Quick Summary
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक है, जिसका मुख्य उद्देश्य अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा बनाए रखना है। इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी और इसमें 15 सदस्य होते हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य शामिल हैं। स्थायी सदस्य देशों में चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, जिनके पास वीटो शक्ति होती है। अस्थायी सदस्य दो वर्षों के लिए चुने जाते हैं।
सुरक्षा परिषद को अनिवार्य निर्णय लेने का अधिकार है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है। यह परिषद शान्ति स्थापना मिशनों, अन्तरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और सैन्य कार्रवाइयों को स्वीकृति देने का कार्य करती है। इसे विश्व का सिपाही भी कहा जाता है क्योंकि यह वैश्विक शान्ति और सुरक्षा का उत्तरदायित्व निभाती है। यूएनओ (संयुक्त राष्ट्र संगठन) का मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर, अमेरिका में स्थित है। परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है, जिससे सभी सदस्य देशों को नेतृत्व का अवसर मिलता है। इसके अलावा, परिषद अन्तरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने और शान्ति बनाए रखने के लिए विभिन्न उपायों का उपयोग करती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) जिसे UNSC से जाना जाता है, संयुक्त राष्ट्र का सबसे शक्तिशाली निकाय है। इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्टूबर 1945 को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए की गई थी।
इसमें 15 सदस्य होते हैं, जिनमें से 5 स्थायी सदस्य और 10 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य होते हैं। यह परिषद महत्वपूर्ण निर्णय लेती है, जैसे शांति अभियानों को मंजूरी देना और अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करना।
स्थायी सदस्य:
सुरक्षा परिषद में पाँच स्थायी सदस्य हैं — चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। इन देशों को वीटो शक्ति प्राप्त है, यानी वे किसी भी प्रस्ताव को नकार सकते हैं, चाहे बाकी सभी सदस्य उसके पक्ष में हों।
अस्थायी सदस्य:
10 अस्थायी सदस्य संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो वर्षों के लिए चुने जाते हैं। ये सदस्य समय-समय पर बदलते रहते हैं।
कार्यप्रणाली:
सुरक्षा परिषद की बैठकों में, सदस्य राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श करते हैं और विभिन्न प्रस्तावों पर निर्णय लेते हैं।
अधिकार और कार्रवाई:
सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए कई प्रकार की कार्रवाई करने का अधिकार होता है, जैसे शांति स्थापना मिशन भेजना, आर्थिक या अन्य प्रतिबंध लगाना, और आवश्यक होने पर बल प्रयोग की अनुमति देना।
संक्षेप में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक ऐसा प्रमुख संगठन है जो विश्व में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
सुरक्षा परिषद में कुल कितने स्थाई सदस्य हैं और उनके नाम कुछ इस प्रकार हैं:
| 1 | चीन |
| 2 | फ्रांस |
| 3 | रूस |
| 4 | यूनाइटेड किंगडम |
| 5 | संयुक्त राज्य अमेरिका |
इन देशों के पास वीटो शक्ति है, जिसका अर्थ है कि वे किसी भी प्रस्ताव को रद्द कर सकते हैं, चाहे वह कितना भी लोकप्रिय क्यों न हो। ये सदस्य द्वितीय विश्व युद्ध के विजेता देश हैं और उन्हें सुरक्षा परिषद में स्थायी रूप से शामिल किया गया था।
| संख्या | अस्थायी सदस्यों के नाम | कार्यकाल वर्ष की समाप्ति (31 December) |
| 1 | अल्जीरिया | 2025 |
| 2 | इक्वाडोर | 2024 |
| 3 | गुयाना | 2025 |
| 4 | जापान | 2024 |
| 5 | माल्टा | 2024 |
| 6 | मोजाम्बिक | 2024 |
| 7 | दक्षिण कोरिया | 2025 |
| 8 | सिएरा लियोन | 2025 |
| 9 | स्लोवेनिया | 2025 |
| 10 | स्विट्ज़रलैंड | 2024 |
| स्थायी सदस्य | अस्थायी सदस्य |
| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य कभी नहीं बदलते। | संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य केवल 2 साल के लिए चुने जाते हैं और 2 साल बाद उन्हें बदल दिया जाता है। |
| स्थायी सदस्य की संख्या 5 होते हुए भी उनके पास ज्यादा शक्ति है। | संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों की संख्या 10 होते हुए भी उनके पास स्थाई सदस्यों से कम शक्ति है। |
| स्थायी सदस्य किसी भी करवाई पर वीटो शक्ति का इस्तेमाल करके उस करवाई को रोक सकते है। | अस्थायी सदस्यों के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है। |
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता हर महीने एक सदस्य देश द्वारा की जाती है, जो अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में बदलता रहता है। यह रोटेशन सुनिश्चित करता है कि सभी सदस्य देशों को परिषद का नेतृत्व करने का समान अवसर मिले।
| महीना | अध्यक्षता |
| June 2024 | Republic of Korea |
| July 2024 | Russian Federation |
| August 2024 | Sierra Leone |
| September 2024 | Slovenia |
| October 2024 | Switzerland |
| November 2024 | United Kingdom |
| December 2024 | United States |
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है। यह 1 डैग हेमरस्कजोल्ड प्लाजा पर स्थित एक 39-मंजिला इमारत है, जिसे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नाम से भी जाना जाता है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुख्यालय 1950 में बनाया गया थी और इसका नाम संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव, डैग हेमरस्कजोल्ड के नाम पर रखा गया था। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के नौवें महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हैं, उनका कार्यकाल 1 जनवरी 2017 से शुरू हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अलावा, इस इमारत में संयुक्त राष्ट्र महासभा, आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC), संयुक्त राष्ट्र ट्रस्टीशिप परिषद और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) सहित कई अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां भी स्थित हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लेने के लिए नियमित रूप से बैठकें करती है। लेकिन, कुछ मामलों में, अचानक या महत्वपूर्ण घटनाओं के जवाब में, अस्थाई बैठकें भी बुलाई जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को चर्च हाउस, वेस्टमिंस्टर, लंदन में आयोजित की गई थी।
न्यूयॉर्क शहर में स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सुरक्षा परिषद कक्ष में महीने में दो बार, आमतौर पर मंगलवार और गुरुवार को नियमित बैठक होती हैं। इस बैठक में सदस्य विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित किसी भी मुद्दे पर चर्चा और सुरक्षा परिषद मौजूदा शांतिरक्षा अभियानों की समीक्षा करना होता है। महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए, 15 में से 9 सदस्यों को “हाँ” वोट देना होता है। बशर्ते की, कोई स्थाई सदस्य वीटो शक्ति का इस्तेमाल न करें।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थाई बैठकें विशेष परिस्थितियों में बुलाई जाती हैं जब कोई आपातकालीन या तत्काल मुद्दा सामने आता है। इन बैठकों का उद्देश्य तेजी से प्रतिक्रिया देना और तुरंत निर्णय लेना होता है ताकि स्थिति को संभाला जा सके।
इन बैठकों में भी सभी 15 सदस्य देश शामिल होते हैं और स्थिति की गंभीरता के अनुसार निर्णय लेते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी देश में अचानक संघर्ष या हिंसा भड़क जाती है, तो परिषद तुरंत बैठक बुलाकर शांति स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करती है।
सुरक्षा परिषद का कोई भी सदस्य या संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अस्थाई बैठक बुलाने का अनुरोध कर सकता है। आमतौर पर 24 घंटे के नोटिस पर या तत्काल तुरंत बैठक बुलाई जाती हैं।
नीली स्याही से क्या लिखा जाता है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जब कोई मसौदा प्रस्ताव किसी सदस्य देश द्वारा तैयार किया जाता है, तो वह आमतौर पर कई दौर की चर्चाओं और बातचीतों के बाद अन्य सदस्य देशों के साथ साझा किया जाता है। जैसे कि हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात ने ग़ाज़ा पर प्रस्ताव का मसौदा सुरक्षा परिषद के साथ-साथ परिषद के बाहर के कई यूएन सदस्य देशों को भी भेजा — यह प्रक्रिया कभी-कभी अपनाई जाती है।
इस प्रस्ताव को भेजे जाने के 24 घंटों के भीतर, 97 देशों ने इसे सह-प्रायोजित कर दिया। जब प्रस्ताव अंतिम रूप लेता है, तो उसे एक आधिकारिक दस्तावेज़ संख्या दी जाती है और उसकी भाषा तथा संरचना को औपचारिक रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
इसके बाद एक अहम प्रक्रिया शुरू होती है — प्रस्ताव को “नीली स्याही” में प्रकाशित किया जाता है और परिषद के सभी सदस्यों को ईमेल के ज़रिए भेजा जाता है।
लेकिन सवाल ये है: नीली स्याही ही क्यों?
इसकी जड़ें सुरक्षा परिषद के इतिहास में छुपी हैं। कोविड-19 महामारी से पहले, इन मसौदों को प्रिंट करके परिषद के हर सदस्य की सीट पर और चैम्बर में मौजूद दस्तावेज़ काउंटर पर वितरित किया जाता था। उस समय पर्यावरणीय प्रभाव पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता था।
अब, पर्यावरण का ख़्याल रखते हुए, इन्हें प्रिंट करने के बजाय डिजिटल रूप में भेजा जाता है — लेकिन पारंपरिक “नीली स्याही” में ही।
इस परंपरा के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। कभी सुरक्षा परिषद के कार्यालय के एक कोने में रखी एक पुरानी फ़ोटोकॉपी मशीन से 15 सदस्य देशों के लिए मसौदे छापे जाते थे। उस मशीन में केवल नीली स्याही ही उपलब्ध थी, और वहीं से यह चलन शुरू हुआ।
समय के साथ, “नीली स्याही में प्रकाशित होना” एक प्रतीक बन गया — इसका मतलब होता कि प्रस्ताव अंतिम चरण में है, और अब कार्रवाई का वक़्त आ गया है। अक्सर इसके बाद 24 घंटों के भीतर परिषद की बैठक भी बुला ली जाती थी।
यानी, नीली स्याही सिर्फ़ एक रंग नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में गंभीरता और तत्परता का संकेत बन गई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की भागीदारी का इतिहास बहुत समृद्ध और महत्वपूर्ण रहा है। भारत ने न केवल एक उत्तरदायी वैश्विक शक्ति के रूप में योगदान दिया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में भी अग्रणी भूमिका निभाई है।
भारत लंबे समय से UNSC की स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। इसके पीछे कई ठोस तर्क हैं:
भारत सुरक्षा परिषद में निम्न मुद्दों पर ज़ोर देता आया है:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अपनी स्थापना के बाद से ही अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके स्थायी और अस्थायी सदस्य मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हैं और शान्ति स्थापना, विवाद समाधान, और सुरक्षा उपायों को लागू करने में सक्रिय रहते हैं। परिषद के निर्णय और प्रस्ताव अन्तरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी होते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सदस्य देश इनका पालन करें।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भूमिका और प्रभाव समय के साथ और भी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं, विशेषकर वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में। इसके प्रयासों से न केवल शान्ति और सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और समझ को भी मजबूत करता है। इस प्रकार, UNSC वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के लिए एक अनिवार्य और अपरिहार्य अंग बना हुआ है।
UNSC का मुख्य कर्तव्य अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है, और यह संघर्षों को सुलझाने, शांति अभियानों को संचालित करने, और आर्थिक या सैन्य प्रतिबंध लगाने का अधिकार रखता है।
UNSC की विशेष कार्यकारी समितियों में शामिल हैं: संचार समिति (Sanctions Committee), आतंकवाद विरोधी समिति (Counter-Terrorism Committee), और हथियारों पर नियंत्रण समिति (Disarmament Committee)।
UNSC के प्रस्तावों को पारित करने के लिए सामान्य बहुमत (9 वोट) की आवश्यकता होती है, जिसमें स्थायी सदस्य द्वारा वेटो का इस्तेमाल प्रस्ताव को रोक सकता है।
UN चार्टर की पुष्टि के बाद 30 अक्टूबर, 1945 को भारत संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ.
संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं: सामान्य सभा, सुरक्षा परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, आर्थिक और सामाजिक परिषद, सचिवालय, और विश्व स्वास्थ्य संगठन।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य राष्ट्र शामिल होते हैं। इनमें से 5 स्थायी सदस्य होते हैं — चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका — और 10 अस्थायी सदस्य, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता 1945 में 51 मूल सदस्य देशों से बढ़कर अब वर्तमान में 193 सदस्य देशों तक पहुँच गई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) संयुक्त राष्ट्र का सबसे प्रभावशाली अंग है, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है। इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी, और पहला सत्र 17 जनवरी 1946 को न्यूयॉर्क में हुआ था।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
Editor's Recommendations
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.
Chegg India does not ask for money to offer any opportunity with the company. We request you to be vigilant before sharing your personal and financial information with any third party. Beware of fraudulent activities claiming affiliation with our company and promising monetary rewards or benefits. Chegg India shall not be responsible for any losses resulting from such activities.