लॉयर कैसे बने

2025 में लॉयर कैसे बने स्टेप-बाय-स्टेप गाइड!

Published on September 26, 2025
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लॉयर कैसे बने

Quick Summary

    1. 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद LLB कोर्स में प्रवेश लें।

    2. विकल्प: 5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स (12वीं के बाद) या 3 साल का LLB (ग्रेजुएशन के बाद)।

    3. प्रवेश के लिए CLAT, AILET, LSAT जैसी परीक्षाएँ पास करें।

    4. LLB की डिग्री पूरी करने के बाद बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराएँ।

    5. अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) पास करें।

    6. सफल होने पर आप वकालत करने के योग्य बन जाते हैं।

     

Table of Contents

लॉयर बनना एक प्रतिष्ठित और सम्मानजनक करियर विकल्प है, जो समाज में न्याय और सत्य की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वकील न केवल अपने क्लाइंट्स के अधिकारों की रक्षा करते हैं बल्कि समाज में कानून और न्याय की प्रक्रिया को भी सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करते हैं।

भारत में वकील (लॉयर) बनने के लिए सबसे पहले 12वीं कक्षा पास करनी ज़रूरी है। इसके बाद आप किसी मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज से 5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स (जैसे BA LLB या BCom LLB) कर सकते हैं। अगर आपने पहले से ग्रेजुएशन कर लिया है, तो आपके पास 3 साल का एलएलबी कोर्स करने का विकल्प भी होता है। डिग्री पूरी करने के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की ओर से आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) पास करनी होती है। परीक्षा में सफल होने पर, आपको अपनी राज्य बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, जिसके बाद आप वकालत करने के लिए अधिकृत हो जाते हैं।

इस ब्लॉग में हम लॉयर कैसे बने, एडवोकेट कैसे बने, क्रिमिनल लॉयर कैसे बने, गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने, 12 वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता, प्राइवेट वकील कैसे बने, और एलएलबी पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

वकील की भूमिका और महत्व | Vakil kaise Bane

वकील को एडवोकेट भी कहा जाता है। वकील कानूनी मामलों में अपने क्लाइंट्स को लीगल सलाह देने, कोर्ट में उनका पक्ष रखने और न्याय दिलाने की प्रक्रिया में मदद करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन इसके लिए उनको बार कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है।

वकीलों की भूमिका समाज में बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि एक अच्छा वकील न सिर्फ़ अपने क्लाइंट को कानून सबंधी सलाह देता है बल्कि एक अच्छा वकील समाज के कमजोर और दबे-कुचले वर्गों की आवाज बनते हैं और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करते हैं। हम इस ब्लॉग में समझेंगे कि आखिर लॉयर कैसे बने और इसकी प्रक्रिया क्या होती है?

12 वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता: वकील कैसे बने? | How to Become a Lawyer after 12th in Hindi

लॉयर बनने के लिए आपको सबसे पहले 12वीं कक्षा पास करनी होती है क्योंकि 12वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता मिलती है और आप एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। एलएलबी के लिए, आपको प्रवेश परीक्षाओं (जैसे CLAT, AILET, LSAT) को पास करना होता है और उसके बाद किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में दाखिला लेना होता है।

एलएलबी के लिए योग्यता | 12th ke Baad LLB kaise kare

  1. एलएलबी, 12 वी के बाद भी की जा सकती है और ग्रेजुएशन के बाद भी। 12 वी के बाद ये कोर्स 5 साल का होता है, जैसे – BA-LLB, BSC-LLB. लेकिन ग्रेजुएशन के बाद LLB, 3 साल का होता है।
  2. कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को बारहवीं कक्षा में किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में कम से कम 45% अंक प्राप्त करना जरुरी है।
  3. एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवश्यक प्रवेश परीक्षाएँ जैसे CLAT, AILET, या LSAT उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है। 
  4. भारत में एलएलबी करने के लिए कोई उम्र सीमा निर्धारित नहीं की गयी है।

न्यूनतम शैक्षिक योग्यता | Minimum Education Qualification for Lawyer

लॉयर बनने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं कक्षा पास करनी होगी। इसके बाद आप एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। 12वीं कक्षा किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स) से हो सकती है, लेकिन न्यूनतम प्रतिशत की आवश्यकता कॉलेज या यूनिवर्सिटी के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।

आवश्यक प्रवेश परीक्षाएँ (CLAT, AILET, LSAT) | Lawyer kaise Bane

एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए निम्नलिखित प्रमुख प्रवेश परीक्षाएँ होती हैं:

  1. CLAT (Common Law Admission Test): यह परीक्षा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। इसमें भाग लेने के लिए आपके पास 12वीं में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए।
    • परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – CLAT परीक्षा में पहले 200 प्रश्न पूछे जाते थे लेकिन अब इन प्रश्नों की संख्या घटाकर 120 से 150 कर दी गयी है। इन सभी प्रश्नों को आपको 2 घंटे में सॉल्व करना होता है। अगर हम CLAT के सिलेबस की बात करे तो लीगल रीजनिंग, जीके और करंट अफेयर्स, लॉजिकल रीजनिंग, अंग्रेजी भाषा और क्वांटिटेटिव टेक्निक्स से प्रश्न पूछे जाते हैं।
  2. AILET (All India Law Entrance Test): यह परीक्षा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें भी प्रवेश के लिए आपके पास 12वीं में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए।
    • परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के नये AILET परीक्षा पैटर्न में परीक्षा समय 120 मिनट होगा। AILET 2025 प्रश्न पत्र में तीन खंड होंगे: अंग्रेजी, करंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान, और तार्किक प्रश्न। इन तीन खंडों में कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे।
  3. LSAT (Law School Admission Test): यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जिसका आयोजन विभिन्न लॉ स्कूल्स में प्रवेश के लिए होता है। इसमें आपका लॉजिक और वर्बल रीजनिंग स्किल्स की जांच की जाती है।
    • परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – LSAT-इंडिया परीक्षा पैटर्न 2025 में, चार पार्ट में कुल 92 प्रश्न होंगे। इन प्रश्नों में लॉजिकल रीजनिंग 1, लॉजिकल रीजनिंग 2, एनालिटिकल रीजनिंग और रीडिंग कम्प्रेंसिव के प्रश्न होंगे। LSAT परीक्षा में प्रश्न गद्यांश के रूप में आते हैं। जिसके बाद गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं।

एलएलबी कोर्स का सिलेबस | Syllabus for LLB Course

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली का पांच वर्षीय BA-LLB सिलेबस-

वर्ष (Year)मुख्य विषय (Core Subjects)विशेष विषय (Specialized Subjects)प्रैक्टिकल/अनुभव आधारित (Practical/Skill)
1st Year– संवैधानिक कानून (Constitutional Law)
– भारतीय दंड संहिता (IPC – Part I)
– अनुबंध अधिनियम (Law of Contract)
– राजनीतिक विज्ञान / समाजशास्त्र – मूट कोर्ट परिचय
– कानूनी भाषा व विधिक लेखन
2nd Year– दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC)
– आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC – Part I)
– संपत्ति कानून
– पर्यावरण कानून
– मानवाधिकार कानून
– कोर्ट विज़िट
– केस स्टडी एनालिसिस
3rd Year– भारतीय साक्ष्य अधिनियम – प्रशासनिक कानून
-आपराधिक कानून (CrPC – Part II)
– श्रम एवं औद्योगिक कानून – कर कानून– ड्राफ्टिंग और प्लीडिंग अभ्यास
4th Year– कंपनी कानून (Corporate Law) -संवैधानिक संशोधन व केस लॉ– अंतरराष्ट्रीय कानून -बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR)– इंटर्नशिप रिपोर्ट
-क्लिनिकल लीगल एजुकेशन
5th Year– प्रोफेशनल एथिक्स और BCI नियम
– लॉ ऑफ क्राइम्स (Advanced)
– बैंकिंग और इंश्योरेंस कानून
– आर्बिट्रेशन और कंसीलिएशन
– मूट कोर्ट प्रतियोगिता
– प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और Viva
Lawyer Banne ke liye konsa Subject | Lawyer Banne ke liye kya karna Padega

वकील बनने के लिए कोर्स | Vakil Banne ke liye kya-kya karna Padta Hai

वकील बनने के लिए किए जाने वाले कोर्सेज नीचे दिए गए हैं:

  • बैचलर ऑफ लॉ (एलएल.बी.) – 3 साल
  • इंटिग्रेटेड अंडरग्रेजुएट डिग्री – बी.ए. एलएल.बी., बी.एससी. एलएल.बी., बीबीए एलएल.बी., बी.कॉम एलएल.बी – 5 साल
  • मास्टर ऑफ लॉ (एलएल.एम.) – 1-2 साल
  • मास्टर ऑफ बिजनेस लॉ
  • डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी)
  • इंटिग्रेटेड एमबीएल-एलएलएम/ एमबीए-एलएलएम – 3 साल

वकीलों के लिए करियर अवसर | Carrer Opportunities for Lawyer in India

वकील बनने के बाद आपके पास विभिन्न क्षेत्रों में करियर के अवसर होते हैं। आप मल्टीनेशनल कंपनियों, लॉ फर्म्स, न्यायिक सेवाओं, सरकारी विभागों, और निजी प्रैक्टिस में काम कर सकते हैं।

वकील बनने के बाद जॉब प्रोफाइल्स-

  • ट्रस्टी
  • नोटरी
  • वकील
  • सॉलिसिटर
  • मजिस्ट्रेट
  • कानून विशेषज्ञ
  • लॉ रिपोर्टर
  • क़ानूनी सलाहकार
  • महान्यायवादी
  • सार्वजानिक अभियोक्ता
  • मुंसिफ (उप-मजिस्ट्रेट)
  • शिक्षक और व्याख्याता
  • जिला एवं सत्र न्यायाधीश

मल्टीनेशनल कंपनियों, लॉ फर्म्स, न्यायिक सेवाओं में अवसर

  1. मल्टीनेशनल कंपनियाँ: बड़ी कंपनियों में कानूनी सलाहकार के रूप में काम करने का अवसर। यहाँ आप कॉर्पोरेट मामलों, मर्जर और एक्विजिशन, कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट आदि में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
  2. लॉ फर्म्स: विभिन्न लॉ फर्म्स में एसोसिएट या पार्टनर के रूप में काम कर सकते हैं। यहाँ आप विभिन्न प्रकार के कानूनी मामलों को हैंडल करने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
  3. न्यायिक सेवाएँ: न्यायपालिका में जज या मजिस्ट्रेट बनने का अवसर। इसके लिए आपको न्यायिक सेवा परीक्षा (PCS-J) पास करनी होती है।

विभिन्न प्रकार के वकील

वकील बनने के बाद आप विभिन्न विशेषीकरणों में काम कर सकते हैं जैसे:

  1. क्रिमिनल लॉयर
  2. सिविल लॉयर
  3. कॉर्पोरेट लॉयर
  4. इंटरनेशनल लॉयर
  5. इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉयर
  6. फैमिली लॉयर

क्रिमिनल लॉयर कैसे बने? | How to Become a Criminal Lawyer in Hindi

क्रिमिनल लॉयर बनने का सपना रखने वाले स्टूडेंट्स को यह समझना ज़रूरी है कि यह प्रोफेशन सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गहरी समझ, मेहनत, प्रैक्टिकल अनुभव और संवेदनशीलता भी चाहिए। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं:

सबसे पहले, क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए आपको 12वीं कक्षा किसी भी स्ट्रीम (Arts, Commerce या Science) से पास करनी होती है। इसके बाद दो रास्ते होते हैं – अगर आप सीधे 12वीं के बाद लॉ करना चाहते हैं तो 5 साल का इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स चुन सकते हैं जैसे BA LLB, BBA LLB या BCom LLB। वहीं, अगर आपने पहले से ग्रेजुएशन कर लिया है तो 3 साल का LLB कोर्स भी कर सकते हैं।

पढ़ाई के दौरान आपको खासतौर पर क्रिमिनल लॉ से जुड़े विषय पढ़ाए जाते हैं, जैसे – भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), भारतीय साक्ष्य अधिनियम और जुर्म तथा सज़ा से जुड़े अन्य कानून। यही विषय आगे आपके करियर की नींव बनते हैं। डिग्री पूरी करने के बाद, आपको बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) पास करनी होती है। इस परीक्षा में सफल होने पर आप वकालत करने के योग्य हो जाते हैं और अपने राज्य की बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता

क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए आपको क्रिमिनल कानून, सबूत कानून, और प्रक्रिया संबंधी कानून के बारे में गहन अध्ययन करना होगा। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के क्रिमिनल मामलों की समझ और उनकी कानूनी प्रक्रिया को जानना आवश्यक है।

एक अच्छे क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए आपको शुरूआत में किसी अनुभवी क्रिमिनल वकील के अधीन काम करना चाहिए। यहाँ आप कोर्ट की कार्यवाही, केस तैयार करने की प्रक्रिया, सबूतों का विश्लेषण और गवाहों से पूछताछ जैसी बारीकियां सीखते हैं। अनुभव के साथ-साथ आप अपनी पहचान और क्लाइंट बेस बनाते हैं।

प्रैक्टिकल अनुभव और इंटर्नशिप

क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए प्रैक्टिकल अनुभव बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपको विभिन्न कोर्ट्स में इंटर्नशिप करनी होती है, जहां आप अनुभवी वकीलों के साथ काम करके केस हैंडलिंग और कोर्ट की प्रक्रियाओं के बारे में सीख सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान आपको विभिन्न प्रकार के क्रिमिनल मामलों को देखने और समझने का मौका मिलता है।

क्रिमिनल लॉयर का काम सिर्फ अपराधियों की पैरवी करना ही नहीं है, बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाने में भी अहम भूमिका निभाना है। इसमें आपको छोटे केसों से लेकर बड़े केसों तक काम करने का मौका मिलता है – जैसे चोरी, मारपीट, हत्या, धोखाधड़ी या साइबर क्राइम।

इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए कुछ खास स्किल्स की ज़रूरत होती है –

  • ईमानदारी और नैतिकता, क्योंकि क्रिमिनल लॉयर का काम न्याय से जुड़ा होता है।
  • मजबूत कम्युनिकेशन स्किल्स, ताकि आप कोर्ट में अपनी बात प्रभावी तरीके से रख सकें।
  • एनालिटिकल और रिसर्च स्किल्स, ताकि आप कानून की धाराओं और केस स्टडीज़ का सही उपयोग कर सकें।
  • आत्मविश्वास और तर्क क्षमता, जिससे आप जज और ज्यूरी के सामने क्लाइंट की ओर से मज़बूती से खड़े रह सकें।

गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने? | How to Become Government Lawyer in Hindi

सरकारी वकील बनने के लिए आपको सरकारी परीक्षाएँ पास करनी होती हैं। इसके लिए एलएलबी की डिग्री के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र में अनुभव भी आवश्यक होता है। सरकारी वकील बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना होता है:

सरकारी वकील कैसे बने? | Sarkari Vakil kaise Bane

एलएलबी करने के बाद आप वकील तो बन सकते हैं लेकिन सरकारी वकील नहीं। फिर गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने? दरअसल सरकारी वकील बनने के लिए आपको एलएलबी की डिग्री के बाद सरकारी परीक्षाओं को पास करना होता है। इसके बाद, विभिन्न सरकारी विभागों में वकील के रूप में काम करने के अवसर मिलते हैं।

सरकारी परीक्षाएँ और चयन प्रक्रिया

1. स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन (SPSC) एग्जाम:

  • हर राज्य में स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन (जैसे, यूपीपीएससी, एमपीपीएससी) द्वारा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की परीक्षा आयोजित की जाती है।
  • इस परीक्षा में सफल होने के बाद आपको न्यायिक सेवा में प्रवेश मिलता है और आप सरकारी वकील के पद पर काम कर सकते हैं।

2. असिस्टेंट प्रोसीक्यूटर ऑफिसर (APO) एग्जाम:

  • कई राज्य सरकारें APO पद के लिए परीक्षाएं आयोजित करती हैं।
  • इस परीक्षा में सफल होने के बाद आपको सरकारी अभियोजक के रूप में नियुक्ति मिलती है।

3. यूपीएससी (UPSC) एग्जाम:

  • यूपीएससी द्वारा इंडियन लीगल सर्विसेज (ILS) के लिए परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
  • इस परीक्षा में सफल होने के बाद आप केंद्र सरकार के विभागों में कानूनी सलाहकार या सरकारी वकील के रूप में कार्य कर सकते हैं।

चयन प्रक्रिया

1. प्रारंभिक परीक्षा:

  • इस चरण में सामान्य ज्ञान, सामान्य अध्ययन और कानून से संबंधित प्रश्न होते हैं।
  • यह परीक्षा क्वालिफाइंग नेचर की होती है और मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए इसे पास करना अनिवार्य है।

2. मुख्य परीक्षा:

  • मुख्य परीक्षा में कानून के विभिन्न विषयों से संबंधित विस्तृत प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • इसमें लिखित परीक्षा होती है जिसमें आपके कानूनी ज्ञान और लिखने की क्षमता का परीक्षण किया जाता है।

3. साक्षात्कार:

  • मुख्य परीक्षा पास करने के बाद आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
  • साक्षात्कार में आपके व्यक्तित्व, कानूनी ज्ञान और तर्क शक्ति का परीक्षण किया जाता है।

प्राइवेट वकील कैसे बने? | How to Become a Private Lawyer in Hindi

अब हम समझेंगे कि प्राइवेट वकील कैसे बने? दरअसल LLB पास करने के बाद निजी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद आप स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं या किसी अनुभवी वकील के साथ काम कर सकते हैं।

निजी प्रैक्टिस के लिए आवश्यक कदम

निजी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए आपको बार काउंसिल में रजिस्टर करना होता है और प्रैक्टिस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है। इसके बाद, अपने क्लाइंट बेस को बनाना और कानूनी मामलों को संभालना होता है।

लॉ फर्म्स में काम करने के लाभ और चुनौतियाँ

लॉ फर्म्स में काम करने से आपको विभिन्न प्रकार के केस हैंडल करने का अनुभव मिलता है। यह आपकी पेशेवर स्किल्स को बढ़ाता है और आपको एक व्यापक नेटवर्क बनाने में मदद करता है।

लाभ:

  1. विविध केस अनुभव: विभिन्न प्रकार के कानूनी मामलों को हैंडल करने का मौका मिलता है।
  2. नेटवर्किंग: पेशेवर नेटवर्क बढ़ता है, जो भविष्य में करियर ग्रोथ में मदद करता है।
  3. संरक्षण और मार्गदर्शन: अनुभवी वकीलों से मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिलता है।

चुनौतियाँ:

  1. प्रतिस्पर्धा: लॉ फर्म्स में काम करने में उच्च प्रतिस्पर्धा होती है।
  2. काम का दबाव: समय पर केस निपटाना और क्लाइंट की अपेक्षाओं को पूरा करना एक चुनौती हो सकता है।
  3. लंबे कार्य घंटे: कई बार आपको लंबे समय तक काम करना पड़ सकता है।

भारत में वकील की सैलरी | lawyer salary in India

भारत में वकील (Lawyer) की सैलरी कई बातों पर निर्भर करती है जैसे कि उसकी योग्यता, अनुभव, किस शहर में काम कर रहा है, किस प्रकार की प्रैक्टिस कर रहा है (कोर्ट, कॉरपोरेट फर्म, सरकारी सेवा आदि), और किस संस्थान से कानून की पढ़ाई की है।

अनुभव स्तर (Experience Level)मासिक औसत सैलरी (₹)वार्षिक औसत सैलरी (₹)विवरण
फ्रेशर (0–1 साल)₹20,000 – ₹40,000₹2.5 – 4.5 लाखछोटे लॉ फर्म या जूनियर वकील के रूप में
2–5 साल अनुभव₹40,000 – ₹80,000₹5 – 10 लाखमध्यम स्तर के केस और स्वतंत्र प्रैक्टिस की शुरुआत
5–10 साल अनुभव₹80,000 – ₹1.5 लाख₹10 – 18 लाखबड़े केस और कोर्ट में मजबूत पहचान
10+ साल अनुभव₹1.5 – ₹3 लाख+₹20 – 40 लाख+वरिष्ठ वकील या हाई-प्रोफाइल केसों के लिए
टॉप कॉर्पोरेट लॉ फर्म्स (जैसे Amarchand, Khaitan, Trilegal आदि)₹1.2 – ₹2 लाख (स्टार्टिंग)₹15 – 25 लाख+NLU से पासआउट और कैंपस प्लेसमेंट के ज़रिए
सुप्रीम कोर्ट/हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट₹5 लाख – ₹25 लाख+ (प्रति केस)करोड़ों तकबड़े और हाई-प्रोफाइल मामलों में फीस के आधार पर

नीचे भारत में वकील की औसत सैलरी और संभावनाओं का विवरण दिया गया है:

1. फ्रेशर वकील (नए वकील)

  • अदालत में प्रैक्टिस करने वाले वकील: ₹5,000 से ₹20,000 प्रति माह (शुरुआत में)
  • लॉ फर्म में काम करने वाले वकील: ₹20,000 से ₹60,000 प्रति माह
  • कॉर्पोरेट कंपनियों में लीगल असिस्टेंट/एक्जीक्यूटिव: ₹25,000 से ₹50,000 प्रति माह

2. अनुभवी वकील (5–10 साल का अनुभव)

  • कोर्ट में सफल वकील: ₹50,000 से ₹2 लाख+ प्रति माह (मुक़दमों और क्लाइंट पर निर्भर)
  • मिड-लेवल लॉ फर्म्स में: ₹50,000 से ₹1.5 लाख प्रति माह
  • कॉर्पोरेट सेक्टर (इन-हाउस काउंसिल): ₹60,000 से ₹2 लाख प्रति माह

3. शीर्ष वकील और सीनियर एडवोकेट

  • सुप्रीम कोर्ट/हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील: प्रति केस ₹50,000 से ₹5 लाख या उससे अधिक
  • कॉर्पोरेट लॉ एक्सपर्ट/मर्जर एक्सपर्ट्स आदि: ₹20 लाख+ सालाना पैकेज
  • नामी लॉ फर्म्स (AMSS, Khaitan, Trilegal आदि): ₹12–₹30 लाख वार्षिक (या उससे भी अधिक)

4. सरकारी वकील/पब्लिक सेक्टर

  • जूनियर पब्लिक प्रॉसीक्यूटर या सरकारी वकील: ₹40,000 से ₹1 लाख प्रति माह
  • जज या लॉ ऑफिसर (UPSC/State PSC के तहत चयनित): ₹70,000 से ₹2 लाख प्रति माह (पद के अनुसार)

वकील और एडवोकेट में अंतर | Difference between lawyer and Advocate in Hindi

वकील और एडवोकेट में बुनियादी अंतर यह है कि वकील कोई भी व्यक्ति हो सकता है जिसने कानून की डिग्री प्राप्त की हो, जबकि एडवोकेट वह व्यक्ति होता है जो बार काउंसिल में रजिस्टर होता है और कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए पात्र होता है।

  1. वकील: जिसने कानून की डिग्री प्राप्त की हो, लेकिन बार काउंसिल में रजिस्टर न हो।
  2. एडवोकेट: जिसने कानून की डिग्री प्राप्त की हो और बार काउंसिल में रजिस्टर हो।

वकील (Lawyer) क्या होता है?

  • वकील एक सामान्य शब्द है, जिसका उपयोग किसी भी व्यक्ति के लिए किया जाता है जिसने कानून की पढ़ाई (LLB) की है।
  • वकील बनने के लिए केवल कानून की डिग्री होना ही पर्याप्त है।
  • लेकिन एक वकील अदालत में केस नहीं लड़ सकता जब तक वह बार काउंसिल में पंजीकृत होकर अधिवक्ता नहीं बन जाता।

उदाहरण: कोई व्यक्ति जिसने LLB पूरी की है लेकिन AIBE पास नहीं किया या बार काउंसिल में नामांकन नहीं कराया, वह केवल वकील कहलाएगा।

एडवोकेट कैसे बने? | How to Become A Advocate?

अब सवाल उठता है कि हम एडवोकेट कैसे बने। दरअसल एडवोकेट बनने के लिए सबसे पहले 12वीं के बाद LLB (एलएलबी) की पढ़ाई करनी होती है। एलएलबी कोर्स पूरा करने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित AIBE (एआईबीई) परीक्षा पास करनी होती है। इसके बाद ही वकील को एडवोकेट का लाइसेंस मिलता है।

एडवोकेट बनने के लिए इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल अनुभव भी जरूरी है। वकील बनने के बाद कोर्ट में प्रैक्टिस करके अपने स्किल्स को निखारें। बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। सफल एडवोकेट बनने के लिए लगातार मेहनत और कानूनी नॉलेज को अपडेट रखना बहुत जरूरी है।

एडवोकेट बनने की प्रक्रिया

एडवोकेट बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होता है:

  1. एलएलबी की डिग्री: सबसे पहले आपको एलएलबी की डिग्री प्राप्त करनी होती है।
  2. बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन: इसके बाद आपको बार काउंसिल में रजिस्टर करना होता है।
  3. प्रैक्टिस सर्टिफिकेट: रजिस्ट्रेशन के बाद आपको प्रैक्टिस सर्टिफिकेट मिलता है, जिससे आप कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकते हैं।

मुख्य अंतर

बिंदुवकील (Lawyer)अधिवक्ता (Advocate)
योग्यताकेवल LLB डिग्रीLLB + बार काउंसिल में पंजीकरण + AIBE पास
अदालत में केस लड़ने का अधिकारनहींहां
कानूनी सलाह दे सकते हैं?हांहां
प्रैक्टिस का कानूनी अधिकारनहींहां

भारत में वकील बनने की प्रक्रिया | Law ki Padhai kaise kare

1. कानून की पढ़ाई का रास्ता चुनें

विकल्प A: 5 साल का एकीकृत कानून पाठ्यक्रम (12वीं के बाद)

  • कोर्स: B.A. LL.B., B.B.A. LL.B., B.Com. LL.B. आदि
  • समय: 5 साल
  • उपयुक्त: जो छात्र स्कूल के बाद सीधे कानून में करियर बनाना चाहते हैं।
  • प्रमुख कॉलेज: नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (NLUs), सिंबायोसिस लॉ स्कूल, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल आदि

विकल्प B: 3 साल का LLB कोर्स (स्नातक के बाद)

  • पूर्व शर्त: किसी भी विषय में स्नातक (B.A., B.Sc., B.Com आदि)
  • समय: 3 साल
  • उपयुक्त: जो स्नातक करने के बाद कानून में करियर बनाना चाहते हैं।

2. लॉ एंट्रेंस एग्जाम पास करें

  • 5 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए: CLAT, AILET, LSAT India आदि
  • 3 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए: DU LLB प्रवेश परीक्षा, MH CET Law आदि

3. LLB डिग्री प्राप्त करें

  • कानून के विषयों का अध्ययन करें जैसे कि संविधान कानून, आपराधिक कानून, अनुबंध कानून आदि।
  • इंटर्नशिप करें कोर्ट, लॉ फर्म, NGO या किसी कानूनी विभाग में व्यावहारिक अनुभव के लिए।

4. राज्य बार काउंसिल में नामांकन करें

  • LLB पूरी करने के बाद अपने राज्य की बार काउंसिल में नामांकन कराएं।
  • आवश्यक दस्तावेज जैसे डिग्री प्रमाण पत्र, पहचान पत्र आदि जमा करें।

5. ऑल इंडिया बार एग्जाम (AIBE) पास करें

  • यह परीक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित की जाती है।
  • इसमें आपकी बुनियादी कानूनी जानकारी की जांच की जाती है।
  • परीक्षा पास करने के बाद आपको Certificate of Practice मिलता है, जिससे आप भारतीय अदालतों में वकालत कर सकते हैं।

6. वकालत शुरू करें

  • आप कोर्ट में वकील के रूप में काम कर सकते हैं।
  • कॉरपोरेट लॉ फर्म या कंपनियों में लीगल एडवाइजर बन सकते हैं।
  • सरकारी सेवाओं या न्यायिक सेवा (जज बनने) की तैयारी कर सकते हैं।

अतिरिक्त विकल्प

  • LL.M. करके किसी खास क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं जैसे कि कॉरपोरेट लॉ, साइबर लॉ आदि।
  • न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी करके जज भी बन सकते हैं।

निष्कर्ष

लॉयर बनना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यंत संतोषजनक करियर विकल्प है। यह न केवल व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के अवसर प्रदान करता है, बल्कि समाज में न्याय और सत्य की स्थापना में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। लॉयर बनने की प्रक्रिया में 12वीं कक्षा के बाद एलएलबी कोर्स में प्रवेश लेना और आवश्यक प्रवेश परीक्षाओं को पास करना शामिल है। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस करियर में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और निरंतर अध्ययन की आवश्यकता होती है। लॉयर बनने की इस यात्रा में, आप न केवल अपने करियर को ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

लॉयर बनने के लिए कितना पैसा लगता है?

लॉयर बनने के लिए सरकारी कॉलेजों में कुल खर्च ₹1 लाख से ₹2 लाख तक हो सकता है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह ₹5 लाख से ₹20 लाख तक हो सकता है। इसमें प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी और अन्य शैक्षिक सामग्री का खर्च भी शामिल है।

लॉयर बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

लॉयर बनने के लिए 12वीं कक्षा पास करें, एलएलबी कोर्स में प्रवेश लें और इसे पूरा करें। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराएं और किसी अनुभवी वकील के साथ इंटर्नशिप करें। इन कदमों का पालन करके आप एक सफल लॉयर बन सकते हैं।

वकील का कोर्स कितने साल का होता है?

वकील बनने के लिए एलएलबी कोर्स की अवधि 3 से 5 साल होती है। स्नातक के बाद 3 साल का एलएलबी कोर्स और 12वीं के बाद 5 साल का इंटीग्रेटेड एलएलबी कोर्स होता है। इन कोर्सों को पूरा करने के बाद आप वकील बन सकते हैं।

वकील बनने के लिए कौन सा एग्जाम देना पड़ता है?

वकील बनने के लिए एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए विभिन्न परीक्षाएं देनी होती हैं। प्रमुख परीक्षाओं में CLAT (Common Law Admission Test), AILET (All India Law Entrance Test), और LSAT (Law School Admission Test) शामिल हैं। एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, बार काउंसिल में पंजीकरण के लिए AIBE (All India Bar Examination) पास करना होता है।

वकील की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

भारत में वकील की औसत मासिक सैलरी लगभग ₹61,800 होती है। यह सैलरी ₹30,900 से ₹95,700 के बीच हो सकती है, जो अनुभव और विशेषज्ञता पर निर्भर करती है।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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