लिपि किसे कहते हैं

लिपि किसे कहते हैं? | Lipi kise kahate Hain 

Published on September 18, 2025
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लिपि किसे कहते हैं

Quick Summary

  • लिपि एक लेखन प्रणाली है, जिसका उपयोग किसी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है।
  • यह अक्षरों और चिह्नों का समूह होती है, जो शब्दों और वाक्यों को व्यक्त करती है।
  • उदाहरण के तौर पर, देवनागरी, रोमन, उर्दू और अरबी लिपियाँ प्रमुख हैं।
  • लिपि के माध्यम से संस्कृतियों, विचारों और ज्ञान का आदान-प्रदान होता है।

Table of Contents

लिपि किसे कहते है? तो “लिपि” को अंग्रेजी में “script” या “writing system” कहते हैं। यह एक व्यक्ति या ग्रुप द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले अक्षरों का समूह होता है जिनका उपयोग भाषा के लिखने और पढ़ने के लिए किया जाता है। विभिन्न भाषाओं के लिए विभिन्न लिपियों का उपयोग होता है, जैसे देवनागरी लिपि का उपयोग हिंदी और संस्कृत के लिए, लैटिन लिपि का उपयोग अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रेंच आदि के लिए होता है। 

अगर आप भी विभिन्न प्रकार की लिपि के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस ब्लॉग में आपको लिपि किसे कहते हैं हिंदी में बताया जाएगा। 

लिपि की परिभाषा(Lipi ki Paribhasha) | Lipi kise kahate Hain 

लिपि एक ऐसी लेखन प्रणाली है जिसका उपयोग किसी भाषा को लिखित रूप में प्रकट करने के लिए किया जाता है।
यह अक्षरों और प्रतीकों का एक ऐसा समूह होती है, जो विचारों, शब्दों और वाक्यों को व्यक्त करने में सहायक होती है।
भाषा और लिपि दोनों अलग-अलग होती हैं — भाषा वह माध्यम है जिससे हम बोलकर संवाद करते हैं, जबकि लिपि उसे लिखने का तरीका है।
जब किसी भाषा को एक लिपि से दूसरी लिपि में लिखा जाता है, तो इस प्रक्रिया को लिप्यंतरण कहा जाता है।

lipi kise kahate hain
lipi kya hoti hai | hindi bhasha ki lipi kya hai

हिंदी में, देवनागरी लिपि सबसे आम और प्रचलित है, जो कि संस्कृत, हिंदी, मराठी, नेपाली आदि में प्रयुक्त होती है। अंग्रेजी में, रोमन लिपि उपयुक्त होती है जो कि उनकी भाषा के लिए विशिष्ट रूप से डिज़ाइन की गई है। लिपियों का उपयोग व्यक्ति या समुदाय की भाषा को लिखने, पढ़ने, और संचालन करने के लिए किया जाता है।

लिपि का महत्व:

  • लिपि किसी भाषा को स्थायी रूप देने का कार्य करती है।
  • यह विचारों, भावनाओं और ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाने का माध्यम बनती है।
  • साथ ही, लिपि भाषा और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में भी एक अहम भूमिका निभाती है।

लिपि किसे कहते हैं? | Hindi ki Lipi kya Hai

लिखने की मूल इकाई के आधार पर लिपियों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया गया है:

लिपि प्रणाली का नामलिखने की मूल ईकाईउदाहरण
शब्द चिन्‍ह लेखन (लोगोग्राफिक)रूपिम (मॉर्फीम)漢字 (हंजी; चीनी)
आक्षरिक (सिलैबिक)सिलैबलカタカナ / ひらがな (Katakana / Hiragana; सिलैबरी जापानी)
अबजद (Abjad)व्यंजनالعربية (अरबी) / עברית (हिब्रू)
अबुगिडा (Abugida)ब्यंजन +स्वर , स्वरदेवनागरी
अल्फाबेटिकस्वन (फोनीम)लैटिन / किरिलिक (Кирилица) / ελληνικό (यूनानी)
थ्रेसियन (Thracian)थ्रेसियन फोनेटिक한글 (हंगुल; Coreano)

लिपि क्या है? लिपि कितने प्रकार की होती है?

लिपि के प्रकार? यह लिखने का तरीका या लिखाई का विशेष रूप। आइये हम इसे विस्तार से समझते हैं तो जानिए लिपि की परिभाषा (Lipi ka paribhasha) क्या है।

अगर लिपि की परिभाषा (Lipi ka paribhasha) को समझे तो “लिपि” एक भाषा या भाषाओं के लिखने के नियमों और चिह्नों का समूह होता है। इसे स्क्रिप्ट या अक्षरमाला भी कहा जाता है। विभिन्न भाषाओं में विभिन्न लिपियाँ होती हैं। जैसे कि देवनागरी, लैटिन और अन्य। 

लिपि के प्रकार कई सारे होते हैं, जो भाषाओं को लिखने के लिए विकसित किए गए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लिपि के प्रकार बताये गए हैं।

चित्रलिपि चीन, जापान और कोरिया में इस्तेमाल की जाने वाली लिपि।
ब्राह्मी लिपि देवनागरी, दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया में इस्तेमाल की जाने वाली लिपि।
फोनेशियन लिपि उत्तरी अफ्रीका, मध्य एशिया और यूरोप में इस्तेमाल की जाने वाली लिपि।
लिपि के प्रकार | What is Lipi in Hindi

ध्वनियों को लिखने और पढ़ने के लिए जिन संकेतों या चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें लिपि कहते हैं। विश्व की अनेक भाषाएँ अपनी-अपनी लिपि में लिखी जाती हैं, परंतु सभी भाषाओं की स्वतंत्र लिपि नहीं होती। सामान्यतः संसार में लिपियों को तीन प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है-

  1. ब्राह्मी लिपि
    प्राचीन काल में संस्कृत और पाली जैसी भाषाएँ ब्राह्मी लिपि में लिखी जाती थीं। समय के साथ यह लिपि विकसित होकर देवनागरी बनी, जिसमें आज हिन्दी, मराठी, भोजपुरी और नेपाली जैसी भाषाएँ लिखी जाती हैं।
  2. चित्रलिपि
    इस प्रकार की लिपि में विचारों को चित्रों या प्रतीकों के माध्यम से अभिव्यक्त किया जाता है। चीन, जापान और कोरिया की लिपियाँ इसी श्रेणी में आती हैं।
  3. फोनीशियन लिपि
    यह लिपि ध्वन्यात्मक आधार पर विकसित हुई और यूरोप, मध्य एशिया तथा दक्षिणी अफ्रीका की कई भाषाओं में इसका प्रभाव देखा जाता है।

भारतीय लिपियाँ

भारत बहुभाषी देश है और यहाँ भाषाओं के अनुसार विभिन्न लिपियों का प्रयोग होता है। प्रमुख भारतीय लिपियाँ इस प्रकार हैं—

  • देवनागरी लिपि – हिन्दी, संस्कृत, मराठी, नेपाली, भोजपुरी आदि (उर्दू के लिए नस्तालीक लिपि भी प्रयोग होती है)।
  • गुजराती लिपि – गुजराती भाषा।
  • तमिल लिपि – तमिल भाषा।
  • गुरुमुखी लिपि – पंजाबी भाषा।
  • बंगाली लिपि – बांग्ला भाषा।
  • कन्नड़ लिपि – कन्नड़ भाषा।
  • मलयालम लिपि – मलयालम भाषा।
  • ओड़िया लिपि – ओड़िया भाषा।
  • तेलुगु लिपि – तेलुगु भाषा।
  • कश्मीरी लिपि – कश्मीरी भाषा।

प्रमुख लिपियों की सूची

इस सूची में आपको विभिन्न तरह की लिपि दी गई हैं जो विविध लिपियों को परिभाषित करते हैं।

अल्फाबेटिक लिपियाँ

इसमें स्वर अपने पूरे अक्षर का रूप लिये व्यंजन के बाद आते हैं।

लैटिन लिपि (रोमन लिपि) — अंग्रेज़ी, फ्रांसिसी, जर्मन, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग और पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ
यूनानी लिपि — यूनानी भाषा, कुछ गणितीय चिन्ह
अरबी लिपि — अरबी, उर्दू, फ़ारसी, कश्मीरी
इब्रानी लिपि — इब्रानी
सीरिलिक लिपि — रूसी, सोवियत संघ की अधिकांश भाषाएँ

खरोष्ठी लिपि किसे कहते हैं? 

  • यह लिपि भारत के पश्चिमोत्तर क्षेत्रों में लोकप्रिय है खरोष्ठी लिपि को दायें से बायें लिखा जाता है  
  • कुल 37 वर्ण वाली इस लिपि में स्वरों की कमी है साथ ही मात्राएँ और संयुक्ताक्षर भी इसमें कभी नहीं मिलते।
  • ऐसा माना जाता है की विदेशी उद्गम लिपि अर्थात अरामाइक और सीरियाई लिपि से खरोष्ठी लिपि का विकास हुआ है।
  • खरोष्ठी लिपि के प्रमाण सम्राट अशोक के शहबाज़गढ़ी और मानसेहरा (पाकिस्तान) के रिकार्ड्स में मिलते हैं।

ब्राह्मी लिपि किसे कहते हैं?

  • ब्राह्मी लिपि को भारत की ज्यादातर लिपियों की माँ मानते हैं सम्राट अशोक के लेखों में ब्राह्मी लिपि का इस्तेमाल किया गया है।
  • ब्राह्मी लिपि की उत्तरी धारा के अंतर्गत कुटिल लिपि, देवनागरी, गुप्त लिपि और शारदा लिपि आती है।
  • 5वीं सदी ईसा पूर्व से 350 ईसा पूर्व तक ब्राह्मी लिपि एक ही रूप मिलती है लेकिन बाद में यह दो भागों में पाई गई उत्तरी धारा व दक्षिणी धारा।
  • ब्राह्मी लिपि को भी बायें से दायें लिखा जाता था।
  • इसकी दक्षिणी धारा में कन्नड़, तेलुगु, तमिल, ग्रंथ, कलिंग, मध्य देशी और पश्चिमी लिपि मौजूद हैं।

शारदा लिपि किसे कहते हैं?

  • इस लिपि का विकास आठवीं शताब्दी में कश्मीर में ‘सिद्ध मातृका लिपि’ से हुआ है शारदा लिपि के बहुत से रिकॉर्ड पंजाब, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश आदि में मिले हैं।

ग्रंथ लिपि किसे कहते हैं?

  • धर्मराज रथ जो महाबलीपुरम् में स्थित है उस पर ग्रंथ लिपि में विवरण उकेरे हुए हैं।
  • ग्रंथ लिपि का दक्षिण भारत (तमिलनाडु) के पल्लव, पांड्य एवं चोल शासकों ने किया।
  • राजसिंह द्वारा जो कैलाश मंदिर बनवाया गया है उस पर ग्रंथ लिपि में अभिलेख गढ़े हुए हैं।

देवनागरी लिपि (Devnagri lipi ki visheshtaen bataen)

  • देवनागरी लिपि एक व्यवस्थित तथा वैज्ञानिक लिपि है।
  • देवनागरी लिपि में ध्वनि और अक्षरों का तालमेल बेहतरीन होता है।
  • यह लिपि बायें से दायें लिखी जाती है 
  • उत्तर भारत में 8वीं शताब्दी से अब तक कई भाषाओं में देवनागरी का प्रयोग हुआ है जैसे: हिन्दी, मराठी, संस्कृत,भोजपुरी, कोंकणी, नेपाली, मैथिली, गढ़वाली आदि।
  • भारत के संविधान (अनुच्छेद 1) में देवनागरी लिपि को मान्यता प्रदान की गई है।

मोडी लिपि किसे कहते हैं?

  • इस लिपि के अक्षरों में तोड़-मोड़ होती है इस वजह से इसे मोडी लिपि कहा गया है।
  • मोडी लिपि को यदुवंशी महामंत्री हेमात्रि ने शुरू किया था।
  • सन1950 से पहले मराठी को मोडी लिपि में लिखा जाता था।

कुटिल लिपि किसे कहते हैं?

  • कुटिल लिपि में अक्षरों के सिर ठोस त्रिकोण की तरह हैं और कहीं-कहीं ये टेढ़े-मेढ़े, आड़े-तिरछे या कुटिल तरह के भी हैं।
  • इसे गुप्त लिपि का बदला हुआ रूप माना जाता है कुटिल लिपि को ‘न्यूनकोणीय लिपि’ तथा ‘सिद्ध मातृका’ लिपि भी कहते हैं।
  • कुटिल लिपि छठी शताब्दी से 9वीं शताब्दी तक चली।

लिपि किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए

लिपि को उदाहरण के साथ समझे तो इसे समझना ज्यादा आसान हो जाता है। तो चलिए जानते हैं लिपि किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए।

“लिपि” एक भाषा के लिखने या बोलने के विशेष ढंग को कहते हैं। इसे अक्षरों या वर्णों का समूह भी कहा जाता है, जिनका उपयोग किसी भाषा में विचारों और अभिव्यक्ति को लिखने के लिए किया जाता है। लिपि संबंधित भाषा की ध्वनियों और शब्दों को दर्शाने का एक माध्यम भी होती है। इसलिए, लिपि भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भाषा लिपि उदाहरण
हिंदी देवनागरी बच्चे खेल रहे हैं
संस्कृत देवनागरी बालकः क्रीड़न्ति  
अंग्रेजी रोमन The boys are playing 
मराठी देवनागरी मुळे खेळत आहेत 
उर्दू फ़ारसी لڑکے کھیل رہے ہیں۔
पंजाबी गुरमुखी ਮੁੰਡੇ ਖੇਡ ਰਹੇ ਹਨ
रुसी रुसी Мальчики играют
लिपि किसे कहते हैं

लिपि किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए के अंतर्गत अब आपको समझ आ गया होगा। इस तरह लिपि को उदाहरण के साथ समझना सरल हो जाता है जिसमें प्रत्येक लिपि के उदाहरण से उसे आसानी से पढ़ा जा सकता है की यह कौन सी लिपि है।

लिपि किसे कहते हैं? | Lipi se Aap kya Samajhte Hain

भाषा की लिपि उस विशेष प्रणाली को कहते हैं जिसका उपयोग किसी भाषा के व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यह लिपि उस भाषा के ध्वनियों या शब्दों को लिखने के लिए विकसित की जाती है। लिपियों की स्थिति, स्वरूप, और विकास का इतिहास विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में अलग-अलग हो सकता है।

1. देवनागरी लिपि में हिंदी भाषा | Lipi kise kahte hai in hindi

देवनागरी लिपि हिंदी, संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए प्रचलित है। यह लिपि वर्णमाला पर आधारित है जिसमें क्षेत्रीय और व्यांजन वर्ण होते हैं।

विशेषता | Devnagri lipi ki visheshtaen bataen

  • इसमें 11 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं।
  • एक प्रकार की खड़ी लेखन पद्धति होती है।

2. रोमन लिपि में अंग्रेज़ी भाषा

यह लिपि विश्वभर में बहुत अधिक प्रचलित है और अनेक भाषाओं के लिए इसका उपयोग होता है। यह सम्मिलित लेखन पद्धति होती है।

विशेषता: 

  • अंग्रेज़ी भाषा का लिखावट रोमन लिपि में होता है।
  • इसमें लगभग 26 अक्षर होते हैं। जिनमें स्वर और व्यंजन शामिल हैं।

3. अरबी लिपि में उर्दू और अरबी भाषा

अरबी लिपि उर्दू और अरबी भाषाओं के लिए प्रचलित है। यह लिपि उच्चारण की विविधता को व्यक्त करने के लिए विशेष अक्षरों का उपयोग करती है।

विशेषता: 

  • इसमें 28 अक्षर होते हैं।
  • यह लिपि दाएं से बाएं की ओर लिखी जाती है।

4. चीनी लिपि में चीनी भाषा

चीनी भाषा के लिए चीनी लिपि का उपयोग होता है। इसमें अलग-अलग अंकों का सम्मिश्रण होता है जो शब्दों और ध्वनियों को दर्शाता है।

विशेषता:

  • इसमें हर अक्षर एक लकड़ी या पत्थर के खंड पर आधारित है, जिसे बोल्ट हांगुल कहा जाता है।
  • व्यंजनों और आवाज़ों की समानता को दर्शाता है जिससे व्याकरण में सुधार आता है।

5. जापानी लिपि में जापानी भाषा

जापानी भाषा के लिए हिरागाना, काटाकाना और कन्जी तीन प्रमुख लिपियां हैं।

विशेषता:

हिरागाना और काटाकाना लिपियाँ फोनेटिक हैं, जबकि कन्जी लिपि में चीनी से उद्धृत अक्षर होते हैं जिनका अर्थ होता है।

लिपि किसे कहते हैं? | Lipi kya Hai | लिपि से आप क्या समझते हैं

लिपि का इतिहास और विकास बहुत ही रोमांचक और महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लिपि का विकास भी मानव सोच और समाज के स्वरूप में बदलाव को दर्शाता है।

लिपि किसे कहते हैं

लिपि का इतिहास

  • प्राचीनता में लिपि का उदय: लिपि का प्रारंभ संकेतलिपि (Pictographic script) से हुआ जिसमें चित्रों का प्रयोग अक्षरों के रूप में होता था। यह ब्राह्मी लिपि और हिरोग्लिफ्स (Hieroglyphs) जैसी प्राचीन लिपियों का उदाहरण है।
  • फोनेटिक लिपियाँ: फिर आयी फोनेटिक लिपियाँ जैसे ग्रीक, जो ध्वनि के आधार पर अक्षर बनाती हैं और इसका प्रयोग व्याकरण और बोली को लिखने में किया जाता है।
  • मध्ययुगीन और आधुनिक लिपियाँ: मध्ययुगीन अवधि में लिपि का विकास और विशेषकर इस्लामी संस्कृति में अरबी और उर्दू लिपि का प्रशिक्षण के लिए प्रयोग किया गया। विशेषकर रोमन लिपि भी यूरोप में विकसित हुई।

लिपि का विकास

  • कला और सांस्कृतिक प्रभाव: लिपि का विकास कला, सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभावों के साथ हुआ है। उदाहरण के लिए संस्कृत लिपि के विकास में भारतीय धार्मिक और दार्शनिक संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
  • तकनीकी प्रगति: लिपि के विकास में तकनीकी उन्नति भी महत्वपूर्ण रही है। प्रारंभिक लिपियाँ हाथ से लिखी जाती थीं लेकिन आधुनिक समय में टाइपिंग और कंप्यूटरीकृत लिपियाँ हुई हैं।
  • भाषाओं के उपयोग: लिपि का विकास भाषाओं के उपयोग में भी सुधार लाता है। विभिन्न भाषाओं के लिए विशेष लिपियाँ विकसित की गईं हैं जो उनकी स्वाभाविक बोली को लिखने में मदद करती हैं।

लिपि का इतिहास और विकास विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और समाजों के संबंध में गहराई से जुड़ा हुआ है और हमारे समय में भी उसका महत्व अब भी बरकरार है।

प्राचीन लिपियाँ और उनका महत्व

प्राचीन लिपियों का महत्व विभिन्न सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं से जुड़ा है। ये लिपियाँ विभिन्न भाषाओं और साहित्यिक परंपराओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यहां कुछ प्रमुख प्राचीन लिपियाँ और उनका महत्व दिया गया है

  • संस्कृत लिपि (देवनागरी): यह लिपि संस्कृत भाषा के लिए प्रमुख है और भारतीय साहित्य और धर्मग्रंथों को लिखने में उपयोग की जाती है। देवनागरी लिपि ने हिन्दी, मराठी, गुजराती, नेपाली आदि के लिए भी लिखने का माध्यम प्रदान किया है।
  • ब्राह्मी लिपि: यह प्राचीन भारतीय लिपि का एक प्राचीन रूप है, जिसने भारतीय सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ब्राह्मी लिपि से संस्कृति, धर्म, विज्ञान, और साहित्य के ग्रंथ लिखे गए हैं।
  • हड़प्पा सील संग्रह: यह हड़प्पा सभ्यता की लिपि का प्रमुख उदाहरण है, जो इस सभ्यता के समय में उपयोग में था। यह सील संग्रह व्यापार, लेखा-किताब, और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
  • माया लिपि: यह लिपि माया सभ्यता के लिए प्रमुख थी और माया भाषा में लेखन में उपयोग किया जाता था।
  • ग्रीक लिपि: यह प्राचीन यूनानी सभ्यता की लिपि थी और विज्ञान, दर्शन, और कला में लेखन के लिए प्रयुक्त हुई। इसका प्रयोग ग्रीक साहित्य और दार्शनिक ग्रंथों के लिए भी हुआ।

ये लिपियाँ संस्कृति, समाज और शैक्षिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण रही हैं और इनके माध्यम से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक ज्ञान का संचार किया गया।

लिपि और भाषा में अंतर | Lipi aur Bhasha Me Antar

भाषालिपि 
भाषा एक सांकेतिक प्रणाली है जिसमें शब्दों और ध्वनियों का उपयोग किया जाता है व्यक्तित्व, विचार, और भावनाओं को साझा करने के लिए।लिपि एक वाणी को लिखने के लिए उपयुक्त चिन्हों का समूह होता है। 
भाषा एक व्यक्ति या समुदाय की वाणी और लेखन का प्रणाली होती है। यह चिन्हों का सिस्टम होता है जिससे वाक्य और शब्दों को लिखा जा सकता है। 
यह वाक्य, शब्द, और व्याकरण के रूप में प्रकट होती है।लिपि वाचन को संरक्षित करने, सांविधिकरण करने और साझा करने में मदद करती है।
भाषा ध्वन्यात्मक होती है लिपि दृश्यात्मक होती है। 
यह व्यक्तित्व, समाज, संस्कृति, और समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है।विभिन्न भाषाओं के लिए विभिन्न प्रकार की लिपियां होती हैं, जो उनकी ध्वनि और व्याकरण को प्रस्तुत करने के लिए अलग-अलग तरीकों से डिजाइन की गई हैं।
भाषा के द्वारा मनुष्य अपने विचारों, अनुभवों और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करता है।लिपि उसे लिखने और संरक्षित करने के लिए एक साधन प्रदान करती है। 
भाषा का प्रभाव तुरंत होता है। लिपि के प्रभाव में थोड़ा समय लगता है। 
लिपि और भाषा में अंतर | lipi se aap kya samajhte hain

लिपि के अनुसार भाषाओं की सूची

अरबी वर्णमाला

  • अरबी
  • अज़री (फारस/ईरान)
  • बलोची
  • बर्बर
  • बोस्नियाई (पूर्व)
  • फ़ुलानि (अवसर पर)
  • हौसी (अवसर पर)
  • यहूदी-स्पेनी (२०वीं शताब्दी तक)
  • कनूरी (अवसर पर)
  • कश्मीरी (अवसर पर)
  • कज़ाख़ चीन में
  • कुर्दी (ईरान और ईराक)
  • मालागासी (१९वीं शताब्दी तक)
  • मलय (14th – 17th c.)
  • मज़नदेरानी
  • अत्तूमान तुर्की
  • पन्जाबी (पाकिस्तान)
  • फारसी
  • पश्तो
  • सिन्धी
  • ताउसुग
  • स्वाहिली (अवसर पर)
  • ताजिक (अवसर पर)
  • उर्दू
  • उइग़ुर

अर्मेनियाई वर्णमाला

  • Armenian

देवनागरी

  • संस्कृत
  • हिन्दी
  • मराठी
  • मैथिली
  • भोजपुरी
  • नेपाली
  • सिन्धी (also written in Arabic)
  • कोंकणी
  • कश्मीरी
  • बोडो
  • डोगरी
  • राजस्थानी

भारत की प्रमुख प्राचीन और आधुनिक लिपियाँ (Scripts) – Lipi in Hindi

1. ब्राह्मी लिपि
ब्राह्मी को भारत की अधिकांश लिपियों की जननी माना जाता है। सम्राट अशोक के शिलालेखों में इसी लिपि का प्रयोग हुआ था।

  • यह बाएं से दाएं लिखी जाती थी।
  • शुरुआती समय (5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 350 ईसा पूर्व तक) इसका एक ही रूप था, लेकिन बाद में यह दो हिस्सों में बंट गई:
    • उत्तरी धारा: गुप्त, कुटिल, शारदा और देवनागरी जैसी लिपियाँ।
    • दक्षिणी धारा: तमिल, तेलुगु, कन्नड़, ग्रंथ आदि लिपियाँ।

2. खरोष्ठी लिपि
यह लिपि उत्तर-पश्चिम भारत में प्रचलित थी और यह दाएं से बाएं लिखी जाती थी।

  • इसकी जड़ें विदेशी अरामाइक और सीरियाई लिपियों में हैं।
  • इसमें कुल 37 वर्ण होते थे, लेकिन स्वर, मात्राएँ और संयुक्ताक्षर नहीं मिलते थे।
  • सम्राट अशोक के मानसेहरा और शहबाज़गढ़ी अभिलेख इस लिपि में लिखे गए हैं।

3. कुटिल लिपि
गुप्त लिपि से विकसित यह लिपि ‘सिद्धमातृका’ या ‘न्यूनकोणीय लिपि’ के नाम से भी जानी जाती है।

  • इसके अक्षरों में तीखे कोण और टेढ़े-मेढ़े आकार होते हैं।
  • यह लिपि 6वीं से 9वीं शताब्दी के बीच प्रचलन में रही।

4. देवनागरी लिपि
आज भी सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली लिपियों में से एक है।

  • यह बाएं से दाएं लिखी जाती है और बहुत ही व्यवस्थित और वैज्ञानिक मानी जाती है।
  • हिंदी, संस्कृत, मराठी, भोजपुरी, मैथिली, कोंकणी, नेपाली जैसी भाषाओं में इसका प्रयोग होता है।
  • भारत के संविधान ने भी इसे मान्यता दी है।

5. शारदा लिपि
कश्मीर की यह प्राचीन लिपि ‘सिद्धमातृका’ से निकली है और इसके कई अभिलेख जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हिमाचल में मिले हैं।

6. गुरुमुखी लिपि
सिखों के दूसरे गुरु, गुरु अंगद देव ने इस लिपि को विकसित किया था।

  • गुरुग्रंथ साहिब इसी लिपि में लिखा गया है।
  • पंजाबी भाषा में गुरुमुखी का व्यापक प्रयोग होता है।

7. ग्रंथ लिपि
दक्षिण भारत (तमिलनाडु) की यह लिपि पल्लव और चोल शासकों के समय में विकसित हुई।

  • महाबलीपुरम और एलोरा के कैलाश मंदिर में ग्रंथ लिपि के अभिलेख मिलते हैं।

8. तेलुगू और कन्नड़ लिपियाँ
इन दोनों का स्रोत एक ही है और इन्हें प्रारंभ में एक साथ लिखा जाता था।

  • बाद में दोनों भाषाएँ विकसित हुईं और अलग-अलग लिपियाँ बनीं।
  • हलेबिड (कर्नाटक) के शिलालेख इनके सबसे पुराने प्रमाण हैं।

9. तमिल और मलयालम लिपियाँ
ये दोनों लिपियाँ भी ग्रंथ लिपि से विकसित हुईं हैं।

  • तमिलनाडु और केरल में इनका प्रयोग होता है।

10. शाहमुखी लिपि
यह लिपि फारसी और उर्दू से प्रभावित पंजाबी का संस्करण है, जो सूफियों द्वारा प्रचलित हुई थी।

  • पाकिस्तान में पंजाबी इसी लिपि में लिखी जाती है।

11. मोडी लिपि
मराठी भाषा को पहले इसी लिपि में लिखा जाता था।

  • इस लिपि के अक्षर थोड़े टेढ़े और घुमावदार होते थे, इसलिए इसे ‘मोडी’ कहा गया।

लिपि किसे कहते हैं Class 4 स्तर के लिए | लिपि किसे कहते हैं Class 3

लिपि वह चिन्हों या अक्षरों की प्रणाली है, जिसके माध्यम से हम बोली जाने वाली भाषा को लिखते हैं। सरल शब्दों में, बोलने की भाषा को लिखने का तरीका लिपि कहलाता है।

उदाहरण

  • हिंदी भाषा की लिपि = देवनागरी लिपि
  • अंग्रेज़ी भाषा की लिपि = रोमन लिपि
  • उर्दू भाषा की लिपि = उर्दू लिपि (फ़ारसी-लिपि आधारित)

निष्कर्ष

इस लेख में लिपि किसे कहते हैं इसका विस्तार से वर्णन किया गया है। लिपि एक ऐसी प्रणाली होती है, जिसके माध्यम से हम अपने विचारों, भावनाओं और ज्ञान को लिखित रूप में व्यक्त करते हैं। लेख में विभिन्न लिपि के प्रकार जैसे देवनागरी, अंग्रेजी, अरबी, उर्दू आदि के बारे में जानकारी दी गई है। लिपि मानव सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे भाषा के विकास और संस्कृति के संरक्षण में मदद मिलती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

लिपि की परिभाषा क्या है?

लिपि किसी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग है। यह ध्वनियों को लिखने के लिए उपयोग किए जाने वाले चिह्नों का समूह है। उदाहरण के लिए, हिंदी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है।

लिपि किसे कहते हैं, इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी?

लिपि किसी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग है। इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी ताकि ध्वनियों को लिखित रूप में व्यक्त किया जा सके और विचारों, ज्ञान और संस्कृति को संरक्षित और संप्रेषित किया जा सके। उदाहरण: हिंदी की देवनागरी लिपि।

विश्व में कुल कितनी लिपियां हैं?

विश्व में लगभग 100 प्रमुख लिपियां हैं, जिनमें से लगभग दो दर्जन का व्यापक रूप से उपयोग होता है। इनमें देवनागरी, रोमन, अरबी, और चीनी लिपियां प्रमुख हैं।

लिपि क्या होती है, लिपि ना होती तो क्या होता?

लिपि किसी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग होती है। लिपि ना होती तो विचारों और ज्ञान का संप्रेषण मौखिक रूप से ही होता, जिससे इतिहास, साहित्य और विज्ञान का लिखित रिकॉर्ड नहीं होता और संस्कृति का संरक्षण कठिन हो जाता।

भारत में प्रमुख तीन लिपियाँ कौन से है?

हिंदी: की लिपि देवनागरी है.
अंग्रेजी: की लिपि रोमन है.
उर्दू: की लिपि फारसी है. 

भारत में किस लिपि का प्रयोग किया जाता है?

भारत की प्रमुख और आधिकारिक लिपि देवनागरी है। इसी लिपि में हिंदी भाषा, जो भारत की राजभाषा है, को लिखा जाता है। देवनागरी लिपि का उद्भव ब्राह्मी लिपि से हुआ है और इसका उपयोग संस्कृत, मराठी, नेपाली सहित कई अन्य भारतीय भाषाओं को लिखने के लिए भी किया जाता है।

भारत में कुल कितनी प्रकार की लिपियाँ प्रचलित हैं?

भारत में कुल लगभग 86 से 88 विभिन्न लिपियों का उपयोग किया जाता है, ये भाषाएँ नहीं बल्कि लेखन की प्रणालियाँ हैं, जो वर्ष 2015 में प्रचलन में थीं।

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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