Quick Summary
निपुण भारत मिशन, बच्चों को बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान में दक्ष बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे पढ़ने, लिखने और गणित की बुनियादी समझ को अच्छी तरह से विकसित कर सकें।
इस ब्लॉग में हम निपुण भारत मिशन क्या है, निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ, निपुण भारत मिशन का उद्देश्य, निपुण भारत मिशन प्रश्नोत्तरी, निपुण भारत मिशन लक्ष्य सूची और निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश की सफलता के बारे में विस्तार से जानेंगे।
निपुण भारत मिशन क्या है? इसको समझने से पहले हम निपुण का पूरा नाम जानेंगे। निपुण भारत मिशन का पूरा नाम “नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी” है। यह मिशन देशभर में कक्षा 3 से 6 तक के बच्चों में बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों को न केवल पढ़ने और लिखने में सक्षम बनाना है, बल्कि उन्हें समझ के साथ पढ़ने और गणितीय समस्याओं को हल करने में भी निपुण बनाना है।
निपुण का फुल फॉर्म(nipun ka full form in Hindi) है “नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमैसी”। इसका अर्थ है कि यह एक राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों में पढ़ाई और समझ के साथ-साथ अंकगणितीय क्षमता में दक्षता बढ़ाना है। इस पहल के अंतर्गत, सरकार बच्चों के बुनियादी शैक्षिक कौशल को सुधारने की कोशिश कर रही है, ताकि वे पढ़ने, समझने और गिनती करने में सक्षम हों।
सबसे पहले हम समझेंगे कि निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ। तो निपुण भारत मिशन की शुरुआत 5 जुलाई 2021 को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई थी। यह मिशन शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है, जिसका उद्देश्य देशभर में बच्चों के शिक्षा स्तर को बढ़ाना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।
| विवरण | जानकारी |
| मिशन का नाम | निपुण भारत मिशन |
| मिशन का शुभारंभ | 5 जुलाई 2021 |
| उद्देश्य | कक्षा 3 से 6 तक के बच्चों को 2026-27 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में सक्षम बनाना |
| आयु वर्ग | 3 से 9 वर्ष |
| प्रमुख तत्व | पढ़ाई और गणित में बुनियादी कौशल, स्कूल में बनाए रखना, समग्र विकास, शिक्षक प्रशिक्षण, गतिविधि आधारित लर्निंग, समग्र प्रगति कार्ड |
निपुण भारत मिशन का उद्देश्य बच्चों को पढ़ने, लिखने, और गणित में बुनियादी कौशल सिखाना है। यह कक्षा 3 से 6 तक के बच्चों को 2026-27 तक तैयार करने पर ध्यान देता है। इसके तहत शिक्षा की गुणवत्ता और समावेशिता को सुधारने की कोशिश की जाती है।
मिशन के विशिष्ट लक्ष्यों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या को कम करना, बच्चों के संपूर्ण विकास को प्रोत्साहित करना, और उन्हें विभिन्न गतिविधियों में शामिल करना शामिल है। मिशन के तहत, बच्चों को खेल, संगीत, कविता, और नाटक जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।
निपुण भारत मिशन लक्ष्य सूची इस प्रकार है:
| स्तर | सीखने के परिणाम |
| बालवाटिक | अक्षरों और ध्वनियों को पहचानता है 2-3 अक्षरों वाले सरल शब्द पढ़ता है 10 तक के अंकों को पहचानता और पढ़ता है संख्याओं/वस्तुओं/आकृतियों/घटनाओं को क्रम में व्यवस्थित करता है |
| ग्रेड 1 | आयु के अनुसार अज्ञात पाठ में 4-5 सरल शब्दों वाले वाक्य पढ़ता है 99 तक की संख्या पढ़ता और लिखता है सरल जोड़ और घटाव करता है |
| ग्रेड 2 | अर्थ सहित पढ़ता है 45-60 शब्द प्रति मिनट पढ़ता है 99 तक की संख्याएं पढ़ता और लिखता है 99 तक की संख्याओं की घटाव करता है |
| ग्रेड 3 | प्रति मिनट 60 शब्द अर्थपूर्ण ढंग से पढ़ता है 99 तक की संख्याएं पढ़ता और लिखता है सरल गुणन समस्याओं को हल करता है |
निपुण भारत मिशन के प्रमुख लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य है, और यहाँ “निपुण भारत मिशन” को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।
निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश मिशन के तहत राज्य सरकार ने शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में 1.6 लाख से अधिक स्कूलों में इस मिशन को लागू किया गया है। इसके तहत, बच्चों को बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान में दक्ष बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने “निपुण भारत मिशन” को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है और उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों और संगठनों के साथ साझेदारी की है।
उत्तर प्रदेश में “निपुण भारत मिशन” के सफल कार्यान्वयन के संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है, और बच्चों में बुनियादी साक्षरता और अंकगणितीय ज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है और उनके शैक्षिक परिणामों में सुधार हुआ है।
हालांकि “निपुण भारत मिशन” के कई फायदे हैं, इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी हैं।
भारत के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में, मिशन को लागू करना एक बड़ी चुनौती है। इन क्षेत्रों में संसाधनों की कमी और बुनियादी सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण मिशन का कार्यान्वयन कठिन हो जाता है।
मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित शिक्षकों और शैक्षिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। हालांकि सरकार ने इस दिशा में प्रयास किए हैं, लेकिन कई जगहों पर संसाधनों की कमी बनी हुई है।
कुछ क्षेत्रों में, सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएँ भी मिशन के कार्यान्वयन में रुकावट पैदा करती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ समुदायों में शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती है, जिससे बच्चों को स्कूल भेजने में समस्या होती है।
निपुण भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य 3 से 9 वर्ष तक के बच्चों को बुनियादी शिक्षा देना है। यह मिशन प्री-स्कूल से लेकर ग्रेट 3 तक के बच्चों पर केंद्रित है, और इसे 5 स्तरीय तंत्र के माध्यम से लागू किया जाएगा। यह स्तर हैं: राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक, और स्कूल स्तर।
मिशन का संचालन राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। इस स्तर पर लर्निंग गैप्स, असेसमेंट, लर्निंग स्ट्रेटेजी, और दस्तावेजों की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देशभर के छात्रों को समान गुणवत्ता की शिक्षा मिले, राष्ट्रीय स्तर पर सभी आवश्यक योजनाएँ और रणनीतियाँ तैयार की जाएंगी।
राज्य स्तर पर, स्कूल शिक्षा विभाग और स्टेट रिपेयरिंग समिति मिशन के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। राज्य सरकारें इस स्तर पर योजनाओं को लागू करेंगी और राज्य के सेक्रेटरी हेड के मार्गदर्शन में कार्य करेंगी।
जिला स्तर पर, डिप्टी मजिस्ट्रेट और डिप्टी कमिश्नर मिशन की निगरानी करेंगे। जिलों में जिला शिक्षा ऑफिसर और अन्य संबंधित सदस्य भी कार्य में शामिल होंगे। ब्लॉक स्तर पर, एजुकेशन ऑफीसर और ब्लॉक रिसोर्स पर्सन मिशन की निगरानी और कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
स्कूल और स्थानीय समुदाय भी इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। स्कूल मैनेजमेंट और अभिभावक बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेंगे। इसके साथ ही, स्थानीय समुदाय को जागरूक किया जाएगा ताकि सभी मिलकर बच्चों की शिक्षा को बेहतर बना सकें और मिशन के उद्देश्यों को पूरा कर सकें।
उत्तर – National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy
उत्तर – 5 जुलाई 2021
उत्तर – शिक्षा क्षेत्र के लिए
उत्तर – बच्चों को पढ़ने, लिखने और गणना करने के बुनियादी कौशल में सुधार करना
उत्तर – प्री स्कूल से लेकर ग्रेड 3 के बच्चों को
उत्तर – केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
उत्तर – 2026-2027 तक
उत्तर – शिक्षकों
उत्तर – पाँच स्तर पर
उत्तर – (आ) राष्ट्रीय-राज्य-ज़िला-ब्लॉक-स्कूल
इस ब्लॉग में हमने निपुण भारत मिशन क्या है, निपुण भारत मिशन कब शुरू हुआ, निपुण भारत मिशन का उद्देश्य, निपुण भारत मिशन प्रश्नोत्तरी, निपुण भारत मिशन लक्ष्य सूची और निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश की सफलता के बारे में विस्तार से जाना।
निपुण भारत मिशन” एक महत्वपूर्ण शैक्षिक पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर में बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढ़ाना है। हालांकि इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन इसके लाभ और प्रभाव महत्वपूर्ण हैं। इससे बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और उनके समग्र विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए सरकार, शिक्षकों, और समुदायों के संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं।
निपुण भारत मिशन भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका उद्देश्य देश के हर बच्चे को तीसरी कक्षा तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल (FLN) हासिल करना सुनिश्चित करना है। यह मिशन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
1. यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चा तीसरी कक्षा तक पढ़ सके और लिख सके।
2. बच्चों को संख्याओं को समझने, गणितीय संक्रियाएं करने और दैनिक जीवन में गणित का उपयोग करने में सक्षम बनाना।
3. शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करना ताकि वे बच्चों को प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।
• FLN का मतलब है फंडामेंटल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी यानी मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता। यह उन बुनियादी कौशलों को संदर्भित करता है जो हर बच्चे को जीवन जीने और सीखने के लिए आवश्यक होते हैं।
• निपुण भारत मिशन का मुख्य लक्ष्य ही FLN को हासिल करना है। यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चा तीसरी कक्षा तक FLN हासिल कर ले।
निपुण भारत मिशन को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू किया गया था। हालांकि, इसकी औपचारिक शुरुआत और कार्यान्वयन 5 जुलाई 2021 से शुरू हुआ।
निपुण भारत मिशन का पूरा नाम – National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा “राष्ट्रीय साक्षरता एवं संख्या ज्ञान दक्षता पहल (निपुण भारत)” के रूप में एक राष्ट्रीय मिशन की स्थापना की जा रही है, जिसका उद्देश्य मूलभूत साक्षरता और गणना कौशल को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है।
निपुण भारत मिशन का लक्ष्य 2026-27 तक कक्षा 3 तक के सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में दक्ष बनाना है।
यह मिशन शिक्षकों की क्षमता विकास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बच्चों के समग्र विकास को भी प्राथमिकता देता है।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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