Quick Summary
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह देश की अस्मिता और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इसमें शामिल हैं: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, राष्ट्रीय गान “जन गण मन”, राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्,” राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पुष्प कमल, राष्ट्रीय पेड़ बरगद, राष्ट्रीय खेल हॉकी, और राष्ट्रीय फल आम। ये सभी चिन्ह हमारे गौरव, एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करते हैं।आज के इस आर्टिकल भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह में हम समझेंगे कि इन प्रतिक चिन्हों का क्या महत्व होता है और इनका इतिहास क्या है।
भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ (Lion Capital of Ashoka) है।
यह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ का शिरोभाग है, जिसे सम्राट अशोक ने लगभग 250 ईसा पूर्व बनवाया था। इसे भारत सरकार ने 26 जनवरी 1950 को अपनाया।
इसके आधार पर अन्य आकृतियाँ भी हैं – हाथी, घोड़ा, बैल और सिंह – जो जीवन की चार दिशाओं और चक्र की निरंतर गति का प्रतीक हैं।
इसमें चार सिंह (Lion) पीठ से पीठ मिलाकर खड़े हैं, जो शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक हैं।
इसमें नीचे बने चक्र (धर्मचक्र) को “सत्यमेव जयते” (सत्य की ही विजय होती है) मंत्र के साथ लिया गया है, जो मुण्डक उपनिषद से लिया गया है।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नाम (bharat ke rashtriya pratik) इस प्रकार है –
| क्र. सं. | भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नाम | शीर्षक |
| 1 | तिरंगा | भारत का राष्ट्रीय ध्वज |
| 2 | जन गण मन | भारत का राष्ट्रीय गान |
| 3 | वंदे मातरम् | भारत का राष्ट्रीय गीत |
| 4 | बाघ | भारत का राष्ट्रीय पशु |
| 5 | मोर | भारत का राष्ट्रीय पक्षी |
| 6 | कमल | भारत का राष्ट्रीय पुष्प |
| 7 | बरगद | भारत का राष्ट्रीय पेड़ |
| 8 | हॉकी | भारत का राष्ट्रीय खेल |
| 9 | गंगा | भारत की राष्ट्रीय नदी |
| 10 | आम | भारत का राष्ट्रीय फल |
| 11 | अशोक के लायन कैपिटल का रूपांतरण | भारत का राष्ट्रीय प्रतीक |
| 12 | शक कलैण्डर | भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर |
| 13 | डॉल्फिन | भारत का राष्ट्रीय जलीय जंतु |
| 14 | कद्दू | भारत की राष्ट्रीय सब्जी |
| 15 | भारतीय हाथी | भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु |
| 16 | राष्ट्रीय प्रतिज्ञा | भारत की निष्ठा की शपथ |
| 17 | भारतीय रुपये | भारत की राष्ट्रीय मुद्रा |
ये थे भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के नाम इनके बारे में और विस्तार से जानेंगे।
राष्ट्रीय प्रतीक(rashtriya pratik) चिन्ह हमारे देश की अस्मिता और संस्कृति के चिन्ह होते हैं। ये सभी चिन्ह हमारे देश की पहचान होने के साथ-साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं। जैसे- तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। इसके अलावा अशोक स्तम्भ, राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत, बाघ, पुष्प आदि ये सभी हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह है, जिनका हम सभी आदर और सम्मान करते हाँ। चलिए इस आर्टिकल भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह में हम समझते हैं राष्ट्रीय चिन्ह क्या है इसका ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्त्व।
अशोक स्तम्भ को मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक ने सारनाथ में बनवाया था जिसे 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार ने देश के राष्ट्रीय चिन्ह के तौर पर अपनाया। इस स्तम्भ की ख़ासियत ये है कि इस पर चार शेर खड़े दिखाई देते हैं, लेकिन पीछे वाला शेर छुपा होने की वजह से दिखाई नहीं देता है।

अशोक स्तम्भ में नीचे की तरफ एक चक्र बना हुआ है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज में यही स्तम्भ बना हुआ है। ये चक्र भारत की शक्ति, हिम्मत, गर्व और विश्वास को प्रदर्शित करता है। अशोक स्तम्भ के शिखर पर देवनागरी लिपी में “सत्यमेव जयते” यानि हमेशा सत्य की जीत होती है, लिखा है जो मुनडक उपनिषद (पवित्र हिन्दू वेद का भाग) से लिया गया है।
राष्ट्रीय ध्वज का महत्व विशेष होता है, क्योंकि किसी देश का ध्वज उस देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिप्रजेंट करता है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा भारत की आन, बान, शान और आजादी का प्रतीक है। अगर हम तिरंगे का इतिहास की बात करें तो 1921 में आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया ने देश की एकता को दर्शाते के लिए भारत का तिरंगा बनाया था। लेकिन उस समय तिरंगे में केसरिया रंग की जगह लाल रंग हुआ करता था, लेकिन बाद महात्मा गाँधी के कहने पर तिरंगे के कलर को लाल की जगह केसरिया कर दिया गया इसी के साथ ही तिरंगे में बीच में अशोक चक्र बनाया गया।

दरअसल तिरंगे की डिज़ाइन में बहुत फ़ेरबदल किये गए क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज का महत्व विशेष होता है, इसलिए उस समय के हमारे लीडर चाहते थे कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश को पिप्रजेंट करे। वर्तमान में हम राष्ट्रीय ध्वज को जिस रूप में देखते हैं उसको सबसे पहले 22 जुलाई 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था और इसी दिन पंडित जवाहर-लाल नेहरू ने तिरंगे को पहली बार फहराया था। राष्ट्रीय ध्वज का महत्व को देखते हुए इसको राष्ट्रीय शोक के समय आधा झुका दिया जाता है क्योंकि आधा झुका हुआ ये ध्वज, हमारे राष्ट्रीय शोक को प्रदर्शित करता है।
भारत के तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग है जो शौर्य और बलिदान का प्रतीक है, बीच में सफ़ेद रंग शांति और चक्र गतिशीलता का प्रतीक है। तिरंगे में सबसे नीचे हरा कलर है जो प्रकृति को प्रदर्शित करता है।
भारत का बच्चा-बच्चा हमारे देश के राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत से परिचित है क्योकि हम सभी के स्कूल की शुरुआत ही जन-गण-मन से होती थी। भारत का राष्ट्रीय गीत देश के महान कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था तो वही राष्ट्रीय गीत बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था।
जनगणमन-अधिनायक जय है भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मागे,
गाहे तब जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय है, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
राष्ट्रगान का इतिहास बहुत पुराना है। दरअसल किसी भी देश का राष्ट्रगान, उस देश की राष्ट्रीय भावना को अभिव्यक्त करता है। इसलिए ऐसा गान जो शासकीय रूप से स्वीकृत हो और आम जनता में भी लोकप्रिय हो, उस गान को देश का राष्ट्रगान घोषित किया जाता है। भारत का राष्ट्रगान, गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की एक बंग्ला कविता “ भारतो भाग्यों बिधाता” का हिंदी अनुवाद हैं, जिसे उन्होंने 1905 में तत्वबोधिनी नाम की एक कविता में प्रकाशित किया था। इस बांग्ला कविता को भारत का राष्ट्रगान बनाने के पीछे एक लंबा राष्ट्रगान का इतिहास है।
राष्ट्रगान का इतिहास देखे तो, इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27 दिसंबर, 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में टैगोर ने खुद गाया था और बाद में 24 जनवरी, 1950 (भारत के 26 वें गणतंत्र दिवस से पहले) को, टैगोर के “भारतो भाग्यो बिधाता” के पहले श्लोक को आधिकारिक रूप से राष्ट्रगान घोषित किया।
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्॥१॥
सुजलां सुफलाम्
मातरम् ॥४॥
वन्दे मातरम्
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम् ॥५॥
भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम” है। अगर हम राष्ट्रीय गीत का इतिहास देखे तो, इसको बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1870 में संस्कृत और बांग्ला में लिखा था। यह गीत उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ में शामिल है और इसका मतलब है “माँ, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों का प्रेरणा स्रोत बना और राष्ट्रभक्ति की भावना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रीय गीत का इतिहास देखे तो इसको 1950 में भारत का राष्ट्रीय गीत का दर्जा मिला था। यह गीत देश की विविधता, एकता और गौरव का प्रतीक है और भारतीय नागरिकों में देशप्रेम की भावना को प्रबल करता है।
राष्ट्रीय पशु बाघ को बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पीछे का कारण हैं कि बाघ शक्ति, साहस और शान का प्रतीक होता है। हमारे लिए गौरव की बात हैं कि पूरी दुनिया में बाघ की सबसे ज्यादा आबादी भारत में ही है क्योंकि बाघों की घटती संख्या को देखते हुए 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” शुरू किया गया था जिससे बाघों के संरक्षण में बहुत मदद मिली।
राष्ट्रीय पशु बाघ, हमारा राष्ट्रीय पशु तो है ही लेकिन साथ में ये हमारी संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है, विशेषकर देवी दुर्गा की सवारी के रूप में।
राष्ट्रीय पशु बाघ, भारत की संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह शक्ति, साहस और रॉयल्टी का प्रतीक माना जाता है। भारतीय पौराणिक कथाओं में, देवी दुर्गा को अक्सर एक बाघ पर सवार दिखाया जाता है, जो शक्ति और विजय का प्रतीक है। बाघ का उल्लेख कई साहित्यिक कृतियों, लोककथाओं और कलाकृतियों में भी मिलता है।
भारतीय रुपया (Indian Rupee) भारत की आधिकारिक मुद्रा है और इसे भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। यह दुनिया की प्रमुख मुद्राओं में से एक मानी जाती है और भारत के अलावा कुछ अन्य देशों में भी इसका प्रचलन है। भारतीय रुपया का प्रतीक ‘₹’ है और इसका मूल्यांकन दशमलव प्रणाली में किया जाता है। एक रुपया में 100 पैसे होते हैं, जिनका प्रतीक ‘p’ है। भारतीय रुपया न केवल घरेलू लेन-देन में महत्वपूर्ण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी इसकी अहमियत है। यह मुद्रा भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा है।

भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक कैलेंडर है। इसे 22 मार्च, 1957 को अपनाया गया था। यह देश के इतिहास को दर्शाता है और देश के ‘स्वर्ण युग’ को दर्शाता है। कैलेंडर एक चंद्र कैलेंडर है, जिसका अर्थ है कि यह चंद्रमा के चक्रों पर बना है। इसमें बारह महीने होते हैं, प्रत्येक अमावस्या के दिन से शुरू होता है।
शक कैलेंडर में महीनों का नाम राशियों के नाम पर रखा गया है। पहला महीना चैत्र और आखिरी महीना फाल्गुन है। कैलेंडर आमतौर पर भारत सरकार द्वारा उपयोग किया जाता है और इसे सार्वजनिक छुट्टियों और धार्मिक त्योहारों के लिए एक आधिकारिक कैलेंडर के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसका उपयोग कृषि और ज्योतिषीय उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है।
भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है। मोर अपने खूबसूरत पंखों और आकर्षक नृत्य के लिए जाना जाता है। यह पक्षी भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं में विशेष स्थान रखता है। मोर भगवान कृष्ण और कार्तिकेय के साथ जुड़ा हुआ है। इसकी सुंदरता और वैभव भारतीयता की पहचान है।
भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा नदी की डॉल्फ़िन है। यह एक संकटग्रस्त मीठे पानी की डॉल्फ़िन है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के क्षेत्र में निवास करती है। इस डॉल्फ़िन की प्रजाति को दो उप-प्रजातियों में बांटा गया है: गंगा नदी डॉल्फ़िन और सिंधु नदी डॉल्फ़िन।
गंगा नदी डॉल्फ़िन मुख्य रूप से गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों तथा उनकी सहायक नदियों में पाई जाती है, जबकि सिंधु नदी डॉल्फ़िन केवल पाकिस्तान में सिंधु नदी और पंजाब में ब्यास नदी में देखी जाती है। यह डॉल्फ़िन अपने अद्वितीय आकार और विशेषताओं के लिए जानी जाती है, और इसके संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन दोनों उप-प्रजातियों का संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि ये नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इनके बिना जलवायु संतुलन प्रभावित हो सकता है।
एक निश्चित समय पर, भारतीय हाथी विलुप्त होने के कगार पर थे, और उनकी रक्षा के लिए उन्हें भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु का नाम दिया गया था। वे रॉयल्टी के संकेत हैं। भारतीय हाथी एक सांस्कृतिक प्रतीक है और एक प्रमुख प्रजाति के रूप में देश की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये सज्जन दिग्गज सदियों से भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं और देश के कई हिस्सों में इन्हें पवित्र माना जाता है।
भारत का राष्ट्रीय पेड़ बरगद है। बरगद का पेड़ बहुत बड़ा और फैला हुआ होता है। यह भारतीय संस्कृति और धर्म में भी महत्वपूर्ण है। बरगद को जीवन का प्रतीक माना जाता है और इसकी छाया में कई धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ होती हैं। यह पेड़ भारतीय उपमहाद्वीप की जैव विविधता को भी बढ़ावा देता है।
भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल है। कमल का फूल पवित्रता और सौंदर्य का प्रतीक है। यह भारत की विभिन्न धार्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हिंदू धर्म में, कमल को लक्ष्मी और सरस्वती जैसी देवियों के साथ जोड़ा जाता है। बौद्ध धर्म में, यह ज्ञान और शांति का प्रतीक है।
भारत का राष्ट्रीय फल आम है। आम को फलों का राजा कहा जाता है और यह अपने स्वाद और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है। आम भारत की गर्मियों का मुख्य फल है और यह देश के विभिन्न हिस्सों में विविधता से उगाया जाता है। आम की कई किस्में होती हैं, जैसे अल्फांसो, दशहरी, और लंगड़ा। यह फल न केवल पोषण से भरपूर है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा में भी इसका विशेष स्थान है।
भारत की राष्ट्रीय सब्जी कद्दू मानी जाती है। कद्दू एक शीतकालीन स्क्वैश है, जिसकी गोल आकृति होती है और इसकी त्वचा चिकनी तथा रिबबेड होती है, जो आमतौर पर पीले रंग की होती है। यह पूरे भारत में उगाई जाती है और इसके लिए मिट्टी की विशेष आवश्यकताएं नहीं होती हैं। कद्दू को पर्वतारोही या लता के रूप में सरलता से उगाया जा सकता है। इसकी खेती करना आसान है, जिससे यह किसानों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। कद्दू का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
गंगा नदी, भारत के लिए सिर्फ एक सामान्य नदी नहीं हैं, बल्कि गंगा नदी भारत की एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत हैl गंगा नदी के महत्व को देखते हुए इसको राष्ट्रीय नदी और भारत के प्रतीक चिन्हों में इसको शामिल किया गया हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा नदी में में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए इस नदी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है।
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हॉकी का खेल भारतीय खेल इतिहास में विशेष महत्व रखता है। भारत ने इस खेल में कई ओलंपिक पदक जीते हैं और कई महान खिलाड़ी दिए हैं, जैसे मेजर ध्यानचंद। हॉकी के प्रति भारतीयों का प्रेम और समर्पण इस खेल को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में मददगार रहा है। हालांकि, वर्तमान में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ी है, फिर भी हॉकी का महत्व बना हुआ है।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक हमारी संस्कृति, परंपरा, प्राकृतिक धरोहर और मूल्यों को दर्शाते हैं। ये प्रतीक न केवल पहचान हैं, बल्कि देश के आदर्श, एकता और गौरव को भी प्रदर्शित करते हैं।
भारत के राष्ट्रीय चिन्ह हमारे देश की विविधता, संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक हैं। अशोक स्तम्भ, चक्र, गान, गीत, बाघ, मोर, बरगद, कमल, आम और हॉकी, ये सभी हमारे राष्ट्रीय गर्व के प्रतीक हैं। इन चिन्हों का संरक्षण और सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। ये चिन्ह हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं और हमारी राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करते हैं। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के माध्यम से हम अपनी विरासत और सांस्कृतिक धरोहर को संजो सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को इसके महत्व से अवगत करा सकते हैं।
भारत के 17 राष्ट्रीय प्रतीक हैं –
आम, गंगा, रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय बरगद, तिरंगा, जन गण मन, शक कैलेंडर, वंदे मातरम, भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, गंगा नदी डॉल्फिन, भारतीय मोर, भारतीय रुपया, किंग कोबरा, भारतीय हाथी, कमल, कद्दू और राष्ट्रीय प्रतिज्ञा।
भारत का राजचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक हमारे देश की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और मूल्यों को दर्शाते हैं। ये प्रतीक राष्ट्रीय एकता, गौरव और पहचान का प्रतीक हैं।
भारत देश मानवता का प्रतीक है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और विभिन्न धर्मों, जातियों, भाषाओं और संस्कृतियों का घर है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक इस विविधता और एकता को दर्शाते हैं।
भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ (Panthera tigris) है। यह अपनी ताकत, फुर्ती और सुंदरता के लिए जाना जाता है। बाघ भारत की सांस्कृतिक विरासत और जैव विविधता का प्रतीक है, और इसे देश में संरक्षित प्रजाति के रूप में विशेष दर्जा प्राप्त है।
भारत के 23 राष्ट्रीय प्रतीक (List of 23 National Symbols of India in Hindi)
राष्ट्रीय ध्वज (National Flag): तिरंगा
राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem): अशोक स्तंभ का सिंहचिह्न
राष्ट्रीय गान (National Anthem): जन गण मन
राष्ट्रीय गीत (National Song): वंदे मातरम्
राष्ट्रीय पंचांग (National Calendar): शक संवत
राष्ट्रीय मुद्रा (National Currency): भारतीय रुपया (₹)
राष्ट्रीय पशु (National Animal): बंगाल टाइगर (बाघ)
राष्ट्रीय पक्षी (National Bird): भारतीय मोर
राष्ट्रीय फूल (National Flower): कमल
राष्ट्रीय फल (National Fruit): आम
राष्ट्रीय वृक्ष (National Tree): बरगद
राष्ट्रीय नदी (National River): गंगा
राष्ट्रीय खेल (National Sport): फील्ड हॉकी
राष्ट्रीय पर्वत (National Mountain): कंचनजंघा
राष्ट्रीय रंग (National Colours): केसरिया, सफेद, हरा (तिरंगे के अनुसार)
राष्ट्रीय गाथा (National Pledge): भारत की प्रतिज्ञा (India Pledge)
राष्ट्रीय समुद्री जीव (National Aquatic Animal): गंगा डॉल्फिन
राष्ट्रीय कीमती पत्थर (National Heritage Stone): भारतीय जेड / ब्लड स्टोन (कुछ स्रोतों में)
राष्ट्रीय कीट (National Insect): तितली (कॉमन जेजेबेल) – कुछ राज्यों द्वारा मान्य, भारत स्तर पर चर्चा में
राष्ट्रीय मिठाई (Proposed National Sweet): जलेबी (औपचारिक रूप से घोषित नहीं, लेकिन लोकप्रिय मांग में)
राष्ट्रीय दिवस (National Day): 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)
राष्ट्रीय स्मारक (National Monument): इंडिया गेट (प्रतीकात्मक रूप में स्वीकारा जाता है)
राष्ट्रीय परिधान (National Dress): पुरुष – धोती-कुर्ता, महिला – साड़ी (संस्कृति का प्रतिनिधित्व)
Authored by, Aakriti Jain
Content Curator
Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.
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