Quick Summary
लोको पायलट, जिन्हें ट्रेन चालक भी कहा जाता है, भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों में से एक हैं। उनका मुख्य कार्य ट्रेन को सुरक्षित और समय पर गंतव्य तक पहुंचाना होता है, जिसके लिए उन्हें रेलवे के नियमों और संकेतों का पालन करना पड़ता है। लोको पायलट बनने के लिए उम्मीदवारों को शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से भी फिट होना आवश्यक है। इस पद के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना और संबंधित ट्रेड में ITI या इंजीनियरिंग डिप्लोमा होना आवश्यक है। लोको पायलट की नौकरी में उच्च वेतन, स्थिरता और सम्मान के साथ-साथ चुनौतियाँ भी होती हैं, जैसे कि लंबे समय तक काम करना और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेना।
लोको पायलट एक महत्वपूर्ण रेलवे कर्मचारी होता है, जो ट्रेन की संचालन और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है। यह व्यक्ति ट्रेन को सही दिशा में चलाने, गति को नियंत्रित करने, और मार्ग में आने वाली किसी भी समस्या को हल करने का कार्य करता है। लोको पायलट का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि ट्रेन समय पर और सुरक्षित तरीके से अपने गंतव्य तक पहुंचे। इसके लिए उन्हें ट्रेन के यांत्रिक कार्य, संकेत प्रणाली और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की जानकारी होनी चाहिए। यह पद उच्च जिम्मेदारी और दक्षता की मांग करता है।
| योग्यता (शैक्षिक) | |
| 1 | 10वीं कक्षा किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। |
| 10वीं के साथ NCVT/ SCVT से ITI उत्तीर्ण होना चाहिए। | |
| 2 | कक्षा 10वीं के साथ मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक्स / ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा। |
| 3 | मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक्स / ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में B.E / B.Tech डिग्री। |
लोको पायलट की योग्यता के लिए आयु सीमा 18 से 30 वर्ष है। लेकिन, लोको पायलट वैकेंसी 2024 के लिए अधिकतम आयु सीमा को 33 वर्ष रखा गया था।
| वर्ग | आयु में छूट |
| OBC | 3 वर्ष |
| SC | 5 वर्ष |
| ST | 5 वर्ष |
| Ex-Serviceman | 3-8 वर्ष |
इसकी योग्यता जानने के बाद अक्सर यह सवाल रह जाता है कि लोको पायलट कैसे बने? लोको पायलट बनने के लिए आपको आवेदन करने की अंतिम तिथि से पहले https://www.rrbapply.gov.in पर आवेदन करना होता है। इस वैकेंसी 2024 के लिए ये अंतिम तिथि 19/02/2024 की थी।
आवेदन स्वीकृत होने के बाद चयन प्रक्रिया के लिए आपको प्रतियोगी परीक्षा देनी होती है।
लोको पायलट प्रतियोगी परीक्षा 3 चरणों में होती है, जिसे CBT 1, CBT 2 और CBAT कहा जाता है। परीक्षा में पूछे जाने वाले सभी प्रश्न 10वी स्तर के होते हैं।
| विषय | प्रश्नों की संख्या | अधिकतम अंक |
| गणित | 20 | 20 |
| सामान्य बुद्धि एवं तर्क | 25 | 25 |
| सामान्य विज्ञान | 20 | 20 |
| सामान्य जागरूकता और समसामयिक मामले | 10 | 10 |
| कुल | 75 | 75 |
विषय | प्रश्नों की संख्या | अधिकतम अंक | |
| पेपर 1 | गणित | 25 | 25 |
| सामान्य बुद्धि एवं तर्क | 25 | 25 | |
| सामान्य विज्ञान और इंजीनियरिंग | 40 | 40 | |
| सामान्य जागरूकता और समसामयिक मामले | 10 | 10 | |
| कुल (पेपर 1) | 100 | 100 | |
| पेपर 2 | प्रासंगिक ट्रेड | 75 | 75 |
| कुल (पेपर 1+2) | 175 | 175 | |
लोको पायलट कैसे बने जानने के बाद आपको CBT1 और CBT2 परीक्षा में पूछे जाने वाले इसके सिलेबस के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके सिलेबस में गणित, सामान्य बुद्धिमत्ता, सामान्य ज्ञान, इंजीनियरिंग, सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स सामिल हैं।
लोको पायलट वैकेंसी 2024 का सिलेबस सभी विषयों के नाम उनके संभावित प्रश्नों की संख्या के साथ निम्नलिखित हैं।
| विषय | संभावित प्रश्नों की संख्या |
| संख्या प्रणाली | 3-4 |
| बोडमास | 1 |
| दशमलव | 1-2 |
| भिन्न | 1 |
| LCM & HCF | 2-3 |
| अनुपात और समानुपात | 2-3 |
| प्रतिशत | 2-3 |
| क्षेत्रमिति | 0-1 |
| लाभ और हानि | 2-3 |
| समय और कार्य | 1-2 |
| गति, दूरी और समय | 1-2 |
| साधारण व्याज | 2-3 |
| चक्रवृद्धि ब्याज | 1-2 |
| बीजगणित | 2-3 |
| ज्यामिति | |
| त्रिकोणमिति | |
| प्राथमिक सांख्यिकी | 1-2 |
| वर्गमूल | 1-2 |
| आयु गणना | 0-1 |
| कैलेंडर और घड़ी | 1-2 |
| पाइप और टंकी | 1-2 |
| विषय | संभावित प्रश्नों की संख्या |
| निष्कर्ष और निर्णय | 5-6 |
| विश्लेषणात्मक तर्क | |
| कथन – तर्क | |
| सामान्य बुद्धिमता और तर्क सादृश्य | |
| धारणाएं | |
| समानताएं और अंतर | 2-3 |
| वर्गीकरण | 2-3 |
| वर्णमाला और संख्या श्रृंखला | 2-3 |
| डेटा व्याख्या और पर्याप्तता | 1-2 |
| कोडिंग और डिकोडिंग | 2-3 |
| गणितीय संचालन | 1-2 |
| रिश्ते | 0-1 |
| सिलोगिज़्म | 2-3 |
| वेन आरेख | 1-2 |
| दिशाएं | 2-3 |
| पासा | |
| जंबलिंग |
CBT2 के लिए आपको सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स पढ़ने की जरूरत नहीं होती इन विषयों से सिर्फ CBT1 में प्रश्न पूछे जाते हैं।
| विषय | संभावित प्रश्नों की संख्या |
| कंटेंट अफेयर्स | 3-4 |
| इतिहास | 2-3 |
| राजनीति | 2-3 |
| भूगोल | 1-2 |
| अर्थशास्त्र | 0-1 |
| स्टेटिक GK | 1-2 |
CBT2 में रासायनिक विज्ञान और जीव विज्ञान से प्रश्न नहीं पूछे जाते ये सिर्फ CBT1 के लिए हैं।
| विषय | संभावित प्रश्नों की संख्या |
| भौतिक विज्ञान | 8-9 |
| रासायनिक विज्ञान | 7-9 |
| जीव विज्ञान | 5-6 |
इन विषयों को आपको CBT2 के लिए पढ़ना होता है।
| विषय | संभावित प्रश्नों की संख्या |
| इंजीनियरिंग ड्राइंग | 4-5 |
| इकाइयां और माप | 4-5 |
| द्रव्यमान, वजन और घनत्व | 1-2 |
| कार्य शक्ति और ऊर्जा | 4-5 |
| गति और वेग | 2-3 |
| गर्मी और तापमान | 2-3 |
| बेसिक इलेक्ट्रिसिटी | 3-4 |
| लीवर और सरल मशीनें | 3-4 |
| व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य | 1-2 |
| पर्यावरण शिक्षा | 3-4 |
| IT शिक्षा | 1-2 |
ध्यान रखें, संभावित प्रश्नों की संख्या रेलवे द्वारा पिछले कुछ सालों मैं पूछे गए प्रश्नों के आधार पर है। यह रेलवे द्वारा जारी की गई आधिकारिक जानकारी नहीं है। यह सिर्फ अनुमानित है असल प्रश्नों की संख्या इनसे अलग भी हो सकती है।
भारतीय रेलवे में लोको पायलट (ALP) की ड्यूटी का समय और विश्राम अवधि ड्यूटी के प्रकार पर निर्भर करता है।
लोको पायलट की ड्यूटी 24 घंटे में अधिकतम 12 घंटे की होती है। 24 घंटे में कम से कम 8 घंटे का अनिवार्य विश्राम होता है। लगातार 6 घंटे से अधिक ड्यूटी के बाद कम से कम 30 मिनट का विश्राम दिया जाता है।
लोको पायलट सैलरी प्रारंभ में आमतौर पर ₹30,000 से ₹35,000 प्रति माह के बीच होती है। ये 7वे CPC वेतन स्तर के लेवल 2 में आता है। जिसमें बेसिक वेतन ₹19900 है। अन्य लाभ जुटने के बाद सैलरी ₹30000-35000 हो जाती है।
अनुभव के साथ सैलरी भी बढ़ती है। 5-10 साल के अनुभव के बाद, लोको पायलट सैलरी ₹60,000 से ₹70,000 प्रति माह तक पहुँच सकती है।
भारतीय रेलवे में लोको पायलट कई श्रेणियों में विभाजित होते हैं। हर श्रेणी की अपनी जिम्मेदारियाँ और कार्यक्षेत्र होते हैं।
RRB परीक्षा और चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उम्मीदवारों को रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।
यह ट्रेनिंग 4 से 6 महीने तक चलती है, जिसमें उम्मीदवारों को निम्नलिखित सिखाया जाता है:
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उम्मीदवार को “प्रोविजनल लोको पायलट” के रूप में नियुक्त किया जाता है और अनुभव के साथ स्थायी पद प्राप्त होता है।
लोको पायलट बनना सिर्फ परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं है, इसके लिए कुछ विशेष गुण और कौशल आवश्यक हैं:
भारतीय रेलवे में आज महिलाएं भी लोको पायलट के रूप में नई पहचान बना रही हैं।
रेलवे में लोको पायलट के रूप में करियर शुरू करने के बाद पदोन्नति के कई अवसर मिलते हैं:
लोको पायलट परीक्षा में सफल होने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तैयारी टिप्स:
| तुलना बिंदु | लोको पायलट | ट्रेन गार्ड |
|---|---|---|
| कार्य | ट्रेन चलाना और इंजन नियंत्रण | ट्रेन की सुरक्षा और समय-सारणी बनाए रखना |
| स्थान | इंजन केबिन में कार्यरत | ट्रेन के आखिरी डिब्बे में तैनात |
| प्रशिक्षण | तकनीकी और मैकेनिकल | सुरक्षा और संचालन नियम |
| औसत सैलरी | ₹30,000 – ₹70,000 | ₹25,000 – ₹60,000 |
लोको पायलट का कार्य न केवल भारतीय रेलवे के संचालन में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सम्मानजनक और स्थिर करियर विकल्प भी है। इस पद के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता और शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता भी महत्वपूर्ण है। लोको पायलट की नौकरी में उच्च वेतन और स्थिरता के साथ-साथ चुनौतियाँ भी होती हैं, जैसे कि लंबे समय तक काम करना और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेना। कुल मिलाकर, लोको पायलट का कार्य न केवल रोमांचक है, बल्कि यह समाज के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लोको पायलट बनने के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण, संबंधित ट्रेड में ITI या इंजीनियरिंग डिप्लोमा, 18-30 वर्ष की आयु, शारीरिक फिटनेस, और RRB द्वारा आयोजित ALP परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
लोको पायलट की सैलरी अनुभव के साथ बढ़ती है। शुरुआत में एक असिस्टेंट लोको पायलट को ₹25,000 से ₹35,000 प्रति माह मिलते हैं। 5 साल के अनुभव के बाद, उनकी सैलरी ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति माह तक हो सकती है।
लोको पायलट बनने के लिए गणित, सामान्य बुद्धि एवं तर्क, सामान्य विज्ञान, और सामान्य जागरूकता जैसे विषयों का अध्ययन करना आवश्यक है। इनमें अंकगणित, तार्किक सोच, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, और समसामयिक मामलों की जानकारी शामिल होती है। ये विषय तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
लोको पायलट भारतीय रेलवे में ग्रुप ‘बी’ श्रेणी में आते हैं। यह पद रेलवे के महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों में से एक है, जिसमें ट्रेन को सुरक्षित और समय पर गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है।
लोको पायलट बनने के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण, संबंधित ट्रेड में ITI या इंजीनियरिंग डिप्लोमा, या मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में B.E/B.Tech डिग्री आवश्यक है। इसके अलावा, लिखित परीक्षा और मेडिकल जांच भी होती है।
लोको पायलट बनने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
शैक्षणिक योग्यता:
10वीं पास + ITI (फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक आदि ट्रेड में) या डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल/ECE)
आयु सीमा:
सामान्यतः 18 से 30 वर्ष (आरक्षण के अनुसार छूट)
आवेदन प्रक्रिया:
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा निकाली जाने वाली ALP (Assistant Loco Pilot) भर्ती के लिए आवेदन करें।
चयन प्रक्रिया:
CBT परीक्षा (दो चरण)
साइको टेस्ट (CBAT)
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
मेडिकल टेस्ट
प्रशिक्षण:
चयन के बाद रेलवे द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है।
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित Assistant Loco Pilot (ALP) परीक्षा देनी होती है।
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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