यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण से जुड़ा है। इसे त्रिविध पुण्य दिवस भी कहते हैं।
बुद्ध की प्रतिमा को स्नान कराकर दीप, धूप, फूल अर्पित करें। ध्यान और करुणा का अभ्यास करें।
इस दिन उपवास, सत्य वचन, करुणा और अहिंसा का पालन किया जाता है। संयम का प्रतीक है यह पर्व।
बुद्ध पूर्णिमा 2025 में 12 मई को मनाई जाएगी। यह वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को आती है।
बुद्धं शरणं गच्छामि" जैसे त्रिशरण मंत्र का जाप करें। धम्मपद का पाठ शांति प्रदान करता है।
बुद्ध ने मध्यम मार्ग, करुणा, और अष्टांगिक मार्ग की शिक्षा दी—जो आज भी प्रासंगिक हैं।
भारत, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड व जापान में बुद्ध पूर्णिमा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।
अहिंसा, सत्य और करुणा के मार्ग पर चलने का संकल्प लें। यही है सच्चा बुद्ध को नमन।