हिंदी महीनों के नाम

हिंदी महीनों के नाम क्या हैं? | 12 महीनों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में

Published on October 6, 2025
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हिंदी महीनों के नाम

Quick Summary

  1. हिंदू धर्म में बारह महीने-
    1. चैत्र- April
    2. वैशाख- May
    3. ज्येष्ठ- June
    4. आषाढ़- July
    5. श्रावण- August
    6. भाद्रपद- September
    7. अश्विन- October
    8. कार्तिक- November
    9. मार्गशीर्ष- December
    10. पौष- January
    11. माघ- February
    12. फाल्गुन- March

Table of Contents

भारतीय संस्कृति काफी पुरानी संस्कृति है, जहां आज भी हिंदी कैलेंडर को फॉलो किया जाता है और कई कार्यों को उसी के अनुसार किया जाता है। हिंदी कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं। हालांकि इसके महीनों का नाम आज के कैलेंडर से काफी भिन्न है। यहां हम हिंदी महीनों के नाम, हिंदी महीनों के नाम और त्योहार, 12 Mahinon ke Naam हिंदी और अंग्रेजी में बता रहे हैं।हिन्दी कैलेंडर में साल के 12 महीनों के नाम ये हैं: चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन.

हिंदी महीनों के नाम

हिंदी महीनों के नाम | 12 महीनों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में

क्रम संख्याहिंदी महीनों के नाम (हिंदू पंचांग)संबंधित अंग्रेज़ी महीना (अनुमानित)अंग्रेज़ी कैलेंडर महीनाहिंदी नाम (अंग्रेज़ी कैलेंडर)
1चैत्रMarch–AprilJanuaryजनवरी
2वैशाखApril–MayFebruaryफरवरी
3ज्येष्ठ (जेठ)May–JuneMarchमार्च
4आषाढ़June–JulyAprilअप्रैल
5श्रावण (सावन)July–AugustMayमई
6भाद्रपद (भादो)August–SeptemberJuneजून
7आश्विनSeptember–OctoberJulyजुलाई
8कार्तिकOctober–NovemberAugustअगस्त
9मार्गशीर्ष (अगहन)November–DecemberSeptemberसितम्बर
10पौषDecember–JanuaryOctoberअक्टूबर
11माघJanuary–FebruaryNovemberनवम्बर
12फाल्गुनFebruary–MarchDecemberदिसम्बर

अगर किसी को 12 Mahinon ke Naam(Months name) लिखिए कहो, तो वे जनवरी फरवरी से शुरू करते हैं। आपको बता दें कि ये हिंदी महीना नहीं है। पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में महीनों का नाम आज के कैलेंडर से काफी भिन्न है, जिन्हें विक्रम संवत या शक संवत के रूप में भी जाना जाता है। इन कैलेंडर का उपयोग आज भी भारत के कई क्षेत्रों में किया जाता है। हिंदी महीनों का क्रम कुछ इस प्रकार है –

चैत्र (मार्च-अप्रैल), वैशाख (अप्रैल-मई), ज्येष्ठ (मई-जून), आषाढ़ (जून-जुलाई), श्रावण (जुलाई-अगस्त), भाद्रपद (अगस्त-सितंबर), आश्वयुज (सितंबर-अक्टूबर), कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर), मार्गशीर्ष (नवंबर-दिसंबर), पौष (दिसंबर-जनवरी), माघ (जनवरी-फरवरी), फाल्गुन (फरवरी-मार्च)।

ये महीने हिंदू संस्कृति में उपयोग किए जाने वाले चंद्र कैलेंडर का हिस्सा है और क्षेत्रीय प्रथाओं और विशिष्ट चंद्र-सौर कैलेंडर प्रणाली के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकते हैं।

12 हिंदी महीनों के नाम(Months Name) | 12 Mahinon ke Naam और इतिहास 

हिंदी में 12 महीनों के नाम/12 mahinon ke naam, जो पारंपरिक हिंदू चंद्र कैलेंडर का हिस्सा हैं, उनकी जड़ें प्राचीन भारतीय संस्कृति में हैं और वे उस समय की धार्मिक और कृषि प्रथाओं से जुड़े हुए हैं। इन महीनों के नामों का ऐतिहासिक अवलोकन इस प्रकार है।

  1. चैत्र – चैत्र शब्द को संस्कृत से लिया गया है, जो हिंदू कैलेंडर का पहला महीना है। चैत्र कई क्षेत्रीय कैलेंडर में चंद्र वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और वसंत ऋतु की शुरुआत से जुड़ा हुआ है। इस महीने में चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है, जो नौ दिनों तक चलने वाला पर्व है।
  2. वैशाख – यह शब्द भी संस्कृत से आया है। वैशाख दूसरा महीना है और इसे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए शुभ माना जाता है। यह गर्मी के मौसम की शुरुआत से जुड़ा हुआ है। बुद्ध पूर्णिमा, भगवान बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में वैशाख महीने में मनाई जाती है।
  3. ज्येष्ठ – इस शब्द को संस्कृत के “ज्येष्ठ” से लिया गया है, जिसका अर्थ है बड़ा या सबसे पुराना। यह तीसरा महीना गर्मी के मौसम के चरम को दर्शाता है। 
  4. आषाढ़ – आषाढ़ के नाम पर, जो चौथे महीने को संदर्भित करने वाला एक संस्कृत शब्द है। आषाढ़ मानसून के मौसम की शुरुआत से जुड़ा हुआ है।
  5. श्रावण – श्रावण शब्द संस्कृत “श्रावण” से आया है, जो पांचवें महीने को संदर्भित करता है। यह महीना अपने धार्मिक महत्व के लिए उल्लेखनीय है और यह मानसून से जुड़ा हुआ है। श्रावण मास में शिव पूजा का विशेष महत्व है और कई जगहों पर कांवड़ यात्रा होती है।
  6. भाद्रपद – हिंदू कैलेंडर में छठे महीने के नाम “भाद्रपद” से व्युत्पन्न। भाद्रपद मानसून के अंत का प्रतीक है। इस महीने में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। 
  7. आश्वयुज – इसे अश्विन नाम से लिया गया है, जो सातवें महीने के लिए संस्कृत शब्द है। यह फसल से जुड़ा है। इस महीने में दुर्गा पूजा और नवरात्रि के पर्व मनाए जाते हैं।
  8. कार्तिक – कार्तिक को संस्कृत शब्द कार्तिक से लिया गया है, जो आठवां महीना है। कार्तिक फसल और उत्सव का समय है। इस महीने में दीपावली का पर्व मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इसे कई धार्मिक उत्सवों के साथ मनाया जाता है।
  9. मार्गशीर्ष – संस्कृत में नौवें महीने मार्गशीर्ष के नाम पर रखा गया। यह महीना अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस महीने में कई धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं।
  10. पौष – पौष शब्द भी संस्कृत से आया है, जो दसवां महीना है। पौष सर्दियों का समय है। पौष माह में मकर संक्रांति का पर्व आता है, जो सूर्य के उत्तरायण की ओर बढ़ने का प्रतीक है।
  11. माघ – माघ नाम चंद्र कैलेंडर के ग्यारहवें महीने “माघ” से लिया गया है। माघ सर्दियों के अंत का प्रतीक है। इस महीने में माघ मेला और वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है।
  12. फाल्गुन – फाल्गुन शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से हुआ है, जो हिंदू कैलेंडर का बारहवें महीने है। फाल्गुन वसंत के आगमन की घोषणा करता है। इस महीने में होली का पर्व मनाया जाता है, जो रंगों का त्यौहार है।

हिंदी महीनों के नाम और त्योहार | 12 Mahinon ke Naam | Hindi Mahine ke Naam

यहां भारत में हिंदी महीनों के नाम (Months name)/ 12 mahinon ke naam और त्योहार को एक टेबल के माध्यम से समझा रहे हैं। 

हिंदी Mahinon ke Naamप्रमुख त्यौहार
चैत्रचैत्र नवरात्रि, रामनवमी 
वैशाख बुद्ध पूर्णिमा, मई दिवस 
ज्येष्ठगुरु अर्जन देव शहादत, अक्षय तृतीया 
आषाढ़रथ यात्रा, देव उठनी एकादशी 
श्रावणश्रावण मास, रक्षा बंधन, सावन सोमवारी 
भाद्रपदगणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी 
आश्वयुजदुर्गा पूजा, विजयादशमी
कार्तिककरवा चौथ, दीपावली 
शीर्ष मार्गगुरु पूर्णिमा, मकर संक्रांति
पौषपौष संक्रांति, नववर्ष
माघमाघ मेला, माघ पूर्णिमा 
फाल्गुनहोली, वसंत पंचमी

यह तालिका हिंदी महीनों का अवलोकन प्रदान करती है और पूरे भारत में प्रत्येक महीने के दौरान मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख त्योहारों पर प्रकाश डालती है। ध्यान दें कि त्योहार क्षेत्रीय आधार पर भिन्न हो सकते हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाए जा सकते हैं।

हिंदी महीनों का महत्व | Hindi Months Name and Importance

अक्सर लोगों को हिंदी महीनों के नाम(Months name) लिखिए कहो, तो वे पंचांग आदि की बात करने लगते हैं। लेकिन बता दे कि पंचांग हिंदी महीनों को सिर्फ एक हिस्सा है। हिंदी कैलेंडर के महीने भारतीय संस्कृति और परंपरा में गहराई से निहित है, जो दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका महत्व सांस्कृतिक प्रथाओं, कृषि चक्रों, धार्मिक अनुष्ठानों और ज्योतिषीय गणनाओं तक फैला हुआ है।

संस्कृति और परंपरा

हिंदी महीने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक का अभिन्न अंग हैं। प्रत्येक महीना विशिष्ट त्योहारों और पारंपरिक आयोजनों से जुड़ा होता है, जिन्हें पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है। उदाहरण के लिए, चैत्र को चैत्र नवरात्रि के साथ मनाया जाता है, और अश्विन में दुर्गा पूजा जैसे त्यौहार शामिल हैं। ये उत्सव न केवल मौसमी बदलावों को दर्शाते हैं, बल्कि सामुदायिक बंधनों को भी मजबूत करते हैं और सदियों पुरानी परंपराओं को बनाए रखते हैं। प्रत्येक महीने के साथ जुड़े सांस्कृतिक त्यौहार पारिवारिक समारोहों, पारंपरिक प्रदर्शनों और सांस्कृतिक दावतों के अवसर प्रदान करते हैं, जो भारतीय विरासत के सार को संरक्षित करते हैं।

कृषि

हिंदी कैलेंडर का संबंध कृषि से भी है। हिंदू कैलेंडर महीने बुवाई और कटाई के मौसम के साथ तालमेल बिठाते हैं, जो फसल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, वैशाख और आषाढ़ महत्वपूर्ण है क्योंकि वे मानसून के मौसम की शुरुआत को चिह्नित करते हैं, जो फसल की सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है। इसी तरह, कार्तिक और पौष फसल के महीने हैं जब किसान अपनी मेहनत का फल पाते हैं। पारंपरिक कृषि कैलेंडर यह सुनिश्चित करता है कि खेती की गतिविधियां मौसमी चक्रों के साथ सामंजस्य में की जाती हैं, जिससे फसल की पैदावार को बेहतर बनाया जा सके और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिले।

धार्मिक अनुष्ठान

हिंदी महीने धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों को शेड्यूल करने के लिए ज़रूरी हैं। प्रत्येक महीना हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले विशिष्ट धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, श्रावण भगवान शिव को समर्पित है, और माघ कई शुद्धिकरण अनुष्ठानों और धार्मिक आयोजनों के लिए जरूरी है। ये महीने समारोहों, व्रतों और पूजा के लिए जरूरी तिथियों की योजना बनाने में मदद करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार उचित समय पर किए जाएँ। धार्मिक प्रथाओं के लिए यह व्यवस्थित दृष्टिकोण आध्यात्मिक अनुष्ठानों की पवित्रता और समय को बनाए रखने में मदद करता है।

पंचांग

हिंदी कैलेंडर पारंपरिक हिंदू ज्योतिष पंचांग का एक प्रमुख घटक है। पंचांग खगोलीय पिंडों की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिसमें तिथियां (चंद्र दिन), नक्षत्र (नक्षत्र) और योग (शुभ काल) शामिल हैं। हिंदी कैलेंडर में महीनों का उपयोग इन ज्योतिषीय पहलुओं की गणना करने के लिए किया जाता है, जो कई घटनाओं और अनुष्ठानों के समय को निर्धारित करने के लिए जरूरी है। महीनों और उनके संबंधित ज्योतिषीय महत्व का सटीक ज्ञान लोगों को समारोहों, विवाहों और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए शुभ तिथियों की योजना बनाने में मदद करता है, उन्हें ब्रह्मांडीय चक्रों के साथ संरेखित करता है।

12 महीनों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में | Hindi Panchang | हिंदी महीना कैलेंडर

Mahino ke naam in hindi यहां एक तालिका दी गई है, जिसमें 12 महीनों के नाम | 12 Mahinon ke Naam हिंदी और अंग्रेजी में दिखाए गए हैं। 

हिंदी महीनों के नाम (Months name)अंग्रेजी महीना
चैत्रमार्च-अप्रैल
वैशाख अप्रैल-मई
ज्येष्ठ मई-जून
आषाढ़ जून-जुलाई
श्रावण जुलाई-अगस्त
भाद्रपद अगस्त-सितंबर
आश्वयुज सितंबर-अक्टूबर
कार्तिक अक्टूबर-नवंबर
मार्गशीर्ष नवंबर-दिसंबर
पौषदिसंबर-जनवरी
माघ जनवरी-फरवरी
फाल्गुन फरवरी-मार्च

यह तालिका पारंपरिक हिंदी Mahinon ke Naam को ग्रेगोरियन कैलेंडर में उनके अनुमानित महीनों के साथ संरेखित करती है।

यहाँ हम आपको Months Name In English – 12 महीनों के नाम इंग्लिश में बताने जा रहें हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महीनों के नामों को इन नामों से जाना जाता है। 12 महीनों के नाम इंग्लिश में इस प्रकार से है –

  1. January
  2. February
  3. March
  4. April
  5. May
  6. June
  7. July
  8. August
  9. September
  10. October
  11. November
  12. December

कब शुरू होता है हिंदू नववर्ष? | Kaun sa Mahina Hai

हिन्दू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह से होती है. चैत्र माह की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है. हिंदी कैलेंडर में चैत्र महीना साल का पहला महीना होता है और फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है. हिंदी धर्म में आने वाले सभी महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन.

Kaun Sa Mahina Chal Raha Hai | हिंदी कैलेंडर तिथि

यहां पारंपरिक हिंदू चंद्र कैलेंडर के आधार पर हिंदी महीनों के नाम (Months name) दर्शाने वाली एक तालिका दी गई है, जो नक्षत्रों के साथ संरेखित हैं। 

हिंदी महीनानक्षत्र
चैत्रसूर्य चित्रा नक्षत्र में
वैशाखसूर्य विशाखा नक्षत्र में
ज्येष्ठा सूर्य ज्येष्ठा नक्षत्र में
आषाढ़सूर्य आषाढ़ नक्षत्र में
श्रवणसूरज श्रवण नक्षत्र में
भाद्रपदसूरज पूर्वाभाद्रपद और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में
अश्विनसूरज अश्विनी नक्षत्र में
कार्तिकसूर्य कृत्तिका नक्षत्र में
मार्गशीर्षसूर्य मृगशीर्ष नक्षत्र में
पौषसूर्य पुष्य नक्षत्र में
माघसूर्य माघ नक्षत्र में
फाल्गुनउत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य

यह तालिका नक्षत्रों के साथ हिंदी महीनों का एक पारंपरिक जुड़ाव प्रदान करती है, जो हिंदू ज्योतिष में उपयोग की जाने वाली चंद्र कैलेंडर प्रणाली का हिस्सा हैं। विभिन्न गतिविधियों और अनुष्ठानों के लिए शुभ समय निर्धारित करने के लिए इन नक्षत्रों को देखा जाता है।

हिंदी पंचांग कैलेंडर के अनुसार 2025 के बड़े त्यौहार

माहतिथित्यौहार का नाम
जनवरी26 जनवरीगणतंत्र दिवस
फरवरी13 फरवरीमहाशिवरात्रि
मार्च14 मार्चहोली
अप्रैल6 अप्रैलराम नवमी
मई8 मईमोहिनी एकादशी
जून12 जूनस्नान-दान पूर्णिमा (गंगा दशहरा)
जुलाई10 जुलाईगुरु पूर्णिमा
अगस्त9 अगस्तरक्षाबंधन
सितंबर22 सितंबरशारदीय नवरात्रि आरंभ
अक्टूबर20 अक्टूबरदीपावली
नवंबर5 नवंबरकार्तिक पूर्णिमा, गुरुनानक जयंती
दिसंबर25 दिसंबरबड़ा दिन (क्रिसमस)

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पंचांग की संरचना (Hindu Calendar System)

1. तिथि (Tithi)

  • तिथि का आधार चंद्रमा और सूर्य के बीच का कोण है। जब यह कोण 12 डिग्री का होता है, तो एक तिथि पूरी होती है।
  • कुल मिलाकर एक चंद्र मास में लगभग 30 तिथियाँ होती हैं – 15 शुक्ल पक्ष में और 15 कृष्ण पक्ष में।
  • तिथियों की अवधि कभी 19 घंटे की हो सकती है और कभी 26 घंटे से भी अधिक। इसलिए एक ही दिन में कभी दो तिथियाँ हो सकती हैं या कभी कोई तिथि “छूट” भी सकती है।
  • धार्मिक अनुष्ठानों, पर्व-त्योहारों और उपवास के लिए सही तिथि का महत्व अत्यधिक है। उदाहरण: राम नवमी, जन्माष्टमी, शिवरात्रि जैसी तिथियाँ।

2. पक्ष (Paksha)

हिंदू पंचांग हर माह को दो हिस्सों में बाँटता है:

  • शुक्ल पक्ष (Bright Half)
    • अमावस्या के बाद आरंभ होता है और पूर्णिमा पर समाप्त होता है।
    • इसे शुभ और ऊर्जा से भरपूर माना जाता है।
    • विवाह, गृह प्रवेश, शिक्षा की शुरुआत जैसे मांगलिक कार्य प्रायः इसी पक्ष में करने की परंपरा है।
  • कृष्ण पक्ष (Dark Half)
    • पूर्णिमा के बाद शुरू होता है और अगली अमावस्या पर समाप्त होता है।
    • इसे आत्मनिरीक्षण, साधना, और आध्यात्मिक अभ्यास का समय माना जाता है।
    • पितृ पक्ष (श्राद्ध), महाशिवरात्रि जैसे पर्व इसी अवधि में आते हैं।

3. नक्षत्र (Nakshatra)

  • नक्षत्र यानी आकाश में 27 तारामंडल (constellations), जिनसे होकर चंद्रमा हर महीने गुजरता है।
  • हर नक्षत्र का एक देवता और विशेष गुण माने जाते हैं। उदाहरण:
    • अश्विनी नक्षत्र: आरंभ, ऊर्जा और उपचार से जुड़ा।
    • रोहिणी नक्षत्र: सौंदर्य, रचनात्मकता और समृद्धि का प्रतीक।
    • मघा नक्षत्र: पितृ और परंपरा से जुड़ा हुआ।
  • विवाह, यात्रा, शिक्षा या किसी भी शुभ कार्य के लिए नक्षत्र देखकर ही शुभ मुहूर्त तय किया जाता है।
  • 27 नक्षत्र + 1 अभिजीत नक्षत्र (विशेष, शुभ माना जाने वाला) मिलाकर कुल 28 नक्षत्र होते हैं।

देसी महीने का कैलेंडर | Hindu Mahine kaa Calendar

यह रहा देसी महीनों का कैलेंडर (हिन्दू पंचांग के अनुसार महीनों की सूची) , जो भारत के पारंपरिक हिन्दू चंद्र कैलेंडर (Lunar Calendar) पर आधारित है। इस कैलेंडर में साल को 12 देसी महीनों में बाँटा गया है, जो चंद्रमा के हिसाब से बदलते रहते हैं।

देसी (हिन्दू) महीनों की सूची | Mahino ke naam in hindi

क्रमांकदेसी महीनाग्रेगोरियन (अंग्रेज़ी) महीनों के अनुसार अवधिमौसम
1चैत्र (Chaitra)मार्च – अप्रैलवसंत ऋतु
2वैशाख (Vaishakh)अप्रैल – मईग्रीष्म ऋतु
3ज्येष्ठ (Jyeshtha)मई – जूनग्रीष्म ऋतु
4आषाढ़ (Ashadh)जून – जुलाईवर्षा ऋतु
5श्रावण (Shravan)जुलाई – अगस्तवर्षा ऋतु
6भाद्रपद (Bhadrapad)अगस्त – सितंबरवर्षा ऋतु
7आश्विन (Ashwin)सितंबर – अक्टूबरशरद ऋतु
8कार्तिक (Kartik)अक्टूबर – नवंबरशरद ऋतु
9मार्गशीर्ष (Margashirsha)नवंबर – दिसंबरहेमंत ऋतु
10पौष (Paush)दिसंबर – जनवरीशीत ऋतु
11माघ (Magh)जनवरी – फरवरीशीत ऋतु
12फाल्गुन (Phalgun)फरवरी – मार्चवसंत ऋतु

निष्कर्ष

हिंदी महीनों के नाम(Months name) हमारे देश की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का एक अहम हिस्सा हैं। ये नाम न केवल समय को मापते हैं बल्कि हमारे त्योहारों, रीति-रिवाजों और मौसमों से भी जुड़े हुए हैं। सांस्कृतिक त्योहारों को चंद्र कैलेंडर के साथ जोड़ने से लेकर कृषि प्रथाओं और धार्मिक अनुष्ठानों का मार्गदर्शन करने तक, ये महीने एक ऐसा ढांचा प्रदान करते हैं जो समय को परंपरा के साथ जोड़ता है। हिंदी महीनों के नाम (Months name) जानना न केवल हमारी भाषा के ज्ञान को बढ़ाता है बल्कि हमें अपनी संस्कृति से भी जोड़ता है। हिंदी Mahinon ke Naam को जानकर हम अपने देश की विरासत को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

हिंदी के 12 Mahinon ke Naam कौन से हैं?

हिंदी धर्म में आने वाले सभी महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, बैसाखी, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।

हिंदू कैलेंडर में 2025 कौन-सा वर्ष है?

हिंदू कैलेंडर में वर्षों का नामकरण विक्रम संवत के आधार पर किया जाता है।
2025 ईस्वी को हिंदू कैलेंडर के अनुसार विक्रम संवत 2082 है।

हिंदू कैलेंडर कैसे पढ़ा जाता है?

हिंदू कैलेंडर या पंचांग में दो चंद्रोदय के बीच के समय को तिथि कहा जाता है। पंचांग चंद्र मास योजना में समय को मापता है, जिसमें महीने के नाम अलग-अलग नक्षत्रों के माध्यम से चंद्रमा के मार्ग को दर्शाते हैं। अमावस्या का दिन नए महीने का प्रतीक है।

12 Mahinon ke Naam क्रम में क्या है?

जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर।

सावन के बाद कौन सा महीना आता है?

सावन (श्रावण) मास के बाद भाद्रपद (भादौं) मास आता है।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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