apj abdul kalam ka jivan parichay

APJ Abdul Kalam ka Jivan Parichay: जीवनी, इतिहास और पुस्तकें

Published on May 30, 2025
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apj abdul kalam ka jivan parichay

Quick Summary

  • एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ।
  • वे भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002-2007) रहे।
  • “मिसाइल मैन” के रूप में प्रसिद्ध थे।
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से शिक्षा प्राप्त की।
  • भारतीय अंतरिक्ष और रक्षा कार्यक्रमों में प्रमुख योगदान।
  • निधन: 27 जुलाई 2015, शिलांग।
  • विज्ञान, शिक्षा और युवा सशक्तिकरण के प्रेरणा स्रोत थे।

Table of Contents

देश में कई महान व्यक्ति हुए हैं, जिन्होंने अपने काम से देश के विकास में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे ही एक महान व्यक्ति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हैं। APJ Abdul Kalam ka jivan parichay बहुत ही विस्तृत है। उनका जीवन संकल्प, संघर्ष और सफलता की अनूठी मिसाल है। उन्होंने भारतीय विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में अपार योगदान दिया और भारतीय युवाओं को अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया। यहां हम एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम और ए पी जे अब्दुल कलाम शिक्षा के बारे में जानेंगे।

APJ Abdul Kalam ka Jivan Parichay: जीवनी, इतिहास और पुस्तकें

एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam ka Jivan Parichay

APJ Abdul Kalam ka jivan parichay को उनके जीवन के विभिन्न चरणों के आधार पर समझा जा सकता है। एपीजे अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015) एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और राजनेता थे, जिन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने भारत के मिसाइल तथा परमाणु कार्यक्रमों के विकास में अहम योगदान दिया और 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया।

एपीजे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन | apj abdul kalam ke bare mein

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने भौतिकी और वैमानिकी इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद उन्होंने एक रक्षा वैज्ञानिक के रूप में भारत सरकार के साथ अपना करियर आरंभ किया। रामेश्वरम में स्थित उनके घर के पास ही एक स्कूल था, जहाँ से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही कलाम मेहनती छात्र थे और उनकी शिक्षा में गहरी रुचि थी। हालांकि उनका परिवार बहुत सम्पन्न नहीं था, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी और उन्हें प्रोत्साहित किया।

APJ Abdul Kalam ka jivan parichay की शुरुआत उनके जन्म से होता है, जो 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम शहर में हुआ था। उनका जन्म एक साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ था, जो आर्थिक रूप से कठिनाइयों का सामना कर रहा था। उनके पिता, जैनुलआबेदीन, एक नाविक और छोटे व्यापारी थे, जबकि उनकी माँ, आशियम्मा, एक गृहिणी थीं। उनका परिवार धार्मिक रूप से बहुत आस्थावान था और साधारण जीवन जीता था।

बचपन में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने घर से कुछ दूरी पर स्थित अपने छोटे से स्कूल में पढ़ाई की। वे अखबार बेचने का काम भी करते थे, ताकि अपने परिवार की मदद कर सकें और साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रख सकें। उनका मन बचपन से ही विज्ञान में था, और वे स्कूल में विज्ञान और गणित में अव्‍ल थे।

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम | apj abdul kalam ka pura naam

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलआबिदीन अब्दुल कलाम था। उन्होंने अपने जीवन के सभी पहलुओं में एक आदर्श प्रस्तुत किया और हमेशा अपने देश व मानवता के प्रति अपनी निष्ठा को सर्वोपरि रखा।

एपीजे अब्दुल कलाम के माता पिता का नाम

एपीजे अब्दुल कलाम के माता का नाम आशियम्मा और पिता का नाम जैनुलआबेदीन था। उनके माता-पिता का जीवन बहुत साधारण था, लेकिन उनके द्वारा दी गई शिक्षा और संस्कारों ने एपीजे कलाम को एक मजबूत और प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनने में मदद की।

बचपन और संघर्ष

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन गरीबी और संघर्ष से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी स्थिति को अपने सपनों को पूरा करने में रुकावट बनने नहीं दिया। कलाम का बचपन साधारण था, और उन्हें बचपन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए नोट्स और किताबें खरीदने के लिए दूसरों से मदद लेनी पड़ती थी। वे बचपन में अखबार भी बेचते थे ताकि अपने परिवार का खर्चा चला सकें।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने शादी न करने और बच्चे न पैदा करने का फैसला अपने राष्ट्र और विज्ञान के प्रति समर्पण के कारण लिया। उनका मानना था कि उन्हें देश की सेवा और वैज्ञानिक कार्यों में पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना चाहिए, और पारिवारिक जिम्मेदारियां उनके उद्देश्य में बाधा डाल सकती थीं। उन्होंने महसूस किया कि व्यक्तिगत इच्छाओं को पीछे छोड़कर वे समाज के लिए अधिक महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं। उनका जीवन सरल और तपस्वी था, और उन्होंने मानसिक शांति को प्राथमिकता दी। हालांकि, वे अपने परिवार के प्रति स्नेही थे, लेकिन उन्होंने अपने आदर्शों के अनुसार इस निर्णय को लिया।

एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का शिक्षा जीवन उनके संघर्षों और समर्पण का प्रतीक था। यहां  हम एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा के बारे में विस्तार से जानेंगे।

प्रारंभिक शिक्षा

एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा की शुरुआत रामेश्वरम के एक छोटे से स्कूल से हुई। रामेश्वरम के स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने तिरुचिरापल्ली में स्थित सेंट जोसेफ कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। यह वह समय था जब उन्होंने अपने भविष्य के लिए विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखा।

उच्च शिक्षा

डॉ. एपीजे कलाम ने अपनी उच्च शिक्षा मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उन्होंने न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से खुद को उत्कृष्ट बनाया, बल्कि विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में अपनी रुचि को और मजबूत किया। स्नातक स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने के बाद, कलाम ने भारतीय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (IISc) से अपने अध्ययन को आगे बढ़ाने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्होंने भारतीय रक्षा मंत्रालय के साथ जुड़ने का निर्णय लिया, जिससे उनका वैज्ञानिक करियर और भी स्पष्ट हुआ।

शिक्षा से प्रेरणा और करियर की शुरुआत

एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा ने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दी। उन्होंने हमेशा अपनी शिक्षा को एक साधन के रूप में देखा, जो उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। उनकी शिक्षा से मिली प्रेरणा ने उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। उनकी कड़ी मेहनत और मजबूत शिक्षा ने उन्हें एक वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ बना दिया, जिसने भारत को मिसाइल तकनीक और अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 

एपीजे अब्दुल कलाम का करियर और उपलब्धियाँ 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का करियर और उनकी उपलब्धियाँ भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और राजनीति में उनके अपार योगदान का प्रतीक हैं।

वैज्ञानिक के रूप में शुरुआत

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने करियर की शुरुआत भारतीय रक्षा मंत्रालय के तहत डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) से की थी। यहां उन्होंने एक वैज्ञानिक के रूप में काम करना शुरू किया और भारतीय सेना के लिए उन्नत उपकरण और तकनीक विकसित करने में अपना योगदान दिया। उनकी पहली महत्वपूर्ण परियोजना एक हेलीकॉप्टर डिजाइन करना था। इसके बाद, वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हुए, जहां उन्होंने उपग्रहों और रॉकेटों के विकास में अहम भूमिका निभाई।

मिसाइल मैन के रूप में पहचान

APJ Abdul Kalam ka jivan parichay “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में भी होता है, क्योंकि उनके नेतृत्व में भारत ने अपनी मिसाइल तकनीक को एक नई दिशा दी। वे अग्नि और पृथ्वी जैसी प्रमुख मिसाइल परियोजनाओं के निदेशक थे, जिनकी मदद से भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूती दी। 

राष्ट्रपति के रूप में योगदान

2002 में, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारतीय गणराज्य के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद, वे सिर्फ एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रेरक और मार्गदर्शक नेता के रूप में पहचाने गए। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति पद को एक प्रतिष्ठित और जनता से जुड़ा हुआ पद बनाया।

एपीजे अब्दुल कलाम की रचनाएँ और उनकी विशेषताएँ(satellites, missiles etc.)

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अमूल्य योगदान के रूप में याद किया जाता है। उनके योगदान से भारत को मिसाइल तकनीक, अंतरिक्ष विज्ञान, और रक्षा प्रणाली में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई।

मिसाइल तकनीक और प्रमुख मिसाइलों का विकास

डॉ. एपीजे कलाम के नेतृत्व में भारत ने कई अत्याधुनिक मिसाइलों का विकास किया। उनकी प्रमुख मिसाइल परियोजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. पृथ्वी मिसाइल: पृथ्वी मिसाइल का पहला सफल परीक्षण 25 जनवरी 2000 को किया गया था। इसे DRDO ने विकसित किया था और यह भारत की पहली स्वदेशी स्थलीय बैलिस्टिक मिसाइल थी। इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) में किया गया था। यह एक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल थी। यह मिसाइल 150-300 किमी तक की दूरी तक मार कर सकती है।
  2. अग्नि मिसाइल: अग्नि मिसाइल के विभिन्न संस्करणों का परीक्षण अलग-अलग तिथियों पर किया गया था। अग्नि-1 का पहला परीक्षण 25 जनवरी 2002 को किया गया, जबकि अग्नि-2 का पहला परीक्षण 15 अप्रैल 2004 को हुआ। इसके बाद अग्नि-3 का पहला परीक्षण 9 जुलाई 2006 को किया गया, और अग्नि-4 का परीक्षण 15 नवंबर 2011 को सफलतापूर्वक हुआ। सबसे उन्नत संस्करण अग्नि-5 का पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। यह मिसाइल 3000 किमी तक की दूरी तक मार करने में सक्षम है। अग्नि मिसाइल का विकास भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था।
  3. आकाश मिसाइल: आकाश मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जुलाई 2008 को किया गया था। यह एक surface-to-air मिसाइल प्रणाली है, जिसे भारतीय वायुसेना और सेना के लिए विकसित किया गया। यह मिसाइल दुश्मन की हवाई हमलों का जवाब देने में सक्षम है।

अंतरिक्ष विज्ञान और उपग्रहों का विकास

डॉ. एपीजे कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा दी और उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण उपग्रहों का विकास हुआ। 

  1. रहाट उपग्रह: डॉ. कलाम के नेतृत्व में भारत ने रहाट उपग्रह Rohini-1 लॉन्च किया, जिसे 20 जुलाई 1980 को SLV-3 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया था। यह उपग्रह भारतीय संचार और मौसम सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बना।
  2. SLV (Satellite Launch Vehicle): भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान, 18 जुलाई 1980 को सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी), श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। इस यान ने रहाट-1 उपग्रह (Rohini-1) को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्ष में स्थापित किया। यह कार्यक्रम भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए बुनियादी ढाँचा तैयार करने में मददगार साबित हुआ।
  3. PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle): इस उपग्रह का पहला सफल लॉन्च 20 सितंबर 1993 को किया गया था। इस रॉकेट ने उदयान (IRS-1C) उपग्रह को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्ष में स्थापित किया। प्रक्षेपण वाहन भारतीय अंतरिक्ष संगठन ISRO के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इसके माध्यम से, भारत ने अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों को लॉन्च करने में सफलता हासिल की और अपनी स्थिति को विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष देशों के रूप में स्थापित किया।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विकास संगठन (NTRO) और भारतीय रक्षा विकास

डॉ. एपीजे कलाम का योगदान सिर्फ मिसाइलों और उपग्रहों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने भारतीय रक्षा विकास के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में भी अपनी भूमिका निभाई।

  • विमान प्रणालियाँ: डॉ. कलाम ने भारतीय वायुसेना के लिए विभिन्न प्रकार के विमान प्रणालियों का विकास किया, जिनमें अत्याधुनिक तकनीकी सुधार किए गए थे।
  • सुरक्षा प्रणाली और उपकरण: उन्होंने भारतीय सेना के लिए कई प्रकार के रक्षा उपकरणों के विकास में योगदान दिया, जो युद्ध और सुरक्षा अभियानों में उपयोगी साबित हुए।

अन्य महत्वपूर्ण रचनाएँ और योगदान

डॉ. कलाम ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में कई अन्य महत्वपूर्ण योगदान दिए।

  • भारत 2020: यह पुस्तक डॉ. कलाम का दृष्टिकोण थी, जिसमें उन्होंने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपने विचार साझा किए थे। उन्होंने देश की युवा पीढ़ी को एक नए भारत के निर्माण के लिए प्रेरित किया।
  • विंग्स ऑफ फायर: यह उनकी आत्मकथा थी, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों और सफलता की कहानी साझा की। यह पुस्तक देशवासियों को आत्मनिर्भरता और संघर्ष की प्रेरणा देती है।
  • इंडिया 2020: इस पुस्तक में उन्होंने भारत के भविष्य को लेकर अपनी योजनाओं और विचारों को साझा किया और भारत को 21वीं सदी में एक वैश्विक शक्ति बनाने के लिए रोडमैप प्रस्तुत किया।

एपीजे अब्दुल कलाम की किताबें और लेखन 

APJ Abdul Kalam ka jivan parichay न केवल एक महान वैज्ञानिक और नेता के रुप में होता है, बल्कि एक प्रेरणादायक लेखक भी थे। 

1. विंग्स ऑफ फायर 

विंग्स ऑफ फायर apj abdul kalam ka jivan parichay की आत्मकथा है, जिसे उन्होंने 1999 में लिखा था। इस पुस्तक में उन्होंने अपनी जीवन यात्रा, संघर्ष और सफलता की कहानी साझा की। यह किताब उनके बचपन, शिक्षा, और भारतीय अंतरिक्ष एवं मिसाइल कार्यक्रम में उनके योगदान के बारे में विस्तार से बताती है। डॉ. कलाम ने इस पुस्तक में अपनी कठिनाइयों, परिवार और उनके लिए प्रेरणादायक लोगों के बारे में भी लिखा है।

2. इंडिया 2020: ए विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम

इंडिया 2020 डॉ. कलाम की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें उन्होंने भारत को 21वीं सदी में एक शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए अपनी योजनाएँ और दृष्टिकोण साझा किया। इस पुस्तक में उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सुधार की दिशा में अपनी सोच को रखा। यह पुस्तक राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को दर्शाती है।

3. द लीडरशिप डायरी

द लीडरशिप डायरी डॉ. कलाम का एक और महत्वपूर्ण लेखन कार्य है, जिसमें उन्होंने नेतृत्व के गुणों और अपने अनुभवों को साझा किया है। इस पुस्तक में वे यह बताते हैं कि एक प्रभावी नेता को कैसे कार्य करना चाहिए, और नेतृत्व में सफलता पाने के लिए क्या गुण महत्वपूर्ण होते हैं।

4. कनेक्टेड: द सोल्जर एंड द स्चॉलर

कनेक्टेड डॉ. कलाम की एक और प्रेरणादायक किताब है, जिसमें उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों और शिक्षकों के बीच संबंधों को एक नई दिशा देने की बात की। इस पुस्तक में उन्होंने भारतीय सेना और भारतीय शिक्षाविदों के बीच साझेदारी को महत्वपूर्ण बताया और इसे राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक बताया।

5. युवाओं के लिए पत्र 

यह पुस्तक डॉ. कलाम के पत्रों का संग्रह है, जो उन्होंने अपनी बेटी के नाम लिखे थे। इन पत्रों में डॉ. कलाम ने अपने जीवन के अनुभवों, दर्शन और विचारों को साझा किया है। यह किताब उनके जीवन के मानवतावादी दृष्टिकोण को उजागर करती है और पाठकों को प्रेरित करती है कि वे अपनी शिक्षा और जीवन में अधिक से अधिक सुधार करें।

6. सक्सेस मंत्रा 

सक्सेस मंत्रा डॉ. कलाम का एक और लोकप्रिय लेखन है, जिसमें उन्होंने जीवन के संघर्षों से उबरने, सफलता प्राप्त करने और सही मार्ग पर चलने के लिए अपने अनुभवों और विचारों को साझा किया है। उन्होंने हमेशा यह कहा कि सफलता केवल कठिन मेहनत से ही मिलती है, और यह हर व्यक्ति के भीतर छिपी शक्ति पर निर्भर करती है।

7. क्वेश्चन आंसर विद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 

यह पुस्तक एक संवादात्मक शैली में लिखी गई है, जिसमें डॉ. कलाम ने विभिन्न विषयों पर सवालों के जवाब दिए हैं। पुस्तक में वे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और जीवन के कई पहलुओं पर अपने विचार साझा करते हैं। 

एपीजे अब्दुल कलाम पर 10 पंक्तियाँ | 10 lines on apj abdul kalam in hindi

यहां हम 10 lines on APJ Abdul Kalam in hindi दे रहे हैं, जिनमें उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।

  1. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल आबिदीन अब्दुल कलाम था।
  2. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।
  3. उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” के नाम से जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय मिसाइल तकनीक को उन्नति दी।
  4. वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख वैज्ञानिक थे।
  5. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भारतीय सेना के लिए पृथ्वी, अग्नि, और आकाश जैसी मिसाइलों का विकास किया।
  6. वे भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 2002 से 2007 तक इस पद पर कार्य किया।
  7. उन्होंने अपनी किताब “विंग्स ऑफ फायर” के जरिए अपनी जीवन यात्रा और संघर्षों को साझा किया।
  8. उनके द्वारा लिखी गई “इंडिया 2020” पुस्तक में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विचार दिए गए।
  9. डॉ. कलाम ने हमेशा युवा पीढ़ी को प्रेरित किया और कहा, “सपने वह नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वह हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
  10. उनका निधन 27 जुलाई 2015 को शिलोंग में हुआ, लेकिन उनकी शिक्षाएं और प्रेरणा आज भी जीवित हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई 2015 को शिलोंग (मेघालय) में हुई। जब उनकी मृत्यु हुई तब वह उस समय शिलोंग में आईआईएम (Indian Institute of Management) के छात्रों को पढ़ा रहे थे। पढ़ाते हुए उन्होंने अचानक अस्वस्थ महसूस किया और गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉ. कलाम के निधन के समय वे 83 वर्ष के थे।

एपीजे अब्दुल कलाम की विरासत 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन भारतीय इतिहास में एक अमूल्य धरोहर के रूप में स्थापित है। उन्होंने न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अद्वितीय योगदान दिया, बल्कि शिक्षा और नेतृत्व के क्षेत्र में भी अपनी छाप छोड़ी। उनकी विरासत आज भी हमारे बीच जीवित है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती है।

विज्ञान, शिक्षा, और नेतृत्व में उनका योगदान

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का सबसे बड़ा योगदान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में था। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों को एक नई दिशा दी, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने पृथ्वी, अग्नि, और आकाश जैसी मिसाइलों का विकास किया। उनके नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोखरण-II परमाणु परीक्षण किया, जिसने भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।

शिक्षा के क्षेत्र में भी डॉ. कलाम का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था। उन्होंने हमेशा युवाओं को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया और भारत 2020 जैसे दृष्टिकोणों के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का आह्वान किया। उनका मानना था कि एक विकसित राष्ट्र की नींव शिक्षा पर आधारित होती है।

युवाओं के लिए उनका संदेश

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन विशेष रूप से युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत था। उनका हमेशा यही कहना था कि “सपने वह नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वह हैं जो हमें सोने नहीं देते।” उन्होंने हमेशा युवा पीढ़ी को अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और ईमानदारी से काम करने का संदेश दिया। उन्होंने “टीमवर्क” और “नेतृत्व” के महत्व को भी समझाया और कहा कि एक अच्छे नेता को दूसरों की क्षमता का सम्मान करना चाहिए और उन्हें प्रेरित करना चाहिए।

उनका जीवन हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा

डॉ. कलाम का जीवन सिखाता है कि अगर मेहनत, समर्पण और विश्वास हो, तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने यह साबित किया कि एक सामान्य परिवार से उत्पन्न व्यक्ति भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, अगर उसमें सपने देखने और उन्हें पूरा करने की इच्छाशक्ति हो। उनका जीवन आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच, और कठोर परिश्रम का उदाहरण है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के प्रेरणादायक विचार | positive thinking abdul kalam quotes

  • “सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
    — असली सपना वो होता है जो आपके अंदर कुछ कर गुजरने की आग जला दे।
  • “अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखिए।”
    — सफलता बिना संघर्ष के नहीं मिलती। तपना ही पड़ता है, जलना ही पड़ता है।
  • “कठिनाइयाँ इंसान को आत्म-विश्लेषण का अवसर देती हैं।”
    — जब जिंदगी मुश्किल हो, तब घबराइए मत, खुद से मिलने का यही तो समय है।
  • “छोटा लक्ष्य अपराध है, जीवन में बड़ा सोचिए, बड़ा करिए।”
    — इंसान की उड़ान उसकी सोच से तय होती है, न कि उसके हालात से।
  • “हम सब के पास समान क्षमता होती है, फर्क सिर्फ हमारे नजरिए का होता है।”
    — खुद पर भरोसा कीजिए, आप वही कर सकते हैं जो आप सोचते हैं।
  • “इंसान को कठिनाइयों की ज़रूरत होती है, क्योंकि सफलता का आनंद तभी आता है जब हम संघर्ष करते हैं।”
    — बिना धूप के इंद्रधनुष नहीं बनता। बिना संघर्ष के जीत का मज़ा नहीं आता।
  • “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसे आप दुनिया को बदलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।”
    — सच्ची ताकत न तलवार में होती है, न दौलत में – वो ज्ञान में होती है।
  • “युवाओं के लिए मेरा संदेश है: अलग सोचिए, कुछ नया करने की हिम्मत रखिए, अपने तरीके से आगे बढ़िए।”
    — दुनिया उन्हीं का इंतज़ार करती है जो रास्ते नहीं खोजते, रास्ते बनाते हैं।
  • “जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते।”
    — आत्मविश्वास ही पहला कदम है हर मंज़िल की ओर।
  • “अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठ होना पड़ेगा।”
    — आधे मन से कोई सपना पूरा नहीं होता, उसके लिए पूरी जान लगानी पड़ती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

apj abdul kalam ka jivan parichay और उनके कार्य भारतीय समाज, विज्ञान, और शिक्षा के क्षेत्र में एक अमूल्य धरोहर बन चुके हैं। उन्होंने न केवल भारतीय मिसाइल और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को नई दिशा दी, बल्कि युवाओं को आत्मविश्वास, समर्पण, और दृढ़ता से अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया। लेख के 10 lines on APJ Abdul Kalam in hindi से हमने उनके जीवन के अहम बातों को भी हाईलाइट किया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत का पहला मिसाइल मैन कौन था?

भारत का पहला मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम थे, जिन्होंने भारतीय रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।भारत का पहला मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम थे, जिन्होंने भारतीय रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

एपीजे का फुल फॉर्म क्या है?

एपीजे का फुल फॉर्म है “अवुल पाकिर जैनुलअब्दीन” (Avul Pakir Jainulabdeen)।

अब्दुल कलाम के गुरु कौन थे?

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के गुरु डॉ. विक्रम साराभाई थे, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रमुख थे। उन्होंने कलाम को प्रेरित किया और विज्ञान तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में कार्य करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया।

अब्दुल कलाम को कितने पुरस्कार मिले हैं?

एपीजे अब्दुल कलाम को उनके वैज्ञानिक कार्यों और राष्ट्र सेवा के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्हें भारत सरकार द्वारा दिए गए प्रमुख पुरस्कारों में शामिल हैं:
पद्म भूषण – 1981
पद्म विभूषण – 1990
भारत रत्न – 1997 (भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
इसके अतिरिक्त उन्हें भारत और विश्वभर की कई संस्थाओं और विश्वविद्यालयों से सम्मान व डॉक्टरेट की उपाधियाँ भी मिलीं। कुल मिलाकर उन्हें 40 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए थे।

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवन कहानी क्या है?

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण परिवार में हुआ। वे बचपन में अखबार बेचते थे और पढ़ाई में बहुत रुचि रखते थे। उन्होंने भौतिकी और वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में वैज्ञानिक बने। उन्होंने भारत के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों में अहम भूमिका निभाई और “मिसाइल मैन” के नाम से प्रसिद्ध हुए। 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हुए।
राष्ट्रपति बनने के बाद भी वे शिक्षण और लेखन में सक्रिय रहे। 27 जुलाई 2015 को एक व्याख्यान के दौरान उनका निधन हो गया। उनका जीवन प्रेरणा और सेवा का प्रतीक है।


अब्दुल कलाम के कितने डिग्री हैं?

उनके असाधारण शैक्षणिक प्रदर्शन के परिणामस्वरूप उन्हें तिरुचिरापल्ली स्थित सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश मिला, जहाँ से उन्होंने 1954 में भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद डॉ. कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अध्ययन किया और 1960 में इस क्षेत्र में स्नातक की उपाधि हासिल की।

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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor

Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.