Quick Summary
जब हम आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान देने वाले महान नेताओं का उल्लेख करते हैं, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम सबसे पहले आता है। उनकी कहानी केवल इतिहास की किताबों में नहीं मिलती, बल्कि उस हर बच्चे की मुस्कान में दिखाई देती है, जिसे उन्होंने हमारे देश के उज्जवल भविष्य का प्रतीक माना।
पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध के ज़रिए हम उनके जीवन, विचारों और योगदानों को गहराई से समझने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा था, “जीवन का असली आनंद तब मिलता है, जब हम किसी महान उद्देश्य के लिए मेहनत कर रहे होते हैं।” यह विचार हमें बताता है कि यदि हम अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहें, तो जीवन की सच्ची सार्थकता प्राप्त होती है। नेहरू जी का यह संदेश उनकी संपूर्ण यात्रा को उजागर करता है, जिसने भारत को आजादी के बाद एक नई दिशा प्रदान की।
उनकी नेतृत्व क्षमता और दृष्टिकोण ने भारतीय राजनीति को आकार दिया। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नेहरू जी ने हमेशा शिक्षा और विज्ञान को प्राथमिकता दी और युवा पीढ़ी को प्रेरित किया। उनकी सोच ने सामाज में बदलाव लाने का कार्य किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने भारत की स्थिति को मजबूत बनाने में योगदान दिया। उनके विचार आज भी युवाओं को मार्गदर्शन करते हैं। उनके जीवन का हर पहलू हमें प्रेरणा देने वाला है, जिससे हम अपने उद्देश्यों की ओर आगे बढ़ सकते हैं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री बने, 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में जन्मे थे। वे एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और 1947 से 1964 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
जन्म और परिवार– नेहरू जी का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू, एक प्रसिद्ध वकील और राजनीतिज्ञ थे, जबकि उनकी मां स्वरूप रानी नेहरू थीं।
शिक्षा– नेहरू जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने इंग्लैंड के हैरो स्कूल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की।
स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी– नेहरू जी 1916 में महात्मा गांधी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए। उन्होंने कई आंदोलनों में भाग लिया और इसके चलते कई बार जेल भी गए।
राजनीतिक जीवन– नेहरू जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1928 में वे कांग्रेस के अध्यक्ष बने और 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, वे पहले प्रधानमंत्री बने।
प्रधानमंत्री के रूप में योगदान– प्रधानमंत्री बनने के बाद, नेहरू जी ने भारत के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने योजना आयोग की स्थापना की और पंचवर्षीय योजनाएं शुरू कीं। उनकी विदेश नीति गुटनिरपेक्षता पर आधारित थी।
मृत्यु– पंडित नेहरू का निधन 27 मई 1964 की रात नई दिल्ली में हुआ।
अन्य जानकारी– नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था, इसलिए उन्हें ‘चाचा नेहरू’ के नाम से भी जाना जाता है। वे बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय थे और उनके जन्मदिन, 14 नवम्बर, को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
जवाहर लाल नेहरू बायोग्राफी : पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचार की बात करे तो वह अपने समय के महान विचारक थे। उनका मानना था कि शिक्षा और विज्ञान ही किसी भी राष्ट्र की उन्नति के सबसे बड़े साधन हैं। उनके प्रमुख विचार हैं:
जवाहर लाल नेहरू के विचार ने देश और समाज को एक नई दिशा दी।
पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों के प्रति गहरा आकर्षण था। वह हमेशा कहा करते थे कि बच्चों में ही देश का भविष्य छिपा होता है। यही कारण है कि उन्हें बच्चों के साथ समय बिताना बहुत पसंद था। उनकी विशेष भावना की वजह से बच्चों ने उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू’ का नामदिया। नेहरू जी का मानना था कि बच्चों को सही मार्गदर्शन और देखभाल मिलनी चाहिए, ताकि वे आगे चलकर एक बेहतर समाज और देश की निर्माण कर सकें।
उनका यह दृष्टिकोण आज भी बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। हरवर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाकर हम चाचा नेहरू की इस भावना को याद करते हैं,जो उनके बच्चों के प्रति प्रेम और आदर्शों का प्रतीक है।
| कार्य | योगदान |
| बच्चों की शिक्षा | प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त और अनिवार्य बनाया। |
| बच्चों का स्वास्थ्य | टीकाकरण और पोषण योजनाएं शुरू कीं। |
| बच्चों का कल्याण | शिशु कल्याण केंद्र और आंगनवाड़ी योजनाएं। |
पंडित नेहरू ने बच्चों की शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना की, ताकि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। उनका मानना था कि हर बच्चे का पढ़ाई के प्रति अधिकार है, जिससे वे अपनी संभावनाओं को पूरा कर सकें। इसके अलावा, उन्होंने विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को विशेष महत्व दिया, क्योंकि उनका विश्वास था कि इन क्षेत्रों में ज्ञान के विकास से देश तेजी से प्रगति करेगा।
नेहरू जी के योगदान से कई प्रमुख शैक्षिक संस्थान स्थापित हुए, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
| संस्थान का नाम | स्थापना वर्ष | उद्देश्य और महत्व |
| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) | 1969 | उच्च शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने वाला प्रमुख संस्थान। |
| इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) | 1951 | तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए स्थापित संस्थान। |
| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) | 1920 | उच्च शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण संस्थान, जो विभिन्न विषयों में शिक्षा प्रदान करता है। |
| नेहरू मेमोरियल स्कूल | 1951 | बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने के लिए स्थापित स्कूल। |
पंडित नेहरू का यह विश्वास था कि हर बच्चे का स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनेक प्रमुख नीतियां और कार्यक्रम शुरू किए। उनके लिए बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण प्राथमिकता थी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो और उनका स्वास्थ्य भी उत्तम स्तर पर रहे।
जवाहर लाल नेहरू के दृष्टिकोण में यह देखा गया कि बच्चों को उनके अधिकारों का पूरा लाभ मिलना चाहिए। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने कई योजनाओं की शुरुआत की, जो आज भी बच्चों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। पंडित नेहरू के योगदान के सम्मान में, उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो बच्चों के अधिकारों और शिक्षा के महत्व पर ध्यान केंद्रित करता है।
यह कुछ योजनाएं और अधिकार है, जो नेहरू जी ने बच्चों के लिए शुरू की थीं:
| योजना/अधिकार | जानकारी |
| मिड डे मील योजना | बच्चों को स्कूलों में उचित आहार प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना। |
| बाल संरक्षण नीति | बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए लागू की गई नीति। |
| राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग | बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक आयोग की स्थापना की गई। |
| शिक्षा का अधिकार (Right to Education) | यह कानून बच्चों को 6 से 14 साल की उम्र में मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने का अधिकार देता है। |
| राष्ट्रीय पोषण मिशन | बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उनकी सही वृद्धि के लिए यह योजना बनाई गई। |
अगर आप पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध 150 शब्दों में लिखना चाहें, तो आप इसे इस तरह से लिख सकते हैं:-
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। नेहरू जी ने भारत को आधुनिक बनाने के लिए शिक्षा और विज्ञान में कई सुधार किए यह जवाहर लाल नेहरू के विचार का हिस्सा है। बच्चों के प्रति उनके विशेष प्रेम के कारण उन्हें “चाचा नेहरू” के नाम से जाना जाता था। उनके अनुसार, बच्चों की सही शिक्षा और देखभाल से ही देश का भविष्य उज्जवल हो सकता है। उनकी सोच और कार्यों ने भारत को प्रगति की दिशा दिखाई। 14 नवंबर को उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो बच्चों के अधिकारों और शिक्षा के महत्व को दर्शाता है।
यह पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध है जो 300 शब्दों में लिखा गया है। इस निबंध में नेहरू जी से जुड़ी कई जरूरी बातें लिखी गई।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो उनके महान व्यक्तित्व और दूरदर्शिता को उजागर करता है। वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक रहे, जिन्होंने अपने विचारों और नेतृत्वकला के माध्यम से देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नेहरू जी को राजनीति में रुचि उनके बचपन से ही थी। आजादी के संघर्ष में भाग लेने के दौरान उन्हें कई बार जेल की काल कोठरी में जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
महात्मा गांधी के साथ मिलकर कार्य करते हुए, उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों को अपनाया। नेहरू जी का मानना था कि देश का समग्र विकास तभी संभव है जब समाज में सुधार किए जाएं और शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
नेहरू जी का बच्चों के प्रति गहरा स्नेह उन्हें “चाचा नेहरू” के नाम से जाने जाने का आधार बनाता है। वे मानते थे कि बच्चे देश के भविष्य की आधारशिला हैं और उनके विकसित होने के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने कई स्कूलों और शिक्षा नीतियों की नींव रखी, जिसने बच्चों के अधिकारों और कल्याण को मजबूत किया।
नेहरू जी एक उत्कृष्ट लेखक भी थे। उनकी प्रसिद्ध कृति “भारत की खोज” भारतीय इतिहास, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम पर उनकी गहन सोच को उजागर करती है। उनके विचार और लेख आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। नेहरू जी का जीवन सिर्फ उनके युग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
अगर आपको (Pandit Jawaharlal Nehru Par Nibandh)पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध 500 शब्दों में लिखना हो तो आप कुछ इस प्रकार लिख सकते हैंनीचे दिए गए निबंध मेंकई जरूरी बातें हैं जो आपको नेहरू जी के बारे में जानी चाहिए।
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय राजनीति में एक महत्त्वपूर्ण नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बनकर देश की दिशा का निर्धारण किया। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ, और उनका परिवार भारतीय समाज तथा राजनीति में एक प्रमुख स्थिति रखता था। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू, एक जाने-माने वकील और स्वतंत्रता सेनानी थे।
नेहरू जी की प्रारंभिक शिक्षा भारतीय स्कूलों में हुई, लेकिन बाद में उच्च शिक्षा के लिए वे इंग्लैंड गए, जहां उन्होंने ईटन स्कूल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। इससे उनके विचारधारा और दृष्टिकोण को व्यापकता मिली।नेहरू जी का जीवन स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित था। महात्मा गांधी के साथ उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उनका दृढ़ विश्वास था कि केवल राजनीतिक स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी था आर्थिक और सामाजिक सुधार करना।
प्रधानमंत्री बनने के बाद, जवाहर लाल नेहरू के विचार कुछ इस तरह थे। वह भारत को एक प्रगतिशील और आधुनिक राष्ट्र बनाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने कई जरूरी कदम उठाए। उन्होंने पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत को एक आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनाना था। इस योजना ने देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति दी और भारत के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार किया।
नेहरू जी का शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान था। वे मानना थे कि एक सशक्त राष्ट्र के लिए शिक्षा का महत्व अत्यधिक है।
नेहरू जी का बच्चों के प्रति प्रेम भी बहुत प्रसिद्ध था। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं, और उनके समुचित विकास के लिए उन्हें सभी जरूरी संसाधन और अवसर मिलना चाहिए। बच्चों के प्रति उनकी इस अपार स्नेह भावना के कारण उन्हें “चाचा नेहरू” के नाम से जाना जाता है। उनके जन्मदिन, 14 नवंबर, को बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय समाज के हर पहलू में अपनी छाप छोड़ने वाले महान नेता थे। राजनीति, शिक्षा, बच्चों के कल्याण और सामाजिक सुधारों में उनका योगदान अद्वितीय है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और नेतृत्व कौशल से लोगों को प्रेरित किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने भारत को प्रगति की दिशा में ले जाने के लिए आधुनिक सोच और ठोस नीतियों की नींव रखी।
शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सोच दूरदर्शी थी। उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए कदम उठाए और विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा अनुसंधान को प्रोत्साहित किया। उनकी पहल पर कई शैक्षिक संस्थानों की स्थापना हुई, जो आज भी शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अग्रणी हैं।
नेहरू बच्चों को देश का भविष्य मानते थे और उनकी देखभाल व कल्याण पर विशेष ध्यान देते थे। उनके बच्चों के प्रति प्रेम के कारण ही हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उनका जीवन हमें सिखाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और बड़े विचारों से राष्ट्र को प्रगति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है। उनके सुधार और विचार आज भी प्रेरणादायक हैं और आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देते रहेंगे।
पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से हुई। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और पहले प्रधानमंत्री थे। उनका स्वास्थ्य लंबे समय से कमजोर था, और उनकी अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। नेहरू जी का निधन भारत के लिए बड़ी हानि थी, और उनके किए गए काम को हमेशा याद रखा जाएगा।
पंडित जवाहरलाल नेहरू एक प्रमुख भारतीय नेता थे, जिनका भारतीय समाज और राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई ऐतिहासिक कार्य किए, जो आज भी याद किए जाते हैं। आइए पंडित नेहरू के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक योगदानों पर विस्तृत चर्चा करते हैं।
उनका आर्थिक दृष्टिकोण औद्योगीकरण और आधुनिकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित था। उन्होंने भारत के विकास के लिए कई योजनाएँ बनाई और औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजनीतिक तौर पर, नेहरू ने स्वतंत्र भारत की नींव रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे पहले प्रधानमंत्री बने और न केवल देश को एकजुट करने का काम किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को मजबूत किया।
सामाजिक क्षेत्र में, नेहरू ने शिक्षा और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थान स्थापित किए। उनका मानना था कि शिक्षा ही समाज के विकास का मूल मंत्र है। इस प्रकार, पंडित जवाहरलाल नेहरू के योगदान ने भारत को आधुनिक युग में प्रवेश करने में मदद की और उन्हें भारतीय इतिहास में एक महान नेता के रूप में स्थापित किया।
आर्थिक विकास का मतलब है देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाना। नेहरू जी ने पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की, जिससे देश में उद्योग, कृषि और बुनियादी ढांचे का विकास हुआ। इसका उद्देश्य था, रोजगार बढ़ाना और देश की संपत्ति का सही तरीके से इस्तेमाल करना।
विदेश नीति वह तरीका है, जिससे एक देश दूसरे देशों के साथ संबंध बनाता है। नेहरू जी ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन शुरू किया, जिसका मतलब था भारत किसी भी देश के साथ नहीं बल्कि सबके साथ शांतिपूर्ण तरीके से संबंध बनाए रखे। इसका उद्देश्य था भारत को दुनिया में एक मजबूत और स्वतंत्र देश बनाना।
नेहरू जी ने भारतीय संविधान को लागू करने में मदद की, जिससे हर भारतीय को समान अधिकार मिले। उन्होंने समाज में भेदभाव खत्म करने के लिए कई कानून बनाए और लोकतंत्र को मजबूत किया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध- नेहरू जी के कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार युद्ध हुए, खासकर 1947-48 में कश्मीर के मुद्दे पर। कश्मीर आज भी दोनों देशों के बीच एक बड़ा विवाद बना हुआ है। नेहरू जी ने कश्मीर को भारत का हिस्सा मानते हुए, इस समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ढूंढने की कोशिश की, लेकिन यह एक लंबी और कठिन चुनौती रही।
1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ। यह युद्ध चीन के साथ सीमा विवाद पर आधारित था। नेहरू जी ने चीन के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की थी, लेकिन यह युद्ध भारत के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। इसके कारण नेहरू जी को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करना पड़ा।
स्वतंत्रता के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या गरीबी और अशिक्षा थी। नेहरू जी ने इन समस्याओं को हल करने के लिए कई योजनाएं बनाई, जैसे शिक्षा को सुधारने के लिए कदम उठाए। हालांकि, इन समस्याओं को पूरी तरह से दूर करना बहुत कठिन था, क्योंकि देश की हालत बहुत खराब थी और संसाधनों की भी कमी थी।
इस पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध में हमने उनकी विरासत को महत्वपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया है, जो आज भी हमारे समाज पर गहरा प्रभाव डाल रही है।
पंडित नेहरू ने हमेशा शिक्षा, समानता और विज्ञान के महत्व को बताया। उनके विचारों से ही आज भी हम बच्चों के अधिकार, शिक्षा और तकनीकी विकास पर जोर दे रहे हैं। उनके विचार आज भी हमारे समाज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
पंडित नेहरू ने भारत को आधुनिक बनाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने उद्योग, विज्ञान और शिक्षा को बढ़ावा दिया। उनके किए गए प्रयासों के कारण ही आज भारत एक मजबूत और विकसित देश बना है। उनके योगदान से ही भारत को नई दिशा मिली और हमें अपने राष्ट्र पर गर्व महसूस होता है।
यहां पढ़ें ऐसे ही महान लोगो की जीवन की कहानियां जो हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन वास्तव में प्रेरणा और परिवर्तन का एक प्रतीक है। उन्होंने अपने कार्यों में शिक्षा, बच्चों के अधिकार और भारत के समग्र विकास को प्राथमिकता दी। उनके विचारों और योगदान को समझने के लिए पंडित नेहरू पर लिखे गए निबंध एक महत्वपूर्ण साधन हैं। उनकी दूरदर्शिता और प्रगतिशील दृष्टिकोण ने देश को एक नई दिशा प्रदान की। नेहरू जी का जीवन यह सिखाता है कि जब लक्ष्य बड़ा हो, तो चुनौतियाँ भी अवसर में बदल सकती हैं। उनकी विरासत और सपने हर भारतीय के लिए एक स्थायी मार्गदर्शक के रूप में बने रहेंगे।
“पूर्ण स्वराज” अर्थात “पूर्ण स्वतंत्रता” भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण नारा था।
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता और भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। वे आधुनिक भारत के शिल्पकार माने जाते हैं।
श्री जवाहर लाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू का उपनाम नेहरू ही था।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
Editor's Recommendations
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.