Quick Summary
Aqi क्या है हमारी सेहत के लिए साफ और शुद्ध हवा कितनी जरूरी है, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हवा की क्वालिटी को कैसे मापा जाता है? अक्सर आपने मौसम अनुमानों में हवा की क्वालिटी को AQI के जरिए बताते हुए देखा होगा। ऐसे में, “एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) क्या है” जानना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है।
इस ब्लॉग में आपको मौसम में aqi क्या है, वायु गुणवत्ता मापने के उपकरण, AQI की श्रेणियाँ, वायु प्रदूषण के कारण और समाधान तथा इसको कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मिलेगी।

AQI (Air Quality Index) एक मापदंड है जो वायु प्रदूषण को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न प्रदूषकों, जैसे पीएम 2.5, पीएम 10, कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), और ओजोन (O3) की सांद्रता पर आधारित होता है। AQI का मान 0 से लेकर 500 तक हो सकता है, जिसमें 0-50 अच्छे वायु गुणवत्ता को दर्शाता है, जबकि 300 से ऊपर बहुत खराब वायु गुणवत्ता को दिखाता है। उच्च AQI स्तर वायु प्रदूषण के खतरे को बढ़ाता है और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा जैसी बीमारियों से प्रभावित लोगों पर।
हवेची गुणवत्ता म्हणजेच हवेमधील स्वच्छता किंवा प्रदूषणाचा स्तर होय. आपण दररोज श्वास घेतो ती हवा जर शुद्ध नसेल, तर ती आपल्या शरीरावर, आरोग्यावर आणि एकूण जीवनशैलीवर गंभीर परिणाम करू शकते. चला, सोप्या भाषेत समजून घेऊया:
हवेची गुणवत्ता = हवा की शुद्धता या प्रदूषण का स्तर।
यानि हम जो हवा सांस लेने के लिए इस्तेमाल करते हैं, उसमें कितनी धूल, धुआँ, गैसें, रसायन या सूक्ष्म कण मौजूद हैं — इसे मापने और समझने को ही “हवा की गुणवत्ता” कहा जाता है।
“मौसम में AQI क्या है” ये अक्सर पूछे जाने वाला सवाल है। मौसम में AQI एक सूचकांक है जिसे वायु गुणवत्ता सूचकांक कहा जाता है। इसके ज़रिए हम हवा की साफ-सफाई को मापते हैं। मौसम में AQI 0 से 500 के बीच की संख्या होती है जो अलग अलग श्रेणी में बटी होती हैं।
AQI (Air Quality Index) को मॉनिटर करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह हमें बताता है कि हवा की क्वालिटी कैसी है और यह हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव डाल सकती है। जब हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो यह सांस संबंधी बीमारियों, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। AQI के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि कब बाहर निकलना सुरक्षित है और कब नहीं। इससे हम समय रहते सावधानियाँ बरत सकते हैं, जैसे कि मास्क पहनना या घर के अंदर रहना, ताकि हम और हमारे परिवार स्वस्थ रह सकें।

जब AQI 100 से ऊपर हो जाता है, तो वायु प्रदूषण का स्तर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में सबसे पहले आपको बाहरी गतिविधियों को सीमित करना चाहिए, खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। घर के अंदर रहें और दरवाजे-खिड़कियाँ बंद रखें ताकि प्रदूषित हवा अंदर न आ सके। अगर बाहर जाना ज़रूरी हो, तो N95 मास्क का इस्तेमाल करें जो हानिकारक कणों को रोकने में सहायक होता है। एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और अपने घर में पौधे लगाएं जो हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
| Serial number | शहर | AQI (2025 में हालिया) | वर्ग |
|---|---|---|---|
| 1 | दिल्ली (Delhi) | ~139 (Unhealthy for Sensitive Groups) | संवेदनशील समूहों के लिए अस्वस्थ (The Indian Express, IQAir) |
| 2 | गाज़ियाबाद (Ghaziabad) | 142–136 (Poor–Unhealthy for Sensitive Groups) | खराब–संवेदनशील समूहों के लिए अस्वस्थ (AQI, IQAir) |
| 3 | अररिया (Araria) | ~134–175 (Unhealthy) | अस्वस्थ (AQI, IQAir) |
| 4 | नोएडा (Noida) | ~136–137 (Poor–Unhealthy) | खराब–अस्वस्थ (AQI, AQI) |
| 5 | मुंबई (Mumbai) | लगभग 67 (Moderate–Satisfactory) | संतोषजनक (AQI, IQAir) |
| 6 | बेंगलुरु (Bangalore) | लगभग 58–63 (Moderate) | मध्यम (AQI, AQI) |
| 7 | हैदराबाद (Hyderabad) | लगभग 75–80 (Moderate–Poor) | मध्यम–खराब (AQI, AQI) |
| 8 | मुंबई नगर के कुछ क्षेत्र (e.g. Deonar, Sion, BKC) | PM2.5 का स्तर राष्ट्रीय मानदंड से ऊपर | क्षेत्रीय प्रदूषण चिंताजनक (The Times of India) |
| 9 | भोपाल (Bhopal) | AQI ~100–108 (Moderate–Poor) | संतोषजनक से खराब की ओर बढ़ते हुए (The Times of India) |
साथ ही, भरपूर पानी पिएं ताकि शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल सकें। सांस या दिल से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। AQI की नियमित जांच करें और स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
वायु प्रदूषण को मापने के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों का उपयोग किया जाता है। प्रमुख उपकरण निम्नलिखित हैं:
इन उपकरणों के माध्यम से वायु प्रदूषण की निगरानी की जाती है और इसकी गुणवत्ता को मापकर AQI (Air Quality Index) निर्धारित किया जाता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक ऐसा मापदंड है जो हमें हवा की क्वालिटी के बारे में जानकारी देता है। यह सूचकांक हमें बताता है कि हमारी हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है। AQI को विभिन्न रंगों और नंबरों में विभाजित किया गया है, जिससे हम आसानी से समझ सकते हैं कि हवा की स्थिति कैसी है।

पीएम 2.5 (PM 2.5) का मतलब है “पार्टिकुलेट मैटर 2.5″। यह वायु में मौजूद सूक्ष्म कण होते हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर (μm) या उससे कम होता है। ये कण इतने छोटे होते हैं कि उन्हें आंख से देख पाना मुश्किल होता है और वे सीधे फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
पीएम 2.5 कणों का स्रोत प्राकृतिक और मानवजनित दोनों हो सकते हैं, जैसे:
इस प्रकार, पीएम 2.5 को मापकर हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं और आवश्यक कदम उठा सकते हैं।
“हवा की क्वालिटी की कीमत” केवल पर्यावरण से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और समाज पर सीधा प्रभाव डालने वाला गंभीर विषय है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं कि खराब हवा की कितनी और कैसी कीमत चुकानी पड़ती है:
इसका मतलब: आपका स्वास्थ्य कमजोर होता है, दवाओं पर खर्च बढ़ता है, और जीवन की गुणवत्ता गिरती है।
खराब हवा की वजह से भारत को हर साल GDP का लगभग 1.3% नुकसान होता है (Lancet रिपोर्ट के अनुसार)।
| AQI वैल्यू | श्रेणि | रंग | विवरण |
| 0–50 | अच्छा | हरा | AQI अच्छा होता है, तो हवा साफ होती है और हमें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है। |
| 51-100 | मध्यम | पीला | मध्यम AQI का मतलब है कि हवा थोड़ी प्रदूषित है, लेकिन अधिकांश लोगों के लिए यह हानिकारक नहीं है। |
| 101-150 | संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर | नारंगी | कुछ संवेदनशील लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। |
| 151-200 | खराब | लाल | खराब AQI वाले दिन सभी लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि खांसी, सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन। |
| 201-300 | बहुत खराब | बैंगनी | बहुत खराब AQI वाले दिन सभी लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। |
| 301-500 | गंभीर | लाल | गंभीर AQI वाले दिन सभी लोगों को बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में, बाहर निकलना टालना चाहिए। |
घर के अंदर की वायु गुणवत्ता (Indoor Air Quality) को बेहतर बनाना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, खासकर तब जब बाहरी वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर बढ़ा हुआ हो। इंडोर एयर क्वालिटी सुधारने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि घर को नियमित रूप से साफ रखा जाए और धूल-मिट्टी जमने न दी जाए। घर में प्राकृतिक वेंटिलेशन यानी खिड़कियों और दरवाजों से ताजी हवा का प्रवाह बनाए रखें, लेकिन जब बाहर का AQI खराब हो, तब इन्हें बंद रखें। एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी एक प्रभावी तरीका है जिससे घर की हवा में मौजूद हानिकारक कणों को हटाया जा सकता है।
इसके अलावा, तुलसी, एलोवेरा, स्नेक प्लांट जैसे वायु शुद्ध करने वाले पौधे घर के अंदर लगाने से न केवल हवा स्वच्छ होती है, बल्कि वातावरण भी सकारात्मक बनता है। रासायनिक क्लीनिंग प्रोडक्ट्स और धूपबत्ती जैसी चीजों के अत्यधिक प्रयोग से बचें क्योंकि ये भी वायु को प्रदूषित कर सकते हैं। अगर आप घर की हवा को शुद्ध कैसे करें या “घर की वायु गुणवत्ता कैसे सुधारें” जैसे विषयों पर जानकारी खोज रहे हैं, तो इन उपायों को अपनाकर आप अपने परिवार के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण बना सकते हैं।
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण मानव जनित हैं तथा इसके कुछ प्राकृतिक कारण भी हैं। इन कारणों के समाधान के लिए सरकारी नीतियां, जागरूकता कार्यक्रम और तकनीकी उपाय उपयोगी हैं।
सरकारें वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह की नीतियां बनानी चाहिए साथ ही ये सुनिश्चित करना चाहिए की ये नीतियां सुचारू रूप से कार्यान्वित हो। इसके कुछ उदाहरण हैं:
सरकार के साथ-साथ हम सभी को भी वायु प्रदूषण कम करने में योगदान देना चाहिए। जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोग प्रदूषण के खतरों के बारे में जानते हैं और प्रदूषण कम करने के तरीके सीखते हैं। कुछ उदाहरण हैं:
नई तकनीकों का उपयोग करके भी वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। इसके कुछ उदाहरण हैं:
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं साथ ही इसे लेकर कई अंतर्राष्ट्रीय नीतियां भी हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए।
भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 07 दिसंबर 2023 को वायु प्रदूषण को लेकर जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम कुछ इस प्रकार हैं:
वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, और इसे कम करने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय नीतियां बनाई गई हैं। आइए, इन नीतियों को सरल भाषा में समझते हैं।
“एयर क्वालिटी इंडेक्स – AQI क्या है” को समझना और इसे मॉनिटर करना आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। यह हमें न केवल हवा की क्वालिटी के बारे में जानकारी देता है, बल्कि हमें सुरक्षित रहने के लिए समय रहते चेतावनी भी देता है। अगर हम AQI को नियमित रूप से ट्रैक करें और इसके अनुसार आवश्यक कदम उठाएं, तो हम न केवल अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण भी कर सकते हैं।
इस ब्लॉग में आपने मौसम में aqi क्या है, वायु गुणवत्ता मापने के उपकरण, AQI की श्रेणियाँ, वायु प्रदूषण के कारण और समाधान तथा इसको कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जाना।
AQI का मतलब है वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index)। यह एक संख्यात्मक मान है जो हवा की गुणवत्ता को मापता है और बताता है कि हवा सांस लेने के लिए कितनी सुरक्षित है। AQI को विभिन्न प्रदूषकों जैसे कि पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि के स्तर के आधार पर मापा जाता है।
AQI 50 से कम: अच्छा
AQI 51 से 100: संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर
AQI 101 से 150: अस्वस्थ
AQI 151 से 200: बहुत अस्वस्थ
AQI 200 से अधिक: खतरनाक
100 या उससे कम AQI मान आम तौर पर संतोषजनक माने जाते हैं।
हवा की शुद्धता मापने के लिए AQI का इस्तेमाल किया जाता है। भारत सरकार की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट पर आप अपने शहर की हवा की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Delhi का वायु प्रदूषण: वास्तविक समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 95 हैं।
हवा की गुणवत्ता को AQI (Air Quality Index) के ज़रिए मापा जाता है। यह 0 से 500 तक जाता है – जितना अधिक नंबर, उतनी ज्यादा प्रदूषित हवा।
AQI की गणना वायु में मौजूद मुख्य 8 प्रदूषकों के स्तर के आधार पर की जाती है:
PM10 (Particulate Matter)
PM2.5
NO₂ (Nitrogen Dioxide)
SO₂ (Sulphur Dioxide)
CO (Carbon Monoxide)
O₃ (Ozone)
NH₃ (Ammonia)
Pb (Lead)
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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