15 August ka Bhashan

15 August ka Bhashan 2025 | देशभक्ति से भरे शब्द विद्यार्थियों, शिक्षकों और सभी के लिए प्रभावशाली भाषण"

Published on August 15, 2025
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15 August ka Bhashan

Quick Summary

  1. स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव नहीं, अपितु बलिदानों की अमर गाथा है।
  2. यह हमें एकता, साहस और लोकतंत्र की भावना का स्मरण कराता है।
  3. हर भारतीय को यह दिन देश की प्रगति में योगदान देने की प्रेरणा देता है।
  4. आइए, इस आज़ादी को बनाए रखें और मिलकर सुनहरा भारत गढ़ें।

Table of Contents

स्वतंत्रता दिवस या 15 अगस्त का दिन हमें याद दिलाता है, कि आज़ादी हमें विरासत में नहीं मिली, बल्कि इसे पाने के लिए लाखों देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी। 15 August ka Bhashan हमारे वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने और आज़ादी का उत्सव मनाने का एक विशेष अवसर होता है। यह भाषण दिल से निकलता है और हर सुनने वाले के दिल को छू जाता है। यह दिन हमारे राष्ट्र के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है। यह अवसर हमें उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। 

15 अगस्त को पूरा भारत बड़े गर्व और उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाता है। हमारे इतिहास में यह सबसे महत्वपूर्ण तारीख है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाई थी। लगभग 200 वर्षों की गुलामी की बेड़ियाँ उसी दिन टूटीं और देश ने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में नया अध्याय शुरू किया।

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण 2025 | hindi bhashan 15 august

यह वह ऐतिहासिक दिन है जब महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल और अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयास सफल हुए। 15 अगस्त 1947 को हमारा स्वतंत्र भारत का सपना साकार हुआ। आज का समय उन कार्यों और गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का है, जो हमारे देश की प्रगति और समृद्धि में योगदान दें। हमें स्वतंत्रता के वास्तविक अर्थ को गहराई से समझने और उसे अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।

स्वतंत्रता दिवस के लिए भाषण के नमूने | 15 August Speech in Hindi

स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर, यहाँ छात्रों, शिक्षकों और विभिन्न वर्गों के लिए तैयार 15 august par speech के नमूने प्रस्तुत हैं, जो देशभक्ति की भावना को जीवंत करते हैं।

1. छात्र के लिए भाषण (15 August Speech in Hindi for Students):

“आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षक,गण, अभिभावकों और मेरे प्यारे मित्रों, 
 आप सभी को मेरा नमस्कार।” 

आज का दिन हम सभी भारतीयों के लिए अत्यंत गौरव और सम्मान का दिन है। आज हम भारत की आज़ादी की 78वीं वर्षगाँठ बड़े ही उत्साह और देशभक्ति के साथ मना रहे हैं। 

15 August ka Bhashan केवल एक भाषण नहीं, बल्कि यह हमारे उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमें यह स्वतंत्र भारत दिया। यह दिन उन बलिदानों की याद दिलाता है और हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम भी देश की एकता, अखंडता और विकास में अपना योगदान देंगे। 

हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे , महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, सरदार पटेल और अनगिनत ज्ञात,अज्ञात नायकों के प्रयासों से ही आज हम आज़ाद भारत में साँस ले रहे हैं। उनका संघर्ष केवल सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं था, बल्कि एक न्यायपूर्ण, समतामूलक और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के लिए था। 

हमारे पूर्वजों ने हमें आज़ादी दी, अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इस आज़ादी की रक्षा करें और भारत को एक विकसित, शिक्षित और सशक्त राष्ट्र बनाएं। 

आइए हम सब मिलकर यह प्रण लें कि हम भारत को आगे बढ़ाने में पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करेंगे। यही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

जय हिंद, 
वंदे मातरम्! 

2. शिक्षक (Teacher) के लिए भाषण

सुप्रभात, 

माननीय प्रधानाचार्य जी, मेरे सहकर्मीगण, और मेरे प्यारे बच्चों। 

आज हम यहाँ भारत के सबसे गर्वपूर्ण और ऐतिहासिक दिन 15 अगस्त को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह वही दिन है जब हमारे देश ने वर्षों की गुलामी के बाद स्वतंत्रता की साँस ली थी। यह दिन केवल आज़ादी का उत्सव नहीं है, यह उन लाखों शहीदों की कुर्बानी को भी याद करने का दिन है जिन्होंने हमें यह आज़ादी दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। 

मेरे लिए, एक शिक्षक के रूप में, यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज़ादी सिर्फ़ झंडा फहराने और देशभक्ति गीत गाने तक सीमित नहीं है, इसका असली अर्थ तब है जब हम अपने विचारों में, अपने कर्मों में और अपने उद्देश्य में स्वतंत्र हों। 

हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि हम बच्चों को सिर्फ़ किताबों का ज्ञान न दें, बल्कि उन्हें संस्कार, नैतिक मूल्य और देशभक्ति की भावना से भी जोड़ें। अगर हम हर बच्चे को एक जिम्मेदार नागरिक, एक ईमानदार इंसान, और एक समर्पित देशभक्त बना पाएं तो वही हमारी आज़ादी की असली विजय होगी। 

बच्चों, आज़ादी हमें विरासत में मिली है, लेकिन इसे सहेजना, संवारना और आगे बढ़ाना हमारा फ़र्ज़ है। आप भारत का भविष्य हैं। आपमें वह शक्ति है, वह ऊर्जा है, जिससे हमारा देश और ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है। 

तो आओ, आज के इस पावन दिन पर हम सभी यह संकल्प लें 
कि हम अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाएंगे, 
कि हम हर प्रकार की भेदभाव और नफरत से ऊपर उठकर एकता की मिसाल बनाएंगे, 
और सबसे ज़रूरी, कि हम शिक्षा और सेवा के माध्यम से देश को आगे बढ़ाएंगे। 

जय हिंद,
वंदे मातरम्! 

3. समाजसेवी के लिए भाषण (15 अगस्त पर भाषण हिंदी में 2025): 

15 August ka Bhashan
15 august 2025 speech in hindi | speech on 15 august in hindi

सुप्रभात सभी उपस्थित जनों को। 

आज 15 अगस्त है, हमारा स्वतंत्रता दिवस। यह वो दिन है जब देश ने वर्षों की गुलामी के बाद आज़ादी की सांस ली। यह दिन हमें सिर्फ़ जश्न मनाने का नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों को याद करने का भी अवसर देता है। 

एक समाजसेवी के रूप में मेरा मानना है कि आज़ादी का सही अर्थ तब है जब देश का हर व्यक्ति शिक्षित, सुरक्षित और आत्मनिर्भर हो। जब हर गाँव में साफ पानी हो, हर बच्चा स्कूल जाए, और कोई भूखा न सोए। 

हमें मिलकर एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर व्यक्ति को बराबरी का अधिकार मिले और कोई पीछे न छूटे। हम सबको मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सिर्फ़ अपने लिए नहीं, समाज और देश के लिए भी जिएं। 

देश को महान बनाने के लिए ज़रूरी नहीं कि हम बहुत बड़े काम करें। अगर हम रोज़ाना किसी एक व्यक्ति की मदद करें, किसी को सुन लें, किसी को समझ लें, तो भी हम देशभक्ति का सबसे सच्चा रूप निभा रहे होते हैं। 

आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर यह वादा करें कि हम सिर्फ़ देश से नहीं, देशवासियों से भी प्रेम करेंगे। 

जय हिंद,
वंदे मातरम् !

4. किसी सामाजिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के लिए भाषण(Chief Guest in a Social Event): 

नमस्कार सभी उपस्थित महानुभावों को। 

आज हम सब यहाँ 15 अगस्त, यानी हमारे देश के स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमें उन महान सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। 

एक सामाजिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मेरा यह मानना है कि आज़ादी सिर्फ़ जश्न का मौका नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और जागरूकता का भी अवसर है। हमें सोचना होगा कि आज़ादी के 75 से भी ज़्यादा वर्षों बाद भी क्या हम एक समान, शिक्षित और न्यायपूर्ण समाज बना पाए हैं? 

समाज में जब तक आखिरी व्यक्ति तक विकास नहीं पहुँचता, तब तक हमारी आज़ादी अधूरी है। इसलिए हम सबका कर्तव्य है कि हम मिलकर एक ऐसे भारत की रचना करें जहाँ हर व्यक्ति को बराबरी का अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान मिले। 

आज इस मंच से मैं सभी युवाओं, विद्यार्थियों और समाज के जागरूक नागरिकों से आग्रह करता हूँ कि वे देश के निर्माण में भागीदार बनें। छोटे-छोटे प्रयास भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। 

आइए, हम सब मिलकर एक सशक्त, समावेशी और जागरूक भारत का सपना पूरा करें। 

जय हिंद,
धन्यवाद!

5. अभिभावक प्रतिनिधि (Parent Representative) के लिए 15 अगस्त पर भाषण:

नमस्कार, 
सम्माननीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, अभिभावक साथियों और प्यारे बच्चों। 

आज 15 अगस्त है, हमारे देश की आज़ादी का गर्वपूर्ण दिन। एक अभिभावक होने के नाते, आज का दिन मेरे लिए सिर्फ़ जश्न नहीं, जिम्मेदारी का प्रतीक भी है। हमें याद रखना चाहिए कि जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें यह आज़ादी दिलाई, उनकी कुर्बानी तभी सार्थक होगी जब हम अपने बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनाएँ। 

हम अभिभावकों की भूमिका सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों में नैतिक मूल्य, देशप्रेम, और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी का भाव जगाना होगा। आज की पीढ़ी ही कल का भारत है, और उन्हें सही दिशा देना हम सबका साझा दायित्व है। 

मैं विद्यालय के सभी शिक्षकों को धन्यवाद देता हूँ, जो बच्चों को सिर्फ़ शिक्षा नहीं, संस्कार भी दे रहे हैं। 

आइए, हम सब मिलकर अपने घर और स्कूल दोनों को ऐसा वातावरण बनाएं जहाँ बच्चों को देशभक्ति, अनुशासन और सेवा की भावना स्वतः मिले। यही आज़ादी का असली सम्मान होगा। 

जय हिंद 
धन्यवाद 

6. सेना / पुलिस / सुरक्षा बल अधिकारी के लिए 15 August ke Speech:

माननीय अधिकारीगण, सहकर्मी और सभी देशवासियों को मेरा नमस्कार।

आज हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं भारत के स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर। 15 अगस्त, 1947 — यह वह दिन है जब हमारे देश ने वर्षों की कठिन लड़ाई, बलिदान और संघर्ष के बाद आज़ादी की सांस ली। यह केवल एक तारीख नहीं, बल्कि हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान की अमर गाथा है।

हम, जो सेना, पुलिस या सुरक्षा बलों में सेवा दे रहे हैं, के लिए यह दिन और भी खास है। क्योंकि हमें न केवल अपने देश की स्वतंत्रता को याद रखना है, बल्कि उसकी रक्षा की जिम्मेदारी भी निभानी है। हमारी वर्दी सिर्फ कपड़े का टुकड़ा नहीं, यह उस विश्वास और कर्तव्य का प्रतीक है जो देश ने हमें सौंपा है।

आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बिना किसी स्वार्थ के, बिना किसी डर के, देश की खातिर अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उसी भावना को हमें अपने हर कार्य, हर मिशन और हर जिम्मेदारी में जीवित रखना है।

हमारा दायित्व केवल सीमा या कानून-व्यवस्था की रक्षा करना नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक में सुरक्षा और गर्व की भावना जगाना भी है।
जब हम ड्यूटी पर होते हैं, तो हम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं होते — हम पूरे भारत का चेहरा होते हैं।

इसलिए आज, आइए हम संकल्प लें:

  • हम अपनी ईमानदारी, साहस और अनुशासन से देश का मान बढ़ाएंगे।
  • हर नागरिक की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होगी।
  • और हर परिस्थिति में हम अपने राष्ट्र की गरिमा को बनाए रखेंगे।

जय हिंद!
भारत माता की जय! 

7. NGO प्रतिनिधि के लिए भाषण

प्रिय साथियों,

आज हम सब यहाँ स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर एकत्र हुए हैं। यह दिन हमें उन वीर शहीदों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। यह सिर्फ़ जश्न का दिन नहीं, बल्कि आत्ममंथन का भी दिन है—कि हम अपने देश और समाज के लिए क्या कर रहे हैं और क्या कर सकते हैं।

एक NGO प्रतिनिधि के रूप में, मेरा मानना है कि सच्ची आज़ादी सिर्फ़ राजनीतिक स्वतंत्रता में नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और मानसिक आज़ादी में भी है। जब कोई बच्चा शिक्षा से वंचित हो, जब किसी को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़े, जब कोई महिला असमानता का सामना करे—तो हमारा काम अभी अधूरा है।

हमारा संगठन और देश के सभी स्वयंसेवी संगठन मिलकर इस अधूरे काम को पूरा करने में लगे हैं। चाहे वह बच्चों की शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवाओं का प्रसार हो, पर्यावरण की रक्षा हो, या महिलाओं का सशक्तिकरण—हर छोटा कदम भारत को और मज़बूत बनाता है।

इस स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सभी से अपील करता हूँ—

  • अपने आस-पास के लोगों की ज़रूरतों पर ध्यान दें।
  • अपने समय, कौशल और संसाधनों से समाज को योगदान दें।
  • मिलकर ऐसा भारत बनाएं, जहाँ हर नागरिक गरिमा, सम्मान और अवसर के साथ जी सके।

आइए, हम मिलकर यह संकल्प लें कि आने वाले वर्षों में हम सिर्फ़ समस्याओं पर चर्चा नहीं करेंगे, बल्कि समाधान का हिस्सा बनेंगे। यही हमारे शहीदों के सपनों का भारत होगा—जहाँ हर कोई स्वतंत्र, खुशहाल और सशक्त होगा।

जय हिंद!

8. कार्यक्रम आयोजक / एंकर (Anchor) के लिए भाषण

सुप्रभात, 
माननीय अतिथिगण, शिक्षकगण, अभिभावकगण और मेरे प्यारे साथियों, 

आज हम सभी यहाँ 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के लिए गर्व और उत्साह का प्रतीक है। 

15 अगस्त केवल तिरंगा फहराने का दिन नहीं, बल्कि हमारे उन सभी वीरों की याद दिलाने वाला दिन है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। 

आज का यह समारोह हमें याद दिलाता है कि आज़ादी सिर्फ़ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। हमें अपने कर्तव्यों को निभाते हुए देश को आगे बढ़ाना है। 

इस आयोजन के माध्यम से हम देशभक्ति की भावना को और मजबूत करें और सभी कार्यक्रमों का आनंद लें। 

आइए, हम सब मिलकर इस दिन को यादगार बनाएं। 

जय हिंद,
वंदे मातरम्! 

9. 15 अगस्त पर 10 पंक्तियाँ (छोटे बच्चों के लिए सरल भाषण) | Independence Day Speech for Kids

  • आदरणीय अध्यापकगण और प्यारे साथियों को मेरा नमस्कार।
  • मेरा नाम _______ है और मैं कक्षा ___ का विद्यार्थी/विद्यार्थिनी हूँ।
  • आज हम सब यहाँ 15 अगस्त, यानी स्वतंत्रता दिवस, मनाने के लिए एकत्र हुए हैं।
  • 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुआ।
  • यह आज़ादी हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से मिली।
  • हमें मिलकर अपने देश की रक्षा और सम्मान करना चाहिए।
  • यह दिन हमें देशभक्ति और एकता का संदेश देता है।
  • हमें हमेशा अपने देश को स्वच्छ, सुरक्षित और मजबूत बनाना है।
  • आज हम संकल्प लेते हैं कि अच्छे नागरिक बनकर देश की सेवा करेंगे।
  • हम अपने देश से सदा प्रेम करेंगे।

    जय हिंद! वंदे मातरम!

स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व | 15 August ka Bhashan 

15 August ka Bhashan

भारत में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस बड़े गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह दिन 1947 में ब्रिटिश शासन से मिली आज़ादी की ऐतिहासिक घड़ी को स्मरण करने का अवसर है। यह केवल एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं, बल्कि उन वीर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर हमें स्वतंत्रता का अमूल्य उपहार दिया।

छात्रों के लिए भी यह दिन अत्यंत प्रेरणादायक होता है। इस अवसर पर उन्हें भारत के गौरवशाली इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम के कठिन संघर्ष और वीरों के अदम्य साहस से अवगत कराया जाता है। देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में भाषण, निबंध प्रतियोगिता, कविता पाठ, देशभक्ति गीत और विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो नई पीढ़ी में देशभक्ति, गर्व और जिम्मेदारी की भावना को प्रज्वलित करते हैं।

15 August ka Bhashan जब भी तैयार किया जाता है, उसमें सबसे ज़रूरी बात होती हैै। स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व समझाना। यह दिन केवल एक छुट्टी नहीं, बल्कि यह भारत की गौरवगाथा, बलिदान और आत्मसम्मान का दिन है। यह वह क्षण है जब करोड़ों भारतीयों ने पहली बार खुलकर स्वतंत्रता की हवा में साँस ली थी। 

  • 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हुआ। यह दिन हर भारतीय के लिए गौरव और सम्मान का प्रतीक है। 
  • भारत लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा। इस दौरान देशवासियों को कई अत्याचार और अन्याय सहने पड़े। 
  • स्वतंत्रता दिवस हमें उन सभी महान स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया और अपने प्राण न्योछावर कर दिए। 

जैसे , महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, और लाल बहादुर शास्त्री। 

  • यह दिन हमें देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाने की प्रेरणा देता है। हम आज जो खुलकर बोलते, लिखते, और जीते हैं , वह इन्हीं बलिदानों का परिणाम है। 
  • हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल क़िले से तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं 
  • स्कूलों और सरकारी संस्थानों में भी झंडारोहण, भाषण प्रतियोगिता, और देशभक्ति कार्यक्रम होते हैं। 
  • यह दिन हम सभी को सिखाता है कि हमें हमेशा एकजुट रहकर देश की रक्षा, सेवा और विकास में योगदान देना चाहिए। 

स्वतंत्रता दिवस 2025: वीरों के बलिदान की कहानी | Independence Day Speech in Hindi 2025

15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय है। दो सौ वर्षों की गुलामी के बाद, भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की। 
यह आज़ादी सिर्फ़ एक क़ानूनी बदलाव नहीं थीै। यह संघर्ष, आंदोलन, और लाखों बलिदानों की परिणति थी। 

महात्मा गांधी का सत्याग्रह  

  • महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराने के लिए अहिंसा और सत्य का मार्ग चुना। 
  • उन्होंने सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और नमक सत्याग्रह जैसे शांतिपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। 
  • उनका मानना था कि बिना हिंसा के भी अन्याय के खिलाफ लड़ा जा सकता है। 
  • उन्होंने लोगों को आत्मनिर्भर बनने और एकजुट होकर लड़ने की प्रेरणा दी। 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आज़ाद हिंद फौज  

  • वे शुरू से ही अंग्रेजों के खिलाफ कड़ा रवैया रखते थे और आज़ादी के लिए अलग रास्ता अपनाना चाहते थे। 
  • उन्होंने “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” जैसा प्रेरणादायक नारा दिया। 
  • नेताजी मानते थे कि केवल शांतिपूर्ण आंदोलन से नहीं, बल्कि सशस्त्र संघर्ष से भी आजादी मिल सकती है। 

भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों का बलिदान 

  • भारत की आज़ादी केवल नेताओं के भाषणों या शांतिपूर्ण आंदोलनों से नहीं आईै। इसके पीछे कई वीर क्रांतिकारियों का बलिदान भी था। 
  • इन क्रांतिकारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना भारत को स्वतंत्र कराने की ठानी थी। 

इन सबने मिलकर भारत को स्वतंत्र करने का सपना देखा और उसे साकार किया। 

“15 अगस्त: आज़ादी की चमक, शहीदों के खून से रोशन है!”

15 अगस्त केवल आज़ादी का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें यह याद दिलाता है, कि हमारी आज़ादी कितनी मुश्किलों और त्याग के बाद मिली है। 
यह दिन हमें राष्ट्रीय एकता, लोकतंत्र और समरसता की ओर प्रेरित करता है। 
 
आज भी जब हम Independence Day Speech in Hindi या Swatantrata Diwas par Nibandh तैयार करते हैं, तो उसमें यह भावना होनी चाहिए कि हम इस आज़ादी को बनाए रखें और देश को प्रगति की राह पर आगे ले जाएँ। 

स्वतंत्रता दिवस कोट्स | Independence Day Quotes in Hindi 

स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषणों और निबंधों में अगर देशभक्ति से भरे कोट्स जोड़े जाएं, तो वे श्रोताओं को और अधिक प्रेरित करते हैं। ये कोट्स न केवल वीरों के विचारों को दर्शाते हैं, बल्कि हमारी आत्मा को भी झकझोरते हैं। 

यहाँ कुछ प्रसिद्ध और प्रभावशाली स्वतंत्रता दिवस कोट्स (Independence Day Quotes in Hindi) दिए गए हैं जिन्हें आप अपने 15 August ka Bhashan में ज़रूर शामिल करें: 

स्वतंत्रता सेनानी प्रेरणादायक उद्धरण 
महात्मा गांधी “आप आज़ादी को हथियारों से नहीं, सत्य और अहिंसा से प्राप्त कर सकते हैं।” 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।” 
भगत सिंह “किसी को क्रांति शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थों में नहीं करनी चाहिए।” 
पंडित जवाहरलाल नेहरू “आज हम एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं, यह आज़ादी संघर्ष की विरासत है।” 
डॉ. भीमराव अंबेडकर “संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, यह एक जीवनदर्शन है।” 
रामप्रसाद बिस्मिल “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए कातिल में है।” 
Independence day | स्वतंत्रता दिवस कोट्स

स्वतंत्रता दिवस का संक्षेप इतिहास 

जब भी हम 15 August ka Bhashan या Independence Day Speech in Hindi तैयार करते हैं, तो उसमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम के संक्षेप इतिहास को अवश्य शामिल करना चाहिए। इससे श्रोताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि यह आज़ादी कितनी बड़ी कुर्बानियों के बाद मिली है। 

200 साल का संघर्ष: 1857 विद्रोह, असहयोग, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन 

  • भारत का स्वतंत्रता संग्राम कोई एक दिन की लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह एक लगभग 200 वर्षों का लंबा संघर्ष था। 
  • 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम, जिसे सिपाही विद्रोह भी कहा जाता है, आज़ादी की पहली बड़ी चिंगारी था। 
  • इसके बाद महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुए आंदोलन: 
  • असहयोग आंदोलन (1920) 
  • दांडी मार्च (1930) , नमक सत्याग्रह 
  • भारत छोड़ो आंदोलन (1942) , अंग्रेजों को भारत से जाने का स्पष्ट संदेश 

इन आंदोलनों ने भारतीय जनमानस को स्वतंत्रता के लिए जागरूक और संगठित किया। 

स्वतंत्रता सेनानियों के नाम: गांधी जी, नेहरू जी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष 

स्वतंत्रता संग्राम की नींव कुछ महान क्रांतिकारियों और नेताओं ने रखी: 

  • महात्मा गांधी , अहिंसा और सत्याग्रह के मार्गदर्शक जिन्होंने बिना हिंसा के ब्रिटिश शासन को चुनौती दी। 
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू , स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता, जिन्होंने विज्ञान, शिक्षा और लोकतंत्र की नींव रखी। 
  • भगत सिंह , साहसी क्रांतिकारी जिन्होंने अपने विचारों और बलिदान से युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा दी। 
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस , आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक, जिनका नारा “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” आज भी हर देशवासी को प्रेरित करता है। 

इन सभी महान नेताओं ने भारत को गुलामी से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई। 

स्वतंत्रता सेनानी | Freedom Fighter Name 

भारत की आज़ादी में योगदान देने वाले हजारों स्वतंत्रता सेनानी थे। कुछ प्रसिद्ध नाम इस प्रकार हैं: 

मातंगिनी हाज़रा

  • मातंगिनी हाज़रा पश्चिम बंगाल की स्वतंत्रता सेनानी थीं। 
  • उन्हें लोग प्यार से “गांधी बुरी” कहकर बुलाते थे। 
  • उन्होंने 73 साल की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। 
  • आंदोलन के दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो वे तिरंगा झंडा उठाए आगे बढ़ती रहीं। 
  • गोलियों से घायल होने के बावजूद वे “वंदे मातरम्” और “भारत माता की जय” बोलती रहीं। 
  • उनका साहस यह दिखाता है कि देशभक्ति के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। 

भगत सिंह

  • भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के बंगा गाँव में हुआ था। 
  • वे बचपन से ही देश को आज़ाद देखने का सपना देखते थे। 
  • 1919 के जलियाँवाला बाग़ नरसंहार ने उनके मन को झकझोर दिया और यहीं से उन्होंने देशभक्ति की राह चुनी। 
  • उन्होंने लाहौर में ब्रिटिश अधिकारी सांडर्स की हत्या कर लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लिया। 
  • दिल्ली की असेंबली में बम फेंकने के बाद वे भागे नहीं, बल्कि गिरफ्तारी देकर अपना संदेश पूरी दुनिया तक पहुँचाया। 
  • भगत सिंह को 23 मार्च 1931 को सुखदेव और राजगुरु के साथ फाँसी दी गई। 

बिरसा मुंडा:

  • बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलिहातू गाँव में हुआ था। 
  • वे आदिवासी समुदाय से थे और उनके जीवन का उद्देश्य अपने समाज के अधिकारों की रक्षा करना था। 
  • उन्होंने अंग्रेजों के ज़मीन हथियाने के खिलाफ आवाज़ उठाई और अपने लोगों को संगठित किया। 
  • बिरसा मुंडा ने धार्मिक जागरूकता भी फैलाई और आदिवासी समाज को अपनी संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया। 
  • उन्हें 1900 में अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जहाँ 25 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। 

पंडुरंग खनखोजे

  •  गदर पार्टी के क्रांतिकारी जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आज़ादी के लिए प्रयास किए। 
  • इनके अलावा सुभद्राकुमारी चौहान, चंद्रशेखर आज़ाद, राजगुरु, सुखदेव, रामप्रसाद बिस्मिल, सरोजिनी नायडू, उषा मेहता जैसे अनेक वीर और वीरांगनाओं का योगदान अविस्मरणीय है। 

स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन | स्वतंत्रता दिवस पर भाषण 2025

  1. भारत हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। 
  1. 1947 में इसी दिन हमारा देश अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद हुआ था। 
  1. यह दिन देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को याद करने का दिन है। 
  1. स्कूलों में झंडा फहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है। 
  1. बच्चे देशभक्ति गीत गाते हैं और नाटक व नृत्य प्रस्तुत करते हैं। 
  1. प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं। 
  1. इस दिन पूरे देश में परेड और झाँकियाँ निकाली जाती हैं। 
  1. हम सभी इस दिन को गर्व और उत्साह के साथ मनाते हैं। 
  1. हमें अपने देश की एकता और स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए। 
  1. भारत माता की जय! जय हिंद! 

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय प्रतीक व कार्यक्रम 

लाल क़िला, प्रधानमंत्री ध्वजारोहण व राष्ट्र,भाषण 

हर वर्ष 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल क़िले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं। इसके बाद वे राष्ट्र को संबोधित करते हैं जिसमें देश की उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और भविष्य की योजनाओं पर बात होती है। यह भाषण का सबसे आधिकारिक रूप माना जाता है। 

  • तिरंगे को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। 
  • इस अवसर पर सेनाओं की टुकड़ियाँ, एनसीसी कैडेट्स और स्कूली छात्र सम्मान देते हैं। 
  • पूरा कार्यक्रम टीवी और रेडियो पर लाइव प्रसारित होता है। 

स्वतंत्रता दिवस समारोह | Independence Day Celebration 

  • 15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक होता है। यह दिन हमें उन वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आज़ाद कराया। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी दफ़्तरों और हर गली,मोहल्ले में यह दिन विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। 

स्वतंत्रता दिवस समारोह की प्रमुख झलकियाँ: 

  • ध्वजारोहण: स्कूलों और सरकारी संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। प्रधानाचार्य या मुख्य अतिथि ध्वज को सलामी देते हैं। 
  • राष्ट्रगान: ध्वजारोहण के बाद सभी बच्चे और शिक्षक मिलकर “जन गण मन” राष्ट्रगान गाते हैं। 
  • देशभक्ति गीत: बच्चों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीत वातावरण को देशप्रेम से भर देते हैं। 
  • नाटक और भाषण: छात्र स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों पर नाटक करते हैं और भाषण देते हैं जिससे इतिहास को जीवंत अनुभव किया जा सके। 
  • परेड और झाँकियाँ: कई स्कूलों में परेड और स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित झाँकियाँ भी आयोजित की जाती हैं। 
  • इनाम और पुरस्कार: समारोह में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिए जाते हैं जिससे उनका मनोबल बढ़ता है। 

स्कूल, झंडा फहराना, राष्ट्रगान, देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटक 

स्कूलों में 15 August ka Bhashan प्रतियोगिताएं, चित्रकला, भाषण, और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 
बच्चे पारंपरिक परिधान पहनते हैं और “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” जैसे नारे लगाते हैं। 

  • शिक्षक तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्रगान होता है। 
  • इसके बाद छात्र,छात्राएं देशभक्ति से भरे गीत गाते हैं और रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते हैं। 
  • विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण,पत्र भी दिए जाते हैं। 

15 अगस्त पर निबंध | Swatantrata Diwas Par Nibandh

भारत का स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, आत्मबल और शहीदों के बलिदान का प्रतीक है। नीचे इस विषय को प्रमुख उप,शीर्षकों के साथ स्पष्ट किया गया है: 

स्वतंत्रता का इतिहास 

भारत की स्वतंत्रता का इतिहास बहुत लंबा और संघर्षों से भरा हुआ है। यह केवल एक दिन में नहीं मिली, बल्कि इसके पीछे वर्षों की मेहनत, आंदोलन, और हजारों लोगों की कुर्बानियाँ शामिल हैं। 

मुख्य बिंदु: 

  • विदेशी शासन की शुरुआत
    भारत में सबसे पहले मुग़ल और फिर अंग्रेज़ों ने शासन किया। अंग्रेज़ों का शासन 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद शुरू हुआ और धीरे,धीरे पूरे देश पर कब्ज़ा कर लिया। 
  • असंतोष की शुरुआत
    1857 में पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ, जिसे ‘सिपाही विद्रोह’ कहा गया। इसमें झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, बहादुर शाह ज़फ़र जैसे वीरों ने हिस्सा लिया। 
  • महात्मा गांधी और असहयोग आंदोलन
    1920 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की। उन्होंने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया और पूरे देश को एकजुट किया। 
  • क्रांतिकारी आंदोलन
    भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, सुखदेव जैसे युवाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाए। उनका साहस देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बना। 
  • भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
    गांधी जी ने ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन शुरू किया। नारा था, “अंग्रेजों भारत छोड़ो”। इस आंदोलन ने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी। 
  • आज़ादी की घोषणा
    अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। पं. जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और ऐतिहासिक भाषण दिया , “भाग्य से यह घड़ी आई है…” 

स्वतंत्रता दिवस पर लघु निबंध 2025 | Speech on Independence Day in Hindi

15 अगस्त हमारे देश के लिए बहुत ही खास और गौरवपूर्ण दिन है। इस दिन 1947 में भारत ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुआ था। यह दिन हमें हमारे उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया। 

स्वतंत्रता केवल एक शब्द नहीं, बल्कि हमारे स्वतंत्र जीवन, हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है। इस दिन पूरे भारतवर्ष में तिरंगा फहराया जाता है और प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में झंडारोहण, देशभक्ति गीत, भाषण, नाटक और परेड आयोजित की जाती हैं। 

आज का युवा ही देश का भविष्य है। इसलिए हमें अपनी आज़ादी की क़ीमत समझनी होगी और इसे बनाए रखने के लिए हर दिन मेहनत करनी होगी। आज़ादी हमें मिली है, लेकिन इसे संभालना और इसे सही दिशा में ले जाना हमारी ज़िम्मेदारी है। 

हमें अपने देश की एकता, अखंडता और विकास के लिए हमेशा एकजुट रहना होगा। साथ ही, देशभक्ति की भावना को अपने दिल में बनाए रखना होगा और समाज के लिए कुछ अच्छा करना होगा। 

आइए हम सब मिलकर अपने भारत को एक सशक्त, समृद्ध और खुशहाल देश बनाएं। हमारे पूर्वजों के सपनों को साकार करें और आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य बनाएं। 

जय हिंद,
वंदे मातरम्! 

विद्यार्थियों की भूमिका 

आज का युवा ही कल का नेतृत्व करता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे: 

  • देश की समस्याओं को समझें और समाधान में भाग लें 
  • शिक्षा के साथ,साथ नैतिक मूल्यों को अपनाएँ 
  • देशभक्ति, सेवा और अनुशासन को जीवन में शामिल करें 
  • स्वच्छता, डिजिटल इंडिया, पर्यावरण संरक्षण जैसे अभियानों में भाग लें 

Independence Day Speech in Hindi में विद्यार्थियों की भूमिका को रेखांकित करना यह दर्शाता है कि आज़ादी की रक्षा सिर्फ भाषण से नहीं, कर्म से होती है। 

15 अगस्त कैसे मनाया जाता है? 

हर साल 15 अगस्त को पूरे देश में उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है: 

गतिविधि विवरण 
ध्वजारोहण (Flag Hoisting) स्कूलों, सरकारी भवनों और लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता है। 
राष्ट्रगान ध्वजारोहण के बाद ‘जन गण मन’ गाया जाता है। 
प्रधानमंत्री का भाषण प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करते हैं। 
देशभक्ति गीत और नाटक स्कूलों में बच्चे देशभक्ति गीत गाते हैं और स्वतंत्रता संग्राम पर नाटक करते हैं। 
परेड और झांकियाँ दिल्ली में विशेष परेड और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झांकियाँ दिखाई जाती हैं। 
शहीदों को श्रद्धांजलि स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा से याद किया जाता है। 
मिठाई वितरण स्कूलों में बच्चों को मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं। 
झंडा सज्जा और सजावट लोग अपने घरों, स्कूलों और गाड़ियों को तिरंगे से सजाते हैं। 
देशभक्ति फिल्मों का प्रसारण टीवी पर स्वतंत्रता से जुड़ी फिल्में और डॉक्युमेंट्री दिखाई जाती हैं। 
संविधान और स्वतंत्रता का पाठ छात्रों को स्वतंत्रता संग्राम और संविधान की जानकारी दी जाती है। 

यह दिन सिर्फ उत्सव का नहीं, कर्तव्य और प्रेरणा का दिन है। 

प्रेरक उद्धरण/पंक्तियाँ  

15 August ka Bhashan या Swatantrata Diwas par Nibandh को और अधिक प्रभावशाली और देशभक्ति से भरपूर बनाने के लिए कुछ प्रेरक नारे और पंक्तियाँ जरूर शामिल करें। ये पंक्तियाँ केवल शब्द नहीं होतीं , ये आंदोलनों की पुकार, बलिदानों की गूँज, और भारत की आत्मा होती हैं। 

“सत्यमेव जयते”, “जय हिंद”, “करो या मरो” जैसी पंक्तियाँ जोड़ें 

“सत्यमेव जयते” 

सत्य की सदा विजय होती है। 
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक पर अंकित यह मंत्र हमें ईमानदारी, न्याय और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। 

“जय हिंद” 

यह नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। 
यह आज़ादी के आंदोलन की आत्मा बन गया और आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है। 

“करो या मरो” 

महात्मा गांधी का यह नारा भारत छोड़ो आंदोलन (1942) का मूल था। 
इसने भारतीयों को अंतिम निर्णायक संघर्ष के लिए प्रेरित किया। 

“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” 

रामप्रसाद बिस्मिल की यह कविता आज भी हर देशभक्त के रगों में जोश भर देती है। 

“इंकलाब ज़िंदाबाद” 

भगत सिंह का यह नारा आज़ादी की आवाज़ बन गया। 
यह युवाओं के भीतर बदलाव लाने की प्रेरणा है। 

“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह नारा बलिदान और समर्पण की भावना को दर्शाता है। 

निष्कर्ष 

स्वतंत्रता दिवस केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारे इतिहास, बलिदान और संघर्ष की गूंज है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि आज़ादी हमें यूं ही नहीं मिली , इसके पीछे लाखों वीरों की कुर्बानी और अनगिनत त्याग छिपे हैं। 

हर साल स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में जो 15 August ka Bhashan दिया जाता है, वह केवल औपचारिक भाषण नहीं होता , वह हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान, प्रेरणा और देशभक्ति की अभिव्यक्ति होता है। इस भाषण में न केवल आज़ादी के इतिहास को दोहराया जाता है, बल्कि नई पीढ़ी को अपने कर्तव्यों की याद भी दिलाई जाती है। 

हमारा कर्तव्य है कि हम इस आज़ादी को बनाए रखें, देश से प्रेम करें और जिम्मेदार नागरिक बनें। हर वर्ष 15 अगस्त को हम न केवल तिरंगा फहराते हैं, बल्कि उस भावना को भी ऊँचा उठाते हैं जो हमें एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाती है। 

15 August ka Bhashan कैसे शुरू करें?

भाषण की शुरुआत देशभक्ति से भरे अभिवादन और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देकर करें। जैसे – “आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे मित्रों…”

स्वतंत्रता दिवस के भाषण में किन बातों का ज़िक्र ज़रूरी है?

स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान, आज़ादी का महत्व, राष्ट्रीय ध्वज, एकता, और देश के प्रति संकल्प जैसे विषय शामिल करें।

स्वतंत्रता दिवस भाषण बच्चों के लिए कैसे बनाएं?

सरल भाषा, छोटी-छोटी पंक्तियाँ, और एक प्रेरणादायक अंत रखें। बच्चों के लिए कहानियों और कविताओं का इस्तेमाल भी प्रभावी होता है।

स्वतंत्रता दिवस भाषण किस टोन में देना चाहिए – भावुक या प्रेरणादायक?

आदर्श भाषण भावुक भी हो और प्रेरणा देने वाला भी। यह श्रोताओं के दिल को छूना चाहिए और उन्हें कुछ कर गुजरने की प्रेरणा दे।

स्वतंत्रता दिवस भाषण की तैयारी कैसे करें?

पहले विषय से जुड़े मुख्य बिंदु चुनें, एक अच्छा शुरुआत और निष्कर्ष तय करें, और बार-बार अभ्यास करें ताकि आत्मविश्वास बढ़े।

15 अगस्त का क्या नारा था?

स्वतंत्रता संग्राम के समय कई नारों ने लोगों में जोश और एकता जगाई। इनमें से कुछ प्रमुख नारे थे —
“जय हिंद” – नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा लोकप्रिय किया गया।
“वंदे मातरम्” – बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के गीत से लिया गया, जो स्वतंत्रता का प्रतीक बना।
“साइमन गो बैक” – 1928 में साइमन कमीशन के विरोध में।
“करो या मरो” – महात्मा गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में दिया गया नारा।

15 अगस्त को तिरंगा फहराने की परंपरा कैसे शुरू हुई?

15 अगस्त 1947 को पहली बार लाल किले पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया। तब से हर साल प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

15 August ka Pehla Bhashan किसने दिया था?

भारत की स्वतंत्रता के बाद पहला भाषण 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में दिया, जिसे “Tryst with Destiny” के नाम से जाना जाता है।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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