कलेक्टर कैसे बने

कलेक्टर कैसे बने? A complete guide in Hindi

Published on October 8, 2025
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कलेक्टर कैसे बने

Quick Summary

कलेक्टर बनने के लिए निम्नलिखित कदम हैं:

  • योग्यता: भारत का नागरिक और किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री।
  • UPSC परीक्षा: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होना।
  • प्रारंभिक परीक्षा: सामान्य अध्ययन और मानसिक क्षमता पर आधारित परीक्षा।
  • मुख्य परीक्षा: विस्तृत लिखित परीक्षा और साक्षात्कार।
  • सफलता: चयनित होने पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में नियुक्ति।

Table of Contents

कलेक्टर का पद उन 24 प्रमुख सेवाओं में से एक है, जिनमें चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाती है। इस भूमिका में कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों का समाधान करते हुए देश की सेवा और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है। एक प्रभावी कलेक्टर बनने के लिए उत्कृष्ट प्रशासनिक क्षमताओं के साथ-साथ नेतृत्व, पारस्परिक संवाद और निर्णय लेने जैसे कौशल अनिवार्य होते हैं।

आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा की जिले का प्रशासनिक प्रमुख यानी कलेक्टर कैसे बने? इस ब्लॉग में आपको जानकारी मिलेगी की कलेक्टर कौन होते हैं, Collector kaise bane, कलेक्टर बनने के लिए योग्यता, यूपीएससी क्या है, कलेक्टर की कार्यप्रणाली तथा चुनौतियां और सफल कलेक्टर की कहानियां तथा उनके अनुभव के बारे में।

कलेक्टर कौन होता है? (Collector kaun hota hai?)

कलेक्टर, जिन्हें जिलाधिकारी या डीएम (District Magistrate) के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। वे सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी होते हैं और जिले के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं। हालांकि कलेक्टर के कार्यों की निगरानी राज्य सरकार द्वारा की जाती है, फिर भी जिले में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियाँ निम्नलिखित हैं:

  • वे अपने जिले में राजस्व प्रशासन के भी सर्वोच्च अधिकारी होते हैं।
  • वे उस जिले के सामान्य प्रशासन के प्रमुख अधिकारी होते हैं।
  • वे जिले के सर्वोच्च न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं।
  • कई राज्यों में उन्हें जिला कलेक्टर या डिप्टी कमिश्नर के नाम से जाना जाता है।

कलेक्टर की प्रमुख जिम्मेदारियाँ

कलेक्टर कैसे बने
कलेक्टर कैसे बने?

कानून-व्यवस्था बनाए रखना:
कलेक्टर जिले में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है। यदि किसी प्रकार का कानून उल्लंघन या आपराधिक घटना होती है, तो वह उचित कार्रवाई करता है।

विकास कार्यों का संचालन:
जिले में सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं जैसे विकासात्मक परियोजनाओं को लागू करना कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है।

राजस्व संग्रह:
वह भूमि राजस्व, करों और अन्य शासकीय बकाया की वसूली सुनिश्चित करता है।

सामाजिक न्याय का संरक्षण:
सभी नागरिकों को समान अवसर उपलब्ध कराना तथा कमजोर और वंचित वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना भी कलेक्टर का कर्तव्य होता है।

आपदा प्रबंधन:
प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप या सूखे की स्थिति में राहत और पुनर्वास कार्यों का नेतृत्व कलेक्टर करता है, ताकि प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता मिल सके।

एक कलेक्टर की प्रमुख जिम्मेदारियों में कानून व्यवस्था बनाए रखना, विकास कार्य, राजस्व वसूली, सामाजिक न्याय और आपदा प्रबंधन सामिल है। इसके अलावा वे चुनाव, जनगणना और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यों के आयोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कलेक्टर कैसे बने? Collector Banne ke Liye kya karna Padta Hai

शैक्षणिक योग्यता | 12वीं के बाद कलेक्टर कैसे बने?

कलेक्टर बनने के लिए शैक्षिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक (Bachelors) की डिग्री होनी चाहिए।

अन्य योग्यता 

  • 21 वर्ष से 32 वर्ष की आयु (सामान्य वर्ग के लिए), अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 35 वर्ष तक, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 33 वर्ष तक और शारीरिक रूप से अक्षम (PWD) के लिए 37 वर्ष तक।
  • मजबूत संचार और नेतृत्व कौशल।
  • निर्णय लेने और समस्या समाधान की क्षमता।
  • टीम में काम करने और लोगों को प्रेरित करने की क्षमता।
  • ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और नैतिकता।
  • भारतीय संस्कृति और संविधान की अच्छी समझ।

कलेक्टर बनने के लिए परीक्षा

आपको सिविल सेवा परीक्षा यानी UPSC परीक्षा की तैयारी कर कलेक्टर बनने के लिए UPSC परीक्षा में उत्तीर्ण होना होता है।

कलेक्टर कैसे बने? Collector Banne ke liye kya karna Chahie

चरण 1: पात्रता जांचें

  • सुनिश्चित करें कि आप उम्र, शिक्षा और अन्य सभी मानकों को पूरा करते हैं।
  • कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यताओं के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आगे पढ़ें।

चरण 2: यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन करें

  • यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।
  • अपनी जानकारी (जैसे नाम, जन्मतिथि, योग्यता) सही-सही भरें।
  • आवेदन शुल्क का भुगतान करें और परीक्षा केंद्र चुनें।

चरण 3: प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दें

  • प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान के दो पेपर होंगे।
  • जो उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा पास करते हैं, वे मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे।
  • मुख्य परीक्षा में लिखित परीक्षा होगी।

चरण 4: साक्षात्कार दें

  • साक्षात्कार में आपके व्यक्तित्व और ज्ञान का मूल्यांकन किया जाएगा।
  • साक्षात्कार में वर्तमान घटनाएं, सामान्य ज्ञान और आपके व्यक्तित्व से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

चरण 5: प्रशिक्षण लें

  • यदि आप साक्षात्कार में सफल होते हैं, तो आपको लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा।
  • LBSNAA में आपको एक कलेक्टर के रूप में काम करने के लिए आवश्यक सभी कौशल सिखाए जाएंगे।

चरण 6: कलेक्टर बनें

  • प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, आपको एक जिले का कलेक्टर नियुक्त किया जा सकता है।

कलेक्टर के अधिकार

कलेक्टर के पास जिले में प्रशासन और कानून व्यवस्था से संबंधित कई अधिकार होते हैं। वह जिले में किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का आदेश दे सकता है, किसी भी संपत्ति को जब्त कर सकता है, और किसी भी मामले में अदालत में मुकदमा चला सकता है. 

कलेक्टर बनने के लिए पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria Table)

क्रमांकश्रेणीविवरण
1राष्ट्रीयताभारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।भूटान, नेपाल और तिब्बती शरणार्थी भी पात्र हैं।
2न्यूनतम आयु21 वर्ष
3अधिकतम आयुसामान्य – 32 वर्षओबीसी – 35 वर्षएससी/एसटी – 37 वर्षपीडब्ल्यूडी – 42 वर्ष
4शैक्षणिक योग्यताकिसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (किसी भी स्ट्रीम में)।अंतिम वर्ष के छात्र भी प्रारंभिक परीक्षा में बैठ सकते हैं।डिस्टेंस एजुकेशन और तकनीकी योग्यताएं (ICAI/ICSI) भी मान्य हैं।
5प्रयासों की संख्यासामान्य – 6 प्रयासओबीसी – 9 प्रयासएससी/एसटी – असीमित प्रयास
6आवश्यक परीक्षासंघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है।
7कलेक्टर बनने की प्रक्रियाUPSC पास करके IAS अधिकारी बनें → 6 साल की सेवा + 3 प्रमोशन के बाद कलेक्टर बनते हैं।राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) पास करके भी पदोन्नति द्वारा कलेक्टर बना जा सकता है।
कलेक्टर बनने के लिए कितनी उम्र चाहिए | collector banne ke liye kya karen

कलेक्टर की पढ़ाई में कितना पैसा लगता है

कलेक्टर बनने के लिए सीधे किसी कोर्स की फीस नहीं होती, बल्कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है। इसके लिए ज़रूरी पढ़ाई (स्कूलिंग + ग्रेजुएशन + कोचिंग) पर कुल मिलाकर ₹50,000 से ₹2 लाख या उससे अधिक खर्च हो सकता है। यह खर्च इस पर निर्भर करता है:

खर्च का प्रकारऔसतन खर्च (INR)
ग्रेजुएशन की पढ़ाई₹10,000 – ₹1,00,000 (सरकारी कॉलेज)
कोचिंग (यदि ली जाए)₹50,000 – ₹2,50,000
किताबें और स्टडी मटेरियल₹5,000 – ₹20,000
स्वयं अध्ययन (Self-study)कम लागत, सिर्फ किताबों का खर्च
collector banne ke liye subject | Jila collector kaise bane

Deputy collector kaise bane? UPSC परीक्षा की तैयारी

UPSC परीक्षा क्या है?

UPSC का मतलब है संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)। यह भारत सरकार का एक संवैधानिक निकाय है जो विभिन्न सरकारी सेवाओं में अधिकारियों की भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। इनमें से सबसे प्रसिद्ध परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा (CSE) है, जिसे IAS परीक्षा के नाम से भी जाना जाता है। 

यूपीएससी परीक्षा (कलेक्टर एग्जाम) को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS), भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS, जिसके तहत आप कलेक्टर या डिप्टी कलेक्टर बनते हो) और अन्य कई प्रतिष्ठित सेवाओं में नियुक्त किया जाता है।

Collector kaise bane जानने के बाद UPSC की परीक्षा आपको 3 चरणों में देनी होती है। पहला चरण को प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) से जाना जाता है, दूसरी परीक्षा को मुख्य परीक्षा (Mains) और आखरी में साक्षात्कार (Interview) की प्रक्रिया से उम्मीदवारों चयन होता है।

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) और मुख्य परीक्षा (Mains) का विवरण | Collector Ke Liye Konsi Degree Chahiye

प्रारंभिक परीक्षा: 

यह एक वस्तुनिष्ठ परीक्षा है जिसमें दो पेपर होते हैं – सामान्य अध्ययन (General Studies) और सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (CSAT) दोनो पेपर की परीक्षा एक दिन में ही होती है।

कलेक्टर एग्जाम का पहला पेपर यानी सामान्य अध्ययन 100 प्रश्नों का होता है जिसके लिए कुल अधिकतम 200 नंबर होते हैं (प्रतेक सही जवाब के लिए 2 नंबर) और हर सवाल गलत होने पर ⅓ यानि -0.66 नंबर काटे जाते हैं। परीक्षा की समय अवधी 2 घंटे की होती है। यह पेपर मेरिट रैंकिंग पर आधारित होती है, यानी इस पेपर में उत्तीर्ण होने के लिए उम्मीदवारों को कटऑफ नंबर से ज्यादा नंबर लाना होगा, जो हर साल बदलती रहती है, पिछले साल 2023 में यह कटऑफ 75 नंबर के करीब थी।

कलेक्टर बनने के लिए परीक्षा (प्रारंभिक) का दूसरा पेपर जिसे CSAT से जाना जाता है जिसमें 80 प्रश्नों होते हैं जिसके लिए कुल अधिकतम अंक 200 दिए जाते हैं गलत जवाब के लिए ⅓ नंबर काटे जाते हैं। परीक्षा की समय अवधी 2 घंटे की होती है। CSAT पेपर योग्य प्रकृति का होता है, जिसमे उम्मीदवारों को पास होने के लिए न्यूनतम 33% अंक यानि 66 नंबर से अधिक लाना होना।

सामान्य अध्ययन 1 और CSAT पेपर में इन विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं:

पेपर का नामविषय
सामान्य अध्ययन 11. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की घटनाएं
2. भारत और विश्व का भूगोल
3. भारतीय इतिहास और राष्ट्रीय आंदोलन
4. आर्थिक और सामाजिक विकास
5. भारतीय राजनीति और शासन
6. पर्यावरणीय पारिस्थितिकी
7. सामान्य विज्ञान
CSAT1. तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता | Logical skills and analytical ability
2. डेटा व्याख्या (चार्ट, ग्राफ, तालिकाएं, डेटा पर्याप्तता आदि – कक्षा X स्तर) | Data Interpretation (charts, graphs, tables, data sufficiency etc. – Class X level)
3. सामान्य मानसिक योग्यता | General Mental Ability
4. निर्णय लेना और समस्या समाधान | Decision Making and Problem Solving
5. संचार कौशल सहित अंतर-व्यक्तिगत कौशल |Inter-personal skills, including communication skills
6. बुनियादी संख्यात्मकता (संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण के क्रम, आदि – कक्षा X स्तर) | Basic Numeracy (Numbers and their Relations, Orders of Magnitude, etc.- Class X level)
कलेक्टर कैसे बने | How to become collector
  1. मुख्य परीक्षा: 

CSAT पेपर में 33% से अधिक और सामान्य अध्यन पेपर में कटऑफ नंबर से अधिक नंबर तक पहुंचने के बाद उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए योग्य हो जाते हैं। यह एक वर्णनात्मक परीक्षा है जो उम्मीदवारों के ज्ञान, विश्लेषणात्मक क्षमता और लेखन कौशल का आकलन करती है।

इसमें 9 पेपर होते हैं पेपर A तथा B और पेपर 1 से पेपर 7 तक, जिसमे से पेपर A तथा B सिर्फ योग्यता के लिए होता है और पेपर 1 से पेपर 7 तक के अंक आपके अंतिम मेरिट में जुड़ते हैं। दोनों ही पेपर में गलत जवाब के लिए नेगेटिव मार्किंग के रूप में नंबर नहीं काटे जाते। पेपर A तथा B और पेपर 1 से पेपर 7 तक की परीक्षा कुछ इस प्रकार हैं:

पेपरपेपर का नामअधिकतम अंकसमय अवधीपेपर की प्रकृति
Aअनिवार्य भाषा परीक्षा3003 घंटेयोग्यता न्यूनतम 25%
Bअंग्रेजी 3003 घंटे
1निबंध2503 घंटेमेरिट रैंकिंग
2सामान्य अध्ययन 12503 घंटे
3सामान्य अध्ययन 22503 घंटे
4सामान्य अध्ययन 32503 घंटे
5सामान्य अध्ययन 42503 घंटे
6वैकल्पिक 12503 घंटे
7वैकल्पिक 22503 घंटे
कुल अंक1750
CSAT पेपर

साक्षात्कार (Interview) की प्रक्रिया

यह अंतिम चरण है जिसमें उम्मीदवारों के व्यक्तित्व और बुद्धिमत्ता का मूल्यांकन किया जाता है। इसके लिए साक्षात्कार (Interview) की प्रक्रिया को अपनाया जाता हैं। इसमें विभिन्न क्षेत्रों से चार विशेषज्ञ और एक अध्यक्ष कुल 5 UPSC के वरिष्ट अधिकारि होते हैं प्रत्येक उम्मीदवारों को नंबर दिया जाता है जो की अधिकतम 275 होता है।

मुख्य परीक्षा (Mains) और साक्षात्कार (Interview) के अंको को जोड़कर कुल 2025 अंको के आधार पर आखरी मेरिट में उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।

कलेक्टर कैसे बने? UPSC की चुनौतियां

हर साल लगभग 11 से 15 लाख उम्मीदवार जिन्हे पता है की कलेक्टर कैसे बने UPSC का फॉर्म भरते हैं जिसमे से करीब 1000-1200 ही सफल हो पाते हैं।

  • विशाल सिलेबस: UPSC का सिलेबस बहुत विशाल है, जिसमें विभिन्न विषयों जैसे इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और सामान्य ज्ञान शामिल हैं।
  • कठिन परीक्षा:  UPSC परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। प्रत्येक चरण में उत्तीर्ण होना कठिन होता जाता है, और उम्मीदवारों को सफल होने के लिए हर चरण में कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है।
  • समय का अभाव: UPSC परीक्षा की तैयारी में काफी समय और समर्पण की आवश्यकता होती है। उम्मीदवारों को अक्सर अपनी शिक्षा, व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
  • मानसिक दबाव: UPSC परीक्षा की तैयारी एक तनावपूर्ण प्रक्रिया हो सकती है। परीक्षा का दबाव, कॉम्पिटीशन का माहौल, और लंबे समय तक अध्ययन करने की आवश्यकता के कारण काफी सारे उम्मीदवार मानसिक दबाव से गुजरते है।
  • कॉम्पिटीशन: कलेक्टर बनने के लिए परीक्षा UPSC में चुनाव का प्रतिशत लगभग 0.08 का होता है, यानी हर 1000 उम्मीदवार जिन्होंने फॉर्म भरा है उनमें से सिर्फ 8 लोग ही यूपीएससी क्या है जानने के बाद सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) में सफल हो पाते हैं। पिछले साल 2023 में लगभग 13 लाख लोगों ने UPSC परीक्षा का फॉर्म भरा था जिसमें से लगभग 1105 लोग ही सफल हो पाएं।

कलेक्टर कैसे बने? कलेक्टर की कार्यप्रणाली

कलेक्टर के कार्य 

 राजस्व प्रशासन:

  • भूमि से संबंधित सभी कार्यों का प्रबंधन करना, जैसे भूमि रिकॉर्ड रखना, भूमि हस्तांतरण, राजस्व वसूली, आदि।
  • आपदा राहत और पुनर्वास कार्यों का संचालन करना।
  • कृषि ऋण और सब्सिडी वितरित करना।

 कानून और व्यवस्था:

  • जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखना।
  • चुनावों का संचालन करना।
  • नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।

विकास कार्य:

  • जिले में विकास योजनाओं का परिपालन करना।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक कल्याण जैसी सुविधाओं का प्रबंधन करना।
  • गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों का संचालन करना।

न्यायिक कार्य:

  • राजस्व और भूमि से संबंधित मामलों में न्यायिक अधिकार का प्रयोग करना।
  • दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कुछ मामलों में मजिस्ट्रेटीय शक्तियों का प्रयोग करना।

 अन्य कार्य:

  • जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) का अध्यक्ष होना।
  • जिला स्तरीय समन्वय समितियों का नेतृत्व करना।
  • केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संपर्क का काम करना।

कलेक्टर कैसे बने? कलेक्टर की चुनौतियां

  • कानून व्यवस्था बनाए रखना: जिले में शांति और व्यवस्था बनाए रखना कलेक्टर का प्राथमिक दायित्व होता है।
  • विकास कार्यक्रमों को लागू करना: सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न विकास कार्यक्रमों को अमल में लाना कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है।
  • प्राकृतिक आपदाओं का प्रबंधन: बाढ़, सूखा, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और बचाव कार्य करना कलेक्टर का दायित्व होता है।
  • विभिन्न विभागों में समन्वय: जिले के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल बनाए रखना और उनका प्रभावी ढंग से संचालन करना कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है।
  • जनता की शिकायतों का समाधान: जनता की शिकायतों को सुनना और उनका समाधान करना कलेक्टर का दायित्व होता है।
  • राजस्व वसूली: जिले में होने वाले राजस्व को वसूल करना कलेक्टर का दायित्व होता है।
  • चुनावों का संचालन: जिले में होने वाले विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनावों का संचालन कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है।

कलेक्टर कैसे बने? कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है?

स्तरबेसिक पे (रुपये में)पद
1056,100प्रारंभिक स्तर कलेक्टर
1167,700अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट
1278,800जिला मजिस्ट्रेट
131,18,500विशेष सचिव
141,44,200संभागीय आयुक्त
151,82,200प्रधान सचिव
162,05,400अतिरिक्त मुख्य सचिव
172,25,000मुख्य सचिव
182,50,000कैबिनेट सचिव
कलेक्टर की सैलरी

कलेक्टर कैसे बने? कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर में अंतर

विशेषताकलेक्टरडिप्टी कलेक्टर
पदजिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारीकलेक्टर के अधीनस्थ अधिकारी
प्रमुख जिम्मेदारियाँजिले के सभी प्रशासनिक कार्यों की देखरेख, सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयनकलेक्टर की सहायता करना, विशिष्ट विभागों की जिम्मेदारी निभाना
पद की नियुक्तियूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्तिराज्य लोक सेवा आयोग (एसपीएससी) परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति
प्रशासनिक अधिकारजिले के सभी विभागों पर नियंत्रण, कानून और व्यवस्था बनाए रखनाविशिष्ट विभागों का प्रबंधन, कलेक्टर के निर्देशों का पालन करना
रिपोर्टिंगराज्य सरकार को सीधे रिपोर्टिंगकलेक्टर को रिपोर्टिंग
प्रशिक्षणलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में प्रशिक्षणराज्य प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षण
पद की वरिष्ठताउच्चतम प्रशासनिक पदडिप्टी कलेक्टर दूसरा महत्वपूर्ण पद
कार्य क्षेत्रपूरे जिले का प्रशासनिक कार्यविशिष्ट विभागों और क्षेत्रों का प्रशासनिक कार्य
कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर में अंतर

डीएम बनने के लिए कितने पैसे लगते हैं?

यह पूरी तरह इस पर निर्भर करता है कि आप कैसे शुरुआत करना चाहते हैं – बिल्कुल बेसिक लेवल से या प्रोफेशनल सेटअप के साथ। नीचे सभी विकल्पों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

1. शुरुआती सेटअप (Starter Level)

  • D&D Starter Set: इसमें बेसिक नियम, एडवेंचर बुकलेट और डाइस होते हैं।
  • अनुमानित खर्च: ₹1,200 – ₹2,500
  • किसके लिए अच्छा है: शुरुआती खिलाड़ी और बजट में शुरुआत करने वाले

2. मिड-लेवल सेटअप (Essential Kit + Extra Books)

  • D&D Essential Kit: थोड़े और विस्तार वाले नियम, कैरेक्टर क्रिएशन टूल्स
  • Core Books अलग से:
    • Player’s Handbook – लगभग ₹5,000–₹11,000
    • Dungeon Master’s Guide – ₹5,000–₹6,000
    • Monster Manual – ₹5,000–₹6,000
  • अनुमानित खर्च: ₹15,000 – ₹20,000

3. प्रोफेशनल सेटअप (Complete Physical & Digital Combo)

  • कोर रूलबुक गिफ्ट सेट (3 किताबें + DM स्क्रीन)
  • Miniatures, battlemaps, grid boards
  • Dice sets, terrain models
  • Virtual Tabletop (Roll20, Foundry VTT आदि)
  • Subscription-based modules और maps
  • अनुमानित खर्च: ₹20,000 – ₹40,000+ (यदि सब कुछ खरीदें)

4. पैसे बचाने के तरीके

  • फ्री ऑनलाइन संसाधन: D&D की Basic Rules PDF मुफ्त उपलब्ध है
  • Virtual Tools: Roll20, Discord जैसे प्लेटफॉर्म का मुफ्त उपयोग
  • Books शेयर करें: पूरी टीम में Player’s Handbook और DM Guide साझा करके
  • DIY Props बनाएं: खुद से बनाए गए नक्शे, टोकन, terrain

प्रेरणादायक उदाहरण

कई IAS अधिकारियों ने अपनी निष्ठा और मेहनत से समाज में गहरा प्रभाव छोड़ा है —

  • डॉ. टी.वी. अनुपमा (केरल): शिक्षा और स्वास्थ्य सुधारों के लिए प्रसिद्ध
  • आशा शर्मा (IAS, उत्तराखंड): महिला सशक्तिकरण योजनाओं में सराहनीय योगदान
  • राजेंद्र भार्गव (IAS): पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियानों में अग्रणी

और पढ़ें:-

डिजिटल मार्केटिंग क्या है?

निष्कर्ष

Collector kaise bane और कलेक्टर बनने के लिए शैक्षिक योग्यता जानने के बाद कई लोग UPSC की तैयारी कर कलेक्टर बनना चाहते हैं। लेकिन, कलेक्टर कैसे बने जानने के बाद कलेक्टर बनने में केवल वे ही लोग सफल हो पाएंगे जिनके अंदर आत्मविश्वास है, जो मेहनत करने के लिए तैयार हैं और जो खुदको 0.08% में ले जा सकते हैं।

इस ब्लॉग में आपने जाना कलेक्टर कैसे बने(Collector kaise bane), कलेक्टर बनने के लिए योग्यता, UPSC की परीक्षा, कलेक्टर की कार्यप्रणाली और कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर में अंतर के बारे में।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. कलेक्टर के लिए कौन सी पढ़ाई करें?

    कलेक्टर बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से, उम्मीदवारों को पहले सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी बनना होगा। जिला कलेक्टर बनने के लिए, एक आईएएस अधिकारी को पहले 6 साल सेवा करनी होगी और 3 पदोन्नतियाँ प्राप्त करनी होंगी।

  2. कलेक्टर की नौकरी कैसे मिलती है?

    सिविल सेवा परीक्षा के लिए CSE का फॉर्म भरें। यूपीएससी की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करें। प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू दें और उसे भी उत्तीर्ण करें। इंटरव्यू पास करने के बाद, मेरिट लिस्ट के आधार पर कलेक्टर की नियुक्ति होती है।

  3. कलेक्टर का चयन कैसे होता है?

    कलेक्टर बनने के लिए UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) पास करनी होती है। UPSC की स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 को यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा की गई थी। वर्तमान में UPSC में एक अध्यक्ष और 10 अतिरिक्त सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

  4. 12 वीं पूरा करने के बाद कलेक्टर कैसे बने?

    कर्नाटक के डीसी जिला कलेक्टर बनने के दो तरीके हैं: आप संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास कर सकते हैं और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चुने जा सकते हैं। यह कर्नाटक के डीसी जिला कलेक्टर बनने का एक सीधा और तेज़ तरीका है।

  5. डिप्टी कलेक्टर कैसे बने?

    डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए आपको UPSC द्वारा आयोजित IAS परीक्षा पास करनी होती है। इसके लिए स्नातक डिग्री, निर्धारित उम्र सीमा, और UPSC के तीन चरण (प्रारंभिक, मुख्य, साक्षात्कार) को उत्तीर्ण करना होता है। सफल उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के बाद डिप्टी कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया जाता है।

  6. कलेक्टर बनने के लिए कितने पैसे लगते हैं?

    कलेक्टर बनने के लिए मुख्यतः दो प्रकार के खर्च होते हैं: तैयारी और सेवा के दौरान। तैयारी में कोचिंग क्लास, किताबें, और ऑनलाइन संसाधनों पर लगभग 20,000 से 30,000 रुपये खर्च हो सकते हैं।

  7. कलेक्टर की नौकरी कितने साल की होती है

    कलेक्टर की नौकरी की कोई तय अवधि (Fixed Duration) नहीं होती। यह एक स्थायी सरकारी नौकरी (Permanent Government Job) होती है, जो आमतौर पर 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति (Retirement Age) तक चलती है।

  8. कलेक्टर की सैलरी के अलावा क्या भत्ते मिलते हैं?

    हां, कलेक्टर को सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा गार्ड, बिजली-पानी भत्ता, टेलीफोन भत्ता, और ट्रैवल अलाउंस जैसी सुविधाएँ दी जाती हैं।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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