Quick Summary
स्वतंत्रता दिवस या 15 अगस्त का दिन हमें याद दिलाता है, कि आज़ादी हमें विरासत में नहीं मिली, बल्कि इसे पाने के लिए लाखों देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी। 15 August ka Bhashan हमारे वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने और आज़ादी का उत्सव मनाने का एक विशेष अवसर होता है। यह भाषण दिल से निकलता है और हर सुनने वाले के दिल को छू जाता है। यह दिन हमारे राष्ट्र के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है। यह अवसर हमें उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई।
15 अगस्त को पूरा भारत बड़े गर्व और उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाता है। हमारे इतिहास में यह सबसे महत्वपूर्ण तारीख है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाई थी। लगभग 200 वर्षों की गुलामी की बेड़ियाँ उसी दिन टूटीं और देश ने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में नया अध्याय शुरू किया।

यह वह ऐतिहासिक दिन है जब महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल और अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयास सफल हुए। 15 अगस्त 1947 को हमारा स्वतंत्र भारत का सपना साकार हुआ। आज का समय उन कार्यों और गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का है, जो हमारे देश की प्रगति और समृद्धि में योगदान दें। हमें स्वतंत्रता के वास्तविक अर्थ को गहराई से समझने और उसे अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर, यहाँ छात्रों, शिक्षकों और विभिन्न वर्गों के लिए तैयार 15 august par speech के नमूने प्रस्तुत हैं, जो देशभक्ति की भावना को जीवंत करते हैं।
“आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षक,गण, अभिभावकों और मेरे प्यारे मित्रों,
आप सभी को मेरा नमस्कार।”
आज का दिन हम सभी भारतीयों के लिए अत्यंत गौरव और सम्मान का दिन है। आज हम भारत की आज़ादी की 78वीं वर्षगाँठ बड़े ही उत्साह और देशभक्ति के साथ मना रहे हैं।
15 August ka Bhashan केवल एक भाषण नहीं, बल्कि यह हमारे उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमें यह स्वतंत्र भारत दिया। यह दिन उन बलिदानों की याद दिलाता है और हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम भी देश की एकता, अखंडता और विकास में अपना योगदान देंगे।
हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे , महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, सरदार पटेल और अनगिनत ज्ञात,अज्ञात नायकों के प्रयासों से ही आज हम आज़ाद भारत में साँस ले रहे हैं। उनका संघर्ष केवल सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं था, बल्कि एक न्यायपूर्ण, समतामूलक और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के लिए था।
हमारे पूर्वजों ने हमें आज़ादी दी, अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इस आज़ादी की रक्षा करें और भारत को एक विकसित, शिक्षित और सशक्त राष्ट्र बनाएं।
आइए हम सब मिलकर यह प्रण लें कि हम भारत को आगे बढ़ाने में पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करेंगे। यही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
जय हिंद,
वंदे मातरम्!
सुप्रभात,
माननीय प्रधानाचार्य जी, मेरे सहकर्मीगण, और मेरे प्यारे बच्चों।
आज हम यहाँ भारत के सबसे गर्वपूर्ण और ऐतिहासिक दिन 15 अगस्त को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह वही दिन है जब हमारे देश ने वर्षों की गुलामी के बाद स्वतंत्रता की साँस ली थी। यह दिन केवल आज़ादी का उत्सव नहीं है, यह उन लाखों शहीदों की कुर्बानी को भी याद करने का दिन है जिन्होंने हमें यह आज़ादी दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
मेरे लिए, एक शिक्षक के रूप में, यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज़ादी सिर्फ़ झंडा फहराने और देशभक्ति गीत गाने तक सीमित नहीं है, इसका असली अर्थ तब है जब हम अपने विचारों में, अपने कर्मों में और अपने उद्देश्य में स्वतंत्र हों।
हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि हम बच्चों को सिर्फ़ किताबों का ज्ञान न दें, बल्कि उन्हें संस्कार, नैतिक मूल्य और देशभक्ति की भावना से भी जोड़ें। अगर हम हर बच्चे को एक जिम्मेदार नागरिक, एक ईमानदार इंसान, और एक समर्पित देशभक्त बना पाएं तो वही हमारी आज़ादी की असली विजय होगी।
बच्चों, आज़ादी हमें विरासत में मिली है, लेकिन इसे सहेजना, संवारना और आगे बढ़ाना हमारा फ़र्ज़ है। आप भारत का भविष्य हैं। आपमें वह शक्ति है, वह ऊर्जा है, जिससे हमारा देश और ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।
तो आओ, आज के इस पावन दिन पर हम सभी यह संकल्प लें
कि हम अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाएंगे,
कि हम हर प्रकार की भेदभाव और नफरत से ऊपर उठकर एकता की मिसाल बनाएंगे,
और सबसे ज़रूरी, कि हम शिक्षा और सेवा के माध्यम से देश को आगे बढ़ाएंगे।
जय हिंद,
वंदे मातरम्!

सुप्रभात सभी उपस्थित जनों को।
आज 15 अगस्त है, हमारा स्वतंत्रता दिवस। यह वो दिन है जब देश ने वर्षों की गुलामी के बाद आज़ादी की सांस ली। यह दिन हमें सिर्फ़ जश्न मनाने का नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों को याद करने का भी अवसर देता है।
एक समाजसेवी के रूप में मेरा मानना है कि आज़ादी का सही अर्थ तब है जब देश का हर व्यक्ति शिक्षित, सुरक्षित और आत्मनिर्भर हो। जब हर गाँव में साफ पानी हो, हर बच्चा स्कूल जाए, और कोई भूखा न सोए।
हमें मिलकर एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर व्यक्ति को बराबरी का अधिकार मिले और कोई पीछे न छूटे। हम सबको मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सिर्फ़ अपने लिए नहीं, समाज और देश के लिए भी जिएं।
देश को महान बनाने के लिए ज़रूरी नहीं कि हम बहुत बड़े काम करें। अगर हम रोज़ाना किसी एक व्यक्ति की मदद करें, किसी को सुन लें, किसी को समझ लें, तो भी हम देशभक्ति का सबसे सच्चा रूप निभा रहे होते हैं।
आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर यह वादा करें कि हम सिर्फ़ देश से नहीं, देशवासियों से भी प्रेम करेंगे।
जय हिंद,
वंदे मातरम् !
नमस्कार सभी उपस्थित महानुभावों को।
आज हम सब यहाँ 15 अगस्त, यानी हमारे देश के स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमें उन महान सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई।
एक सामाजिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मेरा यह मानना है कि आज़ादी सिर्फ़ जश्न का मौका नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और जागरूकता का भी अवसर है। हमें सोचना होगा कि आज़ादी के 75 से भी ज़्यादा वर्षों बाद भी क्या हम एक समान, शिक्षित और न्यायपूर्ण समाज बना पाए हैं?
समाज में जब तक आखिरी व्यक्ति तक विकास नहीं पहुँचता, तब तक हमारी आज़ादी अधूरी है। इसलिए हम सबका कर्तव्य है कि हम मिलकर एक ऐसे भारत की रचना करें जहाँ हर व्यक्ति को बराबरी का अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान मिले।
आज इस मंच से मैं सभी युवाओं, विद्यार्थियों और समाज के जागरूक नागरिकों से आग्रह करता हूँ कि वे देश के निर्माण में भागीदार बनें। छोटे-छोटे प्रयास भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
आइए, हम सब मिलकर एक सशक्त, समावेशी और जागरूक भारत का सपना पूरा करें।
जय हिंद,
धन्यवाद!
नमस्कार,
सम्माननीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, अभिभावक साथियों और प्यारे बच्चों।
आज 15 अगस्त है, हमारे देश की आज़ादी का गर्वपूर्ण दिन। एक अभिभावक होने के नाते, आज का दिन मेरे लिए सिर्फ़ जश्न नहीं, जिम्मेदारी का प्रतीक भी है। हमें याद रखना चाहिए कि जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें यह आज़ादी दिलाई, उनकी कुर्बानी तभी सार्थक होगी जब हम अपने बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनाएँ।
हम अभिभावकों की भूमिका सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों में नैतिक मूल्य, देशप्रेम, और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी का भाव जगाना होगा। आज की पीढ़ी ही कल का भारत है, और उन्हें सही दिशा देना हम सबका साझा दायित्व है।
मैं विद्यालय के सभी शिक्षकों को धन्यवाद देता हूँ, जो बच्चों को सिर्फ़ शिक्षा नहीं, संस्कार भी दे रहे हैं।
आइए, हम सब मिलकर अपने घर और स्कूल दोनों को ऐसा वातावरण बनाएं जहाँ बच्चों को देशभक्ति, अनुशासन और सेवा की भावना स्वतः मिले। यही आज़ादी का असली सम्मान होगा।
जय हिंद
धन्यवाद
माननीय अधिकारीगण, सहकर्मी और सभी देशवासियों को मेरा नमस्कार।
आज हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं भारत के स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर। 15 अगस्त, 1947 — यह वह दिन है जब हमारे देश ने वर्षों की कठिन लड़ाई, बलिदान और संघर्ष के बाद आज़ादी की सांस ली। यह केवल एक तारीख नहीं, बल्कि हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान की अमर गाथा है।
हम, जो सेना, पुलिस या सुरक्षा बलों में सेवा दे रहे हैं, के लिए यह दिन और भी खास है। क्योंकि हमें न केवल अपने देश की स्वतंत्रता को याद रखना है, बल्कि उसकी रक्षा की जिम्मेदारी भी निभानी है। हमारी वर्दी सिर्फ कपड़े का टुकड़ा नहीं, यह उस विश्वास और कर्तव्य का प्रतीक है जो देश ने हमें सौंपा है।
आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बिना किसी स्वार्थ के, बिना किसी डर के, देश की खातिर अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उसी भावना को हमें अपने हर कार्य, हर मिशन और हर जिम्मेदारी में जीवित रखना है।
हमारा दायित्व केवल सीमा या कानून-व्यवस्था की रक्षा करना नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक में सुरक्षा और गर्व की भावना जगाना भी है।
जब हम ड्यूटी पर होते हैं, तो हम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं होते — हम पूरे भारत का चेहरा होते हैं।
इसलिए आज, आइए हम संकल्प लें:
जय हिंद!
भारत माता की जय!
प्रिय साथियों,
आज हम सब यहाँ स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर एकत्र हुए हैं। यह दिन हमें उन वीर शहीदों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। यह सिर्फ़ जश्न का दिन नहीं, बल्कि आत्ममंथन का भी दिन है—कि हम अपने देश और समाज के लिए क्या कर रहे हैं और क्या कर सकते हैं।
एक NGO प्रतिनिधि के रूप में, मेरा मानना है कि सच्ची आज़ादी सिर्फ़ राजनीतिक स्वतंत्रता में नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और मानसिक आज़ादी में भी है। जब कोई बच्चा शिक्षा से वंचित हो, जब किसी को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़े, जब कोई महिला असमानता का सामना करे—तो हमारा काम अभी अधूरा है।
हमारा संगठन और देश के सभी स्वयंसेवी संगठन मिलकर इस अधूरे काम को पूरा करने में लगे हैं। चाहे वह बच्चों की शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवाओं का प्रसार हो, पर्यावरण की रक्षा हो, या महिलाओं का सशक्तिकरण—हर छोटा कदम भारत को और मज़बूत बनाता है।
इस स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सभी से अपील करता हूँ—
आइए, हम मिलकर यह संकल्प लें कि आने वाले वर्षों में हम सिर्फ़ समस्याओं पर चर्चा नहीं करेंगे, बल्कि समाधान का हिस्सा बनेंगे। यही हमारे शहीदों के सपनों का भारत होगा—जहाँ हर कोई स्वतंत्र, खुशहाल और सशक्त होगा।
जय हिंद!
सुप्रभात,
माननीय अतिथिगण, शिक्षकगण, अभिभावकगण और मेरे प्यारे साथियों,
आज हम सभी यहाँ 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के लिए गर्व और उत्साह का प्रतीक है।
15 अगस्त केवल तिरंगा फहराने का दिन नहीं, बल्कि हमारे उन सभी वीरों की याद दिलाने वाला दिन है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई।
आज का यह समारोह हमें याद दिलाता है कि आज़ादी सिर्फ़ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। हमें अपने कर्तव्यों को निभाते हुए देश को आगे बढ़ाना है।
इस आयोजन के माध्यम से हम देशभक्ति की भावना को और मजबूत करें और सभी कार्यक्रमों का आनंद लें।
आइए, हम सब मिलकर इस दिन को यादगार बनाएं।
जय हिंद,
वंदे मातरम्!

भारत में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस बड़े गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह दिन 1947 में ब्रिटिश शासन से मिली आज़ादी की ऐतिहासिक घड़ी को स्मरण करने का अवसर है। यह केवल एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं, बल्कि उन वीर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर हमें स्वतंत्रता का अमूल्य उपहार दिया।
छात्रों के लिए भी यह दिन अत्यंत प्रेरणादायक होता है। इस अवसर पर उन्हें भारत के गौरवशाली इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम के कठिन संघर्ष और वीरों के अदम्य साहस से अवगत कराया जाता है। देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में भाषण, निबंध प्रतियोगिता, कविता पाठ, देशभक्ति गीत और विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो नई पीढ़ी में देशभक्ति, गर्व और जिम्मेदारी की भावना को प्रज्वलित करते हैं।
15 August ka Bhashan जब भी तैयार किया जाता है, उसमें सबसे ज़रूरी बात होती हैै। स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व समझाना। यह दिन केवल एक छुट्टी नहीं, बल्कि यह भारत की गौरवगाथा, बलिदान और आत्मसम्मान का दिन है। यह वह क्षण है जब करोड़ों भारतीयों ने पहली बार खुलकर स्वतंत्रता की हवा में साँस ली थी।
जैसे , महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, और लाल बहादुर शास्त्री।
15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय है। दो सौ वर्षों की गुलामी के बाद, भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की।
यह आज़ादी सिर्फ़ एक क़ानूनी बदलाव नहीं थीै। यह संघर्ष, आंदोलन, और लाखों बलिदानों की परिणति थी।
इन सबने मिलकर भारत को स्वतंत्र करने का सपना देखा और उसे साकार किया।
15 अगस्त केवल आज़ादी का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें यह याद दिलाता है, कि हमारी आज़ादी कितनी मुश्किलों और त्याग के बाद मिली है।
यह दिन हमें राष्ट्रीय एकता, लोकतंत्र और समरसता की ओर प्रेरित करता है।
आज भी जब हम Independence Day Speech in Hindi या Swatantrata Diwas par Nibandh तैयार करते हैं, तो उसमें यह भावना होनी चाहिए कि हम इस आज़ादी को बनाए रखें और देश को प्रगति की राह पर आगे ले जाएँ।
स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषणों और निबंधों में अगर देशभक्ति से भरे कोट्स जोड़े जाएं, तो वे श्रोताओं को और अधिक प्रेरित करते हैं। ये कोट्स न केवल वीरों के विचारों को दर्शाते हैं, बल्कि हमारी आत्मा को भी झकझोरते हैं।
यहाँ कुछ प्रसिद्ध और प्रभावशाली स्वतंत्रता दिवस कोट्स (Independence Day Quotes in Hindi) दिए गए हैं जिन्हें आप अपने 15 August ka Bhashan में ज़रूर शामिल करें:
| स्वतंत्रता सेनानी | प्रेरणादायक उद्धरण |
| महात्मा गांधी | “आप आज़ादी को हथियारों से नहीं, सत्य और अहिंसा से प्राप्त कर सकते हैं।” |
| नेताजी सुभाष चंद्र बोस | “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।” |
| भगत सिंह | “किसी को क्रांति शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थों में नहीं करनी चाहिए।” |
| पंडित जवाहरलाल नेहरू | “आज हम एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं, यह आज़ादी संघर्ष की विरासत है।” |
| डॉ. भीमराव अंबेडकर | “संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, यह एक जीवनदर्शन है।” |
| रामप्रसाद बिस्मिल | “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए कातिल में है।” |
जब भी हम 15 August ka Bhashan या Independence Day Speech in Hindi तैयार करते हैं, तो उसमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम के संक्षेप इतिहास को अवश्य शामिल करना चाहिए। इससे श्रोताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि यह आज़ादी कितनी बड़ी कुर्बानियों के बाद मिली है।
इन आंदोलनों ने भारतीय जनमानस को स्वतंत्रता के लिए जागरूक और संगठित किया।
स्वतंत्रता संग्राम की नींव कुछ महान क्रांतिकारियों और नेताओं ने रखी:
इन सभी महान नेताओं ने भारत को गुलामी से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई।
भारत की आज़ादी में योगदान देने वाले हजारों स्वतंत्रता सेनानी थे। कुछ प्रसिद्ध नाम इस प्रकार हैं:
हर वर्ष 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल क़िले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं। इसके बाद वे राष्ट्र को संबोधित करते हैं जिसमें देश की उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और भविष्य की योजनाओं पर बात होती है। यह भाषण का सबसे आधिकारिक रूप माना जाता है।
स्कूलों में 15 August ka Bhashan प्रतियोगिताएं, चित्रकला, भाषण, और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
बच्चे पारंपरिक परिधान पहनते हैं और “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” जैसे नारे लगाते हैं।
भारत का स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, आत्मबल और शहीदों के बलिदान का प्रतीक है। नीचे इस विषय को प्रमुख उप,शीर्षकों के साथ स्पष्ट किया गया है:
भारत की स्वतंत्रता का इतिहास बहुत लंबा और संघर्षों से भरा हुआ है। यह केवल एक दिन में नहीं मिली, बल्कि इसके पीछे वर्षों की मेहनत, आंदोलन, और हजारों लोगों की कुर्बानियाँ शामिल हैं।
मुख्य बिंदु:
15 अगस्त हमारे देश के लिए बहुत ही खास और गौरवपूर्ण दिन है। इस दिन 1947 में भारत ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुआ था। यह दिन हमें हमारे उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया।
स्वतंत्रता केवल एक शब्द नहीं, बल्कि हमारे स्वतंत्र जीवन, हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है। इस दिन पूरे भारतवर्ष में तिरंगा फहराया जाता है और प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में झंडारोहण, देशभक्ति गीत, भाषण, नाटक और परेड आयोजित की जाती हैं।
आज का युवा ही देश का भविष्य है। इसलिए हमें अपनी आज़ादी की क़ीमत समझनी होगी और इसे बनाए रखने के लिए हर दिन मेहनत करनी होगी। आज़ादी हमें मिली है, लेकिन इसे संभालना और इसे सही दिशा में ले जाना हमारी ज़िम्मेदारी है।
हमें अपने देश की एकता, अखंडता और विकास के लिए हमेशा एकजुट रहना होगा। साथ ही, देशभक्ति की भावना को अपने दिल में बनाए रखना होगा और समाज के लिए कुछ अच्छा करना होगा।
आइए हम सब मिलकर अपने भारत को एक सशक्त, समृद्ध और खुशहाल देश बनाएं। हमारे पूर्वजों के सपनों को साकार करें और आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य बनाएं।
जय हिंद,
वंदे मातरम्!
आज का युवा ही कल का नेतृत्व करता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे:
Independence Day Speech in Hindi में विद्यार्थियों की भूमिका को रेखांकित करना यह दर्शाता है कि आज़ादी की रक्षा सिर्फ भाषण से नहीं, कर्म से होती है।
हर साल 15 अगस्त को पूरे देश में उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है:
| गतिविधि | विवरण |
| ध्वजारोहण (Flag Hoisting) | स्कूलों, सरकारी भवनों और लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता है। |
| राष्ट्रगान | ध्वजारोहण के बाद ‘जन गण मन’ गाया जाता है। |
| प्रधानमंत्री का भाषण | प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करते हैं। |
| देशभक्ति गीत और नाटक | स्कूलों में बच्चे देशभक्ति गीत गाते हैं और स्वतंत्रता संग्राम पर नाटक करते हैं। |
| परेड और झांकियाँ | दिल्ली में विशेष परेड और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झांकियाँ दिखाई जाती हैं। |
| शहीदों को श्रद्धांजलि | स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा से याद किया जाता है। |
| मिठाई वितरण | स्कूलों में बच्चों को मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं। |
| झंडा सज्जा और सजावट | लोग अपने घरों, स्कूलों और गाड़ियों को तिरंगे से सजाते हैं। |
| देशभक्ति फिल्मों का प्रसारण | टीवी पर स्वतंत्रता से जुड़ी फिल्में और डॉक्युमेंट्री दिखाई जाती हैं। |
| संविधान और स्वतंत्रता का पाठ | छात्रों को स्वतंत्रता संग्राम और संविधान की जानकारी दी जाती है। |
यह दिन सिर्फ उत्सव का नहीं, कर्तव्य और प्रेरणा का दिन है।
15 August ka Bhashan या Swatantrata Diwas par Nibandh को और अधिक प्रभावशाली और देशभक्ति से भरपूर बनाने के लिए कुछ प्रेरक नारे और पंक्तियाँ जरूर शामिल करें। ये पंक्तियाँ केवल शब्द नहीं होतीं , ये आंदोलनों की पुकार, बलिदानों की गूँज, और भारत की आत्मा होती हैं।
“सत्यमेव जयते”
सत्य की सदा विजय होती है।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक पर अंकित यह मंत्र हमें ईमानदारी, न्याय और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
“जय हिंद”
यह नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था।
यह आज़ादी के आंदोलन की आत्मा बन गया और आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है।
“करो या मरो”
महात्मा गांधी का यह नारा भारत छोड़ो आंदोलन (1942) का मूल था।
इसने भारतीयों को अंतिम निर्णायक संघर्ष के लिए प्रेरित किया।
“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है”
रामप्रसाद बिस्मिल की यह कविता आज भी हर देशभक्त के रगों में जोश भर देती है।
“इंकलाब ज़िंदाबाद”
भगत सिंह का यह नारा आज़ादी की आवाज़ बन गया।
यह युवाओं के भीतर बदलाव लाने की प्रेरणा है।
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा”
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह नारा बलिदान और समर्पण की भावना को दर्शाता है।
स्वतंत्रता दिवस केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारे इतिहास, बलिदान और संघर्ष की गूंज है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि आज़ादी हमें यूं ही नहीं मिली , इसके पीछे लाखों वीरों की कुर्बानी और अनगिनत त्याग छिपे हैं।
हर साल स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में जो 15 August ka Bhashan दिया जाता है, वह केवल औपचारिक भाषण नहीं होता , वह हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान, प्रेरणा और देशभक्ति की अभिव्यक्ति होता है। इस भाषण में न केवल आज़ादी के इतिहास को दोहराया जाता है, बल्कि नई पीढ़ी को अपने कर्तव्यों की याद भी दिलाई जाती है।
हमारा कर्तव्य है कि हम इस आज़ादी को बनाए रखें, देश से प्रेम करें और जिम्मेदार नागरिक बनें। हर वर्ष 15 अगस्त को हम न केवल तिरंगा फहराते हैं, बल्कि उस भावना को भी ऊँचा उठाते हैं जो हमें एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाती है।
भाषण की शुरुआत देशभक्ति से भरे अभिवादन और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देकर करें। जैसे – “आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे मित्रों…”
स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान, आज़ादी का महत्व, राष्ट्रीय ध्वज, एकता, और देश के प्रति संकल्प जैसे विषय शामिल करें।
सरल भाषा, छोटी-छोटी पंक्तियाँ, और एक प्रेरणादायक अंत रखें। बच्चों के लिए कहानियों और कविताओं का इस्तेमाल भी प्रभावी होता है।
आदर्श भाषण भावुक भी हो और प्रेरणा देने वाला भी। यह श्रोताओं के दिल को छूना चाहिए और उन्हें कुछ कर गुजरने की प्रेरणा दे।
पहले विषय से जुड़े मुख्य बिंदु चुनें, एक अच्छा शुरुआत और निष्कर्ष तय करें, और बार-बार अभ्यास करें ताकि आत्मविश्वास बढ़े।
स्वतंत्रता संग्राम के समय कई नारों ने लोगों में जोश और एकता जगाई। इनमें से कुछ प्रमुख नारे थे —
“जय हिंद” – नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा लोकप्रिय किया गया।
“वंदे मातरम्” – बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के गीत से लिया गया, जो स्वतंत्रता का प्रतीक बना।
“साइमन गो बैक” – 1928 में साइमन कमीशन के विरोध में।
“करो या मरो” – महात्मा गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में दिया गया नारा।
15 अगस्त 1947 को पहली बार लाल किले पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया। तब से हर साल प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
भारत की स्वतंत्रता के बाद पहला भाषण 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में दिया, जिसे “Tryst with Destiny” के नाम से जाना जाता है।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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