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लॉयर बनने के लिए 12वीं कक्षा पास करने के बाद एलएलबी कोर्स में प्रवेश लें, जो 3 या 5 साल का हो सकता है। प्रवेश परीक्षाएं जैसे CLAT, AILET, और LSAT पास करें। एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, बार काउंसिल में पंजीकरण कराएं और AIBE परीक्षा पास करें। वकील बनने की इस प्रक्रिया में कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।
लॉयर बनना एक प्रतिष्ठित और सम्मानजनक करियर विकल्प है, जो समाज में न्याय और सत्य की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वकील न केवल अपने क्लाइंट्स के अधिकारों की रक्षा करते हैं बल्कि समाज में कानून और न्याय की प्रक्रिया को भी सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करते हैं। लॉयर बनने के लिए सबसे पहले 12वीं कक्षा पास करनी होती है, इसके बाद एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश लेना होता है। एलएलबी के लिए प्रवेश परीक्षाओं (जैसे CLAT, AILET, LSAT) को पास करना अनिवार्य है। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस लेख में हम लॉयर बनने की प्रक्रिया, आवश्यक योग्यताओं और करियर विकल्पों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
इस ब्लॉग में हम लॉयर कैसे बने, एडवोकेट कैसे बने, क्रिमिनल लॉयर कैसे बने, गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने, 12 वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता, प्राइवेट वकील कैसे बने, और एलएलबी पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
वकील को एडवोकेट भी कहा जाता है। वकील कानूनी मामलों में अपने क्लाइंट्स को लीगल सलाह देने, कोर्ट में उनका पक्ष रखने और न्याय दिलाने की प्रक्रिया में मदद करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन इसके लिए उनको बार कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है।
वकीलों की भूमिका समाज में बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि एक अच्छा वकील न सिर्फ़ अपने क्लाइंट को कानून सबंधी सलाह देता है बल्कि एक अच्छा वकील समाज के कमजोर और दबे-कुचले वर्गों की आवाज बनते हैं और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करते हैं। हम इस ब्लॉग में समझेंगे कि आखिर लॉयर कैसे बने और इसकी प्रक्रिया क्या होती है?
लॉयर बनने के लिए आपको सबसे पहले 12वीं कक्षा पास करनी होती है क्योंकि 12वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता मिलती है और आप एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। एलएलबी के लिए, आपको प्रवेश परीक्षाओं (जैसे CLAT, AILET, LSAT) को पास करना होता है और उसके बाद किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में दाखिला लेना होता है।
लॉयर बनने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं कक्षा पास करनी होगी। इसके बाद आप एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। 12वीं कक्षा किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स) से हो सकती है, लेकिन न्यूनतम प्रतिशत की आवश्यकता कॉलेज या यूनिवर्सिटी के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।
एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए निम्नलिखित प्रमुख प्रवेश परीक्षाएँ होती हैं:
1. CLAT (Common Law Admission Test): यह परीक्षा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। इसमें भाग लेने के लिए आपके पास 12वीं में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए।
परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – CLAT परीक्षा में पहले 200 प्रश्न पूछे जाते थे लेकिन अब इन प्रश्नों की संख्या घटाकर 120 से 150 कर दी गयी है। इन सभी प्रश्नों को आपको 2 घंटे में सॉल्व करना होता है। अगर हम CLAT के सिलेबस की बात करे तो लीगल रीजनिंग, जीके और करंट अफेयर्स, लॉजिकल रीजनिंग, अंग्रेजी भाषा और क्वांटिटेटिव टेक्निक्स से प्रश्न पूछे जाते हैं।
2. AILET (All India Law Entrance Test): यह परीक्षा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें भी प्रवेश के लिए आपके पास 12वीं में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए।
परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के नये AILET परीक्षा पैटर्न में परीक्षा समय 120 मिनट होगा। AILET 2025 प्रश्न पत्र में तीन खंड होंगे: अंग्रेजी, करंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान, और तार्किक प्रश्न। इन तीन खंडों में कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे।
3. LSAT (Law School Admission Test): यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जिसका आयोजन विभिन्न लॉ स्कूल्स में प्रवेश के लिए होता है। इसमें आपका लॉजिक और वर्बल रीजनिंग स्किल्स की जांच की जाती है।
परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – LSAT-इंडिया परीक्षा पैटर्न 2025 में, चार पार्ट में कुल 92 प्रश्न होंगे। इन प्रश्नों में लॉजिकल रीजनिंग 1, लॉजिकल रीजनिंग 2, एनालिटिकल रीजनिंग और रीडिंग कम्प्रेंसिव के प्रश्न होंगे। LSAT परीक्षा में प्रश्न गद्यांश के रूप में आते हैं। जिसके बाद गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली का पांच वर्षीय BA-LLB सिलेबस –
सेमेस्टर 1 | सेमेस्टर 2 | सेमेस्टर 3 | सेमेस्टर 4 |
लीगल मेथड्स | लॉ ऑफ कॉन्ट्रैक्ट्स-I | फैमिली लॉ-II | लॉ ऑफ प्रॉपर्टी |
लॉ ऑफ टॉर्ट्स | फैमिली लॉ-I | लॉ ऑफ कॉन्ट्रैक्ट्स-II (स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट्स) | क्रिमिनल लॉ-I |
हिस्ट्री ऑफ लीगल & कॉन्स्टिट्यूशनल डेवलपमेंट इन इंडिया | पॉलिटिकल साइंस-I | पॉलिटिकल साइंस-II | एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ |
सोशियोलॉजी-I | कॉन्स्टिट्यूशनल लॉ-I | कॉन्स्टिट्यूशनल लॉ-II | लैंड लॉ इन्क्लूडिंग टेन्योर & टेनेंसी सिस्टम |
इंग्लिश | सोशियोलॉजी-II | इकॉनॉमिक्स & लॉ I | इकॉनॉमिक्स & लॉ-II |
सेमेस्टर 5 | सेमेस्टर 6 | सेमेस्टर 7 | सेमेस्टर 8 |
ज्यूरिस्प्रूडेंस | एनवायर्नमेंटल लॉ | प्राइवेट इंटरनेशनल लॉ | लेबर लॉ-I |
पब्लिक इंटरनेशनल लॉ | लॉ ऑफ एविडेंस | साइबर लॉ | इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स |
सिविल प्रोसीजर कोड | कॉरपोरेट लॉ | क्लिनिक-I (एडीआर) | ज्यूडिशियल प्रोसेस & इंटरप्रिटेशन ऑफ स्टैच्यूट्स |
क्रिमिनल लॉ-II | बैंकिंग लॉ & नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स | टैक्सेशन लॉ | क्लिनिक-II |
सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-I | सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-II | सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-III | सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-IV |
सेमेस्टर 9 | सेमेस्टर 10 | ||
लॉ ऑफ इंश्योरेंस | ह्यूमन राइट्स, इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन & रिफ्यूजी लॉ | ||
लेबर लॉ-II | इंटरनेशनल ट्रेड लॉ | ||
क्लिनिक-III | क्लिनिक-IV | ||
सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-V | सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-VII | ||
सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-VI | सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-VIII |
वकील बनने के लिए किए जाने वाले कोर्सेज नीचे दिए गए हैं:
वकील बनने के बाद आपके पास विभिन्न क्षेत्रों में करियर के अवसर होते हैं। आप मल्टीनेशनल कंपनियों, लॉ फर्म्स, न्यायिक सेवाओं, सरकारी विभागों, और निजी प्रैक्टिस में काम कर सकते हैं।
वकील बनने के बाद जॉब प्रोफाइल्स –
वकील बनने के बाद आप विभिन्न विशेषीकरणों में काम कर सकते हैं जैसे:
अब हम समझेंगे कि क्रिमिनल लॉयर कैसे बने? दरअसल क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए सबसे पहले आपको एलएलबी की डिग्री प्राप्त करनी होती है। इसके बाद आप क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको क्रिमिनल कानून, सबूत कानून, और प्रक्रिया संबंधी कानून के बारे में गहन अध्ययन करना होगा।
क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए आपको क्रिमिनल कानून, सबूत कानून, और प्रक्रिया संबंधी कानून के बारे में गहन अध्ययन करना होगा। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के क्रिमिनल मामलों की समझ और उनकी कानूनी प्रक्रिया को जानना आवश्यक है।
क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए प्रैक्टिकल अनुभव बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपको विभिन्न कोर्ट्स में इंटर्नशिप करनी होती है, जहां आप अनुभवी वकीलों के साथ काम करके केस हैंडलिंग और कोर्ट की प्रक्रियाओं के बारे में सीख सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान आपको विभिन्न प्रकार के क्रिमिनल मामलों को देखने और समझने का मौका मिलता है।
सरकारी वकील बनने के लिए आपको सरकारी परीक्षाएँ पास करनी होती हैं। इसके लिए एलएलबी की डिग्री के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र में अनुभव भी आवश्यक होता है। सरकारी वकील बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना होता है:
एलएलबी करने के बाद आप वकील तो बन सकते हैं लेकिन सरकारी वकील नहीं। फिर गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने? दरअसल सरकारी वकील बनने के लिए आपको एलएलबी की डिग्री के बाद सरकारी परीक्षाओं को पास करना होता है। इसके बाद, विभिन्न सरकारी विभागों में वकील के रूप में काम करने के अवसर मिलते हैं।
अब हम समझेंगे कि प्राइवेट वकील कैसे बने? दरअसल LLB पास करने के बाद निजी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद आप स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं या किसी अनुभवी वकील के साथ काम कर सकते हैं।
निजी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए आपको बार काउंसिल में रजिस्टर करना होता है और प्रैक्टिस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है। इसके बाद, अपने क्लाइंट बेस को बनाना और कानूनी मामलों को संभालना होता है।
लॉ फर्म्स में काम करने से आपको विभिन्न प्रकार के केस हैंडल करने का अनुभव मिलता है। यह आपकी पेशेवर स्किल्स को बढ़ाता है और आपको एक व्यापक नेटवर्क बनाने में मदद करता है।
वकील और एडवोकेट में बुनियादी अंतर यह है कि वकील कोई भी व्यक्ति हो सकता है जिसने कानून की डिग्री प्राप्त की हो, जबकि एडवोकेट वह व्यक्ति होता है जो बार काउंसिल में रजिस्टर होता है और कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए पात्र होता है।
अब सवाल उठता है कि हम एडवोकेट कैसे बने। दरअसल एडवोकेट बनने के लिए सबसे पहले 12वीं के बाद LLB (एलएलबी) की पढ़ाई करनी होती है। एलएलबी कोर्स पूरा करने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित AIBE (एआईबीई) परीक्षा पास करनी होती है। इसके बाद ही वकील को एडवोकेट का लाइसेंस मिलता है।
एडवोकेट बनने के लिए इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल अनुभव भी जरूरी है। वकील बनने के बाद कोर्ट में प्रैक्टिस करके अपने स्किल्स को निखारें। बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। सफल एडवोकेट बनने के लिए लगातार मेहनत और कानूनी नॉलेज को अपडेट रखना बहुत जरूरी है।
एडवोकेट बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होता है:
लॉयर बनना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यंत संतोषजनक करियर विकल्प है। यह न केवल व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के अवसर प्रदान करता है, बल्कि समाज में न्याय और सत्य की स्थापना में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। लॉयर बनने की प्रक्रिया में 12वीं कक्षा के बाद एलएलबी कोर्स में प्रवेश लेना और आवश्यक प्रवेश परीक्षाओं को पास करना शामिल है। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस करियर में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और निरंतर अध्ययन की आवश्यकता होती है। लॉयर बनने की इस यात्रा में, आप न केवल अपने करियर को ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
लॉयर बनने के लिए सरकारी कॉलेजों में कुल खर्च ₹1 लाख से ₹2 लाख तक हो सकता है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह ₹5 लाख से ₹20 लाख तक हो सकता है। इसमें प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी और अन्य शैक्षिक सामग्री का खर्च भी शामिल है।
लॉयर बनने के लिए 12वीं कक्षा पास करें, एलएलबी कोर्स में प्रवेश लें और इसे पूरा करें। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराएं और किसी अनुभवी वकील के साथ इंटर्नशिप करें। इन कदमों का पालन करके आप एक सफल लॉयर बन सकते हैं।
वकील बनने के लिए एलएलबी कोर्स की अवधि 3 से 5 साल होती है। स्नातक के बाद 3 साल का एलएलबी कोर्स और 12वीं के बाद 5 साल का इंटीग्रेटेड एलएलबी कोर्स होता है। इन कोर्सों को पूरा करने के बाद आप वकील बन सकते हैं।
वकील बनने के लिए एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए विभिन्न परीक्षाएं देनी होती हैं। प्रमुख परीक्षाओं में CLAT (Common Law Admission Test), AILET (All India Law Entrance Test), और LSAT (Law School Admission Test) शामिल हैं। एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, बार काउंसिल में पंजीकरण के लिए AIBE (All India Bar Examination) पास करना होता है।
भारत में वकील की औसत मासिक सैलरी लगभग ₹61,800 होती है। यह सैलरी ₹30,900 से ₹95,700 के बीच हो सकती है, जो अनुभव और विशेषज्ञता पर निर्भर करती है।
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