बारहखड़ी

बारहखड़ी क से ज्ञ तक | Hindi Barakhadi कैसे याद करें?

Published on September 2, 2025
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बारहखड़ी

Quick Summary

  • बारहखड़ी हिंदी भाषा सीखने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है।
  • यह हिंदी वर्णमाला का एक आधारभूत हिस्सा है, जिसमें 12 स्वरों को 33 व्यंजनों के साथ जोड़ा जाता है।
  • हिंदी भाषा में स्वर (12) और व्यंजन (35) की सहायता से वर्णमाला का निर्माण होता है।
  • मुख्य रूप से 35 व्यंजनों के साथ प्रयोग किए जाने वाले बारह स्वरों को ही वर्णमाला क्रम में प्रयोग किया जाता है। इन बारह अक्षरों को हम वर्णमाला कहते हैं।

Table of Contents

बारहखड़ी हिंदी भाषा के अक्षरों का वह समूह है जिसमें स्वर और व्यंजन का मेल होता है। क से ज्ञ तक बारह खड़ी अक्षर के ज्ञान, बच्चों की शिक्षा का दूसरा महत्वपूर्ण कदम होता है। आपको बता दें क से ज्ञ तक बारहखड़ी, हिंदी भाषा को सिखाने का आसान तरीका है। बारहखड़ी के माध्यम से बच्चे हिंदी के अक्षरों और उनके सही उच्चारण को सीखते हैं। इस ब्लॉग में हम बारहखड़ी क से ज्ञ तक , चार्ट औरअर्थ समझेंगे।

बारहखड़ी किसे कहते हैं? | Hindi Barakhadi

बारह खड़ी चार्ट से पहले पहले समझेंगे कि बारहखड़ी किसे कहते हैं। बारहखड़ी का अर्थ होता हैं, स्वर जैसे -(क, ख, ग) को व्यंजन, जैसे -(अ, आ, इ, ई) से जोड़कर बनाया गया एक ऐसा चार्ट होती है, जिसमें हर व्यंजन को 12 स्वरों के साथ जोड़ा जाता है, जिससे ध्वनियाँ बनती हैं। इसका नाम ‘बारह खड़ी’ इसलिए पड़ा क्योंकि हर व्यंजन को 12 स्वरों के साथ जोड़ा जाता है, जिससे कुल मिलाकर 432 ध्वनियाँ बनती हैं।

बारहखड़ी का क्या अर्थ है?

व्यंजन और स्वर के मेल से बने वर्णों को बारह खड़ी कहा जाता है। इसमें अ से लेकर ज्ञ तक के स्वर और व्यंजन शामिल होते हैं। हिंदी में कुल 36 व्यंजन होते हैं, और प्रत्येक व्यंजन जब 12 स्वरों के साथ जुड़ता है, तो उससे 12 प्रकार के वर्ण बनते हैं।

उदाहरण

क+अ = क 

क + आ = का 

क+इ = कि 

क+ई = की 

बारहखड़ी चार्ट | Barakhadi Hindi

स्वर और व्यंजनो को जोड़कर बनाया गया एक ऐसा चार्ट, जिसने हर व्यंजन को 12 स्वरों को जोड़ा जाता है, बारहखड़ी चार्ट कहलाता है। इस चार्ट में क से लेकर ज्ञ तक स्वर और अ से लेकर अः तक के व्यंजन लिखे होते हैं। छोटे बच्चों को मात्रा का ज्ञान, बारहखड़ी चार्ट से ही करवाया जाता है। 

क से ज्ञ तक बारहखड़ी चार्ट | k se gya Tak

अब हम बारहखड़ी क से ज्ञ तक चार्ट देखेंगे। इस चार्ट में बारहखड़ी क से ज्ञ तक इस तरह लिखी है कि हर एक स्वर, सभी 12 स्वर के साथ मिलकर एक नई ध्वनि देता है:

स्वरअंअः
काकिकीकुकूकृकेकैकोकौकंकः
खाखिखीखुखूखृखेखैखोखौखंखः
गागिगीगुगूगृगेगैगोगौगंगः
घाघिघीघुघूघृघेघैघोघौघंघः
ङाङिङीङुङूङृङेङैङोङौङंङः
चाचिचीचुचूचृचेचैचोचौचंचः
छाछिछीछुछूछृछेछैछोछौछंछः
जाजिजीजुजूजृजेजैजोजौजंजः
झाझिझीझुझूझृझेझैझोझौझंझः
ञाञिञीञुञूञृञेञैञोञौञंञः
टाटिटीटुटूटृटेटैटोटौटंटः
ठाठिठीठुठूठृठेठैठोठौठंठः
डाडिडीडुडूडृडेडैडोडौडंडः
ढाढिढीढुढूढृढेढैढोढौढंढः
णाणिणीणुणूणृणेणैणोणौणंणः
तातितीतुतूतृतेतैतोतौतंतः
थाथिथीथुथूथृथेथैथोथौथंथः
दादिदीदुदूदृदेदैदोदौदंदः
धाधिधीधुधूधृधेधैधोधौधंधः
नानिनीनुनूनृनेनैनोनौनंनः
पापिपीपुपूपृपेपैपोपौपंपः
फाफिफीफुफूफृफेफैफोफौफंफः
बाबिबीबुबूबृबेबैबोबौबंबः
भाभिभीभुभूभृभेभैभोभौभंभः
मामिमीमुमूमृमेमैमोमौमंमः
यायियीयुयूयृयेयैयोयौयंयः
रारिरीरुरूरेरैरोरौरंरः
लालिलीलुलूलृलेलैलोलौलंलः
वाविवीवुवूवृवेवैवोवौवंवः
शाशिशीशुशूशृशेशैशोशौशंशः
षाषिषीषुषूषृषेषैषोषौषंषः
सासिसीसुसूसृसेसैसोसौसंसः
हाहिहीहुहूहृहेहैहोहौहंहः
क्षक्षक्षाक्षिक्षीक्षुक्षूक्षृक्षेक्षैक्षोक्षौक्षंक्षः
त्रत्रत्रात्रित्रीत्रुत्रूत्रृत्रेत्रैत्रोत्रौत्रंत्रः
ज्ञज्ञज्ञाज्ञिज्ञीज्ञुज्ञूज्ञृज्ञेज्ञैज्ञोज्ञौज्ञंज्ञः
क से ज्ञ तक(k se gya tak) बारहखड़ी चार्ट | ka se gya tak

बारहखड़ी के विविध रूप:

बारहखड़ी को उच्चारण और लेखन के कई रूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है। उदाहरण के लिए:

  • क वर्ण: क, का, कि, की, कु, कू, कृ, के, कै, को, कौ, कं, कः
  • ख वर्ण: ख, खा, खि, खी, खु, खू, खृ, खे, खै, खो, खौ, खं, खः
  • ग वर्ण: ग, गा, गि, गी, गु, गू, गृ, गे, गै, गो, गौ, गं, गः

हर व्यंजन अक्षर के साथ स्वर जुड़ने पर नए-नए शब्दांश बनते हैं, जिन्हें बारहखड़ी कहा जाता है। यह हिंदी भाषा सीखने की मूलभूत प्रक्रिया का हिस्सा है।

बारहखड़ी का इतिहास | Barakhadi in Hindi | क का कि की बारहखड़ी

पारंपरिक शिक्षा

किसी भी भाषा को सिखने के लिए सबसे पहला कदम होता है, उस भाषा के अक्षर और मात्रा का ज्ञान और इसलिए हिंदी सिखाने के लिए बहुत पहले से बारह खड़ी का उपयोग किया जाता रहा है। पहले के समय में गुरु अपने शिष्यों को बारह खड़ी के माध्यम से हिंदी की बुनियादी बातें सिखाते थे। यह एक प्रभावी तरीका था जिससे बच्चे भाषा की मूल बातें आसानी से समझ पाते थे।

आधुनिक शिक्षा में बारह खड़ी

आज की शिक्षा व्यवस्था में भी बारह खड़ी को पहले की तरह ही सिखाया जाता है। स्कूलों में बारह खड़ी को प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाया जाता है, जिससे बच्चों की भाषा समझ विकसित होती है। वर्तमान में बच्चों को बारह खड़ी जल्दी सिखाने के लिए आधुनिक तकनीक और डिजिटल उपकरणों के उपयोग किया जाता है क्योंकि रचनात्मक तरीके से बारह खड़ी को सीखना और भी रोचक और आसान हो जाता है।

बारहखड़ी में ‘ऋ’ क्यों नहीं आता? | Hindi Barakhadi क to ह

बारहखड़ी में ‘ऋ’ का शामिल न होने का मुख्य कारण यह है कि ‘ऋ’ एक स्वर है और बारह खड़ी केवल व्यंजनों के साथ स्वरों के संयोजन को दर्शाती है। बारह खड़ी का उद्देश्य व्यंजन अक्षरों के साथ विभिन्न स्वरों के मेल से बनने वाले अक्षरों को प्रदर्शित करना है। चूंकि ‘ऋ’ स्वयं एक स्वर है, इसलिए यह बारह खड़ी में शामिल नहीं होता।

बारहखड़ी का महत्व

बारह खड़ी हिंदी वर्णमाला की नींव है और इसके माध्यम से बच्चों को हिंदी पढ़ने और लिखने में मदद मिलती है। यह भाषा की मूल संरचना को समझने में सहायक है और बच्चों को नए शब्द बनाने में सक्षम बनाती है। बारह खड़ी की समझ बच्चों की भाषा कौशल को मजबूत करती है और उन्हें हिंदी भाषा के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराती है।

  1. भाषा की नींव
    • बारह खड़ी बच्चों को हिंदी भाषा की नींव सिखाती है, जिससे वे सही तरीके से शब्दों का उच्चारण कर सकें। यह उन्हें भाषा की संरचना और व्याकरण को समझने में मदद करती है।
    • बारह खड़ी की मदद से बच्चे आसानी से नए शब्द बना सकते हैं और उनका सही उच्चारण कर सकते हैं।
  2. शब्द निर्माण
    • बारह खड़ी के माध्यम से बच्चे आसानी से नए शब्द बना सकते हैं और भाषा की विविधता को समझ सकते हैं। इसलिए जो बच्चें बारह खड़ी सीख लेते हैं, वे शब्द लिखना और बोलना भी जल्दी ही सिखने लगते हैं।

बारहखड़ी कैसे सिखाई जाती है?

  • स्कूलों में:
    • स्कूलों में बारह खड़ी को प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाया जाता है।
    • शिक्षक विभिन्न तरीकों का उपयोग करके बच्चों को बारह खड़ी सिखाते हैं, जैसे कि गाने, कविताएँ और रंगीन खेल का उपयोग करके। इससे बच्चों में रुचि बनी रहती है और वे जल्दी सीखते हैं।
  • घर पर
    • माता-पिता भी घर पर बच्चों को बारह खड़ी सिखाने में मदद कर सकते हैं। घर पर बच्चों के साथ पढ़ाई करने से उन्हें अतिरिक्त सहायता मिलती है और वे अपनी पढ़ाई में और भी बेहतर बन सकते हैं।
    • माता-पिता बच्चों के साथ बारह खड़ी का अभ्यास कर सकते हैं और उन्हें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सिखा सकते हैं।

बच्चों को बारहखड़ी कैसे सिखाएं? | ka se Gya Tak Barakhadi

बारहखड़ी हिंदी भाषा सीखने की नींव है। जब व्यंजन अक्षरों में स्वरों का मेल होता है, तब जो नए शब्दांश बनते हैं, उन्हें बारहखड़ी कहा जाता है। बच्चों को बारहखड़ी सिखाना आसान हो सकता है, यदि सही तरीके अपनाए जाएं। नीचे कुछ असरदार और व्यावहारिक तरीके दिए गए हैं:

1. रंगीन चार्ट का उपयोग करें

दीवार पर बारहखड़ी का चार्ट लगाएं जिसमें हर अक्षर रंगीन और चित्रों के साथ हो। इससे बच्चों को देखने, समझने और याद करने में मदद मिलती है।

2. गीतों और कविताओं से सिखाएं

बारहखड़ी को गीत या कविता की तरह गाकर सिखाएं। इससे बच्चे लय के साथ जल्दी याद कर लेते हैं और उन्हें सीखना मज़ेदार लगता है।

3. खेल-आधारित शिक्षण

फ्लैश कार्ड या मिलान करने वाले गेम के माध्यम से अक्षर और स्वर को जोड़कर बारहखड़ी बनवाएं। ऐसे खेल बच्चों की रुचि बढ़ाते हैं।

4. हर दिन एक अक्षर पर ध्यान दें

हर दिन एक व्यंजन अक्षर चुनें और उसकी पूरी बारहखड़ी पढ़वाएं व लिखवाएं। उदाहरण: सोमवार को ‘क’, मंगलवार को ‘ख’ आदि।

5. लेखन अभ्यास करवाएं

अलग कॉपी में बारहखड़ी लिखवाना बच्चों की हैंडराइटिंग सुधारता है और उन्हें याद करने में मदद करता है। साथ ही, प्रत्येक अक्षर से संबंधित शब्द भी लिखवाएं, जैसे – “का – कार”, “कि – किताब”।

6. कहानी और चित्रों के माध्यम से सिखाएं

बारहखड़ी वाले शब्दों को कहानी में इस्तेमाल करें और उनसे जुड़े चित्र दिखाएं। जैसे – “एक कुत्ता था जो कील लेकर कोठी गया।”

7. मोबाइल ऐप और डिजिटल साधनों का उपयोग करें

आजकल कई हिंदी लर्निंग ऐप्स उपलब्ध हैं जो ऑडियो-विज़ुअल माध्यम से बारहखड़ी सिखाते हैं। बच्चे स्क्रीन के ज़रिए तेजी से सीखते हैं।

8. दोहराव और पुनरावृत्ति

नियमित रूप से सीखी हुई बारहखड़ी की पुनरावृत्ति कराएं। सप्ताह के अंत में रिवीजन डे रखें जिससे बच्चे भूले नहीं।

9. प्रशंसा और पुरस्कार

जब बच्चा सही जवाब दे, तो उसकी प्रशंसा करें या कोई छोटा पुरस्कार दें। इससे उसका मनोबल बढ़ेगा और सीखने की प्रेरणा मिलेगी।

बारहखड़ी सीखने की 5 आसान ट्रिक्स | Barah Khadi in Hindi

1. स्वर-मूल अक्षर जोड़ का खेल

बच्चों को पहले 11 स्वर (अ, आ, इ, ई, उ…) और व्यंजन (क, ख, ग, घ…) अलग-अलग अच्छे से सिखाएं। फिर बारहखड़ी में स्वर + व्यंजन कैसे मिलते हैं, इसे एक गेम की तरह सिखाएं—जैसे क + आ = का, क + इ = कि आदि।

2. चार्ट को रोज़ाना ज़ोर से पढ़ना

बारह खड़ी का एक रंग-बिरंगा चार्ट दीवार पर चिपकाएं और बच्चों से रोज़ाना ज़ोर से पढ़वाएं। इससे उनकी ध्वनि (sound recognition) और याददाश्त मजबूत होती है।

3. राइमिंग शब्दों का उपयोग करें

“का, खा, गा, घा…” जैसे राइमिंग शब्दों की लिस्ट बनाएं और बच्चों को इनका उच्चारण करवाएं। यह उन्हें बारह खड़ी के पैटर्न को आसानी से समझने में मदद करता है।

4. फ्लैशकार्ड्स और मिक्स एंड मैच एक्टिविटी

हर अक्षर और स्वर के लिए अलग-अलग फ्लैशकार्ड्स बनाएं। बच्चों को स्वर और व्यंजन के कार्ड मिलाकर शब्द बनाने को कहें। जैसे: ख + ई = खी, ज + औ = जौ।

5. बारहखड़ी से शब्द बनाना सिखाएं

जब बच्चा बारह खड़ी अच्छे से पहचानने लगे, तो उससे छोटे-छोटे शब्द बनवाना शुरू करें। जैसे: कि + ता = किता (किताब का हिस्सा)। इससे उसकी शब्द ज्ञान और रचनात्मकता दोनों बढ़ेगी।

बारहखड़ी सीखने के फायदे

  • भाषा का विकास
    • बारहखड़ी बच्चों की भाषा कौशल को विकसित करती है और उन्हें सही उच्चारण सिखाती है।
    • यह उन्हें भाषा की बुनियादी संरचना और व्याकरण को समझने में मदद करती है।
    • बारहखड़ी की मदद से बच्चे भाषा की बारीकियों को आसानी से समझ सकते हैं।
  • शब्द की समझ
    • बारह खड़ी की मदद से बच्चे हिंदी के शब्दों को पढ़ना और लिखना बहुत बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
    • बारह खड़ी उनको अपनी पाठ्य पुस्तक के पाठ को पढ़ने में मदद करती हैं क्योंकि सीखने के बाद अक्षर पर लगी मात्रा का ज्ञान हो जाता है।

बारहखड़ी अभ्यास करने का तरीका | Hindi Mein Barakhadi

  • पढ़ने और लिखने का अभ्यास
    • बच्चों को बारह खड़ी पढ़ने और लिखने का नियमित अभ्यास कराना चाहिए। नियमित अभ्यास से उनकी भाषा कौशल में सुधार होता है और वे नए शब्दों का सही उच्चारण और प्रयोग सीखते हैं।
    • बच्चों को अभ्यास कराते समय उनके छोटी और बड़ी मात्राओं के उच्चारण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • खेल-खेल में शिक्षा
    • बारह खड़ी को खेल-खेल में सिखाने से बच्चों में रुचि बढ़ती है और वे इसे जल्दी सीखते हैं। खेल और गतिविधियों के माध्यम से बारहखड़ी सिखाने से बच्चों में सीखने की प्रक्रिया मजेदार हो जाती है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने बारहखड़ी किसे कहते हैं , बारहखड़ी का अर्थ और क से ज्ञ तक बारहखड़ी चार्ट को समझा। बारह खड़ी, हिंदी भाषा सीखने का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम है और इसकी सही समझ बच्चों के भाषा कौशल को मजबूत बनाती है। इसे सही तरीके से सिखाकर हम बच्चों को हिंदी भाषा में निपुण बना सकते हैं और उनकी शैक्षिक यात्रा को सफल बना सकते हैं। बारह खड़ी न केवल भाषा की नींव रखती है बल्कि बच्चों को भाषा की सुंदरता और विविधता से भी परिचित कराती है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

12 खड़ी में कितने अक्षर होते हैं?

 हिंदी वर्णमाला में कुल 52 अक्षर होते हैं, जिनमें 11 अक्षर स्वर और 41 व्यंजन होते हैं।

12 कड़ी कैसे लिखते हैं?

हिंदी में बारह स्वर (ए, ए, आई, ई, यू, यू, ए, ऐ, ओ, औ, एन, आह) होते हैं और 33 व्यंजन होते है। जब आप प्रत्येक स्वर को प्रत्येक व्यंजन के साथ जोड़ेंगे तो इस तरह शब्द का निर्माण होता है। उदाहरण के लिए, यदि इन स्वरों के स्वरों को “क” अक्षर में जोड़ा जाए, तो क, का, कि, की, कु, कू, के, कै, को, कौ, कं, कः।

इसे बाराखड़ी क्यों कहा जाता है?

“बारहखड़ी” शब्द का शाब्दिक अर्थ है “बारह खंड”। यह इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें 12 स्वरों को अलग-अलग खंडों में बांटा जाता है और फिर हर खंड में सभी व्यंजनों के साथ जोड़ा जाता है।

52 अक्षर कौन कौन से हैं?

हिंदी भाषा में कुल 52 अक्षर हैं। जैसे- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ, ट ठ ड ढ ण, त थ द ध न, प फ ब भ म, य र ल व, श ष स ह, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ड़, ढ़, (ँ) और (:) है।

बाराखडी में कुल कितने वर्ण होते हैं?

हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं।

बारहखड़ी के व्यंजन की मात्राएँ क्या हैं?

बारहखड़ी के व्यंजन की मात्राएँ हिंदी वर्णमाला के व्यंजन अक्षरों के साथ स्वर की बारह अलग-अलग मात्राओं को मिलाकर बनाई जाती हैं। प्रत्येक व्यंजन (जैसे: क, ख, ग, घ आदि) जब 12 अलग-अलग स्वरों (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं) से जुड़ता है, तो उस व्यंजन की बारहखड़ी बनती है।
उदाहरण (व्यंजन “क” के साथ मात्राएँ) —
क (अ)
का (आ)
कि (इ)
की (ई)
कु (उ)
कू (ऊ)
कृ (ऋ)
के (ए)
कै (ऐ)
को (ओ)
कौ (औ)
कं (अं)

हिंदी के 52 अक्षरों में क्या-क्या शामिल हैं?

हिंदी में कुल 52 अक्षर होते हैं, जिनमें 11 स्वर, 33 व्यंजन, 4 संयुक्त अक्षर, 2 विशेष व्यंजन और 2 अयोगवाह वर्ण शामिल होते हैं।
स्वर् (11): 
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
व्यंजन (33): 
क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ, ट ठ ड ढ ण, त थ द ध न, प फ ब भ म, य र ल व, श ष स ह
संयुक्त अक्षर (4): 
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
अतिरिक्त व्यंजन (2): ड़, ढ़. 
अयोगवाह (2): अं, अ. 

Authored by, Aakriti Jain
Content Curator

Aakriti is a writer who finds joy in shaping ideas into words—whether it’s crafting engaging content or weaving stories that resonate. Writing has always been her way of expressing herself to the world. She loves exploring new topics, diving into research, and turning thoughts into something meaningful. For her, there’s something special about the right words coming together—and that’s what keeps her inspired.

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