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भारत के सर्वोच्च न्यायालय के शीर्ष न्यायाधीशों की सूची निम्नलिखित है:
भारतीय लोकतंत्र के तीन स्तंभों में न्यायालय एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इनमें सर्वोच्च न्यायालय का स्थान सबसे ऊपर है। सर्वोच्च न्यायालय को उच्चतम न्यायालय या फिर अंग्रेजी में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। सर्वोच्च न्यायालय देश में लोकतंत्र को बहाल रखने और सरकार की भूमिका को सही रखने में भी एक अमूल्य योगदान देता है।
आज के ब्लॉग में हम सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश list के साथ वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कि कैसे नियुक्ति होती है तथा भारत में मुख्य न्यायधीश का क्या महत्व है।
वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कुल 32 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जिनमें भारत के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं। जबकि संविधान द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा 34 न्यायाधीशों की है। भारतीय संविधान के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित की गई है।
28 जनवरी 1950 को भारत के उच्चतम न्यायालय के रूप स्थापित इस न्यायालय में अब तक 50 मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट जज लिस्ट(cji list in hindi) आप आगे देख सकते हैं और उनके कार्यकाल के भी बारे में जानकारी हासिल कर सकत्व हैं।
क्रम | मुख्य न्यायाधीश | कार्यकाल शुरू | कार्यकाल ख़तम |
1 | एचजे कनिया | 26 जनवरी 1950 | 6 नवंबर 1951 |
2 | एम. पतंजलि शास्त्री | 7 नवंबर 1951 | 3 जनवरी 1954 |
3 | मेहर चंद महाजन | 4 जनवरी 1954 | 22 दिसंबर 1954 |
4 | बिजन कुमार मुखर्जी | 23 दिसंबर 1954 | 31 जनवरी 1956 |
5 | सुधी रंजन दास | 1 फरवरी 1956 | 30 सितंबर 1959 |
6 | भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा | 1 अक्टूबर 1959 | 31 जनवरी 1964 |
7 | पीबी गजेन्द्रगडकर | 1 फरवरी 1964 | 15 मार्च 1966 |
8 | अमल कुमार सरकार | 16 मार्च 1966 | 29 जून 1966 |
9 | कोका सुब्बा राव | 30 जून 1966 | 11 अप्रैल 1967 |
10 | कैलाश नाथ वांचू | 12 अप्रैल 1967 | 24 फ़रवरी 1968 |
11 | मोहम्मद हिदायतुल्लाह | 25 फ़रवरी 1968 | 16 दिसंबर 1970 |
12 | जयंतीलाल छोटेलाल शाह | 17 दिसंबर 1970 | 21 जनवरी 1971 |
13 | सर्व मित्र सीकरी | 22 जनवरी 1971 | 25 अप्रैल 1973 |
14 | ए.एन. रे | 26 अप्रैल 1973 | 28 जनवरी 1977 |
15 | मिर्ज़ा हमीदुल्लाह बेग | 29 जनवरी 1977 | 21 फ़रवरी 1978 |
16 | वाई.वी. चंद्रचूड़ | 22 फ़रवरी 1978 | 11 जुलाई 1985 |
17 | पीएन भगवती | 12 जुलाई 1985 | 20 दिसंबर 1986 |
18 | रघुनंदन स्वरूप पाठक | 21 दिसंबर 1986 | 18 जून 1989 |
19 | एंग्लागुप्पे सीतारामैया वेंकटरामैया | 19 जून 1989 | 17 दिसंबर 1989 |
20 | सब्यसाची मुखर्जी | 18 दिसंबर 1989 | 25 सितंबर 1990 |
21 | रंगनाथ मिश्रा | 26 सितंबर 1990 | 24 नवंबर 1991 |
22 | कमल नारायण सिंह | 25 नवंबर 1991 | 12 दिसंबर 1991 |
23 | मधुकर हीरालाल कनिया | 13 दिसंबर 1991 | 17 नवंबर 1992 |
24 | ललित मोहन शर्मा | 18 नवंबर 1992 | 11 फरवरी 1993 |
25 | एमएन वेंकटचलैया | 12 फ़रवरी 1993 | 24 अक्टूबर 1994 |
26 | अज़ीज़ मुशब्बर अहमदी | 25 अक्टूबर 1994 | 24 मार्च 1997 |
27 | जे.एस. वर्मा | 25 मार्च 1997 | 17 जनवरी 1998 |
28 | मदन मोहन पुंछी | 18 जनवरी 1998 | 9 अक्टूबर 1998 |
29 | आदर्श सेन आनंद | 10 अक्टूबर 1998 | 31 अक्टूबर 2001 |
30 | सैम पिरोज भरुचा | 1 नवंबर 2001 | 5 मई 2002 |
31 | भूपिंदर नाथ किरपाल | 6 मई 2002 | 7 नवंबर 2002 |
32 | गोपाल बल्लव पटनायक | 8 नवंबर 2002 | 18 दिसंबर 2002 |
33 | वी.एन. खरे | 19 दिसंबर 2002 | 1 मई 2004 |
34 | एस. राजेंद्र बाबू | 2 मई 2004 | 31 मई 2004 |
35 | रमेश चंद्र लाहोटी | 1 जून 2004 | 31 अक्टूबर 2005 |
36 | योगेश कुमार सभरवाल | 1 नवंबर 2005 | 13 जनवरी 2007 |
37 | के.जी. बालकृष्णन | 14 जनवरी 2007 | 11 मई 2010 |
38 | एस.एच. कपाड़िया | 12 मई 2010 | 28 सितंबर 2012 |
39 | अल्तमस कबीर | 29 सितंबर 2012 | 18 जुलाई 2013 |
40 | पी. सदाशिवम | 19 जुलाई 2013 | 26 अप्रैल 2014 |
41 | राजेंद्र मल लोढ़ा | 27 अप्रैल 2014 | 27 सितंबर 2014 |
42 | एच.एल. दत्तू | 28 सितंबर 2014 | 2 दिसंबर 2015 |
43 | टीएस ठाकुर | 3 दिसंबर 2015 | 3 जनवरी 2017 |
44 | जगदीश सिंह खेहर | 4 जनवरी 2017 | 27 अगस्त 2017 |
45 | दीपक मिश्रा | 28 अगस्त 2017 | 2 अक्टूबर 2018 |
46 | रंजन गोगोई | 3 अक्टूबर 2018 | 17 नवंबर 2019 |
47 | शरद अरविंद बोबडे | 18 नवंबर 2019 | 23 अप्रैल 2021 |
48 | एनवी रमण | 24 अप्रैल 2021 | 26 अगस्त 2022 |
49 | यूयू ललित | 27 अगस्त 2022 | 8 नवंबर 2022 |
50 | डी.वाई. चंद्रचूड़ | 9 नवंबर 2022 | 10 नवंबर 2024 |
51 | संजीव खन्ना | 11 नवंबर 2024 | 13 मई 2025 |
क्र.सं. | नाम | लिंग | नियुक्ति की तिथि | मुख्य न्यायाधीश बनने की तिथि | सेवानिवृत्ति तिथि | अदालत |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | शरद अरविंद बोबडे | पुरुष | 12 अप्रैल 2013 | 18 नवम्बर 2019 | 23 अप्रैल 2021 | बॉम्बे |
2 | एन. वी. रमण | पुरुष | 17 फरवरी 2014 | 24 अप्रैल 2021 | 26 अगस्त 2022 | आंध्र प्रदेश |
3 | रोहिंटन फली नरीमन | पुरुष | 7 जुलाई 2014 | — | 12 अगस्त 2021 | भारतीय विधिज्ञ परिषद |
4 | उदय उमेश ललित | पुरुष | 13 अगस्त 2014 | 27 अगस्त 2022 | 8 नवम्बर 2022 | भारतीय विधिज्ञ परिषद |
5 | अजय माणिकराव खानविलकर | पुरुष | 13 मई 2016 | — | 29 जुलाई 2022 | बॉम्बे |
6 | धनञ्जय यशवंत चंद्रचूड़ | पुरुष | 13 मई 2016 | 9 नवम्बर 2022 | 10 नवम्बर 2024 | बॉम्बे |
7 | अशोक भूषण | पुरुष | 13 मई 2016 | — | 4 जुलाई 2021 | इलाहाबाद |
8 | एल. नागेश्वर राव | पुरुष | 13 मई 2016 | — | 7 जून 2022 | भारतीय विधिज्ञ परिषद |
9 | संजय किशन कौल | पुरुष | 17 फरवरी 2017 | — | 25 दिसम्बर 2023 | दिल्ली |
10 | मोहन शांतनगौड़र | पुरुष | 17 फरवरी 2017 | — | 4 मई 2023 | कर्नाटक |
11 | एस. अब्दुल नज़ीर | पुरुष | 17 फरवरी 2017 | — | 4 जनवरी 2023 | कर्नाटक |
12 | नवीन सिन्हा | पुरुष | 17 फरवरी 2017 | — | 18 अगस्त 2021 | पटना |
13 | इंदु मल्होत्रा | महिला | 27 अप्रैल 2018 | — | 13 मार्च 2021 | भारतीय विधिज्ञ परिषद |
14 | इंदिरा बनर्जी | महिला | 7 अगस्त 2018 | — | 23 सितम्बर 2022 | कोलकाता |
15 | विनीत शरण | पुरुष | 7 अगस्त 2018 | — | 10 मई 2022 | इलाहाबाद |
16 | के. एम. जोसेफ | पुरुष | 7 अगस्त 2018 | — | 16 जून 2023 | केरल |
17 | हेमंत गुप्ता | पुरुष | 2 नवम्बर 2018 | — | 16 अक्टूबर 2022 | पंजाब एवं हरियाणा |
18 | आर. सुबाष रेड्डी | पुरुष | 2 नवम्बर 2018 | — | 4 जनवरी 2022 | तेलंगाना |
19 | मुकेश शाह | पुरुष | 2 नवम्बर 2018 | — | 15 मई 2023 | गुजरात |
20 | अजय रस्तोगी | पुरुष | 2 नवम्बर 2018 | — | 17 जून 2023 | राजस्थान |
21 | दिनेश महेश्वरी | पुरुष | 18 जनवरी 2019 | — | 14 मई 2023 | राजस्थान |
22 | संजीव खन्ना | पुरुष | 18 जनवरी 2019 | 11 नवम्बर 2024 | 13 मई 2025 | दिल्ली |
23 | भूषण रामकृष्ण गवई | पुरुष | 24 मई 2019 | 14 मई 2025 | 23 नवम्बर 2025 | बॉम्बे |
24 | सूर्यकांत | पुरुष | 24 मई 2019 | 24 नवम्बर 2025 | 9 फरवरी 2027 | पंजाब एवं हरियाणा |
25 | अनिरुद्ध बोस | पुरुष | 24 मई 2019 | — | 10 अप्रैल 2024 | कोलकाता |
26 | ए. एस. बोपन्ना | पुरुष | 24 मई 2019 | — | 19 मई 2024 | कर्नाटक |
27 | कृष्ण मुरारी | पुरुष | 23 सितम्बर 2019 | — | 8 जुलाई 2023 | इलाहाबाद |
28 | एस. रविन्द्र भट्ट | पुरुष | 23 सितम्बर 2019 | — | 20 अक्टूबर 2023 | दिल्ली |
29 | वी. रामसुब्रमण्यन | पुरुष | 23 सितम्बर 2019 | — | 29 जून 2023 | मद्रास |
30 | हृषिकेश रॉय | पुरुष | 23 सितम्बर 2019 | — | 31 जनवरी 2025 | गुवाहाटी |
भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश हरिलाल जेकिसुंदस कानिया थे, जिन्होंने 26 जनवरी, 1950 से 6 नवंबर, 1951 को अपनी मृत्यु तक सेवा की। भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के बाद उन्हें उद्घाटन CJI के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसने भारत के संघीय न्यायालय की जगह ली थी। न्यायमूर्ति कानिया ने स्वतंत्रता के बाद के युग में भारतीय न्यायपालिका की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
न्यायमूर्ति कानिया का कार्यकाल न्यायिक स्वतंत्रता स्थापित करने और भारत के नए अपनाए गए संविधान की व्याख्या करने की शुरुआती चुनौतियों से चिह्नित था। उनके नेतृत्व ने सर्वोच्च न्यायालय के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण मिसाल कायम की।
संजीव खन्ना ने वर्ष 1977 में मॉडर्न स्कूल (नई दिल्ली) से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। वर्ष 1980 में सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातक करने के बाद, उन्होंने न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के कैंपस लॉ सेंटर में कानून की पढ़ाई की। उनके पिता न्यायमूर्ति देव राज खन्ना 1985 में दिल्ली उच्च न्यायालय से न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए और उनकी माँ सरोज खन्ना दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी व्याख्याता के रूप में कार्यरत थीं। खन्ना के चाचा हंस राज खन्ना भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे।
संजीव खन्ना भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 51वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्हें 18 जनवरी, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था और वर्तमान में वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के मुख्य संरक्षक और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल (NJA) के अध्यक्ष हैं।
वे 17 जून, 2023 से 25 दिसंबर, 2023 तक सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति (SCLSC) के अध्यक्ष और 26 दिसंबर, 2023 से 10 नवंबर, 2024 तक NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश को न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता सुनिश्चित करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कुछ प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं:
भारत के मुख्य न्यायाधीश को न्यायिक प्रशासन ने नेतृत्व, पीठ के गठन, प्रशासनिक कार्य तथा महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई समेत कई अहम अधिकार प्राप्त हैं। इसके अलावा न्यायिक प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित करने, न्यायाधीशों को मार्गदर्शन और आवश्यक निर्देश देने तथा संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता जैसे अहम कर्तव्य इनके कंधे पर होते हैं।
भारत के सभी मुख्य न्यायाधीशों का औसत कार्यकाल लगभग 1.5 वर्ष (यानी 18.1 महीने) रहा है। 22वें मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति के.एन. सिंह, ने केवल 17 दिनों तक यह पद संभाला, जो अब तक का सबसे कम कार्यकाल रहा है। इसके विपरीत, न्यायमूर्ति वाई.वी. चंद्रचूड़ ने 7.3 वर्षों (लगभग 88.63 महीने) तक सेवा देकर सबसे लंबा कार्यकाल निभाया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे का कार्यकाल औसत से थोड़ा कम, यानी 1.4 वर्ष (17.17 महीने) रहा, जबकि उनके उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति एन.वी. रमना का कार्यकाल और भी कम, 1.3 वर्ष (16 महीने) रहा।
वेतन, भत्ता और पेंशन
पद | वेतन | उपदान (ग्रेच्युटी) |
---|---|---|
भारत के मुख्य न्यायाधीश | 2,80,000/- रुपए प्रति माह | 20,00,000/- रुपए |
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश | 2,50,000/- रुपए प्रति माह | 20,00,000/- रुपए |
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश | 2,50,000/- रुपए प्रति माह | 20,00,000/- रुपए |
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश | 2,25,000/- रुपए प्रति माह | 20,00,000/- रुपए |
आज के इस सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश list के ब्लॉग से हमें पता चलता है कि भारतीय न्यायव्यवस्था में मुख्य न्यायाधीश का क्या महत्व है तथा संविधान और लोकतंत्र को जीवंत रखने में वो कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम ये भी कह सकते हैं कि भारतीय न्यायपालिका के मुखिया के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन करके लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं और ये आमलोगों के लिए न्याय की आखिरी उम्मीद भी हैं।
मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति या छुट्टी के दौरान, सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठतम न्यायाधीश या एक विशेष न्यायाधीश उनकी जिम्मेदारियाँ संभालता है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में विभिन्न विशेष समितियाँ कार्य करती हैं, जैसे कि न्यायिक सुधार समिति और कानूनी शिक्षा समिति। ये समितियाँ न्यायिक प्रणाली के सुधार, केस प्रबंधन, और कानूनी शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर विचार करती हैं और सिफारिशें प्रस्तुत करती हैं।
हाँ, मुख्य न्यायाधीश को एक उच्च नैतिक मानक का पालन करना होता है, जिसमें न्याय की स्वतंत्रता, निष्पक्षता, और पारदर्शिता शामिल है, जो उनकी न्यायिक भूमिका का मूल आधार हैं।
मुख्य न्यायाधीश के फैसलों का अनुवाद विभिन्न भाषाओं में कानूनी अनुवादकों द्वारा किया जाता है, ताकि फैसले का व्यापक प्रसार और समझ सुनिश्चित की जा सके।
हाँ, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए न्यायिक पोशाक का एक विशिष्ट कोड होता है, जिसमें गहरे रंग की जॉज और गाउन शामिल होते हैं, जो अदालत की औपचारिकता और गरिमा को बनाए रखते हैं।
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 52वें मुख्य न्यायाधीश हैं। 14 मई, 2025 को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ली। न्यायमूर्ति गवई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति बीआर गवई सीजेआई संजीव खन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद सीजेआई बने।
देश के उच्चतम न्यायालय में मुख्य न्यायधीश को मिलाकर कुल 33 न्यायाधीश होते हैं।
पतंजलि शास्त्री, श्री मेहर चंद महाजन, श्री बिजन कुमार मुखर्जी और श्री एस. आर. दास, इलाहाबाद, बॉम्बे, मद्रास, उड़ीसा, असम, नागपुर, पंजाब, सौराष्ट्र, पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्य संघ, मैसूर, हैदराबाद, मध्य भारत और त्रावणकोर-कोचीन के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीशों ने भाग लिया।
सुप्रीम कोर्ट में अधिकतम 34 न्यायाधीश (1 मुख्य न्यायाधीश + 33 अन्य न्यायाधीश) हैं।
भारत का उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है। यह भारत की राजधानी में टिलक मार्ग पर स्थित है।
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Authored by, Amay Mathur | Senior Editor
Amay Mathur is a business news reporter at Chegg.com. He previously worked for PCMag, Business Insider, The Messenger, and ZDNET as a reporter and copyeditor. His areas of coverage encompass tech, business, strategy, finance, and even space. He is a Columbia University graduate.
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