100 नदियों के नाम

February 14, 2025
100 नदियों के नाम
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भारत की प्रमुख नदियों के नाम:

  1. गंगा
  2. यमुन
  3. सिंधु
  4. गोमती
  5. नर्मदा
  6. ताप्ती
  7. कावेरी
  8. कृष्णा
  9. गोदावरी
  10. ब्रह्मपुत्र

Table of Contents

भारत नदियों का देश है, जहां जीवन और संस्कृति नदियों के साथ जुड़ी हुई हैं। यहां नदियों को केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक आधार माना जाता है।

भारतीय संस्कृति और धर्म में नदियों का महत्व प्राचीन काल से ही अत्यंत विशेष रहा है। भारत की नदियां देश की प्राचीन सभ्यताओं का अभिन्न हिस्सा रही हैं। ये नदियां न केवल सिंचाई और पीने के पानी का मुख्य स्रोत हैं, बल्कि सस्ता परिवहन, बिजली उत्पादन और आजीविका का साधन भी प्रदान करती हैं। भारत में कई प्रकार की नदियां बहती हैं, जो देश की समृद्ध नदी प्रणाली का निर्माण करती हैं। इस लेख में 100 नदियों के नाम, भारत में कितनी नदी है, नदी किसे कहते हैं, nadiyon ka mahatva पर प्रकाश डाली गई है। 

नदी किसे कहते हैं?

नदी एक प्राकृतिक जलधारा है, जो पर्वत, पहाड़ या किसी ऊँचे स्थान से शुरू होकर मैदानों और घाटियों से बहती हुई समुद्र, झील या किसी अन्य जल निकाय में गिरती है। यह जल का सबसे स्थायी और महत्वपूर्ण स्रोत है। नदियाँ न केवल पेयजल और सिंचाई के लिए उपयोगी हैं, बल्कि यह पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में भी मदद करती हैं।

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100 नदियों के नाम 

भारत के 400 नदियों में से यह हैं 100 नदियों के नाम। 

गंगा नदी यमुना नदीब्रह्मपुत्र नदीसतलज नदीचिनाब नदी
रावी नदीब्यास नदीझेलम नदीघाघरा नदीगंडक नदी
कोसी नदीसोन नदीमहानदी नदीगोदावरी नदीकृष्णा नदी
कावेरी नदीताप्ती नदीनर्मदा नदीपेन्नार नदीतुंगभद्रा नदी
साबरमती नदीलूणी नदीदामोदर नदीरूपनारायण नदीहुगली नदी
सुवर्णरेखा नदीमंदाकिनी नदीचंबल नदीबेतवा नदीकेन नदी
शारदा नदीगोमती नदीहिंडन नदीअलकनंदा नदीभागीरथी नदी
टौंस नदीखारी नदीब्रह्माणी नदीइरावदी नदीकपिला नदी
काली सिंध नदीकुर्मा नदीसिंध नदीकर्नाफुली नदीतीस्ता नदी
तीस्ता नदीमहानंदा नदीभोगावती नदीशारदा नदीमेघना नदी
रूपनारायण नदीसुवर्णरेखा नदीवेदावती नदीकोयना नदीभीमा नदी
भारद्वती नदीहेमवती नदीवंशधारा नदीइंद्रावती नदीप्राणहिता नदी
वरदा नदीकिन्नर नदीपेरियार नदीकाली नदीसरयू नदी
सरस्वती नदीरुक्मावती नदीसर्जू नदीलखनवी नदीनेत्रावती नदी
गुंडक नदीघाघरी नदीबागमती नदीदाहा नदीखासी नदी
हनुमंती नदीचंद्रभागा नदीपन्ना नदीभागा नदीरामगंगा नदी
सिंधु नदीअरपा नदीपार्वती नदीमनस नदीबानास नदी
अरवरी नदीमाही नदीब्रह्माणी नदीझरपद नदीदमन गंगा नदी
मनोरमा नदीशरावती नदीसोम नदीवैगई नदीवरुणा नदी
मांडवी नदीमाँड नदीनोय्याल नदीअड्यार नदीफेनी नदी
भारत की 100 नदियों के नाम 

भारत में कितनी नदी है?

1. हिमालयी नदियाँ

  • विशेषताएँ– हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ के पिघलने और वर्षा के पानी से साल भर बहती रहती हैं। ये नदियाँ बहाव में तेज होती हैं और अपने साथ मिट्टी, बालू, कंकड़, और अन्य छोटे-छोटे कणों लेकर आती हैं, जिससे उनके आसपास की भूमि अत्यधिक उपजाऊ होती है।
  • उद्गम स्थल– इन नदियों का स्रोत हिमालय की हिमाच्छादित चोटियाँ हैं।
  • प्रमुख नदियाँ
    • गंगा
    • यमुना
    • ब्रह्मपुत्र
    • सतलज
    • घाघरा और कोसी

2. प्रायद्वीपीय नदियाँ

  • विशेषताएँ– ये नदियाँ भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्र से निकलती हैं और अधिकतर वर्षा पर निर्भर होती हैं। इनका बहाव तेज होता है, और वे गहरी घाटियाँ बनाती हैं। इनमें पानी मौसमी होता है, इसलिए गर्मियों में इनमें जल प्रवाह कम हो जाता है।
  • उद्गम स्थल– इन नदियों का स्रोत पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट और प्रायद्वीपीय पठार हैं।
  • प्रमुख नदियाँ:
    • कावेरी
    • गोदावरी
    • कृष्णा
    • नर्मदा
    • ताप्ती

3. तटीय नदियाँ

  • विशेषताएँ– ये नदियाँ छोटी और संकरी होती हैं। इनका प्रवाह मुख्यतः मानसून के दौरान अधिक रहता है। ये समुद्र के पास स्थित क्षेत्रों में बहती हैं और अक्सर वहां के निवासियों के लिए जल और आजीविका का मुख्य स्रोत होती हैं।
  • उद्गम स्थल– इन नदियों का स्रोत पश्चिमी घाट और पूर्वी तटीय मैदान हैं।
  • प्रमुख नदियाँ:
    • मंडोवी
    • रूपनारायण
    • सुवर्णरेखा
    • पेन्नार

भारत की नदियाँ

उत्तर भारत की नदियाँ

नदी का नामउद्गम स्थलगिरने का स्थान
गंगागंगोत्री उत्तराखंडबंगाल की खाड़ी
यमुनायमुनोत्री उत्तराखंडगंगा में मिलती है
ब्रह्मपुत्रतिब्बत मानसरोवर बंगाल की खाड़ी
घाघरातिब्बतगंगा में मिलती है
सतलुजमानसरोवर तिब्बतसिंधु नदी में मिलती है
उत्तर भारत की नदियाँ

गंगा नदी

  • उद्गम स्थान: गंगा का उद्गम उत्तराखंड के गंगोत्री हिमनद से होता है।
  • विशेषताएँ: गंगा को भारतीय संस्कृति में बहुत पवित्र माना जाता है। इसे “भारत माता” के रूप में पूजा जाता है।
  • लंबाई: लगभग 2525 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: यमुन, घाघरा, गोमती, कांगड़ा, और कावेरी।
  • महत्वपूर्ण शहर: हरिद्वार, इलाहाबाद (प्रयागराज), वाराणसी और कोलकाता इसके किनारे बसे हुए हैं।
  • संस्कृति: गंगा का उल्लेख वेदों, महाभारत, रामायण और पुराणों में मिलता है। इसे भारतीय जीवन और संस्कृति से गहरे रूप में जोड़ा गया है।

यमुना नदी

  • उद्गम स्थान: यमुना का उद्गम उत्तराखंड में यमुनोत्री हिमनद से होता है।
  • विशेषताएँ: यह गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। इसे भी धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है।
  • लंबाई: लगभग 1376 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: चंबल, बेतवा, केन आदि।
  • महत्वपूर्ण शहर: दिल्ली, आगरा और मथुरा इसके किनारे बसे हुए हैं।
  • संस्कृति: यमुना नदी का उल्लेख महाभारत और पुराणों में मिलता है।

ब्रह्मपुत्र नदी

  1. उद्गम स्थान: ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत में मानसरोवर झील के पास से होता है, जहां इसे त्सांगपो कहा जाता है।
  2. विशेषताएँ: यह नदी असम और अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ के लिए जानी जाती है।
  3. लंबाई: लगभग 2900 किलोमीटर।
  4. भारत में प्रवेश: यह अरुणाचल प्रदेश में सियांग के नाम से प्रवेश करती है।
  5. सहायक नदियाँ: लोहित, दिहांग, सुबनसिरी आदि।
  6. डेल्टा: गंगा के साथ मिलकर सुंदरबन डेल्टा बनाती है।

सतलुज नदी

  • उद्गम स्थान: सतलुज का उद्गम तिब्बत में राक्षस ताल झील के पास से होता है।
  • विशेषताएँ: यह सिंधु नदी की पांच सहायक नदियों में से एक है।
  • लंबाई: लगभग 1450 किलोमीटर।
  • सिंचाई में योगदान: भाखड़ा-नांगल परियोजना में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • इतिहास: सतलुज का उल्लेख वैदिक काल में शुतुद्रि के नाम से किया गया है।

घाघरा नदी

  • उद्गम स्थान: घाघरा का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर क्षेत्र से होता है।
  • विशेषताएँ: यह गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी है और उत्तर प्रदेश व बिहार के कई क्षेत्रों में सिंचाई का मुख्य स्रोत है।
  • लंबाई: लगभग 1080 किलोमीटर।
  • सहायक नदियाँ: शारदा, राप्ती, बूढ़ी गंडक आदि।

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दक्षिण भारत की नदियाँ

नदी का नामउद्गम स्थलगिरने का स्थान
गोदावरी त्र्यंबक, महाराष्ट्रबंगाल की खाड़ी
कावेरीब्रह्मगिरि, कर्नाटकबंगाल की खाड़ी
कृष्णामहाबलेश्वर, महाराष्ट्रबंगाल की खाड़ी
तुंगभद्राकर्नाटककृष्णा नदी
पेन्नारनंदी हिल्स, कर्नाटकबंगाल की खाड़ी
दक्षिण भारत की नदियाँ

कावेरी नदी

  • उद्गम स्थान: कावेरी नदी का उद्गम कर्नाटक के कोडागु जिले के ब्रह्मगिरि पर्वत से होता है।
  • विशेषताएँ: इसे दक्षिण भारत की जीवनरेखा कहा जाता है। यह सिंचाई, जल आपूर्ति और पनबिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • लंबाई: लगभग 805 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: हेमावती, भवानी, काबिनी, अमरावती।

गोदावरी नदी

  • उद्गम स्थान: गोदावरी नदी का उद्गम महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में होता है।
  • विशेषताएँ: इसे दक्षिण गंगा या ‘दक्षिण भारत की गंगा’ कहा जाता है।
  • लंबाई: लगभग 1465 किलोमीटर, जो इसे दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी बनाती है।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: प्राणहिता, इंद्रावती, मंजीरा, सबरी।

कृष्णा नदी

  • उद्गम स्थान: कृष्णा नदी का उद्गम महाराष्ट्र के सतारा जिले में महाबलेश्वर से होता है।
  • विशेषताएँ: यह दक्षिण भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
  • लंबाई: लगभग 1400 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: तुंगभद्रा, भीमा, घटप्रभा, कोयना।

नर्मदा नदी

  • उद्गम स्थान: नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अमरकंटक से होता है।
  • विशेषताएँ: यह पश्चिम की ओर बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है।
  • लंबाई: लगभग 1312 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: बंजर, तवा, शेर, हिरण।

पेन्नार नदी

  • उद्गम स्थान: पेन्नार नदी का उद्गम कर्नाटक के नंदी हिल्स से होता है।
  • विशेषताएँ: यह आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में जल आपूर्ति और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
  • लंबाई: लगभग 597 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: चितरवती, कुमुदवती, जयंती।

पूर्व और पश्चिमी भारत की नदियाँ

नदी का नामउद्गम स्थलगिरने का स्थान
महानदीछत्तीसगढ़बंगाल की खाड़ी
दामोदरझारखंडहुगली नदी में
रूपनारायणपश्चिम बंगालबंगाल की खाड़ी
लूणीअरावली, राजस्थानकच्छ का रण
गोमतीउत्तर प्रदेशगंगा में मिलती है
पूर्व और पश्चिमी भारत की नदियाँ

महानदी

  • उद्गम स्थान: महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के सिहावा क्षेत्र से होता है।
  • विशेषताएँ: इसे ‘ओडिशा की जीवनरेखा’ कहा जाता है। यह नदी बाढ़ के लिए भी जानी जाती है।
  • लंबाई: लगभग 858 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: शिवनाथ, हसदेव, जोंक, तेल, इब।

दामोदर नदी

  • उद्गम स्थान: दामोदर नदी का उद्गम झारखंड के छोटानागपुर पठार से होता है।
  • विशेषताएँ: इसे ‘बंगाल का शोक’ कहा जाता था क्योंकि यह पहले बाढ़ के लिए कुख्यात थी।
  • लंबाई: लगभग 592 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: बराकर, कोनार।

रूपनारायण नदी

  • उद्गम स्थान: यह नदी पश्चिम बंगाल में सिंहभूम जिले से निकलती है।
  • विशेषताएँ: यह गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख नदी है।
  • लंबाई: लगभग 240 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: शिलाई, धरानी।

लूणी नदी

  • उद्गम स्थान: लूणी नदी का उद्गम राजस्थान के अजमेर जिले के अरावली पहाड़ियों में नाग पहाड़ से होता है।
  • विशेषताएँ: यह पश्चिम भारत की एकमात्र प्रमुख नदी है जो मरुस्थलीय क्षेत्र में बहती है।
  • लंबाई: लगभग 495 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: जवाई, सूकड़ी, बांडी।

गोमती नदी

  • उद्गम स्थान: गोमती नदी का उद्गम उत्तर प्रदेश के पिलभित जिले के माधोटांडा क्षेत्र से होता है।
  • विशेषताएँ: यह गंगा की प्रमुख सहायक नदी है और उत्तर प्रदेश के कई महत्वपूर्ण शहरों से होकर बहती है।
  • लंबाई: लगभग 900 किलोमीटर।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: सई, चौका, सरायन।

भारत की प्रमुख नदियाँ और उनके उद्गम स्थल

नदी का नामउद्गम स्थल
गंगागंगोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड
यमुनायमुनोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड
ब्रह्मपुत्रमानसरोवर, तिब्बत
गोदावरीत्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र
नर्मदाअमरकंटक, मध्य प्रदेश
भारत की प्रमुख नदियाँ और उनके उद्गम स्थल

नदियों का महत्त्व (Nadiyon ka Mahatva)

नदियाँ किसी भी देश के लिए जीवनरेखा होती हैं, और भारत में नदियों का महत्व (nadiyon ka mahatva)अपार है। भारत की नदियाँ न केवल जल का स्रोत हैं, बल्कि यह देश की कृषि, उद्योग, परिवहन, ऊर्जा उत्पादन और सांस्कृतिक परंपराओं का आधार भी हैं। इनका योगदान हमारे जीवन के हर पहलू में होता है।

1. सिंचाई और जल प्रबंधन

नदियाँ उपजाऊ भूमि को सिंचाई का जल प्रदान करती हैं और भारत की अधिकांश खेती इन्हीं पर निर्भर है। भारतीय किसान नदियों से जल लेकर खेतों में फसलों को सींचते हैं। गंगा, गोदावरी, और कृष्णा जैसी नदियाँ विशेष रूप से कृषि के लिए उपयोगी हैं।

2. आजीविका का स्रोत

नदियाँ लाखों लोगों के लिए आजीविका का स्रोत हैं।

  • मछली पालन
  • पर्यटन
  • परिवहन

3. पेयजल का स्रोत

नदियाँ पेयजल का प्रमुख स्रोत हैं। लाखों लोगों को नदियों से जल शुद्धिकरण के बाद पीने का पानी मिलता है। गंगा, यमुना, नर्मदा और गोदावरी जैसी नदियाँ बड़ी आबादी को पीने का पानी उपलब्ध कराती हैं।

4. सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व

भारत की नदियाँ केवल जल का स्रोत नहीं हैं, बल्कि यह सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का अभिन्न हिस्सा भी हैं।

  • गंगा नदी- हिंदू धर्म में गंगा को पवित्र माना जाता है। यह “मां गंगा” के रूप में पूजी जाती है और इसके किनारे हरिद्वार, वाराणसी जैसे पवित्र तीर्थस्थल स्थित हैं।
  • यमुना नदी- भगवान कृष्ण की कथाओं से जुड़ी यमुना नदी का धार्मिक महत्व है।
  • सरस्वती नदी-ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से सरस्वती नदी का विशेष स्थान है।

5. जल विद्युत उत्पादन

भारत में नदियों पर बनाए गए बांध और जलविद्युत परियोजनाएँ ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नदियों के तेज प्रवाह का उपयोग कर बिजली का उत्पादन पर्यावरण के अनुकूल और सतत विकास को बढ़ावा देता है।

हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाएँ

भारत में जल विद्युत उत्पादन नदियों के तेज प्रवाह का उपयोग कर ऊर्जा उत्पन्न करने का एक प्रमुख साधन है। जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, और पीने के पानी की आपूर्ति जैसे कई अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।

भाखड़ा नांगल परियोजना (सतलज नदी)

भाखड़ा नांगल परियोजना हिमाचल प्रदेश और पंजाब की सीमा पर स्थित है और यह सतलज नदी पर बनाई गई है।

  • विशेषताएँ- यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है। इसमें 225.5 मीटर ऊँचा भाखड़ा बांध शामिल है, जो दुनिया के सबसे ऊँचे गुरुत्वाकर्षण बांधों में से एक है। भाखड़ा नांगल परियोजना की जलविद्युत उत्पादन क्षमता 1,325 मेगावाट है।
  • लाभ- यह पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों को बिजली प्रदान करती है। परियोजना सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराकर हरित क्रांति में सहायक रही है। यह बाढ़ नियंत्रण और जल संचयन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

हीराकुंड बांध (महानदी)

हीराकुंड बांध ओडिशा के संबलपुर जिले में महानदी पर स्थित है।

  • विशेषताएँ– यह बांध 25.8 किमी लंबाई के साथ दुनिया के सबसे लंबे मिट्टी के बांधों में से एक है। इसकी जलविद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 307.5 मेगावाट है।
  • लाभ– यह सिंचाई और जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे ओडिशा और आसपास के क्षेत्रों में कृषि को बढ़ावा मिलता है। परियोजना से उत्पन्न बिजली ओडिशा के अलावा छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों को भी आपूर्ति की जाती है। हीराकुंड बांध जल संरक्षण, मछली पालन, और पर्यटन को भी प्रोत्साहित करता है।

भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना

भारत में कई प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं हैं, जो जल संसाधन के उपयोग, सिंचाई, बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण और जल आपूर्ति जैसी जरूरतों को पूरा करती हैं। इनमें से कुछ परियोजनाओं का महत्व और उनके योगदान को विस्तार से समझते हैं।

नाथपा झाकड़ी परियोजना (सतलज नदी)

नाथपा झाकड़ी परियोजना हिमाचल प्रदेश में सतलज नदी पर स्थित है। यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी भूमिगत जल विद्युत परियोजनाओं में से एक है और इसकी कुल स्थापित क्षमता 1,500 मेगावाट है।

  • विवरण- यह परियोजना सतलज जल विद्युत निगम (SJVN) द्वारा संचालित है और हिमालय के कठिन भूभाग में बनाई गई है।
  • विशेषताएं- इसमें भूमिगत सुरंगें और भूमिगत बिजलीघर शामिल हैं। यह परियोजना बिजली उत्पादन के लिए नदी के पानी का कुशल प्रबंधन करती है।
  • योगदान- इस परियोजना से उत्पादित बिजली उत्तरी ग्रिड को प्रदान की जाती है, जिससे हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों की ऊर्जा जरूरतें पूरी होती हैं।

टिहरी बांध (भागीरथी नदी)

उत्तराखंड में स्थित टिहरी बांध भारत के सबसे ऊंचे बांधों में से एक है और भागीरथी नदी पर निर्मित है।

  • उद्देश्य- यह परियोजना बिजली उत्पादन, सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के लिए बनाई गई है।
  • क्षमता- टिहरी बांध से लगभग 1,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है।
  • महत्व- यह उत्तर भारत के राज्यों को बिजली और जल आपूर्ति करता है, साथ ही गंगा के पानी को नियंत्रित कर बाढ़ से बचाव भी करता है।

सरदार सरोवर बांध (नर्मदा नदी)

गुजरात में नर्मदा नदी पर स्थित सरदार सरोवर बांध एक बहुउद्देशीय परियोजना है।

  • उद्देश्य- इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई, बिजली उत्पादन और पीने के पानी की आपूर्ति है।
  • विशेषताएं- यह परियोजना गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लाखों किसानों और घरों को लाभान्वित करती है।
  • परिणाम- सरदार सरोवर बांध ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ाई है और बड़े पैमाने पर हरित क्रांति को संभव बनाया है।

इदमलयार परियोजना (केरल)

केरल में स्थित इदमलयार परियोजना एक बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है, जो न केवल जल विद्युत उत्पादन में सहायक है, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देती है।

  1. भौगोलिक स्थिति- यह परियोजना केरल की इदमलयार नदी पर बनाई गई है, जो पेरियार नदी की सहायक नदी है।
  2. बिजली उत्पादन- इदमलयार परियोजना में जल विद्युत संयंत्र की क्षमता 75 मेगावाट है। यह संयंत्र केरल राज्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  3. सिंचाई- इस परियोजना से क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है, जिससे कृषि क्षेत्र को बड़ा लाभ होता है।
  4. पर्यटन- इदमलयार बांध का क्षेत्र अपनी सुंदरता और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है। यह पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।
  5. पर्यावरण प्रबंधन- परियोजना ने बाढ़ नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आसपास के क्षेत्रों में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद की है।

निष्कर्ष

नदियाँ भारतीय संस्कृति, धर्म और अर्थव्यवस्था का आधार हैं। ये न केवल जल का स्रोत हैं, बल्कि हमारी परंपराओं, सभ्यताओं और आजीविका का केंद्र भी हैं। नदियाँ हमारे लिए केवल भौतिक संसाधन नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी हैं, जो हमें जीवन के महत्व और प्रकृति के साथ सामंजस्य का पाठ सिखाती हैं। इस  ब्लॉग में 100 नदियों के नाम, भारत में कितनी नदी है, नदी किसे कहते हैं, भारत की नदियाँ और nadiyon ka mahatv पर विस्तार से चर्चा की गई है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या भारत में 400 नदियां हैं?

भारत में हजारों नदियाँ हैं, लेकिन प्रमुख नदियों की संख्या लगभग 200 है। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और ताप्ती प्रमुख नदियों में से हैं।

भारत में कुल कितनी नदियाँ हैं?

भारत में हजारों नदियां हैं, लेकिन प्रमुख नदियों की संख्या लगभग 200 है। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और ताप्ती प्रमुख नदियों में से हैं।

कौन सी दो नदियां उल्टी बहती हैं?

भारत की दो प्रमुख नदियाँ जो उल्टी बहती हैं, वे हैं नर्मदा नदी और ताप्ती नदी।
ये नदियाँ पश्चिमी भारत में बहती हैं और ये आमतौर पर अन्य नदियों के मुकाबले समुद्र की ओर नहीं, बल्कि समुद्र से दूर, यानी पश्चिम की ओर बहती हैं।

भारत की 12 प्रसिद्ध नदियां कौन सी हैं?

भारत की 12 प्रमुख नदियाँ गंगा, यमुन, सिंधु, गोमती, नर्मदा, ताप्ती, महाकौशल, कावेरी, कृष्णा, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र और सतलुज हैं। ये नदियाँ भारतीय संस्कृति, कृषि और जल आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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