रामलीला के 10 दिन की कहानी 2025
हर साल दशहरे से पहले रामलीला का मंचन होता है। यह कहानी है बुराई पर अच्छाई की जीत की।
अयोध्या में राजा दशरथ के घर प्रभु श्रीराम का जन्म होता है। चारों ओर खुशियां मनाई जाती हैं।
श्रीराम और लक्ष्मण, गुरु विश्वामित्र के साथ वन जाकर राक्षसी ताड़का का अंत करते हैं।
जनकपुरी में श्रीराम शिवजी का धनुष तोड़ते हैं और माँ सीता के साथ उनका विवाह होता है।
रानी कैकेयी के वरदान के कारण, श्रीराम को 14 वर्षों के लिए वनवास पर जाना पड़ता है।
वनवास के दौरान, रावण छल से पंचवटी से माँ सीता का हरण करके लंका ले जाता है।
श्रीराम किष्किंधा में सुग्रीव से मित्रता करते हैं और उसके भाई बाली का वध करते हैं।
रामदूत हनुमान जी समुद्र पार करके लंका जाते हैं और अशोक वाटिका में सीता माँ से मिलते हैं।
वानर सेना समुद्र पर रामसेतु बनाती है और प्रभु श्रीराम अपनी सेना के साथ लंका पहुँचते हैं।
लक्ष्मण और मेघनाद के बीच महायुद्ध होता है, जिसमें हनुमान जी संजीवनी बूटी लाते हैं और मेघनाद मारा जाता है।
श्रीराम, रावण का वध करते हैं और यह दिन विजयदशमी कहलाता है। इसके बाद श्रीराम का राज्याभिषेक होता है।