ECG Kya Hota Hai?: ईसीजी क्या है, प्रकार, लाभ तैयारी

February 20, 2025
ecg kya hota hai
Quick Summary

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  • ईसीजी (ECG) या इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम दिल की विद्युत गतिविधि को मापने वाली एक परीक्षण विधि है।
  • यह दिल के धड़कन और उसकी गति का रिकॉर्ड करता है।
  • ईसीजी से दिल की कार्यप्रणाली, अतालता, दिल के दौरे या अन्य हृदय समस्याओं का पता चलता है।
  • यह दर्द या असुविधा के बिना किया जाता है।

Table of Contents

ECG kya hota hai? ईसीजी (Electrocardiogram) एक सरल और दर्दरहित टेस्ट है, जिसका उपयोग हृदय की इलेक्ट्रिकल गतिविधियों को मापने के लिए किया जाता है। इसे ईसीजी या ईकेजी (EKG) के नाम से भी जाना जाता है। यह परीक्षण हृदय की स्थिति का पता लगाने में मदद करता है और समय पर सही उपचार की दिशा तय करता है।यह एक साधारण, दर्द रहित और तेज प्रक्रिया है, जो दिल की धड़कनों और उनकी इलेक्ट्रिकल गतिविधियों को रिकॉर्ड करती है। Ecg kya hota hai लेख में हम ईसीजी का फुल फॉर्म, असामान्य ईसीजी लक्षण, और ईसीजी रिपोर्ट कैसे देखें के साथ-साथ इसके महत्व पर चर्चा करेंगे।

ईसीजी का फुल फॉर्म (Full Form of ECG)

ईसीजी का फुल फॉर्म “एलेक्ट्रोकार्डियोग्राम” (Electrocardiogram) है। यह एक मेडिकल परीक्षण है, जिसका उपयोग दिल की धड़कनों और उसकी विद्युत गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण दिल की स्थिति, जैसे कि हार्ट अटैक, अतालता (arrhythmia), और अन्य हृदय रोगों के निदान में मदद करता है। ईसीजी एक त्वरित और सुरक्षित विधि है, जो डॉक्टर को दिल के स्वास्थ्य का सही आकलन करने में मदद करती है।

ECG Kya Hota Hai?: (ईसीजी क्या होता है?)

ईसीजी हृदय की विद्युत गतिविधियों को रिकॉर्ड करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें त्वचा पर लगाए गए इलेक्ट्रोड का उपयोग किया जाता है। ये इलेक्ट्रोड दिल की धड़कन के दौरान होने वाले छोटे-छोटे विद्युतीय परिवर्तनों का पता लगाते हैं। ये परिवर्तन हृदय की मांसपेशियों के इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल पैटर्न के कारण उत्पन्न होते हैं, जो हर धड़कन के दौरान सिकुड़ने (Depolarization) और आराम करने (Repolarization) की प्रक्रिया को दर्शाते हैं।

यह कार्डियोलॉजी में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले परीक्षणों में से एक है, क्योंकि यह हृदय की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करने का एक सरल, तेज़ और प्रभावी तरीका है। ecg kya hota hai जान लेने के पश्चात अब बात करते हैं, ईसीजी कैसे काम करता है?

ईसीजी कैसे काम करता है? (How Does ECG Work?)

  • ईसीजी मशीन शरीर पर लगाए गए इलेक्ट्रोड्स (Sensors) के माध्यम से दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधियों को रिकॉर्ड करती है।
  • इलेक्ट्रोड्स दिल के इलेक्ट्रिकल सिग्नल को पकड़कर एक ग्राफ पर दर्शाते हैं, जिसे ईसीजी रिपोर्ट कहते हैं।
  • इस ग्राफ से डॉक्टर दिल की धड़कनों, उनके पैटर्न और असामान्यताओं का अध्ययन करते हैं।

ईसीजी के प्रकार (Types of ECG)

ईसीजी परीक्षण उस समय हृदय की विद्युत गतिविधियों की छवि (image) को रिकॉर्ड करता है जब मरीज की जांच की जा रही होती है। हालांकि, कुछ हृदय संबंधी समस्याएं अस्थायी होती हैं, यानी वे उत्पन्न होती हैं और फिर ठीक हो जाती हैं। ऐसे मामलों में मरीज को विशेष प्रकार की जांच की आवश्यकता हो सकती है। आमतौर पर, ईसीजी के तीन मुख्य प्रकार होते हैं।

1. स्ट्रेस ईसीजी (Stress ECG Kya Hota Hai?)

स्ट्रेस ईसीजी, जिसे एक्सरसाइज ईसीजी भी कहा जाता है, हृदय की गतिविधियों को शारीरिक श्रम या तनाव की स्थिति में मापने के लिए किया जाता है।

कैसे किया जाता है?

मरीज को ट्रेडमिल या स्थिर साइकिल पर व्यायाम करने के लिए कहा जाता है। व्यायाम के दौरान शरीर पर लगे इलेक्ट्रोड हृदय की गतिविधियों को मापते हैं। यदि मरीज व्यायाम करने में असमर्थ हो, तो दवाओं का उपयोग करके कृत्रिम रूप से दिल की गति बढ़ाई जाती है।

क्या जांचता है?

हृदय के रक्त प्रवाह में रुकावट (जैसे कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज) का पता लगाता है। दिल की धड़कन और रक्तचाप में व्यायाम के कारण होने वाले परिवर्तनों का विश्लेषण करता है।

उपयोगिता- दिल के ब्लॉकेज, स्ट्रोक, या अन्य कार्डियक समस्याओं की पहचान करता है। हृदय रोग के जोखिम का आकलन करने और हृदय की क्षमता को मापने के लिए उपयोगी है।

2. होल्टर मॉनिटरिंग (Holter Monitoring ECG Kya Hota Hai?)

यह प्रक्रिया लंबे समय तक हृदय की गतिविधियों को मापने के लिए की जाती है और इसमें मरीज की सामान्य दिनचर्या के दौरान दिल की धड़कनों को रिकॉर्ड किया जाता है।

कैसे किया जाता है?

मरीज को एक पोर्टेबल डिवाइस (होल्टर मॉनिटर) पहनाया जाता है। इस डिवाइस को शरीर के साथ जोड़ा जाता है और यह 24 से 48 घंटे तक लगातार हृदय की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। मरीज से कहा जाता है कि वह अपनी सामान्य दिनचर्या जारी रखें और किसी असामान्यता या लक्षण (जैसे सीने में दर्द, चक्कर आना) के समय का रिकॉर्ड रखें।

क्या जांचता है?

लंबे समय तक होने वाली हृदय की अनियमितताओं (जैसे अस्थिर धड़कन, एट्रियल फाइब्रिलेशन) का पता लगाता है। यह प्रक्रिया उन समस्याओं की पहचान करने में मदद करती है, जो रेस्टिंग या स्ट्रेस ईसीजी में नहीं दिखाई देतीं।

उपयोगिता-गंभीर और जटिल हृदय स्थितियों का पता लगाने के लिए अत्यंत प्रभावी। मरीज की दिनचर्या के दौरान होने वाले हृदय संबंधी लक्षणों का अध्ययन करता है। यह डॉक्टर को अधिक सटीक और विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिससे इलाज की बेहतर योजना बनाई जा सकती है।

3. इवेंट रिकॉर्डर (Event Recorder ECG Kya Hota Hai?):

इवेंट रिकॉर्डर एक विशेष प्रकार का ईसीजी डिवाइस है, जो तब उपयोग किया जाता है जब हृदय की समस्याएं अनियमित रूप से और समय-समय पर होती हैं। यह डिवाइस हृदय की विद्युत गतिविधियों को लंबे समय तक रिकॉर्ड करने में मदद करता है और मरीज की धड़कन में असामान्यताओं का पता लगाता है।

कैसे किया जाता है?

मरीज इसे एक पोर्टेबल डिवाइस के रूप में अपने साथ रखता है। जब भी मरीज असामान्य लक्षण (जैसे दिल की धड़कन तेज़ या धीमी लगना) महसूस करता है, वह डिवाइस को सक्रिय करता है।

क्या जांचता है?

यह केवल उन्हीं समयों पर रिकॉर्डिंग करता है, जब मरीज लक्षण महसूस करता है। डिवाइस पिछले कुछ सेकंड की हृदय की विद्युत गतिविधि को भी कैप्चर कर सकता है, जिससे लक्षणों के पहले और बाद की स्थिति को समझने में मदद मिलती है।

उपयोगिता– यह डिवाइस अनियमित समस्याओं का सटीक आकलन करता है, जिन्हें सामान्य ईसीजी या होल्टर मॉनिटरिंग में पकड़ पाना मुश्किल हो सकता है।इसे हृदय की अनियमित धड़कन (Arrhythmias) और अन्य समस्याओं का विश्लेषण करने के लिए उपयोग किया जाता है।

ईसीजी टेस्ट कराने के कारण (ECG Kya Hota Hai)

ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी) टेस्ट हृदय की विद्युत गतिविधियों को मापने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह परीक्षण आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति में हृदय संबंधी समस्याओं के संभावित लक्षण दिखाई देते हैं या जब डॉक्टर हृदय रोग की संभावना का आकलन करना चाहते हैं। नीचे ईसीजी कराने के सामान्य कारणों को विस्तार से बताया गया है:

  1. छाती में दर्द (Chest Pain)
    • छाती में दर्द हृदय संबंधी समस्या का सबसे आम लक्षण है और अक्सर इसे हृदय के दौरे या एंजाइना (Angina) से जोड़ा जाता है।
    • ईसीजी परीक्षण से यह पता लगाया जा सकता है कि क्या छाती का दर्द हृदय की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह की कमी (Ischemia) के कारण हो रहा है।
    • इसके माध्यम से दिल के दौरे (Heart Attack) या दिल की दीवारों की कमजोरी का आकलन भी किया जा सकता है।
  2. सांस लेने में कठिनाई (Breathlessness)
    • सांस लेने में कठिनाई (Dyspnea) हृदय की पंपिंग क्षमता में कमी का संकेत हो सकता है।
    • यह लक्षण हृदय विफलता (Heart Failure) या दिल की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण हो सकता है।
    • ईसीजी से डॉक्टर यह समझ सकते हैं कि हृदय में ऑक्सीजन की कमी या रक्त प्रवाह में कोई बाधा है या नहीं।
  3. अनियमित धड़कन (Irregular Heartbeat)
    • दिल की धड़कन में अनियमितता, जिसे अतालता (Arrhythmia) कहा जाता है, कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हो सकती है।
    • ईसीजी से हृदय की विद्युत प्रणाली में असामान्यताओं का पता लगाया जाता है, जैसे:
    • दिल की धड़कन बहुत तेज़ या बहुत धीमी होना।
    • असमान धड़कन, जैसे एट्रियल फाइब्रिलेशन ।
    • समय रहते इसका पता चलने से उचित उपचार शुरू किया जा सकता है।
  4. चक्कर आना या बेहोशी (Dizziness or Fainting):
    • अचानक चक्कर आना या बेहोशी (Syncope) अक्सर हृदय की विद्युत गतिविधियों में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
    • ईसीजी के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि क्या हृदय पर्याप्त रक्त प्रवाह प्रदान कर रहा है या नहीं।
    • यह लक्षण आमतौर पर हृदय के ब्लॉकेज, अतालता, या रक्तचाप में गिरावट से संबंधित होता है।

हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास (Family History of Heart Disease):

  • अगर किसी व्यक्ति के परिवार में हृदय रोग, दिल का दौरा का इतिहास है, तो डॉक्टर ईसीजी की सलाह देते हैं।
  • यह परीक्षण परिवार के इतिहास के आधार पर संभावित जोखिमों का आकलन करने और हृदय की वर्तमान स्थिति की जांच करने में मदद करता है।
  • नियमित ईसीजी से शुरुआती चरण में हृदय संबंधी समस्याओं का पता लगाकर उन्हें रोका जा सकता है।

असामान्य ईसीजी लक्षण और उनके संभावित कारण

ECG Kya Hota Hai- ईसीजी रिपोर्ट में असामान्यताएं कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती हैं। नीचे असामान्य ईसीजी लक्षण और उनके संभावित कारणों को विस्तार से समझाया गया है-

1. धड़कन की अनियमितता

  • बहुत तेज़ धड़कन- यह स्थिति तब होती है जब हृदय बहुत तेज़ गति से धड़कने लगता है। हृदय की धड़कन में असामान्यता, जैसे- बहुत तेज़ धड़कन यह स्थिति तब होती है जब हृदय बहुत तेज़ गति से धड़कने लगता है।
  • बहुत धीमी धड़कन- यह स्थिति तब होती है जब हृदय बहुत धीमी गति से धड़कता है।
  • असमान धड़कन- हृदय की धड़कन का अनियमित होना, जैसे (Fibrillation)। यह स्थिति रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकती है और स्ट्रोक या दिल के दौरे का जोखिम बढ़ा सकती है।

2. दिल की मांसपेशियों की क्षति 

  • ईसीजी दिल की मांसपेशियों में क्षति या कमजोरी का संकेत दे सकता है।
  • यह स्थिति आमतौर पर दिल के दौरे या लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है।
  • मांसपेशियों की क्षति दिल के पंपिंग कार्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे शरीर को पर्याप्त रक्त आपूर्ति नहीं हो पाती।

3. दिल के ब्लॉकेज 

  • ईसीजी दिल के विद्युत संकेतों में किसी भी रुकावट या देरी (Heart Block) का पता लगाता है।
  • ब्लॉकेज हृदय के ऊपरी और निचले कक्षों के बीच विद्युत संकेतों को बाधित कर सकता है, जिससे दिल की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है।
  • यह स्थिति अक्सर चक्कर आना, थकान, या बेहोशी का कारण बनती है।

4. हृदय गति का धीमा या तेज होना

  • असामान्य ईसीजी रिपोर्ट से यह संकेत मिल सकता है कि हृदय गति सामान्य से धीमी (Bradycardia) या तेज़ (Tachycardia) है।
  • यह असामान्यता आमतौर पर हृदय की विद्युत प्रणाली की खराबी के कारण होती है।

ECG Kya Hota Hai? | ईसीजी रिपोर्ट कैसे देखें?

  •  ईसीजी के मुख्य भाग
    • P-Wave: यह दिल की ऊपरी कक्षों की गतिविधि को दर्शाता है।
    • QRS Complex: यह दिल के निचले कक्षों की गतिविधि को मापता है।
    • T-Wave: यह दिल की मांसपेशियों के आराम करने की प्रक्रिया को दर्शाता है।
  • रिपोर्ट में सामान्य मानक
    • सामान्य हृदय गति: 60-100 धड़कन प्रति मिनट।
    • QRS Complex और P-Wave के पैटर्न में समानता।
  • असामान्यता की पहचान
    • अगर ग्राफ में लहरें असामान्य रूप से बढ़ी या घटी हुई हों।
    • QRS Complex का असंतुलित होना।
  • डॉक्टर की सलाह अनिवार्य
    • ईसीजी रिपोर्ट को केवल डॉक्टर ही सही तरीके से समझ सकते हैं।
    • किसी भी असामान्यता के मामले में विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

ईसीजी परीक्षण के लाभ

ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी) परीक्षण हृदय की विद्युत गतिविधियों का विश्लेषण करके कई महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह हृदय संबंधी समस्याओं का निदान करने और उनके उपचार की दिशा तय करने में सहायक होता है। नीचे इसके मुख्य लाभों को विस्तार से समझाया गया है:

  • धड़कन की अनियमितताओं का पता लगाना:
    • ईसीजी परीक्षण हृदय की धड़कन में किसी भी असामान्यता, जैसे अनियमित धड़कन (Arrhythmias), तेज़ धड़कन (Tachycardia), या धीमी धड़कन (Bradycardia) का पता लगाता है।
    • यह उन समस्याओं को पहचानने में मदद करता है, जिनमें दिल की धड़कन असमान या असामान्य ढंग से चल रही होती है।
    • समय रहते पता चलने पर इन स्थितियों का उपचार किया जा सकता है, जिससे गंभीर जटिलताओं को टाला जा सकता है।
  • हृदय गति (Heart Rate) को मॉनिटर करना:
    • ईसीजी दिल की गति (Heart Rate) की निगरानी करने का एक सटीक और तेज़ तरीका है।
    • यह हृदय की धड़कनों की गति और उनके नियमित होने की जानकारी देता है।
    • हृदय गति का असामान्य होना कई बार हृदय रोगों का शुरुआती संकेत हो सकता है, जिसे ईसीजी की मदद से पहचाना जा सकता है।
  • दिल का दौरा (Heart Attack) और ब्लॉकेज का पता लगाना:
    • ईसीजी दिल की मांसपेशियों को मिलने वाले ऑक्सीजन की आपूर्ति का विश्लेषण करता है।
    • अगर हृदय में रक्त प्रवाह में कोई रुकावट (Blockage) है या दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ चुका है, तो ईसीजी से इसका समय रहते पता लगाया जा सकता है।
    • यह परीक्षण रक्त प्रवाह में कमी या हृदय की मांसपेशियों की क्षति का संकेत देता है, जिससे डॉक्टर सही इलाज शुरू कर सकते हैं।
  • कार्यक्षमता का अध्ययन करना:
    • ईसीजी का उपयोग शारीरिक गतिविधि (जैसे व्यायाम) के दौरान हृदय की प्रतिक्रिया का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
    • यह स्ट्रेस टेस्टिंग में मदद करता है, जो यह पहचानने में उपयोगी है कि दिल पर दबाव बढ़ने पर वह कैसे कार्य करता है।
    • इससे डॉक्टर को यह समझने में मदद मिलती है कि मरीज का दिल व्यायाम या तनावपूर्ण स्थितियों में कितना सक्षम है।
  • हृदय रोगों के उपचार की प्रगति का मूल्यांकन:
    • ईसीजी का उपयोग पहले से चल रहे हृदय रोगों के उपचार की प्रगति का आकलन करने के लिए किया जाता है।
    • यह दिखाता है कि क्या दवाएं, सर्जरी, या अन्य उपचार योजनाएं मरीज के दिल की कार्यप्रणाली को बेहतर बना रही हैं।
    • साथ ही, यह यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि इलाज के दौरान कोई नई समस्या तो उत्पन्न नहीं हो रही है।

ईसीजी का महत्व (Importance of ECG)

ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी) हृदय की समस्याओं का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण जाँच है। यह न केवल हृदय की कार्यप्रणाली की जानकारी देता है, बल्कि संभावित जोखिमों को समय पर पहचानने और सही उपचार की दिशा तय करने में भी सहायक होता है। नीचे इसके महत्व को विस्तार से समझाया गया है-

  • समय पर दिल की समस्याओं का पता लगाकर गंभीर बीमारियों से बचाव:
    • ईसीजी टेस्ट के माध्यम से हृदय की विद्युत गतिविधियों में किसी भी असामान्यता का तुरंत पता लगाया जा सकता है।
    • यह दिल की धड़कन की अनियमितताओं, ब्लॉकेज, या ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं का संकेत देता है।
    • समय पर निदान से हृदयाघात (Heart Attack) और अन्य गंभीर हृदय रोगों को रोकने में मदद मिलती है।
    • यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो या जो हृदय संबंधी लक्षणों का अनुभव कर रहे हों।
  • दिल की गतिविधियों पर नजर रखने का सबसे प्रभावी तरीका:
    • ईसीजी हृदय की धड़कनों और विद्युत गतिविधियों को मॉनिटर करने का सबसे विश्वसनीय और प्रभावी साधन है।
    • यह दिल की सामान्य कार्यप्रणाली का आकलन करता है और किसी भी असामान्यता को रिकॉर्ड करता है।
    • नियमित ईसीजी कराने से हृदय की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जा सकती है, खासकर उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, या अन्य क्रॉनिक रोगों वाले मरीजों के लिए।
  • सटीक और तेज परिणाम प्रदान करने वाला गैर-इनवेसिव परीक्षण:
    • ईसीजी एक गैर-इनवेसिव परीक्षण है, जिसमें शरीर के अंदर किसी भी प्रकार के उपकरण डालने की आवश्यकता नहीं होती।
    • यह प्रक्रिया पूरी तरह से दर्द रहित और आरामदायक होती है।
    • परीक्षण का परिणाम जल्दी मिलता है, जिससे डॉक्टर तुरंत उपचार शुरू कर सकते हैं।
    • इसके सटीक परिणाम हृदय संबंधी समस्याओं का गहराई से विश्लेषण करने और सही निर्णय लेने में मदद करते हैं।
  • चिकित्सा उपचार की दिशा तय करने में मददगार:
    • ईसीजी परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि मरीज को सही उपचार मिले।
    • यह डॉक्टरों को यह तय करने में मदद करता है कि मरीज को दवाओं, सर्जरी, या अन्य विशेष उपचार की आवश्यकता है या नहीं।
    • ईसीजी से उपचार के बाद हृदय की कार्यप्रणाली की प्रगति का आकलन भी किया जा सकता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इलाज प्रभावी हो रहा है या नहीं।

क्या ईसीजी जांच किफायती होती है?

अक्सर लोगों को यह धारणा होती है कि इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) टेस्ट बहुत महंगा होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह न केवल किफायती है, बल्कि इसे करवाने के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक तकलीफ नहीं होती। सामान्यत: यह टेस्ट आप किसी भी अस्पताल में केवल 100 से 500 रुपये की लागत में करवा सकते हैं।

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निष्कर्ष

ECG Kya Hota Hai? ईसीजी दिल की कार्यप्रणाली को समझने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह न केवल दिल की समस्याओं का समय रहते पता लगाता है, बल्कि उनके सही उपचार की योजना बनाने में भी मदद करता है। चाहे यह रेस्टिंग ईसीजी हो, स्ट्रेस ईसीजी, या होल्टर मॉनिटरिंग, हर प्रकार की प्रक्रिया अपने आप में अनमोल है। इस ब्लॉग में ecg kya hota hai, ईसीजी का फुल फॉर्म, असामान्य ईसीजी लक्षण, ईसीजी रिपोर्ट कैसे देखें पर विस्तार से जानकारी दी गई है। यदि आपको हृदय संबंधी कोई भी समस्या हो, तो समय पर ईसीजी कराकर उचित चिकित्सकीय सलाह लें। आपकी सेहत आपका सबसे बड़ा धन है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. ECG से क्या पता चलता है?

ईसीजी (ECG) से दिल की धड़कन, विद्युत गतिविधि, और हृदय के विभिन्न हिस्सों की स्थिति का पता चलता है। यह दिल की अतालता, दिल के दौरे, और अन्य समस्याओं का संकेत देता है।

2. ECG कितना होना चाहिए?

ईसीजी (ECG) का सामान्य परिणाम दिल की धड़कन के नियमित और सामान्य होने का संकेत देता है। सामान्य ईसीजी में दिल की धड़कन 60-100 बीट्स प्रति मिनट होती है, बिना किसी असामान्यता के।

3. ईसीजी कितने रुपए में होती है?

भारत में ईसीजी (ECG) की कीमत आमतौर पर 300 से 1000 रुपये तक हो सकती है। यह कीमत अस्पताल, क्लिनिक या शहर के हिसाब से भिन्न हो सकती है। सरकारी अस्पतालों में यह शुल्क कम हो सकता है।

4. ईसीजी नार्मल होने पर क्या होता है?

जब ईसीजी सामान्य होता है, तो इसका मतलब है कि दिल की धड़कन और विद्युत संकेत सामान्य हैं। इसमें कोई अतालता या हृदय समस्या नहीं पाई जाती, जो दिल की स्वास्थ्य को दर्शाता है।

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