विकसित भारत पर निबंध

विकसित भारत पर निबंध- 2047 तक भारत को विकसित बनाने की योजना

Published on December 6, 2025
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विकसित भारत पर निबंध

Quick Summary

  • विकसित भारत पर निबंध में देश के आर्थिक, सामाजिक, और तकनीकी विकास की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • इसमें उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने की बात की गई है।
  • निबंध में यह भी बताया गया है कि नवाचार और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

Table of Contents

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने का सपना देखा है। उनका कहना है कि प्रत्येक भारतीय को ऐसा हर कार्य करना चाहिए, जिससे भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य में योगदान मिले। इसी दृष्टिकोण को विकसित भारत का नाम दिया गया है।

विकसित भारत पर निबंध

विकसित भारत मिशन का औपचारिक शुभारंभ भारत के विकास के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह मिशन भारत को अपनी पूरी क्षमता दिखाने और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने का अवसर देता है, जो भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने का प्रतीक होगा। अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में तेज़ी से हो रही प्रगति को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि यह लक्ष्य निर्धारित समय में प्राप्त किया जा सकता है।विकसित भारत का सपना हर भारतीय के मन में बसता है।

विकसित भारत वह सपना है जिसे पूरा करने की चाह हर भारतीय के दिल में है। यह एक ऐसे समृद्ध राष्ट्र की कल्पना करता है, जहाँ लोगों को अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ और सुरक्षित माहौल मिले। विकसित भारत का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से आगे और सामाजिक रूप से समानता वाला बनाना है।

जिसका ताज हिमालय है, जहां बहती है गंगा,जहां अनेकता में एकता है,सत्यमेव जयते जहाँ नारा है,वह भारत देश हमारा है।

विकसित भारत पर निबंध | Viksit Bharat Essay in Hindi

विकसित भारत का सपना हमारे देश की तरक्की और खुशहाली का प्रतीक है। इसका अर्थ ऐसा भारत है, जहाँ हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा की बराबर सुविधा मिले। विकसित भारत केवल आर्थिक उन्नति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक न्याय, पर्यावरण की रक्षा और तकनीकी प्रगति भी शामिल है।

भारत देश

भारत देश का भूगोल और इतिहास विविधता से भरा है, जिसमें हिमालय से लेकर तटीय क्षेत्रों तक शामिल हैं। आर्थिक रूप से, भारत एक विकासशील राष्ट्र है, जहाँ कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति इसे वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती है।

भारत की सांस्कृतिक विविधता

भारत, सांस्कृतिक विवधताओ का देश है और यहीं उसकी ताकत भी है। यहाँ 2000 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं और विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों का संगम है। यह विविधता न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करती है बल्कि हमें एकजुट भी रखती है।

भारतीयों की जीवन शैली और परंपराएं

भारत में जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पारिवारिक मूल्य और परंपराएं हैं। यहाँ के लोग त्योहारों, रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हैं, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं। ग्रामीण और शहरी जीवन में अंतर होने के बावजूद, सामाजिक सहयोग और सामुदायिक भावना यहाँ की विशेषता है।

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में भारत के लोगों की स्थिति

भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी असमानता और गरीबी की चुनौतियाँ बनी हुई हैं। सरकार की विभिन्न योजनाएं, जैसे ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ और ‘समग्र शिक्षा अभियान’, इन समस्याओं को दूर करने के प्रयास में हैं। रोजगार के क्षेत्र में भी, नई तकनीकों और स्टार्टअप्स के माध्यम से संभावनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता है।

विकसित भारत 2047 पर निबंध | Viksit Bharat Essay in Hindi

भारत को अपने अतीत में “सोने की चिड़िया” के रूप में पहचाना जाता था, इसका कारण उसकी अपार समृद्धि और वैभव था, यानि भारत अपने इतिहास में एक विकसित और समृद्धशाली राष्ट्र था। प्राचीन भारत में उर्वर भूमि, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, और विश्वभर में फैले व्यापारिक मार्ग भारत को आर्थिक रूप से बेहद संपन्न बनाते थे। यहाँ की संस्कृतियों में कला, विज्ञान, और साहित्य की भरपूर समृद्धि थी, जो विश्वभर से विद्वानों और यात्रियों को आकर्षित करती थी। भारत सोने, चांदी, मसालों, और रेशम के व्यापार का केंद्र था। 

भारत की आर्थिक स्थिति | Vision of India in 2047

भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है जो दुनिया में सबसे तेज आर्थिक विकास दर (लगभग 8.2) के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत आज 3 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ विश्व की 5 वी बड़ी इकॉनोमी बन चुका है और 2027 तक हम अमेरिका और चीन के बाद 5 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ विश्व की 3 बड़ी इकॉनोमी में होंगे।

नीचे एक टेबल में भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति के 10 प्रमुख बिंदुओं का ब्यौरा दिया गया है:-

भारत की आर्थिक ताकत (Viksit Bharat in Hindi)विवरण
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)2023 में भारत का जीडीपी $3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है।
आर्थिक विकास दर2023 में भारत की आर्थिक विकास दर 8.2 रही है जोकि पूरी दुनिया में सबसे तेज़ है। 
विदेशी मुद्रा भंडारमार्च 2023 में $600 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब।
स्टार्टअप्सभारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं, जिनका कुल मूल्यांकन 340 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। 
डिजिटल भुगतानयूपीआई (UPI) के जरिए मासिक 8 अरब से अधिक लेन-देन, कुल मूल्य $180 बिलियन के साथ विश्व का सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन। 
विदेशी निवेश (FDI)2022-23 में $83 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश।
रोजगार दर2023 में बेरोजगारी दर लगभग 7.5%।
विनिर्माण क्षेत्रमेक इन इंडिया योजना के तहत मजबूत वृद्धि, 2023 में विनिर्माण जीडीपी का 17.4%।
सेवा क्षेत्रसेवा क्षेत्र का योगदान जीडीपी में 54%।
कृषि उत्पादन2022-23 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 315 मिलियन टन से अधिक।

प्रमुख उद्योग और कृषि

भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ लगभग 50% लोग इस पर निर्भर हैं। हालाँकि, उद्योग और सेवा क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहे हैं। आईटी और बीपीओ उद्योगों ने वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान बनाई है। इसके अलावा, सोलर एनर्जी और नवाचार में निवेश से कृषि और उद्योगों में सुधार की संभावनाएं हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, भारत ने चंद्रयान जैसे मिशनों के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) ने आधार,UPI, AA स्टैक, COWIN प्लेटफ़ॉर्म और GEM जैसी पहलों के साथ प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की अनुकरणीय राजनीति के तहत वैश्विक मान्यता प्राप्त की है, जो डिजिटल नवाचार के लिए देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। भारत एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में प्रगति कर रहा है, और इसके सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से आईटी और गैर-आईटी डोमेन में वैश्विक प्रमुखता प्राप्त की है।

विज़न इंडिया 2047 | Vision India 2047

विजन इंडिया@2047 भारत के अगले 25 वर्षों के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख परियोजना है।
इसका उद्देश्य भारत को –

  • नवाचार और प्रौद्योगिकी में वैश्विक अग्रणी देश बनाना
  • मानव विकास और सामाजिक कल्याण का आदर्श मॉडल बनाना
  • पर्यावरणीय संवहनीयता (Environmental Sustainability) का चैंपियन बनाना
मुख्य पहलूविवरण (Hindi)संक्षिप्त सार / Impact
संरचनात्मक रूपांतरण (Structural Transformation)कृषि जैसे निम्न उत्पादकता वाले क्षेत्रों से विनिर्माण एवं सेवाओं जैसे उच्च उत्पादकता वाले क्षेत्रों की ओर संसाधनों का स्थानांतरण।आर्थिक विकास को बढ़ावा, रोज़गार सृजन और गरीबी में कमी।
श्रम बाज़ार का निर्माण (Labour Market Development)श्रमिकों के कौशल और रोज़गार योग्यता में वृद्धि। निष्पक्ष और कुशल श्रम नियमों का पालन।श्रम उत्पादकता बढ़ना, अनौपचारिकता कम होना।
प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाना (Competitiveness)कंपनियों की दक्षता और नवाचार को प्रोत्साहन। उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता एवं विविधता में सुधार। घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों का विस्तार।आर्थिक गतिशीलता बढ़ना, निर्यात वृद्धि और निवेश आकर्षण।
वित्तीय और सामाजिक समावेशन (Financial & Social Inclusion)गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों तक वित्तीय सेवाएँ और सामाजिक कल्याण योजनाएँ पहुँचाना।आय, बचत, शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण में सुधार।
शासन सुधार (Governance Reform)शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और भागीदारी को बढ़ावा। सार्वजनिक सेवाओं का बेहतर वितरण।भ्रष्टाचार में कमी और विश्वास में वृद्धि।
हरित विकास (Green Growth)नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और जलवायु प्रत्यास्थता को बढ़ावा।ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, सतत विकास के नए अवसर।

विकसित भारत 2047 लक्ष्य | Viksit Bharat Meaning

विकसित भारत के लक्ष्य सूची

विकसित भारत पर निबंध: विकसित भारत का लक्ष्य, भारत को 2047 तक एक विकसित और खुशहाल बनाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पाने के लिए भारत को कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होने और तेज़ गति से आर्थिक विकास दर प्राप्त करनी होगी।

विकसित भारत के प्रमुख उद्देश्य:-

  • 2047 तक विकसित राष्ट्र का लक्ष्य – भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक शक्ति बनाना।
  • तेज़ आर्थिक वृद्धि – उद्योग, व्यापार और निवेश को बढ़ावा।
  • सतत विकास – पर्यावरण संतुलन और हरित विकास पर जोर।
  • बेहतर जीवन स्तर – हर नागरिक को सम्मानजनक आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा।
  • बुनियादी ढाँचा विकास – आधुनिक सड़कें, रेल, बंदरगाह, स्मार्ट शहर।
  • आसान व्यवसाय – स्टार्टअप, MSME और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल।
  • युवा सशक्तिकरण – स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया से उद्यमिता को बढ़ावा।
  • स्वदेशी प्रोत्साहन – देशी उत्पादों और कौशल पर जोर।
  • सामाजिक कल्याण – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास।

लक्ष्य प्राप्ति के लिए उठाए गए कदम

विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं। इनमें तेज़ विकास दर, मेक इन इंडिया, बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, और आत्मनिर्भर भारत अभियान शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना को मजबूत करना है।

विकसित भारत 2047 के मुख्य लक्ष्य:

  1. आर्थिक रूप से मजबूत देश:
    भारत को दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में लाना, जीडीपी को तेज़ी से बढ़ाना, रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़ाना।
  2. हर नागरिक के लिए अच्छा जीवन स्तर:
    सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पानी, बिजली, सड़क, इंटरनेट और रोजगार की सुविधाएँ सुनिश्चित कराना।
  3. तकनीकी रूप से उन्नत भारत:
    डिजिटल इंडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, स्टार्टअप्स और नवाचार (Innovation) को बढ़ावा देना।
  4. पर्यावरण-संतुलन और सतत विकास:
    हरित ऊर्जा (Green Energy), प्रदूषण नियंत्रण, जल संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में काम करना।
  5. सशक्त और समान समाज:
    जाति, धर्म, लिंग और क्षेत्र के आधार पर किसी भी भेदभाव के बिना समान अवसर देना।
  6. गर्व करने योग्य वैश्विक पहचान:
    भारत को विश्व मंच पर एक निर्णायक, सशक्त और सम्मानित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना।

2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के तरीके

विकसित भारत निबंध में हम उन कारणों को जानेंगे, जिनकी वजह से 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र कैसे बन सकता है।

कारणविवरण
आर्थिक विकासभारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। भारत पिछले 10 सालों में बहुत बदला है और आज विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत 2027 तक विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। ‘मेक इन इंडिया’, स्टार्टअप इण्डिया और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे कार्यक्रमों ने आर्थिक स्थिरता और रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधारशिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच बढ़ी है। आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित की है।
तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगतिआईटी, बायोटेक्नोलॉजी, और अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ISRO के माध्यम से कई अंतरिक्ष मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं।
बुनियादी ढांचे का विकासबड़े पैमाने पर निवेश से भारत की परिवहन, ऊर्जा, और संचार प्रणालियाँ मजबूत हुई हैं। 2025 तक $1.5 ट्रिलियन का निवेश किया जाएगा।
सामाजिक सुधारगरीबी, बेरोजगारी, और असमानता को कम करने के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और उज्ज्वला योजना जैसे कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं।
सतत विकास और पर्यावरण संरक्षणनवीकरणीय ऊर्जा में निवेश से पर्यावरणीय स्थिरता बढ़ी है। 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य है।
बड़ी वर्कफोर्सयुवा और बड़ी वर्कफोर्स देश की अर्थव्यवस्था और नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है, जिससे भारत की उत्पादकता बढ़ रही है।
वैश्विक परिदृश्य में भूमिकाअंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भूमिका इसे एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी बना रही है।

शिक्षा और अनुसंधान में सुधार

शिक्षा में सुधार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए, नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू की गई है। इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और अनुसंधान के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करना है। इसे प्राप्त करने के लिए, शिक्षा प्रणाली में संरचनात्मक बदलाव और शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान दिया जा रहा है।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए, ‘आयुष्मान भारत’ योजना लागू की गई है, जो लाखों भारतीयों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है। इसके अलावा, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।

तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ‘मिशन इनोवेशन’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलें शुरू की हैं। इनसे तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा और भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।

वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट (World Happiness Report) 2025

2025 की वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट से पता चलता है कि कई विकसित देश ख़ुशहाली के संकेतक पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।

विश्व खुशहाली रिपोर्ट, 2025
  • कुछ देशों ने दोनों ही स्थितियों को संतुलित तरीके से हासिल किया है। 
  • फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड और नीदरलैंड जैसे देश सबसे ख़ुशहाल देश हैं। उन्होंने सामाजिक विघटन की कीमत पर विकास प्राप्त नहीं किया है।
  • इसके बजाय, उन्होंने सामाजिक संबंध और सहायता प्रणालियों का निर्माण किया है। 
  • भारत का मामला इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद ख़ुशहाली के मामले यह 137 देशों की सूची में 118वें स्थान पर है।
  • विकास और ‘विकसित भारत’ का एजेंडा एक स्वप्न बनकर ही रह जाएगा यदि हम ख़ुशहाली सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन करने में विफल रहें।

भारत के लिए खुशहाली-प्रेरित विकास मॉडल का महत्व

खुशहाली-प्रेरित विकास मॉडल (Happiness-Induced Development Model) भारत के लिए इसलिए अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि हमारा समाज सामाजिक संबंधों और सांस्कृतिक मूल्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में अपनाया गया केवल आर्थिक विकास केंद्रित मॉडल हमारी सामाजिक संरचना के लिए अक्सर विघटनकारी साबित होता है।

  • यह मॉडल कभी-कभी विकार, अपराध और असंतुलन को जन्म देता है।
  • विकास के इस चक्र में जीवन के सभी पहलू समान रूप से विकसित नहीं होते, जिससे विरोधाभास और असंतुलन पैदा होता है।

ऐसा देखा गया है कि औद्योगिक और आर्थिक विकास तो तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक कल्याण के पहलू पिछड़ रहे हैं।

आज दुनिया के कई देशों में खुशहाली को सार्वजनिक नीति के उद्देश्य के रूप में अपनाया जा रहा है।

  • यह अब केवल व्यक्तिपरक भावना नहीं रह गई है।
  • बल्कि नीति निर्माण और विकास के वास्तविक लक्ष्यों में शामिल हो गई है।

विकसित भारत पर निबंध | 2047 तक विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण कदम 

2023 में भारत की आर्थिक विकास दर 8.2 रही है, जोकि विश्व में सबसे ज्यादा थी लेकिन 2047 भारत को विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण आर्थिक, प्रशासनिक और सामाजिक कदम उठाने होंगे। विकसित भारत निबंध में हम उन महत्वपूर्ण सुधारों की चर्चा करेंगे जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बहुत जरुरी है।

तेज आर्थिक विकास की आवश्यकता

भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए अपनी प्रति व्यक्ति आय को 12,000 डॉलर तक बढ़ाना होगा। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें लगातार तेज आर्थिक विकास की आवश्यकता होगी। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश से हम उच्च आर्थिक विकास प्राप्त कर सकते हैं। भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण सेक्टरों में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम की घोषणा की है, जिससे हम मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकते हैं।

व्यापारिक समझौतों पर जोर

सप्लाई चेन में बाधा आने से चीन से निवेश निकल रहा है, जिससे भारत को निवेश के लिए एक अच्छा गंतव्य माना जा रहा है। भारत ने यूएई, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के साथ व्यापारिक समझौतों की कोशिश की है, जो देश के आर्थिक विकास में सहायक हो सकता है।

कारोबारी सुगमता में सुधार

विश्‍व बैंक की ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने 2014 की 142वीं रैंकिंग से 2020 में 63वीं रैंकिंग पर पहुंच कर खुद को बेहतर किया है। लेकिन अनुबंधों के प्रवर्तन के मानक पर हम अभी भी 163वें स्थान पर हैं। निवेशकों के लिए यह मानक बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह कारोबारी विवादों के निपटारे में समय और खर्च का अनुमान लगाता है। इस मानक पर हमारी स्थिति न्यायिक सुधार की तत्काल आवश्यकता दर्शाती है।

श्रम और पूंजी बाजार में सुधार

विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए श्रम और पूंजी बाजार में भी सुधार आवश्यक हैं। भारत में सुधार को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। चाहे वह कृषि सुधार हो, श्रम सुधार या न्यायिक सुधार, सभी जगह एक जैसी स्थिति है। सुधार यथास्थिति को चुनौती देते हैं, इसलिए इन्हें लागू करना मुश्किल होता है। सभी को सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि देश को विकसित बनाया जा सके।

स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश

विकास का मतलब केवल प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना नहीं है, बल्कि सामाजिक और मानव विकास भी आवश्यक हैं। पिछले आठ सालों में स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत और पोषण अभियान के अच्छे नतीजे मिले हैं। अगले 25 सालों में हमें स्वास्थ्य और शिक्षा में उल्लेखनीय निवेश की आवश्यकता होगी। श्रम क्षेत्र में कौशल की कमी को भी दूर करना होगा।

आर्थिक सुधारों पर जोर

10 प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य बड़ा है, लेकिन इसे हासिल करना संभव है। सरकार को सामाजिक समरसता की नीति के साथ आर्थिक सुधारों पर फोकस करना होगा। श्रम सुधारों का लक्ष्य केवल प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाना नहीं, बल्कि विकास के अवसर पैदा करना होना चाहिए। उच्च शिक्षा ऐसी हो, जिससे कौशल विकास हो। वित्तीय समावेशन में लैंगिक समानता दिखनी चाहिए।

My Bharat Portal

My Bharat Portal (पूरा नाम: Mera Yuva Bharat Portal) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य है भारत के युवाओं को राष्ट्र निर्माण से जोड़ना और उन्हें नेतृत्व, सेवा, कौशल विकास व स्वयंसेवी कार्यों के ज़रिए सशक्त बनाना।

नागरिकों की भूमिका

यह पहल नागरिकों को अपने विचार और सुझाव साझा करने का अवसर प्रदान करती है।

  • MyGov पोर्टल के माध्यम से कोई भी नागरिक इस पहल में योगदान कर सकता है।
  • विशेष रूप से युवाओं को “विकसित भारत एंबेसडर” के रूप में इस परियोजना में सक्रिय भागीदार बनाया जा रहा है।

विकसित भारत पर निबंध 200 शब्दों में | Viksit Bharat 2047 essay in Hindi

Viksit Bharat kya Hai “विकसित भारत” का सपना हर भारतीय नागरिक की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह वह भारत है जहाँ हर क्षेत्र में संतुलित और समग्र प्रगति हो – चाहे वह आर्थिक हो, सामाजिक हो या तकनीकी। विकसित भारत का अर्थ है ऐसा देश जहाँ हर नागरिक को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, रोजगार के अवसर और एक सुरक्षित जीवन प्राप्त हो।

विकसित भारत 2047 अभियान इसी लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम है, जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण होने तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इसमें ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की दूरी को कम करना, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, नवाचार और डिजिटल प्रगति को प्रोत्साहित करना शामिल है।

हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाएँ भी इस विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि भाषा के माध्यम से ही जन-जागरूकता और सामाजिक एकता संभव है। विकसित भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारियों को समझे और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाए।

विकसित भारत 2047 पर निबंध 500 शब्दों में | Viksit Bharat 2047 Essay in Hindi

भारत, जो सदियों से विविधता, सांस्कृतिक विरासत और आत्मबल के लिए जाना जाता है, अब विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा चुका है। यह वह सपना है जिसमें भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा हो – जहाँ तकनीकी प्रगति, सामाजिक समानता, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता उसकी पहचान बनें।

Viksit Bharat 2047 kya Hai?

विकसित भारत 2047 भारत सरकार की एक दीर्घकालिक (long-term) दृष्टि योजना (vision plan) है, जिसका उद्देश्य है कि साल 2047 तक भारत को एक पूर्ण विकसित राष्ट्र (Fully Developed Nation) बनाया जाए। यह साल 2047 इसलिए चुना गया है क्योंकि तब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा।

सरकार और जनता मिलकर एक ऐसा भारत बनाना चाहते हैं जो हर क्षेत्र में – आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक रूप से – आत्मनिर्भर, समृद्ध और आधुनिक हो।

मिशन की शुरुआत और उद्देश्य

11 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “विकसित भारत @2047” मिशन की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इस योजना के चार मुख्य स्तंभ – युवा, गरीब, महिला और किसान – देश के समग्र विकास को दिशा देने के लिए चुने गए।
3 मार्च 2024 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना की पाँच वर्षीय रणनीति पर चर्चा हुई, जिसमें पीएम मोदी ने भविष्य की प्राथमिकताओं – आर्थिक प्रगति, तकनीकी नवाचार, सामाजिक सशक्तिकरण और वैश्विक प्रभाव को रेखांकित किया।

उद्देश्य और प्रयास

मिशन का लक्ष्य हर नागरिक को देश के विकास में सक्रिय रूप से भागीदार बनाना है। आर्थिक विकास, जीवन स्तर में सुधार, व्यापारिक वातावरण को सरल बनाना, बुनियादी ढांचे का विस्तार और सामाजिक कल्याण इस योजना के मूल उद्देश्य हैं। सरकार निवेशकों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है और स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेड इन इंडिया जैसी योजनाओं के माध्यम से युवाओं को उद्यमशीलता की ओर अग्रसर कर रही है।

बुनियादी ढाँचे और सतत विकास

विकसित भारत मिशन के अंतर्गत विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा तैयार करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। सड़कें, रेलवे, बंदरगाह, स्मार्ट सिटी और आवास योजनाएँ इस दिशा में प्रमुख प्रयास हैं। भारतमाला, सागरमाला, स्मार्ट सिटी मिशन, और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी परियोजनाएँ देश को एक आधुनिक और समावेशी राष्ट्र बनाने के उद्देश्य को साकार कर रही हैं।

आर्थिक प्रगति और वैश्विक दृष्टिकोण

आज भारत विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और इसका लक्ष्य जापान व जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुँचना है। इसके लिए सरकार सभी मंत्रालयों, राज्यों, शिक्षण संस्थानों, निजी संगठनों और आम नागरिकों के साथ मिलकर एक समग्र दृष्टिकोण अपना रही है।

छात्रों के लिए सारांश

विकसित भारत का सपना हर भारतीय का सपना है – ऐसा राष्ट्र जहाँ हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अवसर प्राप्त हो। आत्मनिर्भर भारत, हरित तकनीक, सामाजिक समावेशन और सतत आर्थिक विकास इसके प्रमुख आधार हैं। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि यह सपना केवल शब्दों तक सीमित न रहे, बल्कि 2047 तक एक वास्तविकता बन जाए।

विकसित भारत पर निबंध 1000 शब्दों में

विकसित भारत निबंध में हम समझेगें कि 2047 का विकसित भारत कैसा होगा? विकसित भारत 2047 का लक्ष्य, भारत को एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का है और सही नीतियों और विज़न के साथ इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। 

विकसित भारत से आप क्या समझते हैं? | Viksit Bharat se Aap kya Samajhte Hain

विकसित भारत से तात्पर्य ऐसे भारत से है जहाँ हर क्षेत्र में समृद्धि, प्रगति और समान अवसर उपलब्ध हों। इसका अर्थ है एक ऐसा राष्ट्र:

  1. आर्थिक रूप से मजबूत हो – जहाँ बेरोजगारी कम हो, हर व्यक्ति को रोजगार के अवसर मिलें और देश की GDP लगातार बढ़ रही हो।
  2. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ – उच्च गुणवत्ता की हों और सभी के लिए सुलभ हों।
  3. उन्नत बुनियादी ढांचा हो – जैसे अच्छी सड़कें, परिवहन, जल व बिजली आपूर्ति, डिजिटल कनेक्टिविटी आदि।
  4. सामाजिक समानता हो – जहाँ जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव न हो।
  5. प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी हो – जहाँ विज्ञान, तकनीक और स्टार्टअप संस्कृति का विकास हो रहा हो।
  6. सुरक्षित और न्यायप्रिय समाज हो – जहाँ कानून का पालन हो और हर नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करे।
  7. पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार हो – जहाँ सतत विकास को अपनाया जाए और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो।

संक्षेप में, विकसित भारत वह है जहाँ नागरिकों का जीवन स्तर ऊँचा हो, अवसर समान हों और देश वैश्विक मंच पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित हो।

विकसित भारत 2047 का संकल्प

विकसित भारत 2047 का संकल्प क्या है? | My Vision for Viksit Bharat Essay

“विकसित भारत 2047” एक ऐसी पहल है, जिसका लक्ष्य भारत को स्वतंत्रता की शताब्दी तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। विकसित भारत पर निबंध: विकसित भारत 2047′ वर्तमान सरकार का एक महत्त्वाकांक्षी रोडमैप है, जिसका लक्ष्य 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाना है, यानी 2047 में जब हम आजादी के 100 वे साल में प्रवेश करेंगे, तब भारत एक पूर्ण विकसित राष्ट्र होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय को भारत का स्वर्णकाल मानते हैं और उनके अनुसार आने वाले 30 सालों तक हमें बिना रुके लगातार काम होगा क्योंकि ये सदी भारत की सदी है और भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए यही सबसे अच्छा समय है। 

इस संकल्प का उद्देश्य और महत्व

विकसित भारत के निर्माण में हिन्दी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह भाषा न केवल भारतीय संस्कृति और विरासत की पहचान है, बल्कि भारतीय समाज में एकजुटता लाने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी प्रभावशाली भूमिका निभा रही है। हिन्दी के विकास और प्रसार का इतिहास इसकी विविधता और समृद्ध परंपरा को दर्शाता है।

विकसित भारत पर निबंध: विकसित भारत 2047′ का उद्देश्य 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित और समृद्धशाली राष्ट्र बनाना है। विकसित भारत का उद्देश्य हर भारतीय के जीवन स्तर में सुधार लाना है, ताकि सभी को समान अवसर और सुविधाएं मिल सकें। यह भारत को एक वैश्विक शक्ति बनाने के लिए आवश्यक है। इसके माध्यम से, हम न केवल आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देंगे, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी बनाए रखेंगे।

वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका

विकसित भारत” एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान है, जो भारत की उपलब्धियों, प्रतिबद्धता और भविष्य की आकांक्षाओं का प्रतीक है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की दूरी को कम करना, और लोगों में जागरूकता व सशक्तिकरण की भावना को प्रोत्साहित करना है। यह अभियान विकसित भारत की ओर देश की निरंतर प्रगति और विकास यात्रा को साकार रूप में प्रस्तुत करता है।

विकसित भारत 2047 का संकल्प, भारत को एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने का प्रयास करता है। यह संकल्प भारत की वैश्विक रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में योगदान देगा। इसमें जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर नेतृत्व भूमिका निभाने की योजना शामिल है।

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मुख्य चुनौतियाँ | Challenges to Make India a Developed Nation by 2047

भारत का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बने और वैश्विक मंच पर एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरे। लेकिन इस लक्ष्य को प्राप्त करना सरल नहीं है। इसके लिए हमें कई गहन सामाजिक, आर्थिक और संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान करना होगा। नीचे इन प्रमुख चुनौतियों को विस्तार से समझाया गया है:

1. राजकीय और निजी क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना, विशेषकर पिछड़े और कमजोर राज्यों में

भारत के कई राज्य आज भी बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक विकास में पीछे हैं।

  • सरकार को ऐसे राज्यों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (सड़कें, बिजली, पानी, इंटरनेट) पर विशेष ध्यान देना होगा।
  • निजी निवेश (Private Investment) को प्रोत्साहित करने के लिए कर प्रोत्साहन (Tax Incentives) और व्यवसाय करने में आसानी (Ease of Doing Business) पर जोर देना होगा।
  • ग्रामीण इलाकों में निवेश बढ़ने से स्थानीय रोजगार उत्पन्न होंगे और ग्रामीण से शहरी पलायन कम होगा।

बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2047 तक विकसित बनने के लिए उच्च निवेश दर बनाए रखनी होगी।

2. आर्थिक असमानता को कम करना और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना

भारत में अमीर और गरीब के बीच का अंतर अब भी बहुत बड़ा है।

  • शिक्षा और कौशल विकास (Skill Development) के माध्यम से निम्न आय वर्ग को बेहतर अवसर उपलब्ध कराना ज़रूरी है।
  • आय वितरण में संतुलन लाने के लिए प्रभावी सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ लागू करनी होंगी।
  • किसानों और मजदूरों की आय बढ़ाने वाली योजनाएँ (MSP सुधार, कृषि में तकनीक का उपयोग, कृषि निर्यात बढ़ावा) शुरू करनी होंगी।

Matribhumisamachar के अनुसार, प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने और असमानता कम करने की दिशा में काम करना जरूरी है।

3. रोजगार सृजन, कौशल विकास और महिला श्रम शक्ति भागीदारी में वृद्धि

भारत की युवा आबादी इसकी सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है।

  • रोजगार सृजन (Job Creation) के लिए विनिर्माण (Manufacturing), MSME और स्टार्टअप सेक्टर को प्रोत्साहन देना होगा।
  • कौशल विकास कार्यक्रम (Skill Development Programs) को और सशक्त बनाना होगा ताकि युवा नई तकनीकें सीख सकें।
  • महिला श्रम शक्ति की भागीदारी को बढ़ाना ज़रूरी है, क्योंकि वर्तमान में केवल 25-30% महिलाएँ ही औपचारिक कार्यबल में शामिल हैं।

World Bank की रिपोर्ट बताती है कि महिला श्रम भागीदारी बढ़ाने से GDP में बड़ा उछाल आ सकता है।

4. स्थिर अर्थव्यवस्था, मूल्य स्थिरता और महंगाई नियंत्रण

एक विकसित राष्ट्र के लिए अर्थव्यवस्था का स्थिर होना अनिवार्य है।

  • महंगाई पर नियंत्रण आवश्यक है ताकि आम आदमी की क्रय शक्ति (Purchasing Power) बनी रहे।
  • राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) को नियंत्रित करना और सरकारी ऋण को संतुलित रखना होगा।
  • रुपये की मजबूती और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए एक स्थिर और पारदर्शी आर्थिक नीति अपनानी होगी।

Economic Survey में कहा गया है कि भारत को विकसित बनने के लिए लगातार 8% GDP वृद्धि बनाए रखनी होगी।

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निष्कर्ष

विकसित भारत पर निबंध में हमने भारत देश, भारत के लोग, भारत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर चर्चा की और समझा कि भारत अपने विकसित भारत 2047 का संकल्प और विकसित भारत का लक्ष्य कैसे पूरा कर सकता है। 

विकसित भारत 2047 का संकल्प एक ऐसे भविष्य की ओर संकेत करता है, जिसमें हर भारतीय के पास समान अवसर होंगे और वे एक बेहतर जीवन जी सकेंगे। इसके लिए, हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में निरंतर सुधार और निवेश करना होगा। यह हमारे सभी नागरिकों के लिए एक संयुक्त प्रयास होगा, ताकि हम एक समृद्ध, सुरक्षित और समावेशी भारत का निर्माण कर सकें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

विकसित भारत क्या है?

विकसित भारत एक ऐसी अवधारणा है जिसमें भारत आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से विकसित देशों की श्रेणी में आता है। इसमें उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, तकनीकी नवाचार और सामाजिक समावेशिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

विकसित भारत का मतलब क्या होता है?

विकसित भारत का मतलब है एक ऐसा भारत जो आर्थिक, सामाजिक, और तकनीकी दृष्टिकोण से प्रगति कर चुका है। इसमें उच्च जीवन स्तर, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार के अवसर, और सामाजिक समानता शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य समग्र विकास और सभी नागरिकों का समावेश सुनिश्चित करना है।

विकसित भारत का लक्ष्य क्या है?

विकसित भारत का लक्ष्य एक समृद्ध, समावेशी और सतत समाज का निर्माण करना है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
आर्थिक विकास: मजबूत आर्थिक आधार और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
शिक्षा और स्वास्थ्य: उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।
सामाजिक समानता: सभी वर्गों के लिए समान अवसर और अधिकार सुनिश्चित करना।
प्रौद्योगिकी का उपयोग: तकनीकी नवाचार और डिजिटल विकास को बढ़ावा देना।
सतत विकास: पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास को संतुलित करना।

भारत को विकसित देश बनने के लिए क्या करना चाहिए?

भारत को विकसित देश बनने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, आर्थिक नीतियों का सुदृढ़ीकरण, सामाजिक समानता, नवाचार को बढ़ावा, और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह समग्र विकास के लिए आवश्यक है।

विकसित भारत की संकल्पना क्या है?

विकसित भारत 2047 भारत सरकार की महत्वाकांक्षी दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका लक्ष्य 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक देश को एक विकसित इकाई में बदलना है। इसमें आर्थिक समृद्धि, सामाजिक उन्नति, पर्यावरणीय स्थिरता और प्रभावी शासन जैसे विकास के विविध पहलू शामिल हैं।

विकसित देश शब्द का अर्थ क्या होता है?

विकसित देश वह देश होता है जो आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी और बुनियादी ढांचे के लिहाज से अत्यधिक उन्नत होता है। ऐसे देशों में प्रति व्यक्ति आय अधिक होती है, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होती हैं, उद्योग और तकनीक में प्रगति होती है, तथा नागरिकों का जीवन स्तर ऊँचा होता है।

विकसित भारत 2047 क्या है?

यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका मकसद है कि वर्ष 2047 तक (स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगाँठ तक) भारत एक विकसित राष्ट्र बने। इसके अंतर्गत आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन जैसी प्रमुख शाखाएँ शामिल हैं।

इस लक्ष्य को पाने के लिए भारत को कितनी GDP वृद्धि दर बनाए रखनी होगी?

विशेषज्ञों और आर्थिक सर्वेक्षणों के अनुसार, भारत को करीब वर्षाना 8% की GDP वृद्धि दर बनाए रखनी होगी ताकि 2047 तक देश यह लक्ष्य हासिल कर सके।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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