हैं और कुछ पोर्टफोलियों का चयन करती हैं, जो प्रोजेक्ट की जरूरतों से मेल खाते हों। आपको एक अच्छा प्रपोजल बनाना होगा और बोली (bid) लगानी होगी। प्रपोजल में कंपनी की ज़रूरतों को अंडरलाइन किया जाना चाहिए और आप उनकी कैसे मदद कर सकते हैं। आप अपनी पिछलें प्रोजेक्ट्स और शामिल कर सकते हैं। लिखते समय प्रोफेशनल भाषा और अच्छे टोन का प्रयोग करें। प्रोजेक्ट ओनर बोलियों का एनालिसिस करता हैं और बेस्ट फ्रीलांसर का चयन करता हैं। और आपका प्रपोजल आपकी जीत तय करता हैं।
Facebook, Twitter, Instagram, YouTube, LinkedIn या अपनी पसंद के किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए से दुनिया को अपने बारे में बताएं। अपना पोर्टफोलियो शेयर करें। इस तरह आपको ज्यादा क्लाइंट्स और जॉब मिलेंगे। कुछ फ्रीलांसिंग कम्युनिटी से जुड़ें जहां आप अपने जैसे लोगों से मिलेंगे और गाइडेंस में आपकी सहायता भी करेंगे।
इन सभी बातों को ध्यान में रख के आप फ्रीलांसिंग क्या है औरFreelancing Kaise Kare आप जान गए होंगे।
फ्रीलांस वेबसाइट्स पर प्रोजेक्ट्स करने के अलावा आप –
सोशल मीडिया मैनेजमेंट, डिजाइनिंग, राइटिंग, लाइफस्टाइल, ग्राफिक्स जैसे फ्रीलांसिंग जॉब्स मिलते हैं। इसमें फ्री मेंबरशिप हैं। आप प्रत्येक ट्रांजेक्शन का 80% अपने पास रखते हैं।
चाहे आप एक अकाउंटिंग एक्सपर्ट, डेवलपर, वेब डिजाइनर, राइटर, कस्टमर सर्विस, या किसी अन्य प्रकार के एक्सपर्ट हों, आपको Upwork पर ऐसी फ्रीलांसिंग जॉब्स मिलेंगी, जो आपकी जरूरतों को पूरा करती हैं। फ्रीलांसर एक प्रोफ़ाइल बना सकते हैं और यहां तक कि एक इंट्रोडक्शन वीडियो भी जोड़ सकते हैं जो उनके स्किल, पर्सनेलिटी और अनुभव दिखाता हैं। रजिस्ट्रेशन फ्री हैं। अपग्रेड करने के लिए मेंबरशिप लें सकते हैं। Upwork में लंबी और सेलेक्टिव हायरिंग प्रोसेस है।
राइटिंग, मार्केटिंग, ट्रांस्क्रपिशन, फ्रीलांस, पार्ट टाइम और फुलटाइम नौकरियों मौजूद हैं। यहां काम करने के लिए मेंबरशिप फीस लगती हैं। 30 दिन की satisfaction guarantee हैं, अगर आप सेवा से सैटिफाइड नहीं हैं तो आप पूरा रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
कॉपी राइटिंग, ट्रांसलेशन, ग्राफिक डिज़ाइन, और बहुत सारे ऑप्शंस मिलेंगे। LinkedIn सबसे पॉपुलर नौकरी साइटों में से एक है जो अलग – अलग फील्ड में नौकरी खोजने का तरीका आसान बनाती हैं। साइन अप करें और प्रोफ़ाइल बनाएं। यहां फ्री और पेड मेंबरशिप है।
ये सबसे पॉपुलर फ्रीलांसिंग वेबसाइट है। ये कंटेंट ट्रांसलेशन, वेब डेवलपमेंट, सोशल मीडिया मार्केटिंग के लिए नौकरियां देता है। ये प्लेटफ़ॉर्म आपकी कुल कमाई का 10% हिस्सा लेता हैं।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, फाइनेंशियल कंसल्टेंट, इंटरिम मैनेजमेंट और बहुत से जॉब्स अवेलेबल हैं। एक फ्रीलांसर के रूप में Toptal में अप्लाई करने के प के पांच स्टेप्स को पार करना आवश्यक हैं। ये प्रोसेस कन्फर्म करती है कि केवल टॉप 3% ही इस प्लेटफार्म पर पहुंचें। सर्विस फीस लगती हैं।
राइटिंग, ग्राफ़िक डिज़ाइन, डेटा एंट्री के लिए अच्छी साइट है। यह फ्रीलांस ऑपर्च्युनिटी ढूंढने के प्रॉसेज को सेंट्रलाइज करता है।
इसमें ह्यूमन रिसोर्स, डेटा एंट्री, फाइनेंस से संबंधित ऑफर्स हैं। लोग बिना प्रोफ़ाइल के सिंपलीहायर्ड के जरिए ब्राउज़ कर सकते हैं।
कंपनियां प्रोग्रामर, ग्राफिक डिजाइनर और प्रोडक्ट मैनेजर जैसे अलग – अलग स्किल्स वाले प्रोफेशनल्स को हायर कर सकती हैं। फ्री और पेड, दोनों मेंबरशिप यहां मिलेगी।
Behance एक सोशल नेटवर्क है। लोग पोर्टफोलियो बनाने, एनीमेशन, वेबसाइट और ग्राफिक डिजाइन जैसे सभी क्रिएटिव कामों के लिए वेबसाइट का यूज करते हैं।
डिजाइनर के लिए बहुत अच्छा प्लेटफार्म हैं। यह वेब, लोगो और ग्राफिक डिजाइनिंग के लिए सबसे अच्छी साइटों में से एक है।
यहां पब्लिक रिलेशन, मार्केटिंग और जर्नलिज्म जैसी अलग अलग नौकरियां हैं। People per hour फ्रीलांसरों से per client service fee लेते हैं।
इसमें वेबसाइट, ब्रांड और merchandise डिज़ाइन जैसी डिज़ाइन नौकरियों की भरमार हैं। इस वेबसाइट पर आप अपने खुद के स्टोर बना सकते हैं और विश्व स्तर पर बिक्री शुरू कर सकते हैं।
यहां एक चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका दी गई है जो बताएगी कि आप फ्रीलांसिंग करियर की शुरुआत कैसे कर सकते हैं:
सबसे पहले, यह जानें कि आप क्या कर सकते हैं और किन सेवाओं की मांग है। अपने कौशल का मूल्यांकन करें और यह सुनिश्चित करें कि जो सेवाएं आप देना चाहते हैं, उनकी बाजार में ज़रूरत है।
अपने सर्वोत्तम कार्यों को शामिल करते हुए एक पेशेवर पोर्टफोलियो बनाएं। यह संभावित क्लाइंट्स को दिखाएगा कि आप क्या कर सकते हैं और आपने पहले क्या किया है।
Upwork, Fiverr और Freelancer जैसी विश्वसनीय वेबसाइटों पर साइन अप करें। ये प्लेटफॉर्म शुरुआती लोगों को क्लाइंट्स से जुड़ने में मदद करते हैं।
LinkedIn, Instagram, Twitter जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपनी सेवाएं प्रमोट करें। इससे न केवल नए क्लाइंट्स मिलते हैं बल्कि इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स से जुड़ने का मौका भी मिलता है।
शुरुआत में छोटे-छोटे गिग्स लेना फायदेमंद होता है। इससे अनुभव मिलता है, रेटिंग बढ़ती है और भविष्य में बड़े प्रोजेक्ट्स मिलने की संभावना बनती है।
दोस्तों, रिश्तेदारों और पुराने सहकर्मियों को बताएं कि आप फ्रीलांस काम कर रहे हैं। कई बार पहला प्रोजेक्ट जान-पहचान से ही मिलता है।
संभावित ग्राहकों को ईमेल या मैसेज के जरिए पेशेवर अंदाज में संपर्क करें। उन्हें बताएं कि आप उनकी समस्याओं को कैसे हल कर सकते हैं।
फ्रीलांसिंग की शुरुआत में थोड़ा समय लग सकता है, इसलिए निरंतर कोशिश करते रहें। अपनी प्रोफाइल सुधारते रहें, नए प्रोजेक्ट्स के लिए आवेदन करते रहें और हार न मानें।
1. कर संबंधी ज़िम्मेदारियाँ
एक फ्रीलांसर के तौर पर आपको स्वयं अपने टैक्स भरने की जिम्मेदारी उठानी होती है। आय और व्यय का रिकॉर्ड रखना, कर कटौती का लाभ लेना और समय पर टैक्स नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है ताकि किसी प्रकार के दंड से बचा जा सके।
2. खर्चों पर नियंत्रण और निगरानी
अपने पेशेवर खर्चों — जैसे कि सॉफ़्टवेयर सब्सक्रिप्शन, उपकरण खरीद, यात्रा आदि — को व्यवस्थित तरीके से ट्रैक करना चाहिए। इससे न केवल आपके वित्तीय प्रबंधन में मदद मिलती है, बल्कि यह टैक्स बचत के लिए भी उपयोगी होता है।
3. लगातार सीखते रहना
अपने क्षेत्र से जुड़े नए ट्रेंड्स और तकनीकों से अपडेट रहना जरूरी है। ऑनलाइन कोर्स, सर्टिफिकेट प्रोग्राम और इंडस्ट्री इवेंट्स में भाग लेने से आप प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकते हैं और लंबे समय तक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
1. अस्थिर कार्य और आय
फ्रीलांसिंग में कार्य की स्थिरता नहीं होती — कभी बहुत अधिक काम होता है, तो कभी बिल्कुल भी नहीं। यह उतार-चढ़ाव स्थायी आय बनाए रखना कठिन बना देता है, जिससे आपको सेविंग्स या पार्ट-टाइम जॉब जैसे विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है।
2. कर्मचारी लाभों की कमी
फ्रीलांसरों को हेल्थ इंश्योरेंस, पेड लीव, और रिटायरमेंट प्लान जैसे कर्मचारी लाभ नहीं मिलते। इन सभी चीजों की व्यवस्था उन्हें खुद ही करनी पड़ती है, जो एक अतिरिक्त वित्तीय जिम्मेदारी बन जाती है।
3. प्रशासनिक कार्यों का बोझ
फ्रीलांसिंग सिर्फ काम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें चालान बनाना, क्लाइंट से संवाद, कानूनी दस्तावेज़ और डिजिटल मार्केटिंग जैसी कई व्यवस्थाएं भी शामिल होती हैं। इनके लिए बेसिक अकाउंटिंग और टैक्स नियमों की समझ आवश्यक होती है।
4. अकेलेपन का अनुभव
फ्रीलांसर अक्सर घर या अकेले स्थान से काम करते हैं, जिससे सामाजिक संपर्क सीमित हो जाता है। पारंपरिक ऑफिस जैसा टीम सहयोग या सहकर्मियों से बातचीत का माहौल नहीं होने के कारण यह अलगाव महसूस हो सकता है।
एक फ्रीलांसर के रूप में केवल प्रोजेक्ट पूरा करना ही काम नहीं है, बल्कि अपनी आय को सही तरीके से डिक्लेयर करना और कानूनी नियमों का पालन करना भी ज़रूरी है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
फ्रीलांसर के लिए समय ही पैसा है। सही समय प्रबंधन से आप कम समय में अधिक प्रोजेक्ट पूरे कर सकते हैं।
उपयोगी टूल्स और तकनीकें:
सफल फ्रीलांसिंग का राज़ सिर्फ स्किल्स में नहीं, बल्कि प्रोफेशनल तरीके से क्लाइंट हैंडल करने में भी है।
क्लाइंट ऑनबोर्डिंग स्टेप्स:
कमाई पूरी तरह स्किल और अनुभव पर निर्भर करती है।
फ्रीलांसिंग एक self-employed बिजनेस हैं। इसमें आप किसी एक कंपनी के लिए काम नहीं करते हैं बल्कि अलग-अलग कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट पर प्रोजेक्ट लेते हैं और अच्छी कमाई करते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको फ्रीलांसिंग क्या हैं, फ्रीलांसिंग कैसे शुरू करें और फ्रीलांसर कैसे बने(freelancer kaise banne) इस आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा। फ्रीलांसिंग के कुछ फायदे हैं और थोड़े नुकसान भी हैं। जैसे आपको कंपनी से कोई इंश्योरेंस नहीं मिलता, जॉब सिक्योरिटी नहीं होती और अब कंपटीशन भी बढ़ गया हैं।
फ्रीलांसिंग जॉब्स बिजनेस उनके लिए बहुत अच्छा है जो एक्स्ट्रा इनकम कमाना चाहते हैं या जिन्हें पार्ट टाइम जॉब में इंटरेस्ट हैं। शुरुआत में ही आप निराश ना हो, अगर आपकी कमाई कम होती हैं या आपको सही क्लाइंट्स नहीं मिलते हैं। छोटे-छोटे कामों से शुरुआत करें और अच्छा एक्सपीरियंस लें जिससे आपका पोर्टफोलियो स्ट्रांग बनता हैं। सभी वेबसाइट्स की अच्छे से जांच करें और ऑफिशल वेबसाइट से ही काम करें क्योंकि ये ऑनलाइन बिजनेस हैं, इसमें स्कैम्स का खतरा ज्यादा होता है।
Chegg India है अपनी नॉलेज शेयर करने का बहुत अच्छा प्लेटफार्म। स्टूडेंट्स द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दे कर आप कमा सकते हैं एक अच्छी इनकम। आज ही रजिस्टर करें Chegg India पर।

फ्रीलांसिंग सेल्फ – एंप्लॉयड जॉब हैं जिसमें आप किसी एक कंपनी के लिए नहीं बल्कि अलग-अलग कंपनियों के लिए काम करते हैं। इसके लिए आपको ऑफिस से काम करने की जरूरत नहीं हैं। आप आराम से घर पर अपने समय अनुसार काम कर सकते हैं।
एक फ्रीलांसर के तौर पर आपको कमाई करने में थोड़ा समय लग सकता हैं। इंडिया में आप हर महीने 8000 से 100000 रुपए तक कमा सकते हैं। कमाई से ज्यादा भी हो सकती है, ये आपके एक्सपीरियंस और काम पर निर्भर करता है।
आज की तारीख में फ्रीलांसिंग एक बहुत अच्छा करियर ऑप्शन हैं। आप इसे पार्ट टाइम या फुल टाइम कर सकते हैं।
फ्रीलांसर कैसे बने और उसके लिए क्या जरूरी हैं ये सवाल सभी पूछते हैं। फ्रीलांसर बनने के लिए सही फ्रीलांसिंग जॉब्स का चुनाव करना, टाइम मैनेजमेंट, लगातार अच्छे क्लाइंट्स ढूंढना, कम्युनिकेशन स्किल, और अपना पोर्टफोलियो अपग्रेड करना जरूरी है। एक फ्रीलांसर के लिए नई चीज़े सीखते रहना भी बहुत जरूरी है।
हाँ, फ्रीलांसिंग में डिग्री से ज्यादा आपकी स्किल और काम की क्वालिटी मायने रखती है। कई लोग बिना डिग्री के भी सफल फ्रीलांसर बने हैं।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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