लॉयर कैसे बने: योग्यता, प्रक्रिया और करियर विकल्प

September 12, 2024
लॉयर कैसे बने
Quick Summary

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लॉयर बनने के लिए 12वीं कक्षा पास करने के बाद एलएलबी कोर्स में प्रवेश लें, जो 3 या 5 साल का हो सकता है। प्रवेश परीक्षाएं जैसे CLAT, AILET, और LSAT पास करें। एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, बार काउंसिल में पंजीकरण कराएं और AIBE परीक्षा पास करें। वकील बनने की इस प्रक्रिया में कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।

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लॉयर बनना एक प्रतिष्ठित और सम्मानजनक करियर विकल्प है, जो समाज में न्याय और सत्य की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वकील न केवल अपने क्लाइंट्स के अधिकारों की रक्षा करते हैं बल्कि समाज में कानून और न्याय की प्रक्रिया को भी सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करते हैं। लॉयर बनने के लिए सबसे पहले 12वीं कक्षा पास करनी होती है, इसके बाद एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश लेना होता है। एलएलबी के लिए प्रवेश परीक्षाओं (जैसे CLAT, AILET, LSAT) को पास करना अनिवार्य है। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस लेख में हम लॉयर बनने की प्रक्रिया, आवश्यक योग्यताओं और करियर विकल्पों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

इस ब्लॉग में हम लॉयर कैसे बने, एडवोकेट कैसे बने,  क्रिमिनल लॉयर कैसे बने, गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने, 12 वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता, प्राइवेट वकील कैसे बने, और एलएलबी पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

वकील की भूमिका और महत्व

वकील को एडवोकेट भी कहा जाता है। वकील कानूनी मामलों में अपने क्लाइंट्स को लीगल सलाह देने, कोर्ट में उनका पक्ष रखने और न्याय दिलाने की प्रक्रिया में मदद करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन इसके लिए उनको बार कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है। 

वकीलों की भूमिका समाज में बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि एक अच्छा वकील न सिर्फ़ अपने क्लाइंट को कानून सबंधी सलाह देता है बल्कि एक अच्छा वकील समाज के कमजोर और दबे-कुचले वर्गों की आवाज बनते हैं और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करते हैं। हम इस ब्लॉग में समझेंगे कि आखिर लॉयर कैसे बने और इसकी प्रक्रिया क्या होती है?

12वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता: लॉयर कैसे बने?

लॉयर बनने के लिए आपको सबसे पहले 12वीं कक्षा पास करनी होती है क्योंकि 12वीं के बाद एलएलबी के लिए पात्रता मिलती है और आप एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। एलएलबी के लिए, आपको प्रवेश परीक्षाओं (जैसे CLAT, AILET, LSAT) को पास करना होता है और उसके बाद किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में दाखिला लेना होता है।

एलएलबी के लिए योग्यता

  • एलएलबी, 12 वी के बाद भी की जा सकती है और ग्रेजुएशन के बाद भी। 12 वी के बाद ये कोर्स 5 साल का होता है, जैसे – BA-LLB, BSC-LLB. लेकिन  ग्रेजुएशन के बाद LLB, 3 साल का होता है। 
  • कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को बारहवीं कक्षा में किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में कम से कम 45% अंक प्राप्त करना जरुरी है। 
  • एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवश्यक प्रवेश परीक्षाएँ जैसे CLAT, AILET, या LSAT उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है। 
  • भारत में एलएलबी करने के लिए कोई उम्र सीमा निर्धारित नहीं की गयी है। 

न्यूनतम शैक्षिक योग्यता

लॉयर बनने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं कक्षा पास करनी होगी। इसके बाद आप एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। 12वीं कक्षा किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स) से हो सकती है, लेकिन न्यूनतम प्रतिशत की आवश्यकता कॉलेज या यूनिवर्सिटी के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।

आवश्यक प्रवेश परीक्षाएँ (CLAT, AILET, LSAT)

एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए निम्नलिखित प्रमुख प्रवेश परीक्षाएँ होती हैं:

1. CLAT (Common Law Admission Test): यह परीक्षा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। इसमें भाग लेने के लिए आपके पास 12वीं में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए।

परीक्षा पैटर्न और सिलेबस –  CLAT परीक्षा में पहले 200 प्रश्न पूछे जाते थे लेकिन अब इन प्रश्नों की संख्या घटाकर 120 से 150 कर दी गयी है। इन सभी प्रश्नों को आपको 2 घंटे में सॉल्व करना होता है। अगर हम CLAT के सिलेबस की बात करे तो लीगल रीजनिंग, जीके और करंट अफेयर्स, लॉजिकल रीजनिंग, अंग्रेजी भाषा और क्वांटिटेटिव टेक्निक्स से प्रश्न पूछे जाते हैं। 

2. AILET (All India Law Entrance Test): यह परीक्षा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें भी प्रवेश के लिए आपके पास 12वीं में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए।

परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के नये AILET परीक्षा पैटर्न में परीक्षा समय 120 मिनट होगा। AILET 2025 प्रश्न पत्र में तीन खंड होंगे: अंग्रेजी, करंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान, और तार्किक प्रश्न।  इन तीन खंडों में कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। 

3. LSAT (Law School Admission Test): यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जिसका आयोजन विभिन्न लॉ स्कूल्स में प्रवेश के लिए होता है। इसमें आपका लॉजिक और वर्बल रीजनिंग स्किल्स की जांच की जाती है।

परीक्षा पैटर्न और सिलेबस – LSAT-इंडिया परीक्षा पैटर्न 2025 में, चार पार्ट में कुल 92 प्रश्न होंगे। इन प्रश्नों में लॉजिकल रीजनिंग 1, लॉजिकल रीजनिंग 2, एनालिटिकल रीजनिंग और रीडिंग कम्प्रेंसिव के प्रश्न होंगे। LSAT परीक्षा में प्रश्न गद्यांश के रूप में आते हैं। जिसके बाद गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं।

एलएलबी कोर्स का सिलेबस 

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली का पांच वर्षीय BA-LLB सिलेबस –

सेमेस्टर 1 सेमेस्टर 2 सेमेस्टर 3 सेमेस्टर 4 
लीगल मेथड्सलॉ ऑफ कॉन्ट्रैक्ट्स-Iफैमिली लॉ-IIलॉ ऑफ प्रॉपर्टी
लॉ ऑफ टॉर्ट्सफैमिली लॉ-Iलॉ ऑफ कॉन्ट्रैक्ट्स-II (स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट्स)क्रिमिनल लॉ-I
हिस्ट्री ऑफ लीगल & कॉन्स्टिट्यूशनल डेवलपमेंट इन इंडियापॉलिटिकल साइंस-Iपॉलिटिकल साइंस-IIएडमिनिस्ट्रेटिव लॉ
सोशियोलॉजी-Iकॉन्स्टिट्यूशनल लॉ-Iकॉन्स्टिट्यूशनल लॉ-IIलैंड लॉ इन्क्लूडिंग टेन्योर & टेनेंसी सिस्टम
इंग्लिशसोशियोलॉजी-IIइकॉनॉमिक्स & लॉ Iइकॉनॉमिक्स & लॉ-II
सेमेस्टर 5 सेमेस्टर 6 सेमेस्टर 7 सेमेस्टर 8 
ज्यूरिस्प्रूडेंसएनवायर्नमेंटल लॉप्राइवेट इंटरनेशनल लॉलेबर लॉ-I
पब्लिक इंटरनेशनल लॉलॉ ऑफ एविडेंससाइबर लॉइंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स
सिविल प्रोसीजर कोडकॉरपोरेट लॉक्लिनिक-I (एडीआर)ज्यूडिशियल प्रोसेस & इंटरप्रिटेशन ऑफ स्टैच्यूट्स
क्रिमिनल लॉ-IIबैंकिंग लॉ & नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्सटैक्सेशन लॉक्लिनिक-II
सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-Iसेमिनार इलेक्टिव कोर्स-IIसेमिनार इलेक्टिव कोर्स-IIIसेमिनार इलेक्टिव कोर्स-IV
सेमेस्टर 9 सेमेस्टर 10 
लॉ ऑफ इंश्योरेंसह्यूमन राइट्स, इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन & रिफ्यूजी लॉ
लेबर लॉ-IIइंटरनेशनल ट्रेड लॉ
क्लिनिक-IIIक्लिनिक-IV
सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-Vसेमिनार इलेक्टिव कोर्स-VII
सेमिनार इलेक्टिव कोर्स-VIसेमिनार इलेक्टिव कोर्स-VIII

वकील बनने के लिए कोर्स

वकील बनने के लिए किए जाने वाले कोर्सेज नीचे दिए गए हैं:

  • बैचलर ऑफ लॉ (एलएल.बी.) – 3 साल
  • इंटिग्रेटेड अंडरग्रेजुएट डिग्री – बी.ए. एलएल.बी., बी.एससी. एलएल.बी., बीबीए एलएल.बी., बी.कॉम एलएल.बी – 5 साल
  • मास्टर ऑफ लॉ (एलएल.एम.) – 1-2 साल
  • मास्टर ऑफ बिजनेस लॉ
  • डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी)
  • इंटिग्रेटेड एमबीएल-एलएलएम/ एमबीए-एलएलएम – 3 साल

वकीलों के लिए करियर अवसर

वकील बनने के बाद आपके पास विभिन्न क्षेत्रों में करियर के अवसर होते हैं। आप मल्टीनेशनल कंपनियों, लॉ फर्म्स, न्यायिक सेवाओं, सरकारी विभागों, और निजी प्रैक्टिस में काम कर सकते हैं।

वकील बनने के बाद जॉब प्रोफाइल्स –

  • ट्रस्टी
  • नोटरी
  • वकील
  • सॉलिसिटर
  • मजिस्ट्रेट
  • कानून विशेषज्ञ
  • लॉ रिपोर्टर
  • क़ानूनी सलाहकार
  • महान्यायवादी
  • सार्वजानिक अभियोक्ता
  • मुंसिफ (उप-मजिस्ट्रेट)
  • शिक्षक और व्याख्याता
  • जिला एवं सत्र न्यायाधीश

मल्टीनेशनल कंपनियों, लॉ फर्म्स, न्यायिक सेवाओं में अवसर

  1. मल्टीनेशनल कंपनियाँ: बड़ी कंपनियों में कानूनी सलाहकार के रूप में काम करने का अवसर। यहाँ आप कॉर्पोरेट मामलों, मर्जर और एक्विजिशन, कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट आदि में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
  2. लॉ फर्म्स: विभिन्न लॉ फर्म्स में एसोसिएट या पार्टनर के रूप में काम कर सकते हैं। यहाँ आप विभिन्न प्रकार के कानूनी मामलों को हैंडल करने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
  3. न्यायिक सेवाएँ: न्यायपालिका में जज या मजिस्ट्रेट बनने का अवसर। इसके लिए आपको न्यायिक सेवा परीक्षा (PCS-J) पास करनी होती है।

विभिन्न प्रकार के वकील

वकील बनने के बाद आप विभिन्न विशेषीकरणों में काम कर सकते हैं जैसे:

  1. क्रिमिनल लॉयर
  2. सिविल लॉयर
  3. कॉर्पोरेट लॉयर
  4. इंटरनेशनल लॉयर
  5. इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉयर
  6. फैमिली लॉयर

क्रिमिनल लॉयर कैसे बने?

अब हम समझेंगे कि क्रिमिनल लॉयर कैसे बने? दरअसल क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए सबसे पहले आपको एलएलबी की डिग्री प्राप्त करनी होती है। इसके बाद आप क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको क्रिमिनल कानून, सबूत कानून, और प्रक्रिया संबंधी कानून के बारे में गहन अध्ययन करना होगा।

क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता

क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए आपको क्रिमिनल कानून, सबूत कानून, और प्रक्रिया संबंधी कानून के बारे में गहन अध्ययन करना होगा। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के क्रिमिनल मामलों की समझ और उनकी कानूनी प्रक्रिया को जानना आवश्यक है।

प्रैक्टिकल अनुभव और इंटर्नशिप

क्रिमिनल लॉयर बनने के लिए प्रैक्टिकल अनुभव बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपको विभिन्न कोर्ट्स में इंटर्नशिप करनी होती है, जहां आप अनुभवी वकीलों के साथ काम करके केस हैंडलिंग और कोर्ट की प्रक्रियाओं के बारे में सीख सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान आपको विभिन्न प्रकार के क्रिमिनल मामलों को देखने और समझने का मौका मिलता है।

गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने?

सरकारी वकील बनने के लिए आपको सरकारी परीक्षाएँ पास करनी होती हैं। इसके लिए एलएलबी की डिग्री के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र में अनुभव भी आवश्यक होता है। सरकारी वकील बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना होता है:

सरकारी वकील बनने की प्रक्रिया

एलएलबी करने के बाद आप वकील तो बन सकते हैं लेकिन सरकारी वकील नहीं। फिर गवर्नमेंट लॉयर कैसे बने? दरअसल सरकारी वकील बनने के लिए आपको एलएलबी की डिग्री के बाद सरकारी परीक्षाओं को पास करना होता है। इसके बाद, विभिन्न सरकारी विभागों में वकील के रूप में काम करने के अवसर मिलते हैं।

सरकारी परीक्षाएँ और चयन प्रक्रिया 

स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन (SPSC) एग्जाम:

  • हर राज्य में स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन (जैसे, यूपीपीएससी, एमपीपीएससी) द्वारा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की परीक्षा आयोजित की जाती है।
  • इस परीक्षा में सफल होने के बाद आपको न्यायिक सेवा में प्रवेश मिलता है और आप सरकारी वकील के पद पर काम कर सकते हैं।

असिस्टेंट प्रोसीक्यूटर ऑफिसर (APO) एग्जाम:

  • कई राज्य सरकारें APO पद के लिए परीक्षाएं आयोजित करती हैं।
  • इस परीक्षा में सफल होने के बाद आपको सरकारी अभियोजक के रूप में नियुक्ति मिलती है।

यूपीएससी (UPSC) एग्जाम:

  • यूपीएससी द्वारा इंडियन लीगल सर्विसेज (ILS) के लिए परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
  • इस परीक्षा में सफल होने के बाद आप केंद्र सरकार के विभागों में कानूनी सलाहकार या सरकारी वकील के रूप में कार्य कर सकते हैं।

चयन प्रक्रिया

प्रारंभिक परीक्षा:

  • इस चरण में सामान्य ज्ञान, सामान्य अध्ययन और कानून से संबंधित प्रश्न होते हैं।
  • यह परीक्षा क्वालिफाइंग नेचर की होती है और मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए इसे पास करना अनिवार्य है।

मुख्य परीक्षा:

  • मुख्य परीक्षा में कानून के विभिन्न विषयों से संबंधित विस्तृत प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • इसमें लिखित परीक्षा होती है जिसमें आपके कानूनी ज्ञान और लिखने की क्षमता का परीक्षण किया जाता है।

साक्षात्कार:

  • मुख्य परीक्षा पास करने के बाद आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
  • साक्षात्कार में आपके व्यक्तित्व, कानूनी ज्ञान और तर्क शक्ति का परीक्षण किया जाता है।

प्राइवेट वकील कैसे बने?

अब हम समझेंगे कि प्राइवेट वकील कैसे बने? दरअसल LLB पास करने के बाद निजी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद आप स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं या किसी अनुभवी वकील के साथ काम कर सकते हैं।

निजी प्रैक्टिस के लिए आवश्यक कदम

निजी प्रैक्टिस शुरू करने के लिए आपको बार काउंसिल में रजिस्टर करना होता है और प्रैक्टिस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है। इसके बाद, अपने क्लाइंट बेस को बनाना और कानूनी मामलों को संभालना होता है।

लॉ फर्म्स में काम करने के लाभ और चुनौतियाँ

लॉ फर्म्स में काम करने से आपको विभिन्न प्रकार के केस हैंडल करने का अनुभव मिलता है। यह आपकी पेशेवर स्किल्स को बढ़ाता है और आपको एक व्यापक नेटवर्क बनाने में मदद करता है।

लाभ:

  1. विविध केस अनुभव: विभिन्न प्रकार के कानूनी मामलों को हैंडल करने का मौका मिलता है।
  2. नेटवर्किंग: पेशेवर नेटवर्क बढ़ता है, जो भविष्य में करियर ग्रोथ में मदद करता है।
  3. संरक्षण और मार्गदर्शन: अनुभवी वकीलों से मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिलता है।

चुनौतियाँ:

  1. प्रतिस्पर्धा: लॉ फर्म्स में काम करने में उच्च प्रतिस्पर्धा होती है।
  2. काम का दबाव: समय पर केस निपटाना और क्लाइंट की अपेक्षाओं को पूरा करना एक चुनौती हो सकता है।
  3. लंबे कार्य घंटे: कई बार आपको लंबे समय तक काम करना पड़ सकता है।

वकील और एडवोकेट में अंतर

वकील और एडवोकेट में बुनियादी अंतर यह है कि वकील कोई भी व्यक्ति हो सकता है जिसने कानून की डिग्री प्राप्त की हो, जबकि एडवोकेट वह व्यक्ति होता है जो बार काउंसिल में रजिस्टर होता है और कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए पात्र होता है।

  1. वकील: जिसने कानून की डिग्री प्राप्त की हो, लेकिन बार काउंसिल में रजिस्टर न हो।
  2. एडवोकेट: जिसने कानून की डिग्री प्राप्त की हो और बार काउंसिल में रजिस्टर हो।

एडवोकेट कैसे बने?

अब सवाल उठता है कि हम एडवोकेट कैसे बने। दरअसल एडवोकेट बनने के लिए सबसे पहले 12वीं के बाद LLB (एलएलबी) की पढ़ाई करनी होती है। एलएलबी कोर्स पूरा करने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित AIBE (एआईबीई) परीक्षा पास करनी होती है। इसके बाद ही वकील को एडवोकेट का लाइसेंस मिलता है।

एडवोकेट बनने के लिए इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल अनुभव भी जरूरी है। वकील बनने के बाद कोर्ट में प्रैक्टिस करके अपने स्किल्स को निखारें। बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। सफल एडवोकेट बनने के लिए लगातार मेहनत और कानूनी नॉलेज को अपडेट रखना बहुत जरूरी है।

एडवोकेट बनने की प्रक्रिया

एडवोकेट बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होता है:

  1. एलएलबी की डिग्री: सबसे पहले आपको एलएलबी की डिग्री प्राप्त करनी होती है।
  2. बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन: इसके बाद आपको बार काउंसिल में रजिस्टर करना होता है।
  3. प्रैक्टिस सर्टिफिकेट: रजिस्ट्रेशन के बाद आपको प्रैक्टिस सर्टिफिकेट मिलता है, जिससे आप कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकते हैं।

निष्कर्ष

लॉयर बनना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यंत संतोषजनक करियर विकल्प है। यह न केवल व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के अवसर प्रदान करता है, बल्कि समाज में न्याय और सत्य की स्थापना में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। लॉयर बनने की प्रक्रिया में 12वीं कक्षा के बाद एलएलबी कोर्स में प्रवेश लेना और आवश्यक प्रवेश परीक्षाओं को पास करना शामिल है। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस करियर में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और निरंतर अध्ययन की आवश्यकता होती है। लॉयर बनने की इस यात्रा में, आप न केवल अपने करियर को ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

लॉयर बनने के लिए कितना पैसा लगता है?

लॉयर बनने के लिए सरकारी कॉलेजों में कुल खर्च ₹1 लाख से ₹2 लाख तक हो सकता है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह ₹5 लाख से ₹20 लाख तक हो सकता है। इसमें प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी और अन्य शैक्षिक सामग्री का खर्च भी शामिल है।

लॉयर बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

लॉयर बनने के लिए 12वीं कक्षा पास करें, एलएलबी कोर्स में प्रवेश लें और इसे पूरा करें। इसके बाद, बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराएं और किसी अनुभवी वकील के साथ इंटर्नशिप करें। इन कदमों का पालन करके आप एक सफल लॉयर बन सकते हैं।

वकील का कोर्स कितने साल का होता है?

वकील बनने के लिए एलएलबी कोर्स की अवधि 3 से 5 साल होती है। स्नातक के बाद 3 साल का एलएलबी कोर्स और 12वीं के बाद 5 साल का इंटीग्रेटेड एलएलबी कोर्स होता है। इन कोर्सों को पूरा करने के बाद आप वकील बन सकते हैं।

वकील बनने के लिए कौन सा एग्जाम देना पड़ता है?

वकील बनने के लिए एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए विभिन्न परीक्षाएं देनी होती हैं। प्रमुख परीक्षाओं में CLAT (Common Law Admission Test), AILET (All India Law Entrance Test), और LSAT (Law School Admission Test) शामिल हैं। एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, बार काउंसिल में पंजीकरण के लिए AIBE (All India Bar Examination) पास करना होता है।

वकील की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

भारत में वकील की औसत मासिक सैलरी लगभग ₹61,800 होती है। यह सैलरी ₹30,900 से ₹95,700 के बीच हो सकती है, जो अनुभव और विशेषज्ञता पर निर्भर करती है।

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